जनवरी 2024 में आएंगे बाइडेन, 'क्वाड' की बैठक हुई तो एक बार फिर सजेगा भारत का वैश्विक मंच
डेस्क: जी-20 में शामिल होकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन बेशक वियतनाम के लिए रवाना हो गए हों, लेकिन अब भारत को उनके अगले साल दनवरी में आने का इंतजार है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बाइडेन को जनवरी 2024 में भारत आने का न्यौता दिया है। जो बाइडन ने सहृदयता के साथ इसे कुबूल कर लिया है। भारत की कोशिश है कि जनवरी 2024 में क्वाड के दो अन्य सदस्य देश जापान और आस्ट्रेलिया भी भारत आएं, जो बाइडन गणतंत्र दिवस के मेहमान बनें और भारत में गणतंत्र दिवस के आस-पास क्वॉड की बैठक हो। यह नई दिल्ली की एक बड़ी कूटनीतिक कोशिश है। चीन इस फोरम से को नापसंद करता आया है। वह इसे अपने विरुद्ध इन देशों की गोलबंदी मानता है।
कूटनीतिक गलियारे में माना जाता है कि भारत और अमेरिका के रिश्ते पर चीन की नजर रहती है। चीन इसे अमेरिका के साथ जारी ट्रेड वार की प्रतिद्वंदिता के रूप में देखता है। एशिया में चीन के बाद भारत के पास ही हर मोर्चे पर दूसरे नंबर की क्षमता है। हालांकि अमेरिका, चीन और भारत के रिश्ते में आपसी विश्वास का संकट भी है। विदेश मंत्रालय के कई पूर्व राजनयिक इस विश्वास के संकट की संभावना से इनकार नहीं करते।
एक पूर्व विदेश सचिव कहते हैं कि इस समय अमेरिका और चीन का लक्ष्य अलग-अलग है। इसका असर दोनों देशों की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है। दोनों बड़े देश अपनी-अपनी गोलबंदी में जुटे हैं। चीन की सऊदी अरब समेत कई देशों से करीबी बढ़ रही है। यह अमेरिका को पसंद नहीं आ रहा है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था की तरह ही चीन के भी बाजार और अर्थव्यवस्था पर भारी दबाव है। वहां बेरोजगारी और घरेलू समस्या बढ़ रही है। और इन सभी का एक बड़ा कारण अमेरिका और चीन की आपसी दूरी है। लेकिन यदि दोनों देशों में पहले की तरह आपसी रिश्ते फिर पटरी पर आ गए तो फिर भू-राजनैतिक परिस्थिति बदल जाएगी।
Sep 10 2023, 19:53