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पीएम मोदी को राम मंदिर उद्घाटन समारोह के लिए मिले न्योते से खुश नहीं हैं जमीयत, जानें मौलाना महमूद मदनी ने क्या कहा?

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जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए मिले न्योते का विरोध जताया है।मदनी ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अयोध्या या किसी भी स्थान पर आयोजित होने वाले धार्मिक समारोह में शामिल नहीं होना चाहिए। बता दें कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अयोध्या में 22 जनवरी को होने जा रहे राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए निमंत्रित किया हा। जिसके बाद देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी का ये बयान आया है।

मौलाना महमूद मदनी ने बयान जारी कर कहा, ये बात कही जाती है कि अयोध्या में मस्जिद बनाई जा रही है, वहां हमारे प्रधानमंत्री जाकर उद्घाटन करेंगे। हम दो बातें कहना चाहते हैं। पहला कि हम अयोध्या पर जो कोर्ट का फैसला आया है उसे सही नहीं मानते हैं। हमारा मानना है कि वो फैसला गलत माहौल में, गलत तरीके से, गलत बुनियादों पर किया गया है।

उन्होंने कहा, दूसरी बात ये है कि मुल्क के वजीरे आजम को न किसी मंदिर... किसी इबादतगाह के बुनियाद के लिए बिल्कुल नहीं जाना चाहिए। इससे अपने आप को दूर रखना चाहिए। मजहब का मामला आवाम का मामला है। मैं जमीयत के लोगों से कहना चाहता हूं कि वो अगर इस तरह के कार्यक्रम में किसी भी तरह हिस्सा लेंगे, जुबानी ही क्यों नहीं हो... उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

मौलाना मदनी यहीं नहीं रुके। उन्होंने कुछ मुस्लिम नेताओं की ओर से अयोध्या के धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद की नींव रखने के लिए प्रधानमंत्री से अपील करने पर तीखी आलोचना की है। मौलाना मदनी ने अपने बयान में कहा कि हम स्पष्ट रूप से यह कहना चाहते हैं कि अयोध्या विवाद में सुप्रीम कोर्ट के जो निर्णय किया था, हम उसको सही नहीं मानते हैं। इसलिए मस्जिद बनाने के लिए खैरात में दी गई जमीन को भी कबूल नहीं किया जा सकता।

प्रियंका गांधी और हिमंत बिस्वा सरमा को चुनाव आयोग ने भेजा नोटिस, जानें क्या है कारण

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चुनाव आयोग ने प्रियंका गांधी वाड्रा और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया है। दोनों नेताओं पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप है।अधिकारियों ने कहा कि दोनों नेताओं को 30 अक्टूबर शाम तक जवाब देने के लिए कहा गया है।

बता दें कि देश के 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाला है। 3 दिसंबर को चुनाव के परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे। इस बीच चनाव आयोग ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा को नोटिस भेजा है। चुनाव आयोग ने 26 अक्टूबर को प्रियंका गांधी को नोटिस भेजकर 30 अक्टूबर की शाम तक जवाब देने को कहा है। चुनाव आयोग ने इसके साथ-साथ चेतावनी दी है कि यदि दोनों नेता समय सीमा समाप्त होने से पहले जवाब नहीं देते हैं तो यह मान लिया जाएगा कि उनके पास जवाब देने के लिए कुछ नहीं है और उनसे दोबारा संपर्क किए बिना ‘उचित कार्रवाई’ की जाएगी।

क्या कहा था प्रियंका गांधी ने

प्रियंका गांधी ने राजस्थान के दौसा में सभा को संबोदित करते हुए कहा था कि आपने देखा ही होगा, मैंने टीवी पर देखा पता नहीं सच है कि नहीं। पीएम मोदी ने देवनारायण जी के मंदिर में शायद गए थे। यहां उन्होंने लिफाफा डाला। लिफाफा खोला गया तो इसमें 21 रुपये मिले। एक तरह से यही हो रहा है। देश में घोषणाएं मंच पर खड़े होकर कैसे-कैसे लिफाफे दिखाए जा रहे हैं। आपको और जब आप उन लिफाफे को खोलते हैं तो चुनाव खत्म हो जाता है। इसी बयान को लेकर केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवालन ने चुनाव आयोग से शिकायत करते हुए इसे आचार संहिता का उल्लंघन बताया था, जिसपर अब चुनाव आयोग ने प्रियंका गांधी से जवाब मांगा है।

