सुप्रीम कोर्ट से भी मुस्लिम पक्ष को झटका, ज्ञानवापी में जारी रहेगा एएसआई का सर्वे
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ज्ञानवापी केस में सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका दे दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी सर्वे को हरी झंडी दे दी गई है। अंजुमन इस्लामिया मसाजिद कमेटी ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है। इस प्रकार ज्ञानवापी का सर्वे जारी रहेगा।
सु्प्रीम कोर्ट में इस मामले मेंदोनों पक्षों के बीच जोरदार बहस हुई।सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष की दलीलों पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि अयोध्या मामले में भी एएसआई सर्वे हुआ था और हम सबूत के सारे ऑप्शन खुले रखेंगे।सीजेआई ने कहा, 'हम इस बात का ख्याल रखेंगे कि ढांचे को कोई नुकसान न हो।' सॉलिसिटर जनरल ने इस पर कहा कि एएसआई ने हाई कोर्ट में एफिडेविट फाइल किया है जिसमें इस बाद का आश्वासन दिया गया है कि ढांचे को कोई नुकसान नहीं होगा। एसजी ने इस पर कहा, 'हम उसका पालन करेंगे। अगर कभी भविष्य में खुदाई की जरूरत पड़ती है तो कोर्ट से परमिशन ली जाएगी।
कोर्ट ने कहा कि खुदाई न हो, यह सुनिश्चित किया जाए। रिपोर्ट को सीलबंद रखा जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सर्वे से किसी के अधिकार का हनन नहीं हो रहा है। हिंदू पक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट में सर्वे की लाइव स्ट्रीमिंग का प्रस्ताव दिया गया। सुप्रीम कोर्ट की ओर से साफ कहा गया कि सुनिश्चित करेंगे कि मस्जिद को छुआ नहीं जाए। परिसर में खुदाई का कार्य नहीं हो, यह भी सुनिश्चित करेंगे। सर्वे से इमारत को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा।
कोर्ट में सीएम योगी के बयान का जिक्र
वहीं, मुस्लिम पक्ष के वकील ने अपनी दलील देते हुए इस मसले पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा, '3 दिन पहले बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई। मामला कोर्ट में लंबित है लेकिन यूपी के मुख्यमंत्री ने इस पर बयान दे दिया। यह इस मामले में स्टेट हैं और किसी एक का पक्ष नहीं ले सकते।'
कोर्ट में उठा प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट का मुद्दा
सुप्रीम कोर्ट में प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट का भी मुद्दा उठा है। मुस्लिम पक्ष की ओर से वकील अहमदी ने कहा कि पूजा स्थल अधिनियम की धारा 2(बी) के तहत इसकी स्थिति में बदलाव नहीं किया जा सकता है। यह सेक्शन कन्वर्जन को परिभाषित करता है। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि आप सही हैं, एक्ट के 2(बी) रूपांतरण शब्द का उपयोग बहुत व्यापक अर्थ में है। एक्ट के तहत साफ है कि पूजा स्थल का धार्मिक चरित्र नहीं बदलना चाहिए। सीजेआई ने कहा कि सवाल यह है कि 15 अगस्त 1947 को उस स्थान का धार्मिक चरित्र क्या था?
ज्ञानवापी का सर्वे शुरू
बता दें कि 24 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर रोक लगाते हुए मुस्लिम पक्ष को इलाहाबाद हाई कोर्ट में अपील करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद मुस्लिम पक्ष ने हाई कोर्ट में अर्जी लगाई थी। जब हाईकोर्ट ने दोबारा शर्तों के साथ सर्वे करने का आदेश दिया, तब मुस्लिम पक्ष ने शुक्रवार को सर्वे पर रोक लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया गया । इस बीच एएसआई की 40 सदस्यीय टीम ने ज्ञानवापी का सर्वे शुरू कर दिया। टीम ने शुक्रवार को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की मैपिंग की। टीम परिसर के अंदर सर्वे के दायरे में आने वाली हर चीज की फोटोग्राफी की गई। इसके अलावा पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई जा रही है।
Aug 04 2023, 16:52