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शहबाज शरीफ ने की पीएम मोदी की कॉपी, पहुंचे पसरूर छावनी, टैंक पर चढ़कर दिया भाषण, भारत को दी धमकी

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ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सेना के जवानों से मिलने आदमपुर एयरबेस पहुंचे थे। जहां उन्होंने सेना को संबधित करने हुए उनका उत्साह बढ़ाया। अब भारत के हाथों बुरी तरह से पिटने वाली अपनी सेना से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मुलाकात की है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अपनी सेना से मिलने पसरूर आर्मी छावनी पहुंचे। शहबाज इस दौरान भाषण देने के लिए टैंक पर चढ़ गए। इस दौरान वही पुरानी बातें दोहराई और पाकिस्तानी सेना की कथित बहादुरी की प्रशंसा की।

दिखावे से बाज नहीं आ रहा पाक

शहबाज शरीफ बुधवार को सियालकोट स्थित पसरूर छावनी पहुंचे और वहां भारत के साथ हालिया संघर्ष में शामिल सैन्य अधिकारियों और सैनिकों से बातचीत की। शहबाज शरीफ पसरूर आर्मी कैंट में मौजूद एक टैंक पर चढ़ गए। इस टैंक पर एक पोस्टर लगा हुआ था जिसमें पाकिस्तानी सेना के उन सैनिकों की तस्वीरें थीं, जो भारतीय एयर स्ट्राइक में मारे गए थे। यह टैंक घास से ढका हुआ था और इसे इस प्रकार प्रस्तुत किया गया था जैसे यह किसी युद्ध के दौरान की स्थिति हो। शहबाज शरीफ ने टैंक के ऊपर से ही भाषण दिया, जिसमें उनके साथ आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर, एयर चीफ मार्शल, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ और अन्य सैन्य अधिकारी भी मौजूद थे।

पाक सेना की बहादुरी की जमकर तारीफ की

अपने भाषण में शहबाज शरीफ ने पाकिस्तानी सेना की बहादुरी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि दुश्मन की सेना हमसे कई गुना बड़ी थी, लेकिन पाकिस्तानी सेना ने उन्हें हराकर साबित किया कि उनका हौसला बुलंद है। उन्होंने कहा, हमारी सेना की बहादुरी पर भविष्य में कई किताबें लिखी जाएंगी और रिसर्च की जाएगी। अगर मुझे मौका मिला तो मैं भी इस पर किताब लिखूंगा। हमारी सेना के जवान हमारी कौम के गर्व हैं।

भारत की जवाबी कार्रवाई में ध्वस्त हुआ पसरूर कैंट

यह वही सैन्य अड्डा है, जिसे भारत ने जवाबी कार्रवाई के दौरान ध्वस्त कर दिया था। पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की हत्या का बदला लेने के लिए छह और सात मई की दरमियानी रात को भारत द्वारा 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया गया था। भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए।इसके बाद पाकिस्तान ने आठ, नौ और 10 मई को कई भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया। भारतीय सशस्त्र बलों ने रफीकी, मुरीद, चकलाला, रहीम यार खान, सक्कर और चुनियन सहित कई पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों पर भीषण जवाबी हमला किया। पसरूर और सियालकोट स्थित एयर बेस पर स्थित रडार केंद्रों को भी सटीक हथियारों का उपयोग करके निशाना बनाया गया जिससे भारी नुकसान हुआ।

भारतीय सेना को मिली एक्शन लेने की आजादी को शहबाज के “छूटे पसीने”, संयुक्त राष्ट्र से लगाई गुहार

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पहले आतंकी हमला कराया उसके बाद पाकिस्तान के नेता भारत को चुनौती देने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। हालांकि, ये सब उनका डर ही है कि वे अपने से ज्यादा ताकतवर देश को आंखों दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। यही कारण है कि पाकिस्तान की सरकार भारत के हमले से डरकर यूनाइटेड नेशंस की शरण में आई है। पाकिस्तान की सरकार ने भारत के हमले से डरकर संयुक्त राष्ट्र से गुहार लगाई है।

भारत को संयम बरतने की सलाह देने की अपील

एक तरफ पाकिस्तान आतंक को पाल रहा है कि तो दूसरी तरफ भारत ने अपनी सेना को 'आतंकवाद को कुचलने’ के लिए पूरी तरह से खुली छूट दे दी है। इस हालात में पाकिस्तान का खौफ में आना लाजमी है। तभी तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से पहलगाम में हुए घातक आतंकवादी हमले के बाद 'भारत को सलाह' देने की अपील की है।

मंगलवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी किए गये एक बयान में कहा गया है कि "शहबाज शरीफ ने पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान का हाथ होने से इनकार कर दिया है।" इसके अलावा शहबाज शरीफ के कार्यालय ने कहा है कि "प्रधानमंत्री इस बात पर जोर देते हुए, कि भारत द्वारा किसी भी दुस्साहस की स्थिति में पाकिस्तान अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की पूरी ताकत से रक्षा करेगा, प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव को भारत को जिम्मेदारी से काम करने और संयम बरतने की सलाह देने की अपील की है।"

यूएन का तनाव को बढ़ने से रोकने का आग्रह

इसके बाद यूनाइटेड नेशंस के सेक्रेटरी टोनियो गुटेरेस ने भारतीय विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को फोन करके दोनों पक्षों से तनाव कम करने और तनाव को बढ़ने से रोकने का आग्रह किया। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने एक बयान में कहा है कि "उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर गहरी चिंता व्यक्त की और टकराव से बचने की आवश्यकता पर जोर दिया, जिसके दुखद परिणाम हो सकते हैं।" इसके अलावा उन्होंने दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के लिए अपने ऑफिस से मदद का ऑफर दिया है।

सेना को मिली खुली छूट

ये सब उस वक्त हुआ जब मंगलवार को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की। बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय सेना को अपने हिसाब से पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन लेने की आजादी दे दी है। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय सशस्त्र बलों की पेशेवर क्षमताओं में पूर्ण विश्वास और भरोसा जताया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें हमारी प्रतिक्रिया के तरीके, लक्ष्य और समय पर फैसला लेने का पूरा ऑपरेशनल फ्रीडम है। उन्होंने भारतीय सेना के सामने भारत के 'आतंकवाद को कुचलने के लिए राष्ट्रीय संकल्प' बताया है।

भारत के एक्शन से तिलमिलाया पाकिस्तान की गीदड़भभकी, शहबाज शरीफ ने कहा- किसी भी हालात से निपटने को तैयार