अकबर पर टिप्पणी कर फंसे सरमा

वहीं, कांग्रेस ने चुनाव आयोग को दी अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि सरमा ने बीते हफ्ते छत्तीसगढ़ में एक चुनाव प्रचार के दौरान एकमात्र मुस्लिम मंत्री मोहम्मद अकबर पर निशाना साधा था। 18 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ के कवर्धा में अपने भाषण के दौरान सरमा ने कथित तौर पर अकबर पर विवादास्पद टिप्पणी की थी।कांग्रेस के अनुसार अपने भाषण में सरमा ने कांग्रेस उम्मीदवार मोहम्मद अकबर के खिलाफ प्रचार करते हुए दावा किया कि, “यदि एक अकबर कहीं आता है, तो वह 100 अकबर को बुलाता है। इसलिए जितनी जल्दी हो सके उन्हें विदा करें, नहीं तो माता कौशल्या की धरती अपवित्र हो जाएगी

*महुआ मोइत्रा ने एथिक्स कमेटी के सामने पेश होने पर जताई असमर्थता, जानें क्या बताई वजह*

तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा 31 अक्टूबर को एथिक्स कमेटी के सामने पेश नहीं हो पाएंगी।इसको लेकर महुआ मोइत्रा ने लोकसभा की आचार समिति को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने समिति को बताया कि वह 31 अक्तूबर को पूर्व व्यस्तताओं के कारण उपस्थित नहीं हो सकती।

लोकसभा की आचार समिति ने ‘कैश के बदले संसद में सवाल’ पूछने के गंभीर आरोप के मामले में तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा को 31 अक्टूबर को पूछताछ के लिए व्यक्तिगत रूप से पेश होने कहा है। इस दिन महुआ मोइत्रा ने बताया कि वह उस दिन हाजिर नहीं हो सकेंगी। उन्होंने कहा कि वह फिलहाल दुर्गा पूजा का विजया सम्मेलनी में बंगाल में व्यस्त हैं।इस कारण वह हाजिर नहीं पाएंगी। मोइत्रा ने कहा कि 31 अक्टूबर को दिल्ली में उपस्थित होना उनके लिए संभव नहीं है। उस दिन उनका पूर्व निर्धारित कार्यक्रम है। हालांकि, वह 5 नवंबर के बाद किसी भी दिन, किसी भी समय समिति के सामने उपस्थित हो सकती हैं।

महुआ ने कहा कि वह भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहद्राई द्वारा उन पर लगाए गए आरोपों पर खुद को निर्दोष साबित करने के लिए निष्पक्ष सुनवाई चाहती हैं, लेकिन कमेटी ने उन्हें अवैध तरीके से तलब किया और शिकायतकर्ताओं की बात पहले ही सुन ली।

वहीं, तृणमूल सांसद ने मांग की कि कारोबारी दर्शन हीरानंदानी को भी पूछताछ के लिए बुलाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी को भी समिति के सामने पेश होना चाहिए और उन विभिन्न महंगे उपहारों की एक विस्तृत सूची सौंपनी चाहिए।जो उन्होंने मुझे देने की मांग की है।

बता दें कि बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने टीएमसी सांसद मोइत्रा पर पैसे लेकर सवाल पूछने का आरोप लगाया है। उन्होंने स्पीकर और लोकपाल को पत्र देकर टीएमसी सांसद के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि टीएमसी सांसद ने देश की सुरक्षा को खतरे में डाला है और क्रिमिनल काम किया है। जिसके बाद मामला लोकसभा की आचार समिति के पास पहुंचा है।

'MS धोनी गरीबों को 5 हजार रुपये और घर बांट रहे हैं' बोलकर किया मासूम का अपहरण, झारखंड में घटी चौंकाने वाली घटना

