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कनाडा में खालिस्तानी समर्थक जगमीत सिंह की करारी हार, भारत विरोधी तत्वों को बढ़ावा देने का रहा है इतिहास


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कनाडा में न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) के प्रमुख जगमीत सिंह को आम चुनाव बड़ा झटका लगा है। जनता ने खालिस्तान समर्थक जगमीत सिंह को उखाड़ फेंकने का काम किया है। चुनाव में उनकी न्यू डेमोक्रेट्स पार्टी की करारी हार हुई है। जगमीत सिंह अपनी सीट भी नहीं बचा पाया और पार्टी का राष्ट्रीय दर्जा भी खो दिया। इसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। जगमीत सिंह खालिस्तान के मुखर समर्थक रहे हैं और उन्होंने कनाडा में खालिस्तान कार्यकर्ताओं की ओर से अक्सर आवाज उठाई है।

एनडीपी ने खो दिया राष्ट्रीय दर्जा

कनाडा में हुए चुनाव में एनडीपी का बुरा प्रदर्शन दिखा। यहां एनडीपी का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा भी छिन गया। नेशनल स्टेटस के लिए 12 सीटों की जरूरत थी, मगर एनडीपी 12 सीटें भी नहीं जीत पाई। एनडीपी को केवल 7 सीटों पर जीत मिली है। यहां तक की जगमीत सिंह भी अपनी सीट बचाने में नाकामयाब रहा।

जगमीत सिंह के बारे में

जगमीत सिंह हाउस ऑफ कॉमन्स में 2019 से बर्नबी सेंट्रल सीट से प्रतिनिधित्व कर रहे थे। वे इस सीट पर पहले से तीसरे स्थान पर आ गए। राजनीति में आने से पहले जगमीत वकालत करते थे। इसी दौरान वे खालिस्तान मूवमेंट को लेकर सक्रिय रहे। जगमीत पर खालिस्तान समर्थकों को कानूनी सहायता मुहैया कराने का आरोप है। भारत ने जगमीत को बैन कर रखा है। जगमीत कनाडा में अपने सिख राजनीति को चमकाने के लिए खालिस्तान मूवमेंट का सहारा लिया।

जगमीत सिंह ही वो नेता हैं, जिनकी वजह से पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत के साथ संबंध खराब कर लिए थे। ट्रूडो द्वारा सितंबर 2023 में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता के आरोप के बाद से नई दिल्ली और ओटावा के बीच तनाव बढ़ गया था। निज्जर को कनाडा में एक सिख मंदिर के बाहर गोली मार दी गई थी।

जस्टिन ट्रूडो भी हारे

जगमीत सिंह ही नहीं पूर्व पीएम जस्टिन ट्रूडो को भी करारी हार मिली है। साथ ही लिबरल पार्टी सत्ता में आने का मौका मिला है। पिछले चुनाव में एनडीपी को 24 सीटें मिली थीं। इसके समर्थन से ही जस्टिन ट्रूडो ने काफी समय तक अपनी सरकार चलाई। अपनी सरकार चलाने के लिए ट्रूडो जगमीत का समर्थन लेते रहे थे।

ट्रूडो की पार्टी की सत्ता में वापसी

जस्टिन ट्रूडो की हार के बाद भी उनकी लिबरल पार्टी फिर से सत्ता में वापस आ रही है। लिबरल पार्टी 166 सीटों पर जीतती नजर आ रही है। कनाडा में सरकार बनाने के लिए 172 सांसदों की जरूरत होती है। लिबरल को पिछली बार से 9 सीटें ज्यादा मिलती दिख रही है।

हालांकि, इस बार ट्रूडो की जगह मार्क कार्नी कनाडा के प्रधानमंत्री बनेंगे। दरअसल, लिबरल पार्टी के इंटरनल सिस्टम में ट्रूडो की जगह कार्नी को प्रधानमंत्री घोषित किया है।

लंदन में एस जयशंकर की कार के सामने खालिस्तानियों का हंगामा, तिरंगे का अपमान

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विदेश मंत्री एस. जयशंकर इस समय लंदन में हैं। जयशंकर लंदन में कई कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं। इसी क्रम में भारतीय विदेश मंत्री ने चैथम हाउस थिंक टैंक में एक विशेष कार्यक्रम में हिस्सा लिया। कार्यक्रम के बाद जयशंकर पर खालिस्तानी समर्थकों ने हमले की कोशिश की।यह घटना तब हुई जब वे चैथम हाउस थिंक टैंक में कार्यक्रम के बाद अपनी कार से जा रहे थे। इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

