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ज्ञानवापी परिसर में दूसरे दिन का सर्वे जारी, एएसआई टीम के साथ मुस्लिम पक्ष भी हुआ शामिल

#gyanvapi_asi_survey

वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे का आज दूसरा दिन है। सुबह 9 बजे से एएसआई सर्वे की कार्रवाई शुरू हो चुकी है। आज एएसआई टीम के साथ मुस्लिम पक्ष भी सर्वे में शामिल हुआ है। ज्ञानवापी सर्वे का काम दो शिफ्ट में किया जा रहा है। पहला शिफ्ट सुबह 8 बजे से 12.30 तक चलेगा। इस बीच दोपहर की नमाज के लिए सर्वे को रोका जाएगा। दूसरी शिफ्ट 2.30 बजे से 5 बजे तक चलेगी। 

सर्वे को लेकर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर दी गई है। ज्ञानवापी जाने वाले मार्ग पर बैरिकेडिंग की गई है और चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही है। कहा जा रहा है कि आज रेडिएशन के जरिए हिन्दू स्मृति चिन्हों व दीवारों की जांच की जाएगी।

ओवैसी ने ज्ञानवापी सर्वे पर अयोध्या का किया जिक्र

अब मामले पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को ट्वीट किया है। उन्होंने कहा, “एक बार जब ज्ञानवापी एएसआई रिपोर्ट सार्वजनिक हो जाएगी, तो कौन जानता है कि चीजें कैसे आगे बढ़ेंगी? आशा है कि न तो 23 दिसंबर और न ही 6 दिसंबर की पुनरावृत्ति होगी। पूजा स्थल अधिनियम की पवित्रता के संबंध में अयोध्या फैसले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का अनादर नहीं किया जाना चाहिए। आशा यह है कि एक हजार बाबरियों के लिए फ्लडगेट्स नहीं खोले जायेंगे।

पहले दिन के सर्वे में क्या-क्या हुआ

ज्ञानवापी परिसर का सर्वे पहले दिन के सर्वे में सात घंटे से ज्यादा समय तक परिसर की आकृति तैयार की है। 41 सदस्यीय टीम ने चार हिस्सों में बंटकर सर्वे किया। तीनों गुंबद के नीचे और तहखानों में सर्वे की रूपरेखा तैयार की। कल ज्यादातर पेपर वर्क किया गया और हिंदू स्मृति चिन्हों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की गई। ज्ञानवापी परिसर में चारों कोनों पर डायल टेस्ट इंडिकेटर लगाए गए। इससे सतह की माप की गई। डेप्थ माइक्रोमीटर से परिसर के अलग-अलग हिस्सों की माप हुई। इसी आधार पर टीम ने परिसर की आकृति पर आंकड़े दर्ज किए। सर्वे की एक टीम ने मानकों के अनुसार तैयार नक्शों पर बाहर से दिख रहे परिसर को उकेरा।

पहले दिन सात घंटे से ज्यादा समय तक चला सर्वे

शुक्रवार को सात घंटे 25 मिनट तक सर्वे चला। एएसआई की टीम सुबह 7 बजकर 40 मिनट पर ज्ञानवापी पहुंची थी। शाम को 5 बजकर 20 मिनट पर बाहर निकली। इस बीच जुमे की नमाज के लिए करीब पौने दो घंटे सर्वे का काम बंद रहा। एएसआई की टीम ने 24 जुलाई को साढ़े पांच घंटे तक सर्वे का काम किया था। पहले दिन के सर्वे में सिर्फ पेपरवर्क हुआ है। जानकारी के मुताबिक पेपर वर्क पूरा होने में अभी दो दिन और लग सकते हैं। सर्वे पूरा होने में करीब 15 दिन का समय लगेगा। एएसआई टीम को अपनी रिपोर्ट तैयार कर जिला अदालत में पेश करना है।

मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, मैतेई समुदाय के 3 लोगों की हत्या के बाद बवाल, कई कुकी घर फूंके गए

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मणिपुर में जातीय-संघर्षों के कारण जारी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। मणिपुर में एक बार फिर तीन लोगों की हत्या के बाद हिंसा की आग दहक उठी है। बिष्णुपुर जिले में शुक्रवार की रात मैतेई समुदाय के तीन लोगों की हत्या कर दी गई।एक ही के परिवार के 3 लोगों की हत्या के बाद बवाल बढ़ गया।इस दौरान उपद्रवियों ने कई घरों में आग लगा दी।

