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हर स्थित में इजराइल के साथ खड़ा होता है अमेरिका, दोनों देशों के बीच दोस्ती की क्या है वजह?

#ussupportisraelknowthe_reason

हमास के हमले के बाद इजराइल को अमेरिका का पूरा समर्थन मिल रहा है। अमेरिका की तरफ से इजरायल के लिए हरह संभव सैन्य सहायता मुहैया कराई जा रही है। इजरायल की ओर से गाजा पर किए गए हमलों के बाद भी अमेरिका ने इजरायल का साथ दिया। गाजा पर इजरायली हमले में अमेरिका ने किसी भी तरह की दखलअंदाजी से इनकार कर दिया और इसे इजरायल की रक्षा का अधिकार बताया। यही नहीं, हमास के हमले के चंद दिन बाद ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने तेल अवीव पहुंच कर इजराइल के प्रति अमेरिका की एकजुटता जाहिर की। इतना ही नहीं अमेरिका ने इजरायल के लिए खाड़ी देशों से दुश्मनी मोल ली है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि अमेरिका क्यों हर बार इजरायल के साथ खड़ा रहता है?

सबसे पहले अमेरिका ने दी थी इजराइल को मान्यता

इजराइल और अमेरिका के बेहतरीन रिश्तों का इतिहास क्या है और आखिर वो कौन से राजनीतिक, कूटनीतिक और आर्थिक समीकरण हैं, जिनकी वजह से अमेरिका हमेशा इजराइल के हर कदम को सही करार देता है। जानते हैं इसके पीछे की वजह। अमेरिकी राष्ट्रपति हेनरी ट्रुमैन दुनिया के पहले ऐसे राजनेता थे, जिन्होंने सबसे पहले इजराइल को मान्यता दी थी।1948 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति हेनरी ट्रूमैन यहूदी राज्य के निर्माण के कुछ ही क्षण बाद इसे मान्यता देने वाले पहले विश्व नेता बने थे।इजराइल के अस्तित्व के ऐलान के महज 11 मिनटों के भीतर उसे अमेरिकी मान्यता मिल गई थी।

इजराइल को मान्यता देने के पीछे की वजह

दरअसल ये द्वितीय विश्वयुद्ध के ठीक बाद का दौर था जब अमेरिका और सोवियत संघ के बीच शीत युद्ध ने आकार लेना शुरू कर दिया था। उस दौरान अरब देश अपने तेल भंडारों और समुद्री रास्तों (स्वेज नहर का मार्ग ऐसा व्यापारिक रास्ता था, जिसके जरिये बड़े पैमाने पर अंतरराष्ट्रीय व्यापार होता था) की वजह से इलाक में दो वैश्विक शक्तियों के शक्ति परीक्षण का अखाड़ा बन गया था।यूरोपीय ताकतें कमजोर हो रही थीं और अमेरिका अरब जगत में सत्ता संघर्ष का बड़ा बिचौलिया बन कर उभर रहा था।तेल रिजर्व को लेकर अरब जगत में अमेरिका के हित बढ़ गए थे। लिहाजा उसे अरब देशों को नियंत्रित करने के लिए इजराइल की जरूरत थी। यही वजह थी कि अमेरिका ने इजराइल को मान्यता देने और एक सैन्य ताकत में उसे बढ़ावा देने में कोई देर नहीं की।

