बीबीएयू के प्रोफेसर को मिला माइक्रोबायोलोजिकल मीडियम का आविष्कार करने के लिए पेटेंट
लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ के प्रोफेसर नवीन कुमार अरोड़ा, डीन, स्कूल ऑफ अर्थ एंड एनवायरनमेंटल को एक नए प्रकार के माइक्रोबायोलोजिकल मीडियम का आविष्कार करने के लिए पेटेंट प्राप्त हुआ है। इस माध्यम का उपयोग प्रयोगशाला में बैक्टीरिया, कवक और पौधों को उगाने के लिए किया जाएगा।
इस माध्यम का एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह सौ प्रतिशत वनस्पति आधारित सामग्री से बना है और इसके निर्माण में कोई भी पशु निर्मित सामग्री शामिल नहीं है। इससे पहले बैक्टीरिया को उगाने के लिए इस्तेमाल होने वाले माध्यमों में ज्यादातर पशु आधारित घटक शामिल थे।
प्रो अरोड़ा ने बताया कि यह मीडिया पूरी तरह से शाकाहारी और अनोखा है। यह सूक्ष्म जीव विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में शोधकर्ताओं के लिए बहुत उपयोगी होगा। यह कई गतिविधियों को दिखाता है जिनका उपयोग बैक्टीरिया और कवक की पहचान के लिए किया जा सकता है। हम इस मीडिया को काफ़ी समय से विकसित करने की कोशिश कर रहे थे क्योंकि सूक्ष्मजीवों को प्रयोगशाला में उगाने के लिए काफ़ी दिक्कतें आती हैं।
वे बताते हैं कि, "अब तक केवल 5 फ़ीसदी से भी कम जीवाणुओं की खोज हो पाई है और उनमें से अधिकांश अभी भी अनदेखे एवं अनजाने हैं।सूक्ष्मजीव पर्यावरण, पारिस्थितिक तंत्र और उद्योग में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।अधिक सूक्ष्म जीवों की खोज मानव जाति के लिए बहुत उपयोगी होगी। इस खोज से अज्ञात रोगाणुओं का पता लगाने और उनको प्रयोगशाला में उगाने में मदद मिल सकती है, जो उद्योग और पर्यावरण के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा।
यह सूक्ष्म जीव विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए भी उपयोगी होगा।" उन्होंने कहा कि, "मीडिया सूक्ष्मजीवों और पेड़ पौधों के बीच की बातचीत के अध्ययन में मदद करेगा। इससे फसलों की उपज में वृद्धि और उत्पादकता में सुधार और कीटनाशकों और उर्वरकों जैसे कृषि-रसायनों पर निर्भरता कम करने में भी मदद मिलेगी। प्रोफेसर अरोड़ा ने बताया कि जल्द ही इस नये मीडियम को किसी उद्योग से गठजोड़ कर बाजार में उतारा जाएगा।
चूंकि इस माध्यम को तैयार करने में कोई पशु आधारित सामग्री शामिल नहीं है, यह अधिक सुरक्षित है और स्थिरता मानकों के अनुरूप है। प्रोफेसर अरोड़ा की प्रयोगशाला से डॉ. जितेंद्र मिश्रा और प्रिया मिश्रा ने नये मीडिया बनाने के इस शोध में मदद की है।
Feb 19 2023, 18:12