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मोहन भागवत के बयान से अलग है आरएसएस के मुखपत्र की राय, विवादित स्थलों के सर्वे पर जताई सहमति

#rssmagazineignoredmohanbhagwat_warning

राम मंदिर के साथ हिंदुओं की श्रद्धा है लेकिन राम मंदिर निर्माण के बाद कुछ लोगों को लगता है कि वो नई जगहों पर इसी तरह के मुद्दों को उठाकर हिंदुओं का नेता बन सकते हैं। ये स्वीकार्य नहीं है। ये बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने ऐसे समय पर कही है जब पिछले कुछ समय से देश में मस्जिदों को लेकर विवाद गहराया हुआ है। देश में मस्जिदों के सर्वे की मांग के बीच प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि ऐसे मुद्दों को उठाना अस्वीकार्य है। हालांकि, मोहवन भागवत की राय आरएसएस से जुड़ी पत्रिका 'ऑर्गेनाइजर' के लेख से बिल्कुल अलग है। 'ऑर्गेनाइजर' में लिखे लेख की माने तो विवादित स्थलों का वास्तविक इतिहास जानना जरूरी है।

आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गनाइजर ने संभल मस्जिद विवाद पर अपनी लेटेस्ट कवर स्टोरी पब्लिश की है। जिसमें कहा गया है कि विवादित स्थलों और संरचनाओं का वास्तविक इतिहास जानना जरूरी है। पत्रिका में कहा गया है कि जिन धार्मिक स्थलों पर आक्रमण किया गया या ध्वस्त किया गया, उनकी सच्चाई जानना सभ्यतागत न्याय को हासिल करने जैसा है।

कई सांप्रदायिक घटनाओं का जिक्र

जिसमें दावा किया गया है कि कैसे संभल में शाही जामा मस्जिद के स्थान पर एक मंदिर मौजूद था। इसमें संभल के सांप्रदायिक इतिहास का भी वर्णन किया गया है। इसके अलावा पत्रिका में पिछले सालों में हुई सांप्रदायिक घटनाओं का भी जिक्र किया गया है। इस लेख में मंदिर-मस्जिद विवाद को लेकर संघ प्रमुख की सलाह या चेतावनी को पूरी तरीके से नजरअंदाज कर दिया गया है।

अलगाववाद को बढ़ावा मिलेगा

पत्रिका के संपादक प्रफुल्ल केतकर के लिखे संपादकीय में कहा गया है, धार्मिक कटुता और असामंजस्य को खत्म करने के लिए एक समान दृष्टिकोण की आवश्यकता है। बाबासाहेब आंबेडकर जाति-आधारित भेदभाव के मूल कारण तक गए और इसे समाप्त करने के लिए संवैधानिक उपाय प्रदान किए। तर्क दिया गया है कि यह तभी हासिल किया जा सकता है जब मुसलमान सच्चाई को स्वीकार करें और इससे इनकार करने से अलगाववाद को बढ़ावा मिलेगा।

लड़ाई राष्ट्रीय पहचान को साबित करने की

संपादकीय में कहा गया कि सोमनाथ से लेकर संभल और उसके आगे के सच को जानने की यह लड़ाई धार्मिक श्रेष्ठता के बारे में नहीं है। यह हमारी राष्ट्रीय पहचान को साबित करने और सभ्यतागत न्याय के बारे में है। लेख में ऐतिहासिक घावों को भरने की भी बात कही गई है।

मोहन भागवत ने मंदिर-मस्जिद विवादों पर जताई चिंता, बोले-ऐसे आप हिंदुओं के नेता नहीं बन जाएंगे

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काशी, मथुरा में मंदिर मस्जिद का विवाद जहां अदालतों में लंबित में है वहीं संभल का प्रकरण सुर्खियों में बना हुआ है। इस बीच ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं जहां धार्मिक ढांचों को लेकर सवाल उठाए जाने लगे हैं। इस बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने मंदिर-मस्जिद विवादों के फिर से उठने पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि अयोध्या के राम मंदिर के निर्माण के बाद कुछ लोग यह मानने लगे हैं कि वे इस तरह के मुद्दों को उठाकर 'हिंदुओं के नेता' बन सकते हैं।

पुणे में हिंदू सेवा महोत्सव के उद्घाटन के मौके पर ‘भारत-विश्वगुरु’ विषय पर बोलते हुए आरएसएस प्रमुख भागवत ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद कुछ लोगों को ऐसा लग रहा है कि वे ऐसे मुद्दों को उठाकर ‘हिंदुओं के नेता’ बन सकते हैं। संघ प्रमुख ने समावेशी समाज की वकालत करते हुए कहा कि दुनिया को यह दिखाने की जरूरत है कि देश सद्भावना के साथ एक साथ रह सकता है।

भारतीय समाज की बहुलता को रेखांकित करते हुए भागवत ने कहा कि रामकृष्ण मिशन में क्रिसमस मनाया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि ‘‘केवल हम ही ऐसा कर सकते हैं क्योंकि हम हिंदू हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम लंबे समय से सद्भावना से रह रहे हैं। अगर हम दुनिया को यह सद्भावना प्रदान करना चाहते हैं, तो हमें इसका एक मॉडल बनाने की जरूरत है। राम मंदिर के निर्माण के बाद, कुछ लोगों को लगता है कि वे नयी जगहों पर इसी तरह के मुद्दों को उठाकर हिंदुओं के नेता बन सकते हैं। यह स्वीकार्य नहीं है।’’