बिष्णुपुर पुलिस ने बताया कि मैतेई समुदाय के तीन लोगों की हत्या कर दी गई। इसके अलावा कुकी समुदाय के लोगों के घरों में आग लगा दी गई है।केंद्रीय सुरक्षा बलों ने बिष्णुपुर और आसपास के इलाके में दर्जनों बफर जोन बनाए हैं। बताया जा रहा है कि इसी बफर जोन से कुछ लोग निकलकर आ गए और परिवार पर फायरिंग कर दी।

गोलीबारी में 19 लोग घायल

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मैतेई समुदाय की भीड़ बिष्णुपुर में सुरक्षा बलों से भिड़ गई। भीड़ को हटाने के लिए सुरक्षा बलों को गोलियां चलानी पड़ी। पता चला कि यह घटना तब हुई जब मैतेई महिलाएं जिले में एक बैरिकेड क्षेत्र को पार करने की कोशिश कर रही थीं।उन्हें असम राइफल्स और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) ने रोका, जिससे समुदाय और सशस्त्र बलों के बीच पथराव और झड़पें हुईं। असम राइफल्स और रैपिड एक्शन फोर्स की गोलीबारी में 19 लोग घायल हो गए।

बटालियन से हथियार और गोला-बारूद छीनने का प्रयास

अनियंत्रित भीड़ ने बिष्णुपुर जिले में आईआरबी, नारानसीना, कीरेनफाबी पुलिस चौकी और थंगलावई पुलिस चौकी पर धावा बोल दिया और लूटपाट की। इस हमले में अनियंत्रित भीड़ ने 7 बटालियन से हथियार और गोला-बारूद छीनने का भी प्रयास किया। मणिपुर राइफल्स, द्वितीय बटालियन ने मणिपुर राइफल्स, हिंगांग पुलिस स्टेशन और सिंगजामेई पुलिस स्टेशन पर भी हमला किया।

इससे पहले भी, मई में भीड़ ने घाटी और पहाड़ियों दोनों में पुलिस स्टेशनों, रिजर्व, बटालियनों और लाइसेंसी हथियारों की दुकानों से 4,000 से ज्यादा हथियार और पांच लाख से अधिक गोला-बारूद लूट लिया था।

बता दें कि पिछले तीन महीने से मणिपुर में जातीय संघर्ष और हिंसा के कारण राष्ट्रपति शासन लगाने की विपक्ष की मांग के बीच राज्य मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को सिफारिश की कि राज्यपाल अनुसुइया उइके 21 अगस्त को विधानसभा का सत्र बुलाएं।शुक्रवार को जारी एक अधिसूचना में कहा गया, राज्य कैबिनेट ने 21 अगस्त 2023 को 12वीं मणिपुर विधानसभा का चौथा सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल को सिफारिश की है। मणिपुर में मौजूदा स्थिति के कारण मौजूदा मानसून सत्र में संसद के दोनों सदनों में हंगामे की स्थिति बनी हुई है। विपक्षी सदस्यों ने वायरल वीडियो पर चर्चा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग करते हुए कार्यवाही बाधित कर रखा है।

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़, एनकाउंटर में 3 जवान शहीद, सर्च ऑपरेशन जारी

#jammu_and_kashmir_encounter_in_kulgam_three_army_soldiers_martyred

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में शुक्रवार को आतंकवादियों के साथ एनकाउंटर में सेना के तीन जवान शहीद हो गए।जिसके बाद मौके पर सेना की अतिरिक्त टुकड़ी को भेजा गया है। पूरे इलाके को घेरकर आतंकियों की तलाश में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।यहां दो से तीन आंतकियों के छिपे होने की आशंका जताई जा रही है। 

भारतीय सेना के श्रीनगर स्थित चिनार कोर ने एक ट्वीट में बताया कि शुक्रवार को कुलगाम के हालन वन क्षेत्र में ऊंचाई वाले इलाके में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिलने पर सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान शुरू किया था। इस दौरान छिपे आतंकियों ने घेरा सख्त होता देख सुरक्षा बलों पर फायरिंग शुरू कर दी।दोनों ओर से हुई गोलीबारी में तीन जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। मगर इलाज के दौरान तीनों ने दम तोड़ दिया।