वीडियो में देका जा सकता है कि एक व्यक्ति जयशंकर की गाड़ी की ओर भागते हुए आता है।हमलावर तेजी से भागकर विदेश मंत्री की गाड़ी के सामने आकर खाड़ा हो जाता है और तिरंगा फाड़ देता है। लंदन पुलिस ने इस शख्स को काबू करते हुए जयशंकर को वहां से सुरक्षित निकाला। वीडियो में खालिस्तानी समर्थक प्रदर्शनकारी कार्यक्रम स्थल के बाहर आपत्तिजनक नारेबाजी करते सुने जा सकते हैं। जानकारी के मुताबिक, भारत सरकार ने इस घटना को यूके के सामने उठाते हुए अपना विरोध दर्ज कराया है।

भारतीय विदेश मंत्री ने इस घटना पर अपने बयान में कहा, हमने विदेश मंत्री की ब्रिटेन यात्रा के दौरान सुरक्षा भंग होने की फुटेज देखी है। हम अलगाववादियों और चरमपंथियों के इस छोटे समूह की भड़काऊ गतिविधियों की निंदा करते हैं। हम ऐसे तत्वों के लोकतांत्रिक स्वतंत्रता के दुरुपयोग की निंदा करते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि ऐसे मामलों में यूके सरकार अपने राजनयिक दायित्वों का पूरी तरह से पालन करेगी।

इससे पहले विदेश मंत्री जयशंकर ने लंदन के चाथम हाउस थिंक टैंक में 'भारत का उदय और विश्व में इसकी भूमिका' विषय पर बोलते हुए कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कश्मीर, धारा-370 हटाने, आर्थिक सुधारों और उच्च मतदान के साथ हुए चुनावों पर अपने विचार साझा किए। जयशंकर ने कहा कि भारत सरकार ने कश्मीर में ज्यादातर समस्याओं का हल कर लिया है। उन्होंने बताया कि धारा-370 को हटाना पहला कदम था, इसके बाद वहां आर्थिक विकास और सामाजिक न्याय को बहाल किया गया।

ब्रिटेन में कंगना की 'इमरजेंसी' की स्क्रीनिंग पर बवाल, खालिस्तान समर्थकों ने सिनेमाघर में आकर रोकी फिल्म

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कंगना रनाउत की 'इमरजेंसी' को जहां पंजाब में बैन कर दिया गया है, वहीं इंग्लैंड में भी विरोध चल रहा है। ब्रिटेन में कंगना रनाउत की फिल्म "इमरजेंसी" के विरोध में खालिस्तानियों ने सिनेमा घरों में तांडव मचा दिया है। लंदन में कई जगह ‘इमरजेंसी’ दिखाई जा रही थी। इस दौरान कुछ लोगों ने फिल्म देख रहे दर्शकों को डराया और धमकी दी। मामले को लेकर विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने ब्रिटेन के गृह सचिव से दखल देने की मांग की है।

बॉब ब्लैकमैन ने ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ (ब्रिटिश संसद के निचले सदन) को बताया कि “अत्यंत विवादास्पद” फिल्म के प्रदर्शन को वोल्वरहैम्पटन, बर्मिंघम, स्लो, स्टेन्स और मैनचेस्टर में भी इसी प्रकार बाधित किया गया। इसके परिणामस्वरूप ‘व्यू और सिनेवर्ल्ड’ ने ब्रिटेन में अपने कई सिनेमाघरों से फिल्म को हटाने का निर्णय लिया है। व्यू और सिनेवर्ल्ड ब्रिटेन में कई सिनेमाघरों का संचालन करते हैं। ब्लैकमैन ने संसद को बताया, “रविवार को मेरे कई मतदाताओं ने हैरो व्यू सिनेमा में ‘इमरजेंसी’ फिल्म देखने के लिए टिकट लिये थे। फिल्म के प्रदर्शन के लगभग 30 या 40 मिनट बाद, नकाबपोश खालिस्तानी आतंकवादी घुस आए, दर्शकों को धमकाया और फिल्म को जबरन बंद करवा दिया।”

