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हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व, यहां पढ़िए, अधिक मास की अमावस्या को क्या करें और क्या न करें, कब है शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर मास में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि पड़ती है। लेकिन अधिक मास में पड़ने वाली अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है, क्योंकि यह अमावस्या तीन साल के बाद आती है। दरअसल, अधिक मास तीन साल के बाद आता है। इसे मलमाल और पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। मंगलवार के दिन पड़ने के कारण इसे दर्श अमावस्या कहा जाएगा। अधिक मास की अमावस्या तिथि को स्नान-दान करने के साथ पितरों का तर्पण करने का विशेष महत्व है। इसके साथ ही भगवान विष्णु, शिव जी और मां पार्वती की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और राहु-केतु के दोषों से छुटकारा मिलता है। जानिए अधिक अमावस्या की तिथि, मुहूर्त और महत्व।

अधिक मास अमावस्या 2023 तिथि 

अधिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि प्रारंभ: 15 अगस्त, मंगलवार को दोपहर 12 बजकर 42 मिनट से

अधिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि समाप्त: 16 अगस्त, बुधवार को दोपहर 3 बजकर 7 मिनट तक

अधिक मास अमावस्या तिथि- उदया तिथि के अनुसार,अधिक मास की अमावस्या 16 अगस् 2023 को होगी।

अधिक मास अमावस्या 2023 पूजा मुहूर्त 

स्नान दान का मुहूर्त: सुबह 5 बजकर 51 मिनट से सुबह 9 बजकर 8 मिनट

पूजा का शुभ मुहूर्त: सुबह 10 बजकर 47 मिनट से दोपहर 12 बजकर 25 मिनट

पितृ तर्पण का सही समय: सुबह 11 बजकर 30 मिनट से दोपहर 2 बजकर 30 मिनट

शिववास का समय: सुबह 4 बजकर 24 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 7 मिनट

पितृ दोष के मुक्ति के उपाय करने का मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 30 मिनट से दोपहर 2 बजकर 30 मिनट के बीच

अधिक मास अमावस्या 2023 महत्व 

हिंदू धर्म में मलमास अमावस्या का विशेष महत्व है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही अपनी जरूरत के अनुसार अनाज, वस्त्र आदि का दान करने से पुण्य मिलता है। इसके अलावा पीपल के पेड़ में जल अर्पित करने से पितर और देवी-देवता प्रसन्न होते हैं।

अधिक मास की अमावस्या तिथि के दिन पितरों का तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध करना काफी फलदायी माना जाता है। इस दिन कुछ खास ज्योतिषीय उपाय करके व्यक्ति पितृ दोष से छुटकारा पा सकता है।

पुर्नेश मोदी के वकील महेश जेठमलानी ने कहा, मोदी सरनेम मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट से स्टे मिला है, राहुल गांधी अब भी कन्विक्ट, मजिस्ट्रेट को

मोदी सरनेम मानहानि मामले में राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से स्टे मिल गया। इस पूर्णेश मोदी के वकील महेश जेठमलानी का भी बयान आया है। जेठमलानी ने कहा कि शीर्ष कोर्ट ने केवल कन्विक्शन पर रोक लगाई है। कोर्ट ने यह कहा है कि सेशंस कोर्ट ने अधिकतम सजा देने के पीछे पर्याप्त वजह नहीं बताई है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस स्टे के चलते भले ही राहुल गांधी का कन्विक्शन रुक जाए, लेकिन कानून की नजरों में वह अभी भी कन्विक्ट हैं। जेठमलानी ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट से मिले इस स्टे की बदौलत वह संसद में लौट सकते हैं। लेकिन मजिस्ट्रेट कोर्ट द्वारा दिया गया फैसला और सजा दोनों सही है। 