झारखंड से एक चौंकाने वाली घटना हुई है। शातिर अपराधियों ने स्टार क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी के नाम पर झांसा देकर एक डेढ़ वर्षीय मासूम बच्चे का अपहरण कर लिया। बदमाशों के इस नए तरीके ने पुलिस को भी चौंका दिया है। रांची के जगन्नाथपुर निवासी मधु देवी अपने 2 बच्चों के साथ रांची के हिनू में एक स्टाल से बच्चे के लिए कुछ खरीद रही थी। तभी एक मोटरसाइकिल सवार एक महिला के साथ आया तथा कहा कि धोनी निर्धन लोगों को 5 हजार रुपये और घर बांट रहे हैं। मधु देवी उस शख्स के झांसे में आ गई। उसने लालच में आकर बोला कि क्या वे उसे भी वहां छोड़ देंगे, जहां धोनी पैसे बांट रहे हैं। 

मोटरसाइकिल सवार ने हामी भर दी। फिर मधु अपनी डेढ़ वर्षीय बच्ची समेत उस शख्स की मोटरसाइकिल पर सवार हो गई। जबकि मधु ने अपनी 8 वर्षीय बेटी को वहीं खाने पीने के स्टॉल पर छोड़ दिया। मोटरसाइकिल सवार लोगों ने मधु को हरमू के पास बिजली ऑफिस पर उतार दिया। फिर महिला से कहा कि इसी दफ्तर में निर्धन लोगों को पैसे बांटने के लिए बैठक चल रही है। मधु का ध्यान भटकते ही मोटरसाइकिल सवार शख्स और उसकी साथी महिला ने मधु के बच्चे को उठाया और मोटरसाइकिल लेकर फरार हो गए। हालांकि मधु ने दौड़कर उन दोनों को पकड़ने का प्रयास किया तथा शोर भी मचाया मगर तब तक वे दोनों बच्चे को लेकर भाग निकले। पीड़ित महिला मधु ने इस मामले की शिकायत थाने में कराई। 

थानेदार ने बताया कि घटनास्थल के आसपास लगे CCTV कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है। जल्द ही अपराधी पुलिस की गिरफ्त में होंगे। लेकिन तीन दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं। अभी तक पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला है। रांची के SSP चंदन सिन्हा ने मीडिया से कहा कि पुलिस सभी संभावित पहलुओं से मामले की तहकीकात कर रही है। पुलिस को जल्द ही बच्चे को बरामद कर लेगी। कहा कि शिकायतकर्ता भी अपनी बात पर कायम नहीं है। पहले उसने कहा कि किडनैपर्स ने उसे यह कहकर बहकाया था कि सरकार निर्धन लोगों को धन वितरित कर रही है। फिर कहा कि अपहरणकर्ताओं ने कहा कि MS धोनी निर्धन लोगों को फंड बांट रहे हैं। इसलिए शिकायतकर्ता के बयान की भी गहनता से तहकीकात की जा रही है।

उत्तराखंड के सीएम धामी ने चेन्नई में किया रोड शो, साइन किए 10150 करोड़ के एमओयू, अब बदलेगी प्रदेश की तस्वीर

उत्तराखंड सरकार को वैश्विक निवेशक सम्मेलन से पहले निवेशकों को आकर्षित करने में फिर बड़ी सफलता मिली है। चेन्नई रोड शो में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में विभिन्न औद्योगिक समूहों के साथ 10150 करोड़ के निवेश करार पर हस्ताक्षर किए गए।

इनमें प्रमुख रूप से स्वास्थ्य, सेवा, फार्मा व ऊर्जा क्षेत्र के उद्योगों के साथ हुए करार शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने सभी निवेशकों को आठ व नौ दिसंबर को आयोजित होने वाले वैश्विक निवेशक सम्मेलन के लिए आमंत्रित भी किया।

10150 करोड़ के निवेश का करार

गुरुवार को चेन्नई में हुए रोड शो में इंफिनिटी ग्लोबल के साथ 4000 करोड़, जुलाई वेंचर्स के साथ 1000 करोड़, क्षणा ग्रुप के साथ कैंसर अस्पताल के लिए 1000 करोड़, सर्वोदय ग्रुप आफ होटल्स के साथ 1000 करोड़, क्राफ्ट स्मिथ इंडिया के साथ 1000 करोड़, एसआरएम यूनिवर्सिटी के साथ 600 करोड़, रिफेक्स ग्रुप के साथ 500 करोड़, इंफला मोवी ग्रुप के साथ 250 करोड़ रुपये, अपोलो हास्पिटल के साथ 500 करोड़, टीपीसीआइ के साथ 200 करोड़ व मिलटेक्स ग्रुप के साथ 100 करोड़ रुपये के निवेश करार किए गए।