इजरायल को सुपरपावर बनाने में अमेरिका के बड़ा हाथ

आज इजराइल की गिनती दुनिया के ताकतवर देशों में होती हैं। इजरायल को सुपरपावर बनाने में अमेरिका के बड़ा हाथ है।इजराइल को अमेरिका मध्य पूर्व में एक महत्वपूर्ण सहयोगी की तरह देखता है।इसके लिए यूएस की ओर से इजरायल को हर तरह से मदद दी जाती है।एक रिपोर्ट बताती है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से इजरायल अमेरिकी सहायता प्राप्त करने वाले देशों में सबसे ऊपर है।रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका 1948 से अब तक इजरायल को 158 अरब डॉलर की मदद दे चुका है।रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने साल 2022 में इजरायल को 4.8 अरब डॉलर की मदद दी थी और साल 2023 में अब तक ही 3.8 अरब डॉलर की आर्थिक मदद दे चुका है।ये एक लंबे समय के लिए की जाने वाली सालाना मदद का हिस्सा है, जिसका वादा अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की सरकार ने किया था।वहीं दूसरी ओर अमेरिका ने बीते कुछ सालों में इजरायल को दुनिया की सबसे उन्नत मिलिट्री में से एक बनाने में भी पूरी मदद की है।अमेरिकी फंड की मदद से इजरायल अमेरिका से सैन्य साजो-सामान की खरीद-फरोख्त करता है।

आज भले ही इजराइल-अमेरिका के दोस्ती का बात कही जाती है, लेकिन अतीत में दोनों के रिश्तों में खटास भी दिखी है। स्वेज नहर को लेकर जब इजराइल ने फ्रांस और ब्रिटेन के साथ मिलकर लड़ाई छेड़ दी थी तो अमेरिका का आइजनहावर प्रशासन उससे बेहद नाराज हो गया था। अमेरिकी राष्ट्रपति ने इजराइल को धमकी दी कि अगर उसने इस लड़ाई के दौरान कब्जा किए गए इलाकों को खाली नहीं किया तो उसकी मदद रोक दी जाएगी।दबाव में इजराइल को इन इलाकों से पीछे हटना पड़ा था।इसी तरह 1960 के दशक में अमेरिका और इजराइल के रिश्तों में तनातनी दिखी। उस वक्त अमेरिका का कैनेडी प्रशासन इसराइल के गुप्त परमाणु कार्यक्रमों को लेकर चिंतित था। हालांकि 1967 में जब मात्र छह दिनों की लड़ाई में इजराइल ने जॉर्डन, सीरिया और मिस्त्र को हरा कर अरब जगत के एक बड़े भू-भाग पर कब्जा कर लिया तो इस यहूदी देश को देखने का अमेरिकी नज़रिया पूरी तरह बदल गया।इजराइल की इसी जीत के बाद अमेरिका ने उसे अरब जगत में सोवियत संघ के ख़िलाफ़ एक स्थायी पार्टनर के तौर पर देखना शुरू किया था।

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, पंजाब सरकार से कहा-पराली जलाने पर रोक लगाएं

#delhiairpollutionhearinginsupremecourt

देश की राजधानी दिल्ली समेत आस-पास के इलाकों में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त दिखा।आज सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण को लेकर सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कई तीखे सवाल पूछे? सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से पराली जलाने पर रोक लगाने को कहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर समय राजनीति नहीं हो सकती। पराली पर रोक लगानी होगी। यह कोई राजनीतिक लड़ाई का मैदान नहीं है। आप यह सब कुछ दूसरों पर नहीं थोप सकते।हम नहीं जानते कि आप यह कैसे करते हैं, यह आपका काम है। लेकिन इसे रोका जाना चाहिए। तुरंत कुछ करना होगा।इससे लोगों के स्वास्थ्य की हत्या हो रही है। ऐसी क्या समस्या है कि आप पराली जलाने को नहीं रोक पाते हैं?

