आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पर सभी राजनीतिक दलों की अलग-अलग राय, जानिए किसकी क्या है राय
पटना :- बिहार विधानसभा शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सरकार आज सदन में जातीय गणना रिपोर्ट सदन पटल पर रखेगी। साथ ही सरकार द्वारा आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट भी रखने की बात कही जा रही है। जातीय जनगणना सर्वे रिपोर्ट को लेकर सभी राजनीतिक दलों की अलग-अलग राय हैं।
भाकपा माले के विधायक अजीत कुशवाहा ने जातीय जनगणना की रिपोर्ट के बहाने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए स्वर्ण जाति को मिले 10% आरक्षण समाप्त करने की मांग की है। वही जातीय जनगणना के आधार पर बिहार में आरक्षण की दायरा बढ़ाने की मांग की है।
सरकार में शामिल भाकपा माले के इस मांग का राजद ने भी समर्थन किया है। राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि आज बिहार के लिए ऐतिहासिक दिन है आज से इतिहास करवट लेगा। राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि 10% वाले लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है 90% वाले लोग उन्हें सर पर बैठ कर रखेंगे।
वहीं भाजपा ने कहा कि केंद्र सरकार ने स्वर्ण जातियों को 10% आरक्षण दिया है वह समाप्त नहीं होगा यदि बिहार में आरक्षण का दायरा बढ़ता है तो भाजपा उसका समर्थन करेगी। कांग्रेस ने भी सरकार का समर्थन करते हुए कहां की बिहार में आरक्षण का दायरा बढ़ता है तो हम सभी लोग उसका समर्थन करेंगे।
गौरतलब है कि जाति जनगणना के बाद सरकार आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट भी सदन के पटल पर रखने की तैयारी में है। हालांकि पिछले दो दशक से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सत्ता में बने हुए हैं बिहार का आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट की बात होती है तो सरकार दावा करती है कि बिहार का जीडीपी का ग्रोथ बेहतर है तो ऐसे में सवाल उठता है कि यदि आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में कई जातियों की आर्थिक स्थिति बिगड़ी तो इसका जिम्मेदार कौन है।
इन सवालों को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी राय भी अलग-अलग दी। हालांकि भाजपा नेता पूर्व उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने माना कि यदि आर्थिक स्थिति लोगों की बिगड़ी होगी तो इसका जिम्मेदार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद होंगे।
पटना से मनीष प्रसाद
Nov 07 2023, 14:24