तमिलनाडु और उत्तराखंड का खास नाता

रोड शो को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि तमिलनाडु और उत्तराखंड का आध्यात्मिक रूप से संबंध है। भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग तमिलनाडु में रामेश्वरम और उत्तराखंड में केदारनाथ में विद्यमान हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड और तमिल संगम को आगे बढ़ाया जाएगा।

उत्तराखंड की खूबियों से कराया अवगत

मुख्यमंत्री ने निवेशकों को उत्तराखंड की खूबियों की जानकारी देते हुए बताया कि यहां विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल होने के साथ ही खाद्य प्रसंस्करण, ऑटो कंपोनेंट विनिर्माण, शिक्षा एवं स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में निवेश की अपार संभावनाएं हैं। उत्तराखंड को पीस टू प्रोसपेरिटी के मूल मंत्र के साथ सक्रिय एवं निवेश अनुकूल बनाया जा रहा है। राज्य में पर्यटन, वेलनेस, आयुष, फार्मा के साथ ही वैकल्पिक ऊर्जा और सूचना एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्र को फोकस सेक्टर के रूप में शामिल किया गया है।

सीएम धामी ने कहा कि अब तक आयोजित रोड शो में देश व विदेश से उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिल रही है। कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज व सौरभ बहुगुणा ने भी निवेशक सम्मेलन को संबोधित किया। कार्यक्रम में सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिन कुर्वे, डा आर राजेश कुमार व महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा भी उपस्थित थे।

अब तक 64,725 करोड़ के करार

ब्रिटेन दौरे में- 12,500 करोड़।

दिल्ली में रोड शो के दौरान – 19 हजार करोड़।

दिल्ली में निवेशक सम्मेलन के कर्टेन रेजर कार्यक्रम – 7,600 करोड़ के करार।

संयुक्त अरब अमीरात में दो दिन में 15,475 करोड़।

चेन्नई रोड शो में 10,150 करोड़

उत्तराखंड में आदि कैलाश और मुनस्यारी के बाद अब दारमा घाटी में खुले पर्यटन के द्वार, बेहद खूबसूरत इस जगह पर जाने के लिए पर्यटकों की लगी भीड़

दो माह मार्ग बंद होने से अलग-थलग पड़ी धारचूला की दारमा घाटी में अब पर्यटन के द्वार खुल चुके हैं। मार्ग खुलने के साथ ही पर्यटक दारमा जाकर पंचाचूली ग्लेशियर बेस कैंप तक पहुंचने लगे हैं। आदि कैलास और मुनस्यारी के बाद अब दारमा मार्ग पर भी पर्यटकों की चहल-पहल होने लगी है।

उच्च हिमालयी दारमा घाटी में पंचाचूली ग्लेशियर सर्वाधिक आकर्षक स्थल है। जहां पर जीरो प्वाइंट तक पर्यटक पहुंचते हैं। यहां तक पहुंचना बेहद रोमांचक माना जाता है और पंचाचूली की हिमरेखा तक पहुंचना अपने आप में एक अलौकिक आनंद की अनुभूति कराता है। पंचाचूली ग्लेशियर बेस कैंप तक पहुंचने के लिए इनर लाइन परमिट की औपचारिकता नहीं होने से यहां तक पहुंचना सबसे अधिक सरल है।

प्रकृति की गोद में बसे दारमा

का आकर्षण ऐसा है कि यहां तक मार्ग बनने के बाद सबसे अधिक पर्यटक यहां पहुंचने लगे थे। दारमा घाटी ही जिले की पहली उच्च हिमालयी घाटी है जो सड़क मार्ग से जुड़ी। सड़क मार्ग से जुड़ते ही यहां पर पर्यटकों की आवाजाही बढ़ने लगी।

