/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1694528675476394.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1694528675476394.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1694528675476394.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1694528675476394.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1694528675476394.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1694528675476394.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1694528675476394.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1694528675476394.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1694528675476394.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1694528675476394.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1694528675476394.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1694528675476394.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1694528675476394.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1694528675476394.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1694528675476394.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1694528675476394.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1694528675476394.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1694528675476394.png StreetBuzz चाँद पर हुई सुबह, क्या फिर से एक्टिव हो पायेगा विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ? Neha Rajput
चाँद पर हुई सुबह, क्या फिर से एक्टिव हो पायेगा विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ?

News Desk: भारत की मून मिशन चंद्रयान 3 ने चाँद के दक्षिणी धुर्व पर सफल लैंडिंग कर इतिहास रच दिया. चाँद पर पहुँचते ही विक्रम लैंडर से बहार निकले प्रज्ञान रोवर ने 14 दिन तक कई नई-नई जानकारियां दी. 14 दिन के बाद जैसे ही चाँद पर रात हुई विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को स्लीप मोड में डाल दिया गया. अब 14 दिन के बाद दोनों का जागने का वक़्त हो गया है. जी हां ...चांद के दक्षिणी धुर्व के पास सूर्योदय की शुरुआत हो गई है. अब साउथ पोल रीजन के शिव शक्ति पॉइंट जहां चंद्रयान-3 का लेंडर और रोवर स्लीप मोड में है वहां रोशनी पहुंचने लगी है. लेकिन सवाल ये है कि क्या विक्रम और प्रज्ञान जाग पाएंगे. 

बता दे कि इनके सोलर पैनल पर माइंस 10 डिग्री सेल्सियस से ऊपर का तापमान पड़ते ही अगर बैटरी खराब नहीं हुई है तो चार्ज होने लगेगी. तब इनसे दोबारा कम्युनिकेशन स्थापित हो सकेगा. चंद्रयान-3 की टेक्निकल स्टेटस की मॉनिटरिंग शुरू हो चुकी है. इसरो ने लैंडर और रोवर को स्लीप मोड में डालने से पहले बैटरी को फुल चार्ज रखा था. रोवर को ऐसी दिशा में रखा गया था कि सूर्योदय होने पर सूर्य का प्रकाश सीधे सौर पैनलों पर पड़े. उम्मीद की जा रही है कि 23 सितंबर को ये फिर से काम करना शुरू करेगा.

टेक्निकल कैसे करेगा काम 

इसरो की ओर से लैंडर के ऑनबोर्ड कंप्यूटर में सबसे पहले कम्युनिकेशन कमान भेजे जाएंगे. अगर लैंडर और रोवर की बैटरी फिर से चार्ज हो रही होगी तो इसरो के कमान का तत्काल रिस्पांस इन यंत्रों से तुरंत धरती के कमांड सेंटर पर मिलेगा. इसके बाद विक्रम और प्रज्ञान की तकनीकी स्थिति का आंकलन किया जाएगा.

अगर सब कुछ ठीक रहा तो दोबारा चांद की धरती पर वन लूनर डे यानी धरती के 14 दिनों तक प्रज्ञान के पेलोड्स के जरिए चांद की मिट्टी और भूकंपीय गतिविधियों का अध्ययन शुरू होगा. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि विक्रम और प्रज्ञान दोबारा काम करना शुरू कर सकते हैं.

MOTIHARI: धान की भूसी में छुपा कर हो रही थी शराब की तस्करी, पुलिस ने तस्कर को धर दबोचा
मोतिहारी पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए ट्रक पर लदी शराब की एक बड़ी खेप के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया है।मोतिहारी पुलिस को मद्य निषेध पटना से गुप्त सूचना मिली की पंजाब से धान की भूसी में छुपा कर

मोतिहारी पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए ट्रक पर लदी शराब की एक बड़ी खेप के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया है।मोतिहारी पुलिस को मद्य निषेध पटना से गुप्त सूचना मिली की पंजाब से धान की भूसी में छुपा कर

झारखण्ड में पहली बार आया विस्टाडोम कोच, यात्री ले सकेंगे सफर का भरपूर आनंद

News Desk: गिरिडीह के लोगों को आज ट्रेन की बड़ी सौगात मिली. रांची-न्यू-गिरिडीह रांची इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन का शुभारंभ किया गया. इस ट्रेन की सबसे बड़ी खासियत यह है की इसमें विस्टाडोम कोच की व्यवस्था की गई है. यह कोच पुरी तरह से पारदर्शी है. इसमें बैठकर लोग झारखंड की प्राकृतिक सौंदर्य को देख सकेंगे.

