/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png StreetBuzz s:saudi
सऊदी अरब ने इमरान खान को सत्ता से हटवाया? बुशरा बीबी का बड़ा दावा

#saudi_arabia_behind_former_pak_pm_imran_khan_ouster

पाकिस्तान और सऊदी अरब दोस्त माने जाते हैं। लेकिन सऊदी अरब पर ही पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को सत्ता से हटाने का आरोप लगा है। ये आरोप किसी और ने नहीं बल्कि इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी ने लगाया है। एक वीडियो संदेश में बुशरा बीबी ने साल 2022 में इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार को हटाने में सऊदी अरब की भूमिका की बात कही है।वीडियो संदेश में बुशरा बीबी ने पाकिस्तान के तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा का भी नाम लिया है। बुशरा बीबी के वीडियो बयान को पाकिस्तान तहरीक के इंसाफ (पीटीआई) के आधिकारिक एक्स हैंडल से शेयर किया गया है।

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी ने पति की सत्ता से बाहर होने के मामले में बड़ा खुलासा करते हुए आरोप लगाया है कि सऊदी अरब ने उनके पति इमरान खान को सत्ता से हटाने में अहम भूमिका निभाई है। बुशरा बीबी ने इस मामले में एक वीडियो संदेश जारी कर कहा है कि सऊदी अधिकारियों ने पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख जनरल (सेवानिवृत्त) कमर जावेद बाजवा से संपर्क किया और खान के नेतृत्व पर चिंता जाहिर की। साथ ही कहा कि इमरान खान जैसे व्यक्ति को सत्ता में क्‍यों आने दिया गया।

बुशरा बीबी ने दावा किया कि सऊदी अधिकारियों ने बाजवा से कहा कि 'ये अपने साथ किस आदमी को उठा लाए हो... हम इस मुल्क में शरीयत का निजाम खत्म करना चाहते हैं और तुम शरीयत के ठेकेदारों को उठा लाए हो। हम ऐसे आदमी को नहीं चाहते।' उन्होंने आगे कहा कि इसके बाद से उन्होंने हमारे खिलाफ 'बदनामी का अभियान शुरू कर दिया और इमरान को यहूदी एजेंट कहना शुरू कर दिया।

धरने में शामिल होने की अपील

बुशरा बीबी ने वीडियो संदेश में पीटीआई समर्थकों से 24 नवम्बर को इस्लामाबाद में होने वाले विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की है। उन्होंने कहा कि पीटीआई संस्थापक ने संदेश भेजा है कि सभी 24 नवम्बर के विरोध प्रदर्शन में शामिल होना चाहिए। 'किसी भी हालत में तारीख नहीं बदली जाएगी।' उन्होंने कहा कि जब तक इमरान खान खुद बाहर आकर ऐलान नहीं करते, 24 नवम्बर के धरने की तारीख नहीं बदली जाएगी।

बुशरा बीबी के दावे पर बाजवा का जवाब

बुशरा बीबी के इन आरोपों पर पूर्व आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा ने जवाब दिया है। द एक्स्प्रेस ट्रिब्यून से बात करते हुए कमर बाजवा ने कहा कि कोई भी देश ऐसे दावे नहीं करेगा, खासकर वो देश जिसके साथ पाकिस्तान के लंबे समय से मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हों। उन्होंने कहा कि बुशरा बीबी की सऊदी अरब यात्राओं के दौरान, जिनमें खान-ए-काबा और पैगंबर की मस्जिद जैसे पवित्र स्थलों की यात्राएं भी शामिल थीं, उनका बड़े सम्मान के साथ स्वागत किया गया और उन्हें कई महंगे गिफ्ट्स भी दिए गए थे। उन्होंने कहा कि “इस महिला के दावे (बुशरा बीबी) मुझे हैरान कर रहे हैं। ये 100 प्रतिशत झूठ हैं। ऐसा लगता है कि इमरान खान भी भविष्य में इस कथन का समर्थन करना शुरू कर सकते हैं।

सउदी अरब के साथ मिलकर क्या प्लानिंग कर रहा भारत? दोनों देशों के विदेश मंत्री के बीच हुई मुलाकात

#saudiarabiaforeignministerandsjaishankar_met

सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अल-सऊद अपने दो दिवसीय आधिकारिक दौरे पर भारत पहुंचे हैं। जहां उन्होंने हैदराबाद हाउस में विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद से मुलाकात में एस जयशंकर ने कहा कि भारत गाजा में शीघ्र युद्धविराम का समर्थन करता है और वह लगातार दो स्टेट सॉल्यूशन के माध्यम से फिलिस्तीनी मुद्दे के समाधान के लिए खड़ा है। जयशंकर ने कहा कि पश्चिम एशिया की स्थिति खासकर गाजा में स्थिति गहरी चिंता का विषय है। विदेश मंत्री ने सऊदी अरब को क्षेत्र में स्थिरता के लिए एक महत्वपूर्ण ताकत बताया।

दिल्ली के हैदराबाद हाउस में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद से मुलाकात की। एस जयशंकर और प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद के बीच बैठक के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया। एस जयशंकर ने कहा कि हमने क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों, विशेष रूप से पश्चिम एशिया में चल रहे संघर्ष और विभिन्न बहुपक्षीय मंचों पर हमारे संयुक्त प्रयासों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया। जयशंकर ने कहा कि भारत दो-राज्य समाधान के माध्यम से फिलिस्तीनी मुद्दे के समाधान के लिए खड़ा है। फिलिस्तीनी संस्थाओं के निर्माण में योगदान दिया है।

इन मुद्दों पर हुई दोनों नेताओं की बात

जारी बयान में कहा गया है कि एस जयशंकर और प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद ने व्यापार, रक्षा, निवेश, ऊर्जा, सुरक्षा और कांसुलर मुद्दों पर भारत और सऊदी अरब के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। एस जयशंकर और प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद भारत-सऊदी रणनीतिक साझेदारी परिषद (एसपीसी) की राजनीतिक, सुरक्षा, सामाजिक और सांस्कृतिक (पीएसएससी) समिति की सह-अध्यक्षता करते हैं। इस दौरान दोनों ने सितंबर 2023 में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की भारत यात्रा के बाद दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति की समीक्षा की।

हम शीघ्र युद्धविराम का समर्थन करते हैं’

एस जयशंकर ने कहा कि पश्चिम एशिया की स्थिति गहरी चिंता का विषय है। विशेषकर गाजा में संघर्ष. इस संबंध में भारत की स्थिति सैद्धांतिक और सुसंगत रही है। उन्होंने कहा, हालांकि हम आतंकवाद और बंधक बनाने के कृत्यों की निंदा करते हैं। हम निर्दोष नागरिकों की मौत से बहुत दुखी हैं। हम शीघ्र युद्धविराम का समर्थन करते हैं।

सऊदी के साथ भारत की पार्टनरशिप

जयशंकर ने कहा कि सऊदी अरब का 'विजन 2030' और भारत का विकसित भारत 2047 दोनों देशों के उद्योगों के लिए नई पार्टनरशिप करने के लिए पूरक हैं। उन्होंने कहा कि व्यापार और निवेश हमारी साझेदारी के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। हम प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन सहित नवीकरणीय ऊर्जा, कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य और शिक्षा सहित नए क्षेत्रों में अपने सहयोग को मजबूत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब में भारतीय समुदाय की संख्या 26 लाख है।

नेतन्याहू की बढ़ेगी टेंशन! ईरानी विदेश मंत्री ने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस से की मुलाकात

#iran_foreign_minister_meet_saudi_arabia_crown_prince

इजराइल 1 अक्टूबर को हुए ईरानी हमले के पलटवार की तैयारी कर रहा है। ईरान पर किस तरह का हमला हो, ये तय करने के लिए नेतन्याहू की कैबिनेट में वोटिंग होगी। इससे पहले इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बुधवार शाम अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से फोन पर बातचीत की। ईरान पर इजराइली हमले की आशंका के बीच ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराक्ची ने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की। ये मुलाकात बुधवार को सऊदी अरब की राजधानी रियाद में हुई।

ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची इजराइल के खिलाफ नया मोर्चा बनाने में जुटे हैं।इसके लिए वह इन दिनों क्षेत्र के खाड़ी अरब देशों के दौरे पर हैं। सऊदी अरब को इजराइल का दोस्त माना जाता है। लेकिन हाल ही में सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने गाजा के मसले पर इजराइल को दो टूक कह दिया था कि आजाद फिलिस्तीन के बिना वो इजराइल को मान्यता नहीं देंगे। सऊदी अरब के इस रुख से ईरान की उम्मीदें बढ़ गईं हैं। लिहाजा वह अब इजराइल के खिलाफ सऊदी अरब को साधने की कोशिश में जुटा है।

इसी क्रम में ईरानी विदेश मंत्री अराघची सऊदी अरब पहुंचे और प्रिंस से मुलाकात की। सऊदी अरब के स्टेट मीडिया के मुताबिक इस बैठक के दौरान दोनों ने मिडिल-ईस्ट में बने हालातों पर चर्चा की है। ईरानी विदेश मंत्री ने सऊदी अरब में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के अलावा अपने समकक्ष प्रिंस फैजल बिन फरहान से भी मुलाकात की है। बुधवार को हुई इस मुलाकात में द्विपक्षीय संबंधों और कई क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने पर चर्चा हुई है।

सऊदी प्रेस एजेंसी के मुताबिक दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच क्षेत्र के ताजा हालात पर भी चर्चा हुई है। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघेई ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर पोस्ट कर लिखा है कि, ‘विदेश मंत्री के दौरे का मकसद क्षेत्र में यहूदी प्रशासन के नरसंहार और आक्रामकता को रोकना, साथ ही गाजा और लेबनान में हमाई भाइयों और बहनों के दर्द और पीड़ा को खत्म करना है।

बता दें कि एक अक्टूबर को ईरान ने इजराइल पर करीब 200 बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया था, ईरान का कहना है कि उसने इस्माइल हानिया, हसन नसरल्लाह और आईआरजीसी के कमांडर निलफोरूशन की मौत का बदला लेने के लिए ये हमला किया था। वहीं अब इजराइल भी ईरान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। इस हालात में ईरान-इजराइल के बीच युद्ध होता है तो क्षेत्र में मौजूद तमाम मुस्लिम देशों की भूमिका बेहद अहम होगी। हालांकि सऊदी अरब, जॉर्डन और इजिप्ट जैसे देश अब तक इस तनाव में तटस्थ नजर आए हैं।

*पाकिस्तान में सऊदी एयरलाइंस के प्लेन में लगी आग, 276 यात्री थे सवार

#saudi_airlines_plane_catches_fire_at_peshawar_airport

सऊदी अरब के एक यात्री विमान में पाकिस्तान के पेशावर एयरपोर्ट पर लैंडिंग के वक्त आग लग गई। ये फ्लाइट सऊदी की राजधानी रियाद से पेशावर आई थी। फ्लाइट में करीब 300 लोग सवाल थे, सभी को समय रहते सुरक्षित निकाल लिया गया। 

पाकिस्तान के पेशावर हवाईअड्डे पर उतरते समय सऊदी एयरलाइंस की फ्लाइट SV792 में आग लग गई। लैंडिंग गियर में दिक्कत की वजह से टायर में आग लग गई। आग लगने के बावजूद किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। इसके अलावा सभी चालक दल और यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फ्लाइट में सभी 276 यात्री और 21 चालक दल के सदस्य मौजूद थे।

पाकिस्तान के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (सीएए) के प्रवक्ता सैफुल्लाह की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जब फ्लाइट लैंड हो रही थी तो एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स ने विमान के बाईं ओर के लैंडिंग गियर से धुआं और चिंगारी निकलते देखी। इस पर तुरंत ही पायलटों को सतर्क करते हुए एयरपोर्ट की फायर ब्रिगेड और रेस्क्यू सर्विस को भी अलर्ट किया गया।

मक्का में भीषण गर्मी का कहर, 600 से ज्यादा हाजियों की मौत, मरने वालों में 68 भारतीय भी शामिल

#indian_hajj_pilgrims_die_among_600_people_in_saudi_arabia 

हज पर जाना हर उस मुस्लिम के लिए जरूरी है जो समर्थ है। इस साल भी हज के लिए सऊदी अरब के मक्का में लाखों की संख्या में लोग पहुंचें हैं। लेकिन, मक्का में भीषण गर्मी के बाद कोहराम मचा हुआ है। सऊदी अरब में हज यात्रा के दौरान भीषण गर्मी से मरने वालों की संख्या 600 से अधिक हो गई, जिसमें 68 भारतीय भी शामिल हैं।इससे सऊदी सरकार दुनिया भर में गिर गई है।सऊदी अरब ने हज के दौरान गर्मी के कारण मरने वालों की संख्या के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है, न ही मौतों की वजह बताई है।

भारत से इस साल 1 लाख 75 हजार यात्री हज के लिए गए थे। बुधवार को यात्रा से जुड़े एक डिप्लोमेट ने बताया कि मरने वाले लोगों में 68 भारतीय भी शामिल हैं।ये मौतें पिछले एक हफ्ते के दौरान हुई हैं और हज के आखिरी दिन 6 भारतीय की मौत हुई है। डिप्लोमेट के मुताबिक, कई मौतें प्राकृतिक कारणों और बुजुर्गों की हुई है, जबकि कुछ मौतों की वजह भीषण गर्मी है।भारतीय नागरिकों की मौत पर अभी तक भारत सरकार की और से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।

सऊदी अरब में राजनयिक ने कहा, "हमने लगभग 68 मरने वाले लोगों की पुष्टि की है। कुछ प्राकृतिक कारणों से मारे गए। यहां आने वाले कई जायरीन बुजुर्ग थे। कुछ लोगों की मौत बदलते मौसम के कारण हो गई।" हज के दौरान मरने वालों में 323 मिस्र के और जॉर्डन के 60 लोग शामिल हैं। इनके अलावा इंडोनेशिया, ईरान, सेनेगल, ट्यूनीशिया और ईराक के द्वारा भी मौतों की पुष्टि की गई है। हालांकि, कई मामलों में अधिकारियों ने मौतों के कारणों का खुलासा नहीं किया। पिछले साल 200 जायरिनों की मौत हो गई थी, जिनमें से ज्यादातर इंडोनेशिया के थे।

दुनियाभर में जलवायु परिवर्तन का असर देखने मिल रहा है। खाड़ी देश इसका ज्यादा शिकार हो रहे है, ओमान, सऊदी अरब और यूएई जैसे देशों में गर्मी के साथ साथ बारिश भी बड़ी समस्या है। सऊदी अरब का तापमान आमतौर पर 45 डिग्री के दरमियान ही रहता है लेकिन इस साल ये तापमान 50 डिग्री के पार पहुंच गया है।