बढ़ने लगी है पर्यटकों की भीड़

कोरोना काल से पूर्व पंचाचूली ग्लेशियर बेस कैंप तक पहुंचने वालों की प्रतिवर्ष आठ से 10 हजार तक पहुंचने लगी थी। मार्ग बनने से सुबह धारचूला से पंचाचूली बेस कैंप जाकर पर्यटक सायं को धारचूला भी लौट सकते हैं, लेकिन अति सुंदर दारमा वैली के सौंदर्य का आनंद उठाने के लिए पर्यटक बेस कैंप पर बनी आवासीय सुविधा में रहना पसंद करते हैं।

मुनस्यारी के बाद दारमा में होमस्टे की परंपरा

दारमा घाटी तक सड़क पहुंचने के बाद यहां आने वाले पर्यटकों के लिए स्थानीय लोगों ने होमस्टे का संचालन किया। दारमा के होमस्टे पर्यटकों को खासे पसंद हैं। कोरोना काल में भी दारमा में भारी संख्या में पर्यटक पहुंचे थे। बीते वर्ष भी दारमा में पर्यटकों की संख्या अच्छी खासी रही।

इस वर्ष दारमा को जोड़ने वाली तवाघाट-सोबला-ढाकर मार्ग दो माह पूर्व ठाड़ी गाड़ पर बेली ब्रिज के तार टूटने से बंद हो गया। दर के पास मार्ग धंस गया। दो माह बाद बीते सप्ताह मार्ग खुल सका है लेकिन अभी भी मार्ग में कई स्थल खतरनाक बने हैं। इसके बावजूद भी पर्यटक दारमा पहुंचने लगे हैं। इन दिनों बंगाली पर्यटक दारमा पहुंचे हैं।

धारचूला से मात्र चार से पांच घंटे का लगता है समय

धारचूला से पंचाचूली बेस कैंप तक पहुंचने में वाहन से मात्र चार से पांच घंटे का समय लगता है। दुग्तू तक वाहन से जाने के बाद तीन से चार किमी की दूरी तय कर पर्यटक जीरो प्वाइंट पर पहुंचता है। इस वर्ष पर्यटन के पीक समय पर मार्ग बंद होने से दारमा के पर्यटन से जुड़े लोगों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है।

स्थानीय निवासी आन सिंह बताते हैं कि अब मुश्किल से दारमा आने-जाने का एक माह से भी कम समय बच चुका है। वह बताते हैं कि इस समय सात, आठ ही होमस्टे संचालित हो रहे हैं। यह समय अब माइग्रेशन का है।

'आप' सांसद संजय सिंह को कोर्ट से झटका, दिल्ली आबकारी नीति मामले में 10 नवंबर तक बढ़ाई गई न्यायिक हिरासत

#delhi_excise_case_court_extends_judicial_custody_of_sanjay_singh

दिल्ली आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह की न्यायिक हिरासत शुक्रवार को राउज एवेन्यू कोर्ट ने 10 नवंबर तक बढ़ा दी। उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत अवधि समाप्त होने के बाद कोर्ट में पेश किया गया था।बता दें कि संजय सिंह की गिरफ्तारी ईडी ने 4 अक्टूबर को की थी। वहीं कोर्ट में सुनवाई से पहले संजय सिंह ने कहा कि सत्ता के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा।

कोर्ट में सुनवाई के लिए पेश होने से पहले आप सांसद ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा ‘सत्ता में बैठे लोगों के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी। वहीं आप आदमी पार्टी ने नेता का दावा है कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी की साजिश के तहत गिरफ्तार कराया गया है। इससे पहले दिल्ली में केंद्र सरकार और बीजेपी के खिलाफ आम आदमी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का विरोध प्रदर्शन किया।

कोर्ट में हिरासत पर सुनवाई के दौरान विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल ने सिंह को अपने पारिवारिक खर्चों और संसद सदस्य के रूप में क्षेत्र के कामों के लिए दो चेक पर हस्ताक्षर करने की अनुमति दी। जज ने संबंधित जेल अधिकारियों को संजय सिंह के लिए उनके निजी डॉक्टर सहित उचित इलाज सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया।