रांची और गिरिडीह के बीच ट्रेन के परिचालन से लोगों में काफी उत्साह देखा गया . गिरिडीह के लोगों के लिए आज का दिन काफी यादगार और सुनहरा रहा.

केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने न्यू गिरिडीह रेलवे स्टेशन से गिरिडीह रांची एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. ट्रेन के शुरू होने से गिरिडीह वासियों की वर्षों पुरानी मांगे पूरी हुई है. ट्रेन में सफर करने को लेकर लोगों में काफी उत्साह दिखा. उद्घाटन के मौके पर काफी संख्या में लोगों ने इस ट्रेन से सफर किया.

विस्टाडोम की खासियत 

विस्टाडोम कोच पूरी तरह से पारदर्शी है. इस ट्रेन में सफर के दौरान लोग झारखंड की सुंदर दृश्य का आनंद ले सकेंगे. विस्टाडोम को एक प्रकार की टूरिस्ट कोच हैं. जिनकी ग्लास की खिड़कियां बड़ी होती है और साथ ही ऊपर के छत भी शीशे की होती है. इसमें यात्रा करते समय यात्री साइड के साथ ऊपर की तरफ का दृश्य भी देख सकते हैं. विस्टाडोम कोच को बहुत अच्छे से डिजाईन कर के बनाया गया है जो लोगों को काफी आकर्षित करता है . इस ट्रेन में मुवेबल चेयर्स है. हालांकि इस ट्रेन में सफर करना थोड़ा महंगा होगा.

भारत की बहुमूल्य ‘वाघ नख’ की होगी घर वापसी, UK ने वापस करने पर जताई सहमति

News Desk: भारत- सोने की चिड़िया कहा जाने वाला देश एक समय में था. जहाँ धन संपदा की कोई कमी नहीं थी. भारत का इतिहास गौरवशाली रहा है. इस सोने की चिड़िया पर हर किसी की नज़र थी. हर कोई भारत में राज करना चाहता था. और हुआ भी वही...

सोने की चिड़िया पर मुगलों और अंग्रेजो की बुरी नज़र पड़ गई. धनसंपदा के कारण विदेशियों ने देश पर आक्रमण किया था. पहले मुगलों और फिर अंग्रेजों ने यहां शासन किया. ब्रिटिश राज ने भारत की बहुमूल्‍य वस्‍तुओं को भारत से लूटा या जबरन हासिल कर के ले गये. जिसे आजादी के बाद से वापस लाने के प्रयास किए जा रहे हैं. 

जल्द ही वापस आएगा वाघ नख

इनमें से ज्‍यादातर कलाकृतियों को ब्रिटेन में विभिन्‍न संग्रहालयों में सहेजा गया है. अब देश वासियों के लिए अच्छी खबर है की भारत की बहुमूल्‍य वास्तु को वापस लाने की कोशिश की जा रही है . इस कड़ी में छत्रपति शिवाजी के वाघ नख (Wagh Nakh) की जल्‍द ही देश में वापस लाया जाएगा. 

शिवाजी महाराज का खास हथियार बाघ नख की अब घर वापसी होगी, यूनाइटेड किंगडम के अधिकारियों ने इसे वापस करने पर सहमति जता दी है. 

 यह वही हथियार है जिससे शिवाजी ने बीजापुर सल्तनत के धोखेबाजी सेनापति अफजाल खान को मौत के घाट उतारा था. फिलहाल ये वाघ नख लंदन के विक्टोरिया एंड अल्बर्ट म्यूजियम में रखा है. यह वाघ नख भारत की अमूल्‍य धरोहर है और छत्रपति शिवाजी के शौर्य की याद दिलाती थी. 

