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*चीन में विदेश मंत्री के बाद रक्षामंत्री भी लापता! दो हफ्तों से कहीं नजर नहीं आए, घर में नजरबंद किए जाने की अटकलें

#chinasdefenceministermissingforovertwoweeks

चीन में लगातार मंत्रियों और कमांडरों के गायब होने का सिलसिला जारी है। कुछ समय पहले ही सेना के दो कमांडर और विदेश मंत्री के बाद अब चीन के रक्षा मंत्री भी गायब हो गए हैं। चीन के नए रक्षामंत्री ली शांगफू पिछले दो हफ्तों से कहीं नजर नहीं आए हैं। ऐसे में उनके लापता होने की खबरें जोर पकड़ने लगी हैं। वहीं शी जिनपिंग सरकार ने इस मामले में चुप्‍पी साध रखी है। इससे पहले चीन के व‍िदेश मंत्री रहे किन गांग भी कई दिनों तक गायब रहे थे और बाद में उन्‍हें पद से ही हटा दिया गया था। 

चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू करीब दो हफ्तों से गायब हैं। किसी को नहीं पता कि वे कहां हैं. अब सार्वजनिक जीवन में उनकी अनुपस्थिति को लेकर अफवाहें फैल रही हैं। इस बारे में जापान में अमेरिकी राजदूत रहम इमैनुएल ने शुक्रवार (15 सितंबर) को एक सोशल मीडिया पोस्ट में सवाल किया कि क्या चीन के रक्षा मंत्री को घर में नजरबंद कर दिया गया है? राजदूत ने कहा कि इससे चीन की जनता में दो हफ्ते से भ्रम बढ़ गया है।

घर में नजरबंद किया गया ?

एक्स पर एक पोस्ट में रहम इमैनुएल ने लिखा, "पहला: रक्षा मंत्री ली शांगफू को तीन हफ्ते से न तो देखा गया है और न ही सुना गया है। दूसरा: वह अपनी वियतनाम यात्रा पर भी नहीं देखे गए। अब रक्षा मंत्री शांगफू सिंगापुर के नौसेना प्रमुख के साथ अपनी निर्धारित बैठक से अनुपस्थित रहे क्योंकि उन्हें घर में नजरबंद कर दिया गया था?" इस पोस्ट के साथ हैशटैग " लिखा है।

“शी की कैबिनेट की कहानी अगाथा क्रिस्टी के उपन्यास जैसी”

राजदूत रहम इमैनुअल ने अपने पोस्ट में कहा कि राष्ट्रपति शी की कैबिनेट की कहानी अगाथा क्रिस्टी के उपन्यास 'एंड देयर वर नन' से मिलती जुलती है। उन्होंने कहा कि पहले विदेश मंत्री किन गैंग, फिर रॉकेट फोर्स कमांडर और अब रक्षा मंत्री ली शांगफू लापता हैं। 

29 अगस्‍त को आखिरी बार देखे गए थे रक्षा मंत्री

रिपोर्ट के अनुसार, चीनी रक्षा मंत्री को आखिरी बार 29 अगस्‍त, 2023 को देखा गया था, जब उन्होंने बीजिंग में हुए चीन- अफ्रीका पीस ऐंड सिक्योरिटी फोरम की बैठक में भाग लिया था. इसके बाद से चीनी रक्षामंत्री सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आये हैं.

भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के बीच गायब हुए ली

ली शांगफू के इस तरह से गायब होने के बाद तमाम तरह की अटकलें लगने लगी हैं। चीन के रक्षा मंत्री तब गायब हुए हैं, जब पांच साल पहले की गई हार्डवेयर खरीद से जुड़े भ्रष्टाचार के मामलों की जांच की जा रही है। गौरतलब है कि ये जांच जुलाई में शुरू की गई थी। हालांकि चीनी सेना का कहना है कि वह अक्टूबर 2017 से ही इन मुद्दों की जांच कर रही है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ली सितंबर 2017 से 2022 तक उपकरण विभाग में कार्यरत थे। हालांकि, उनपर कोई आरोप नहीं है। 

