आर्थिक आधार पर सवर्ण आरक्षण को भाकपा (माले) महासचिव ने बताया अनुचित, दिए यह दलील
डेस्क : आर्थिक आधार पर सवर्ण को मिल रहे आरक्षण को भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य अनुचित करार दिया है। दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा है कि आर्थिक आधार पर सवर्ण आरक्षण का हमने शुरुआती दौर से ही विरोध किया है। जातीय सर्वेक्षण के आंकड़ों ने उसे और साफ कर दिया है। आबादी के हिसाब से 8-9 प्रतिशत आबादी को 10 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा है जो अनुचित है।
पटना में मीडिया से बातचीत करते हुए दीपंकर ने कहा कि 2021 में पूरे देश में गणना होनी थी, लेकिन आजादी के बाद पहली बार समय पर जनगणना नहीं हुई। ऐसे में बिहार ने जाति अधारित सर्वे कराकर सराहनीय काम किया है। 1931 की जनगणना के आधार पर ओबीसी 52 प्रतिशत के इर्द-गिर्द थी। इस सर्वे ने बताया कि ओबीसी की आबादी 63 प्रतिशत है। इसमें ईबीसी की आबादी लगभग 37 प्रतिशत है। तब इसके आधार पर चाहे आरक्षण की नीति हो या सरकार की योजनाओं का सवाल हो, अपडेट होने चाहिए। देश में सामाजिक न्याय संबंधी नीतियों को नए सिरे से वंचितों के पक्ष में तय करने की जरूरत है।
एक सवाल के जवाब में दीपंकर ने कहा कि लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग पर हमारी ओर से तेजी लाने के लिए बातचीत जारी है। बिना देरी किए इसपर सहमति बना लेनी चाहिए। पांच राज्यों के आने वाले विस चुनाव के संकेत भाजपा के खिलाफ हैं।
Oct 10 2023, 09:43