क्या है वाघ नख

वाघ नख’ हथेली में छुपाकर पहना जाने वाले लोहे का हथियार है जिसे बाघ,सिंह और चीते जैसी जंगली जानवर के पंजों से प्रेरणा लेकर बनाया गया था. ये अंगुली के जोड़ों पर पहना जाता है. इसमें चार नुकीले कांटे होते हैं जो कि लोहे के आधार से फिक्‍स होते हैं. इन कांटों से दुश्‍मन के सीने को निशाना बनाया जाता है. वाघ नख’के कांटे इतने नुकीले होते हैं कि इसके हमले से दुश्‍मन की मौत होना तय है. लंबे कद और मजबूत कद काठी के अफजल खान ने शिवाजी को मिलने के लिए बुलाया था. उसकी योजना छोटे कद लेकिन फौलादी इरादों वाले शिवाजी से गले मिलने के बहाने उन्‍हें बांहों में भरकर जान लेने की थी लेकिन मराठा छत्रप ने खतरे को भांप लिया. जैसे ही अफजल ने बांहों में भरकर दबाने की कोशिश की,शिवाजी ने वाघ नख से उसके सीने को चीर दिया था.

भारत की वे प्रमुख बेशकीमती धरोहरें, जिन्‍हें वापस लाने का हो रहा प्रयास जिनमे कोहिनूर हीरा, शिवाजी महाराज की जगदंबा तलवार , टीपू सुल्‍तान का बाघ, महाराजा रणजीत सिंह का सिंहासन , भगवान बुद्ध की प्रतिमा शामिल है.

सनातन संस्कृति ही नहीं, विज्ञान भी समाया है कोणार्क चक्र में, मोदी ने वैश्विक नेताओं को दिखाया सूर्य चक्र

News Desk: G20 समिट के दौरान पीएम मोदी जिस पहिये के सामने खड़े होकर मेहमानों का स्वागत कर रहे थे उस सूर्य चक्र का सिर्फ धार्मिक या आस्था से जुड़ा हुआ महत्व नहीं था, बल्कि उसका अपना वैज्ञानिक पहलू भी है. दुनिया के नेताओं को भी सूर्य चक्र रोमांचित कर रहा था. असल में यह मंदिर सूर्य के विशालकाय रथ के पहिया की तरह बनाया गया है.

कोणार्क के सूर्य मंदिर में बने चक्र को कई नामों से बुलाया जाता है. इसे सूर्य चक्र, धर्म चक्र या समय चक्र भी कहते हैं. कोणार्क का सूर्य मंदिर अपनी पथरीली कलाकृतियों के लिए भी जाना जाता है. जिसे सात घोड़े खींचते हैं. इस रथ में 12 जोड़े पहिए लगे हैं. यानी कुल मिलाकर 24 पहिए. हर पहिए पर शानदार नक्काशी है. लेकिन ये पहिए हमारे जीवन से संबंधित कई वैज्ञानिक बातें बताते हैं.

चलिए हम विस्तार से जानते है इस चक्र की कहानी, इसके पीछे का वैज्ञानिक पहलू और इससे क्या संदेश देने की कोशिश की गई है.

13वीं शताब्दी में मंदिर का हुआ था निर्माण

उड़ीसा के कोणार्क में सूर्य मंदिर का निर्माण 13वीं शताब्दी में गंग राजवंश के राजा नरसिम्हा देव प्रथम के शासनकाल में कराया गया था. सनातन धर्म में ऐसी मान्यता है कि भगवान सूर्य के रथ को सात घोड़े खींचते हैं और उसमें 12 पहिए लगे हुए हैं. उसी को ध्यान में रखते हुए इस मंदिर को रथ के आकार का बनाया गया है. कोणार्क सूर्य मंदिर में बना ये चक्र सिर्फ सनातन धर्म की तरफ ही इंगित नहीं करते हैं बल्कि कई सारी वैज्ञानिक बातें भी बताते हैं. ये पहिए बताते हैं कि आखिर कैसे पूरी दुनिया सूर्य की ऊर्जा से चलती है.