बता दें कि इससे पहले चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने जुलाई में अपने चुने हुए विदेश मंत्री किन गैंग को अचानक हटा लिया था। उसके बाद उनकी जगह पर वांग यी को विदेश मंत्री बनाने की खबर सामने आ गई थी। हालांकि, इससे पहले उनके गायब होने की खबरें चर्चा में थी। किन गैंग का अचानक गायब होना आज भी लोगों के लिए अबूझ पहेली बना हुआ है। दरअसल, उन्हें अभी तक सार्वजनिक तौर पर नहीं देखा गया है। किन गैंग को हटाने के बाद शी जिनपिंग ने रॉकेट फोर्स के जनरल ली यूचाओ और जनरल लियू गुआंगबिन को भी बर्खास्‍त कर दिया था।

केरल में निपाह का एक और केस आया सामने, अब तक दो लोगों की हो चुकी है मौत, अलर्ट मोड पर सरकार

#keralanipahvirusonemorecaseconfirmed

केरल में निपाह वायरस से संक्रमित एक और मरीज की पहचान हुई है। इसके साथ ही कोझिकोड में निपाह वायरस के कुल मामलों की संख्या छह हो गई है।न‍िपाह वायरस की चपेट में आए मरीजों में से अब तक दो लोगों की मौत भी हो चुकी है। न‍िपाह वायरस से हुई दो लोगों की मौत के बाद से राज्‍य सरकार पूरी तरह से अलर्ट मोड में आ गई है और कई प्रकार की एडवाइजरी भी जारी की है।केरल के कोझिकोड में 39 साल का व्यक्ति वायरस से संक्रमित पाया गया है।इसकी पुष्‍ट‍ि स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री कार्यालय की ओर से की गई है।राज्य के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक एक्टिव केस बढ़कर 4 हो गए हैं।संक्रमितों में से एक 9 वर्षीय बच्चे की स्थिति गंभीर है। केरल में अब तक निपाह के कुल 6 केस आ चुके हैं जिसमें 2 लोगों की मौत हो चुकी है।

मरीज के संपर्क में आए 950 लोगों की पहचान

हालिया, मरीज की पहचान के बाद संपर्क वाले 15 सैंपलों को लैब में जांच के लिए भेजा गया है। ग्राम पंचायत में अबतक 950 लोगों की पहचान हुई है जो संक्रमित मरीज के संपर्क में आए थे। इनमें 213 हाई-रिस्क कैटगरी में हैं। 287 स्वास्थ्यकर्मी भी कॉन्टेक्ट लिस्ट में हैं। चार हाई-रिस्क वाले लोगों को प्राइवेट अस्पताल में रखा गया है और मरीजों के संपर्क में आए 17 लोगों को कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में सर्विलांस पर रखा गया है।

ग्राम पंचायतों को क्वारंटीन जोन घोषित किया गया

राज्य सरकार ने संक्रमण फैलने से रोकने के लिए तैयारियां मजबूत कर ली हैं। कोझिकोड में संक्रमण मिलने वाली ग्राम पंचायतों को क्वारंटीन जोन घोषित कर दिया गया है।वायरस के प्रसार को देखते हुए कोझिकोड जिला प्रशासन ने शिक्षण संस्थानों और कोचिंग सेंटरों में 16 सितंबर तक अवकाश घोषित कर दिया है, लेकिन विश्वविद्यालय के परीक्षा कार्यक्रम में कोई फेरबदल नहीं किया गया है।

वायरस से निपटने के लिए टीम तैयार

निपाह वायरस को लेकर नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल, आरएमएल अस्पताल और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेज की टीम तैयार की गई है। यह टीम केरल सरकार को वायरस को कंट्रोल करने में सहयोग दे रही है। इस बीच इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने बायोसेफ्टी लेवल-3 कंटोनमेंट मोबाइल लेबोरेट्री तैयार किया है, जो जिला स्तर पर वायरस से निपटने में मदद करेगी। इससे वायरस की समय रहते पहचान की जा सकेगी और उसे काबू किया जा सकेगा।

कर्नाटक सरकार ने जारी किया सर्कुलर

वहीं केरल के पड़ोसी राज्य कर्नाटक में सरकार ने एक सर्कुलर जारी किया है। इसमें आम जनता को केरल के प्रभावित इलाकों में सफर करने से बचने की सलाह दी है। सर्कुलर में अधिकारियों को केरल की बॉर्डर से जुड़े जिले (कोडागु, दक्षिण कन्नड़, चामराजनगर और मैसूर) में निगरानी तेज करने के भी आदेश दिए गए हैं।