मक्का में भीषण गर्मी का कहर, 600 से ज्यादा हाजियों की मौत, मरने वालों में 68 भारतीय भी शामिल
#indian_hajj_pilgrims_die_among_600_people_in_saudi_arabia
हज पर जाना हर उस मुस्लिम के लिए जरूरी है जो समर्थ है। इस साल भी हज के लिए सऊदी अरब के मक्का में लाखों की संख्या में लोग पहुंचें हैं। लेकिन, मक्का में भीषण गर्मी के बाद कोहराम मचा हुआ है। सऊदी अरब में हज यात्रा के दौरान भीषण गर्मी से मरने वालों की संख्या 600 से अधिक हो गई, जिसमें 68 भारतीय भी शामिल हैं।इससे सऊदी सरकार दुनिया भर में गिर गई है।सऊदी अरब ने हज के दौरान गर्मी के कारण मरने वालों की संख्या के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है, न ही मौतों की वजह बताई है। भारत से इस साल 1 लाख 75 हजार यात्री हज के लिए गए थे। बुधवार को यात्रा से जुड़े एक डिप्लोमेट ने बताया कि मरने वाले लोगों में 68 भारतीय भी शामिल हैं।ये मौतें पिछले एक हफ्ते के दौरान हुई हैं और हज के आखिरी दिन 6 भारतीय की मौत हुई है। डिप्लोमेट के मुताबिक, कई मौतें प्राकृतिक कारणों और बुजुर्गों की हुई है, जबकि कुछ मौतों की वजह भीषण गर्मी है।भारतीय नागरिकों की मौत पर अभी तक भारत सरकार की और से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। सऊदी अरब में राजनयिक ने कहा, "हमने लगभग 68 मरने वाले लोगों की पुष्टि की है। कुछ प्राकृतिक कारणों से मारे गए। यहां आने वाले कई जायरीन बुजुर्ग थे। कुछ लोगों की मौत बदलते मौसम के कारण हो गई।" हज के दौरान मरने वालों में 323 मिस्र के और जॉर्डन के 60 लोग शामिल हैं। इनके अलावा इंडोनेशिया, ईरान, सेनेगल, ट्यूनीशिया और ईराक के द्वारा भी मौतों की पुष्टि की गई है। हालांकि, कई मामलों में अधिकारियों ने मौतों के कारणों का खुलासा नहीं किया। पिछले साल 200 जायरिनों की मौत हो गई थी, जिनमें से ज्यादातर इंडोनेशिया के थे। दुनियाभर में जलवायु परिवर्तन का असर देखने मिल रहा है। खाड़ी देश इसका ज्यादा शिकार हो रहे है, ओमान, सऊदी अरब और यूएई जैसे देशों में गर्मी के साथ साथ बारिश भी बड़ी समस्या है। सऊदी अरब का तापमान आमतौर पर 45 डिग्री के दरमियान ही रहता है लेकिन इस साल ये तापमान 50 डिग्री के पार पहुंच गया है।
ChaiApps: Crafting a Global Culinary Legacy.

In a world full of foodies, one name is quickly becoming the most popular: ChaiApps. ChaiApps, a unique combination of classic and inventive tastes with new age twists, is about more than simply amazing taste; it's about feeling well. ChaiApps has been identified with quality and authenticity, offering over 25 organic tea varieties that are quite popular in India. From humble beginnings to become India's favorite culinary brand in the world.

ChaiApps is all about providing the pleasant, aromatic flavor of traditional Indian tea, which warms hearts everywhere. In fact, ChaiApps proudly sells over 2 lacs kulhad chai every day in India alone, demonstrating its everlasting devotion to delighting tea lovers with every drink.

ChaiApps, founded by CEO Satvir Singh and co-founder Nitin Tomar, originated in 2017 as a concept in the corridors of Indira Gandhi Airport. Driven by a desire to deliver real Indian flavours, the founders set out on a quest to transform the tea industry. Years of extensive research and effort culminated in the opening of the first ChaiApps location in Gurgaon in 2020.

ChaiApps has grown rapidly since its inception, with plans to open over 100 stores across India by 2022. But ChaiApps' aims go well beyond national borders. The brand's objective is to promote the joy of Indian flavours over the world by making its famous Kulhad Chai a household name. ChaiApps plans to establish 150 shops in India over the next two years, as well as 25 outlets in the UAE, Oman, Qatar, and Saudi Arabia, as part of its international expansion.

ChaiApps distinguishes itself in the competitive market with its unique offerings and business model. Operating with a chef-less approach provides consistency and quality, while ChaiApps' low-risk management and quick return on investment of 8-10 months make it an appealing opportunity for aspiring entrepreneurs. ChaiApps uses technology for data and inventory management, resulting in efficient operations and seamless customer experiences. ChaiApps develops confidence and credibility among its partners and consumers by maintaining complete transparency and avoiding hidden charges.

Aside from its signature Kulhad Chai, ChaiApps has a diverse menu, catering to every craving imaginable. From delectable burgers and pizzas to soothing Maggie and momos, each dish is meticulously prepared using unique and effective raw materials, resulting in an average gross profit of 50-60%.

As ChaiApps continues to write its success narrative, the brand stays dedicated to its fundamental values of excellence, customer satisfaction, and building long term connections. With its headquarters in the heart of New Delhi, ChaiApps is more than just a brand; it represents the rich tapestry of Indian flavours and hospitality.

In a world where tastes evolve and trends fade, ChaiApps stands out as a symbol of tradition, flavor, and innovation. ChaiApps, with its consistent commitment to quality, transparency, and customer satisfaction, ChaiApps invites newbies to join its journey of spreading happiness and flavours. As the aroma of Indian spices fills the air, ChaiApps continues to transform the culinary landscape, one sip at a time.

In a world full of foodies, one name is quickly becoming the most popular: ChaiApps. ChaiApps, a unique combination of classic and inventive

 

In a world full of foodies, one name is quickly becoming the most popular: ChaiApps. ChaiApps, a unique combination of classic and inventive tastes with new age twists, is about more than simply amazing taste; it's about feeling well. ChaiApps has been identified with quality and authenticity, offering over 25 organic tea varieties that are quite popular in India. From humble beginnings to become India's favorite culinary brand in the world.

ChaiApps is all about providing the pleasant, aromatic flavor of traditional Indian tea, which warms hearts everywhere. In fact, ChaiApps proudly sells over 2 lacs kulhad chai every day in India alone, demonstrating its everlasting devotion to delighting tea lovers with every drink.

ChaiApps, founded by CEO Satvir Singh and co-founder Nitin Tomar, originated in 2017 as a concept in the corridors of Indira Gandhi Airport. Driven by a desire to deliver real Indian flavours, the founders set out on a quest to transform the tea industry. Years of extensive research and effort culminated in the opening of the first ChaiApps location in Gurgaon in 2020.

ChaiApps has grown rapidly since its inception, with plans to open over 100 stores across India by 2022. But ChaiApps' aims go well beyond national borders. The brand's objective is to promote the joy of Indian flavours over the world by making its famous Kulhad Chai a household name. ChaiApps plans to establish 150 shops in India over the next two years, as well as 25 outlets in the UAE, Oman, Qatar, and Saudi Arabia, as part of its international expansion.

ChaiApps distinguishes itself in the competitive market with its unique offerings and business model. Operating with a chef-less approach provides consistency and quality, while ChaiApps' low-risk management and quick return on investment of 8-10 months make it an appealing opportunity for aspiring entrepreneurs. ChaiApps uses technology for data and inventory management, resulting in efficient operations and seamless customer experiences. ChaiApps develops confidence and credibility among its partners and consumers by maintaining complete transparency and avoiding hidden charges.

Aside from its signature Kulhad Chai, ChaiApps has a diverse menu, catering to every craving imaginable. From delectable burgers and pizzas to soothing Maggie and momos, each dish is meticulously prepared using unique and effective raw materials, resulting in an average gross profit of 50-60%.

As ChaiApps continues to write its success narrative, the brand stays dedicated to its fundamental values of excellence, customer satisfaction, and building long term connections. With its headquarters in the heart of New Delhi, ChaiApps is more than just a brand;  it represents the rich tapestry of Indian flavours and hospitality.

In a world where tastes evolve and trends fade, ChaiApps stands out as a symbol of tradition, flavor, and innovation. ChaiApps, with its consistent commitment to quality, transparency, and customer satisfaction, ChaiApps invites newbies to join its journey of spreading happiness and flavours. As the aroma of Indian spices fills the air, ChaiApps continues to transform the culinary landscape, one sip at a time.

