*किसान भाई कीटनाशक दवाओं का प्रयोग करें कम-जिला कृषि रक्षा अधिकारी*
बलरामपुर। जिला कृषि रक्षा अधिकारी आर0पी0 राना ने बताया कि वर्तमान समय में खरीफ की फसलों में धान की नर्सरी डाली जा रही है। किसान भाइयों को सलाह दी जाती है कि खरीफ की फसलों में बुवाई से पूर्व बायोपेस्टीसाइड् ट्राइकोडर्मा व ब्यूवेरिया बैसियाना का प्रयोग करते हुए भूमिशोधन/बीजशोधन अवश्य कर लें।
भारत सरकार द्वारा गठित उप समिति द्वारा अवगत कराया गया कि यूरोपीय संघ के देशों का निर्यात किए जा रहे बासमती चावल में ट्राइसाइक्लाजोल रसायन की अवशेष अनुमन्य मात्रा 0.01पी0पी0एम0 से अधिक पाया जा रहा है जिससे मानव स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव का खतरा है।
उन्होंने चावल में प्रयोग किए जा रहे कीटनाशक रसायनों के स्तर को कम करने के लिए किसानों को सलाह देते हुये कहा कि यथासंभव बुप्रोफेजन 25 प्रतिशत एस0सी0 व टाªसाइक्लाजोल 75 प्रतिशत डब्ल्यू0पी0 का प्रयोग न किया जाए व वैकल्पिक रसायनों का प्रयोग करें।
बासमती धान की फसल में हरा/भूरा फुदका व सफेद पीठ वाला फुदका दिखायी पड़ने पर एसीफेट, इमिडाक्लोप्रिड, थइमेथोक्साम तथा झुलसा के नियंत्रण हेतु हेक्साकोनाजोल 5 प्रति0, मैंकोजेब 75 प्रति0 या कार्बेन्डाजिम 50 प्रति0 का प्रयोग करें। किसी भी दशा में रसायन की संस्तुत मात्रा से अधिक मात्रा का प्रयोग न करें बासमती उत्पादक किसान basmati.net पर पंजीकरण कर नवीनतम् जानकारी प्राप्त कर सकते है।
उन्होंने कृषक बन्धुओं से अपील किया है कि कृषि रक्षा रसायन अपने निकटवर्ती कृषि रक्षा इकाई से ही क्रय करें। वैध लाइसेन्सधारी डीलरों से कीटनाशकों की खरीद करते समय उनसे रशीद/कैशमेमो अनिवार्य रूप से प्राप्त करें। किसान भाइ अपनी फसल में किसी भी प्रकार के कीट/रोग के प्रकोप की स्थिति में सहभागी फसल निगरानी एवं नियंत्रण प्रणाली के व्हाट्सएप नम्बर-9452247111 अथवा 9452257111 पर फोटो भेज कर अपनी समस्या का समाधान प्राप्त कर सकते हैं।
Jun 09 2023, 17:30