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पहलगाम हमले में इस्लामाबाद की भूमिका को लेकर भारत के आरोपों का जवाब दिया है। अपनी चुप्पी तोड़ते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि वह पहलगाम आतंकी हमले की "तटस्थ और पारदर्शी जांच" के लिए तैयार हैं। हालांकि शरीफ ये बात भी कहने से नहीं चूके कि उनका देश किसी भी दुस्साहस के लिए तैयार है।

पहलगाम आतंकी हमले की जांच की अपील

शहबाज शरीफ भारत के आरोपों को नकारते हुए कहा कि ये आरोप बिना किसी विश्वसनीय जांच और साक्ष्य के लगाए गए हैं। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहाउन्होंने कहा कि भारत की तरफ से आरोप लगाने का सिलसिला बंद होना चाहिए और पहलगाम आतंकी हमले की जांच की अपील की।

एक-एक इंच की जमीन की रक्षा करेंगे-शरीफ

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा, हम किसी भी तटस्थ, पारदर्शी जांच में भाग लेने के लिए तैयार है। शांति हमारी प्राथमिकता है। हम अपनी अखंडता और सुरक्षा से कभी समझौता नहीं करेंगे। शहबाज शरीफ ने जोर देकर कहा कि हमारी सेना किसी भी हालात से निपटने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा हम पाकिस्तान की एक-एक इंच की जमीन की रक्षा करेंगे।

भारत आरोप-प्रत्यारोप का खेल बंद करे-शरीफ

शहबाज शरीफ ने कहा कि भारत आरोप-प्रत्यारोप का खेल बंद करे और इस बात पर जोर दिया का भारत की किसी भी कार्रवाई का सामना पूरी ताकत से किया जाएगा। पाकिस्तान सेना प्रमुख की मौजूदगी में एक कार्यक्रम में बोलते हुए शहबाज ने कहा, 'पाकिस्तान शांति चाहता है, लेकिन उसकी इस इच्छा को कमजोरी न समझा जाए।' उन्होंने कहा कि अगर भारत ने सिंधु नदी का पानी रोका तो पूरी ताकत से जवाब देंगे।

पहलगाम हमले के बाद बढ़े तनाव

पहलगाम हाल के वर्षों में कश्मीर में सबसे घातक आतंकवादी हमलों में से एक का गवाह बना। लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने 'मिनी स्विट्जरलैंड' कहे जाने वाले सुंदर बैसरन घाटी में 26 पर्यटकों की हत्या कर दी। भारत, जिसने परोक्ष रूप से आतंकवादी हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है, ने दंडात्मक उपायों की झड़ी लगा दी और राजनयिक संबंधों को कम कर दिया। सिंधु जल संधि को निलंबित करने के अलावा, भारत ने पाकिस्तानियों को वीजा जारी करना रद्द कर दिया है और वाघा-अटारी सीमा को बंद कर दिया है। पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई की है और भारतीय स्वामित्व वाली और संचालित एयरलाइनों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया है।

भारत के एक्शन से तिलमिलाया पाकिस्तान, पीएमओ ने बुलाई एनएससी की बैठक

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22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। भारत की ओर से पहले ही संदेश दिया जा चुका है “आतंक और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते। हालांकि, पाकिस्तान की ओर से आतंकवाद को लगातार पनाह दी जा रही है। एक बार फिर पहलगाम मे हुए हमले के बाद सीमा पार से लिंकेज सामने आया है। जिसके बाद सरकार जवाब में भारत ने सिंधु जल संधि स्थगित कर दी, अटारी चेक पोस्ट बंद किया, पाकिस्तानी नागरिकों के SAARC वीजा रद्द किए, और दोनों देशों के उच्चायोगों में कर्मचारियों की संख्या घटाने का फैसला लिया। यही नहीं भारत में पाकिस्तान का एक्स अकाउंट बी रद्द कर दिया गया है। इस बातों से तिलमिलाए पाकिस्तान की शहबाज सरकार ने हाईलेवल मीटिंग बुलाई है।

पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने देर रात एक पोस्ट में एनएससी बैठक के बारे में जानकारी दी। पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने एक्स पर किए गए एक पोस्ट में बताया कि नेशनल सिक्योरिटी इस बातचीत का अहम टॉपिक होने वाला है। उन्होंने लिखा, "प्रधानमंत्री मोहम्मद शाहबाज शरीफ ने आज शाम को भारत सरकार के बयान पर प्रतिक्रिया देने के लिए गुरुवार सुबह 24 अप्रैल को नेशनल सिक्योरिटी कमेटी की बैठक बुलाई है।"

इधर, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के को लेकर दिल्ली में 24 अप्रैल को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है। ये मीटिंग रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में होगी। सर्वदलीय बैठक में हमले के बाद के हालात, सुरक्षा उपायों और आगे की रणनीति पर बातचीत होगी। जिसमें तमाम दलों के नेता शामिल होंगे।

हमले के पीछे सीमा पार की साजिशें

इससे पहले बुधवार शाम को कैबिनेट सुरक्षा समिति (सीसीएस) की एक आपात बैठक बुलाई गई, जिसमें जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले की विस्तृत जानकारी दी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में यह बैठक दो घंटे से अधिक समय तक चली। बैठक में अन्य लोगों के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल हुए।

बैठक में यह बताया गया कि इस हमले के पीछे सीमा पार की साजिशें हैं। यह हमला उस समय हुआ, जब केंद्रशासित प्रदेश में सफलतापूर्वक चुनाव संपन्न हुए थे और क्षेत्र आर्थिक विकास की ओर अग्रसर है।

सीसीएस ने पाकिस्तान के खिलाफ उठाए कई कड़े कदम

हमले की गंभीरता को देखते हुए सीसीएस ने कई कड़े कदम उठाने का निर्णय लिया और पाकिस्तान को साफ संदेश दिया। इन फैसलों में सिंधु जल संधि रद्द करना, भारत में पाकिस्तानी उच्चायोग में राजनयिकों की संख्या में कटौती, पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में देश छोड़ने के आदेश समेत कई निर्णय लिए गए। पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा/सेना, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को 'पर्सोना नॉन ग्राटा' घोषित किया गया है।

कट्टरपंथ की गठजोड़! जाकिर नाइक की पाक पीएम शहबाज शरीफ से मुलाकात, मलेशियाई पीएम भी पहुंचे पाकिस्तान