एसजीपीसी ने पंजाब में फिल्म के बैन के लिए सीएम को लिखा पत्र

वहीं, कंगना ने कहा कि उनका देश के प्रति प्यार उनकी इस फिल्म 'इमरजेंसी' से प्रदर्शित होता है। एक्ट्रेस ने वीडियो में कहा कि पंजाब के अलावा यूके और कनाडा में भी ऐसे ही हमले हुए हैं और यह आग कुछ छोटे-मोटे लोगों ने लगाई है। उधर, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने कुछ दिन पहले ही पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को एक लेटर लिखा। उन्होंने लेटर में 'इमरजेंसी' पर पंजाब में बैन लगाने की मांग की थी।

कंगना ने विरोध को "कला और कलाकार का उत्पीड़न" बताया

बता दें कि 17 जनवरी को सिनेमाघरों में रिलीज कंगना रनौत की 'इमरजेंसी' को भारत के पंजाब में भी विरोध का सामना करना पड़ा था। देश में लागू इमरजेंसी (1975-77) पर बनी फिल्म में निर्देशन भी कंगना रनौत ने किया है। उन्होंने इस फिल्म में इंदिरा गांधी का किरदार निभाया है। पंजाब में फिल्म को लेकर हुए विरोध को लेकर कंगना रनौत का हाल ही में बयान सामने आया था। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा कर अभिनेत्री ने विरोध को "कला और कलाकार का उत्पीड़न" बताया था।

अभिनेत्री ने लिखा था, “यह कला और कलाकारों का उत्पीड़न है, पंजाब के कई शहरों से रिपोर्ट आ रही है कि ये लोग ‘इमरजेंसी’ को प्रदर्शित नहीं होने दे रहे हैं। मैं सभी धर्मों का बहुत सम्मान करती हूं और चंडीगढ़ में पढ़ने और पले-बढ़े होने के कारण मैंने सिख धर्म को बहुत करीब से देखा और उसका पालन किया है। यह पूरी तरह से झूठ है और मेरी छवि को खराब करने और मेरी फिल्म को नुकसान पहुंचाने के लिए दुष्प्रचार है।"