पराली जलाने पर तत्काल रोक लगाने का निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, यूपी और राजस्थान तत्काल कदम उठाएं और पराली जलाने पर रोक लगाए। कोर्ट ने कहा कि आपका प्रशासन आज से सक्रिय हो जाना चाहिए। हम शुक्रवार को फिर इस मामले की सुनवाई करेंगे। लोकल एसएचओ इसके लिए जिम्मेदार होंगे। अपनी निगरानी में पराली जलाने की गतिविधि पर रोक लगाने को चीफ सेकेट्री और डीजीपी ये सुनिश्चित करें। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और केंद्र से पंजाब में धान के अलावा वैकल्पिक फसल की तलाश करने को भी कहा है।

पराली से खाद बनाने के दावे पर दिल्ली सरकार से सवाल

कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कल कैबिनेट सचिव सभी राज्यों के अधिकारियों के साथ बैठक करें। शुक्रवार तक हमें स्पष्ट तस्वीर मिले। दिल्ली सरकार ने पराली को खाद बनाने वाले एक केमिकल का दावा किया था। क्या यह कभी सफल हुआ? यह सब सिर्फ दिखावा लगता है।

ऑड-इवन सिस्टम को बताया अवैज्ञानिक तरीका

कोर्ट ने आगे कहा, हमने अलग-अलग किस्म की गाड़ियों की पहचान के लिए अलग रंग के स्टिकर लगाने का आदेश दिया था। उस पर किसी राज्य ने जानकारी नहीं दी। दिल्ली सरकार ने ऑड-इवन लागू किया है। यह एक अवैज्ञानिक तरीका है। डीज़ल गाड़ियों की पहचान कर उन्हें रोकना चाहिए।

केंद्र से भी पूछा सवाल

वहीं इस मामले में कोर्ट ने केंद्र से भी कई सवाल पूछे? कोर्ट ने कहा कि जमीनी स्तर पर आपने क्या तैयारियां की थी? धान की बजाय मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। कोर्ट ने केंद्र से कहा कि या तो इस समस्या का समाधान अभी कीजिए या अगले 1 साल में कीजिए। हमारे सामने अगले साल ये समस्या नहीं आनी चाहिए।

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, पंजाब सरकार से कहा-पराली जलाने पर रोक लगाएं

#delhiairpollutionhearinginsupremecourt

देश की राजधानी दिल्ली समेत आस-पास के इलाकों में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त दिखा।आज सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण को लेकर सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कई तीखे सवाल पूछे? सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से पराली जलाने पर रोक लगाने को कहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर समय राजनीति नहीं हो सकती। पराली पर रोक लगानी होगी। यह कोई राजनीतिक लड़ाई का मैदान नहीं है। आप यह सब कुछ दूसरों पर नहीं थोप सकते।हम नहीं जानते कि आप यह कैसे करते हैं, यह आपका काम है। लेकिन इसे रोका जाना चाहिए। तुरंत कुछ करना होगा।इससे लोगों के स्वास्थ्य की हत्या हो रही है। ऐसी क्या समस्या है कि आप पराली जलाने को नहीं रोक पाते हैं?

पराली जलाने पर तत्काल रोक लगाने का निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, यूपी और राजस्थान तत्काल कदम उठाएं और पराली जलाने पर रोक लगाए। कोर्ट ने कहा कि आपका प्रशासन आज से सक्रिय हो जाना चाहिए। हम शुक्रवार को फिर इस मामले की सुनवाई करेंगे। लोकल एसएचओ इसके लिए जिम्मेदार होंगे। अपनी निगरानी में पराली जलाने की गतिविधि पर रोक लगाने को चीफ सेकेट्री और डीजीपी ये सुनिश्चित करें। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और केंद्र से पंजाब में धान के अलावा वैकल्पिक फसल की तलाश करने को भी कहा है।

पराली से खाद बनाने के दावे पर दिल्ली सरकार से सवाल

कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कल कैबिनेट सचिव सभी राज्यों के अधिकारियों के साथ बैठक करें। शुक्रवार तक हमें स्पष्ट तस्वीर मिले। दिल्ली सरकार ने पराली को खाद बनाने वाले एक केमिकल का दावा किया था। क्या यह कभी सफल हुआ? यह सब सिर्फ दिखावा लगता है।