राम मंदिर का निर्माण हिंदुओं की आस्था का विषय-भागवत

मोहन भागवत ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण इसलिए किया गया क्योंकि यह सभी हिंदुओं की आस्था का विषय था। उन्होंने किसी विशेष स्थल का उल्लेख किए बिना कहा, ‘‘हर दिन एक नया मामला (विवाद) उठाया जा रहा है। इसकी अनुमति कैसे दी जा सकती है? यह जारी नहीं रह सकता। भारत को यह दिखाने की जरूरत है कि हम एक साथ रह सकते हैं।’’ हाल के दिनों में मंदिरों का पता लगाने के लिए मस्जिदों के सर्वेक्षण की कई मांगें अदालतों तक पहुंची हैं, हालांकि भागवत ने अपने व्याख्यान में किसी का नाम नहीं लिया। उन्होंने कहा कि बाहर से आए कुछ समूह अपने साथ कट्टरता लेकर आए और वे चाहते हैं कि उनका पुराना शासन वापस आ जाए।

कट्टरता सही नहीं- भागवत

हाल के दिनों में मंदिरों का पता लगाने के लिए मस्जिदों के सर्वेक्षण की कई मांगें अदालतों में पहुंची हैं, हालांकि भागवत ने अपने व्याख्यान में किसी का नाम नहीं लिया। उन्होंने कहा कि बाहर से आए कुछ समूह अपने साथ कट्टरता लेकर आए हैं और वे चाहते हैं कि उनका पुराना शासन वापस आए

*বড়মার মন্দিরে এলেন দেব*

সোমবার নৈহাটি বড়মার মন্দিরে পুজো দিলেন অভিনেতা তথা তৃণমূল কংগ্রেসের সাংসদ দেব ।

 

वन नेशन, वन इलेक्शन संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ, सुप्रियो भट्टाचार्य ने कही ये बात

झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ) ने कहा कि  केंद्र सरकार की अवधारणा संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ है।

यह भारत के संघीय ढांचे और संविधान की बुनियादी संरचना पर सीधा हमला है। इस योजना से भारत गणराज्य की लोकतांत्रिक परिकल्पना खतरे में पड़ जाएगी।

JMM प्रवक्ता ने इसे संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की विचारधारा की हत्या करार दिया।

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 368 के अनुसार, कोई भी संशोधन संविधान की मूलभूत संरचना को प्रभावित नहीं कर सकता।

इस योजना के लागू होने से संविधान के अनुच्छेद 333, जो न्यूनतम विधानसभा और कैबिनेट की संरचना तय करता है का उल्लंघन होगा।


राज्यों की स्वायत्तता और संघीय ढांचे पर “वन नेशन, वन इलेक्शन” से आघात पहुंचेगा। यह योजना क्षेत्रीय दलों को खत्म करने और केंद्र सरकार की सत्ता को मजबूत करने की साजिश है।

उन्होंने आरोप लगाया कि यह कदम RSS की विचारधारा को थोपने का प्रयास है, जो 2025 में अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे करने की तैयारी कर रहा है।
बेगूसराय में 22 पुलिस पदाधिकारियों का ट्रांसफर
बेगूसराय एसपी मनीष ने विधि व्यवस्था दुरुस्त करने और अनुसंधान में तेजी लाने के लिए जिले के कई थानाध्यक्ष सहित 22 पुलिस पदाधिकारियों का स्थानांतरण कर दिया है। स्थानांतरित पुलिस पदाधिकारी को 24 घंटे के अंदर नई जगह पर योगदान करने का आदेश दिया गया है।

थाना में दर्ज मामलों के अनुसंधान में तेजी लाने के लिए भी बड़ा कदम उठाया गया है। पुलिस लाइन के 12 अवर निरीक्षक को विभिन्न थाना के अनुसंधान इकाई की जिम्मेदारी दी गई है। साथ ही स्थानांतरित पुलिस पदाधिकारियों का नए पद की भी जानकारी दे दी गई है।

एसपी मनीष ने बताया कि भगवानपुर थानाध्यक्ष पवन कुमार को पुलिस कार्यालय के DIU शाखा में भेजा गया है। बरौनी थानाध्यक्ष रजनीश कुमार को पुलिस कार्यालय में विधि शाखा प्रभारी बनाया गया है। नीमा चांदपुरा थानाध्यक्ष रंजन कुमार ठाकुर को बरौनी का नया थानाध्यक्ष बनाया गया है।

पुलिस लाइन में ERSS कंट्रोल रूम प्रभारी रवि रंजन कुमार को SC-ST थानाध्यक्ष, पुलिस कार्यालय के DIU शाखा से दीपक कुमार को भगवानपुर थानाध्यक्ष, जीरो माइल ओपी प्रभारी चंदन कुमार-वन को नीमा चांदपुरा थानाध्यक्ष और बछवाड़ा थाना के अनुसंधान इकाई में कार्यरत चंद्रकांत कुमार को जीरोमाइल ओपी प्रभारी बनाया गया है।

SC-ST थानाध्यक्ष राम प्रताप पासवान को पुलिस लाइन बुला लिया गया है। पुलिस लाइन के परिचारी प्रवर आशुतोष कुमार को लोहिया नगर और रतनपुर थाना का पर्यवेक्षी पदाधिकारी बनाया गया है। जबकि, पुलिस लाइन से पुलिस निरीक्षक सतीश चंद्र माधव प्रसाद राय को सिंघौल और लाखो थाना का पर्यवेक्षी पदाधिकारी बनाया गया है।

एसपी ने बताया कि थाना में दर्ज मामलों के अनुसंधान में तेजी लाने के लिए भी बड़ा कदम उठाया गया है। पुलिस लाइन के 12 अवर निरीक्षक को विभिन्न थाना के अनुसंधान इकाई की जिम्मेदारी दी गई है। अजय कुमार राय को बखरी थाना, वीरेन्द्र उरांव को सिंघौल थाना, विनोद कुमार पाल को मटिहानी थाना एवं अजय कुमार सिंह-टू को तेघड़ा थाना के अनुसंधान इकाई में भेजा गया है। धनंजय पांडेय को चरिया बरियारपुर थाना, रामानंद सिंह को साहेबपुर कमाल थाना, विजय कुमार-वन को बलिया थाना, नवीन कुमार मिश्र को बरौली थाना, सुमंत कुमार शर्मा को नगर थाना, उमाशंकर झा को नावकोठी थाना, विक्रम किशोर को वीरपुर थाना एवं नीरा देवी को महिला थाना के अनुसंधान इकाई में पदस्थापित किया गया है।

