वर्षो की टूटी परंपरा, इसबार राष्ट्रपति को नहीं जा पाया मुजफ्फरपुर का शाही लीची
मुजफ्फरपुर : फलों की रानी मुज़फ़्फ़रपुर की शाही लीची और चाइना दोनों का सीजन समाप्त हो गया, उद्यान रत्न प्राप्त किसान भोलानाथ झा ने बताया कि अब लीची का सीजन समाप्त हो गया।
उद्यान रत्न प्राप्त किसान भोलानाथ झा ने खेद जताते हुये कहा कि सरकार के तरफ से महामहिम राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को लीची भेजने की परंपरा टूट गयी। अब तो लीची ही नही है कि जाएगा।
भोलेनाथ झा का मानना है कि राजनीतिक कटुता की वजह से लीची भेजने की परंपरा टूट गयी। पहले तो कोरोना की वजह से और फिर राजनीतिक कटुता की वजह से, उन्होंने कहा कि लीची भेजने की परंपरा की शुरुआत नीतीश कुमार ने ही कि थी अब ऐसे समय में सरकार के तरफ से कोशिश होगी तो वह वेवजह ही होगी।
हालांकि भोलानाथ झा ने बताया कि जैसे ही उन्हें इसकी भनक लगी कि सरकार के तरफ से लीची भेजने की परंपरा टूटने जा रही है तो उन्होंने फौरन अपने बागान का लीची देश के प्रधानमंत्री तक भेज पाए , हालांकि इस बात का उन्हें मलाल रह गया कि महामहिम राष्ट्रपति तक वे लीची नही पहुँचा पाए।
बड़े लीची के किसान भोला नाथ झा ने बताया कि आज तक किसी भी सरकार ने लीची का व्यवस्थित बाजार तक नही उपलब्ध कराया , न ही लीची के प्रोसेसिंग के लिये किसानों के पास समुचित व्यवस्था है जिससे अपने लीची को सुरक्षित कुछ दिनों तक रख पाए।
इसके लिये उन्होंने बताया कि पूर्व सांसद स्व कैप्टन जय नारायण निषाद जी ने लोकसभा में लीची के किसानों के दर्द को रखा था अब उनके लड़के मुज़फ़्फ़रपुर के भाजपा सांसद अजय निषाद से उम्मीद है कि लीची के किसानों के दर्द को समझेंगे।
मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी
Jun 19 2023, 12:56