ऑड-इवन सिस्टम को बताया अवैज्ञानिक तरीका

कोर्ट ने आगे कहा, हमने अलग-अलग किस्म की गाड़ियों की पहचान के लिए अलग रंग के स्टिकर लगाने का आदेश दिया था। उस पर किसी राज्य ने जानकारी नहीं दी। दिल्ली सरकार ने ऑड-इवन लागू किया है। यह एक अवैज्ञानिक तरीका है। डीज़ल गाड़ियों की पहचान कर उन्हें रोकना चाहिए।

केंद्र से भी पूछा सवाल

वहीं इस मामले में कोर्ट ने केंद्र से भी कई सवाल पूछे? कोर्ट ने कहा कि जमीनी स्तर पर आपने क्या तैयारियां की थी? धान की बजाय मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। कोर्ट ने केंद्र से कहा कि या तो इस समस्या का समाधान अभी कीजिए या अगले 1 साल में कीजिए। हमारे सामने अगले साल ये समस्या नहीं आनी चाहिए।

दिल्ली-नोएडा ही नहीं देश के इन शहरों का हाल है बेहाल, प्रदूषण के मामले में “गंभीर

#top10pollutedcitiesof_india

वैसे तो देश की राजधानी दिल्ली सियासी हलचल के लिए हमेशा सुर्खियों में रहती है। हालांकि पिछले कुछ सालों में सर्दियां सुरू होने से पहले दिल्ली गंभीर प्रदूषण के कारण चर्चा में रहती है। बीते कुछ दिनों से राजधानी क्षेत्र दिल्ली-एनसीआर के आसमान में धुंध छाई हुई है।केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, लगातार सातवें दिन दिल्ली में कई स्थानों पर एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) ने '400' यानी खतरे के निशान को पार कर लिया है।वैसे दिल्ली एनसीआर ही नहीं देश के कई शहरों में इन दिनों हवा जहरीली होती जा रही है।

देश के टॉप-10 प्रदूषित शहर

देश के टॉप-10 प्रदूषित शहरों की लिस्‍ट में आज सबसे ऊपर उत्‍तर प्रदेश का ग्रेटर नोएडा है, जहां एक्‍यूआई लेवल 441 के स्‍तर यानी गंभीर श्रेणी में बना हुआ है। वहीं, दूसरे स्‍थान पर हरियाणा का फतेहबाद है, जहां एक्‍यूआई 428 के स्‍तर पर है। तीसरे स्‍थान पर राजस्‍थान का गंगानगर है, जहां एक्‍यूआई लेवल 406 है। हरियाणा के हिसार में भी एक्‍यूआई लेवल 406 है। हरियाणा का जींद(398), राजस्‍थान का धौलपुर(393), दिल्‍ली (393), राजस्‍थान का भिवाड़ी (389), हरियाणा का सोनीपत (380) और हरियाणा का फरीदाबाद (375) भी आज टॉप 10 प्रदूषित शहरों में शामिल है।

दुनिया के 10 सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में भारत के तीन शहर

इससे पहले सोमवार को दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट जारी हो गई। इस लिस्ट में दिल्ली पहले स्थान पर है, दूसरे स्थान पर पाकिस्तान का लाहौर शहर है। टॉप 5 सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में तीन भारतीय शहर हैं। दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट को स्विस ग्रुप आईक्यूएयर की तरफ जारी किया गया है. ये ग्रुप वायु प्रदूषण के आधार पर एयर क्वालिटी इंडेक्स तैयार करता है। लिस्ट के मुताबिक, देश की राजधानी दिल्ली, मुंबई और कोलकाता 10 सबसे खराब आबोहवा वाले शहरों में शामिल हैं।

