*आईएमए कानपुर शाखा द्वारा ही एम ई प्रोग्राम का आयोजन*
कानपुर। आई०एम०ए० कानपुर शाखा द्वारा एवं राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट & रिसर्च सेंटर न्यू दिल्ली के सहयोग से एक सी०एम०ई० प्रोग्राम का आयोजन किया गया। इस सी०एम०ई० के प्रथम वक्ता डॉ० मुदित अग्रवाल हेड & वरिष्ठ कंसलटेंट हेड एंड नेक ऑनकोलॉजी यूनिट गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट & रिसर्च सेंटर न्यू दिल्ली ने " Robotic surgery in - 2 राजीव head & neck oncology" विषय पर एवं द्वितीय वक्ता डॉ सुमित गोयल एसोसिएट डॉयरेक्टर मेडीकल ऑनकोलॉजी राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट & रिसर्च सेंटर न्यू दिल्ली ने "Approach to patient with suspected Cancer" विषय पर अपने व्याख्यान प्रस्तुत किए।
आई०एम०ए० कानपुर के अध्यक्ष डा० पंकज गुलाटी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की तथा आये हुए सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए इन बीमारियों की गम्भीरता के विषय में बताया तथा कार्यक्रम का संचालन एवं आज के वक्ताओं का परिचय डा० दिनेश सचान ने किया। प्रश्नोत्तर श्रृंखला का संचालन डॉ अर्चना भदौरिया चेयरपर्सन वैज्ञानिक सब कमेटी ने किया तथा अंत में धन्यवाद ज्ञापन आई०एम०ए० कानपुर के सचिव डॉ अमित सिंह गौर ने दिया। कार्यक्रम के चेयरपर्सन डॉ दीपक अग्रवाल, वरिष्ठ सर्जन मधुराज नर्सिंग होम एवं डॉ विशाल खन्ना कैंसर सर्जन कानपुर थे।कार्यक्रम के पैनलिस्ट डॉ दिनेश सिंह सचान वरिष्ठ कैंसर विशेषज्ञ
कानपुर एवं डॉ कुश पाठक कैंसर सर्जन कानपुर थे।पर्यावरण में गिरावट और दोषपूर्ण जीवनशैली के कारण देश में कैंसर की घटनाओं में वृद्धि हो रही है।
पर्यावरण की रक्षा और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से कैंसर को काफी हद तक रोकने में मदद मिल सकती है। यह जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है कि यदि कैंसर का शीघ्र निदान कर लिया जाए और उचित उपचार लिया जाए तो इसका इलाज काफी हद तक संभव है। साथ ही, नई तकनीकों ने कैंसर के इलाज में क्रांति ला दी है। यह बात राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट (आरजीसीआई) नई दिल्ली के दो प्रतिष्ठित विशेषज्ञ डॉ. मुदित अग्रवाल और डॉ. सुमित गोयल ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए), कानपुर द्वारा आयोजित डॉक्टरों के एक सम्मेलन में कही।
सिर और गर्दन के कैंसर में रोबोटिक सर्जरी पर बोलते हुए, आरजीसीआई में हेड और नेक ऑन्कोलॉजी यूनिट हेड और सीनियर कंसल्टेंट डॉ. मुदित अग्रवाल ने कहा, रोबोटिक सर्जरी जैसी नई तकनीकों ने कैंसर के इलाज में क्रांति ला दी है क्योंकि रोबोट ट्यूमर के किसी भी स्थान तक पहुंच सकता है जो मुश्किल था। पारंपरिक सर्जरी के माध्यम से पहुंचा जा सकता है। रोबोटिक सर्जरी में सर्जन को 10x आवर्धन के साथ 3डी दृश्य मिलता है जिससे सटीकता में वृद्धि होती है और अंततः रोगी को शीघ्र स्वस्थ होने में मदद मिलती है।
कैंसर की सर्जरी में अंगों की विकृति और निशान आम बात रही है, लेकिन रोबोटिक सर्जरी ने अंगों को संरक्षित करने में काफी मदद की है, जिससे मरीज न केवल ठीक हो जाता है, बल्कि अंग क्रियाशील भी रहते हैं। डॉ. मुदित ने कहा, आरजीसीआई भारत का पहला संस्थान है जिसके पास सिर और गर्दन की सर्जरी के लिए तीन रोबोट हैं।
शुरुआती चरणों में कैंसर की पहचान करने की आवश्यकता पर बोलते हुए, डॉ. सुमित गोयल, एसोसिएट डायरेक्टर - मेडिकल ऑन्कोलॉजी आरजीसीआई, ने कहा, कैंसर एक संभावित इलाज योग्य बीमारी है अगर जल्दी पकड़ में आ जाए, इसलिए जल्दी जांच जरूरी है। दुर्भाग्य से हमारे पास आने वाले आधे से अधिक मरीज़ उन्नत अवस्था में होते हैं। कोई भी गांठ जो आकार में बढ़ रही हो, तेज खांसी, मुंह में कोई अल्सर जो ठीक नहीं हो रहा हो, आवाज बदलना, निगलने में कठिनाई, कोई तिल जो स्थिति बदल रहा हो, रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में रक्तस्राव कैंसर के लक्षण हो सकते हैं और किसी को तुरंत संपर्क करना चाहिए इलाज करने वाला चिकित्सक.
डॉ. सुमित ने कहा, हम देश भर के चिकित्सकों तक पहुंच रहे हैं और उन्हें नवीनतम ज्ञान से अपडेट कर रहे हैं ताकि वे कैंसर के चेतावनी संकेतों को जल्दी पकड़ने में सक्षम हो सकें और संदिग्ध कैंसर वाले रोगियों के लिए उचित दृष्टिकोण अपना सकें।
Jun 25 2023, 15:12