चिनार कोर ने ट्वीट किया-‘‘ऑपरेशन हलाण, कुलगाम। कुलगाम में हलाण की ऊंची चोटियों पर आतंकवादियों की उपस्थिति के बारे में विशिष्ट सूचना पर सुरक्षाबलों द्वारा चार अगस्त 2023 को अभियान शुरू किया गया। आतंकवादियों के साथ गोलीबारी में तीन जवान घायल हो गए और बाद में शहीद हो गए। तलाशी अभियान जारी है।’’

इससे पहले पुंछ में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली थी। पुंछ के सिंधरा इलाके में सुरक्षा बलों ने चार आतंकियों को ढेर कर दिया था।जॉइंट ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों ने इन आतंकियों को मार गिराया। इस जॉइंट ऑपरेशन में इंडियन आर्मी के स्पेशल फोर्स, नेशनल राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान शामिल थे। मुठभेड़ में मारे गए आतंकी विदेशी आतंकवादी भी थे।

क्या 2024 के “रण” में होगा “मोदी बनाम राहुल”?

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मोदी उपनाम को गलत तरीके से उपयोग करने के आरोप में राहुल गांधी को हुई सजा पर सर्वोच्च न्यायालय ने रोक लगा दी है। मोदी सरनेम केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राहुल गांधी के सियासी करियर को संजीवनी मिल गई है। कोर्ट के फैसले के बाद राहुल की संसद सदस्यता बहाल होने का रास्ता खुल गया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब ना केवल राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल होने जा रही है बल्कि उनके 2024 का चुनाव लड़ने पर छाए संशय के बादल भी छंट गए हैं।साथ ही राहुल 2024 में विपक्षी की ओर से पीएम पद की रेस में शामिल होते भी दिखने लगे हैं।

क्या अपने स्टैंड पर कायम रह सकेगी कांग्रेस?

‘मोदी सरनेम’ मामले में दो साल की सजा के चलते राहुल गांधी 2024 की चुनावी रेस से बाहर चल रहे थे। विपक्षी एकजुटता के लिए जब नया गठबंधन “इंडिया” गढ़ा गया तो कांग्रेस की तरफ से यह बयान आया था कि पार्टी प्रधानमंत्री पद की दावेदारी नहीं करेगी। 2024 में विपक्षी गठबंधन की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने साफ कह दिया था कि कांग्रेस प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवारी पर दावा नहीं करेगी। खरगे ने यह बातें तब कही थी जब राहुल गांधी अपनी सदस्यता गवां चुके थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के राहत मिलने के बाद कांग्रेस का स्टैंड कायम रहेगा यह कहना मुश्किल है।

राहुल ने विपक्षी दलों में बिठाई तालमेल

यही नहीं विपक्षी गठबंधन का ‘INDIA’ नाम भी राहुल गांधी के द्वारा दिया गया है। इतना ही नहीं राहुल गांधी ने विपक्षी एकता के मंत्र को मजबूती देने के लिए हरसंभव समझौता करने का भी आश्वसन दिया है।इसके अलावा अखिलेश यादव से लेकर अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी, जयंत चौधरी और विपक्ष के दूसरे नेताओं के साथ राहुल गांधी बेहतर तालमेल बैठाते नजर आ चुके हैं। इसीलिए कांग्रेस को अलग-थलग रखकर गठबंधन की बात करने वाले दल भी अब कांग्रेस के साथ ही गठबंधन के लिए रजामंद हो गए हैं। 

विपक्ष के नेतृत्व को अपने हाथों में लेना कांग्रेस के लिए होगा आसान

राहुल विपक्षी गठबंधन INDIA को एकजुट करने में भी एक्टिव रहे और धीरे से नीतीश के हाथ से विपक्षी एकजुटता की कमान अपने हाथ में ले ली। नीतीश कुमार जैसे मंझे हुए नेता राहुल गांधी की INDIA में किनारे लगते दिखाई पड़ रहे हैं। अब जब दोष सिद्ध होने पर रोक लगी है तो राहुल के लिए विपक्ष के नेतृत्व को अपने हाथों में लेना आसान हो जाएगा। कांग्रेस के लिए विपक्षी INDIA के अन्य नेताओं को वॉकओवर देने की मजबूरी खत्म हो गई है। राहुल गांधी अब चुनाव लड़ेंगे और सीट हासिल करने पर प्रधानमंत्री पद पर दावेदारी भी कर सकेंगे।

