“कुछ मांगने से पहले मैं मरना बेहतर समझूंगा” विदाई भाषण में क्या संदेश दे गए शिवराज सिंह चौहान
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मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने साफ कर दिया है कि उन्हें किसी भी पद की लालसा नहीं है। करीब दो दशक तक मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान का दौर अब समाप्त हो गया है। 18 साल तक मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभालने के बाद अब शिवराज सिंह चौहान की जगह प्रदेश में नए मुख्यमंत्री के नाम का एलान हुआ। मोहन यादव को प्रदेश की कमान सौंप दी गई है। जिसके बाद शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को अपने निवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। बतौर सीएम आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस काफी भावुक करने वाला था। इस दौरान पत्रकारों ने शिवराज से पूछा कि पार्टी में अपनी अगली जिम्मेदारी क्या होगी और क्या वह इस बारे में बात करने के लिए दिल्ली जाएंगे।जवाब में शिवराज ने कहा कि अपने लिए कुछ मांगने से पहले मरना बेहतर है।
मध्य प्रदेश-राजस्थान और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्रियों के नाम के एलान के बीच तीनों राज्यों के दिग्गज मंत्री आलाकमान से मुलाकात करने दिल्ली पहुंचे हुए थे। इस पर शिवराज सिंह चौहान से भी सवाल किया गया था कि क्या वो भी दिल्ली जाएंगे? इस पर पूर्व सीएम शिवराज ने जवाब दिया,। एक बात मैं विनम्रता के साथ कह देना चाहता हूं कि अपने लिए कुछ मांगने से पहले मैं मरना पसंद करूंगा।इसलिए मैंने कहा था कि मैं दिल्ली नहीं जाऊंगा।
दरअसल, एक पत्रकार ने कुछ दिन पहले के बयान का जिक्र किया था जिसमें शिवराज ने कहा था कि मामा दिल्ली नहीं जाएंगे। शिवराज ने संदर्भ भी बताया कि उस समय पूछा गया था कि बाकी दिल्ली में हैं, आप दिल्ली जाएंगे क्या? इस पर आज शिवराज का दर्द छलक पड़ा। बोले कि यह मेरा काम नहीं है।
एक पत्रकार ने पूछा कि शिवराज जी यह सवाल सबके मन में है कि अब आपकी भूमिका क्या होगी? शिवराज ने कहा, एक कार्यकर्ता की भूमिका है मेरी। देखिए जब आत्म केंद्रित होता है व्यक्ति तो उसको लगता है कि मैं कहां हूं लेकिन भाजपा में एक मिशन है। उसमें हर कार्यकर्ता के लिए काम है और जो भी पार्टी काम देगी वो काम मैं करूंगा।
इससे पहले शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को यहां हुई एक बैठक में मोहन यादव को राज्य विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद राज्यपाल मंगूभाई पटेल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक समाप्त होने के तुरंत बाद चौहान राजभवन पहुंचे और अपना इस्तीफा दिया।
बता दें कि शिवराज सिंह चौहान चार बार मुख्यमंत्री रहे हैं। यानी सबसे लंबे कार्यकाल वाले। पहली बार शिवराज 2005 में मुख्यमंत्री बने थे। वे 2018 तक पद पर बने रहे 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बहुमत नहीं मिला। लेकिन मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया की मदद से प्रदेश में फिर बीजेपी सरकार बनी और शिवराज चौथी बार मुख्यमंत्री बने।देखा जाए तो बतौर मुख्यमंत्री शिवराज का कार्यकाल लगभग 17 साल का रहा है।
Dec 12 2023, 15:14