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खुद फूड डिलीवर करने निकल पड़े जोमैटो के CEO, कुछ इस अंदाज में मनाया फ्रेडशिप डे

डेस्क: रेस्टोरेंट एग्रीगेटर और फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो के सीईओ दीपिंदर गोयल ने रविवार (6 अगस्त) को बेहद खास तरीके से फ्रेंडशिप डे मनाया. इस दिन को मनाने और दोस्ती का संदेश देने के लिए गोयल कुछ फ्रेंडशिप बैंड्स लेकर खुद ही फूड डिलीवरी करने के लिए निकल पड़े. इस बात की जानकारी उन्होंने अपने आधिकारिक हैंडल से ट्वीट करके दी.

दीपिंदर ने कुछ तस्वीरें शेयर कीं, जिनमें वह बुलेट नाम से मशहूर रॉयल एनफील्ड बाइक पर नजर आ रहे हैं. एक तस्वीर में उनके हाथ में कुछ फ्रेंडशिप बैंड्स भी दिखाई दे रहे हैं. जोमैटो सीईओ गोयल ने ट्वीट किया, ''अपने डिलीवरी पार्टनर्स, रेस्टोरेंट पार्टनर्स और ग्राहकों को कुछ खाना और फ्रेंडशिप बैंड्स डिलीवर करने जा रहा हूं. अब तक का सबसे अच्छा रविवार!''

जोमैटो CEO की पोस्ट पर आए ढेरों रिएक्शन

दीपिंदर गोयल की पोस्ट पर उनके इस काम की तारीफ हो रही है तो कुछ यूजर्स अपनी शिकायतें भी दर्ज कर रहे हैं. एक यूजर ने लिखा, ''जोमैटो के ऑर्डर आज स्विगी से ज्यादा है, जहां लोग सीईओ से मिलने की उम्मीद कर रहे हैं.''

एक यूजर ने तंज कसा, ''अरे भाई कंपनी चलाने के लिए क्या-क्या करना पड़ता है.'' एक अन्य यूजर ने लिखा, ''इसे बेंगलुरु में भी करें.'' स्वपनिल श्रीवास्तव नाम के यूजर ने लिखा, ''धन्यवाद जोमैटो, हाउसहेल्प की गैरमौजूदगी में मेरे फूड फ्रेंड बनने के लिए.''

'वास्तविक रोल मॉडल'

एडवोकेट चिराग शाह नाम के यूजर ने जोमैटो के सीईओ की जमकर तारीफ की. उसने लिखा, ''भाई, आप कई स्टार्टर संस्थापकों के लिए वास्तविक रोल मॉडल हैं और आपकी कंपनी में एक छोटा शेयरधारक बनकर मैं वाकई खुश हूं. मेरे फोन में स्विगी है लेकिन भगवान कसम, मैंने स्विगी से एक बार भी ऑर्डर नहीं किया है. मैं वास्तव में चाहता हूं कि जोमैटो भारत से पहली वैश्विक दिग्गज कंपनी बने.'' इसी तरह पोस्ट पर ढेरो प्रतिक्रियाएं आई हैं.

शरद पवार के करीबी अमित शाह से मिले? जयंत पाटिल ने मुलाकात पर खुद ही दिया जवाब

डेस्क: महाराष्ट्र के एनसीपी अध्यक्ष जयंत पाटिल ने उन खबरों को खारिज कर दिया, जिनमें दावा किया गया था कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि वह पार्टी सुप्रीमो शरद पवार के आवास पर थे। जब जयंत पाटिल से अमित शाह से मुलाकात के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, "आपको यह किसने बताया? आपको उनसे पूछना चाहिए जो ये सब कह रहे हैं। कल शाम मैं शरद पवार के आवास पर था। मेरी किसी से मुलाकात नहीं हुई।'' 

"...वो मेरे लिए इंटरटेनमेंट हैं"