सऊदी अरब ने पाक पीएम शहबाज की उम्मीदों पर फेरा पानी, कश्मीर पर दिया बड़ा झटका

#saudiarabiareiteratesindiastandonkashmirinjointstatementwith_pak

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ बड़े अरमान लेकर सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (एमबीएस) से मिलने पहुंचे थे। हालांकि, उनकी उम्मीदों को बड़ा झटका लगा। सऊदी अरब ने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया है। क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अल सऊद ने कश्मीर को भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दा बताया है। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा है कि इस मुद्दे को भारत और पाकिस्तान को बातचीत के जरिए सुलझाना होगा।

सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस ने साझा बयान में कश्मीर समेत अन्य लंबित मुद्दों को सुलझाने के लिए नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच बातचीत के महत्व पर जोर दिया।पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सऊदी शासक प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के बीच मक्का के अल-सफा पैलेस में हुई एक आधिकारिक बैठक के एक दिन बाद एक संयुक्त बयान जारी किया गया।बयान के मुताबिक, उनकी चर्चा सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच भाईचारे वाले संबंधों को मजबूत करने तथा विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के रास्ते तलाशने पर केंद्रित रही।

सऊदी ने भारत-पाक में बातचीत का किया आह्वान

बयान में कश्मीर सहित क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की बात कही गई है। सऊदी अरब ने संयुक्त बयान में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए दोनों देशों के बीच लंबित मुद्दों, विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर विवाद को हल करने के लिए पाकिस्तान और भारत के बीच बातचीत के महत्व पर जोर दिया।

सऊदी अरब का बयान पाक के लिए बड़ा झटका

सऊदी अरब के कश्मीर को लेकर दिए गए बयान को पाकिस्तान के लिए एक बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है, दरअसल पाकिस्तान यूएन सहित अन्य वैश्विक मंचों पर कश्मीर का मुद्दा उठाता रहा है। वह यूएन के तत्वाधान में जनमत संग्रह का राग भी अलापता रहा है, हालांकि भारत ने हमेशा से ही इसका विरोध किया है और इसे द्विपक्षीय मुद्दा बताया है। नई दिल्ली का लंबे समय से रुख रहा है कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच मुद्दा हम दो देशों का है और किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता या हस्तक्षेप का कोई सवाल ही नहीं है।

सऊदी अरब के साथ दोस्‍ती करेंगी हूती व‍िद्रोही, क्या एकजुट हो रहीं इस्लामिक ताकतें?

#yemen_houthi_rebels_ready_to_make_peace_with_saudi_arabia

यमन के बड़े हिस्से पर नियंत्रण रखने वाले हूती विद्रोही सउदी अरब से दोस्ती के लिए तैयार हो गए हैं। यमन के हूती विद्रोहियों ने कहा है कि वह सऊदी अरब के साथ शांति चाहते हैं और इसकी कोशिशों के लिए तैयार हैं। बता दें कि हूती विद्रोही और सऊदी अरब के बीच दुश्मनी रही है।सऊदी अरब यमन के हूती विद्रोहियों को आतंकवादी मानता रहा है।

हूती ग्रुप के उप विदेश मंत्री हुसैन अल-एजी ने सऊदी अरब की यमन पर हमलों के लिए अमेरिका और यूके के साथ नहीं जाने के लिए भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि इसके लिए हम सऊदी अरब के प्रति विशेष आभार व्यक्त करते हैं और उनके साथ शांति वार्ता करने के लिए उत्सुक है। अल एजी ने सऊदी के साथ शांति स्थापित ना होने देने के लिए अमेरिका पर भी आरोप लगाए। उन्होंने कहा, अमेरिका किसी समझौते तक पहुंचने के प्रयासों में बाधा डाल रहा है। अमेरिका और उससे जुड़े यमनी समूहों की तरफ से पेश की जा रही चुनौतियों के बावजूद यमन रियाद के साथ शांति के लिए तैयार है। अमेरिका पर सख्त रुख दिखाते हुए हूती नेता ने कहा, अमेरिका और ब्रिटेन ने 12 जनवरी से यमन में 300 से ज्यादा हमले किए हैं। इन हमलों के लिए अमेरिका को भारी कीमत" चुकानी होगी। अमेरिका हम पर हमला कर रहा है और हमारे वह प्रतिशोध से बच नहीं पाएगा। हम अपने देश के खिलाफ आक्रामकता पर कभी भी चुप नहीं रहेंगे। ना ही हमलों से डरकर हम इसका गाजा और फिलिस्तीन के प्रति अपने रुख को बदलेंगे।

हूती कौन हैं?

यमन के अल्पसंख्यक शिया समुदाय को हूती कहा जाता है। ये जैदी शिया समूह से ताल्लुक रखते हैं, जो शियाओं में भी अल्पसंख्यक समूह माना जाता है।इनका उदय 80 के दशक में हुआ। यह यमन के उत्तरी क्षेत्र में शिया मुस्लिमों की लड़ाई लड़ रहा सबसे बड़ा संगठन है। इस संगठन का नाम हूती संगठन सन् 2004 में यमन की तत्कालीन सरकार के खिलाफ विद्रोह करने वाले हुसैन अल हूती के नाम पर रखा गया। 

हूती विद्रोह क्या है? 

बता दें कि 1990 के दशक में यमन में सऊदी अरब के बढ़ते वित्तीय एवं धार्मिक प्रभाव की प्रतिक्रिया के फलस्वरूप हूती आंदोलन प्रारंभ हुआ। हूती उत्तरी यमन में सुन्नी इस्लाम की सलाफी विचारधारा के विस्तार के विरोध में हैं। इसी के फलस्वरूप आज से करीब 20 वर्ष पूर्व 2004 में यमन के उत्तरी भाग में इसने गृहयुद्ध का रूप ले लिया।यह गृहयुद्ध यमन में सत्तानशीं सुन्नी सरकार के खिलाफ था। बहुत से लोग इसे ‘सदाह युद्ध’ कहकर भी पुकारते हैं। इसके बाद सन् 2011 से पूर्व जब यमन में सुन्नी नेता अब्दुल्ला सालेह की सरकार थी, तब बड़े पैमाने पर शियाओं के दमन की घटनाएं हुईं। ऐसे में शियाओं में सुन्नी समुदाय के तानाशाह नेता के खिलाफ गुस्सा भड़क उठा और वे विद्रोह पर उतर आए।

ईरान की मदद से हो रहा शांति समझौता

2015 में सऊदी अरब ने कई खाड़ी देशों से गठबंधन कर यमन में हूती विद्रोहियों के खिलाफ हवाई हमले शुरू किए थे। इनमें सऊदी अरब को संयुक्त अरब अमीरात से भी मदद मिली, लेकिन बाद में वह अलग हो गया। इसके जवाब में हूती विद्रोही भी सऊदी अरब पर मिसाइल और ड्रोन हमले करते रहे हैं। इन हमलों में सऊदी अरब को काफी नुकसान पहुंचाया है। अमेरिका शुरू में हूती विद्रोहियों के खिलाफ सऊदी का साथ दिया था, लेकिन बाइडेन प्रशासन ने अपनी नीति बदल ली और सऊदी को अकेला छोड़ दिया।माना जा रहा है कि हूती विद्रोहियों के साथ बातचीत ईरान के हस्तक्षेप के काऱण हो रही है। कुछ दिनों पहले तक सऊदी अरब और ईरान कट्टर दुश्मन हुआ करते थे। सऊदी अरब दुनियाभर के सुन्नी मुसमलानों के नेता बनने का दावा करता है, वहीं ईरान शिया मुसलमानों का। इसके अलावा कूटनीतिक क्षेत्र में भी दोनों के बीच काफी तनाव था। लेकिन, चीन की मदद से दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध बहाल हो चुके हैं। 

कितनी है हूतियों की ताकत?

यमन की ज़्यादा आबादी हूती विद्रोहियों के नियंत्रण में रहती है। उनका संगठन देश के उत्तरी हिस्से में टैक्स वसूलता है और अपनी मुद्रा भी छापता है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने हूती आंदोलन के विशेषज्ञ, अहमद अल-बाहरी के हवाले से कहा था कि 2010 तक हूती विद्रोहियों के पास 1,00,000 से 1,20,000 तक समर्थक थे। इनमें हथियारबंद लड़ाके और बिना हथियारों वाले समर्थक शामिल थे। संयुक्त राष्ट्र यह भी कहता है कि हूती विद्रोहियों ने बच्चों को भी भर्ती किया था, जिनमें से 1500 की साल 2020 में हुई लड़ाई में मौत हो गई थी और अगले साल कुछ सौ और बच्चे मारे गए थे। हूती लाल सागर के एक बड़ी तटीय इलाक़े पर नियंत्रण रखते हैं। यहीं से वे जहाज़ों को निशाना बना रहे हैं। यूरोपियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ पीस के एक विशेषज्ञ हिशाम अल-ओमेसी कहते हैं कि इन हमलों से उन्हें सऊदी अरब के साथ जारी शांति वार्ता में अपना पलड़ा भारी करने में मदद मिली है। वह कहते हैं, ये दिखाकर कि वे बाब अल-मंदब यानी कि लाल सागर के पतले से समुद्री रास्ते को बंद कर सकते हैं, उन्होंने सऊदी अरब पर रियायतें देने का दबाव बढ़ा दिया है।

