शरद पवार को भतीजे अजीत पवार के जरिए मिला मोदी मंत्रिमंडल का ऑफर? संजय राउत ने जूनियर पवार को लेकर कह दी ये बात
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महाराष्ट्र की सियासत हमेशा उफान पर होती है। आए दिन सियासी गलियारों की हलटल तेज हो जाती है। इन दिनों पुणे में एक कारोबारी के आवास पर शरद पवार और अजित पवार के बीच हुई ‘गुप्त’ बैठक के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मची हुई है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार और उनके चाचा शरद पवार की यह मुलाकात महाराष्ट्र की सियासत में चर्चा का विषय बन गई है। तमाम अटकलें लगाई जा रही हैं।अब इस मुलाकात को लेकर खबरे ये आ रही हैं कि अजित पवार ने शरद पवार को मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए न्योता दिया था।
कहा जा रहा है कि शरद पवार को मनाने के लिए बीजेपी ने अजित पवार के जरिए एक बड़े ऑफर की पेशकश की है। अघाड़ी में सहयोगी कांग्रेस के नेता और पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण ने दावा किया है कि बीजेपी ने अजित पवार के जरिए शरद पवार को बड़े ऑफर की पेशकश की है। एक अखबार ने पृथ्वीराज चव्हाण के हवाले से अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि बीजेपी ने शरद पवार को केंद्र में कृषि मंत्री बनाने और नीति आयोग के अध्यक्ष पद का ऑफर दिया है। इसके अलावा सांसद सुप्रिया सुले और विधायक जयंत पाटिल को मंत्री बनाने की भी पेशकश की गई है।
अजित पवार इतने बड़े नेता नहीं कि...-राउत
वहीं, इस मामले पर उद्धव गुट के शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने जूनियर पवार पर निशाना साधते हुए कहा कि, अजित पवार इतने बड़े नेता नहीं है जो केंद्रीय मंत्रिमंडल में शरद पवार गुट के नेताओं को जगह दे दें। सांसद संजय राउत ने न्यूज एजेंसी एएनआई से खास बातचीत में कहा, अजित पवार इतने बड़े नेता नहीं हैं कि वह शरद पवार को ऑफर दे सकें। अजित पवार को पवार (शरद पवार) साहब ने बनाया है अजित पवार ने शरद पवार को नहीं बनाया। 60 वर्ष से भी जयादा समय पवार साहब ने संसदीय राजनीति में बिताया है और 4 बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे हैं। उनका जो कद है वह बहुत बड़ा है।
अजीत और शरद पवार ने दी सफाई
इससे पहले शरद पवार ने स्पष्ट किया था कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के साथ पुणे में हुई उनकी मुलाकात को लेकर विपक्षी महा विकास आघाड़ी (एमवीए) में किसी प्रकार की भ्रम की स्थिति नहीं है। एमवीए एकजुट है। मुंबई में होने वाली विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' की अगली बैठक का सफल आयोजन किया जाएगा। शरद पवार दोनों ने कहा कि अपने रिश्तेदारों से मिलने में कुछ भी गलत नहीं है। शरद पवार ने पूछा, 'अजीत पवार मेरे भतीजे हैं। चाचा और भतीजे की मुलाकात को लेकर इतना हंगामा क्यों हो रहा है?
वहीं अत पवार ने बी कहा कि पवार साहब पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं। मीडिया परिवार के सदस्यों के बीच हुई बैठक को लेकर तरह-तरह के कयास लगा रहा है। इससे भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है। यह सोचने का कोई कारण नहीं है कि बैठक में कुछ भी असामान्य हुआ।
पुणे में हुई चाचा-भतीजे की सीक्रेट मीटिंग
बता दें कि, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शनिवार (12 अगस्त) को पुणे के बिजनेसमैन अतुल चोरडिया के बंगले पर मुलाकात की। चाचा-भतीजे अलग-अलग वजहों से पुणे में थे, इसी दौरान दोनों की यह सीक्रेट मीटिंग हुई। चांदनी चौक ब्रिज उद्घाटन के सिलसिले में अजित पवार पुणे में थे और शरद पवार भी शहर में मौजूद थे। अतुल चोरडिया के घर पर मुलाकात के बाद सबसे पहले शरद पवार बंगले से बाहर निकले और थोड़ी देर बाद भतीजे अजित पवार का काफिला बंगले से निकला।
गौरतलब हो कि हाल ही में अजित पवार ने चाचा शरद पवार से बगावत कर पार्टी के 40 विधायकों के साथ बीजेपी और शिंदे गुट की शिवसेना की सरकार में शामिल हो गए थे। जिस पर बीते दिन से ही खूब राजनीति हो रही है। अजित गुट और शरद गुट दोनों एक दूसरे के आमने-सामने हैं। दोनों वरिष्ठ नेता एनसीपी को लेकर लामबंद हैं। सीनियर पवार गुट के विधायाकों और सांसदों का कहना है कि, शरद पवार जहां हैं वहीं पार्टी है जबकि अजित पवार गुट के नेताओं का कहना है कि, जिस पक्ष में ज्यादा विधायक वहीं पार्टी का असली हकदार है। चाचा-भतीजे की लड़ाई चुनाव आयोग तक पहुंच गई है।
Aug 17 2023, 10:03