मुजफ्फरपुर में पुलिस द्वारा किये गए अमानवीय कार्य का होईकोर्ट ने स्वत: लिया संज्ञान, राज्य सरकार को दिया यह आदेश
डेस्क : हाजीपुर-मुजफ्फरपुर एनएच के ढोढ़ी पुल के समीप सड़क दुर्घटना में मृत व्यक्ति को मुजफ्फरपुर के पुलिस वाले अस्पताल भेजने के बजाये उसे नहर में फेंकने जाने की खबर पर पटना हाईकोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया है। इस बावत हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया है।
सोमवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के विनोद चन्द्रन और न्यायमूर्ति राजीव रॉय की खंडपीठ ने वेब पोर्टल पर चल रही खबर पर संज्ञान ले कार्रवाई शुरू की। कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामले में खास कर पुलिसकर्मियों को काफी संवेदनशील होना चाहिए। कोर्ट ने राज्य सरकार को गाइड लाइन तैयार करने की बात कही। कोर्ट ने अपने स्तर से भी कुछ गाइडलाइन दिया है। इस केस में केंद्रीय गृह मंत्रालय सहित रेलवे, आरपीएफ के डीजी, राज्य सरकार, गृह विभाग के प्रधान सचिव, डीजीपी, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव और परिवहन विभाग के प्रधान सचिव को प्रतिवादी बनाया है।
जानकारी के अनुसार, एनएच 22 पर हुई सड़क दुर्घटना में एक अज्ञात व्यक्ति की जान चली गई। घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने शव को अस्पताल या पोस्टमार्टम के लिए भेजे जाने की बजाये अमानवीय तरीके से पुल के ऊपर रेलिंग से लाठियों के सहारे नहर में फेंक दिया।
राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि घटना की जानकारी होने के बाद राज्य सरकार ने कार्रवाई की है। कोर्ट ने कोविड के दौरान मृत शवों को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की ओर जारी गाइडलाइन का हवाला देते हुए सरकार को कार्रवाई करने का आदेश दिया।
Oct 10 2023, 09:45