यूपी-पंजाब पुलिस से मुठभेड़ में खालिस्तानी कमांडो फोर्स के तीन आतंकी ढेर,पुलिस चौकी पर किया था ग्रेनेड हमला*
#encounter_in_pilibhit_up_and_punjab_police_killed_three_khalistani_terrorists पंजाब के गुरुदासपुर जिले में पुलिस चौकी पर ग्रेनेड से हमला मामले में पुलिस को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। यूपी और पंजाब पुलिस ने मुठभेड़ में तीन खालिस्तानी आतंकियों को मार गिराया है। तीनों आतंकी खालिस्तानी कमांडो फोर्स के थे। मौके से दो एके-47 और दो पिस्टल बरामद की गई हैं। तीनों ने गुरदासपुर चौकी पर ग्रेनेड फेंका था। तीनोम आतंकियों के साथ उत्तर प्रदेश पुलिस ने पीलीभीत जिले में मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ में घायल होने के बाद तीन आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई इनके पास से 2 एके 47 और दो पिस्टल बरामद हुई हैं। मुठभेड़ की घटना पूरनपुर थानाक्षेत्र में नहर के पास हुई। पूरनपुर क्षेत्र में पंजाब और यूपी पुलिस की संयुक्त टीम ने यह कार्रवाई की है। पूरनपुर क्षेत्र में हरदोई ब्रांच नहर के करीब सोमवार सुबह करीब पांच बजे मुठभेड़ हुई। मारे गए आतंकवादियों के नाम प्रताप सिंह (23) पुत्र स्वरूप सिंह, शाहनूर खुर्द कलानूर जिला गुरदास पुर, वीरेंद्र सिंह (23) पुत्र रंजीत सिंह, ऐशबान थाना कलानूर, गुरविंदर सिंह (20) पुत्र गुरदेव सिंह बुढिया कलानूर गुरदासपुर पंजाब हैं। दो एके-47 और दो पिस्टल बरामद हुई हैं। बताया जा रहा है कि ये तीनों पंजाब के गुरदासपुर में पुलिस चौकी पर हमले के मामले में वांछित थे। पंजाब के गुरदासपुर में पुलिस चौकियों में धमाके हुए थे। पहले बंद पड़ी पुलिस चौकी बख्शीवाल पर गुरुवार को हमला हुआ। उसके एक दिन बाद शुक्रवार रात्रि एक और बंद पुलिस चौकी पर धमाका हुआ। ये दोनों पुलिस चौकियां कर्मचारियों की कमी के कारण पिछले दिनों बंद कर दी गई थीं। धमाके से आसपास के घरों के लोग सहम गए थे। पुलिस ने बताया था कि वडाला बांगर की चौकी में रात को धमाके से लोग दहल गए थे। लोग डर के घरों से बाहर निकले तो पता चला कि पुलिस थाने से आवाज आई है। इसके बाद यहां रात भर पुलिस की गाड़ियों के सायरन बजते रहे।
जानें कौन है सुखबीर बादल पर हमला करने वाला नारायण सिंह चौरा? बब्बर खालसा से है कनेक्शन
#who_is_narain_singh_chaura_khalistani_militant_attack_akali_dal_leader
* पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पर स्वर्ण मंदिर के बाहर जानलेवा हमला हुआ। स्वर्ण मंदिर के गेट पर सुखबीर बादल पर फायरिंग करने की कोशिश की गई। हालांकी वो इस हमले में बाल-बाल बच गए। सुखबीर बादल पर हमला करने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी की नारायण सिंह चौरा के तौर पर हुई है। आरोपी नारायण सिंह का क्रिमिनल बैकग्राउंड बताया जा रहा है। नारायण सिंह चौरा को खालिस्‍तानी आतंकी के रूप में जाना जाता है। वो बबर खालसा आतंकी संगठन से जुड़ा रहा है। वो चंडीगढ़ जेल ब्रेक कांड का भी आरोपी है। *बब्बर खालसा का पूर्व आतंकी है आरोपी* सुखबीर पर गोली चलाने के आरोपी की पहचान नारायण सिंह चौरा निवासी डेरा बाबा नानक के तौर पर हुई है। आरोपी गर्मपंथी है और दल खालसा से संबंध रखता है। हमलावर नारायण सिंह चौड़ा बब्बर खालसा इंटरनेशनल का आतंकवादी रहा है। चौरा 1984 में पाकिस्तान गया था और आतंकवाद के शुरुआती चरण के दौरान पंजाब में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी खेप की तस्करी में मददगार रहा है। पाकिस्तान में रहते हुए उसने कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध और देशद्रोही साहित्य पर एक किताब भी लिखी है। वह बुड़ैल जेलब्रेक मामले में भी आरोपी है। नारायण इससे पहले पंजाब की जेल में सजा काट चुका है। *आतंकियों की मदद करने का लगा था आरोप* चंडीगढ़ की बुरैल जेल से चार खालिस्तानी आतंकी साल 2004 में फरार हो गए थे। चारों कैदी 94 फुट लंबी सुरंग खोदकर जेल से भाग निकले थे। नारायण सिंह पर इन आतंकियों की मदद करे का आरोप है। हालांकि इस मामले में कोर्ट ने आरोपियों को बरी कर कर दिया था। *खालिस्तान लिबरेशन फोर्स से संबंध* नारायण सिंह चौरा गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत लंबे वक्‍त तक जेल में रहने के बाद बेल पर बाहर आया था। उसने अमृतसर सेंट्रल जेल में पांच साल गुजारे हैं। वो खालिस्तान लिबरेशन फोर्स और अकाल फेडरेशन से जुड़ा हुआ था। उसे 28 फरवरी, 2013 को तरन तारन के जलालाबाद गांव से गिरफ्तार किया गया था। इसी दिन उसके साथी सुखदेव सिंह और गुरिंदर सिंह को भी पकड़ा गया था। उससे पूछताछ के आधार पर तब पुलिस ने मोहाली जिले के कुराली गांव में एक ठिकाने पर छापा मारा था और निशानदेही पर हथियारों और गोला-बारूद का जखीरा बरामद करने का दावा किया था। उस पर करीब एक दर्जन मामले दर्ज हैं।
जानें कौन है सुखबीर बादल पर हमला करने वाला नारायण सिंह चौरा? बब्बर खालसा से है कनेक्शन