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भारत से भगोड़ा कट्टरपंथी इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक पाकिस्तान में है। जाकिर नाइक 15 दिनों के पाकिस्तान दौरे पर हैं। इस बीच 2 अक्टूबर की देर रात प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने जाकिर नाइक से मुलाकात की। इस दौरान पाक पीएम ने जाकिर नाइक की जमकर तारीफ की और कहा कि वे व्यावहारिक और प्रभावशाली हैं। वहीं पाक पीएम से मुलाकात के बाद जाकिर नाइक ने एक बार फिर जहरीला बयान दिया है।

जाकिर नाइक ने फिर उगला जगर

पाकिस्तानी पीएम से मुलाकात कर जाकिर नाइक ने एक बार फिर भारत के खिलाफ जगह उगला। उसने कहा, हिन्दू मुझे चाहते थे इसलिए भारत सरकार को मैं पसंद नहीं था। हिन्दू इस्लाम कबूल करने लगो तो यह सरकार के एजेंडा के खिलाफ था। उसने आरोप लगाया कि भारत सरकार उसके खिलाफ कर्रवाई करने का मौका तलाश कर रही थी। उन्होंने कहा, ढाका में ब्लास्ट होता है तो आरोप लगाया जाता है कि वह जाकिर नाइक का समर्थक... फेसबुक पर फॉलोवर था, लेकिन मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला।

नाइक ने की शरीफ की तारीफ

वहीं, जाकिर नाइक ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के साथ अपनी एक तस्वीर भी एक्स पर पोस्ट की। शरीफ ने नाइक से कहा, इस्लाम शांति का धर्म है और आप लोगों के बीच इस्लाम का सच्चा संदेश फैलाकर एक अहम फर्ज निभा रहे हैं।

गोमांस को लेकर दिया था बड़ा बयान

इससे पहले जाकिर नाइक ने गोमांस को लेकर बड़ा बयान दिया। उसने कहा कि इस्लाम में गोमांस खाना फर्ज नहीं है। अगर कोई प्रतिबंध लगाता है तो हमें उसका पालन करना चाहिए। अगर आप मेरी निजी राय पूछें तो गोमांस पर प्रतिबंध एक राजनीतिक मुद्दा है, क्योंकि करोड़ों हिंदू भी गोमांस खाते हैं। नई सरकार आने के बाद कई राज्यों में गोमांस पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। अगर आप किसी लड़की को परेशान करते हैं तो तीन साल की सजा है और अगर आप गोमांस खाते हैं तो पांच साल की सजा है। यह कैसा तर्क है?

मलेशियाई पीएम भी पाक दौरे पर

जाकिर नाइक के बाद मलेशियाई पीएम अनवर इब्राहिम भी गुरुवार को तीन दिवसीय दौरे पर पाकिस्तान पहुंचे। उनकी यह यात्रा तब हो रही है, जब मलेशिया में शरण लेने वाला कट्टरपंथी इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक भी पाकिस्तान के दौरे पर है।अनवर इब्राहिम अगस्त में राजकीय दौरे पर भारत आए थे। इस दौरान जब जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण पर उनसे सवाल पूछा गया तो इब्राहिम ने सबूतों की बात कही थी। हालांकि, जाकिर नाइक के साथ अनवर इब्राहिम की दोस्ती जगजाहिर है।इब्राहिम मलेशिया में कई रैलियों और कार्यक्रमों के दौरान जाकिर नाइक के साथ मंच साझा कर चुके हैं।

पीएम मोदी ने पाकिस्तान का प्रधानमंत्री चुने जाने पर शहबाज शरीफ को दी बधाई, जानें क्या कहा?

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहबाज शरीफ को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद बधाई दी है। शहबाज शरीफ ने सोमवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। वह 2022 के बाद दूसरी बार देश की बागडोर संभाल रहे हैं।बता दें कि पाकिस्तान में हाल ही में आम चुनाव संपन्न हुए। इसमें काफी उठापटक के बाद शाहबाज शरीफ का पीएम बनना तय हुआ। वहीं शहबाज शरीफ ने सोमवार को आधिकारिक तौर पर दूसरी बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पाकिस्तान के नए पीएम शहबाज शरीफ को बधाई दी है। पीएम मोदी ने पाकिस्तान की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाते हुए एक्स पर शहबाज को बधाई संदेश दिया। पीएम मोदी ने लिखा, "शहबाज शरीफ को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के लिए बधाई।"

शहबाज शरीफ ने सोमवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। वह 2022 के बाद दूसरी बार देश की बागडोर संभालेंगे। शहबाज ने दूसरी बार ऐसे समय में पाकिस्तान की बागडोर संभाली है, जब देश आर्थिक बदहाली का सामना कर रहा है। राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने राष्ट्रपति भवन ‘ऐवान-ए-सद्र’ में आयोजित एक समारोह में 72 वर्षीय शहबाज को पद की शपथ दिलाई।

शपथ ग्रहण से पहले शहबाज शरीफ ने पाकिस्तानी नेशनल असेंबली में अपने पहले संबोधन में कश्मीर का मुद्दा उठाया और इसकी तुलना फिलिस्तीन से की थी। शहबाज ने नेशनल असेंबली से कश्मीरियों और फिलिस्तीनियों के लिए एक प्रस्ताव पारित करने का भी आह्वान किया। शहबाज शरीफ ने जम्मू कश्मीर को लेकर कई दावे किए। उन्होंने कहा, 'कश्मीर में कश्मीरियों के खून बहाए जा रहे हैं और वादी खून से सुर्ख हो गई है।' शरीफ ने इंटरनेशनल कम्युनिटी पर हमला बोलते हुए कहा, 'लेकिन फिर भी दुनिया के होंठ सिले हुए हैं।' शहबाज ने विपक्षी सांसदों से 'फिलिस्तीन और कश्मीर की आजादी' के लिए साथ मिलकर काम करने की अपील भी की. जिसमें फिलिस्तीन और कश्मीर में 'जुल्म' के खिलाफ एक प्रस्ताव पास करने का जिक्र हुआ।

बता दें कि पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के लिए हुए पिछले महीने हुए चुनाव में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। इसके बाद पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने गठबंधन कर सरकार बनाने की कोशिश की, लेकिन पीएम पद किसके पास रहेगा इसे लेकर भी तनातनी बनी रही। उसके बाद रविवार यानी 3 मार्च को दोनों पार्टियों के बीच पीएम पद के लिए वोटिंग हुई। जिसमें पीएमएल-एन के वरिष्ठ नेता शहबाज शरीफ ने जीत हासिल की. अब शरीब पाकिस्तान की गठबंधन सरकार का नेतृत्व करेंगे

