केंद्र और राज्य सरकार किसानों को राहत देने में नाकामः अनिल दुबे
लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने कहा है कि कई दिनों से किसानों की बर्बादी और तबाही की तस्वीरें आ रही है। बेमौसम बारिश, आंधी और ओलावृष्टि ने किसानों की पकी पकायी फसलों को तबाह और बर्बाद कर दिया है लेकिन केन्द्र और राज्य दोनो सरकारों ने अभी तक किसानों के लिए न तो किसी राहत और न ही किसी मुआवजे का ऐलान किया है। लगता है कि डबल इंजन सरकार ने किसानों को भगवान के भरोसे छोड दिया है। आज जारी बयान में श्री दुबे ने कहा कि सरकार किसानों के लिए विशेष योजना के तहत किसानों को राहत देने की घोषणा करें।
श्री दुबे ने कहा कि देश के कई क्षेत्रों में ओलावृष्टि और बरसात से किसानों की खडी फसल बर्बाद हुई है। फसल बीमा के अन्तर्गत राहत हो या विषेष योजना प्रदेष और केन्द्र सरकार को हर हाल में अन्नदाता का ध्यान रखना होगा। उन्होंने कहा कि मौसम और सरकार का कहर किसानों पर जारी है।
बरसात व तेज आंधी तथा ओलावृष्टि के कारण किसानों की फसल चैपट हो गयी और आकाशीय बिजली गिरने से कई लोगों की असमय मौत हो गयी। उन्होंने कहा कि जो गेंहूं खेत में गिर गया है वह पतला हो जायेगा और पैदावार चौथाई रह जायेगी इसी तरह सरसों की फसल भी टूटकर खेतों में बिखर गयी फलस्वरूप किसानों को काफी नुकसान हुआ। ऐसे ही मसूर, मटर और आम की फसल करने वाले किसानों को भी भारी क्षति हुई है।
उन्होंने कहा कि डिजिटल इण्डिया का नारा देने वाली सरकारे किसानों के मुददे पर न जाने क्यों मौन हो जाती है और उनको राहत देने की बजाय उनका शोषण करने में लग जाती है और आपदा राहत राशि को अपने चहेतों को देने व बंदरबाट करने के लिए लेखपाल, कृषि विभाग के आंकड़ों पर आधारित हो जाती है। गत दो दिनों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर पूर्वांचल तक मौसम की मार से किसानों को होेने वाले नुकसान का कृषि विभाग के प्रारंभिक आकलन के मुताबिक 4 से 5 प्रतिशत दर्षाना अपने आप में भ्रष्टाचार की पोल खोलने के लिए काफी है।
उन्होंने कहा कि मिर्जापुर, जौनपुर, हमीरपुर और महोबा में आकाशीय बिजली गिरने से कई लोगों की मौत हो गयी। प्रदेश सरकार को बर्बाद हुई किसानों की फसल का उचित मुआवजा देने के साथ साथ आकाशीय बिजली का शिकार हुए मृतकों के परिजनों को 50-50 लाख रुपये का आर्थिक मुआवजा तथा एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाय।
Mar 20 2023, 19:41