सूर्य की ओर तेजी से बढ़ता जा रहा है आदित्य एल1, सफलतापूर्वक चौथी बार बदली कक्षा

#aditya_l1_got_another_success_orbit_changed_for_the_fourth_time 

भारत के पहले सूर्य मिशन आदित्य एल1 ने सूर्य की ओर एक और कदम बढ़ा लिया है।दरअसल, सूर्य मिशन पर निकले आदित्य-एल1 ने चौथी बार कक्षा बदलने की प्रक्रिया को पूरा कर लिया है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने आज यानी शुक्रवार देर रात इस प्रक्रिया को पूरा किया।इसके लिए इसरो ने कुछ देर के लिए थ्रस्टर फायर किए गए। इस बारे में अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने एक्स पर पोस्ट कर जानकारी दी।

इसरो ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘चौथी बार पृथ्वी की कक्षा परिवर्तन की प्रक्रिया (EBN-4) को सफलतापूर्वक निष्पादित किया गया। मॉरीशस, बेंगलुरु, एसडीएससी-एसएचएआर और पोर्ट ब्लेयर में इसरो के ‘ग्राउंड स्टेशनों’ ने इस अभियान के दौरान उपग्रह की निगरानी की।इसरो ने कहा, ‘कक्षा परिवर्तन की अगली प्रक्रिया ‘ट्रांस-लैग्रेजियन पॉइंट 1 इंसर्शन’ (TL1I), 19 सितंबर को देर रात लगभग 2 बजे निर्धारित है।’

पहले तीन बार हो चुका है अर्थ-बाउंड फायर

आदित्य एल1 की वर्तमान कक्षा 256 किलोमीटर x 121973 किलोमीटर है। इससे पहले, इसरो ने 10 सितंबर को रात करीब 2.30 बजे तीसरी बार आदित्य L1 स्पेसक्रॉफ्ट की ऑर्बिट बढ़ाई थी। तब इसे पृथ्वी से 296 किमी x 71,767 किमी की कक्षा में भेजा गया था। उससे पहले, तीन सितंबर को आदित्य एल1 ने पहली बार सफलतापूर्वक कक्षा बदली थी। इसरो ने सुबह करीब 11.45 बजे बताया था कि आदित्य एल-1 की अर्थ बाउंड फायर किया था, जिसकी मदद से आदित्य एल1 ने कक्षा बदली। वहीं, इसरो ने दूसरी बार पांच सितंबर को अपनी कक्षा बदली थी। इसरो ने ट्वीट कर इसकी भी जानकारी दी थी। इसरो के अनुसार, आदित्य-एल1 16 दिन पृथ्वी की कक्षा में बिताएगा। इस दौरान पांच बार आदित्य-एल1 की कक्षा बदलने के लिए अर्थ बाउंड फायर किया जाएगा। 

फिर शुरू होगी 110 दिन की प्रक्षेप पथ यात्रा

पृथ्वी के चारों ओर आदित्य एल1 की 16 दिन की यात्रा के दौरान यह प्रक्रिया की जा रही है, जिसके दौरान आदित्य-एल1 अपनी आगे की यात्रा के लिए जरूरी स्पीड को हासिल कर लेगा। पृथ्वी से जुड़े कक्षा परिवर्तन की 4 प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद आदित्य एल 1 अगले ट्रांस-लैग्रेंजियन1 सम्मिलन की कक्षा में प्रवेश की प्रक्रिया से गुजरेगा, जो एल1 लैग्रेंज बिंदु के आसपास गंतव्य के लिए अपने लगभग 110-दिवसीय प्रक्षेप पथ की शुरुआत करेगा। बता दें कि एल1 पृथ्वी और सूर्य के बीच एक संतुलित गुरुत्वाकर्षण स्थान है।

आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान को सौर कोरोना (सूर्य की सबसे बाहरी परतों) के दूरस्थ अवलोकन और एल-1 (सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंजियन बिंदु) पर सौर हवा के यथास्थिति अवलोकन के लिए बनाया गया है। एल-1 पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर है। जहां से वह सूर्य के रहस्यों को समझने की कोशिश करेगा।

