विश्व गौरैया दिवस : गौरैया सुरक्षित तो हमारा पर्यावरण सुरक्षित
लखनऊ। विश्व गौरैया दिवस (20मार्च) के उपलक्ष में चैतन्य वेलफेयर फाउंडेशन की ओर से शनिवार को बंगला बाजार स्थित पायनियर मांटेसरी स्कूल में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम में सभी वक्ताओ ने कहा कि जिस तेजी के साथ गौरैया विलुप्त हो रही है ऐसे में जरूरी है कि गौरैया संरक्षण को लेकर किए जा रहे प्रयास और तेजी से किए जाएं।
इसलिए जरूरी है कि गौरैया को वापस बुलाने के लिए घर की छत पर दाना और पानी रखें, घर के आस-पास पेड़-पौधे लगाएं। साथ ही कृषि में कीटनाशकों का उपयोग कम किया जाए और जगह-जगह बर्ड हाउस स्थापित किए जाएं।
चैतन्य वेलफेयर फाउंडेशन की प्रमुख ओम सिंह ने कहा कि गौरैया स्वच्छ पर्यावरण की सूचक है। हम 2010 से निरंतर गौरैया दिवस मना रहे हैं। दुनिया भर में गौरैया की 26 प्रजातियां हैं, जबकि उनमें से 5 भारत में पाई जाती हैं। उन्होंने बच्चों को बताया कि कीटनाशकों के इस्तेमाल, आहार- आवास की कमी होती जा रही है। मोबाइल फोन तथा मोबाइल टावरों से निकलने वाली सूक्ष्म तरंगे गौरैया के अस्तित्व के लिए खतरा बन रही हैं।
इस कार्यक्रम में पायनियर मांटेसरी स्कूल की प्रिंसिपल शर्मिला सिंह ने कहा गर्मी का मौसम शुरू हो गया है। अपने घर की छतों के ऊपर घौंसले जरूर रखें। अपने घरों की छत के ऊपर पानी की व्यवस्था जरूर करें जिससे पक्षी पानी पी सके। और वह जीवित रहें सके। समाजसेवी मनोज सिंह चौहान ने बताया कि पर्यावरण में पशु पक्षियों का बहुत बड़ा योगदान होता है।
गौरैया पर्यावरण को न केवल सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण देती है बल्कि अपनी मधुर आवाज से मानव जीवन में एक उत्साह और खुशी का माहौल भी पैदा करती है। उनके संरक्षण हेतु प्रत्येक वर्ष विश्व में 20 मार्च को गौरैया दिवस के रूप में मनाया जाता है। कार्यक्रम में बच्चों से गौरैया से सम्बंधित प्रश्न पूछे गए। जिसका बच्चो ने बड़े ही उत्साह से जवाब दिया। फाउंडेशन के राजकुमार ने बताया कि कार्यक्रम में एक दर्जन बर्ड हाउस व एक दर्जन पानी रखने के लिए मिट्टी के बर्तन बच्चों को वितरित किये गये।
Mar 19 2023, 13:17