सजा तो मिलकर रहेगी

राहुल गांधी की अयोग्यता मामले में आगे कानूनी प्रक्रिया कैसे चलेगी महेश जेठमलानी ने इस पर भी रोशनी डाली। महेश जेठमलानी ने कहा कि यह बहुत छोटी बात है। चूंकि सेशंस कोर्ट में सजा की वजह नहीं बताई गई थी, इसलिए उन्हें राहत मिल गई। उन्होंने कहा कि अब फिर से सेशंस कोर्ट में अपील की जाएगी। जब उनसे पूछा गया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राहुल गांधी ने इसे सच की जीत बताया है। इस पर पर महेश जेठमलानी ने कहा कि मुझे नहीं पता कि राहुल गांधी के लिए सच और झूठ के मायने क्या हैं। उन्होंने कहा कि जब केस चलेगा तो राहुल गांधी दोषी माने जाएंगे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि मामले में उन्हें सजा कितनी मिलेगी, सेशंस कोर्ट दो साल की सजा देगी, कम सजा देगी या जुर्माना लगाएगी, यह मैं नहीं कह सकता। उन्होंने कहा लेकिन चूंकि सुबूत इतना मजबूत है कि राहुल गांधी कन्विक्शन से बच नहीं पाएंगे।

यह है मामला

गौरतलब है कि पूर्णेश मोदी ने 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी सभा में मोदी उपनाम के संबंध में की गई कथित विवादित टिप्पणी को लेकर राहुल के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था।

 राहुल ने सभा में टिप्पणी की थी कि सभी चोरों का एक ही उपनाम मोदी कैसे हो सकता है? कांग्रेस नेता को 24 मार्च को संसद सदस्य के रूप में तब अयोग्य घोषित कर दिया गया था जब गुजरात की एक अदालत ने उन्हें मोदी उपनाम के बारे में की गई टिप्पणियों के लिए दोषी ठहराया था और आपराधिक मानहानि के लिए दो साल की कैद की सजा सुनाई थी।

वहीं, हाई कोर्ट ने दोषसिद्धि पर रोक लगाने की गांधी की याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि राजनीति में शुचिता समय की मांग है। सूरत की एक मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष को भादंसं की धारा 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी। फैसले के बाद, गांधी को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत एक सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था।

फिल्म जगत को एक और बड़ा झटका, नितिन देसाई के बाद अब इस मशहूर एक्टर की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत

मनोरंजन जगत से एक दुखद खबर सामने आई है। 70 और 80 के दशक में सुपरस्टार कमल हासन की कई फिल्मों में सपोर्टिंग रोल निभाने वाले, मशहूर तमिल एक्टर मोहन का निधन हो गया है। अभिनेता का निधन रहस्मयी परिस्थितियों में हुआ है। मोहन मदुरै की सड़कों पर मृत पाए गए हैं। मोहन 60 साल के थे। उनकी मौत बेहद खराब हालातों में हुई है। 

कहा जा रहा है कि मोहन का शव मदुरै के तिरुपरंगुंद्रम की सड़कों पर पड़ा मिला है। ये भी बताया जा रहा है कि अभिनेता की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। वो कुछ समय से पैसों की तंगी से जूझ रहे थे और गुजारा करने के लिए वहां भीख मांगते थे। 

प्राप्त खबर के अनुसार, स्थानीय लोगों ने 31 जुलाई को मोहन को सड़क पर मृत पड़ा देखा और फिर इसकी खबर पुलिस को दी। रिपोर्ट्स के अनुसार, उनकी हालत इतनी खराब थी कि उन्हें पहचान पाना भी मुश्किल था। प्राप्त एक रिपोर्ट के अनुसार, शव को बाद में पोस्टमॉर्टम के लिए मदुरै के सरकारी चिकित्सालय भेज दिया गया था। फिर उनके परिवार वालों को उनकी मौत की खबर दी गई। फिलहाल, पुलिस को किसी भी तरह की गड़बड़ी का पता नहीं चला है तथा बताया जा रहा है कि मोहन की मौत खराब स्वास्थ्य की वजह से हुई है।

अभिनेता की मौत से उनके परिवार को गहरा सदमा लगा है। प्रशंसक और सेलेब्स भी एक्टर की मौत से सदमे में हैं और उन्हें नम आंखों से याद कर रहे हैं। मोहन तमिल फिल्मों के पॉपुलर एक्टर्स में शुमार किए जाते थे। उन्हें अक्सर सपोर्टिंग रोल्स में कास्ट किया जाता था। वो तमिल फिल्मों में अपनी शॉर्ट अपीयरेंस के लिए जाने जाते थे। कमल हासन की फिल्म 'अपूर्व सगोथारार्गल' में काम करके उन्हें फेम मिला था।

आज चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करेगा चंद्रयान-3, 1 अगस्त को पृथ्वी की ऑर्बिट से निकला था