हरियाणा के 19 साल के गैंगस्टर के खिलाफ इंटरपोल ने जारी किया रेड कॉर्नर नोटिस, जानें योगेश कादियान कैसे पहुंचा यूएस

#interpols_red_corner_notice_against_19_year_old_gangster_yogesh_kadyan

भारत के गैंगस्टर्स इन दिनों दुनियाभर में सुर्खियां बटोर रहे हैं। पिछले कुछ सालों से भारत के भगोड़े कनाडा और अमेरिका में शरण ले रहे हैं। भारतीय जांच एजेंसियों ने इन अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करना शुरू कर दी। जिसके बाद कई गैंगस्टर तो अंडरग्राउंड हो गए लेकिन कुछ फर्जी पासपोर्ट के सहारे विदेश भागने में सफल रहे।इन्ही खुंखार अपराधियों में से एक है 19 साल का योगेश कादयान।हरियाणा के झज्जर के रहने वाले इस गैंगस्टर के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, योगेश पर हत्या के प्रयास, आपराधिक साजिश और आर्म्स एक्ट का आरोप लगा है। सूत्रों के मुताबिक, 19 साल का गैंगस्टर भारत से भागकर अमेरिका में शरण ले चुका है।

बताया जा रहा है कि योगेश कादयान भारत से फरार होने के बाद अमेरिका चला गया और वह वहीं पनाह लिया हुआ है।इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी करते हुआ बताया कि योगेश के खिलाफ अपराधिक साजिश, हत्या के प्रयास, प्रतिबंधित हथियारों और गोल-बारूद के प्रयोग में मामले दर्ज हैं। एजेंसी ने उसके बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उसकी हाईट 1.72 मीटर है और वजन लगभग 70 किलो है। इसके साथ ही उसके बलों और आंखों का रंग भी काला है। इसके साथ ही उसके बाएं हाथ पर एक तिल भी है।

छोटी सी उम्र में योगेश अत्याधुनिक हथियार चलाने में माहिर माना जाता है। बालिग होने से पहले ही वह खतरनाक अपराधों को अंजाम दे चुका है।योगेश शार्प शूटर है और मॉडर्न हथियार चलाने में एक्सपर्ट है। हरियाणा का रहने वाला योगेश पंजाब की कुख्यात बंबीहा गैंग से भी ताल्लुक रखता है। वह गैंगवॉर की कई घटनाओं में शामिल रहा था।

'रथ प्रभारी' नियुक्ति के मामले में चुनाव आयोग ने दिया बड़ा आदेश, मोदी सरकार की योजना को बड़ा झटका

#ec_said_centre_govt_no_officers_as_rath_prabharis_in_five_poll_states

चुनाव आयोग के एक आदेश ने केन्द्र सरकार के एक अभियान पर ब्रेक लगा दिया है। केंद्र सरकार की देशभर में सरकारी अधिकारियों की मदद से 'विकसित भारत संकल्प यात्रा' निकालने की योजना थी। केंद्र ने सरकार की उपलब्धियों को जनता के बीच ले जाने के लिए चुनाव अभियान में संयुक्त सचिवों, निदेशकों और उप निदेशकों को जिला 'रथप्रभारी' के रूप में नियुक्त करने की योजना बनाई है। चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार से प्रस्तावित विकसित भारत संकल्प यात्रा के लिए चुनावी राज्यों में केंद्रीय अधिकारियों को रथ प्रभारी नियुक्त किए जाने से रोकने का निर्देश दिया है। चुनाव आयोग ने गुरुवार को सरकार को केंद्रीय योजनाओं के प्रचार के लिए प्रस्तावित ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’को पांच दिसंबर तक 5 चुनावी राज्यों में नहीं निकालने को कहा। बता दें राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं।