सात घोड़े यानी हफ्ते के साथ दिन

यहां मौजूद हर पहिए मैं आठ मोटी और 8 पतली तिलिया है. सात घोड़े यानी हफ्ते के साथ दिन . 12 पहिए यानी साल के 12 महीने जबकि इनका जोड़ा यानी 24 पहिए मतलब दिन का 24 घंटा. इसके अलावा आठ मोटी तिलिया आठ पहर यानी हर 3 घंटे के समय को दर्शाती है. असल में इन पहियों को जीवन का पहिया कहा जाता है इससे यह भी पता चलता है सूर्योदय कब होगा और सूर्यास्त कब होगा.

तीलियों का क्या मतलब

इस चक्र में तीलियों का क्या मतलब है इसको हम जानते हैं. इस सूर्य चक्र में कुल आठ मोटी और आठ पतली तिलिया है. हर तिल्ली के बीच में 30 बिंदु है. हर बिंदु 3 मिनट का समय बताता है. यानी कुल 90 मिनट हर मोटी तीली के बीच में मौजूद है. पतली तिल्ली डेढ़ घंटे के समय का इशारा है और मध्य में जो मोटी तिल्ली है वह रात के 12:00 बजे का समय बताती है.

12 चक्र 12 राशियों के घोतक

कोणार्क के सूर्य मंदिर के 12 चक्र भारतीय ज्योतिष शास्त्र की 12 राशियों के घोतक है. इसलिए इस चक्र को धर्म चक्र भी कहा जाता है. इस मंदिर में बने 24 चक्र में से दो चक्र ऐसी जगह पर बने हैं जहां से आप उनके अक्ष यानी एक्सेल के बीच में उंगली रखते हैं तो उसकी परछाई से आप सही समय का पता लगा सकते हैं. इन तिल्लियों की मदद से सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त का समय पता लगाया जा सकता है इसलिए इसको सूर्य घड़ी भी कहते हैं. कोणार्क सूर्य मंदिर को 1984 में वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित भी किया जा चुका है.

सूर्य चक्र भारत के प्राचीन ज्ञान वास्तु आधारित शिल्पकला का असाधारण उदाहरण है. इसी के चलते भारत सरकार ने इस चक्र का इस्तेमाल 10 और 20 के भारतीय करेंसी में भी किया है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाईडेन को पीएम मोदी ने इन्हीं विशेषताओं के बारे में जानकारीयां दी.

सिनेमाघरों में चल रहा जवान का जादू, बॉक्स ऑफिस पर बना रही है नए रिकॉर्ड

Entertainment desk: बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान की फिल्म जवान इन दिनों सिनेमाघरों में अपना जादू बिखेर रही है. फिल्म हर दिन बॉक्स ऑफिस पर नए रिकॉर्ड बना रही है. फिल्म ने अब तक वर्ल्डवाइड 350 करोड़ से ज्यादा का कलेक्शन कर लिया है.

नए अवतार में दिखे शाहरुख खान


इससे पहले शाहरुख खान की जनवरी में आई पठान को ये आंकड़ा पार करने में तीन दिन लगे थे. वहीं सनी देओल की गदर 2 ने 4 दिनों में ये रिकॉर्ड बनाया था.

जवान' में शाहरुख एक ऐसे अवतार में दिख रहे हैं, जैसा उन्हें पहले कभी नहीं देखा गया. शाहरुख के एक्शन, इंटेंस लुक्स और स्वैग का क्रेज थिएटर्स में ऐसा चल रहा है कि टिकट मिलना भी मुश्किल रहा हो रहा है .

फैंस का भरपूर मिला प्यार


शाहरुख की दोनों फिल्मों के बाद तीसरे नंबर पर इस साल रिलीज हुई 'गदर 2' आती है. सनी देओल की फिल्म ने 5 दिन में 200 करोड़ का आंकड़ा पार किया था.

शाहरुख खान की जवान को फैंस का भरपूर प्यार मिल रहा है. फिल्म एक बाप-बेटे की कहानी है. जो कई तरह के सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों को उजागर करती है. जवान में शाहरुख के साथ नयनतारा, सान्या मल्होत्रा, प्रियामणि और रिद्धी डोगरा भी अहम रोल निभाती नजर आई हैं. 

एटली के डायरेक्शन में बनी फिल्म जवान 7 सितंबर को रिलीज हुई थी. फिल्म ने अपने ओपनिंग डे पर 75 करोड़ रुपए कमाए थे. इस तरह फिल्म हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की हाईएस्ट ओपेनर बन गई है.