पीएम बनते ही शहबाज शरीफ ने भारत के खिलाफ उगला जहर, फिर अलापा कश्मीर राग

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शहबाज शरीफ आज यानी सोमवार (4 मार्च) को दूसरी बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी सोमवार दोपहर बाद तीन बजे राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह के दौरान शहबाज शरीऱफ को पीएम पद की शपथ दिलाएंगे। प्रधानमंत्री बनते ही शहबाज ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। पीएम बनते ही ने शहबाज भारत के खिलाफ जहर उगलना शुरू कर चुके हैं और उन्होंने अपने पहले संबोधन में ही कश्मीर राग अलापा है।

शहबाज शरीफ ने अपने पाकिस्तानी नेशनल असेंबली में अपने पहले संबोधन में कश्मीर का मुद्दा उठाया और इसकी तुलना फिलिस्तीन से की। शहबाज ने नेशनल असेंबली से कश्मीरियों और फिलिस्तीनियों के लिए एक प्रस्ताव पारित करने का भी आह्वान किया। शहबाज शरीफ ने जम्मू कश्मीर को लेकर कई दावे किए। उन्होंने कहा, 'कश्मीर में कश्मीरियों के खून बहाए जा रहे हैं और वादी खून से सुर्ख हो गई है।' शरीफ ने इंटरनेशनल कम्युनिटी पर हमला बोलते हुए कहा, 'लेकिन फिर भी दुनिया के होंठ सिले हुए हैं।' शहबाज ने विपक्षी सांसदों से 'फिलिस्तीन और कश्मीर की आजादी' के लिए साथ मिलकर काम करने की अपील भी की. जिसमें फिलिस्तीन और कश्मीर में 'जुल्म' के खिलाफ एक प्रस्ताव पास करने का जिक्र हुआ।

पीएम पद के लिए रविवार को हुई थी वोटिंग

बता दें कि पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के लिए हुए पिछले महीने हुए चुनाव में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। इसके बाद पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने गठबंधन कर सरकार बनाने की कोशिश की, लेकिन पीएम पद किसके पास रहेगा इसे लेकर भी तनातनी बनी रही। उसके बाद रविवार यानी 3 मार्च को दोनों पार्टियों के बीच पीएम पद के लिए वोटिंग हुई।

जिसमें पीएमएल-एन के वरिष्ठ नेता शहबाज शरीफ ने जीत हासिल की. अब शरीब पाकिस्तान की गठबंधन सरकार का नेतृत्व करेंगे. पीएमएल-एन और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के संयुक्त उम्मीदवार शहबाज शरीफ (72) को 336 सदस्यीय सदन में 201 वोट मिले थे। जो सदन का नेता बनने के लिए जरूरी मतों से 32 अधिक हैं। वहीं जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के उनके प्रतिद्वंद्वी उमर अयूब खान को 92 मत ही प्राप्त हुए।

पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने जताई भारत से बातचीत के इच्छा, विदेश मंत्रालय ने दिया ये जवाब

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भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों की खटास कम होने का नाम नहीं ले रही है। पड़ोसी देश पाकिस्तान की नापाक हसरतें इसके लिए जिम्मेदार है। हालांकि, इसी बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हाल ही में अपने एक बयान में भारत के साथ बातचीत करने की इच्छा जाहिर की थी।पाकिस्‍तान की मीडिया की मानें तो दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों और सन् 1947 में के बाद से हुए तीन युद्धों के बावजूद अब पीएम मूल्यवान रिश्‍तों को तरजीह देना चाहते हैं।इसे लेकर अब विदेश मंत्रालय की ओर से जवाब सामने आया है।

भारत ने कहा-इसके लिए आतंक मुक्त माहौल बनाना होगा

शहबाज शरीफ की भारत के साथ बातचीत को लेकर की गई टिप्पणी पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, हमने रिपोर्ट देखी है। भारत का रुख इस बात पर कायम है कि हम सभी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध चाहते हैं...लेकिन इसके लिए एक आतंक मुक्त माहौल बनाना होगा। अन्यथा शत्रुता अनिवार्य रूप से कायम रहेगी।

पाकिस्तान ने कहा- युद्ध अब कोई विकल्प नहीं

इससे पहले इस्लामाबाद में मिनरल समिट के ओपनिंग सेरेमनी को संबोधित करते हुए शहबाज ने कहा कि पाकिस्‍तान ने पिछले 75 वर्षों में भारत के साथ तीन युद्ध लड़े हैं। इन युद्धों की वजह से मुल्‍क को सिर्फ गरीबी, बेरोजगारी और अशिक्षा, खराब स्वास्थ्य व्‍यवस्‍था और संसाधनों की कमी झेलनी पड़ी है। शहबाज ने कहा, 'हम हर किसी के साथ बात करने के लिए तैयार हैं, यहां तक कि अपने पड़ोसी के साथ भी। मगर शर्त बस यह है कि पड़ोसी मेज पर गंभीर मुद्दों पर बात करे क्योंकि युद्ध अब कोई विकल्प नहीं है।

वार्ता के साथ पाक के परमाणु संपन्न होने की दिलाई याद

शहबाज एक तरफ तो वार्ता की बात कर रहे थे तो दूसरी तरफ वह यह याद दिलाना भी नहीं भूले कि पाकिस्तान एक परमाणु शक्ति से लैस देश है।शहबाज शरीफ ने अपने संबोधन में कहा कि पाकिस्तान परमाणु संपन्न देश है। उन्होंने कहा कि यह आक्रामक होने के लिए नहीं बल्कि खुद की रक्षा के लिए है। हम नहीं चाहते कि कभी परमाणु युद्ध की नौबत आए। उन्होंने कहा कि युद्ध से किसी का कोई भला नहीं होता।

पहले भी दे चुके हैं ऐसा बयान

शहबाज ने इसी तरह का बयान इस साल की शुरुआत में दिया था। दुबई के अरेबिक न्‍यूज चैनल को दिए इंटरव्‍यू में शहबाज ने कहा था कि भारत के साथ तीन युद्धों के बाद पाकिस्तान ने सबक सीख लिया है और वह भारत के साथ शांति से रहना चाहता है।शरीफ ने कश्मीर जैसे कई और मुद्दों पर भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी से ईमानदारी के साथ वार्ता की अपील की थी। अगस्त 2019 में जब भारत ने जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति को रद्द कर दिया था तब से ही पाकिस्‍तान के साथ बातचीत बंद है। द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर असर पड़ा है और राजनयिक स्‍तर पर भी कोई प्रगति नहीं हुई है।