सऊदी अरब ने इमरान खान को सत्ता से हटवाया? बुशरा बीबी का बड़ा दावा

#saudi_arabia_behind_former_pak_pm_imran_khan_ouster

पाकिस्तान और सऊदी अरब दोस्त माने जाते हैं। लेकिन सऊदी अरब पर ही पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को सत्ता से हटाने का आरोप लगा है। ये आरोप किसी और ने नहीं बल्कि इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी ने लगाया है। एक वीडियो संदेश में बुशरा बीबी ने साल 2022 में इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार को हटाने में सऊदी अरब की भूमिका की बात कही है।वीडियो संदेश में बुशरा बीबी ने पाकिस्तान के तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा का भी नाम लिया है। बुशरा बीबी के वीडियो बयान को पाकिस्तान तहरीक के इंसाफ (पीटीआई) के आधिकारिक एक्स हैंडल से शेयर किया गया है।

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी ने पति की सत्ता से बाहर होने के मामले में बड़ा खुलासा करते हुए आरोप लगाया है कि सऊदी अरब ने उनके पति इमरान खान को सत्ता से हटाने में अहम भूमिका निभाई है। बुशरा बीबी ने इस मामले में एक वीडियो संदेश जारी कर कहा है कि सऊदी अधिकारियों ने पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख जनरल (सेवानिवृत्त) कमर जावेद बाजवा से संपर्क किया और खान के नेतृत्व पर चिंता जाहिर की। साथ ही कहा कि इमरान खान जैसे व्यक्ति को सत्ता में क्‍यों आने दिया गया।

बुशरा बीबी ने दावा किया कि सऊदी अधिकारियों ने बाजवा से कहा कि 'ये अपने साथ किस आदमी को उठा लाए हो... हम इस मुल्क में शरीयत का निजाम खत्म करना चाहते हैं और तुम शरीयत के ठेकेदारों को उठा लाए हो। हम ऐसे आदमी को नहीं चाहते।' उन्होंने आगे कहा कि इसके बाद से उन्होंने हमारे खिलाफ 'बदनामी का अभियान शुरू कर दिया और इमरान को यहूदी एजेंट कहना शुरू कर दिया।

धरने में शामिल होने की अपील

बुशरा बीबी ने वीडियो संदेश में पीटीआई समर्थकों से 24 नवम्बर को इस्लामाबाद में होने वाले विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की है। उन्होंने कहा कि पीटीआई संस्थापक ने संदेश भेजा है कि सभी 24 नवम्बर के विरोध प्रदर्शन में शामिल होना चाहिए। 'किसी भी हालत में तारीख नहीं बदली जाएगी।' उन्होंने कहा कि जब तक इमरान खान खुद बाहर आकर ऐलान नहीं करते, 24 नवम्बर के धरने की तारीख नहीं बदली जाएगी।

बुशरा बीबी के दावे पर बाजवा का जवाब

बुशरा बीबी के इन आरोपों पर पूर्व आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा ने जवाब दिया है। द एक्स्प्रेस ट्रिब्यून से बात करते हुए कमर बाजवा ने कहा कि कोई भी देश ऐसे दावे नहीं करेगा, खासकर वो देश जिसके साथ पाकिस्तान के लंबे समय से मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हों। उन्होंने कहा कि बुशरा बीबी की सऊदी अरब यात्राओं के दौरान, जिनमें खान-ए-काबा और पैगंबर की मस्जिद जैसे पवित्र स्थलों की यात्राएं भी शामिल थीं, उनका बड़े सम्मान के साथ स्वागत किया गया और उन्हें कई महंगे गिफ्ट्स भी दिए गए थे। उन्होंने कहा कि “इस महिला के दावे (बुशरा बीबी) मुझे हैरान कर रहे हैं। ये 100 प्रतिशत झूठ हैं। ऐसा लगता है कि इमरान खान भी भविष्य में इस कथन का समर्थन करना शुरू कर सकते हैं।

सउदी अरब के साथ मिलकर क्या प्लानिंग कर रहा भारत? दोनों देशों के विदेश मंत्री के बीच हुई मुलाकात

#saudiarabiaforeignministerandsjaishankar_met

सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अल-सऊद अपने दो दिवसीय आधिकारिक दौरे पर भारत पहुंचे हैं। जहां उन्होंने हैदराबाद हाउस में विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद से मुलाकात में एस जयशंकर ने कहा कि भारत गाजा में शीघ्र युद्धविराम का समर्थन करता है और वह लगातार दो स्टेट सॉल्यूशन के माध्यम से फिलिस्तीनी मुद्दे के समाधान के लिए खड़ा है। जयशंकर ने कहा कि पश्चिम एशिया की स्थिति खासकर गाजा में स्थिति गहरी चिंता का विषय है। विदेश मंत्री ने सऊदी अरब को क्षेत्र में स्थिरता के लिए एक महत्वपूर्ण ताकत बताया।

दिल्ली के हैदराबाद हाउस में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद से मुलाकात की। एस जयशंकर और प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद के बीच बैठक के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया। एस जयशंकर ने कहा कि हमने क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों, विशेष रूप से पश्चिम एशिया में चल रहे संघर्ष और विभिन्न बहुपक्षीय मंचों पर हमारे संयुक्त प्रयासों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया। जयशंकर ने कहा कि भारत दो-राज्य समाधान के माध्यम से फिलिस्तीनी मुद्दे के समाधान के लिए खड़ा है। फिलिस्तीनी संस्थाओं के निर्माण में योगदान दिया है।

इन मुद्दों पर हुई दोनों नेताओं की बात

जारी बयान में कहा गया है कि एस जयशंकर और प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद ने व्यापार, रक्षा, निवेश, ऊर्जा, सुरक्षा और कांसुलर मुद्दों पर भारत और सऊदी अरब के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। एस जयशंकर और प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद भारत-सऊदी रणनीतिक साझेदारी परिषद (एसपीसी) की राजनीतिक, सुरक्षा, सामाजिक और सांस्कृतिक (पीएसएससी) समिति की सह-अध्यक्षता करते हैं। इस दौरान दोनों ने सितंबर 2023 में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की भारत यात्रा के बाद दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति की समीक्षा की।

हम शीघ्र युद्धविराम का समर्थन करते हैं’

एस जयशंकर ने कहा कि पश्चिम एशिया की स्थिति गहरी चिंता का विषय है। विशेषकर गाजा में संघर्ष. इस संबंध में भारत की स्थिति सैद्धांतिक और सुसंगत रही है। उन्होंने कहा, हालांकि हम आतंकवाद और बंधक बनाने के कृत्यों की निंदा करते हैं। हम निर्दोष नागरिकों की मौत से बहुत दुखी हैं। हम शीघ्र युद्धविराम का समर्थन करते हैं।

सऊदी के साथ भारत की पार्टनरशिप

जयशंकर ने कहा कि सऊदी अरब का 'विजन 2030' और भारत का विकसित भारत 2047 दोनों देशों के उद्योगों के लिए नई पार्टनरशिप करने के लिए पूरक हैं। उन्होंने कहा कि व्यापार और निवेश हमारी साझेदारी के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। हम प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन सहित नवीकरणीय ऊर्जा, कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य और शिक्षा सहित नए क्षेत्रों में अपने सहयोग को मजबूत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब में भारतीय समुदाय की संख्या 26 लाख है।

नेतन्याहू की बढ़ेगी टेंशन! ईरानी विदेश मंत्री ने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस से की मुलाकात

#iran_foreign_minister_meet_saudi_arabia_crown_prince

इजराइल 1 अक्टूबर को हुए ईरानी हमले के पलटवार की तैयारी कर रहा है। ईरान पर किस तरह का हमला हो, ये तय करने के लिए नेतन्याहू की कैबिनेट में वोटिंग होगी। इससे पहले इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बुधवार शाम अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से फोन पर बातचीत की। ईरान पर इजराइली हमले की आशंका के बीच ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराक्ची ने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की। ये मुलाकात बुधवार को सऊदी अरब की राजधानी रियाद में हुई।

ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची इजराइल के खिलाफ नया मोर्चा बनाने में जुटे हैं।इसके लिए वह इन दिनों क्षेत्र के खाड़ी अरब देशों के दौरे पर हैं। सऊदी अरब को इजराइल का दोस्त माना जाता है। लेकिन हाल ही में सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने गाजा के मसले पर इजराइल को दो टूक कह दिया था कि आजाद फिलिस्तीन के बिना वो इजराइल को मान्यता नहीं देंगे। सऊदी अरब के इस रुख से ईरान की उम्मीदें बढ़ गईं हैं। लिहाजा वह अब इजराइल के खिलाफ सऊदी अरब को साधने की कोशिश में जुटा है।

इसी क्रम में ईरानी विदेश मंत्री अराघची सऊदी अरब पहुंचे और प्रिंस से मुलाकात की। सऊदी अरब के स्टेट मीडिया के मुताबिक इस बैठक के दौरान दोनों ने मिडिल-ईस्ट में बने हालातों पर चर्चा की है। ईरानी विदेश मंत्री ने सऊदी अरब में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के अलावा अपने समकक्ष प्रिंस फैजल बिन फरहान से भी मुलाकात की है। बुधवार को हुई इस मुलाकात में द्विपक्षीय संबंधों और कई क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने पर चर्चा हुई है।

सऊदी प्रेस एजेंसी के मुताबिक दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच क्षेत्र के ताजा हालात पर भी चर्चा हुई है। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघेई ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर पोस्ट कर लिखा है कि, ‘विदेश मंत्री के दौरे का मकसद क्षेत्र में यहूदी प्रशासन के नरसंहार और आक्रामकता को रोकना, साथ ही गाजा और लेबनान में हमाई भाइयों और बहनों के दर्द और पीड़ा को खत्म करना है।

बता दें कि एक अक्टूबर को ईरान ने इजराइल पर करीब 200 बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया था, ईरान का कहना है कि उसने इस्माइल हानिया, हसन नसरल्लाह और आईआरजीसी के कमांडर निलफोरूशन की मौत का बदला लेने के लिए ये हमला किया था। वहीं अब इजराइल भी ईरान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। इस हालात में ईरान-इजराइल के बीच युद्ध होता है तो क्षेत्र में मौजूद तमाम मुस्लिम देशों की भूमिका बेहद अहम होगी। हालांकि सऊदी अरब, जॉर्डन और इजिप्ट जैसे देश अब तक इस तनाव में तटस्थ नजर आए हैं।

*पाकिस्तान में सऊदी एयरलाइंस के प्लेन में लगी आग, 276 यात्री थे सवार

#saudi_airlines_plane_catches_fire_at_peshawar_airport

सऊदी अरब के एक यात्री विमान में पाकिस्तान के पेशावर एयरपोर्ट पर लैंडिंग के वक्त आग लग गई। ये फ्लाइट सऊदी की राजधानी रियाद से पेशावर आई थी। फ्लाइट में करीब 300 लोग सवाल थे, सभी को समय रहते सुरक्षित निकाल लिया गया। 

पाकिस्तान के पेशावर हवाईअड्डे पर उतरते समय सऊदी एयरलाइंस की फ्लाइट SV792 में आग लग गई। लैंडिंग गियर में दिक्कत की वजह से टायर में आग लग गई। आग लगने के बावजूद किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। इसके अलावा सभी चालक दल और यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फ्लाइट में सभी 276 यात्री और 21 चालक दल के सदस्य मौजूद थे।

पाकिस्तान के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (सीएए) के प्रवक्ता सैफुल्लाह की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जब फ्लाइट लैंड हो रही थी तो एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स ने विमान के बाईं ओर के लैंडिंग गियर से धुआं और चिंगारी निकलते देखी। इस पर तुरंत ही पायलटों को सतर्क करते हुए एयरपोर्ट की फायर ब्रिगेड और रेस्क्यू सर्विस को भी अलर्ट किया गया।

मक्का में भीषण गर्मी का कहर, 600 से ज्यादा हाजियों की मौत, मरने वालों में 68 भारतीय भी शामिल

#indian_hajj_pilgrims_die_among_600_people_in_saudi_arabia 

हज पर जाना हर उस मुस्लिम के लिए जरूरी है जो समर्थ है। इस साल भी हज के लिए सऊदी अरब के मक्का में लाखों की संख्या में लोग पहुंचें हैं। लेकिन, मक्का में भीषण गर्मी के बाद कोहराम मचा हुआ है। सऊदी अरब में हज यात्रा के दौरान भीषण गर्मी से मरने वालों की संख्या 600 से अधिक हो गई, जिसमें 68 भारतीय भी शामिल हैं।इससे सऊदी सरकार दुनिया भर में गिर गई है।सऊदी अरब ने हज के दौरान गर्मी के कारण मरने वालों की संख्या के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है, न ही मौतों की वजह बताई है।

भारत से इस साल 1 लाख 75 हजार यात्री हज के लिए गए थे। बुधवार को यात्रा से जुड़े एक डिप्लोमेट ने बताया कि मरने वाले लोगों में 68 भारतीय भी शामिल हैं।ये मौतें पिछले एक हफ्ते के दौरान हुई हैं और हज के आखिरी दिन 6 भारतीय की मौत हुई है। डिप्लोमेट के मुताबिक, कई मौतें प्राकृतिक कारणों और बुजुर्गों की हुई है, जबकि कुछ मौतों की वजह भीषण गर्मी है।भारतीय नागरिकों की मौत पर अभी तक भारत सरकार की और से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।

सऊदी अरब में राजनयिक ने कहा, "हमने लगभग 68 मरने वाले लोगों की पुष्टि की है। कुछ प्राकृतिक कारणों से मारे गए। यहां आने वाले कई जायरीन बुजुर्ग थे। कुछ लोगों की मौत बदलते मौसम के कारण हो गई।" हज के दौरान मरने वालों में 323 मिस्र के और जॉर्डन के 60 लोग शामिल हैं। इनके अलावा इंडोनेशिया, ईरान, सेनेगल, ट्यूनीशिया और ईराक के द्वारा भी मौतों की पुष्टि की गई है। हालांकि, कई मामलों में अधिकारियों ने मौतों के कारणों का खुलासा नहीं किया। पिछले साल 200 जायरिनों की मौत हो गई थी, जिनमें से ज्यादातर इंडोनेशिया के थे।

दुनियाभर में जलवायु परिवर्तन का असर देखने मिल रहा है। खाड़ी देश इसका ज्यादा शिकार हो रहे है, ओमान, सऊदी अरब और यूएई जैसे देशों में गर्मी के साथ साथ बारिश भी बड़ी समस्या है। सऊदी अरब का तापमान आमतौर पर 45 डिग्री के दरमियान ही रहता है लेकिन इस साल ये तापमान 50 डिग्री के पार पहुंच गया है।

मक्का में भीषण गर्मी का कहर, 600 से ज्यादा हाजियों की मौत, मरने वालों में 68 भारतीय भी शामिल
#indian_hajj_pilgrims_die_among_600_people_in_saudi_arabia
हज पर जाना हर उस मुस्लिम के लिए जरूरी है जो समर्थ है। इस साल भी हज के लिए सऊदी अरब के मक्का में लाखों की संख्या में लोग पहुंचें हैं। लेकिन, मक्का में भीषण गर्मी के बाद कोहराम मचा हुआ है। सऊदी अरब में हज यात्रा के दौरान भीषण गर्मी से मरने वालों की संख्या 600 से अधिक हो गई, जिसमें 68 भारतीय भी शामिल हैं।इससे सऊदी सरकार दुनिया भर में गिर गई है।सऊदी अरब ने हज के दौरान गर्मी के कारण मरने वालों की संख्या के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है, न ही मौतों की वजह बताई है। भारत से इस साल 1 लाख 75 हजार यात्री हज के लिए गए थे। बुधवार को यात्रा से जुड़े एक डिप्लोमेट ने बताया कि मरने वाले लोगों में 68 भारतीय भी शामिल हैं।ये मौतें पिछले एक हफ्ते के दौरान हुई हैं और हज के आखिरी दिन 6 भारतीय की मौत हुई है। डिप्लोमेट के मुताबिक, कई मौतें प्राकृतिक कारणों और बुजुर्गों की हुई है, जबकि कुछ मौतों की वजह भीषण गर्मी है।भारतीय नागरिकों की मौत पर अभी तक भारत सरकार की और से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। सऊदी अरब में राजनयिक ने कहा, "हमने लगभग 68 मरने वाले लोगों की पुष्टि की है। कुछ प्राकृतिक कारणों से मारे गए। यहां आने वाले कई जायरीन बुजुर्ग थे। कुछ लोगों की मौत बदलते मौसम के कारण हो गई।" हज के दौरान मरने वालों में 323 मिस्र के और जॉर्डन के 60 लोग शामिल हैं। इनके अलावा इंडोनेशिया, ईरान, सेनेगल, ट्यूनीशिया और ईराक के द्वारा भी मौतों की पुष्टि की गई है। हालांकि, कई मामलों में अधिकारियों ने मौतों के कारणों का खुलासा नहीं किया। पिछले साल 200 जायरिनों की मौत हो गई थी, जिनमें से ज्यादातर इंडोनेशिया के थे। दुनियाभर में जलवायु परिवर्तन का असर देखने मिल रहा है। खाड़ी देश इसका ज्यादा शिकार हो रहे है, ओमान, सऊदी अरब और यूएई जैसे देशों में गर्मी के साथ साथ बारिश भी बड़ी समस्या है। सऊदी अरब का तापमान आमतौर पर 45 डिग्री के दरमियान ही रहता है लेकिन इस साल ये तापमान 50 डिग्री के पार पहुंच गया है।
ChaiApps: Crafting a Global Culinary Legacy.