पहले डेंगू-मलेरिया से की सनातन धर्म की तुलना, अब हिंदी भाषा को लेकर जताया एतराज

#udhayanidhistalinremarksonhindi

तमिलनाडु सरकार में मंत्री और डीएमके के नेता उदयनिधि स्टालिन ने पहले सनातन धर्म को खत्म करने की बात कही अब हिंदी भाषा को लेकर हमलावर है। दरअसल, मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर हिंदी थोपने का आरोप लगाया है।

सनातन को मिटाने की बात करने वाले उदयनिधि स्टालिन अब वह हिंदी दिवस पर गृह मंत्री अमित शाह के 'हिंदी प्रेम' पर सवाल उठा रहे हैं। इस बार हिंदी दिवस पर गृह मंत्री अमित शाह ने एक संदेश जारी कर कहा कि हिंदी ने न कभी दूसरी भारतीय भाषाओं के साथ प्रतिस्पर्धा की है और न ही करेगी। कोई देश तभी मजबूत होकर उभर सकता है जब उसकी सभी भाषाएं मजबूत हों। गृह मंत्री ने विश्वास जताया कि हिंदी सभी स्थानीय भाषाओं को सशक्त बनाने का माध्यम बनेगी।

अमित शाह ने एक्स पर पोस्ट किया,' हिंदी दिवस के अवसर पर सभी को शुभकामनाएं देता हूं। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत की भाषाओं की विविधता को एकता के सूत्र में पिरोने का नाम 'हिंदी' है। स्वतंत्रता आन्दोलन से लेकर आजतक देश को एकसूत्र में बांधने में हिंदी की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। आइए, ‘हिंदी दिवस’ के अवसर पर राजभाषा हिंदी सहित सभी भारतीय भाषाओं को सशक्त करने का संकल्प लें।'

हिंदी भाषा को लेकर शाह पर साधा निशाना

हालांकि, उदयनिधि स्टालिन को अमित शाह की ये बात रास नहीं आई और उन्होंने पलटवार किया। अमित शाह की टिप्पणी पर उदयनिधि स्टालिन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर तमिल में लिखा, ''केंद्रीय मंत्री ने ये टिप्पणी करके हमेशा की तरह हिंदी के प्रति अपना प्रेम दिखाया है कि हिंदी ही लोगों को एकजुट करती है और क्षेत्रीय भाषाओं को मजबूत बनाती है। ये नजरिए हिंदी के प्रति मचे शोर का ही बदला हुआ रूप है।डीएमके नेता ने आगे सवाल किया कि तमिलनाडु में ये तमिल है और पड़ोसी राज्य केरल की भाषा मलयालम है। हिंदी कैसे इन दो राज्यों को जोड़ रही है? कैसे ये सशक्त बना रही है? उन्होंने स्टापहिंदीइम्पोजिशन हैशटैग लगाते हुए लिखा अमित शाह को गैर-हिंदी भाषाओं को प्रांतीय भाषा कहकर उनका अपमान करना बंद करना चाहिए।

डेंगू-मलेरिया से की थी सनातन धर्म की तुलना

इससे पहले उदयनिधि स्टालिन ने हाल ही में सनातन धर्म को जड़ से मिटाने का आह्वान किया। डीएमके चीफ और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने एक कार्यक्रम में सनातन की तुलना बीमारियों से करते हुए कहा 'हमें मच्छर, डेंगू बुखार, मलेरिया, कोरोना वायरस इत्यादि का विरोध नहीं करना चाहिए। हमें इसका उन्मूलन करना चाहिए। सनातन धर्म भी ऐसा ही है। हमें इसका विरोध नहीं करना है, बल्कि इसका उन्मूलन करना है।' बयान पर विवाद बढ़ा लेकिन उदयनिधि उस पर कायम रहे।

*मुंबई हवाई अड्डे के रनवे से फिसला चार्टर्ड प्लेन, खराब मौसम के कारण हादसा, सभी यात्री सुरक्षित