#whoisnarainsinghchaurakhalistanimilitantattackakalidalleader

पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पर स्वर्ण मंदिर के बाहर जानलेवा हमला हुआ। स्वर्ण मंदिर के गेट पर सुखबीर बादल पर फायरिंग करने की कोशिश की गई। हालांकी वो इस हमले में बाल-बाल बच गए। सुखबीर बादल पर हमला करने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी की नारायण सिंह चौरा के तौर पर हुई है। आरोपी नारायण सिंह का क्रिमिनल बैकग्राउंड बताया जा रहा है। नारायण सिंह चौरा को खालिस्‍तानी आतंकी के रूप में जाना जाता है। वो बबर खालसा आतंकी संगठन से जुड़ा रहा है। वो चंडीगढ़ जेल ब्रेक कांड का भी आरोपी है।

बब्बर खालसा का पूर्व आतंकी है आरोपी

सुखबीर पर गोली चलाने के आरोपी की पहचान नारायण सिंह चौरा निवासी डेरा बाबा नानक के तौर पर हुई है। आरोपी गर्मपंथी है और दल खालसा से संबंध रखता है। हमलावर नारायण सिंह चौड़ा बब्बर खालसा इंटरनेशनल का आतंकवादी रहा है। चौरा 1984 में पाकिस्तान गया था और आतंकवाद के शुरुआती चरण के दौरान पंजाब में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी खेप की तस्करी में मददगार रहा है। पाकिस्तान में रहते हुए उसने कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध और देशद्रोही साहित्य पर एक किताब भी लिखी है। वह बुड़ैल जेलब्रेक मामले में भी आरोपी है। नारायण इससे पहले पंजाब की जेल में सजा काट चुका है।

आतंकियों की मदद करने का लगा था आरोप

चंडीगढ़ की बुरैल जेल से चार खालिस्तानी आतंकी साल 2004 में फरार हो गए थे। चारों कैदी 94 फुट लंबी सुरंग खोदकर जेल से भाग निकले थे। नारायण सिंह पर इन आतंकियों की मदद करे का आरोप है। हालांकि इस मामले में कोर्ट ने आरोपियों को बरी कर कर दिया था।

खालिस्तान लिबरेशन फोर्स से संबंध

नारायण सिंह चौरा गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत लंबे वक्‍त तक जेल में रहने के बाद बेल पर बाहर आया था। उसने अमृतसर सेंट्रल जेल में पांच साल गुजारे हैं। वो खालिस्तान लिबरेशन फोर्स और अकाल फेडरेशन से जुड़ा हुआ था। उसे 28 फरवरी, 2013 को तरन तारन के जलालाबाद गांव से गिरफ्तार किया गया था। इसी दिन उसके साथी सुखदेव सिंह और गुरिंदर सिंह को भी पकड़ा गया था। उससे पूछताछ के आधार पर तब पुलिस ने मोहाली जिले के कुराली गांव में एक ठिकाने पर छापा मारा था और निशानदेही पर हथियारों और गोला-बारूद का जखीरा बरामद करने का दावा किया था। उस पर करीब एक दर्जन मामले दर्ज हैं।