हमास के साथ जंग के बीच 1 लाख भारतीयों को नौकरी देगा इजरायल, जानें क्‍या है वजह

#israel_asks_india_to_provide_1_lakh_indian_workers

गाजा में हमास और इजरायल के बीच बीते एक महीने से जंग जारी है। अब तक इस जंग में 10 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।इतने नरसंहार के बाद भी युद्ध रूकने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है।इजराइल लगातार गाजा पट्टी पर बम बरसा रहा है। इन सबके बीच इजराइल ने भारत से तत्काल प्रभाव से एक लाख श्रमिकों की मांग की है।क्योंकि इजराइल ने 90 हजार फ़िलिस्तीनियों का परमिट रद्द कर दिया है।दरअसल, हमास के हमले के बाद अपने देश से 1 लाख फिलिस्तीनियों को काम से निकालने की योजना तैयार की है। इन फिलिस्तीनियों की जगह 1 लाख भारतीय कामगारों को इजरायल नौकरियाँ देगा।

इजरायल में काम करने वाले फिलिस्तीनी कामगार, फिलिस्तीन या गाजा में काम करने वाले कामगारों से कहीं अधिक कमाते हैं। हालाँकि, हमले के बाद अब इनके प्रति अविश्वास पैदा हो गया है, इसलिए इनको हटा कर इनकी भरपाई भारत से लाए गए कामगारों से करने की योजना तैयार की जा रही है। 

जिन फिलिस्तीनियों को हटाया जा रहा है, उनमें से अधिकाँश कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र में काम करते थे। इनके हटने से इजरायल में कामगारों की एकाएक कमी हो गई है। कामगारों की कमी से इस क्षेत्र में रुकावट ना पैदा हो, इसके लिए इजरायली बिल्डर्स एसोसिएशन ने सरकार से 50,000-1,00,000 तक भारतीय कामगारों को मंजूरी देने की अपील की है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इज़राइल बिल्डर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष हैम फीग्लिन ने जानकारी दी है कि इजराइल सरकार की मंजूरी मिलते ही हम एक लाख भारतीयों को नौकरी के लिए हायर करेंगे। हम भारत सरकार के साथ भी बातचीत कर रहे हैं। हालांकि अभी भारत के विदेश मंत्रालय ने इजराइल में भारतीयों को नौकरी देने संबंधी सवालों का जवाब नहीं दिया है।

भारत और इजरायल के बीच पहले ही 42,000 भारतीयों को इजरायल में काम करने के लिए सहमति बन चुकी है। इसके लिए दोनों देशों के बीच मई 2023 में समझौता हुआ था। यदि अब 1 लाख कामगार भारत से और जाते हैं तो यह संख्या तीन गुने से अधिक हो आएगी।

बता दें कि भारत ऑपरेशन अजय के तहत अपने लोगों को इजराइल से निकाल रहा है, वहीं इजराइल की मांग पर एक लाख भारतीयों को नौकरी के लिए वहां जाने की अनुमति देगा या नहीं? यह बड़ा सवाल है।

वायु प्रदूषण के चलते दिल्ली-एनसीआर में हालात गंभीर, धुंध की चादर में लिपटा वातावरण, जानें आज कितना है AQI

#delhi_ncr_air_pollution_situation_extremely_serious

दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर को पार कर गया है। दिल्ली के एयर क्वालिटी इंडेक्स के रिकॉर्ड हैरान करने वाले हैं।मंगलवार को दिल्ली में ज्यादातर स्थानों पर एक्यूआई 450 के ऊपर दर्ज किया गया। खासतौर पर आनंद विहार, गाजियाबाद, नोएडा, और गुरुग्राम में स्थिति नाजुक रही।केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने आशंका जताई है कि यह स्थिति अगले तीन दिनों तक बनी रह सकती है।

प्रदूषण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक मंगलवार की सुबह दिल्ली में ओवरऑल एक्यूआई 399 दर्ज किया गया है। वहीं अलग अलग अलग इलाकों में प्रदूषण का स्तर 450 के पार रहा है। पुषा में लगे प्रदूषण मॉनिटरिंग सिस्टम में एक्यूआई 372 दर्ज किया गया। वहीं दिल्ली यूनिवर्सिटी में यह आंकड़ा 461 के पार रहा। इसी प्रकार लोधी रोड पर 371, एयरपोर्ट पर 433, नोएडा में 463, मथुरा रोड पर 417 और आयानगर में 392 दर्ज किया गया है।केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक आईआईटी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर 416, गुरुग्राम में 369 और धीरपुर में 400 दर्ज किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक आनंद विहार में 441, मयूर विहार फेस 1 में 441 और नेहरु नगर में 424, ओखला फेस 2 में 427, आरके पुरम में 437 और सोनिया विहार में 418 के अलावा वजीरपुर में एक्यूआई 438 दर्ज किया गया है।