बेगूसराय से नोमानुल हक की रिपोर्ट
शिक्षा का उपयोग समाज की भलाई के लिए होना चाहिए: मोहन भागवत

डेस्क:– राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि स्कूली शिक्षा केवल तभी फलदायी है जब उसका उपयोग समाज के लिए होता है। उन्होंने कहा कि अगर कोई शिक्षा का इस्तेमाल नहीं करना जानता है तो उसे उसका कोई खास लाभ नहीं है। अनेक महान व्यक्तियों के ऐसे उदाहरण हैं जिन्होंने स्कूल में शिक्षा हासिल न करने के बावजूद समाज को महत्वपूर्ण दिशा दिखाई

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले मुवानी में शेरसिंह कार्की सरस्वती विहार की इमारत का उद्घाटन करने के बाद संघ कार्यकर्ताओं की एक सभा को संबोधित करते हुए भागवत ने जोर देकर कहा कि स्कूल और कॉलेजों में प्राप्त शिक्षा का उद्देश्य समाज की भलाई के लिए उसका उपयोग करना होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को शिक्षा के विद्या भारती मॉडल को बढ़ावा देना चाहिए जो न केवल उसे या उसके परिवार की बेहतरी के लिए बल्कि पूरे समाज की भलाई के लिए शिक्षा प्रदान करता है। संस्कार ही समाज को मजबूती देते हैं और समाज ही सर्वोपरि होता है।

संघ प्रमुख ने आगे कहा कि दुनिया में कोई सरकार युवाओं को केवल 10 फीसदी नौकरियां ही दे सकती हैं जबकि बाकी लोगों के रोजगार या फिर व्यवसाय समाज की मजबूती से पैदा होते हैं। हमारा प्रदेश अतीत में समृद्ध रहा है और समाज की मजबूती के साथ भविष्य में भी ऐसा ही रहेगा। यह समाज ही है जो हमें सिखाता है कि एक उद्देश्यपूर्ण जीवन को कैसे जिया जाता है।

आरएसएस प्रमुख ने आगे कहा कि उत्तराखंड तपोभूमि है. जहां, सालभर हजारों ऋषि तपस्या करते रहते हैं, लेकिन उनकी तपस्या का फल हमेशा आसपास रहने वाले दूसरे लोगों को आलोकित करता है। संघ प्रमुख उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र के दौरे पर हैं और वह शनिवार रात को चंपावत से पिथौरागढ़ पहुंचे हैं।
संत शिरोमणि नामदेव जी महाराज की 754वीं जयंती: राजधानी में सांस्कृतिक कार्यक्रम और विभिन्न प्रतियोगिताओं का हुआ आयोजन

रायपुर- संत शिरोमणि संत नामदेव की 754वीं जयंती के उपलक्ष्य में देशभर में कई कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है. राजधानी रायपुर में समाज के युवा-युवति प्रकोष्ठ जिला शाखा रायपुर (श्री नामदेव समाज विकास परिषद शाखा रायपुर) के तत्वाधान में 12 नवंबर से लगातार विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. आज रविवार को पुरानी बस्ती स्थित महामाया मंदिर के मंगल भवन में सांस्कृतिक कार्यक्रमों और सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए आयोजित प्रतियोगिताओं के साथ इन कार्यक्रमों का समापन हुआ. इस दौरान RSS के संघ प्रचारक नारायण बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए.

बता दें कि संत शिरोमणि संत नामदेव की 754वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रमों में समाज के लोगों में भारी उत्साह देखने को मिला. इस दौरान काफी संख्या में लोग रायपुर समेत राज्य के अलग-अलग जिलों से शामिल होने के लिए पहुंचे थे. वहीं आज समापन कार्यक्रम के दौरान भी समाज के लोगों ने अपनी बढ़-चढ़कर भागीदारी दर्ज कराई.

प्रतियोगिताओं के विजेताओं को किया गया पुरस्कृत

गौरतलब है कि रविवार को आयोजित समापन कार्यक्रम में सभी आयु वर्ग के लिए चित्रकला, केस सज्जा, मेहंदी, फैंसी ड्रेस, संगीत एवं डांस, रंगोली, पूजा थाली + प्रादेशिक press प्रतियोगिता (महिला वर्ग मराठी, राजस्थानी, छत्तीसगढी, साऊथ अन्य ) और कुर्सी दौड़ जैसी प्रतियोगिताओं का भी आयोजन हुआ, जिसके विजेता प्रतिभागियों को सम्मान एवं पुरस्कार वितरण कार्यक्रम के दौरान पुरस्कृत किया गया.

