*बलरामपुर में चौकाने वाले हो सकतें हैं परिणाम , किसके सिर पर ताज होगा 13तारीख ही बताएगा*
जय सिंह
बलरामपुर (तुलसीपुर )धीरू की आंधी और शाहबान के चुनावी मैनेजमेंट के बीच में कड़ा मुकाबला अगर पुराने दोस्तों ने दिया साथ साइकिल फिर से दौड़ेगी ।उधर कांग्रेस प्रत्याशी ने पहली बार चुनावी प्रचार में दिखाया दम खम अब चुनाव प्रचार खत्म हो चुका है और हर कोई जानना चाहता है कि चुनाव में क्या होगा। खैर यह बाद में आएगा लेकिन चुनावी सर्वे पर हम कुछ चर्चा कर सकते हैं। सबसे पहले चर्चा करेंगे भाजपा के प्रत्याशी दानवीर धीरू सिंह कि जिनके चुनाव प्रचार से लग रहा था कि पूरे बलरामपुर में एक सुनामी भाजपा के पक्ष में दौड़ रही है और चुनावी समीकरण में सीधे एक तरफा जीते हुए दिखाई पड़ रहे हैं किन्तु पहली बार ऐसा हुआ है कि भाजपा प्रत्याशी के सामने 5 मुस्लिम लड़ रहे हैं ।
ऐसे में समीकरण भाजपा के पक्ष में जाता हुआ दिखाई पड़ रहा था लेकिन चुनाव समीकरणों से नहीं जीते जाते हैं। इसलिए भाजपा की जीत अब सिर्फ इस बात पर निर्भर है यादि मुस्लिमों वोटरों में बिखराव हुआ तो कमल खिलना तय है अन्यथा परिणाम चौंकाने वाले हो सकते हैं। हालांकि धीरू के लिए सबसे अच्छी बात यह थी कि आखिरी समय में सदर विधायक पलटू राम डॉक्टर अजय सिंह पिंकू बच्चा शुक्ला संजय शर्मा सहित कई भाजपा के बड़े नेता उनके लिए जी जान से लगे हुए थे। अब बात करते हैं राजनीति के नए चाणक्य कि आपको बता दें कि जन्म भले ही मुस्लिम परिवार में हुआ हो लेकिन शाबान अली एक बार फिर से चाणक्य बनकर उभरे हैं ।
जहां चुनाव के शुरुआती दौर में उनके खिलाफ वह तीसरे नंबर की लड़ाई लड़ रहे थे लेकीन जैसे चुनाव आगे बढ़ता गया चुनावी रेस में मजबूती से शाबान आगे बढ़ते गए सबसे पहले उन्होने तेजी से चल रही साइकिल पर ब्रेक लगा दिया। सूत्रों से मिली खबर के अनुसार इसमें उन्होंने अपने प्रभाव और विशेषकर गरीब मतदाताओं पर इतना ही नहीं भाजपा से नाराज चल रहे कई बड़े नेताओं पर डोरे डाले हैं और बड़ी शांति के साथ चुनाव के मैनेजमेंट को खुद समझ रखा इतना ही नही भाजपा के गढ़ में कई सभासदों के माध्यम से हाथी के पक्ष में वोट करवाया है अब देखना यह है कि भाजपा और हाथी का मुकाबला कितना कड़ा होता है।
अब समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी इशरत जमाल के चुनाव शुरू होने से पहले ही साइकिल सबसे तेज दौड़ने की और नंबर 1 की पोजीशन हासिल की हुई थी हिंदू और मुसलमान दोनों पक्षों में बेहतरीन प्रदर्शन था। युवा वोटरों पर बेहतरीन पकड़ शुरुआती दौर से ही बनाए रखा लेकिन उनके चुनाव की जीत इस बात पर निर्भर है कि उनके पुराने मतदाता ओं ने साथ दिया तो साइकिल की रफ्तार को कोई रोक नहीं पाएगा। लेकिन बसपा के नेताओं का दावा है कि उनके मजबूत वोट बैंक मुस्लिम के गढ़ में हमने सेद लगा दी है । वहीं भाजपा ने हिंदुओं वोटरों मे दबाव बनाने का प्रयास किया लेकिन समाजवादी पार्टी के नेता का दावा है कि हमारे वोटरों में किसी का जोर नहीं लग पाया है हमारे वोटर खामोश थे। क्योंकि ज्यादा शोर मचाने पर सत्ता पक्ष भाजपा हमारे वोटरों को अपने पाले में लाने का प्रयास करता अब तो बक्सा खुलने के बाद ही पता चलेगा कि साइकिल कहां तक दौड़ी।और कमल कैसे खिलेगा।
May 08 2023, 17:13