कनाडा में भारतीय हिन्दुओं के बाद खालिस्तानी अब इन्हें बना रहे निशाना, क्या करेंगे ट्रूडो?*
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कनाडा में खालिस्तान समर्थक अब तक भारतीय हिंदुओं को ही निशाना बना रहे थे। हालांकि “सरकारी संरक्षण” मिलने के बाद उनके हौसले इस कदर बुलंद हैं कि अब ये उसी देश के लोगों को निशाने बना रहे हैं। खालिस्तानियों की रैली में भारत विरोधी नारेबाजी आम रही है लेकिन अब एक नए वीडियो में खालिस्तानी गोरे लोगों को भी वापस यूरोप जाने के लिए कह रहे हैं। हाल ही में एक वायरल वीडियो सामने आया है जिसमें खालिस्तान समर्थकों की रैली के दौरान गोरे लोगों को कनाडा छोड़ने और यूरोप वापस जाने की बात कही गई है। कनाडा में निकाले गए एक ‘नगर कीर्तन’ के दो मिनट के वायरल वीडियो में खालिस्तान समर्थकों ने कनाडाई लोगों को ‘घुसपैठिया’ कहा और उन्हें ‘इंग्लैंड और यूरोप वापस जाने’ के लिए कहा। वीडियो में जुलूस में शामिल लोगों को यह कहते हुए सुना जा सकता है, ‘यह कनाडा है, हमारा अपना देश। तुम कनाडाई वापस जाओ।’ इस वीडियो में सैकड़ों लोग खालिस्तानी झंडों के साथ दिख रहे हैं। एक शख्स इस पूरी रैली का वीडियो बनाते हुए कह रहा है कि हम कनाडा के मालिक हैं और कनाडाई होने पर हमें गर्व है। गोरे लोगों को यूरोप और इजरायल वापस जाना चाहिए क्योंकि वो असली कनाडाई नहीं है बल्कि कनाडा सही मायनों में हमारा है। यह वीडियो कनाडा के सरे शहर का बताया जा रहा है, जिसे कनाडाई पत्रकार डेनियल बोर्डमैन ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा किया है। डेनियल बोर्डमैन ने यह वीडियो साझा करते हुए कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और उनकी सरकार से इस तरह की गतिविधियों पर सख्त सवाल किए हैं। उन्होंने पूछा है कि इस तरह की रैलियों की अनुमति कैसे दी जा रही है, और यह कैसे कनाडा की विदेश नीति को खतरे में डाल सकता है। बोर्डमैन का मानना है कि यह समस्या कनाडा की अंतरराष्ट्रीय छवि और सुरक्षा दोनों को प्रभावित कर सकती है। बोर्डमैन इससे पहले भी खालिस्तान के मुद्दे पर जस्टिन ट्रूडो को घेरते रहे हैं। हाल ही में उन्होंने कहा था कि जस्टिन ट्रूडो और उनकी सरकार को कनाडा की सुरक्षा की परवाह नहीं है। चरमपंथी गतिविधियों ने देशभर के समुदायों को तेजी से खतरे में डाला है। हमारी सड़कों पर जिस तरह के मार्च हुए हैं, वो डराने वाले हैं। कानून का पालन करने वाले कनाडाई लोगों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार हो रहा है, जबकि उग्रता फैलाने वाले बचकर निकल जा रहे हैं।
राम मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी, खालिस्तानी आतंकी पन्नू ने कहा-हिंदुत्ववादी विचारधारा की नींव हिला देंगे*
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खालिस्तानी आतंकी और सिख फॉर जस्टिस के चीफ गुरपतवंत सिंह पन्नू ने अयोध्या में राम मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी दी है। पन्नू ने वीडियो मैसेज में 16 और 17 नवंबर को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। वीडियो के माध्यम से मिली धमकी के बाद पूरी अयोध्या को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। राम जन्मभूमि समेत रामनगरी की सुरक्षा बढ़ाई गई है। अयोध्या रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) प्रवीण कुमार ने कहा कि अयोध्या की सुरक्षा पहले से ही हाई सिक्योरिटी जोन है। यहां तैनात सुरक्षा कर्मी भी आतंकी हमले से निपटने के लिए ट्रेंड हैं। पन्नू की धमकी का वीडियो सामने आने के बाद एक बार फिर से सुरक्षा की समीक्षा की गई है। साथ ही वीडियो की सत्यता की जांच भी की जा रही है। *पिछले महीने भी दी थी धमकी* ये पहली बार नहीं है जब खालिस्तानी आतंकी पन्नू ने धमकी दी है। इससे पहले 21 अक्टूबर को पन्नू ने एअर इंडिया की फ्लाइट्स में बम ब्लास्ट की धमकी दी थी। 4 नवंबर 2023 को भी पन्नू ने एअर इंडिया के विमानों में बम ब्लास्ट की धमकी दी थी। इसके 15 दिन बाद 19 नवंबर को दिल्ली एयरपोर्ट को बंद करने की धमकी दी। 19 नवंबर को अहमदाबाद में क्रिकेट वर्ल्ड कप का फाइनल था।
राम मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी, खालिस्तानी आतंकी पन्नू ने कहा-हिंदुत्ववादी विचारधारा की नींव हिला देंगे*
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खालिस्तानी आतंकी और सिख फॉर जस्टिस के चीफ गुरपतवंत सिंह पन्नू ने अयोध्या में राम मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी दी है। पन्नू ने वीडियो मैसेज में 16 और 17 नवंबर को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। वीडियो के माध्यम से मिली धमकी के बाद पूरी अयोध्या को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। राम जन्मभूमि समेत रामनगरी की सुरक्षा बढ़ाई गई है। अयोध्या रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) प्रवीण कुमार ने कहा कि अयोध्या की सुरक्षा पहले से ही हाई सिक्योरिटी जोन है। यहां तैनात सुरक्षा कर्मी भी आतंकी हमले से निपटने के लिए ट्रेंड हैं। पन्नू की धमकी का वीडियो सामने आने के बाद एक बार फिर से सुरक्षा की समीक्षा की गई है। साथ ही वीडियो की सत्यता की जांच भी की जा रही है। *पिछले महीने भी दी थी धमकी* ये पहली बार नहीं है जब खालिस्तानी आतंकी पन्नू ने धमकी दी है। इससे पहले 21 अक्टूबर को पन्नू ने एअर इंडिया की फ्लाइट्स में बम ब्लास्ट की धमकी दी थी। 4 नवंबर 2023 को भी पन्नू ने एअर इंडिया के विमानों में बम ब्लास्ट की धमकी दी थी। इसके 15 दिन बाद 19 नवंबर को दिल्ली एयरपोर्ट को बंद करने की धमकी दी। 19 नवंबर को अहमदाबाद में क्रिकेट वर्ल्ड कप का फाइनल था।
कनाडा में गूंजा योगी आदित्‍यनाथ का 'बंटोगे तो कटोगे' का नारा, मंदिरों ने कनाडाई नेताओं की एंट्री पर लगाया बैन