In a world full of foodies, one name is quickly becoming the most popular: ChaiApps. ChaiApps, a unique combination of classic and inventive tastes with new age twists, is about more than simply amazing taste; it's about feeling well. ChaiApps has been identified with quality and authenticity, offering over 25 organic tea varieties that are quite popular in India. From humble beginnings to become India's favorite culinary brand in the world.

ChaiApps is all about providing the pleasant, aromatic flavor of traditional Indian tea, which warms hearts everywhere. In fact, ChaiApps proudly sells over 2 lacs kulhad chai every day in India alone, demonstrating its everlasting devotion to delighting tea lovers with every drink.

ChaiApps, founded by CEO Satvir Singh and co-founder Nitin Tomar, originated in 2017 as a concept in the corridors of Indira Gandhi Airport. Driven by a desire to deliver real Indian flavours, the founders set out on a quest to transform the tea industry. Years of extensive research and effort culminated in the opening of the first ChaiApps location in Gurgaon in 2020.

ChaiApps has grown rapidly since its inception, with plans to open over 100 stores across India by 2022. But ChaiApps' aims go well beyond national borders. The brand's objective is to promote the joy of Indian flavours over the world by making its famous Kulhad Chai a household name. ChaiApps plans to establish 150 shops in India over the next two years, as well as 25 outlets in the UAE, Oman, Qatar, and Saudi Arabia, as part of its international expansion.

ChaiApps distinguishes itself in the competitive market with its unique offerings and business model. Operating with a chef-less approach provides consistency and quality, while ChaiApps' low-risk management and quick return on investment of 8-10 months make it an appealing opportunity for aspiring entrepreneurs. ChaiApps uses technology for data and inventory management, resulting in efficient operations and seamless customer experiences. ChaiApps develops confidence and credibility among its partners and consumers by maintaining complete transparency and avoiding hidden charges.

Aside from its signature Kulhad Chai, ChaiApps has a diverse menu, catering to every craving imaginable. From delectable burgers and pizzas to soothing Maggie and momos, each dish is meticulously prepared using unique and effective raw materials, resulting in an average gross profit of 50-60%.

As ChaiApps continues to write its success narrative, the brand stays dedicated to its fundamental values of excellence, customer satisfaction, and building long term connections. With its headquarters in the heart of New Delhi, ChaiApps is more than just a brand; it represents the rich tapestry of Indian flavours and hospitality.

In a world where tastes evolve and trends fade, ChaiApps stands out as a symbol of tradition, flavor, and innovation. ChaiApps, with its consistent commitment to quality, transparency, and customer satisfaction, ChaiApps invites newbies to join its journey of spreading happiness and flavours. As the aroma of Indian spices fills the air, ChaiApps continues to transform the culinary landscape, one sip at a time.

In a world full of foodies, one name is quickly becoming the most popular: ChaiApps. ChaiApps, a unique combination of classic and inventive

 

In a world full of foodies, one name is quickly becoming the most popular: ChaiApps. ChaiApps, a unique combination of classic and inventive tastes with new age twists, is about more than simply amazing taste; it's about feeling well. ChaiApps has been identified with quality and authenticity, offering over 25 organic tea varieties that are quite popular in India. From humble beginnings to become India's favorite culinary brand in the world.

ChaiApps is all about providing the pleasant, aromatic flavor of traditional Indian tea, which warms hearts everywhere. In fact, ChaiApps proudly sells over 2 lacs kulhad chai every day in India alone, demonstrating its everlasting devotion to delighting tea lovers with every drink.

ChaiApps, founded by CEO Satvir Singh and co-founder Nitin Tomar, originated in 2017 as a concept in the corridors of Indira Gandhi Airport. Driven by a desire to deliver real Indian flavours, the founders set out on a quest to transform the tea industry. Years of extensive research and effort culminated in the opening of the first ChaiApps location in Gurgaon in 2020.

ChaiApps has grown rapidly since its inception, with plans to open over 100 stores across India by 2022. But ChaiApps' aims go well beyond national borders. The brand's objective is to promote the joy of Indian flavours over the world by making its famous Kulhad Chai a household name. ChaiApps plans to establish 150 shops in India over the next two years, as well as 25 outlets in the UAE, Oman, Qatar, and Saudi Arabia, as part of its international expansion.

ChaiApps distinguishes itself in the competitive market with its unique offerings and business model. Operating with a chef-less approach provides consistency and quality, while ChaiApps' low-risk management and quick return on investment of 8-10 months make it an appealing opportunity for aspiring entrepreneurs. ChaiApps uses technology for data and inventory management, resulting in efficient operations and seamless customer experiences. ChaiApps develops confidence and credibility among its partners and consumers by maintaining complete transparency and avoiding hidden charges.

Aside from its signature Kulhad Chai, ChaiApps has a diverse menu, catering to every craving imaginable. From delectable burgers and pizzas to soothing Maggie and momos, each dish is meticulously prepared using unique and effective raw materials, resulting in an average gross profit of 50-60%.

As ChaiApps continues to write its success narrative, the brand stays dedicated to its fundamental values of excellence, customer satisfaction, and building long term connections. With its headquarters in the heart of New Delhi, ChaiApps is more than just a brand;  it represents the rich tapestry of Indian flavours and hospitality.

In a world where tastes evolve and trends fade, ChaiApps stands out as a symbol of tradition, flavor, and innovation. ChaiApps, with its consistent commitment to quality, transparency, and customer satisfaction, ChaiApps invites newbies to join its journey of spreading happiness and flavours. As the aroma of Indian spices fills the air, ChaiApps continues to transform the culinary landscape, one sip at a time.