जयंत पाटिल ने कहा कि बाद में उन्होंने अपने घर पर वरिष्ठ सहयोगियों अनिल देशमुख, राजेश टोपे और सुनील भुसारा से मुलाकात की। उन्होंने कहा, "वे रात 1:30 बजे तक मेरे घर पर थे। मैं आज सुबह फिर शरद पवार से मिला। जिन लोगों ने ये अफवाहें फैलाईं उन्हें जवाब देना चाहिए कि मैं किस वक्त पुणे में अमित शाह से मिला और सबूत दिखाएं। मैं हमेशा शरद पवार के साथ हूं। ऐसी अटकलें बंद होनी चाहिए।" उन्होंने कहा, "जो लोग घर पर बैठकर मुझे बदनाम कर रहे हैं वो मेरे लिए इंटरटेनमेंट हैं। मैं शरद पवार के साथ हमेशा हूं। रही बात विधानसभा की तो मैं यही कहूंगा कि वहां हम ऐसे ही बातचीत करते हैं।"

"मैं आपके सामने हाजिर हूं"

उन्होंने कहा, "मेरी मुंबई प्रदेश की मीटिंग आज है। यह पहले ही मीटिंग निश्चित थी। सभी के लिए आज आना आसान होता है। चैनल पर चल रही न्यूज और मीटिंग का कोई संबंध नहीं है। अमित शाह के स्टेटमेंट पर कोई जानकारी नही हैं। कल से में मुंबई में ही हूं। मैं किसी से मिला नहीं हूं। अमित भाई पुणे में आए हैं, मुझे केवल यही पता है। मैं आपके सामने हाजिर हूं। मुझे किसी का कोई फोन नहीं आया है।"

चर्चा में कैसे आईं ये अटकलें?

बता दें कि विधायक दल के नेता और प्रदेश के एनसीपी अध्यक्ष जयंत पाटिल के अजित पवार गुट में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं। ये अटकलें तब चर्चा में आई जब जयंत पाटिल और अजित गुट के सुनील तटकरे को विधानसभा परिसर में मजाक और बातचीत करते देखा गया था। वहीं, चुनाव आयोग ने एनसीपी पार्टी और चुनाव चिन्ह पर अजित गुट के दावे पर निर्णय लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ऐसे में संकेत है कि मामला फिर से गरमाना शुरू हो सकता है।

नीतीश कुमार बन सकते हैं इंडिया के संयोजक, सोनिया गांधी को चेयरपर्सन बनाने की अटकलें, बैठक में होगा फैसला

डेस्क: विपक्षी गठबंधन इंडिया की अगली बैठक से पहले कई तरह अटकलें लगाई जा रही हैं. अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ एकसाथ मैदान में उतरने के मकसद से 26 विपक्षी दलों ने महागठबंधन बनाया है. जिसकी अगली बैठक 31 अगस्त और 1 सितंबर को मुंबई में होगी. 

इससे पहले सियासी गलियारों में चर्चा है कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस गठबंधन में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. टीओआई के अनुसार सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार को इंडिया का संयोजक और सोनिया गांधी को चेयरपर्सन बनाया जा सकता है. शिवसेना का उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाला गुट मुंबई में विपक्ष की बैठक की मेजबानी करेगा.

नीतीश कुमार के नाम पर सहमत हुए नेता

बिहार के महागठबंधन के सूत्रों ने कहा कि इंडिया के सभी प्रमुख सहयोगियों के शीर्ष नेता और कांग्रेस नेतृत्व संयोजक के रूप में नीतीश कुमार के नाम पर सहमत हुए हैं. मुंबई बैठक में इसकी औपचारिक घोषणा की जा सकती है. सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस नेता चाहते हैं कि 11 सदस्यीय समन्वय समिति का नेतृत्व सोनिया गांधी करें. वह यूपीए की अध्यक्ष रही हैं.