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की गंबीर स्थिति को देखते हुए सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सचिवायल में उच्च स्तरीय बैठक की थी। इस बैठक में मंत्री गोपाल राय भी मौजूद रहे थे। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली में ऑड ईवन लागू होगा। 13 से 20 नवंबर के बीच इसे लागू किया जाएगा। ऑड-ईवन यातायात नियम एक ऐसी प्रणाली है, जिसके तहत ऑड नंबर पर खत्म होने वाले पंजीकरण संख्या वाले वाहनों को सप्ताह के ऑड दिनों पर चलने की अनुमति होती है। ईवन नंबर पर समाप्त होने वाली पंजीकरण संख्या वाले वाहनों को सप्ताह के अन्य वैकल्पिक दिनों में सड़कों पर चलने की अनुमति है। पूर्व में रविवार को सभी वाहनों की आवाजाही के लिए खुला रखा गया है। 

सितंबर से नंबर महीने के दौरान हर साल दिल्ली एनसीआर में यही स्थिति देखने को मिलती है। हवा में स्मॉग इतना बढ़ जाता है कि स्कूलों की छुट्टी कर दी जाती है। क्योंकि ये जहरीली हवा बच्चों के स्वास्थ्य को बहुत ज्यादा प्रभावित करती है। इस साल भी वही स्थिति है। प्रदूषण का लेवल बढ़ने का सबसे बड़ा कारण पराली जलाना है, जिसे स्टबल बर्निंग कहा जाता है। इस दौरान, किसान खेतों में पराली जलाते हैं, जिसका धुंआ हवा में घुल जाता है। पंजाब और हरियाणा दिल्ली से काफी नजदीक हैं इसलिए दिल्ली और एनसीआर के इलाकों में इसका असर बहुत ज्यादा नजर आता है।

मिजोरम और छत्तीसगढ़ में पहले चरण के मतदान जारी, वोटिंग के बीच सुकमा में आईईडी विस्फोट

#mizoram_and_chhattisgarh_to_vote_today 

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 के लिए आज पहले चरण की वोटिंग शुरू हो चुकी है। पहले चरण के लिए 20 सीटों पर मतदान होना हैं। मतदान को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। मिजोरम विधानसभा की 40 सीटों के लिए मतदान शुरू हो चुका है।छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण में 10 सीटों पर सात से 3 बजे तक और बाकी की 10 सीटों पर सुबह आठ से शाम पांच बजे तक मतदान होगा।

छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित सुकमा के कारीगुंडम इलाके में 23 साल बाद मतदान हो रहा है। इलाके में वोटिंग कराने के लिए चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की गई है। मतदान प्रक्रिया सीआरपीएफ 150 बटालियन और जिला बल के सुरक्षा घेरे में हो रही है। हालांकि इस दौरान सुकमा के टोंडामर्का इलाके में नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट किया है। ब्लास्ट में सीआरपीएफ कोबरा बटालियन का एक जवान घायल हो गया है। यह जवान मतदान की सुरक्षा में लगा था।

छत्तीसगढ़ के 20 सीटों मोहला मानपुर, अंतागढ़, भानुप्रतापपुर, कांकेर, केशकाल, कोंडागांव, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, कोंटा, पंडरिया, कवर्धा, खैरागढ़, डोंगरगढ़, राजनांदगांव, डोंगरगांव, खुज्जी, बस्तर, जगदलपुर और चित्रकोट की जनता प्रत्याशियों की किस्मत को ईवीएम में कैद करेगी।