#chandrayaan_3_to_enter_into_moon_orbit_today

धरती से निकला चंद्रयान-3 अब चांद को छूने ही वाला है। चंद्रयान-3 आज यानी 5 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करेगा। करीब दो-तिहाई दूरी तय करने के बाद आज चंद्रयान 3 चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करने की कोशिश करेगा। वैज्ञानिकों की मानें तो लूनर ऑर्बिट इंजेक्शन (एलओआई) आज शाम लगभग 7 बजे होगा।

एजेंसी के बंगलुरू स्थित मुख्यालय ने शुक्रवार को बताया कि ट्रांस-लूनर इंजेक्शन के बाद चंद्रयान-3 पृथ्वी की परिक्रम से बच गया और एक ऐसे रास्ते पर आगे बढ़ने लगा जो इसे चंद्रमा के आसपास के क्षेत्र में ले जाएगा। कल एक और महत्वपूर्ण प्रक्रिया में अंतरिक्ष यान को चंद्रमा की कक्षा में स्थापित किया जाएगा। यानी चंद्रयान-3 उस कक्षा में पहुंच जाएगा जहां से चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण शुरू हो जाता है।

यान चंद्रमा की ग्रैविटी में कैप्चर हो जाए इसके लिए यान की स्पीड कम करनी होगी। स्पीड कम करने के लिए इसरो के बेंगलुरु हेडक्वार्टर में मौजूद वैज्ञानिक यान के थ्रस्टर कुछ देर के लिए फायर करेंगे। इससे पहले 1 अगस्त को रात करीब 12 बजे चंद्रयान-3 को पृथ्वी की ऑर्बिट से चांद की तरफ भेजा गया था। इसे ट्रांसलूनर इंजेक्शन कहा जाता है। ट्रांसलूनर इंजेक्शन के लिए बेंगलुरु में मौजूद इसरो के हेडक्वार्टर से वैज्ञानिकों ने चंद्रयान का इंजन कुछ देर के लिए चालू किया था। इंजन फायरिंग तब की गई जब चंद्रयान पृथ्वी से 236 km की दूरी पर था। 

इसरो ने 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से दोपहर दो बजकर 35 मिनट पर अपनी महत्वकांक्षी योजना चंद्रयान-3 अंतरिक्षयान को रवाना किया था। चंद्रयान-3 में लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल हैं। लैंडर और रोवर चांद के दक्षिण ध्रुव पर उतरेंगे और 14 दिन तक वहां प्रयोग करेंगे। इस मिशन के जरिए इसरो पता लगाएगा कि चांद की सतह पर भूकंप कैसे आते हैं साथ ही चंद्रमा की मिट्टी का अध्ययन भी करेगा। 

इस मिशन में चंद्रयान का एक रोवर निकलेगा (एक छोटा सा रोबोट) जो कि चांद की सतह पर उतरेगा और लुनर साउथ पोल में इसकी पोजिशनिंग होगी। यहीं पर रोवर इस बात की खोज करेगा कि चांद के इस हिस्से में उसे क्या-क्या ख़निज,पानी आदि मिल सकता है। इस खोज से ख़ास बात ये होगी कि अगर कभी भविष्य में हम चांद में कॉलोनियां बसाना चाहें, तो इसमें बहुत मदद मिलेगी।

ज्ञानवापी परिसर में दूसरे दिन का सर्वे जारी, एएसआई टीम के साथ मुस्लिम पक्ष भी हुआ शामिल

#gyanvapi_asi_survey

वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे का आज दूसरा दिन है। सुबह 9 बजे से एएसआई सर्वे की कार्रवाई शुरू हो चुकी है। आज एएसआई टीम के साथ मुस्लिम पक्ष भी सर्वे में शामिल हुआ है। ज्ञानवापी सर्वे का काम दो शिफ्ट में किया जा रहा है। पहला शिफ्ट सुबह 8 बजे से 12.30 तक चलेगा। इस बीच दोपहर की नमाज के लिए सर्वे को रोका जाएगा। दूसरी शिफ्ट 2.30 बजे से 5 बजे तक चलेगी। 

सर्वे को लेकर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर दी गई है। ज्ञानवापी जाने वाले मार्ग पर बैरिकेडिंग की गई है और चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही है। कहा जा रहा है कि आज रेडिएशन के जरिए हिन्दू स्मृति चिन्हों व दीवारों की जांच की जाएगी।