सऊदी अरब ने पाक पीएम शहबाज की उम्मीदों पर फेरा पानी, कश्मीर पर दिया बड़ा झटका

#saudiarabiareiteratesindiastandonkashmirinjointstatementwith_pak

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ बड़े अरमान लेकर सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (एमबीएस) से मिलने पहुंचे थे। हालांकि, उनकी उम्मीदों को बड़ा झटका लगा। सऊदी अरब ने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया है। क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अल सऊद ने कश्मीर को भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दा बताया है। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा है कि इस मुद्दे को भारत और पाकिस्तान को बातचीत के जरिए सुलझाना होगा।

सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस ने साझा बयान में कश्मीर समेत अन्य लंबित मुद्दों को सुलझाने के लिए नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच बातचीत के महत्व पर जोर दिया।पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सऊदी शासक प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के बीच मक्का के अल-सफा पैलेस में हुई एक आधिकारिक बैठक के एक दिन बाद एक संयुक्त बयान जारी किया गया।बयान के मुताबिक, उनकी चर्चा सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच भाईचारे वाले संबंधों को मजबूत करने तथा विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के रास्ते तलाशने पर केंद्रित रही।

सऊदी ने भारत-पाक में बातचीत का किया आह्वान

बयान में कश्मीर सहित क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की बात कही गई है। सऊदी अरब ने संयुक्त बयान में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए दोनों देशों के बीच लंबित मुद्दों, विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर विवाद को हल करने के लिए पाकिस्तान और भारत के बीच बातचीत के महत्व पर जोर दिया।

सऊदी अरब का बयान पाक के लिए बड़ा झटका

सऊदी अरब के कश्मीर को लेकर दिए गए बयान को पाकिस्तान के लिए एक बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है, दरअसल पाकिस्तान यूएन सहित अन्य वैश्विक मंचों पर कश्मीर का मुद्दा उठाता रहा है। वह यूएन के तत्वाधान में जनमत संग्रह का राग भी अलापता रहा है, हालांकि भारत ने हमेशा से ही इसका विरोध किया है और इसे द्विपक्षीय मुद्दा बताया है। नई दिल्ली का लंबे समय से रुख रहा है कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच मुद्दा हम दो देशों का है और किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता या हस्तक्षेप का कोई सवाल ही नहीं है।

सऊदी अरब के साथ दोस्‍ती करेंगी हूती व‍िद्रोही, क्या एकजुट हो रहीं इस्लामिक ताकतें?

#yemen_houthi_rebels_ready_to_make_peace_with_saudi_arabia

यमन के बड़े हिस्से पर नियंत्रण रखने वाले हूती विद्रोही सउदी अरब से दोस्ती के लिए तैयार हो गए हैं। यमन के हूती विद्रोहियों ने कहा है कि वह सऊदी अरब के साथ शांति चाहते हैं और इसकी कोशिशों के लिए तैयार हैं। बता दें कि हूती विद्रोही और सऊदी अरब के बीच दुश्मनी रही है।सऊदी अरब यमन के हूती विद्रोहियों को आतंकवादी मानता रहा है।

हूती ग्रुप के उप विदेश मंत्री हुसैन अल-एजी ने सऊदी अरब की यमन पर हमलों के लिए अमेरिका और यूके के साथ नहीं जाने के लिए भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि इसके लिए हम सऊदी अरब के प्रति विशेष आभार व्यक्त करते हैं और उनके साथ शांति वार्ता करने के लिए उत्सुक है। अल एजी ने सऊदी के साथ शांति स्थापित ना होने देने के लिए अमेरिका पर भी आरोप लगाए। उन्होंने कहा, अमेरिका किसी समझौते तक पहुंचने के प्रयासों में बाधा डाल रहा है। अमेरिका और उससे जुड़े यमनी समूहों की तरफ से पेश की जा रही चुनौतियों के बावजूद यमन रियाद के साथ शांति के लिए तैयार है। अमेरिका पर सख्त रुख दिखाते हुए हूती नेता ने कहा, अमेरिका और ब्रिटेन ने 12 जनवरी से यमन में 300 से ज्यादा हमले किए हैं। इन हमलों के लिए अमेरिका को भारी कीमत" चुकानी होगी। अमेरिका हम पर हमला कर रहा है और हमारे वह प्रतिशोध से बच नहीं पाएगा। हम अपने देश के खिलाफ आक्रामकता पर कभी भी चुप नहीं रहेंगे। ना ही हमलों से डरकर हम इसका गाजा और फिलिस्तीन के प्रति अपने रुख को बदलेंगे।

हूती कौन हैं?

यमन के अल्पसंख्यक शिया समुदाय को हूती कहा जाता है। ये जैदी शिया समूह से ताल्लुक रखते हैं, जो शियाओं में भी अल्पसंख्यक समूह माना जाता है।इनका उदय 80 के दशक में हुआ। यह यमन के उत्तरी क्षेत्र में शिया मुस्लिमों की लड़ाई लड़ रहा सबसे बड़ा संगठन है। इस संगठन का नाम हूती संगठन सन् 2004 में यमन की तत्कालीन सरकार के खिलाफ विद्रोह करने वाले हुसैन अल हूती के नाम पर रखा गया। 

हूती विद्रोह क्या है? 

बता दें कि 1990 के दशक में यमन में सऊदी अरब के बढ़ते वित्तीय एवं धार्मिक प्रभाव की प्रतिक्रिया के फलस्वरूप हूती आंदोलन प्रारंभ हुआ। हूती उत्तरी यमन में सुन्नी इस्लाम की सलाफी विचारधारा के विस्तार के विरोध में हैं। इसी के फलस्वरूप आज से करीब 20 वर्ष पूर्व 2004 में यमन के उत्तरी भाग में इसने गृहयुद्ध का रूप ले लिया।यह गृहयुद्ध यमन में सत्तानशीं सुन्नी सरकार के खिलाफ था। बहुत से लोग इसे ‘सदाह युद्ध’ कहकर भी पुकारते हैं। इसके बाद सन् 2011 से पूर्व जब यमन में सुन्नी नेता अब्दुल्ला सालेह की सरकार थी, तब बड़े पैमाने पर शियाओं के दमन की घटनाएं हुईं। ऐसे में शियाओं में सुन्नी समुदाय के तानाशाह नेता के खिलाफ गुस्सा भड़क उठा और वे विद्रोह पर उतर आए।

ईरान की मदद से हो रहा शांति समझौता

2015 में सऊदी अरब ने कई खाड़ी देशों से गठबंधन कर यमन में हूती विद्रोहियों के खिलाफ हवाई हमले शुरू किए थे। इनमें सऊदी अरब को संयुक्त अरब अमीरात से भी मदद मिली, लेकिन बाद में वह अलग हो गया। इसके जवाब में हूती विद्रोही भी सऊदी अरब पर मिसाइल और ड्रोन हमले करते रहे हैं। इन हमलों में सऊदी अरब को काफी नुकसान पहुंचाया है। अमेरिका शुरू में हूती विद्रोहियों के खिलाफ सऊदी का साथ दिया था, लेकिन बाइडेन प्रशासन ने अपनी नीति बदल ली और सऊदी को अकेला छोड़ दिया।माना जा रहा है कि हूती विद्रोहियों के साथ बातचीत ईरान के हस्तक्षेप के काऱण हो रही है। कुछ दिनों पहले तक सऊदी अरब और ईरान कट्टर दुश्मन हुआ करते थे। सऊदी अरब दुनियाभर के सुन्नी मुसमलानों के नेता बनने का दावा करता है, वहीं ईरान शिया मुसलमानों का। इसके अलावा कूटनीतिक क्षेत्र में भी दोनों के बीच काफी तनाव था। लेकिन, चीन की मदद से दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध बहाल हो चुके हैं। 

कितनी है हूतियों की ताकत?

यमन की ज़्यादा आबादी हूती विद्रोहियों के नियंत्रण में रहती है। उनका संगठन देश के उत्तरी हिस्से में टैक्स वसूलता है और अपनी मुद्रा भी छापता है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने हूती आंदोलन के विशेषज्ञ, अहमद अल-बाहरी के हवाले से कहा था कि 2010 तक हूती विद्रोहियों के पास 1,00,000 से 1,20,000 तक समर्थक थे। इनमें हथियारबंद लड़ाके और बिना हथियारों वाले समर्थक शामिल थे। संयुक्त राष्ट्र यह भी कहता है कि हूती विद्रोहियों ने बच्चों को भी भर्ती किया था, जिनमें से 1500 की साल 2020 में हुई लड़ाई में मौत हो गई थी और अगले साल कुछ सौ और बच्चे मारे गए थे। हूती लाल सागर के एक बड़ी तटीय इलाक़े पर नियंत्रण रखते हैं। यहीं से वे जहाज़ों को निशाना बना रहे हैं। यूरोपियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ पीस के एक विशेषज्ञ हिशाम अल-ओमेसी कहते हैं कि इन हमलों से उन्हें सऊदी अरब के साथ जारी शांति वार्ता में अपना पलड़ा भारी करने में मदद मिली है। वह कहते हैं, ये दिखाकर कि वे बाब अल-मंदब यानी कि लाल सागर के पतले से समुद्री रास्ते को बंद कर सकते हैं, उन्होंने सऊदी अरब पर रियायतें देने का दबाव बढ़ा दिया है।