दुनिया में मंडरा रहा तीसरे विश्व युद्ध का खतरा, एमपी के महाकौशल क्षेत्र में एक व्याख्यान में बोले, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत

RSS प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि रूस-यूक्रेन एवं इजरायल-हमास युद्ध की स्थिति को देखते हुए तीसरे विश्व युद्ध का खतरा मंडरा रहा है। मोहन भागवत मध्य प्रदेश के महाकौशल क्षेत्र में दिवंगत संघ महिला नेता डॉ. उर्मिला जामदार की स्मृति में आयोजित एक व्याख्यान को संबोधित कर रहे थे। मोहन भागवत ने कहा, "हम सभी को तीसरे विश्व युद्ध का खतरा महसूस हो रहा है। इस पर अटकलें लगाई जा रही हैं कि यह यूक्रेन या गाजा में आरम्भ हो सकता है।" उन्होंने इस बात पर दुख जताया कि विज्ञान ने बहुत प्रगति की है, किन्तु इसका लाभ अब भी देश और दुनिया के गरीबों तक नहीं पहुंच पाया है, जबकि विनाशकारी हथियार हर जगह पहुंच गए हैं। भागवत ने कहा, "कुछ बीमारियों की दवाएं ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध नहीं हो सकतीं, किन्तु देशी रिवॉल्वर (देशी कट्टा) आसानी से उपलब्ध है।" उन्होंने पर्यावरण पर भी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि स्थिति अब ऐसी हो गई है कि यह बीमारियों की वजह बन रहा है। उन्होंने मानवता की सेवा को हिन्दू धर्म का हिस्सा बताते हुए कहा कि यह हिंदू धर्म का पर्याय है। भागवत ने कहा कि हिंदुत्व में दुनिया को राह दिखाने की क्षमता है। उन्होंने यह भी कहा कि 'हिंदू' शब्द भारतीय धर्मग्रंथों में आने से पहले से मौजूद था और इसे सार्वजनिक रूप से सबसे पहले गुरु नानक देव ने प्रवचन में प्रस्तुत किया था।
धर्म और अधर्म की लड़ाई चल रही है, अब वक़्त आ गया है कि हमें अपने देश को सुधारना होगा, चित्रकूट में बोले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत

आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने चित्रकूट में कहा कि धर्म और अधर्म की लड़ाई चल रही है, तथा अब वक़्त आ गया है कि हमें अपने देश को सुधारना होगा। उन्होंने कहा कि हम सभी को ईश्वर द्वारा प्रदत्त अपना कर्तव्य निभाना चाहिए, जो कि धर्म के पक्ष में खड़ा होना है। इसके लिए सही आचरण की आवश्यकता है।

उन्होंने आगे कहा कि एक ओर स्वार्थ का दैत्य भारत को दबाने एवं सत्य को छिपाने का प्रयास कर रहा है, किन्तु वह कभी सफल नहीं होगा क्योंकि सत्य कभी दबता नहीं है, वह हमेशा सिर उठाकर बोलता है तथा यही आज हो रहा है। RSS प्रमुख ने यह भी कहा कि हमारी अस्तित्व इसलिए खत्म नहीं होती क्योंकि हमारी ऋषि-संतों की परंपरा और ईश्वर निष्ठा की मंडली का आशीर्वाद हमें प्राप्त है। भागवत ने यह भी कहा कि सनातन धर्म को दुनिया तक पहुंचाना हिन्दू समाज एवं भारत का कर्तव्य है।

मोहन भागवत ने यह भी कहा कि चित्रकूट आकर इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने से उनका उद्देश्य पूरा हुआ। उन्हें संतो का आशीर्वाद प्राप्त हुआ एवं उन्होंने व्याख्यान सुना। उन्होंने कहा कि जैसे थोड़ा सा कड़वा चूर्ण खाने से हाजमा ठीक होता है, वैसे ही उनके वक्तव्य को भी उसी चूर्ण की तरह समझा जाना चाहिए। बुधवार को मोहन भागवत अपने दो दिवसीय प्रवास पर चित्रकूट पहुंचे थे। वे मानस मर्मज्ञ बैकुंठवासी पंडित रामकिंकर उपाध्याय के जन्म शताब्दी समारोह में सम्मिलित हुए थे। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय संत मोरारी बापू एवं अन्य संत-महंत, कथावाचक एवं प्रबुद्ध जन भी उपस्थित थे।

पूर्व सांसद गोपाल व्यास का निधन, 92 की उम्र में ली अंतिम सांस
रायपुर-   भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यसभा सदस्य गोपाल व्यास का आज सुबह निधन हो गया. उन्होंने 92 साल की उम्र में अपनी अंतिम सांस ली. वे छत्तीसगढ़ राजनीति में एक महत्वपूर्ण हस्ती थे. व्यास ने 3 अप्रैल 2006 से 2 अप्रैल 2012 तक छत्तीसगढ़ राज्य से राज्यसभा सांसद के रूप में सेवा दी. वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के वरिष्ठ कार्यकर्ता रहे और पार्टी व संघ के लिए जमीनी स्तर पर महत्वपूर्ण कार्य किए.

उनके पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए उनके निज निवास HDD 33, विधायक कॉलोनी, रायपुर में सुबह 10:45 तक रखा गया है. इसके बाद देहदान के लिए AIIMS रायपुर के गेट नंबर 5 के लिए ले जाया जाएगा.

आपातकाल के समय जेल में रहे बंद

आपातकाल के दौरान गोपाल व्यास ने भी संघर्ष किया था और 1975 से 1977 तक रायपुर की जेल में बंद रहे. उनका योगदान भारतीय राजनीति में अहम था, और वे अपने संगठन के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहे. राज्यसभा से 13 फरवरी 2019 को सेवानिवृत्त होने के बाद वह सक्रिय राजनीति से दूर थे, लेकिन संगठन को मजबूत बनाने में उनका योगदान निरंतर था.

भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने दिलाई थी सदस्यता

गोपाल व्यास ने छत्तीसगढ़ में भाजपा के सदस्यता अभियान में भी हिस्सा लिया था. करीब एक महीने पहले, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें सदस्यता दिलाई थी. इस दौरान, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और जेपी नड्डा ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उनके आशीर्वाद लिया था.

जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र थे व्यास

गोपाल व्यास का जन्म 15 फरवरी 1932 को हुआ था. उनका शिक्षा जीवन जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज से जुड़ा था, और वे राजधानी रायपुर के विधायक कालोनी में अपने परिवार के साथ निवास करते थे. उनका निधन भाजपा और संघ परिवार के लिए एक अपूरणीय क्षति है.