शहबाज शरीफ ने की पीएम मोदी की कॉपी, पहुंचे पसरूर छावनी, टैंक पर चढ़कर दिया भाषण, भारत को दी धमकी

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ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सेना के जवानों से मिलने आदमपुर एयरबेस पहुंचे थे। जहां उन्होंने सेना को संबधित करने हुए उनका उत्साह बढ़ाया। अब भारत के हाथों बुरी तरह से पिटने वाली अपनी सेना से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मुलाकात की है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अपनी सेना से मिलने पसरूर आर्मी छावनी पहुंचे। शहबाज इस दौरान भाषण देने के लिए टैंक पर चढ़ गए। इस दौरान वही पुरानी बातें दोहराई और पाकिस्तानी सेना की कथित बहादुरी की प्रशंसा की।

दिखावे से बाज नहीं आ रहा पाक

शहबाज शरीफ बुधवार को सियालकोट स्थित पसरूर छावनी पहुंचे और वहां भारत के साथ हालिया संघर्ष में शामिल सैन्य अधिकारियों और सैनिकों से बातचीत की। शहबाज शरीफ पसरूर आर्मी कैंट में मौजूद एक टैंक पर चढ़ गए। इस टैंक पर एक पोस्टर लगा हुआ था जिसमें पाकिस्तानी सेना के उन सैनिकों की तस्वीरें थीं, जो भारतीय एयर स्ट्राइक में मारे गए थे। यह टैंक घास से ढका हुआ था और इसे इस प्रकार प्रस्तुत किया गया था जैसे यह किसी युद्ध के दौरान की स्थिति हो। शहबाज शरीफ ने टैंक के ऊपर से ही भाषण दिया, जिसमें उनके साथ आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर, एयर चीफ मार्शल, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ और अन्य सैन्य अधिकारी भी मौजूद थे।

पाक सेना की बहादुरी की जमकर तारीफ की

अपने भाषण में शहबाज शरीफ ने पाकिस्तानी सेना की बहादुरी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि दुश्मन की सेना हमसे कई गुना बड़ी थी, लेकिन पाकिस्तानी सेना ने उन्हें हराकर साबित किया कि उनका हौसला बुलंद है। उन्होंने कहा, हमारी सेना की बहादुरी पर भविष्य में कई किताबें लिखी जाएंगी और रिसर्च की जाएगी। अगर मुझे मौका मिला तो मैं भी इस पर किताब लिखूंगा। हमारी सेना के जवान हमारी कौम के गर्व हैं।

भारत की जवाबी कार्रवाई में ध्वस्त हुआ पसरूर कैंट

यह वही सैन्य अड्डा है, जिसे भारत ने जवाबी कार्रवाई के दौरान ध्वस्त कर दिया था। पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की हत्या का बदला लेने के लिए छह और सात मई की दरमियानी रात को भारत द्वारा 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया गया था। भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए।इसके बाद पाकिस्तान ने आठ, नौ और 10 मई को कई भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया। भारतीय सशस्त्र बलों ने रफीकी, मुरीद, चकलाला, रहीम यार खान, सक्कर और चुनियन सहित कई पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों पर भीषण जवाबी हमला किया। पसरूर और सियालकोट स्थित एयर बेस पर स्थित रडार केंद्रों को भी सटीक हथियारों का उपयोग करके निशाना बनाया गया जिससे भारी नुकसान हुआ।

भारतीय सेना को मिली एक्शन लेने की आजादी को शहबाज के “छूटे पसीने”, संयुक्त राष्ट्र से लगाई गुहार

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पहले आतंकी हमला कराया उसके बाद पाकिस्तान के नेता भारत को चुनौती देने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। हालांकि, ये सब उनका डर ही है कि वे अपने से ज्यादा ताकतवर देश को आंखों दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। यही कारण है कि पाकिस्तान की सरकार भारत के हमले से डरकर यूनाइटेड नेशंस की शरण में आई है। पाकिस्तान की सरकार ने भारत के हमले से डरकर संयुक्त राष्ट्र से गुहार लगाई है।

भारत को संयम बरतने की सलाह देने की अपील

एक तरफ पाकिस्तान आतंक को पाल रहा है कि तो दूसरी तरफ भारत ने अपनी सेना को 'आतंकवाद को कुचलने’ के लिए पूरी तरह से खुली छूट दे दी है। इस हालात में पाकिस्तान का खौफ में आना लाजमी है। तभी तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से पहलगाम में हुए घातक आतंकवादी हमले के बाद 'भारत को सलाह' देने की अपील की है।

मंगलवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी किए गये एक बयान में कहा गया है कि "शहबाज शरीफ ने पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान का हाथ होने से इनकार कर दिया है।" इसके अलावा शहबाज शरीफ के कार्यालय ने कहा है कि "प्रधानमंत्री इस बात पर जोर देते हुए, कि भारत द्वारा किसी भी दुस्साहस की स्थिति में पाकिस्तान अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की पूरी ताकत से रक्षा करेगा, प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव को भारत को जिम्मेदारी से काम करने और संयम बरतने की सलाह देने की अपील की है।"

यूएन का तनाव को बढ़ने से रोकने का आग्रह

इसके बाद यूनाइटेड नेशंस के सेक्रेटरी टोनियो गुटेरेस ने भारतीय विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को फोन करके दोनों पक्षों से तनाव कम करने और तनाव को बढ़ने से रोकने का आग्रह किया। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने एक बयान में कहा है कि "उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर गहरी चिंता व्यक्त की और टकराव से बचने की आवश्यकता पर जोर दिया, जिसके दुखद परिणाम हो सकते हैं।" इसके अलावा उन्होंने दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के लिए अपने ऑफिस से मदद का ऑफर दिया है।

सेना को मिली खुली छूट

ये सब उस वक्त हुआ जब मंगलवार को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की। बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय सेना को अपने हिसाब से पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन लेने की आजादी दे दी है। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय सशस्त्र बलों की पेशेवर क्षमताओं में पूर्ण विश्वास और भरोसा जताया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें हमारी प्रतिक्रिया के तरीके, लक्ष्य और समय पर फैसला लेने का पूरा ऑपरेशनल फ्रीडम है। उन्होंने भारतीय सेना के सामने भारत के 'आतंकवाद को कुचलने के लिए राष्ट्रीय संकल्प' बताया है।

भारत के एक्शन से तिलमिलाया पाकिस्तान की गीदड़भभकी, शहबाज शरीफ ने कहा- किसी भी हालात से निपटने को तैयार