ओवैसी ने ज्ञानवापी सर्वे पर अयोध्या का किया जिक्र

अब मामले पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को ट्वीट किया है। उन्होंने कहा, “एक बार जब ज्ञानवापी एएसआई रिपोर्ट सार्वजनिक हो जाएगी, तो कौन जानता है कि चीजें कैसे आगे बढ़ेंगी? आशा है कि न तो 23 दिसंबर और न ही 6 दिसंबर की पुनरावृत्ति होगी। पूजा स्थल अधिनियम की पवित्रता के संबंध में अयोध्या फैसले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का अनादर नहीं किया जाना चाहिए। आशा यह है कि एक हजार बाबरियों के लिए फ्लडगेट्स नहीं खोले जायेंगे।

पहले दिन के सर्वे में क्या-क्या हुआ

ज्ञानवापी परिसर का सर्वे पहले दिन के सर्वे में सात घंटे से ज्यादा समय तक परिसर की आकृति तैयार की है। 41 सदस्यीय टीम ने चार हिस्सों में बंटकर सर्वे किया। तीनों गुंबद के नीचे और तहखानों में सर्वे की रूपरेखा तैयार की। कल ज्यादातर पेपर वर्क किया गया और हिंदू स्मृति चिन्हों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की गई। ज्ञानवापी परिसर में चारों कोनों पर डायल टेस्ट इंडिकेटर लगाए गए। इससे सतह की माप की गई। डेप्थ माइक्रोमीटर से परिसर के अलग-अलग हिस्सों की माप हुई। इसी आधार पर टीम ने परिसर की आकृति पर आंकड़े दर्ज किए। सर्वे की एक टीम ने मानकों के अनुसार तैयार नक्शों पर बाहर से दिख रहे परिसर को उकेरा।

पहले दिन सात घंटे से ज्यादा समय तक चला सर्वे

शुक्रवार को सात घंटे 25 मिनट तक सर्वे चला। एएसआई की टीम सुबह 7 बजकर 40 मिनट पर ज्ञानवापी पहुंची थी। शाम को 5 बजकर 20 मिनट पर बाहर निकली। इस बीच जुमे की नमाज के लिए करीब पौने दो घंटे सर्वे का काम बंद रहा। एएसआई की टीम ने 24 जुलाई को साढ़े पांच घंटे तक सर्वे का काम किया था। पहले दिन के सर्वे में सिर्फ पेपरवर्क हुआ है। जानकारी के मुताबिक पेपर वर्क पूरा होने में अभी दो दिन और लग सकते हैं। सर्वे पूरा होने में करीब 15 दिन का समय लगेगा। एएसआई टीम को अपनी रिपोर्ट तैयार कर जिला अदालत में पेश करना है।

मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, मैतेई समुदाय के 3 लोगों की हत्या के बाद बवाल, कई कुकी घर फूंके गए

#manipur_violence_in_bishnupur_people_kills_from_meitei_community

मणिपुर में जातीय-संघर्षों के कारण जारी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। मणिपुर में एक बार फिर तीन लोगों की हत्या के बाद हिंसा की आग दहक उठी है। बिष्णुपुर जिले में शुक्रवार की रात मैतेई समुदाय के तीन लोगों की हत्या कर दी गई।एक ही के परिवार के 3 लोगों की हत्या के बाद बवाल बढ़ गया।इस दौरान उपद्रवियों ने कई घरों में आग लगा दी।

बिष्णुपुर पुलिस ने बताया कि मैतेई समुदाय के तीन लोगों की हत्या कर दी गई। इसके अलावा कुकी समुदाय के लोगों के घरों में आग लगा दी गई है।केंद्रीय सुरक्षा बलों ने बिष्णुपुर और आसपास के इलाके में दर्जनों बफर जोन बनाए हैं। बताया जा रहा है कि इसी बफर जोन से कुछ लोग निकलकर आ गए और परिवार पर फायरिंग कर दी।