मोहन भागवत के बयान से अलग है आरएसएस के मुखपत्र की राय, विवादित स्थलों के सर्वे पर जताई सहमति

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राम मंदिर के साथ हिंदुओं की श्रद्धा है लेकिन राम मंदिर निर्माण के बाद कुछ लोगों को लगता है कि वो नई जगहों पर इसी तरह के मुद्दों को उठाकर हिंदुओं का नेता बन सकते हैं। ये स्वीकार्य नहीं है। ये बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने ऐसे समय पर कही है जब पिछले कुछ समय से देश में मस्जिदों को लेकर विवाद गहराया हुआ है। देश में मस्जिदों के सर्वे की मांग के बीच प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि ऐसे मुद्दों को उठाना अस्वीकार्य है। हालांकि, मोहवन भागवत की राय आरएसएस से जुड़ी पत्रिका 'ऑर्गेनाइजर' के लेख से बिल्कुल अलग है। 'ऑर्गेनाइजर' में लिखे लेख की माने तो विवादित स्थलों का वास्तविक इतिहास जानना जरूरी है।

आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गनाइजर ने संभल मस्जिद विवाद पर अपनी लेटेस्ट कवर स्टोरी पब्लिश की है। जिसमें कहा गया है कि विवादित स्थलों और संरचनाओं का वास्तविक इतिहास जानना जरूरी है। पत्रिका में कहा गया है कि जिन धार्मिक स्थलों पर आक्रमण किया गया या ध्वस्त किया गया, उनकी सच्चाई जानना सभ्यतागत न्याय को हासिल करने जैसा है।

कई सांप्रदायिक घटनाओं का जिक्र

जिसमें दावा किया गया है कि कैसे संभल में शाही जामा मस्जिद के स्थान पर एक मंदिर मौजूद था। इसमें संभल के सांप्रदायिक इतिहास का भी वर्णन किया गया है। इसके अलावा पत्रिका में पिछले सालों में हुई सांप्रदायिक घटनाओं का भी जिक्र किया गया है। इस लेख में मंदिर-मस्जिद विवाद को लेकर संघ प्रमुख की सलाह या चेतावनी को पूरी तरीके से नजरअंदाज कर दिया गया है।

अलगाववाद को बढ़ावा मिलेगा

पत्रिका के संपादक प्रफुल्ल केतकर के लिखे संपादकीय में कहा गया है, धार्मिक कटुता और असामंजस्य को खत्म करने के लिए एक समान दृष्टिकोण की आवश्यकता है। बाबासाहेब आंबेडकर जाति-आधारित भेदभाव के मूल कारण तक गए और इसे समाप्त करने के लिए संवैधानिक उपाय प्रदान किए। तर्क दिया गया है कि यह तभी हासिल किया जा सकता है जब मुसलमान सच्चाई को स्वीकार करें और इससे इनकार करने से अलगाववाद को बढ़ावा मिलेगा।

लड़ाई राष्ट्रीय पहचान को साबित करने की

संपादकीय में कहा गया कि सोमनाथ से लेकर संभल और उसके आगे के सच को जानने की यह लड़ाई धार्मिक श्रेष्ठता के बारे में नहीं है। यह हमारी राष्ट्रीय पहचान को साबित करने और सभ्यतागत न्याय के बारे में है। लेख में ऐतिहासिक घावों को भरने की भी बात कही गई है।

मोहन भागवत ने मंदिर-मस्जिद विवादों पर जताई चिंता, बोले-ऐसे आप हिंदुओं के नेता नहीं बन जाएंगे

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काशी, मथुरा में मंदिर मस्जिद का विवाद जहां अदालतों में लंबित में है वहीं संभल का प्रकरण सुर्खियों में बना हुआ है। इस बीच ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं जहां धार्मिक ढांचों को लेकर सवाल उठाए जाने लगे हैं। इस बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने मंदिर-मस्जिद विवादों के फिर से उठने पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि अयोध्या के राम मंदिर के निर्माण के बाद कुछ लोग यह मानने लगे हैं कि वे इस तरह के मुद्दों को उठाकर 'हिंदुओं के नेता' बन सकते हैं।

पुणे में हिंदू सेवा महोत्सव के उद्घाटन के मौके पर ‘भारत-विश्वगुरु’ विषय पर बोलते हुए आरएसएस प्रमुख भागवत ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद कुछ लोगों को ऐसा लग रहा है कि वे ऐसे मुद्दों को उठाकर ‘हिंदुओं के नेता’ बन सकते हैं। संघ प्रमुख ने समावेशी समाज की वकालत करते हुए कहा कि दुनिया को यह दिखाने की जरूरत है कि देश सद्भावना के साथ एक साथ रह सकता है।

भारतीय समाज की बहुलता को रेखांकित करते हुए भागवत ने कहा कि रामकृष्ण मिशन में क्रिसमस मनाया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि ‘‘केवल हम ही ऐसा कर सकते हैं क्योंकि हम हिंदू हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम लंबे समय से सद्भावना से रह रहे हैं। अगर हम दुनिया को यह सद्भावना प्रदान करना चाहते हैं, तो हमें इसका एक मॉडल बनाने की जरूरत है। राम मंदिर के निर्माण के बाद, कुछ लोगों को लगता है कि वे नयी जगहों पर इसी तरह के मुद्दों को उठाकर हिंदुओं के नेता बन सकते हैं। यह स्वीकार्य नहीं है।’’

