अब सांसद राघव चड्ढा राज्यसभा से निलंबित, पांच सांसदों के फर्जी हस्ताक्षर मामले में हुई कार्रवाई, संजय सिंह का भी सस्पेंशन बढ़ा
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दिल्ली सेवा बिल को रोकने में नाकाम रहने के बाद अब आम आदमी पार्टी को एक और झटका लगा है। पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को सस्पेंड कर दिया गया है।दिल्ली सेवा विधेयक को लेकर पांच सांसदों के फर्जी हस्ताक्षर के मामले में आप सांसद पर यह कार्रवाई हुई है। विशेषाधिकारी समिति की रिपोर्ट आने तक राघव चड्ढा राज्यसभा से निलंबित रहेंगे। यही नहीं, कुछ दिन पहले राज्यसभा से इस सत्र के लिए सस्पेंड किए गए सांसद संजय सिंह को अगले सत्र के लिए भी निलंबित करने का फैसला किया गया है।
राघव चड्ढा पर आरोप है कि उन्होंने सांसदों की मंजूरी के बिना उनकी सदस्यता वाली समिति के गठन का प्रस्ताव दिया था, जो कि नियमों का उल्लंघन है। अब विशेषाधिकार समिति इस मामले की जांच करेगी। विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक राघव चड्ढा राज्यसभा से निलंबित रहेंगे। बता दें कि राघव चड्ढा ने दिल्ली सेवा संशोधन बिल 2023 पर विचार के लिए एक समिति का गठन करने की मांग की थी। इस समिति के लिए ही उक्त सांसदों के नाम दिए गए थे।
राज्यसभा की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया कि सभापति को सांसदों सस्मित पात्रा, एस फेंगोन कोन्याक, एम थंबीदुरई, सुधांशु त्रिवेदी और नरहरि अमीन ने शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में कहा गया कि बिना उनकी मंजूरी के उनके नाम शामिल किए गए, यह राज्यसभा की कार्यवाही प्रक्रिया के नियमों का उल्लंघन है।
पहले भी वह प्रेस में गलत बयान देते रहे- पीयूष गोयल
आज उच्च सदन में नेता सदन पीयूष गोयल ने राघव चड्ढा के नियमों का उल्लंघन कर बिना सहमति सदन की समिति में कई सदस्यों का नाम शामिल करने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि कई सदस्यों की शिकायत से साफ है कि यह नियमों का उल्लंघन है। उस दिन विप जारी हुआ था। यह प्रिविलेज का उल्लंघन है। कल को अगर सस्मित पात्रा का नाम दूसरी पार्टी के साथ जोड़ा जाता है तो उसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। कुल 6 मेंबर परेशान हुए हैं और वे सभापति से अपने अधिकारों का संरक्षण चाहते हैं। वह बाहर जाकर भी गलत बयानबाजी देते रहे। पहले भी वह प्रेस में गलत बयान देते रहे हैं कि उनके साथी संजय सिंह को सवाल पूछने के कारण सस्पेंड किया गया।
रिपोर्ट आने तक संजय सिंह भी निलंबित
पीयूष गोयल ने ये भी कहा, संजय सिंह ने भी जिस तरह से आचरण किया वो भी बेहद निंदनीय है। वो निलंबन के बाद भी सदन में बैठे रहे। इसकी वजह से सदन की कार्रवाई भी स्थगित करनी पड़ी। ये चेयर का अपमान है। संजय सिंह अब तक 56 बार वेल में आ चुके हैं, जो दिखाता है की वो सदन की कार्रवाई बाधित करना चाहते हैं। संजय सिंह राज्यसभा की विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक निलंबित रहेंगे।
Aug 11 2023, 15:37