सोनिया गांधी से किया गया ये अनुरोध

महागठबंधन के एक वरिष्ठ नेता ने शनिवार को टीओआई को बताया कि या तो सोनिया या उनकी ओर से नामित कोई व्यक्ति समन्वय समिति का प्रमुख होगा. सोनिया गांधी से अंतिम निर्णय लेने का अनुरोध किया गया है. विपक्षी दल इससे पहले पटना और बेंगलुरु में दो बैठकें कर चुके हैं. 18 जुलाई को बेंगलुरु में विपक्षी दलों की दूसरी बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा था कि मुंबई में अगली बैठक में 11 सदस्यीय समन्वय समिति का चुनाव किया जाएगा. 

जेडीयू ने क्या कुछ कहा?

इसी बीच जेडीयू के प्रवक्ता केसी त्यागी ने शनिवार को कहा था कि जेडीयू विपक्षी एकता की राह में बाधा नहीं बनेगी, हालांकि हमारे नेता नीतीश कुमार का लंबा राजनीतिक और प्रशासनिक कद संगठन में किसी भी बड़े पद के लिए उपयुक्त है. सीट-बंटवारे के फॉर्मूले पर उन्होंने कहा कि संबंधित राज्यों में इंडिया के सहयोगी एक साथ बैठेंगे और सीट-बंटवारे को अंतिम रूप देंगे।

जम्मू-कश्मीर में जल्द होंगे विधानसभा चुनाव? एलजी मनोज सिन्हा का बड़ा बयान

डेस्क: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के संबंध में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बड़ा बयान दिया है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मनोज सिन्हा ने रविवार (6 अगस्त) को कहा, ''परिसीमन और मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम खत्म हो गया है.'' इसी के साथ उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव पर निर्णय लेना चुनाव आयोग का विशेषाधिकार है.

एलजी मनोज सिन्हा के इस बयान के बाद उम्मीद की जा रही है कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा का चुनाव जल्द हो सकता है. केंद्र शासित प्रदेश में सक्रिय राजनीतिक दल लंबे समय से राज्य में चुनाव कराने की मांग करते आ रहे हैं.

बीजेपी को चुनाव से लग रहा डर- उमर अबदुल्ला

इनमें जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अबदुल्ला जोरदार तरीके से चुनाव को लेकर अपनी बात कहते आए हैं और इस संबंध में बीजेपी नीत केंद्र सरकार को घेरते भी रहे हैं. 26 जुलाई को उमर अब्दुल्ला ने अपने एक ट्वीट में आरोप लगाया था कि 'इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि बीजेपी जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की अनुमति देने से बहुत डर रही है.'

और क्या बोले मनोज सिन्हा?

इसी के साथ उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, ''लोगों को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में कोई आतंकी घटना नहीं हो, हम इसे सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं.'' घाटी के माहौल के बारे में उन्होंने कहा, ''पाकिस्तान के उकसावे पर सामान्य जीवन को बाधित करने वाले अलगाववादियों और अन्य लोगों का दौर इतिहास की बात हो गया है.'' 

अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से किया जा रहा चुनाव का इंतजार

बता दें कि 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 को हटा लिया गया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया गया था. पहले अनुच्छेद 370 के तहत राज्य को विशेष स्वायत्तता मिली हुई थी. इसके हटने के बाद कहा गया था कि समय आने पर जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस मिलेगा और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश बना रहेगा. तब से जम्मू-कश्मीर में विधानसभा के चुनाव का इंतजार किया जा रहा है.

असली मुजरिम खुलेआम घूम रहे, सिर्फ गरीब मुसलमानों को बनाया निशाना', हरियाणा में बुलडोजर एक्शन पर बोले ओवैसी

डेस्क: हरियाणा के नूंह और गुरुग्राम जिले में हुई हिंसा के बाद सरकार का बुलडोजर एक्शन चल रहा है. अब तक नूंह में कई अवैध निर्माण गिराए जा चुके हैं. इसी को लेकर एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार (6 अगस्त) को हरियाणा की बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधा है.

असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कोई भी बुलडोजर एक्शन लेने से पहले सरकार को कानून की प्रक्रिया का पालन करना होगा. बिना बिल्डिंग मालिक को अपनी बात रखने का मौका दिए कोई कार्रवाई नहीं हो सकती. बस इल्जाम की बुनियाद पर सैकड़ों गरीब परिवारों को बेघर कर दिया गया. 

"सिर्फ गरीब मुसलमानों को निशाना बनाया गया"

उन्होंने आगे कहा कि भले ही संघी अपनी बर्बरता पर गर्व करते हों, लेकिन न ये कानूनी तौर पर सही है और न ही इंसानियत के तकाजे से जायज है. हरियाणा में सिर्फ गरीब मुसलमानों को निशाना बनाया गया है और एकतरफा कार्रवाई की जा रही है. 

"असली मुजरिम बंदूक लेकर खुलेआम घूम रहे"

असदुद्दीन ओवैसी ने हरियाणा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि असली मुजरिम बंदूक लेकर खुलेआम घूम रहे हैं. उनके आगे तो खट्टर सरकार ने अपने घुटने टेक दिए. मिट्टी के मकान और झुग्गी-झोपड़ियों को तोड़कर अपने आप को ताकतवर समझना क्या बड़ी बात है. 

नूंह में हुई थी हिंसा

हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई को एक धार्मिक जुलूस पर भीड़ की ओर से हमला करने के बाद हिंसा भड़की थी. जो बाद में गुरुग्राम तक फैल गई. हिंसा को लेकर अब तक कुल 216 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. 

सरकार ने नूंह में चलाया बुलडोजर

सरकार ने कार्रवाई करते हुए नूंह में अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाया है. नूंह में विध्वंस अभियान के तहत तीसरे दिन शनिवार को दर्जनों अवैध ढांचे ढहाए गए थे. अधिकारियों का कहना है कि इनमें से कुछ ढांचे कथित रूप से हाल की हिंसा में शामिल लोगों के भी थे.

पूरे प्रदेश में हो रही है झमाझम बारिश, मौसम ने जारी किया ऑरेज अलर्ट

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव 

पानी को तरस रहे प्रदेश के हिस्सों में भी अब गरज-चमक के साथ भारी बारिश शुरू हो चुकी है। ऐसे में जहां फसलों को राहत मिल रही है तो वहीं उन जिलों को शायद अब सूखा न घोषित करना पड़े जहां बारिश का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा था। अगले चार दिन खास हैं और सरकार भी इंतजार कर रही है। दस अगस्त के बाद ही यदि आवश्यकता हुई तो सूखे का सर्वे कराने की तैयारी है। अगले कई दिनों तक अब लगातार बारिश की संभावना बनी है।आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के मुताबिक मौसम अब तेजी से बदल रहा है। यह सप्ताह बारिश का था जिसमें खास तौर से पूर्वांचल में भी बारिश शुरू हो चुकी है। अगले दो-तीन दिन भी पूरे प्रदेश में बारिश के आसार हैं। तराई वाले जिलों में भी बरसात शुरू हो गई है। इससे किसान खुश हैं। हालांकि डर बस यह है कि आगे तेज बारिश न हो जाए।एक दर्जन जिलों में तेज बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा डेढ़ दर्जन जिलों में मध्यम तेज बारिश का अनुमान है। यहां येलो अलर्ट जारी किया गया है।

इन जगहों पर भारी बारिश की चेतावनी

मौसम विभाग ने सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, बिजनौर, मुरादाबाद, संभल, बरेली, पीलीभीत, हरदोई, उन्नाव, लखनऊ, कानपुर नगर, जालौन, हमीरपुर, महोबा, रायबरेली, प्रतापगढ़, कौशांबी, चित्रकूट, प्रयागराज, मिर्जापुर, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, आजमगढ़, वाराणसी जौनपुर और भदोही में भारी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया गया है।

