*किसानों ने शुरू की धान की रोपाई*
लखनऊ। आषाढ़ महीने के करीब बीस दिन बीत गए लेकिन आषाढ़ की बरसात देखने को नहीं मिली। बरसात का इंतजार करते करते आखिर किसानों ने धान की रोपाई शुरू कर दी। उम्मीद है कि सावन की शुरुआत में धान की रोपाई का काम और तेजी पकड़ेगा।
खरीफ फसलों में मुख्य फसल धान की होती है। राजधानी में करीब पचास हजार हेक्टेअर से भी अधिक धान की फसल होती है। धान की फसल को पानी की ज्यादा जरूरत होती है। रोपाई खेत में पानी भरा होने पर ही की जाती है।
इन दिनों कही कहीं धान की पौध तैयार हो गई है और रोपाई शुरू कर दी गई है। क्षेत्र के कपेरा गांव में धान की रोपाई चालू है। दिनेश के खेत में रोपाई होने लगी है तो परशुराम वर्मा के खेत रोपाई के लिए तैयार हो चुके हैं। परशुराम वर्मा ने बताया कि खेतो में पानी भरा जा रहा है। रविवार से रोपाई शुरू हो जाएगी।परशुराम वर्मा सहित कई किसानों ने बताया कि गांव में मेंथा की कटाई का काम लगभग समाप्त हो चुका है और धान की रोपाई शुरू कर दी गई है।
राजधानी में करीब 50 हजार हेक्टेअर जमीन में धान की फसल ली जाती है। इस समय धान की नर्सरी डालने से लेकर धान की रोपाई तक का काम चल रहा है। जिन किसानों के पास पानी के निजी साधन हैं और उनके खेत समय से खाली हो गये। उन किसानों ने अगैती नर्सरी कर दी, जिससे उनकी पौध तैयार हो गई। पानी का साधन होने के कारण उनके खेतों में धान की रोपाई चालू हो चुकी है।
कपेरा के परशुराम वर्मा ने बताया कि उनके गांव में जिन किसानों के खेत खाली हैं और उनकी पौध तैयार है वे रोपाई करने लगे हैं। किसानों का कहना था कि अधिकतर किसानों की पौध तैयार भी है।
किसानों का मानना है कि बरसात का पानी समय से मिलने पर धान की फसल अच्छी होती है। उपर का पानी मिलने लगता है तो फसल सूखने का खतरा कम हो जाता है। बरसात शुरू न हुई तो रोपी गई फसल सूखने का डर रहेगा।
Jun 24 2023, 19:48