*कन्हैया की कथा को सुनकर भक्त हुए भाव विभोर*
तुलसीपुर । भ्रमण करते हुए जब गंगाचार्य ऋषि नंद के घर पहुंचे तब सभी ने उनका आरती उतार के कन्हैया के नामकरण के लिए आग्रह किया गंगा चार्य ऋषि नामकरण के पूर्व स्नान ध्यान कर कन्हैया के नामकरण के लिए उपस्थित हुए तब गांव के सभी लोग वहां मौजूद थे। कान्हा को कोई किसी नाम से कोई किसी नाम से पुकार रहा था कोई गोविंद कह रहा था कोई घनश्याम कह रहा था तो कोई गोपाला कह रहा था तो कोई सांवरिया कह रहा था।
इस तरह से ऋशी गंगा चार्य ने यशोदा के पुत्र का नाम कृष्ण रखा और रोहड़ी के पुत्र का नाम बलराम नामकरण के उपरांत गोपिया के साथ पूरे गांव वासी नृत्य कर बधाई गीत गाया। इसके उपरांत व्यास दद्दन महाराज ने कन्हैया ने कंस के द्वारा भेजी गई असुर पूतना, त्रिर्णावत, और सक्तासुर के वध का विस्तृत प्रसंग सुनाया कन्हैया की कथा को सुनकर श्रद्धालु पुष्प अर्पित कर भाव विभोर हो गए कन्हैया के नामकरण अवसर पर आयोजक अनिल कुमार श्रीवास्तव मनोज कुमार श्रीवास्तव संजय श्रीवास्तव गौरव श्रीवास्तव हर्षित श्रीवास्तव आदि ने भगवान कन्हैया की आरती उतार कर 56 भोग प्रसाद वितरण किया।
Jun 12 2023, 19:19