इन जिलों में बिजली गिरने की संभावना

वहीं, आगरा, फिरोजाबाद, कौशांबी, बदायूं, फर्रुखाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, झांसी, ललितपुर, कानपुर देहात, कन्नौज, लखीमपुर, सीतापुर, बाराबंकी, गोंडा, बस्ती, गोरखपुर, देवरिया और संतकबीर नगर में मध्यम से हल्की बारिश का पूर्वानुमान जारी किया गया है। साथ ही तेज हवाएं भी चल सकती हैं।

*नूंह में जिस होटल की छत से हुआ था पथराव, प्रशासन ने उस पर चलाया बुलडोजर*

डेस्क: हरियाणा के नूंह में दंगे के बाद खट्टर सरकार योगी मॉडल पर काम कर रही है। प्रशासन की ओर से आज चौथे दिन नूंह में बुलडोजर का एक्शन जारी रहा। इस दौरान उस होटल को भी ध्वस्त कर दिया गया जिसकी छत पर चढ़कर उपद्रिवियों ने पथराव किया था। नूंह हिंसा के बाद एक्शन में आई सरकार उन सभी अवैध संपत्तियों का पता कर रही हैं जहां से पथराव की घटनाएं हुईं। दंगाइयों के खिलाफ जमकर एक्शन हो रहा है। एक-एक दंगाई की पहचान की जा रही है।

नल्हड़ में होटल पर चला बुलडोजर

नूंह में जिन छतों से शोभायात्रा पर पत्थरबाजी हुई थी उनकी पहचान करके बुलडोजर चल रहा है। नल्हड़ में आज सुबह अवैध होटल और एक बिल्डिंग पर बुलडोजर चलाकर जमींदोज कर दिया गया। प्रशासन ने 200 से ज्यादा संपत्तियों पर एक्शन लिया है। यह माना जा रहा है कि आगे भी यह कार्रवाई जारी रहेगी।

इंटरनेट सेवाओं पर 8 अगस्त तक बैन

हरियाणा सरकार ने शनिवार को नूंह में मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं का निलंबन 8 अगस्त तक बढ़ा दिया। आधिकारिक आदेश में कहा गया कि पलवल जिले में इन दोनों सेवाओं का निलंबन 7 अगस्त शाम 5 बजे तक बढ़ा दिया गया है। विश्व हिंदू परिषद की शोभायात्रा को रोकने की कोशिश को लेकर 31 जुलाई को नूंह में हुई झड़प के बाद मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं निलंबित कर दी गई थीं। बाद में यह झड़प गुरुग्राम और राज्य के अन्य जिलों में फैल गई। झड़पों में छह लोगों की मौत हो गई है। 

216 लोग गिरफ्तार, 104 एफआईआर दर्ज

 सांप्रदायिक झड़पों के संबंध में अब तक कुल 216 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 80 को एहतियातन हिरासत में लिया गया है तथा 104 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। प्रशासन की ओर से की जा रही कार्रवाई में नल्हड़ मंदिर क्षेत्र के अलावा पिनगवां, ग्राम बिसरू, ग्राम बीवा, नांगल मुबारिकपुर, पलड़ा शाहपुरी, अगोन, सहारा होटल के पास का क्षेत्र, अड़बर चौक, नल्हड़ रोड, तिरंगा चौक सहित कई अन्य स्थानों पर अवैध निर्माण तोड़े गए हैं।

खरीफ फसलों की बुवाई की कमी ने बढ़ाई सरकार की चिंता, मानसून की बेरुखी से इस साल चावल पर पड़ सकती है महंगाई का मार

डेस्क: देश के खेतों से खरीफ फसलों की बुवाई का जो आंकड़ा आ रहा है, उससे सरकार की चिंताएं बढ़ने लगी हैं। चावल उत्पादक राज्यों में बारिश की कमी के चलते धान की बुवाई का रकबा घट रहा है। ताजा आंकड़ों के अनुसार चालू खरीफ सत्र में अबतक धान की बुवाई का कुल रकबा 3.38 प्रतिशत बढ़कर 283 लाख हेक्टेयर हो गया है। हालांकि, चार राज्यों में इसकी खेती का रकबा कम है। 