गोलीबारी में 19 लोग घायल

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मैतेई समुदाय की भीड़ बिष्णुपुर में सुरक्षा बलों से भिड़ गई। भीड़ को हटाने के लिए सुरक्षा बलों को गोलियां चलानी पड़ी। पता चला कि यह घटना तब हुई जब मैतेई महिलाएं जिले में एक बैरिकेड क्षेत्र को पार करने की कोशिश कर रही थीं।उन्हें असम राइफल्स और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) ने रोका, जिससे समुदाय और सशस्त्र बलों के बीच पथराव और झड़पें हुईं। असम राइफल्स और रैपिड एक्शन फोर्स की गोलीबारी में 19 लोग घायल हो गए।

बटालियन से हथियार और गोला-बारूद छीनने का प्रयास

अनियंत्रित भीड़ ने बिष्णुपुर जिले में आईआरबी, नारानसीना, कीरेनफाबी पुलिस चौकी और थंगलावई पुलिस चौकी पर धावा बोल दिया और लूटपाट की। इस हमले में अनियंत्रित भीड़ ने 7 बटालियन से हथियार और गोला-बारूद छीनने का भी प्रयास किया। मणिपुर राइफल्स, द्वितीय बटालियन ने मणिपुर राइफल्स, हिंगांग पुलिस स्टेशन और सिंगजामेई पुलिस स्टेशन पर भी हमला किया।

इससे पहले भी, मई में भीड़ ने घाटी और पहाड़ियों दोनों में पुलिस स्टेशनों, रिजर्व, बटालियनों और लाइसेंसी हथियारों की दुकानों से 4,000 से ज्यादा हथियार और पांच लाख से अधिक गोला-बारूद लूट लिया था।

बता दें कि पिछले तीन महीने से मणिपुर में जातीय संघर्ष और हिंसा के कारण राष्ट्रपति शासन लगाने की विपक्ष की मांग के बीच राज्य मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को सिफारिश की कि राज्यपाल अनुसुइया उइके 21 अगस्त को विधानसभा का सत्र बुलाएं।शुक्रवार को जारी एक अधिसूचना में कहा गया, राज्य कैबिनेट ने 21 अगस्त 2023 को 12वीं मणिपुर विधानसभा का चौथा सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल को सिफारिश की है। मणिपुर में मौजूदा स्थिति के कारण मौजूदा मानसून सत्र में संसद के दोनों सदनों में हंगामे की स्थिति बनी हुई है। विपक्षी सदस्यों ने वायरल वीडियो पर चर्चा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग करते हुए कार्यवाही बाधित कर रखा है।

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़, एनकाउंटर में 3 जवान शहीद, सर्च ऑपरेशन जारी

#jammu_and_kashmir_encounter_in_kulgam_three_army_soldiers_martyred

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में शुक्रवार को आतंकवादियों के साथ एनकाउंटर में सेना के तीन जवान शहीद हो गए।जिसके बाद मौके पर सेना की अतिरिक्त टुकड़ी को भेजा गया है। पूरे इलाके को घेरकर आतंकियों की तलाश में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।यहां दो से तीन आंतकियों के छिपे होने की आशंका जताई जा रही है। 

भारतीय सेना के श्रीनगर स्थित चिनार कोर ने एक ट्वीट में बताया कि शुक्रवार को कुलगाम के हालन वन क्षेत्र में ऊंचाई वाले इलाके में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिलने पर सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान शुरू किया था। इस दौरान छिपे आतंकियों ने घेरा सख्त होता देख सुरक्षा बलों पर फायरिंग शुरू कर दी।दोनों ओर से हुई गोलीबारी में तीन जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। मगर इलाज के दौरान तीनों ने दम तोड़ दिया।

चिनार कोर ने ट्वीट किया-‘‘ऑपरेशन हलाण, कुलगाम। कुलगाम में हलाण की ऊंची चोटियों पर आतंकवादियों की उपस्थिति के बारे में विशिष्ट सूचना पर सुरक्षाबलों द्वारा चार अगस्त 2023 को अभियान शुरू किया गया। आतंकवादियों के साथ गोलीबारी में तीन जवान घायल हो गए और बाद में शहीद हो गए। तलाशी अभियान जारी है।’’

इससे पहले पुंछ में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली थी। पुंछ के सिंधरा इलाके में सुरक्षा बलों ने चार आतंकियों को ढेर कर दिया था।जॉइंट ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों ने इन आतंकियों को मार गिराया। इस जॉइंट ऑपरेशन में इंडियन आर्मी के स्पेशल फोर्स, नेशनल राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान शामिल थे। मुठभेड़ में मारे गए आतंकी विदेशी आतंकवादी भी थे।

क्या 2024 के “रण” में होगा “मोदी बनाम राहुल”?