मोदी के खिलाफ सबसे मजबूत चेहरा

यही नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के खिलाफ विपक्षी नेताओं में सबसे मुखर राहुल गांधी नजर आते हैं। राहुल खुलकर मोदी सरकार की अलोचना करते रहे हैं और बीजेपी व संघ पर भी आक्रमक रुख अपना रखा है। ऐसे में 2024 में कांग्रेस उन्हें 2024 में पीएम पद के उम्मीदवार के तौर पर देख रही थी, लेकिन मानहानि मामले में सूरत कोर्ट से सजा हो जाने के चलते निराशा पैदा हो गई थी। जो अब मिट गई है।

मुझे पता है क्या करना है, मेरा रास्ता बिल्कुल साफ है, सुप्रीम कोर्ट से राहत के बाद बोले राहुल गांधी

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से आज शुक्रवार को मोदी सरनेम मामले में बड़ी राहत मिली है। कोर्ट के इस फैसले से राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल होने का रास्ता साफ हो गया है।अधीर रंजन चौधरी समेत तमाम कांग्रेस सांसद तो संसद परिसर में ही पूरे जोश में 'वी फॉर विक्ट्री' का नारा लगाने लगे। ट्विटर पर कांग्रेस 'सत्य की जीत' का जश्न मनाने लगी। कांग्रेस मुख्यालय के बाहर कार्यकर्ता खुशी से नाचने लगे, झूमने लगे। ये स्वाभाविक भी है।मोदी सरनेम मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी पार्टी मुख्यालय पहुंचे। उन्होंने यहां पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

राहुल ने बताया- सच्चाई की जीत

राहुल ने कहा कि सच्चाई की जीत होती है। राहुल गांधी ने कहा, आज नहीं तो कल, कल नहीं तो परसों सच्चाई की जीत होती है। लेकिन मेरा रास्ता साफ है। मेरे दिमाग में क्लीयरिटी है। मुझे पता है कि क्या करना है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कसा तंज

कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे इस प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में कहा कि आज बड़ी खुशी का दिन है। लोकतंत्र की जीत हुई है। उन्होंने कहा, यह जीत सत्यमेव जयते की जीत है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं। संविधान अभी जिंदा है। न्याय अभी मिल सकता है। यह जीत सिर्फ राहुल गांधी की जीत नहीं है बल्कि लोकतंत्र की जीत है।' कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा कि जो एक व्यक्ति देश, युवाओं के लिए और महंगाई के खिलाफ लड़ता है, उसके साथ कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक के लोगों की सच्ची दुआएं हैं। खरगे ने कहा, '24 घंटे में उन्होंने राहुल गांधी की सदस्यता ले ली। अब देखते हैं कि कितनी देर में वापस सदस्यता बहाल करते हैं। मोदी सरकार को लगा होगा की ये क्या गलती हो गई।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत के साथ नसीहत भी मिली

अदालत ने कहा, सार्वजनिक जीवन जी रहे व्यक्ति को भाषण देते समय सावधान रहना चाहिए


कांग्रेस नेता राहुल गांधी को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत के साथ नसीहत भी मिली। शीर्ष न्यायालय ने केवल मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगाई, बल्कि समझदारी दिखाने के लिए भी कहा। राहुल ने गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इससे पहले 23 मार्च को सूरत की एक कोर्ट ने उन्हें आपराधिक मानहानि मामले में दोषी पाया था।

कोर्ट ने कहा कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि कही गईं बातें ठीक नहीं थीं। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि सार्वजनिक जीवन जी रहे व्यक्ति को भाषण देते समय सावधान रहना चाहिए। शीर्ष न्यायालय ने अवमानना मामले में उनके हलफनामे को स्वीकार किया और कहा कि नेता को सावधान रहना चाहिए था। आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद राहुल को सांसदी भी गंवानी पड़ गई थी।

राहुल गांधी को SC से बड़ी राहत, सजा पर लगाई रोक; बहाल होगी सांसदी

क्या बोल गए थे राहुल?