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पहलगाम हमले में इस्लामाबाद की भूमिका को लेकर भारत के आरोपों का जवाब दिया है। अपनी चुप्पी तोड़ते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि वह पहलगाम आतंकी हमले की "तटस्थ और पारदर्शी जांच" के लिए तैयार हैं। हालांकि शरीफ ये बात भी कहने से नहीं चूके कि उनका देश किसी भी दुस्साहस के लिए तैयार है।

पहलगाम आतंकी हमले की जांच की अपील

शहबाज शरीफ भारत के आरोपों को नकारते हुए कहा कि ये आरोप बिना किसी विश्वसनीय जांच और साक्ष्य के लगाए गए हैं। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहाउन्होंने कहा कि भारत की तरफ से आरोप लगाने का सिलसिला बंद होना चाहिए और पहलगाम आतंकी हमले की जांच की अपील की।

एक-एक इंच की जमीन की रक्षा करेंगे-शरीफ

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा, हम किसी भी तटस्थ, पारदर्शी जांच में भाग लेने के लिए तैयार है। शांति हमारी प्राथमिकता है। हम अपनी अखंडता और सुरक्षा से कभी समझौता नहीं करेंगे। शहबाज शरीफ ने जोर देकर कहा कि हमारी सेना किसी भी हालात से निपटने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा हम पाकिस्तान की एक-एक इंच की जमीन की रक्षा करेंगे।

भारत आरोप-प्रत्यारोप का खेल बंद करे-शरीफ

शहबाज शरीफ ने कहा कि भारत आरोप-प्रत्यारोप का खेल बंद करे और इस बात पर जोर दिया का भारत की किसी भी कार्रवाई का सामना पूरी ताकत से किया जाएगा। पाकिस्तान सेना प्रमुख की मौजूदगी में एक कार्यक्रम में बोलते हुए शहबाज ने कहा, 'पाकिस्तान शांति चाहता है, लेकिन उसकी इस इच्छा को कमजोरी न समझा जाए।' उन्होंने कहा कि अगर भारत ने सिंधु नदी का पानी रोका तो पूरी ताकत से जवाब देंगे।

पहलगाम हमले के बाद बढ़े तनाव

पहलगाम हाल के वर्षों में कश्मीर में सबसे घातक आतंकवादी हमलों में से एक का गवाह बना। लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने 'मिनी स्विट्जरलैंड' कहे जाने वाले सुंदर बैसरन घाटी में 26 पर्यटकों की हत्या कर दी। भारत, जिसने परोक्ष रूप से आतंकवादी हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है, ने दंडात्मक उपायों की झड़ी लगा दी और राजनयिक संबंधों को कम कर दिया। सिंधु जल संधि को निलंबित करने के अलावा, भारत ने पाकिस्तानियों को वीजा जारी करना रद्द कर दिया है और वाघा-अटारी सीमा को बंद कर दिया है। पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई की है और भारतीय स्वामित्व वाली और संचालित एयरलाइनों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया है।

भारत के एक्शन से तिलमिलाया पाकिस्तान, पीएमओ ने बुलाई एनएससी की बैठक

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22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। भारत की ओर से पहले ही संदेश दिया जा चुका है “आतंक और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते। हालांकि, पाकिस्तान की ओर से आतंकवाद को लगातार पनाह दी जा रही है। एक बार फिर पहलगाम मे हुए हमले के बाद सीमा पार से लिंकेज सामने आया है। जिसके बाद सरकार जवाब में भारत ने सिंधु जल संधि स्थगित कर दी, अटारी चेक पोस्ट बंद किया, पाकिस्तानी नागरिकों के SAARC वीजा रद्द किए, और दोनों देशों के उच्चायोगों में कर्मचारियों की संख्या घटाने का फैसला लिया। यही नहीं भारत में पाकिस्तान का एक्स अकाउंट बी रद्द कर दिया गया है। इस बातों से तिलमिलाए पाकिस्तान की शहबाज सरकार ने हाईलेवल मीटिंग बुलाई है।

पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने देर रात एक पोस्ट में एनएससी बैठक के बारे में जानकारी दी। पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने एक्स पर किए गए एक पोस्ट में बताया कि नेशनल सिक्योरिटी इस बातचीत का अहम टॉपिक होने वाला है। उन्होंने लिखा, "प्रधानमंत्री मोहम्मद शाहबाज शरीफ ने आज शाम को भारत सरकार के बयान पर प्रतिक्रिया देने के लिए गुरुवार सुबह 24 अप्रैल को नेशनल सिक्योरिटी कमेटी की बैठक बुलाई है।"

इधर, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के को लेकर दिल्ली में 24 अप्रैल को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है। ये मीटिंग रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में होगी। सर्वदलीय बैठक में हमले के बाद के हालात, सुरक्षा उपायों और आगे की रणनीति पर बातचीत होगी। जिसमें तमाम दलों के नेता शामिल होंगे।

हमले के पीछे सीमा पार की साजिशें

इससे पहले बुधवार शाम को कैबिनेट सुरक्षा समिति (सीसीएस) की एक आपात बैठक बुलाई गई, जिसमें जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले की विस्तृत जानकारी दी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में यह बैठक दो घंटे से अधिक समय तक चली। बैठक में अन्य लोगों के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल हुए।

बैठक में यह बताया गया कि इस हमले के पीछे सीमा पार की साजिशें हैं। यह हमला उस समय हुआ, जब केंद्रशासित प्रदेश में सफलतापूर्वक चुनाव संपन्न हुए थे और क्षेत्र आर्थिक विकास की ओर अग्रसर है।

सीसीएस ने पाकिस्तान के खिलाफ उठाए कई कड़े कदम

हमले की गंभीरता को देखते हुए सीसीएस ने कई कड़े कदम उठाने का निर्णय लिया और पाकिस्तान को साफ संदेश दिया। इन फैसलों में सिंधु जल संधि रद्द करना, भारत में पाकिस्तानी उच्चायोग में राजनयिकों की संख्या में कटौती, पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में देश छोड़ने के आदेश समेत कई निर्णय लिए गए। पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा/सेना, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को 'पर्सोना नॉन ग्राटा' घोषित किया गया है।

कट्टरपंथ की गठजोड़! जाकिर नाइक की पाक पीएम शहबाज शरीफ से मुलाकात, मलेशियाई पीएम भी पहुंचे पाकिस्तान