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मोदी उपनाम को गलत तरीके से उपयोग करने के आरोप में राहुल गांधी को हुई सजा पर सर्वोच्च न्यायालय ने रोक लगा दी है। मोदी सरनेम केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राहुल गांधी के सियासी करियर को संजीवनी मिल गई है। कोर्ट के फैसले के बाद राहुल की संसद सदस्यता बहाल होने का रास्ता खुल गया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब ना केवल राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल होने जा रही है बल्कि उनके 2024 का चुनाव लड़ने पर छाए संशय के बादल भी छंट गए हैं।साथ ही राहुल 2024 में विपक्षी की ओर से पीएम पद की रेस में शामिल होते भी दिखने लगे हैं।

क्या अपने स्टैंड पर कायम रह सकेगी कांग्रेस?

‘मोदी सरनेम’ मामले में दो साल की सजा के चलते राहुल गांधी 2024 की चुनावी रेस से बाहर चल रहे थे। विपक्षी एकजुटता के लिए जब नया गठबंधन “इंडिया” गढ़ा गया तो कांग्रेस की तरफ से यह बयान आया था कि पार्टी प्रधानमंत्री पद की दावेदारी नहीं करेगी। 2024 में विपक्षी गठबंधन की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने साफ कह दिया था कि कांग्रेस प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवारी पर दावा नहीं करेगी। खरगे ने यह बातें तब कही थी जब राहुल गांधी अपनी सदस्यता गवां चुके थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के राहत मिलने के बाद कांग्रेस का स्टैंड कायम रहेगा यह कहना मुश्किल है।

राहुल ने विपक्षी दलों में बिठाई तालमेल

यही नहीं विपक्षी गठबंधन का ‘INDIA’ नाम भी राहुल गांधी के द्वारा दिया गया है। इतना ही नहीं राहुल गांधी ने विपक्षी एकता के मंत्र को मजबूती देने के लिए हरसंभव समझौता करने का भी आश्वसन दिया है।इसके अलावा अखिलेश यादव से लेकर अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी, जयंत चौधरी और विपक्ष के दूसरे नेताओं के साथ राहुल गांधी बेहतर तालमेल बैठाते नजर आ चुके हैं। इसीलिए कांग्रेस को अलग-थलग रखकर गठबंधन की बात करने वाले दल भी अब कांग्रेस के साथ ही गठबंधन के लिए रजामंद हो गए हैं। 

विपक्ष के नेतृत्व को अपने हाथों में लेना कांग्रेस के लिए होगा आसान

राहुल विपक्षी गठबंधन INDIA को एकजुट करने में भी एक्टिव रहे और धीरे से नीतीश के हाथ से विपक्षी एकजुटता की कमान अपने हाथ में ले ली। नीतीश कुमार जैसे मंझे हुए नेता राहुल गांधी की INDIA में किनारे लगते दिखाई पड़ रहे हैं। अब जब दोष सिद्ध होने पर रोक लगी है तो राहुल के लिए विपक्ष के नेतृत्व को अपने हाथों में लेना आसान हो जाएगा। कांग्रेस के लिए विपक्षी INDIA के अन्य नेताओं को वॉकओवर देने की मजबूरी खत्म हो गई है। राहुल गांधी अब चुनाव लड़ेंगे और सीट हासिल करने पर प्रधानमंत्री पद पर दावेदारी भी कर सकेंगे।

मोदी के खिलाफ सबसे मजबूत चेहरा

यही नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के खिलाफ विपक्षी नेताओं में सबसे मुखर राहुल गांधी नजर आते हैं। राहुल खुलकर मोदी सरकार की अलोचना करते रहे हैं और बीजेपी व संघ पर भी आक्रमक रुख अपना रखा है। ऐसे में 2024 में कांग्रेस उन्हें 2024 में पीएम पद के उम्मीदवार के तौर पर देख रही थी, लेकिन मानहानि मामले में सूरत कोर्ट से सजा हो जाने के चलते निराशा पैदा हो गई थी। जो अब मिट गई है।

मुझे पता है क्या करना है, मेरा रास्ता बिल्कुल साफ है, सुप्रीम कोर्ट से राहत के बाद बोले राहुल गांधी