राम मंदिर का निर्माण हिंदुओं की आस्था का विषय-भागवत

मोहन भागवत ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण इसलिए किया गया क्योंकि यह सभी हिंदुओं की आस्था का विषय था। उन्होंने किसी विशेष स्थल का उल्लेख किए बिना कहा, ‘‘हर दिन एक नया मामला (विवाद) उठाया जा रहा है। इसकी अनुमति कैसे दी जा सकती है? यह जारी नहीं रह सकता। भारत को यह दिखाने की जरूरत है कि हम एक साथ रह सकते हैं।’’ हाल के दिनों में मंदिरों का पता लगाने के लिए मस्जिदों के सर्वेक्षण की कई मांगें अदालतों तक पहुंची हैं, हालांकि भागवत ने अपने व्याख्यान में किसी का नाम नहीं लिया। उन्होंने कहा कि बाहर से आए कुछ समूह अपने साथ कट्टरता लेकर आए और वे चाहते हैं कि उनका पुराना शासन वापस आ जाए।

कट्टरता सही नहीं- भागवत

हाल के दिनों में मंदिरों का पता लगाने के लिए मस्जिदों के सर्वेक्षण की कई मांगें अदालतों में पहुंची हैं, हालांकि भागवत ने अपने व्याख्यान में किसी का नाम नहीं लिया। उन्होंने कहा कि बाहर से आए कुछ समूह अपने साथ कट्टरता लेकर आए हैं और वे चाहते हैं कि उनका पुराना शासन वापस आए

*বড়মার মন্দিরে এলেন দেব*

সোমবার নৈহাটি বড়মার মন্দিরে পুজো দিলেন অভিনেতা তথা তৃণমূল কংগ্রেসের সাংসদ দেব ।

 

वन नेशन, वन इलेक्शन संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ, सुप्रियो भट्टाचार्य ने कही ये बात

झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ) ने कहा कि  केंद्र सरकार की अवधारणा संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ है।

यह भारत के संघीय ढांचे और संविधान की बुनियादी संरचना पर सीधा हमला है। इस योजना से भारत गणराज्य की लोकतांत्रिक परिकल्पना खतरे में पड़ जाएगी।

JMM प्रवक्ता ने इसे संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की विचारधारा की हत्या करार दिया।

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 368 के अनुसार, कोई भी संशोधन संविधान की मूलभूत संरचना को प्रभावित नहीं कर सकता।

इस योजना के लागू होने से संविधान के अनुच्छेद 333, जो न्यूनतम विधानसभा और कैबिनेट की संरचना तय करता है का उल्लंघन होगा।


राज्यों की स्वायत्तता और संघीय ढांचे पर “वन नेशन, वन इलेक्शन” से आघात पहुंचेगा। यह योजना क्षेत्रीय दलों को खत्म करने और केंद्र सरकार की सत्ता को मजबूत करने की साजिश है।

उन्होंने आरोप लगाया कि यह कदम RSS की विचारधारा को थोपने का प्रयास है, जो 2025 में अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे करने की तैयारी कर रहा है।
बेगूसराय में 22 पुलिस पदाधिकारियों का ट्रांसफर
बेगूसराय एसपी मनीष ने विधि व्यवस्था दुरुस्त करने और अनुसंधान में तेजी लाने के लिए जिले के कई थानाध्यक्ष सहित 22 पुलिस पदाधिकारियों का स्थानांतरण कर दिया है। स्थानांतरित पुलिस पदाधिकारी को 24 घंटे के अंदर नई जगह पर योगदान करने का आदेश दिया गया है।

थाना में दर्ज मामलों के अनुसंधान में तेजी लाने के लिए भी बड़ा कदम उठाया गया है। पुलिस लाइन के 12 अवर निरीक्षक को विभिन्न थाना के अनुसंधान इकाई की जिम्मेदारी दी गई है। साथ ही स्थानांतरित पुलिस पदाधिकारियों का नए पद की भी जानकारी दे दी गई है।

एसपी मनीष ने बताया कि भगवानपुर थानाध्यक्ष पवन कुमार को पुलिस कार्यालय के DIU शाखा में भेजा गया है। बरौनी थानाध्यक्ष रजनीश कुमार को पुलिस कार्यालय में विधि शाखा प्रभारी बनाया गया है। नीमा चांदपुरा थानाध्यक्ष रंजन कुमार ठाकुर को बरौनी का नया थानाध्यक्ष बनाया गया है।

पुलिस लाइन में ERSS कंट्रोल रूम प्रभारी रवि रंजन कुमार को SC-ST थानाध्यक्ष, पुलिस कार्यालय के DIU शाखा से दीपक कुमार को भगवानपुर थानाध्यक्ष, जीरो माइल ओपी प्रभारी चंदन कुमार-वन को नीमा चांदपुरा थानाध्यक्ष और बछवाड़ा थाना के अनुसंधान इकाई में कार्यरत चंद्रकांत कुमार को जीरोमाइल ओपी प्रभारी बनाया गया है।

SC-ST थानाध्यक्ष राम प्रताप पासवान को पुलिस लाइन बुला लिया गया है। पुलिस लाइन के परिचारी प्रवर आशुतोष कुमार को लोहिया नगर और रतनपुर थाना का पर्यवेक्षी पदाधिकारी बनाया गया है। जबकि, पुलिस लाइन से पुलिस निरीक्षक सतीश चंद्र माधव प्रसाद राय को सिंघौल और लाखो थाना का पर्यवेक्षी पदाधिकारी बनाया गया है।

एसपी ने बताया कि थाना में दर्ज मामलों के अनुसंधान में तेजी लाने के लिए भी बड़ा कदम उठाया गया है। पुलिस लाइन के 12 अवर निरीक्षक को विभिन्न थाना के अनुसंधान इकाई की जिम्मेदारी दी गई है। अजय कुमार राय को बखरी थाना, वीरेन्द्र उरांव को सिंघौल थाना, विनोद कुमार पाल को मटिहानी थाना एवं अजय कुमार सिंह-टू को तेघड़ा थाना के अनुसंधान इकाई में भेजा गया है। धनंजय पांडेय को चरिया बरियारपुर थाना, रामानंद सिंह को साहेबपुर कमाल थाना, विजय कुमार-वन को बलिया थाना, नवीन कुमार मिश्र को बरौली थाना, सुमंत कुमार शर्मा को नगर थाना, उमाशंकर झा को नावकोठी थाना, विक्रम किशोर को वीरपुर थाना एवं नीरा देवी को महिला थाना के अनुसंधान इकाई में पदस्थापित किया गया है।