मामला साल 2019 का है। तब कांग्रेस नेता लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान कर्नाटक के कोलार में एक रैली को संबोधित कर रहे थे। तब उन्होंने नीरव मोदी, ललित मोदी का जिक्र कर दिया था और 'मोदी सरनेम' पर टिप्पणी कर दी थी। तब भाजपा ने पूर्णेश मोदी ने कांग्रेस नेता के खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी थी।

राहुल ने कहा था, '...अच्छा एक छोटा सा सवाल। इन सबके नाम, इन सब चोरों के नाम मोदी मोदी मोदी कैसे हैं? नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी थोड़ा अभी और ढूढेंगे तो और बहुत सारे मोदी निकलेंगे।' इससे पहले उन्होंने कहा था, '... 100% चौकीदार चोर है। नीरव मोदी, मेहुल चौकसी, विजय माल्या, ललित मोदी, अनिल अंबानी, नरेंद्र मोदी। चोरों का ग्रुप है, चोरों की टीम है। आपके जेब में से पैसा लेते हैं... और उन्हीं 15 लोगों को देते हैं।'

भाजपा के खिलाफ बनाए गए INDIA गठबंधन की तीसरी बैठक 31 अगस्त से एक सितंबर तक मुंबई में होगी, सकता है संयोजक के नाम का ऐलान

भाजपा के खिलाफ बनाए गए नए विपक्षी गठबंधन, INDIA की तीसरी बैठक की तारीखों की घोषणा कर दी गई है। INDIA की तीसरी बैठक 31 अगस्त से 1 सितंबर तक मुंबई में होगी। 2024 के लोकसभा चुनावों में सत्तारूढ़ NDA से मुकाबला करने के लिए 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में एक बैठक में 26 पार्टियों वाले विपक्षी गुट का नया नाम - INDIA (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव एलायंस) की घोषणा की गई थी। विपक्षी दलों की पहली बैठक पटना में हुई। 

दूसरी बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि विपक्षी दलों के बीच समन्वय के उद्देश्य से 11 सदस्यों वाली एक समिति बनाई जानी है और मुंबई में तीसरी नियोजित बैठक के दौरान एक संयोजक की घोषणा की जाएगी। इससे पहले सूत्रों के हवाले से खबर सामने आई थी कि बिहार के सीएम और जनता दल (यूनाइटेड) के नेता नीतीश कुमार को 26 विपक्षी दलों के नवगठित गठबंधन के लिए 11 सदस्यीय समन्वय टीम का संयोजक नियुक्त किए जाने की संभावना है। 

बेंगलुरु में विपक्षी दलों की दूसरी बैठक के बाद, INDIA ब्लॉक ने संसद के चल रहे मानसून सत्र में एकजुट मोर्चा पेश किया है। वे मणिपुर हिंसा और वायरल नग्न महिला परेड वीडियो जैसे प्रमुख मुद्दों पर केंद्र को घेरने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि दिल्ली सेवा विधेयक, जिसे आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 के रूप में जाना जाता है, जैसे विवादास्पद विधेयकों पर विपक्षी सांसदों ने विरोध स्वरूप वाकआउट कर दिया था।

प्रधानमंत्री एक ऐतिहासिक पहल के तहत, 6 अगस्त को देश भर में 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए आधारशिला रखेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एक ऐतिहासिक पहल के तहत 6 अगस्त को सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देश के कोने-कोने में 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास कार्य की आधारशिला रखेंगे।

प्रधानमंत्री अक्सर अत्याधुनिक सार्वजनिक परिवहन के प्रावधान पर जोर देते रहे हैं। रेलवे को देश भर में लोगों के परिवहन का पसंदीदा साधन बताते हुए उन्होंने रेलवे स्टेशनों पर विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के महत्व पर जोर दिया। इस विजन से प्रेरित, देश भर में 1309 स्टेशनों के पुनर्विकास कार्य के लिए अमृत भारत स्टेशन योजना शुरू की गई थी।