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हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दिया नारा अब कनाडा तक पहुंच गया है। कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर पर खालिस्तानी हमले के बाद हिंदुओं ने एकजुट होने का आह्वान किया है।खालिस्तान समर्थकों के हमले से नाराज हिंदू एकजुटता के लिए सीएम योगी के ‘बंटोगे तो कटोगे’ नारे का इस्तेमाल किया है।

कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर के पास रविवार को भक्‍तों पर हमला किया गया। बताया जा रहा है कि खालिस्तानी चरमपंथियों के प्रदर्शन ने हिंसात्मक रूप ले लिया। हिंसा से जुड़े एक वीडियो में कुछ लोग हाथापाई और एक-दूसरे पर डंडों से हमला करते हुए नजर आ रहे हैं। मंदिर से जुड़ा एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें हिंदू समुदाय के लोग यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के नारे 'बंटोगे तो कटोगे' लगाते नजर आ रहे हैं।

ब्रेम्पटन मंदिर के पुजारी ने हिंदुओं से एकजुटता की अपील करते हुए ‘बंटोगे तो कटोगे’ का नारा लगाया। पुजारी लोगों से नारे लगवाते हुए कहते हैं, “बटोगे तो कहोगे।” इसके बाद उन्होंने कहा, ये हमला कोई अकेला हमला नहीं है। ये हमला हिंदू सभा पर हमला नहीं है। ये हमला पूरे विश्व में जितने हिंदू हैं उनके ऊपर है। उन्होंने कनाडा में मौजूद हिंदू समुदाय से कहा कि अगर हम एकजुट रहेंगे तो सुरक्षित रहें। इस नारे को सुनकर वहां मौजूद लोग करतल ध्‍वनि के बीच हाथ उठाकर समर्थन कर रहे हैं।

इसके अलावा ये भी खबर सामने आई है कि कनाडा की राष्ट्रीय हिंदू परिषद और हिंदू फेडरेशन ने मंदिर के नेताओं और हिंदू समूहों के साथ मिलकर हिंदू मंदिर पर हमले के बाद एक आधिकारिक बयान जारी किया है। इसमें कहा गया है कि अब किसी राजनीतिक दलों के किसी राजनेता को राजनीतिक उद्देश्यों के लिए मंदिर की सुविधाओं का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