कृषि मंत्रालय के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। धान मुख्य ख़रीफ़ फसल है। इसकी खेती का रकबा चार राज्यों ओडिशा, कर्नाटक, असम और आंध्र प्रदेश में पिछड़ रहा था। एक साल पहले की समान अवधि में 273.73 लाख हेक्टेयर में धान की फसल बोई गई थी। 

पूर्वी भारत से रूठा मानसून 

मौसम विभाग के मुताबिक, एक जून से दो अगस्त तक कुल मिलाकर मानसून चार प्रतिशत ज्यादा रहा। पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में मानसून में 24 प्रतिशत की कमी रही। हालांकि दो अगस्त को समाप्त सप्ताह के दौरान पूरे देश में मानसूनी बारिश में चार प्रतिशत की कमी रही। अकेले उत्तर-पश्चिम भारत और पूर्व/उत्तर-पूर्व भारत में यह घाटा 19 प्रतिशत था। 

जानिए चार अगस्त तक कहां कितनी हुई बुवाई 

ओडिशा में धान का रकबा 12.35 लाख हेक्टेयर था, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 16.41 लाख हेक्टेयर था। 

असम में भी धान का रकबा 14 लाख हेक्टेयर के मुकाबले अब तक 12.45 लाख हेक्टेयर पर कम है, 

आंध्र प्रदेश में यह पिछले साल की समान अवधि के 6.66 लाख हेक्टेयर के मुकाबले इस बार 5.48 लाख हेक्टेयर है। 

कर्नाटक में चालू ख़रीफ़ सत्र में चार अगस्त तक धान का रकबा घटकर 2.23 लाख हेक्टेयर रह गया, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 3.24 लाख हेक्टेयर था। 

दलहन को लेकर चिंता ज्यादा

दलहन के मामले में अबतक खेती का रकबा 106.88 लाख हेक्टेयर यानी पीछे चल रहा है, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 117.86 लाख हेक्टेयर था। प्रमुख उत्पादक राज्यों मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक में दालों के खेती का रकबा कम रहा। 

मोटे अनाजों की बुवाई का रकबा चार अगस्त को थोड़ा बेहतर होकर 164.20 लाख हेक्टेयर हो गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 162.43 लाख हेक्टेयर था। तिलहन खेती का भी रकबा थोड़ा बेहतर है और अबतक यह 179.56 लाख हेक्टेयर है, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 175.10 लाख हेक्टेयर था। 

अन्य फसलों का हाल 

गन्ने का रकबा चालू खरीफ सत्र में चार अगस्त तक 56.06 लाख हेक्टेयर से अधिक रहा, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 54.67 लाख हेक्टेयर था। 

कपास का रकबा उक्त अवधि के 120.94 लाख हेक्टेयर के मुकाबले थोड़ा घटकर 119.21 लाख हेक्टेयर रहा। 

जूट/मेस्ता की बुवाई का कुल रकबा भी इस सत्र में चार अगस्त तक थोड़ा कम यानी 6.55 लाख हेक्टेयर रहा, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 6.94 लाख हेक्टेयर था।

पाकिस्तान में बड़ा रेल हादसा, रावलपिंडी से चलने वाली हजारा एक्सप्रेस के दस डिब्बे पटरी से उतरे, 15 की मौत, 50 से ज्यादा लोग घायल, राहत बचाव कार्


पाकिस्तान में बड़े रेल हादसे की खबर है। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, रावलपिंडी से चलने वाली हजारा एक्सप्रेस के दस डिब्बे पटरी से उतर गए हैं। इस हादसे में अब तक 15 लोगों की मौत की खबर है। 50 के करीब लोगों के घायल होने की खबर है। हादसा सहारा रेलवे स्टेशन के नजदीक हुआ। यह स्टेशन शहजादपुर और नवाबशाह के बीच स्थित है।