#mumbai_charter_plane_crashes_at_mumbai_airport

मुंबई एयरपोर्ट पर गुरुवार को हादसा हो गया। एक प्राइवेट एयरक्राफ्ट रनवे पर फिसल गया। ये हादसा लैंडिंग के वक्त हुआ।विमान में आठ लोग सवार थे। फिलहाल किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।बीएमसी के मुताबिक, चार्टर्ड विमान में सवार लोगों में से तीन को घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने बताया कि विशाखापत्तनम से मुंबई आया वीएसआर वेंचर्स लियरजेट 45 विमान वीटी-डीबीएल विमान मुंबई हवाई अड्डे के रनवे 27 पर उतरते समय फिसल (वेर ऑफ) गया। विमान में छह यात्री और दो चालक दल के सदस्य सवार थे। भारी बारिश के साथ दृश्यता 700 मीटर थी। फिलहाल किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।

यह हादसा एयरपोर्ट के रनवे 27 पर हुआ। इस विमान के रनवे से फिसलने के बाद दो टुकड़े हो गए और इसमें आग भी लग गई थी। जिस पर तुरंत काबू पा लिया गया।ये प्राइवेट चार्टर्ड विमान कनाडा स्थित बॉम्बार्डियर एविएशन के एक डिवीजन की ओर से निर्मित नौ सीटों वाला सुपर-लाइट बिजनेस जेट है

पूर्व सेना प्रमुख मनोज नरवणे ने सोशल मीडिया पर शेयर किया चीन का असली नक्शा, ड्रैगन को दिखाई औकात

#former_army_chief_manoj_narvane_shares_china_map

चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आता है। चीन अपनी विस्तारवादी नीतियों के लिए कुख्यात है। अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों और अक्साई चिन पर दावा पेश करते हुए चीन ने 28 अगस्त को नक्शा पेश किया था, जिस पर भारत सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई थी। इस नए नक्शे में चीन ने ताइवान को भी अपना हिस्सा बताया था। अब पूर्व सेना प्रमुख मनोज नरवणे ने सोशल मीडिया पर एक नक्शा शेयर किया है। नरवणे ने इस नक्शे को चीन का असली नक्शा बताया है। इस नक्शे के जरिए चीन द्वारा कब्जाए इलाकों को भी दिखाया है।

पूर्व सेना प्रमुख मनोज नरवणे ने चीन का नक्शा शेयर करते हुए कहा कि चीन का असली नक्शा मिल गया। पूर्व सेना प्रमुख ने चीन के जिस नक्शे को शेयर किया है उस नक्शे में ताइवान,हांगकांग, तिब्बत,यूनान जैसे अन्य चीन की सीमा से लगे हुए देशों पर चीन के कब्जे के तौर पर दिखाया गया। पूर्व सेना प्रमुख मनोज नरवणे ने चीन का नक्शा शेयर करते हुए लिखा 'आखिरकार किसी को चीन का असली नक्शा मिल गया।'

नक्शे में हांगकांग (CoHK), तिब्बत (CoT), दक्षिण मंगोलिया (CoSM) और यूनान (CoT), पूर्वी तुर्कमेनिस्तान (CoET) और मनचुरिया (CoM) देशों को चीन के कब्जे वाले देशों के तौर पर दिखाया गया है. Co का मतलब चाइना ऑक्यूपाइड है. वहीं, ताइवान को रिपब्लिक ऑफ चाइना ताइवान के तौर पर पेश किया गया। चीन हमेशा से इन सभी देशों पर अपना दावा करता रहा है। वहीं, भारत के अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों और अक्साई चिन पर भी उसने दावा पेश किया है।

बता दें कि चीन के नए नक्शे को लेकर देश में बवाल मचा हुआ है। चीन ने 28 अगस्त को देश का नया नक्शा जारी किया था। तब काफी विवाद मचा था। तब ताइवान, अक्साईचिन और भारत के अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताने की करतूत चीन ने की थी। तब भारत ने कड़ा विरोध कार चीन को आईना दिखाया था।

भारतीय-अमेरिकी विवेक रामास्वामी का बड़ा बयान, कहा- राष्ट्रपति बना तो 75 प्रतिशत सरकारी कर्मचरियों को हटा दूंगा, बंद होगा एफबीआई