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भारत से भगोड़ा कट्टरपंथी इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक पाकिस्तान में है। जाकिर नाइक 15 दिनों के पाकिस्तान दौरे पर हैं। इस बीच 2 अक्टूबर की देर रात प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने जाकिर नाइक से मुलाकात की। इस दौरान पाक पीएम ने जाकिर नाइक की जमकर तारीफ की और कहा कि वे व्यावहारिक और प्रभावशाली हैं। वहीं पाक पीएम से मुलाकात के बाद जाकिर नाइक ने एक बार फिर जहरीला बयान दिया है।

जाकिर नाइक ने फिर उगला जगर

पाकिस्तानी पीएम से मुलाकात कर जाकिर नाइक ने एक बार फिर भारत के खिलाफ जगह उगला। उसने कहा, हिन्दू मुझे चाहते थे इसलिए भारत सरकार को मैं पसंद नहीं था। हिन्दू इस्लाम कबूल करने लगो तो यह सरकार के एजेंडा के खिलाफ था। उसने आरोप लगाया कि भारत सरकार उसके खिलाफ कर्रवाई करने का मौका तलाश कर रही थी। उन्होंने कहा, ढाका में ब्लास्ट होता है तो आरोप लगाया जाता है कि वह जाकिर नाइक का समर्थक... फेसबुक पर फॉलोवर था, लेकिन मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला।

नाइक ने की शरीफ की तारीफ

वहीं, जाकिर नाइक ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के साथ अपनी एक तस्वीर भी एक्स पर पोस्ट की। शरीफ ने नाइक से कहा, इस्लाम शांति का धर्म है और आप लोगों के बीच इस्लाम का सच्चा संदेश फैलाकर एक अहम फर्ज निभा रहे हैं।

गोमांस को लेकर दिया था बड़ा बयान

इससे पहले जाकिर नाइक ने गोमांस को लेकर बड़ा बयान दिया। उसने कहा कि इस्लाम में गोमांस खाना फर्ज नहीं है। अगर कोई प्रतिबंध लगाता है तो हमें उसका पालन करना चाहिए। अगर आप मेरी निजी राय पूछें तो गोमांस पर प्रतिबंध एक राजनीतिक मुद्दा है, क्योंकि करोड़ों हिंदू भी गोमांस खाते हैं। नई सरकार आने के बाद कई राज्यों में गोमांस पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। अगर आप किसी लड़की को परेशान करते हैं तो तीन साल की सजा है और अगर आप गोमांस खाते हैं तो पांच साल की सजा है। यह कैसा तर्क है?

मलेशियाई पीएम भी पाक दौरे पर

जाकिर नाइक के बाद मलेशियाई पीएम अनवर इब्राहिम भी गुरुवार को तीन दिवसीय दौरे पर पाकिस्तान पहुंचे। उनकी यह यात्रा तब हो रही है, जब मलेशिया में शरण लेने वाला कट्टरपंथी इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक भी पाकिस्तान के दौरे पर है।अनवर इब्राहिम अगस्त में राजकीय दौरे पर भारत आए थे। इस दौरान जब जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण पर उनसे सवाल पूछा गया तो इब्राहिम ने सबूतों की बात कही थी। हालांकि, जाकिर नाइक के साथ अनवर इब्राहिम की दोस्ती जगजाहिर है।इब्राहिम मलेशिया में कई रैलियों और कार्यक्रमों के दौरान जाकिर नाइक के साथ मंच साझा कर चुके हैं।

पीएम मोदी ने पाकिस्तान का प्रधानमंत्री चुने जाने पर शहबाज शरीफ को दी बधाई, जानें क्या कहा?

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहबाज शरीफ को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद बधाई दी है। शहबाज शरीफ ने सोमवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। वह 2022 के बाद दूसरी बार देश की बागडोर संभाल रहे हैं।बता दें कि पाकिस्तान में हाल ही में आम चुनाव संपन्न हुए। इसमें काफी उठापटक के बाद शाहबाज शरीफ का पीएम बनना तय हुआ। वहीं शहबाज शरीफ ने सोमवार को आधिकारिक तौर पर दूसरी बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पाकिस्तान के नए पीएम शहबाज शरीफ को बधाई दी है। पीएम मोदी ने पाकिस्तान की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाते हुए एक्स पर शहबाज को बधाई संदेश दिया। पीएम मोदी ने लिखा, "शहबाज शरीफ को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के लिए बधाई।"

शहबाज शरीफ ने सोमवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। वह 2022 के बाद दूसरी बार देश की बागडोर संभालेंगे। शहबाज ने दूसरी बार ऐसे समय में पाकिस्तान की बागडोर संभाली है, जब देश आर्थिक बदहाली का सामना कर रहा है। राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने राष्ट्रपति भवन ‘ऐवान-ए-सद्र’ में आयोजित एक समारोह में 72 वर्षीय शहबाज को पद की शपथ दिलाई।

शपथ ग्रहण से पहले शहबाज शरीफ ने पाकिस्तानी नेशनल असेंबली में अपने पहले संबोधन में कश्मीर का मुद्दा उठाया और इसकी तुलना फिलिस्तीन से की थी। शहबाज ने नेशनल असेंबली से कश्मीरियों और फिलिस्तीनियों के लिए एक प्रस्ताव पारित करने का भी आह्वान किया। शहबाज शरीफ ने जम्मू कश्मीर को लेकर कई दावे किए। उन्होंने कहा, 'कश्मीर में कश्मीरियों के खून बहाए जा रहे हैं और वादी खून से सुर्ख हो गई है।' शरीफ ने इंटरनेशनल कम्युनिटी पर हमला बोलते हुए कहा, 'लेकिन फिर भी दुनिया के होंठ सिले हुए हैं।' शहबाज ने विपक्षी सांसदों से 'फिलिस्तीन और कश्मीर की आजादी' के लिए साथ मिलकर काम करने की अपील भी की. जिसमें फिलिस्तीन और कश्मीर में 'जुल्म' के खिलाफ एक प्रस्ताव पास करने का जिक्र हुआ।

बता दें कि पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के लिए हुए पिछले महीने हुए चुनाव में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। इसके बाद पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने गठबंधन कर सरकार बनाने की कोशिश की, लेकिन पीएम पद किसके पास रहेगा इसे लेकर भी तनातनी बनी रही। उसके बाद रविवार यानी 3 मार्च को दोनों पार्टियों के बीच पीएम पद के लिए वोटिंग हुई। जिसमें पीएमएल-एन के वरिष्ठ नेता शहबाज शरीफ ने जीत हासिल की. अब शरीब पाकिस्तान की गठबंधन सरकार का नेतृत्व करेंगे