इस योजना के हिस्से के रूप में, प्रधानमंत्री द्वारा 508 स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए आधारशिला रखी जा रही है। इन स्टेशनों का पुनर्विकास 24,470 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया जाएगा। शहर के दोनों किनारों को समुचित रूप से जोड़ते हुए इन स्टेशनों को 'सिटी सेंटर' के रूप में विकसित करने के लिए मास्टर प्लान तैयार किए जा रहे हैं। यह एकीकृत दृष्टिकोण रेलवे स्टेशन के आसपास के क्षेत्र पर केंद्रित शहर के समग्र शहरी विकास के विजन से प्रेरित है।

ये 508 स्टेशन देश के 27 राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों में स्थित हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश में 55, राजस्थान में 55, बिहार में 49, महाराष्ट्र में 44, पश्चिम बंगाल में 37, मध्य प्रदेश में 34, असम में 32, ओडिशा में 25, पंजाब में 22, गुजरात में 21, तेलंगाना में 21, झारखंड में 20, आंध्र प्रदेश में 18, तमिलनाडु में 18, हरियाणा में 15, कर्नाटक में 13 स्टेशन शामिल हैं।

पुनर्विकास कार्य से अच्छी तरह से सुव्यवस्थित यातायात सुविधा, इंटर-मोडल एकीकरण और यात्रियों के मार्गदर्शन के लिए अच्छी तरह से डिजाइन किए गए चिन्हों को सुनिश्चित करने के साथ-साथ यात्रियों के लिए आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। स्टेशन भवनों का डिजाइन स्थानीय संस्कृति, विरासत और वास्तुकला से प्रेरित होगा।

Make In India' का जलवा, भारत से अमेरिका तक जा रहे स्मार्टफोन, महज 2 माह में 2.43 अरब डॉलर का निर्यात

भारत सरकार के महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट ‘मेक इन इंडिया’ ने बीते 9 वर्षों में विनिर्माण अवसंरचना (मैन्यूफैक्चरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर), निवेश (इन्वेस्टमेंट), नवोन्मेषण (इनोवेशन) और कौशल विकास (स्किल डेवलपमेंट) में जबरदस्त प्रगति की है। 'मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम ने हमारे देश को एक अग्रणी वैश्विक विनिर्माण और निर्यातक के तौर पर दुनियाभर में पहचान दिलाई है। भारत आज मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग और निर्यात के मामले में दिनों-दिन नए झंडे गाड़ रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने मौजूदा वित्त वर्ष में अप्रैल-मई 2023 के दौरान यानी दो माह में 2.43 अरब डॉलर का स्मार्टफोन निर्यात किया है। यह वार्षिक आधार पर 157.82 प्रतिशत की शानदार बढ़ोतरी है। इसके साथ ही भारत से निर्यात होने वाले स्मार्टफोन के लिए अमेरिका प्रमुख बाजार के रूप में उभरा है।

वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, मौजूदा वित्त वर्ष के पहले दो माह में हमारा, अमेरिका को स्मार्टफोन निर्यात 781.22 फीसदी बढ़कर 81.25 करोड़ डॉलर पहुंच चुका है। 2022-23 की समान अवधि में भारत से अमेरिका को 9.22 करोड़ डॉलर का स्मार्टफोन एक्सपोर्ट किए गए हैं। बता दें कि, भारत से कुल स्मार्टफोन निर्यात में मूल्य के हिसाब से अमेरिका की हिस्सेदारी एक तिहाई (लगभग 33%) है। इस लिहाज से देखा जाए, तो अमेरिका को किए गए निर्यात में नौ गुना इजाफा हुआ है। अप्रैल-मई 2023 में अमेरिका भारत निर्मित स्मार्टफोन के लिए सबसे बड़े बाजार के रूप में उभरकर सामने आया है। विश्व की सबसे बड़ी इकॉनमी, अमेरिका को भारत से जाने वाले शिपमेंट में साल दर साल के आधार पर 775 फीसद की शानदार वृद्धि दर्ज की गई है। भारत ने इस साल अप्रैल-मई में 2.4 अरब डॉलर मूल्य के स्मार्टफोन का एक्सपोर्ट किया, जिसमें से 81.24 करोड़ डॉलर के स्मार्टफोन अकेले अमेरिका में भेजे गए। इससे एक साल पहले अमेरिका में स्मार्टफोन का निर्यात महज 9.22 करोड़ डॉलर या कुल निर्यात का बमुश्किल 10 फीसद था। अभी तक भारत अमेरिका को सर्वाधिक हीरे का निर्यात करता रहा है, मगर सरकार की कोशिशों से अब हीरे के बाद स्मार्टफोन अमेरिका में निर्यात की जाने वाली दूसरी सबसे बड़ी वस्तु बन चूका है और अमेरिका, भारत के लिए सबसे बड़ा बाजार।