#vivek_ramaswamy_says_he_would_fire_75_per_cent_of_federal_workforce_if_elected 

अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी से उम्मीदवारी का दावा ठोंक रहे भारतीय मूल के अमेरिकी विवेक रामास्वामी ने एक चौंकाने वाला बयान दिया है। विवेक रामास्वामी के बयान ने अमेरिका चुनावी महौल को गरम कर दिया है। रामास्‍वामी ने कहा है कि अगर वह 2024 का चुनाव जीत जाते हैं तो संघीय सरकार के 75 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों को हटा देंगे और एफबीआई जैसी कई प्रमुख एजेंसियों को बंद कर देंगे।

अमेरिकी समाचार वेबसाइट एक्सियोस के साथ एक साक्षात्कार में, रामास्वामी ने कहा कि 'हम पहले दिन से शुरुआत करेंगे और हम पहले साल के अंत तक 50 प्रतिशत कटौती करना चाहते हैं। रामास्वामी ने कहा, "ध्यान रहे कि इनमें से 30 प्रतिशत कर्मचारी अगले पांच साल की अवधि में सेवानिवृत्ति के पात्र हैं।" उन्होंने कहा, "इसमें कोई संदेह नहीं है लेकिन यह उतना पागलपन नहीं है जितना लगता है।"

समाचार वेबसाइट ‘एक्सियोस’ को दिए साक्षात्कार में रामास्वामी ने कहा कि उनके निशाने पर शिक्षा विभाग, एफबीआई, आबकारी, तंबाकू, शस्त्र और विस्फोटक ब्यूरो, परमाणु नियामक आयोग, (आंतरिक राजस्व सेवा) आईआरएस और वाणिज्य विभाग होंगे। वेबसाइट के अनुसार रामास्वामी ने कहा है कि उनका लक्ष्य 4 साल में 22 लाख कर्मचारियों में से 75 फीसदी को हटाना है।

‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ के अनुसार संघीय सरकार में लगभग 22 लाख 50 हजार लोग काम करते हैं। 75 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों को हटाने के परिणाम स्वरूप 16 लाख से अधिक लोगों को नौकरी से निकाल दिया जाएगा, जिससे संघीय बजट में अरबों डॉलर की बचत होगी। हालांकि इससे सरकार के महत्वपूर्ण कामकाज भी रुक जाएंगे।

आपके काम की खबर, क्या आपने भी नहीं बनवाया है जन्म प्रमाणपत्र ? तो जल्द ही बनवा लें, 1 अक्टूबर से देशभर में होने जा रहा बड़ा बदलाव

यदि आप भी जन्म प्रमाणपत्र

को हल्के में लेते हैं, या आपने नहीं बनवाया है या घर में बच्चों के भी जन्म प्रमाणपत्र नहीं हैं, तो यह जरूरी खबर आपके लिए ही है। दरअसल, अब 1 अक्टूबर से देशभर में एक अनिवार्य नियम लागू होने वाला है, जिसके बाद डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में बर्थ सर्टिफिकेट की भूमिका काफी बढ़ जाएगी। अब 'बर्थ सर्टिफिकेट' कई बातों को प्रमाणित करने के लिए एक एकल दस्तावेज होगा। अब नए नियमों के अनुसार, जन्म और मृत्यु का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है।

दरअसल, 1 अक्टूबर से देशभर में जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) अधिनियम, 2023 लागू हो रहा है। इस नियम के तहत जन्म और मृत्यु के लिए पंजीकरण करवाना अनिवार्य हो जाएगा। इसे लेकर गृह मंत्रालय ने बुधवार (13 सितंबर) को आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है।, जिसके तहत इन नियमों के कार्यान्वयन पर अपडेट दिया गया है। बता दें कि, इस कानून का प्रमुख उद्देश्य पंजीकृत जन्म और मृत्यु के लिए राष्ट्रीय और राज्य-स्तरीय डेटाबेस तैयार करना है। कानून जन्म प्रमाण पत्र को किसी व्यक्ति की जन्म तिथि और स्थान के निश्चित प्रमाण के तौर पर स्थापित करेगा। जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) अधिनियम, 2023 के शुरू होने या उसके बाद पैदा हुए लोगों पर ये नियम प्रभावी होगा। 

बता दें कि, प्रमाणपत्र स्कूलों में एडमिशन, ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने, मतदाता सूची तैयार करने, विवाह पंजीकरण, सरकारी रोजगार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, पासपोर्ट और आधार नंबर जारी करने समेत कई प्रक्रियाओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो जाएगा। इसके अलावा गोद लिए गए (दत्तक),