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से आज शुक्रवार को मोदी सरनेम मामले में बड़ी राहत मिली है। कोर्ट के इस फैसले से राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल होने का रास्ता साफ हो गया है।अधीर रंजन चौधरी समेत तमाम कांग्रेस सांसद तो संसद परिसर में ही पूरे जोश में 'वी फॉर विक्ट्री' का नारा लगाने लगे। ट्विटर पर कांग्रेस 'सत्य की जीत' का जश्न मनाने लगी। कांग्रेस मुख्यालय के बाहर कार्यकर्ता खुशी से नाचने लगे, झूमने लगे। ये स्वाभाविक भी है।मोदी सरनेम मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी पार्टी मुख्यालय पहुंचे। उन्होंने यहां पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

राहुल ने बताया- सच्चाई की जीत

राहुल ने कहा कि सच्चाई की जीत होती है। राहुल गांधी ने कहा, आज नहीं तो कल, कल नहीं तो परसों सच्चाई की जीत होती है। लेकिन मेरा रास्ता साफ है। मेरे दिमाग में क्लीयरिटी है। मुझे पता है कि क्या करना है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कसा तंज

कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे इस प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में कहा कि आज बड़ी खुशी का दिन है। लोकतंत्र की जीत हुई है। उन्होंने कहा, यह जीत सत्यमेव जयते की जीत है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं। संविधान अभी जिंदा है। न्याय अभी मिल सकता है। यह जीत सिर्फ राहुल गांधी की जीत नहीं है बल्कि लोकतंत्र की जीत है।' कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा कि जो एक व्यक्ति देश, युवाओं के लिए और महंगाई के खिलाफ लड़ता है, उसके साथ कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक के लोगों की सच्ची दुआएं हैं। खरगे ने कहा, '24 घंटे में उन्होंने राहुल गांधी की सदस्यता ले ली। अब देखते हैं कि कितनी देर में वापस सदस्यता बहाल करते हैं। मोदी सरकार को लगा होगा की ये क्या गलती हो गई।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत के साथ नसीहत भी मिली

अदालत ने कहा, सार्वजनिक जीवन जी रहे व्यक्ति को भाषण देते समय सावधान रहना चाहिए


कांग्रेस नेता राहुल गांधी को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत के साथ नसीहत भी मिली। शीर्ष न्यायालय ने केवल मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगाई, बल्कि समझदारी दिखाने के लिए भी कहा। राहुल ने गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इससे पहले 23 मार्च को सूरत की एक कोर्ट ने उन्हें आपराधिक मानहानि मामले में दोषी पाया था।

कोर्ट ने कहा कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि कही गईं बातें ठीक नहीं थीं। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि सार्वजनिक जीवन जी रहे व्यक्ति को भाषण देते समय सावधान रहना चाहिए। शीर्ष न्यायालय ने अवमानना मामले में उनके हलफनामे को स्वीकार किया और कहा कि नेता को सावधान रहना चाहिए था। आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद राहुल को सांसदी भी गंवानी पड़ गई थी।

राहुल गांधी को SC से बड़ी राहत, सजा पर लगाई रोक; बहाल होगी सांसदी

क्या बोल गए थे राहुल?

मामला साल 2019 का है। तब कांग्रेस नेता लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान कर्नाटक के कोलार में एक रैली को संबोधित कर रहे थे। तब उन्होंने नीरव मोदी, ललित मोदी का जिक्र कर दिया था और 'मोदी सरनेम' पर टिप्पणी कर दी थी। तब भाजपा ने पूर्णेश मोदी ने कांग्रेस नेता के खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी थी।

राहुल ने कहा था, '...अच्छा एक छोटा सा सवाल। इन सबके नाम, इन सब चोरों के नाम मोदी मोदी मोदी कैसे हैं? नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी थोड़ा अभी और ढूढेंगे तो और बहुत सारे मोदी निकलेंगे।' इससे पहले उन्होंने कहा था, '... 100% चौकीदार चोर है। नीरव मोदी, मेहुल चौकसी, विजय माल्या, ललित मोदी, अनिल अंबानी, नरेंद्र मोदी। चोरों का ग्रुप है, चोरों की टीम है। आपके जेब में से पैसा लेते हैं... और उन्हीं 15 लोगों को देते हैं।'