छात्र संगठन द्वारा बुलाए गए झारखंड बंद के मद्देनजर रांची में सामान्य रहा बंद, कई छात्र हिरासत में
रांची: झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन की ओर आहुत आज की बंदी को बंद समर्थक छात्रों ने सफल और ऐतिहासिक बताया है। राज्य के विभिन्न जिलों में बंद का असर दिखा। राजधानी रांची में पुलिस की मुस्तैदी की वजह से बंद का सामान्य असर देखने को मिला। अलबर्ट एक्का चौक पर लगने वाली फूटपाथ की दुकानों के साथ शास्त्री मार्केट, चर्च रोड मार्केट, वेंडर मार्केट की दुकानें बंद रहीं। जबकि यातायात लगभग सामान्य रहा। रांची शहर के सटे इलाकों में बंद का असर दिखा। अन्य जिलों की बात करें तो पश्चिमी सिंहभूम, रामगढ़, लोहरदगा जैसे जिलों में असर देखने को मिलना।
हिरासत में लिए गए समर्थक
आंदोलन कर रहे छात्रों को पहले तो पुलिस ने सख्ती बरतते और लाठी चटकाते हुए मोरहाबादी डीएसपीएमयू के पास ले गई। इसके बाद सभी को बस में भर कर कैंप जेल ले गई। पुलिस यहां से 20 लोगों को हिरासत में ली है। पुलिस ने जिन्हें हिरासत में लिया है, उसमें छात्र नेता देवेंद्र नाथ महतो, मनोज यादव सहित कई अन्य शामिल हैं। इसके अतिरिक्त राज्य के विभिन्न जिलों से भी गिरफ्तारी की खबर आ रही है। हालांकि छात्रों का कहना है कि हम अनुरोध कर के ही बंद करा रहे हैं।
गिरफ्तारी के दौरान झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन प्रमुख देवेंद्रनाथ महतो ने कहा कि गिरफ्तार हमें किया गया है, लेकिन आंदोलन जारी रहनी चाहिए। प्रशासन हमें गिरफ्तार कर सकती है हमारे विचारों को नहीं। 60- 40 नियोजन नीति को स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नियोजन नीति के आंदोलन की यह आग भयंकर रूप लेकर धधक रहा है। यह आग तब तक जलता रहेगा जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी।
सुबह छह बजे से ही बंद कराने निकले छात्र
बंद समर्थक छात्र सुबह छह बजे से ही दुकानें बंद कराने निकल गए। पहले उन्होंने मोरहाबादी मार्केट को बंद कराया। इस बीच पुलिस आयी और उन्हें खदेड़ा। इसके बाद छात्र फिर बंद कराने निकले। छात्रों ने कचहरी चौक, लालपुर, मेन रोड, रातू रोड, कांटा टोली, लोवाडीह चौक, कोकर चौक, बुटी मोड़, बीआईटी मोड़, ओरमांझी, टाटीसिलवे , नामकुम, बहु बाजार, सुजाता चौक, डोरण्डा, हीनू, बिरसा चौक, हटिया, तुपूदाना, दस माईल, सतरंगी, धुर्वा, अरगोड़ा चौक, किशोरगंज, रातू रोड, आईटीआई बस स्टेंड और खादगाढ़ा बस स्टैंड में घूमघूम कर दुकानें बंद करायी।
राज्य सरकार ने नियुक्ति के लिए जो नीति बनायी है, उसे स्टूडेंट्स राज्य हित में नहीं मान रहे हैं। उनका कहना है कि अगर इस नीति के अनुसार नियुक्तियां हुई तो राज्य के युवाओं की नियुक्ति में सेंधमारी हो जाएगी। राज्य सरकार को ऐसी नियोजन नीति बनानी चाहिए जो यहां के युवाओं को नौकरी सुनिश्चित कर सके।
जाने क्या चाहते हैं स्टूडेंट्स
झारखंड में बिहार की तर्ज पर नियोजन नीति लागू हो।
बिहार पुनर्गठन अधिनियम 2000 की उपधारा 85 के तहत झारखंड सरकार को भी यह अधिकार है कि वह संयुक्त बिहार के समय का कोई भी अध्यादेश, गजट का संकल्प को अंगीकृत कर सकती है।
इसी अधिकार के तहत बिहार की 3 मार्च 1982 वाली नियोजन नीति जिसका पत्रांक 5014/81-806 है, को अंगीकृत कर बिहार की तर्ज पर नियोजन नीति लागू करते हुए नियुक्तियां शुरू की जाएं।
नियुक्ति फॉर्म भरते समय स्थानीय प्रमाण पत्र क्रमांक संख्या अनिवार्य रूप से भरने का प्रावधान किया जाए
जनसंख्या के अनुपात में सभी वर्गों को जिला स्तर में आरक्षण लागू किया जाए
झारखंड का एक स्पेशल पेपर का प्रावधान किया जाए, जिसमें झारखंड के रीति रिवाज, भाषा संस्कृति, परंपरा की अनिवार्यता हो।
राज्य स्तर तथा जिला स्तर के सभी तकनीकी तथा गैर तकनीकी परीक्षा में क्षेत्रीय भाषा का पेपर अनिवार्य किया जाए
मूल झारखंडी छात्रों को पांच वर्ष का उम्र सीमा में विशेष छुट दी जाए। उत्तराखंड की तर्ज़ पर परीक्षा नकल विरोधी कानून लागू किया जाए
Apr 21 2023, 11:27