 अनाथ, परित्यक्त और सरोगेट बच्चों के साथ-साथ एकल माता-पिता या अविवाहित माताओं के बच्चों के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया को ये कानून सरल बनाएगा।

अनंतनाग मुठभेड़ के बाद भड़के वीके सिंह, बोले- पाकिस्तान को अलग-थलग करने की जरूरत, क्रिकेट-फिल्म समेत सब रिश्ते खत्म करो

#endallrelationswithpakistanvksingh

जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों और सेना के बीच मुठभेड़ में देश ने अपने तीन जांबाज खो दिए हैं। जम्मू-कश्मीर में तीन जवानों की शहादत पर केंद्रीय मंत्री और पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने पाकिस्तान को लेकर बड़ा दिया है। वीके सिंह ने कहा है कि पाकिस्तान पर दबाव बनाना होगा। इसके लिए उसे अलग-थलग करना होगा, नहीं तो बॉलीवुड और क्रिकेट खेलने वाले आते रहेंगे।वीके सिंह ने इंदौर संभाग में निकल रही जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान यह बातें कहीं।

पाकिस्तान को अलग-थलग करना होगा- सिंह

केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने कहा, "जब तक हम पाकिस्तान को अलग-थलग नहीं करेंगे उनके लिए यह सामान्य बात की तरह चलता रहेगा। वो कहेंगे ठीक है। बॉलीवुड वाले आ जाएंगे हमारे यहां, क्रिकेट खेलने वाले आ जाएंगे हमारे यहां। कहेंगे सब ठीक है। चंगा है जी, कोई दिक्कत नहीं है। अगर उसके ऊपर दबाव डालना है तो उसको अलग-थलग करना होगा। जनरल वीके सिंह ने कहा कि उन्हें (पाकिस्तान) यह जानने की जरूरत है कि जब तक आप खुद सामान्य नहीं हो जाते, कोई भी सामान्य रिश्ता कायम नहीं रह सकता।

कल कहा था-पीओके खुद भारत में शामिल हो जाएगा

इससे पहले वीके सिंह कल राजस्थान के दौसा में परिवर्तन यात्रा निकाल रहे थे। इस दौरान उनसे पीओके को लेकर जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पीओके खुद भारत में शामिल हो जाएगा। उन्होंने कथित रूप से शिया मुस्लिम द्वारा पीओके में सीमा खोलने की मांगों को लेकर सवाल पूछा था, उन्होंने कहा कि बस कुछ समय की बात है, पीओके खुद हिंदुस्तान का हिस्सा बन जाएगा।

अनंतनाग मुठभेड़ में कमांडिंग अफसर समेत तीन जवान शहीद

बता दें कि बुधवार को अनंतनाग जिले के कोकेरनाग इलाके के गडोले में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में 19 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत, मेजर आशीष और पुलिस उपाधीक्षक हुमायूं भट शहीद हो गए थे।आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के छद्म समूह प्रतिबंधित रेजिस्टेंस फ्रंट ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने पुलिस और सेना के बहादुर अधिकारियों की मौत पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने एक संदेश में कहा कि दोषियों को जल्द ही न्याय के कठघरे में लाया जाएगा।

ये क्या बोल गए यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के सलाहकार? भारत, चीन के लोगों की बुद्धिमता पर उठाया सवाल, ड्रैगन ने तो लगा दी क्लास

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यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के सलाहकार मिखाइलो पोडोल्याक ने बुधवार को एक ऐसा बयान दिया जिससे हंगामा खड़ा हो गया। मिखाइलो पोडोल्याक ने न्यूज़ एजेंसी स्पुतनिक को दिए इंटरव्यू में भारत और चीन के लोगों की बुद्धिमता पर सवाल खड़े किए हैं। हालांकि, जब विवाद बढ़ा तो यूक्रेन के विदेशी मंत्रालय ने उनके बयान से खुद को किनारा कर लिया जिसके बाद पोडोल्याक अपने बयान से ही पलट गए।उनकी ये टिप्पणी भारत में हल ही में संपन्न हुए जी-20 शिखर सम्मेलन के कुछ दिनों बाद आई है।इस टिप्‍पणी को भारत में हुए जी20 की प्रतिक्रिया के तौर पर देखा जा रहा है। इस सम्‍मेलन के बाद जो घोषणा पत्र जारी हुआ, उसमें रूस का जिक्र नहीं था लेकिन यूक्रेन युद्ध का जिक्र हुआ था। वहीं, मायखाइलो पोडोल्याक के बयान पर चीन काफी नाराज है और उसने पोडोल्‍याक से सफाई मांगी है।हालांकि, भारत की तरफ से अभी पोडोल्‍याक की टिप्‍पणी पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।

