लूना-25 के साथ चंद्रमा पर वापसी की तैयारी में रूस, 11 अगस्त को लॉन्च करेगा मिशन मून
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भारत अपने चंद्रयान-3 के साथ मिशन मून पर निकल चुका है। चंद्रयान-3 5 अगस्त चंद्रमा के ऑर्बिट में पहुंच भी चुका है। भारत की इस सफलता पर दुनियाभर के देशों की नजर है।भारत के इस कदम से रूस एक बार फिर उत्साह में है और चांद की ओर बड़ा कदम बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। लगभग 50 साल के अंतराल के बाद रूस चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर रोवर उतारने वाला पहला देश बनने की दौड़ में शामिल होने की योजना बना रहा है।बताया जा रहा है कि रूस 11 अगस्त को चांद के लिए मिशन लूना-25 लॉन्च कर सकता है। रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने भी इसकी पुष्टि की है।रूस इससे पहले 1976 में चांद पर मिशन लूना-24 उतार चुका है।
रोस्कोस्मोस ने इस संबंध में बयान जारी किया है। इसमें कहा गया है कि प्रक्षेपण 11 अगस्त को होगा। इसे राजधानी मॉस्को से लगभग 5,550 किमी पूरब में स्थित वोस्तोचनी कोस्मोड्रोम से लॉन्च किया जाएगा। इसे सोयुज-2 रॉकेट के जरिए प्रक्षेपित किया जाएगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसके लिए वहां एक गांव को खाली कराया जाएगा। रूसी स्पेस एजेंसी ने अपने बयान में यह भी बताया है कि लूना-25 का उद्देश्य चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग टेस्टिंग करना, मिट्टी और पानी के नमूने लेना और उनका विश्लेषण करना है। साथ ही दीर्घकालिक वैज्ञानिक अनुसंधान करना भी है।
पहले किससे कदम पड़ेंगे?
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने कहा है कि वह 23 अगस्त के आसपास चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग करने की योजना बना रहे हैं। ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक वहीं रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने कहा कि उसके लूना-25 (Luna-25) अंतरिक्ष यान को चंद्रमा तक उड़ान भरने में पांच दिन लगेंगे। इसके बाद वह 5-7 दिन चांद की ऑर्बिट में रहेगा। इसके बाद चांद पर उतरेगा। यानी इसका चांद पर उतरने का समय करीब-करीब वही रहेगा या कुछ घंटे पहले का रहेगा, जब हमारा चंद्रयान-3 चांद की धरती पर उतरेगा।
लूना-25 मिशन में लगभग दो साल की देरी
मूल रूप से अक्टूबर 2021 में लॉन्च किए जाने वाले लूना-25 मिशन में लगभग दो साल की देरी हुई है। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने अपने पायलट-डी नेविगेशन कैमरे को लूना-25 से जोड़कर उसका परीक्षण करने की योजना बनाई थी। मगर पिछले साल फरवरी में रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद उसने इस परियोजना से अपना नाता तोड़ लिया।
चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर पहुंचेगा पहला लैंडर
बता दें कि लगभग एक महीने पहले मून लैंडर की निर्माता और रूसी एयरोस्पेस कंपनी एनपीओ लावोचकिना ने घोषणा की थी कि लूना-25 अंतरिक्ष यान के निर्माण पर काम पूरा हो गया है। रूस की अंतरिक्ष एजेंसी का दावा है कि यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला लैंडर होगा।
Aug 08 2023, 16:06