बेगूसराय से नोमानुल हक की रिपोर्ट
शिक्षा का उपयोग समाज की भलाई के लिए होना चाहिए: मोहन भागवत

डेस्क:– राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि स्कूली शिक्षा केवल तभी फलदायी है जब उसका उपयोग समाज के लिए होता है। उन्होंने कहा कि अगर कोई शिक्षा का इस्तेमाल नहीं करना जानता है तो उसे उसका कोई खास लाभ नहीं है। अनेक महान व्यक्तियों के ऐसे उदाहरण हैं जिन्होंने स्कूल में शिक्षा हासिल न करने के बावजूद समाज को महत्वपूर्ण दिशा दिखाई

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले मुवानी में शेरसिंह कार्की सरस्वती विहार की इमारत का उद्घाटन करने के बाद संघ कार्यकर्ताओं की एक सभा को संबोधित करते हुए भागवत ने जोर देकर कहा कि स्कूल और कॉलेजों में प्राप्त शिक्षा का उद्देश्य समाज की भलाई के लिए उसका उपयोग करना होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को शिक्षा के विद्या भारती मॉडल को बढ़ावा देना चाहिए जो न केवल उसे या उसके परिवार की बेहतरी के लिए बल्कि पूरे समाज की भलाई के लिए शिक्षा प्रदान करता है। संस्कार ही समाज को मजबूती देते हैं और समाज ही सर्वोपरि होता है।

संघ प्रमुख ने आगे कहा कि दुनिया में कोई सरकार युवाओं को केवल 10 फीसदी नौकरियां ही दे सकती हैं जबकि बाकी लोगों के रोजगार या फिर व्यवसाय समाज की मजबूती से पैदा होते हैं। हमारा प्रदेश अतीत में समृद्ध रहा है और समाज की मजबूती के साथ भविष्य में भी ऐसा ही रहेगा। यह समाज ही है जो हमें सिखाता है कि एक उद्देश्यपूर्ण जीवन को कैसे जिया जाता है।

आरएसएस प्रमुख ने आगे कहा कि उत्तराखंड तपोभूमि है. जहां, सालभर हजारों ऋषि तपस्या करते रहते हैं, लेकिन उनकी तपस्या का फल हमेशा आसपास रहने वाले दूसरे लोगों को आलोकित करता है। संघ प्रमुख उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र के दौरे पर हैं और वह शनिवार रात को चंपावत से पिथौरागढ़ पहुंचे हैं।
संत शिरोमणि नामदेव जी महाराज की 754वीं जयंती: राजधानी में सांस्कृतिक कार्यक्रम और विभिन्न प्रतियोगिताओं का हुआ आयोजन

रायपुर- संत शिरोमणि संत नामदेव की 754वीं जयंती के उपलक्ष्य में देशभर में कई कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है. राजधानी रायपुर में समाज के युवा-युवति प्रकोष्ठ जिला शाखा रायपुर (श्री नामदेव समाज विकास परिषद शाखा रायपुर) के तत्वाधान में 12 नवंबर से लगातार विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. आज रविवार को पुरानी बस्ती स्थित महामाया मंदिर के मंगल भवन में सांस्कृतिक कार्यक्रमों और सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए आयोजित प्रतियोगिताओं के साथ इन कार्यक्रमों का समापन हुआ. इस दौरान RSS के संघ प्रचारक नारायण बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए.

बता दें कि संत शिरोमणि संत नामदेव की 754वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रमों में समाज के लोगों में भारी उत्साह देखने को मिला. इस दौरान काफी संख्या में लोग रायपुर समेत राज्य के अलग-अलग जिलों से शामिल होने के लिए पहुंचे थे. वहीं आज समापन कार्यक्रम के दौरान भी समाज के लोगों ने अपनी बढ़-चढ़कर भागीदारी दर्ज कराई.

प्रतियोगिताओं के विजेताओं को किया गया पुरस्कृत

गौरतलब है कि रविवार को आयोजित समापन कार्यक्रम में सभी आयु वर्ग के लिए चित्रकला, केस सज्जा, मेहंदी, फैंसी ड्रेस, संगीत एवं डांस, रंगोली, पूजा थाली + प्रादेशिक press प्रतियोगिता (महिला वर्ग मराठी, राजस्थानी, छत्तीसगढी, साऊथ अन्य ) और कुर्सी दौड़ जैसी प्रतियोगिताओं का भी आयोजन हुआ, जिसके विजेता प्रतिभागियों को सम्मान एवं पुरस्कार वितरण कार्यक्रम के दौरान पुरस्कृत किया गया.