नजदीकी अस्पतालों में इमरजेंसी घोषित

हादसे में घायलों को नवाबशाह के मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ट्रेन के बेपटरी होने की वजह पता नहीं चल सकी है। अधिकारी जांच कर रहे हैं। पाकिस्तानी मीडिया ने पाकिस्तानी रेलवे के डिविजनल सुपरीटेंडेंट सुकुर मोहम्मदुर रहमान के हवाले बताया है कि 10 बोगियां पटरी से उतरी हैं। पुलिस का कहना है कि प्रभावित बोगियों में से यात्रियों को निकाल लिया गया है। नजदीकी अस्पतालों में इमरजेंसी घोषित कर दी गई है। 

पाकिस्तान में रेल हादसों में हुई बढ़ोतरी

हादसे का शिकार हुई हाजरा एक्सप्रेस में वही इंजन लगा हुआ था, जो इसी साल मार्च में हवेलियां से कराची जाने वाली ट्रेन में लगा था। बता दें कि वह ट्रेन भी रेलवे अधिकारियों की लापरवाही से भीषण हादसे का शिकार होने से बाल-बाल बची थी। वहीं बीते दिनों ही कराची से सियालकोट जा रही अल्लामा इकबाल एक्सप्रेस के तीन डिब्बे पटरी से उतर गए थे। हालांकि इस हादसे में किसी को चोट नहीं आई थी। पाकिस्तान में रेल हादसे आम होते जा रहे हैं। बीते एक दशक में पाकिस्तान में कई बड़े रेल हादसे हुए हैं और बीते सालों में इनमें तेजी आई है।

केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए बड़ी खबर, महंगाई भत्ते में होने जा रही बढ़ोतरी

डेस्क: केंद्र सरकार अपने एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ता (डीए) सहमत फार्मूले के तहत तीन प्रतिशत बढ़ाकर 45 प्रतिशत कर सकती है। इस समय डीए 42 प्रतिशत है। कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ता हर महीने श्रम ब्यूरो द्वारा जारी किए जाने वाले औद्योगिक श्रमिकों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-आईडब्ल्यू) के आधार पर तय किया जाता है। श्रम ब्यूरो, श्रम मंत्रालय की एक शाखा है। 

ऑल इंडिया रेलवेमेन फेडरेशन के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कहा, ''जून 2023 के लिए सीपीआई-आईडब्ल्यू 31 जुलाई, 2023 को जारी किया गया था। हम महंगाई भत्ते में चार प्रतिशत बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं। लेकिन सरकार महंगाई भत्ते में तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकती है। इसके 45 प्रतिशत होने की संभावना है।'' 

डीए बढ़ोतरी एक जुलाई 2023 से प्रभावी होगी

उन्होंने आगे बताया कि वित्त मंत्रालय का व्यय विभाग अपने राजस्व निहितार्थ के साथ डीए में बढ़ोतरी का प्रस्ताव तैयार करेगा और प्रस्ताव को मंजूरी के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष रखेगा। डीए बढ़ोतरी एक जुलाई 2023 से प्रभावी होगी। फिलहाल केंद्र सरकार के एक करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को 42 फीसदी महंगाई भत्ता मिल रहा है। डीए में आखिरी संशोधन 24 मार्च 2023 को किया गया था और यह एक जनवरी 2023 से प्रभावी हुआ था। 

राज्य सरकारों ने पहले ही की बढ़ोतरी

देश के कई राज्य सरकारों ने अपने कर्मचारियों को महंगाई भत्ते में इजाफा कर दिया है। छत्तीसगढ़ में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस सरकार ने राज्य के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते (डीए) में पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी किया था। राजस्थान सरकार ने राज्य कर्मचारियों एवं पेंशनभोगियों को महंगाई से राहत देने के लिए महंगाई भत्ते में चार प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। इसके अलावा कई दूसरे राज्यों ने भी महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी की थी।