छत्तीसगढ़ में कुल 90 विधान सभा सीटें हैं, जिनमें से 20 सीटों पर आज पहले चरण में मतदान होगा, जबकि शेष 70 सीटों पर 17 नवंबर को मतदान होगा। वोटिंग के मद्देनज़र दोनों ही राज्यों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। दोनों ही राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे।

*पीएम मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी से फोन पर की बात, इजरायल-हमास जंग पर हुई चर्चा*

इजरायल-हमास के बीच जंग जारी है। एक महीने से दोनों तरफ से एक-दूसरे पर जोरदार हमले हो रहे हैं।इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी से बात की है। इस दौरान इजराइल-हमास जंग को लेकर चर्चा की गई। पीएम मोदी ने ट्वीट कर ये जानकारी दी है।

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी से वेस्ट एशिया में मुश्किल हालात और इज़राइल हमास संघर्ष को लेकर बात की। आतंकवादी घटनाएं, हिंसा और नागरिकों की जान का नुकसान गंभीर चिंता का विषय है।तनाव बढ़ने से रोकना, निरंतर मानवीय सहायता सुनिश्चित करना और शांति, स्थिरता की शीघ्र बहाली इस वक्त सबसे अहम है। हमने चाबहार बंदरगाह सहित हमारे द्विपक्षीय सहयोग में प्रगति का स्वागत किया।

इससे पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी रविवार को ईरान के विदेश मंत्री हुसैन आमिर अब्दुल्लाहियन से इजराइल-हमास संघर्ष को लेकर फोन पर बात की थी।

*खत्म नहीं हो रही है आप की मुश्किलें, अब पंजाब में विधायक जसवंत सिंह गज्जनमाजरा पर कसा शिकंजा, ईडी हिरासत में लेकर कर रही पूछताछ*

#aam_aadmi_party_mla_jaswant_singh_gajjanmajra_ed_raid

आम आदमी पार्टी की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को आम आदमी पार्टी के अमरगढ़ से विधायक जसवंत सिंह गज्जनमाजरा के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। ईडी ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में हिरासत में लिया है। उनके खिलाफ गत साल से ईडी जांच कर रही थी। 

बताया जा रहा है कि वर्ष 2014 दौरान बैंक से लिए करीब 40 करोड़ रुपये के कर्जे के मामले की जांच चल रही है, जिसमें उनसे सीबीआई व ईडी द्वारा पहले भी पूछताछ की गई है। ईडी द्वारा उन्हें कुछ समय पहले भी पूछताछ के लिए बुलाया गया था, जिसके बाद सोमवार को अचानक उन्हें ईडी ने हिरासत में ले लिया है। ईडी की टीम उन्हें हिरासत में लेने के बाद जालंधर ले गई है।

सितंबर 2022 में ईडी की एक टीम ने गज्जनमाजरा के घर के अलावा अमरगढ़ में उनके परिवार द्वारा संचालित एक स्कूल और एक पशु चारा फैक्टरी पर छापा मारा था। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने पिछले साल 40.92 करोड़ के बैंक धोखाधड़ी मामले में उनकी संपत्तियों की छापेमारी की थी, जिसके बाद ईडी ने उनके खिलाफ पीएमएलए मामला दर्ज किया था। 

सीबीआई ने कहा था कि तलाशी के दौरान16.57 लाख की राशि, 88 विदेशी मुद्रा नोट और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए। याद रहे कि लुधियाना स्थित बैंक ऑफ इंडिया की एक शाखा द्वारा मालेरकोटला के गौंसपुरा में गज्जनमाजरा की फर्म के खिलाफ शिकायत के बाद सीबीआई जांच की गई थी। बैंक की शिकायत में कहा गया है कि उसके निदेशकों के माध्यम से फर्म ने बंधक स्टॉक को छुपाया था और गलत और बेईमान इरादे से बही ऋणों को डायवर्ट किया था। ताकि इसे लेनदार बैंक को निरीक्षण के लिए और सुरक्षित लेनदार के रूप में वसूली के लिए उपलब्ध न कराया जा सके।