यूक्रेन के राष्‍ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्‍की के सलाहकार मायखाइलो पोडोल्याक ने “स्पुतनिक” को दिए इंटरव्यू में कहा कि भारत, चीन के साथ समस्या यह है कि वे अपने कदमों के परिणामों का विश्लेषण नहीं कर रहे हैं, दुर्भाग्य से इन देशों की बौद्धिक क्षमता कमजोर है।’ मायखाइलो पोडोल्याक इतने पर नहीं रूके, बल्कि उन्होंने भारत के स्पेस मिशन चंद्रयान-3 को लेकर भी कुछ ऐसा कहा जिससे विवाद खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा, हां, वे विज्ञान में निवेश करते हैं, भारत ने चंद्रयान भी लॉन्च किया है, और उसका रोवर चंद्रमा की सतह पर ट्रैकिंग कर रहा है। लेकिन इससे यह नहीं तय हो जाता कि ये देश पूरी तरह समझ चुके हैं कि आधुनिक दुनिया किसे कहते हैं।

भारत में यूक्रेनी दूतावास ने बयान से किया किनारा

हालांकि भारत की तरफ से इस बयान पर कोई जवाब नहीं दिया गया है। लेकिन भारत में यूक्रेनी दूतावास ने मायखाइलो पोडोल्याक ने इस बयान से किनारा कर लिया है। दिल्ली में स्थित यूक्रेनी दूतावास ने कहा, 'मायखाइलो पोडोल्याक के बयान उनके निजी विचार हैं और उनके विचार यूक्रेन के विदेश मंत्रालय और राष्ट्रपति कार्यालय को नहीं दर्शाते हैं। 

पोडोल्याक के बयान पर चीन सख्त

वहीं, यूक्रेनी राष्‍ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्‍की के सलाहकार मायखाइलो पोडोल्याक के बयान पर चीन ने सख्ती से जवाब दिया है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने पोडोल्याक के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उस बयान पर स्पष्टीकरण मांगा है। निंग ने एक और रूसी न्‍यूज एजेंसी से कहा कि यूक्रेन के अधिकारी को अपनी टिप्पणी के लिए सफाई देनी होगी। उन्‍होंने कहा कि यूक्रेन संकट पर, चीन हमेशा शांति के लिए बातचीत को बढ़ावा देने और राजनीतिक समाधान की सुविधा के लिए जिम्मेदार तरीके से काम करता आया है। निंग ने पोडोल्याक का जिक्र करते हुए कहा, 'जिस व्यक्ति का आपने हवाला दिया है उसे सटीक व्याख्या के आधार पर चीन की स्थिति को सही ढंग से देखना चाहिए।

दिल्ली घोषणापत्र पर यूक्रेन ने आपत्ति जताई

मायखाइलो पोडोल्याक का बयान तब सामने आया है जब भारत ने जी-20 समिट के दौरान यूक्रेन युद्ध मुद्दे पर भी 'न्यू दिल्ली लीडर्स डिक्लेरेशन' को सर्वसम्मति से मंजूर किया। डिक्लेरेशन (घोषणापत्र) पर यूक्रेन ने आपत्ति जताई है। 'न्यू दिल्ली लीडर्स डिक्लेरेशन' में रूस का जिक्र न होने पर यूक्रेन ने आपत्ति जताई. यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने यूरोपीय देशों के रुख को लेकर हैरानी भी जताई. यूक्रेन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ओलेग निकोलेंको ने डिक्लेरेशन को लेकर कहा कि घोषणापत्र में ऐसा कुछ भी नहीं है जिसे लेकर गर्व किया जा सके. इसके अलावा उन्होंने कहा कि अगर हमें मौका मिलता तो हम स्थिति को कहीं बेहतर तरीके से सामने ला सकते थे.