दुनिया में मंडरा रहा तीसरे विश्व युद्ध का खतरा, एमपी के महाकौशल क्षेत्र में एक व्याख्यान में बोले, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत

RSS प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि रूस-यूक्रेन एवं इजरायल-हमास युद्ध की स्थिति को देखते हुए तीसरे विश्व युद्ध का खतरा मंडरा रहा है। मोहन भागवत मध्य प्रदेश के महाकौशल क्षेत्र में दिवंगत संघ महिला नेता डॉ. उर्मिला जामदार की स्मृति में आयोजित एक व्याख्यान को संबोधित कर रहे थे। मोहन भागवत ने कहा, "हम सभी को तीसरे विश्व युद्ध का खतरा महसूस हो रहा है। इस पर अटकलें लगाई जा रही हैं कि यह यूक्रेन या गाजा में आरम्भ हो सकता है।" उन्होंने इस बात पर दुख जताया कि विज्ञान ने बहुत प्रगति की है, किन्तु इसका लाभ अब भी देश और दुनिया के गरीबों तक नहीं पहुंच पाया है, जबकि विनाशकारी हथियार हर जगह पहुंच गए हैं। भागवत ने कहा, "कुछ बीमारियों की दवाएं ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध नहीं हो सकतीं, किन्तु देशी रिवॉल्वर (देशी कट्टा) आसानी से उपलब्ध है।" उन्होंने पर्यावरण पर भी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि स्थिति अब ऐसी हो गई है कि यह बीमारियों की वजह बन रहा है। उन्होंने मानवता की सेवा को हिन्दू धर्म का हिस्सा बताते हुए कहा कि यह हिंदू धर्म का पर्याय है। भागवत ने कहा कि हिंदुत्व में दुनिया को राह दिखाने की क्षमता है। उन्होंने यह भी कहा कि 'हिंदू' शब्द भारतीय धर्मग्रंथों में आने से पहले से मौजूद था और इसे सार्वजनिक रूप से सबसे पहले गुरु नानक देव ने प्रवचन में प्रस्तुत किया था।
धर्म और अधर्म की लड़ाई चल रही है, अब वक़्त आ गया है कि हमें अपने देश को सुधारना होगा, चित्रकूट में बोले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत

आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने चित्रकूट में कहा कि धर्म और अधर्म की लड़ाई चल रही है, तथा अब वक़्त आ गया है कि हमें अपने देश को सुधारना होगा। उन्होंने कहा कि हम सभी को ईश्वर द्वारा प्रदत्त अपना कर्तव्य निभाना चाहिए, जो कि धर्म के पक्ष में खड़ा होना है। इसके लिए सही आचरण की आवश्यकता है।

उन्होंने आगे कहा कि एक ओर स्वार्थ का दैत्य भारत को दबाने एवं सत्य को छिपाने का प्रयास कर रहा है, किन्तु वह कभी सफल नहीं होगा क्योंकि सत्य कभी दबता नहीं है, वह हमेशा सिर उठाकर बोलता है तथा यही आज हो रहा है। RSS प्रमुख ने यह भी कहा कि हमारी अस्तित्व इसलिए खत्म नहीं होती क्योंकि हमारी ऋषि-संतों की परंपरा और ईश्वर निष्ठा की मंडली का आशीर्वाद हमें प्राप्त है। भागवत ने यह भी कहा कि सनातन धर्म को दुनिया तक पहुंचाना हिन्दू समाज एवं भारत का कर्तव्य है।

मोहन भागवत ने यह भी कहा कि चित्रकूट आकर इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने से उनका उद्देश्य पूरा हुआ। उन्हें संतो का आशीर्वाद प्राप्त हुआ एवं उन्होंने व्याख्यान सुना। उन्होंने कहा कि जैसे थोड़ा सा कड़वा चूर्ण खाने से हाजमा ठीक होता है, वैसे ही उनके वक्तव्य को भी उसी चूर्ण की तरह समझा जाना चाहिए। बुधवार को मोहन भागवत अपने दो दिवसीय प्रवास पर चित्रकूट पहुंचे थे। वे मानस मर्मज्ञ बैकुंठवासी पंडित रामकिंकर उपाध्याय के जन्म शताब्दी समारोह में सम्मिलित हुए थे। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय संत मोरारी बापू एवं अन्य संत-महंत, कथावाचक एवं प्रबुद्ध जन भी उपस्थित थे।

पूर्व सांसद गोपाल व्यास का निधन, 92 की उम्र में ली अंतिम सांस
रायपुर-   भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यसभा सदस्य गोपाल व्यास का आज सुबह निधन हो गया. उन्होंने 92 साल की उम्र में अपनी अंतिम सांस ली. वे छत्तीसगढ़ राजनीति में एक महत्वपूर्ण हस्ती थे. व्यास ने 3 अप्रैल 2006 से 2 अप्रैल 2012 तक छत्तीसगढ़ राज्य से राज्यसभा सांसद के रूप में सेवा दी. वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के वरिष्ठ कार्यकर्ता रहे और पार्टी व संघ के लिए जमीनी स्तर पर महत्वपूर्ण कार्य किए.

उनके पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए उनके निज निवास HDD 33, विधायक कॉलोनी, रायपुर में सुबह 10:45 तक रखा गया है. इसके बाद देहदान के लिए AIIMS रायपुर के गेट नंबर 5 के लिए ले जाया जाएगा.

आपातकाल के समय जेल में रहे बंद

आपातकाल के दौरान गोपाल व्यास ने भी संघर्ष किया था और 1975 से 1977 तक रायपुर की जेल में बंद रहे. उनका योगदान भारतीय राजनीति में अहम था, और वे अपने संगठन के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहे. राज्यसभा से 13 फरवरी 2019 को सेवानिवृत्त होने के बाद वह सक्रिय राजनीति से दूर थे, लेकिन संगठन को मजबूत बनाने में उनका योगदान निरंतर था.

भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने दिलाई थी सदस्यता

गोपाल व्यास ने छत्तीसगढ़ में भाजपा के सदस्यता अभियान में भी हिस्सा लिया था. करीब एक महीने पहले, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें सदस्यता दिलाई थी. इस दौरान, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और जेपी नड्डा ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उनके आशीर्वाद लिया था.

जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र थे व्यास

गोपाल व्यास का जन्म 15 फरवरी 1932 को हुआ था. उनका शिक्षा जीवन जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज से जुड़ा था, और वे राजधानी रायपुर के विधायक कालोनी में अपने परिवार के साथ निवास करते थे. उनका निधन भाजपा और संघ परिवार के लिए एक अपूरणीय क्षति है.