बता दें कि दिल्ली से लेकर पंजाब तक आम आदमी पार्टी के नेता ईडी और सीबीआई के रडार पर हैं। दिल्ली में कथित शराब घोटाले में सत्येंद्र जैन, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह सलाखों के पीछे हैं। ईडी ने अपनी जांच में इन नेताओं पर कई गंभीर आरोप लगाया है। इन नेताओं में से कई को तो सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिल पाई है।

BRO ने रचा इतिहास, अमरनाथ धाम तक पहुंचा वाहनों का पहला जत्था, अब श्रद्धालुओं की यात्रा होगी बेहद आसान !

सीमा सड़क कर्मियों (बीआरओ) ने हाल ही में वाहनों के पहले जत्थे को पवित्र अमरनाथ गुफा तक पहुंचाने के साथ इतिहास रच दिया है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ), जिसे अमरनाथ गुफा मार्गों पर सड़क चौड़ीकरण का काम सौंपा गया था, ने इस कठिन कार्य के पूरा होने की घोषणा की। बीआरओ ने एक्स पर एक पोस्ट में घोषणा करते हुए कहा कि, 'प्रोजेक्ट बीकन अमरनाथ यात्रा ट्रैक की बहाली और सुधार में शामिल है। सीमा सड़क कर्मियों ने कठिन कार्य पूरा किया और वाहनों के पहले सेट के पवित्र गुफा तक पहुंचने के साथ इतिहास रचा।'

BRO के एक अधिकारी ने कहा कि उन्होंने डुमैल (गांदरबल जिले में) से बालटाल बेस कैंप के माध्यम से अमरनाथ गुफा तक एक ट्रक और छोटे पिकअप वाहन लिया, जो गुफा तक पहुंचने के दो मार्गों में से एक है। उन्होंने कहा कि बीआरओ ने इन वाहनों का इस्तेमाल अमरनाथ की पवित्र गुफा के पास चल रहे काम के लिए किया। उन्होंने कहा कि, "गाड़ियां वहां (गुफा पर) गई थीं क्योंकि हमें बहुत सारा सामान ले जाना था क्योंकि हमें बहुत सारे स्थायी काम करने थे। यह बीआरओ के लिए बड़ी उपलब्धि रही है, क्योंकि बहुत ही कम समय में हम वहां पहुंच सके। हमने अपने संसाधन लगाए क्योंकि हमारा लक्ष्य बर्फबारी से पहले वहां पहुंचना था।'

अधिकारी ने कहा कि अभी, संगम बेस से गुफा तक और संगम टॉप रोड से बालटाल होते हुए लगभग 13 किलोमीटर सड़क का चौड़ीकरण किया गया है। अमरनाथ तक सड़क बनने से तीर्थयात्रियों के लिए यात्रा का समय कम हो जाएगा। दक्षिण कश्मीर में श्री अमरनाथ जी की गुफा समुद्र तल से लगभग 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और यह यात्रा हिंदुओं के लिए एक पवित्र तीर्थयात्रा के रूप में अत्यधिक महत्व रखती है। हर साल, हजारों श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा में भाग लेते हैं और इस साल, 4.5 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने गुफा मंदिर में पूजा-अर्चना की।

यात्रा दोनों मार्गों से एक साथ होती है - अनंतनाग जिले में पहलगाम ट्रैक और गांदरबल जिले में बालटाल। इस साल अप्रैल में, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की थी कि श्री अमरनाथ तीर्थ जा रहे तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए पहलगाम में पवित्र अमरनाथ गुफा तक जाने वाला 110 किलोमीटर लंबा अमरनाथ मार्ग लगभग 5300 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा।