अधिवक्ता शहीदुल हक मामले में पुलिस अधिकारियों को सत्र न्यायालय से भी राहत नहीं मिली
पूर्णिया,
पूर्णिया के अधिवक्ता शहीदुल हक के घर पुलिस द्वारा गलत ढंग से छापेमारी और अधिवक्ता समेत उनके परिजनों की गिरफ्तारी के विरुद्ध अधिवक्ता शहीदुल हक ने एक अभियोग पत्र मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी पूर्णिया के न्यायालय में दाखिल किया गया था।
न्यायालय में जांच साक्ष्यों के परीक्षण के बाद प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी विजय कुमार ने सभी नामजद पुलिस पदाधिकारियों:- आनंद कुमार, संजय कुमार सिंह, मिथिलेश कुमार, पुष्प लता कुमारी,
सुबोध चौधरी, प्रेम शंकर सिंह, अब्दुल मन्नान एवं गुलाम सरवर के खिलाफ सुसंगत धाराओं में संज्ञान लिया था। इसी संज्ञान के खिलाफ सात पुलिस पदाधिकारीयों ने सत्र न्यायालय में रिवीजन दाखिल किया था। उक्त रिवीजन में सुनवाई के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अतुल कुमार सिंह ने निचले न्यायालय द्वारा लिए गए संज्ञान आदेश को सही ठहराते हुए रिवीजन को खारिज कर दिया। परिणाम स्वरूप निम्न न्यायालय में अब उक्त सभी पुलिस पदाधिकारियों के खिलाफ मुकदमे की आगे की कार्यवाही चलेगी।
आपको बता दें की अधिवक्ता सहीदुल की एक रिश्ते द्वार किशनगंज महिला थाना में दर्ज एक मुकदमे के सिलसिले में एक बच्ची की बरामदगी हेतु किशनगंज एवं पूर्णिया पुलिस की सम्मिलित दल ने 17 जुलाई 2021 की रात्रि उक्त अधिवक्ता के घर पर गलत ढंग से, बर्बरता पूर्ण कार्रवाई करते हुए छापेमारी की गई एवम सामानों को तोड़-फोड़ दिया गया था।
परिवार के सभी सदस्यों के साथ मारपीट करते हुए उन्हें थाने लाने के बाद न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। इतना ही नहीं पुलिस द्वारा किए जा रहे छापेमारी का अधिवक्ता व उनके परिजनों के द्वारा विरोध किये जाने के कारण उक्त अधिवक्ता एवं उनके परिवार के खिलाफ एक मुकदमा भी पुलिस ने दर्ज किया था।
तत्कालीन मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने मुकदमे की वस्तु स्थिति के मद्देनजर पुलिस पदाधिकारियों को फटकार लगाते हुए अधिवक्ता उनके परिवार के लोगों को रिमांड करने से मना कर दिया था, साथ ही पुलिस पदाधिकारियों के विरुद्ध कारण पृक्षा भी जारी किया गया था।
Mar 02 2023, 19:33