चुनावी राज्यों में ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ पर रोक

चुनाव आयोग ने इस संबंध में कैबिनेट सचिव राजीव गौबा को लेटर लिखा। लेटर में चुनाव आयोग ने कहा कि यह आयोग के संज्ञान में लाया गया है कि वरिष्ठ अधिकारियों को 'जिला रथप्रभारी' या प्रस्तावित कार्यक्रम के लिए विशेष अधिकारियों के रूप में नामित करने के लिए मंत्रालयों को एक पत्र भेजा गया है। लेटर में आयोग ने कहा कि पांच राज्यों - मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना में चुनाव होने हैं, वहां आदर्श आचार संहिता पहले ही लागू हो चुकी है। ऐसे में जिन निर्वाचन क्षेत्रों में आदर्श आचार संहिता लागू है, वहां 5 दिसंबर, 2023 तक गतिविधियां नहीं की जानी चाहिए।

पूर्व नौकरशाहों ने आदेश के खिलाफ राष्ट्रपति को लिखी ती चिठ्ठी

बता दें कि बीते हफ्ते सरकार ने सभी केंद्रीय मंत्रियों को शीर्ष अधिकारियों के नाम देने को कहा था, जिन्हें आगामी विकसित भारत संकल्प यात्रा में अलग-अलग जिलों में रथ प्रभारी बनाया जाएगा। हालांकि सरकार के इस आदेश पर कई अधिकारियों ने नाराजगी जाहिर की है। पूर्व नौकरशाहों ने तो इस आदेश के खिलाफ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को चिट्ठी भी लिखी है। अधिकारियों का कहना है कि नियम, सरकारी अधिकारियों को किसी भी राजनीतिक गतिविधि में शामिल होने की इजाजत नहीं देते। अधिकारियों के एक वर्ग और विपक्ष के एतराज के बीच चुनाव आयोग का निर्देश सामने आया है।

खड़गे ने लिखा था पीएम मोदी को पत्र

वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सरकारी अधिकारियों को रथ प्रभारी बनाने पर कड़ी आपत्ति जता चुके हैं। खरगे ने पत्र में लिखा कि 'यह सेंट्रल सिविल सर्विसेज रूल्स, 1964 का साफ उल्लंघन है, जो कहता है कि कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी राजनीतिक गतिविधि में हिस्सा नहीं लेगा। खरगे ने लिखा कि सरकारी अधिकारी सूचना प्रसारित करें, यह स्वीकार्य है लेकिन सरकारी योजनाओं का जश्न मनाने से वह सत्ताधारी पार्टी के राजनीतिक कार्यकर्ता लगेंगे। तथ्य यह है कि सिर्फ बीते नौ साल की उपलब्धियों का प्रचार किया जा रहा है।

असम में सरकारी कर्मचारी की दूसरी शादी पर पाबंदी, सीएम सरमा ने कहा कि पहले भी यह नियम था

#assam_government_employees_cannot_have_second_marriage

असम की हिमंत बिस्वा सरमा सरकार ने अपने कर्मचारियों पर पति या पत्नी के जीवित रहते हुए किसी अन्य से शादी करने पर रोक लगा दी है। सरमा सरकार ने राज्य में सरकारी कर्मचारियों की शादी के संबंध में 58 साल पुराने इस कानून को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है। यही नहीं, दूसरा विवाह करने पर दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। 

सरकार ने अपने आदेश में कहा है कि कोई भी व्यक्ति अगर इस कानून का उल्लंघन करेगा तो उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। आदेश में कहा गया है कि “कोई भी सरकारी कर्मचारी जिसकी पत्नी जीवित है, वह सरकार की अनुमति के बिना दूसरी शादी नहीं करेगा, भले ही उसे व्यक्तिगत कानून के तहत दूसरी शादी की इजाजत हो। इस कानून के मुताबिक कोई भी सरकारी कर्मचारी अपने पति या पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी नहीं कर सकता। ऐसे पुरुष या महिला को दूसरी शादी करने के लिए सरकार से अनुमति लेनी होगी।

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि यह नियम बहुत पहले से ही है और अब हम इसे लागू करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा, पहले भी यह नियम था, लेकिन हमने इसे लागू नहीं किया था। अब हम इसे लागू करने पर विचार कर रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक यह अधिसूचना कार्मिक अतिरिक्त मुख्य सचिव नीरज वर्मा ने 20 अक्टूबर को ही जारी की थी लेकिन यह गुरुवार को सामने आई है। इस आदेश में 58 साल पुराने असम सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 26 के प्रावधानों का हवाला दिया गया है।