पीएम बनते ही शहबाज शरीफ ने भारत के खिलाफ उगला जहर, फिर अलापा कश्मीर राग

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शहबाज शरीफ आज यानी सोमवार (4 मार्च) को दूसरी बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी सोमवार दोपहर बाद तीन बजे राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह के दौरान शहबाज शरीऱफ को पीएम पद की शपथ दिलाएंगे। प्रधानमंत्री बनते ही शहबाज ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। पीएम बनते ही ने शहबाज भारत के खिलाफ जहर उगलना शुरू कर चुके हैं और उन्होंने अपने पहले संबोधन में ही कश्मीर राग अलापा है।

शहबाज शरीफ ने अपने पाकिस्तानी नेशनल असेंबली में अपने पहले संबोधन में कश्मीर का मुद्दा उठाया और इसकी तुलना फिलिस्तीन से की। शहबाज ने नेशनल असेंबली से कश्मीरियों और फिलिस्तीनियों के लिए एक प्रस्ताव पारित करने का भी आह्वान किया। शहबाज शरीफ ने जम्मू कश्मीर को लेकर कई दावे किए। उन्होंने कहा, 'कश्मीर में कश्मीरियों के खून बहाए जा रहे हैं और वादी खून से सुर्ख हो गई है।' शरीफ ने इंटरनेशनल कम्युनिटी पर हमला बोलते हुए कहा, 'लेकिन फिर भी दुनिया के होंठ सिले हुए हैं।' शहबाज ने विपक्षी सांसदों से 'फिलिस्तीन और कश्मीर की आजादी' के लिए साथ मिलकर काम करने की अपील भी की. जिसमें फिलिस्तीन और कश्मीर में 'जुल्म' के खिलाफ एक प्रस्ताव पास करने का जिक्र हुआ।

पीएम पद के लिए रविवार को हुई थी वोटिंग

बता दें कि पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के लिए हुए पिछले महीने हुए चुनाव में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। इसके बाद पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने गठबंधन कर सरकार बनाने की कोशिश की, लेकिन पीएम पद किसके पास रहेगा इसे लेकर भी तनातनी बनी रही। उसके बाद रविवार यानी 3 मार्च को दोनों पार्टियों के बीच पीएम पद के लिए वोटिंग हुई।

जिसमें पीएमएल-एन के वरिष्ठ नेता शहबाज शरीफ ने जीत हासिल की. अब शरीब पाकिस्तान की गठबंधन सरकार का नेतृत्व करेंगे. पीएमएल-एन और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के संयुक्त उम्मीदवार शहबाज शरीफ (72) को 336 सदस्यीय सदन में 201 वोट मिले थे। जो सदन का नेता बनने के लिए जरूरी मतों से 32 अधिक हैं। वहीं जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के उनके प्रतिद्वंद्वी उमर अयूब खान को 92 मत ही प्राप्त हुए।

पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने जताई भारत से बातचीत के इच्छा, विदेश मंत्रालय ने दिया ये जवाब

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भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों की खटास कम होने का नाम नहीं ले रही है। पड़ोसी देश पाकिस्तान की नापाक हसरतें इसके लिए जिम्मेदार है। हालांकि, इसी बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हाल ही में अपने एक बयान में भारत के साथ बातचीत करने की इच्छा जाहिर की थी।पाकिस्‍तान की मीडिया की मानें तो दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों और सन् 1947 में के बाद से हुए तीन युद्धों के बावजूद अब पीएम मूल्यवान रिश्‍तों को तरजीह देना चाहते हैं।इसे लेकर अब विदेश मंत्रालय की ओर से जवाब सामने आया है।

भारत ने कहा-इसके लिए आतंक मुक्त माहौल बनाना होगा

शहबाज शरीफ की भारत के साथ बातचीत को लेकर की गई टिप्पणी पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, हमने रिपोर्ट देखी है। भारत का रुख इस बात पर कायम है कि हम सभी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध चाहते हैं...लेकिन इसके लिए एक आतंक मुक्त माहौल बनाना होगा। अन्यथा शत्रुता अनिवार्य रूप से कायम रहेगी।

पाकिस्तान ने कहा- युद्ध अब कोई विकल्प नहीं

इससे पहले इस्लामाबाद में मिनरल समिट के ओपनिंग सेरेमनी को संबोधित करते हुए शहबाज ने कहा कि पाकिस्‍तान ने पिछले 75 वर्षों में भारत के साथ तीन युद्ध लड़े हैं। इन युद्धों की वजह से मुल्‍क को सिर्फ गरीबी, बेरोजगारी और अशिक्षा, खराब स्वास्थ्य व्‍यवस्‍था और संसाधनों की कमी झेलनी पड़ी है। शहबाज ने कहा, 'हम हर किसी के साथ बात करने के लिए तैयार हैं, यहां तक कि अपने पड़ोसी के साथ भी। मगर शर्त बस यह है कि पड़ोसी मेज पर गंभीर मुद्दों पर बात करे क्योंकि युद्ध अब कोई विकल्प नहीं है।

वार्ता के साथ पाक के परमाणु संपन्न होने की दिलाई याद

शहबाज एक तरफ तो वार्ता की बात कर रहे थे तो दूसरी तरफ वह यह याद दिलाना भी नहीं भूले कि पाकिस्तान एक परमाणु शक्ति से लैस देश है।शहबाज शरीफ ने अपने संबोधन में कहा कि पाकिस्तान परमाणु संपन्न देश है। उन्होंने कहा कि यह आक्रामक होने के लिए नहीं बल्कि खुद की रक्षा के लिए है। हम नहीं चाहते कि कभी परमाणु युद्ध की नौबत आए। उन्होंने कहा कि युद्ध से किसी का कोई भला नहीं होता।

पहले भी दे चुके हैं ऐसा बयान

शहबाज ने इसी तरह का बयान इस साल की शुरुआत में दिया था। दुबई के अरेबिक न्‍यूज चैनल को दिए इंटरव्‍यू में शहबाज ने कहा था कि भारत के साथ तीन युद्धों के बाद पाकिस्तान ने सबक सीख लिया है और वह भारत के साथ शांति से रहना चाहता है।शरीफ ने कश्मीर जैसे कई और मुद्दों पर भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी से ईमानदारी के साथ वार्ता की अपील की थी। अगस्त 2019 में जब भारत ने जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति को रद्द कर दिया था तब से ही पाकिस्‍तान के साथ बातचीत बंद है। द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर असर पड़ा है और राजनयिक स्‍तर पर भी कोई प्रगति नहीं हुई है।