बता दें कि, भारत ने वित्त वर्ष 2022- 2023 में 10.9 अरब डॉलर मूल्य के स्मार्टफोन एक्सपोर्ट किए थे, वहीं वित्त वर्ष 2023-2024 के पहले दो महीनों में कुल 2.43 अरब डॉलर का एक्सपोर्ट किया गया जो कि 157 प्रतिशत की वृद्धि है। वर्ष 22-2023 में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) को 2.57 अरब डॉलर के स्मार्टफोन का निर्यात किया गया था और उस साल वह भारत के स्मार्टफोन का सबसे बड़ा बाजार था। इसी प्रकार अमेरिका को 2.15 अरब डॉलर का स्मार्टफोन निर्यात किए गए थे और इस तरह गत वित्त वर्ष अमेरिका, भारतीय स्मार्टफोन का दूसरा सबसे बड़ा बाजार बना था।

लेकिन मौजूदा वित्त वर्ष में, स्मार्टफोन निर्यात के मामले में अमेरिका (81.24 करोड़ डॉलर) के बाद संयुक्त अरब अमीरात 48.45 करोड़ डॉलर के साथ दूसरे स्थान पर खिसक गया है। इसके बाद नीदरलैंड (20.5 करोड़ डॉलर) तीसरा, ब्रिटेन (15.13 करोड़ डॉलर) चौथा, इटली (13.66 करोड़ डॉलर) पांचवां और चेक गणराज्य (11.55 करोड़ डॉलर) छठा प्रमुख निर्यात गंतव्य रहा है।

आपको ASI सर्वे से दिक्कत क्या ? ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज करते हुए कई अहम टिप्पणी की, डिटेल में पढ़िए

सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी शुक्रवार (4 अगस्त) को अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें मुस्लिम पक्ष ने इलाहबाद हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी। दरअसल, इलाहाबाद HC द्वारा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को विवादित ज्ञानवापी परिसर (वज़ुखाना को छोड़कर) का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने की अनुमति दी गई थी। वाराणसी अदालत द्वारा 21 जुलाई को फैसला सुनाए जाने के बाद उच्च न्यायालय द्वारा गुरुवार को ज्ञानवापी परिसर के सर्वेक्षण का रास्ता साफ करने के बाद याचिका दायर की गई थी। ASI की एक टीम शुक्रवार सुबह विवादित परिसर में पहुंची और परिसर का सर्वेक्षण शुरू किया। वरिष्ठ वकील हुज़ेफ़ा अहमदी मस्जिद समिति की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। 

मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, "यह एक अंतरिम आदेश है। हमें इस स्तर पर हस्तक्षेप क्यों करना चाहिए? हम आयुक्त की रिपोर्ट पर आपकी अन्य सभी आपत्तियों को खुला रखेंगे। हम यह नहीं कह रहे हैं कि यह स्वीकार्य है या इस पर भरोसा किया जाना चाहिए। इस पर...इस पर बहस की जा सकती है।" अदालत ने पूछा कि, "यह सर्वेक्षण एक रिपोर्ट के रूप में होगा। कल, यदि आप रखरखाव पर सफल होते हैं, तो यह सिर्फ कागज का टुकड़ा होगा। क्या हम ऐसे चरण में हैं जहां अपूरणीय क्षति होगी।"

अदालत ने सर्वेक्षण के लिए अपनी सहमति तब दी जब "वहां कुछ संकेत और प्रतीक स्पष्ट रूप से देखे गए थे। इसे वैज्ञानिक अध्ययन के माध्यम से निष्कर्ष तक पहुंचाना तर्कसंगत है। अदालत ने मुस्लिम पक्ष से यह भी पुछा कि, आपको सर्वे से दिक्कत क्या है। सुप्रीम कोर्ट से मुस्लिम पक्ष की याचिका ख़ारिज होने के बाद अब विवादित ज्ञानवापी परिसर का ASI सर्वे जारी रहेगा।