पुलिस ने एक मिनी ट्रक पर लदी एक हजार किलो प्रतिबंधित थाई मांगुर मछली किया बरामद, मिनी ट्रक पर लादक ले जाया जा रहा था उत्तर प्रदेश
गया/डोभी। डोभी थाना क्षेत्र अंतर्गत नेशनल हाईवे संख्या 2 पर स्थानीय पुलिस ने कार्रवाई करते हुए प्रतिबंधित थाई मांगुर प्रजाति की मछली को भारी मात्रा में एक मिनी ट्रक से बरामद किया है। प्रतिबंधित मछली को एक मिनी ट्रक पर लादकर कोलकाता से उत्तर प्रदेश ले जाया जा रहा था।
मछलियों की प्रजाति की पहचान होने के बाद पुलिस ने ट्रक पर लदी थाई मांगुर मछली को कब्जे में ले लिया। जिला मत्स्य पदाधिकारी ज्ञान शंकर साहनी के निर्देश पर मछुआरा अनिल कुमार, मत्स्य प्रसार पदाधिकारी सुनील कुमार, मत्स्य विकास पदाधिकारी दानिश आलम ने बताया कि गड्ढा खोदकर मछलियों को नष्ट डोभी नीलांजना नदी के तट पर जेसीबी मशीन की सहयोग से गड्ढा कर नष्ट किया गया है। ज्ञात हो की डोभी थाने की पुलिस को गुप्त सूचना प्राप्त हुई कि प्रतिबंधित मछली की प्रजाति थाई मांगुर की तस्करी की जा रही है। इसके बाद स्थानीय पुलिस ने जीटी रोड नेशनल हाईवे दो पर डोभी ओवर ब्रिज पुल के ऊपर मिनी ट्रक को रोकर जांच किया।
जांच में इसमें थाई मांगुर प्रजाति की मछलियां पाई गई। स्थानीय पुलिस ने जब्त टाटा कंपनी के मिनी ट्रक जिसका रजिस्ट्रेशन संख्या डब्लू बी 25 एल 4890 को डोभी डाक बंगला थाना परिसर में सुरक्षित रखा है। स्थानीय पुलिस मछलियों को गड्ढा खोदकर नष्ट करने में जुटी हुई है। साथ ही ट्रक को भी जब्त कर लिया गया है। हालांकि पुलिस की कार्रवाई के दौरान ट्रक के चालक भाग गए। बताया जाता है कि ट्रक में बड़े-बड़े लोहे के गैलन में पानी भरकर मछलियों को रखा गया था। मत्स्य प्रसार पदाधिकारी सुनील कुमार ने बताया कि थाईलैंड में पाए जाने वाली थाई मांगुर मछली पूरी तरह से मांसाहारी मछली है। इसकी विशेषता यह है कि यह किसी भी पानी दूषित पानी में तेजी से बढ़ती है, जहां अन्य मछलियां पानी में ऑक्सीजन की कमी से मर जाती है लेकिन यह जीवित रहती है।
भारत सरकार ने साल 2000 में ही थाई मांगुर मछली के पालन और बिक्री पर रोक लगा दी थी। लेकिन इसकी बिक्री जारी है। इस मछली के सेवन से घातक बीमारी हो सकती है। इसे कैंसर का वाहक भी कहा जाता है। यह मछली मांस खाती है। सड़ा हुआ मांस खाने के कारण इन मछलियों के शरीर की वृद्धि एवं विकास बहुत तेजी से होता है। यही कारण है कि यह मछलियां 3 माह में 2 से 10 किलोग्राम वजन की हो जाती है। इन मछलियों के अंतर्गत घटक हेवी मेटल, जिसमें आरसेनिक, कैडमियम, क्रोमियम, मरकरी, लेड अधिक पाया जाता है जो स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक है।
रिपोर्ट: महेंद्र कुमार।
Oct 08 2023, 20:57