इससे पहले रविवार को ब्रेम्पटन मंदिर और भक्तों के समूह पर खालिस्तान समर्थकों ने हमला कर दिया। खालिस्तान समर्थकों ने भक्तों से हाथापाई कर डंडे से वार किया। जानकारी के मुताबिक हमलावर मंदिर के बाहर नारेबाजी कर रहे थे, रोके जाने पर इन लोगों ने भक्तों के साथ मारपीट की। आरोप हैं कि स्थानीय पुलिस घटना के वक्त मंदिर के बाहर मौजूद थी लेकिन उसने खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया।

कनाडा में खालिस्तानी समर्थक जगमीत सिंह की करारी हार, भारत विरोधी तत्वों को बढ़ावा देने का रहा है इतिहास


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कनाडा में न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) के प्रमुख जगमीत सिंह को आम चुनाव बड़ा झटका लगा है। जनता ने खालिस्तान समर्थक जगमीत सिंह को उखाड़ फेंकने का काम किया है। चुनाव में उनकी न्यू डेमोक्रेट्स पार्टी की करारी हार हुई है। जगमीत सिंह अपनी सीट भी नहीं बचा पाया और पार्टी का राष्ट्रीय दर्जा भी खो दिया। इसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। जगमीत सिंह खालिस्तान के मुखर समर्थक रहे हैं और उन्होंने कनाडा में खालिस्तान कार्यकर्ताओं की ओर से अक्सर आवाज उठाई है।

एनडीपी ने खो दिया राष्ट्रीय दर्जा

कनाडा में हुए चुनाव में एनडीपी का बुरा प्रदर्शन दिखा। यहां एनडीपी का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा भी छिन गया। नेशनल स्टेटस के लिए 12 सीटों की जरूरत थी, मगर एनडीपी 12 सीटें भी नहीं जीत पाई। एनडीपी को केवल 7 सीटों पर जीत मिली है। यहां तक की जगमीत सिंह भी अपनी सीट बचाने में नाकामयाब रहा।

जगमीत सिंह के बारे में

जगमीत सिंह हाउस ऑफ कॉमन्स में 2019 से बर्नबी सेंट्रल सीट से प्रतिनिधित्व कर रहे थे। वे इस सीट पर पहले से तीसरे स्थान पर आ गए। राजनीति में आने से पहले जगमीत वकालत करते थे। इसी दौरान वे खालिस्तान मूवमेंट को लेकर सक्रिय रहे। जगमीत पर खालिस्तान समर्थकों को कानूनी सहायता मुहैया कराने का आरोप है। भारत ने जगमीत को बैन कर रखा है। जगमीत कनाडा में अपने सिख राजनीति को चमकाने के लिए खालिस्तान मूवमेंट का सहारा लिया।

जगमीत सिंह ही वो नेता हैं, जिनकी वजह से पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत के साथ संबंध खराब कर लिए थे। ट्रूडो द्वारा सितंबर 2023 में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता के आरोप के बाद से नई दिल्ली और ओटावा के बीच तनाव बढ़ गया था। निज्जर को कनाडा में एक सिख मंदिर के बाहर गोली मार दी गई थी।

जस्टिन ट्रूडो भी हारे

जगमीत सिंह ही नहीं पूर्व पीएम जस्टिन ट्रूडो को भी करारी हार मिली है। साथ ही लिबरल पार्टी सत्ता में आने का मौका मिला है। पिछले चुनाव में एनडीपी को 24 सीटें मिली थीं। इसके समर्थन से ही जस्टिन ट्रूडो ने काफी समय तक अपनी सरकार चलाई। अपनी सरकार चलाने के लिए ट्रूडो जगमीत का समर्थन लेते रहे थे।

ट्रूडो की पार्टी की सत्ता में वापसी

जस्टिन ट्रूडो की हार के बाद भी उनकी लिबरल पार्टी फिर से सत्ता में वापस आ रही है। लिबरल पार्टी 166 सीटों पर जीतती नजर आ रही है। कनाडा में सरकार बनाने के लिए 172 सांसदों की जरूरत होती है। लिबरल को पिछली बार से 9 सीटें ज्यादा मिलती दिख रही है।

हालांकि, इस बार ट्रूडो की जगह मार्क कार्नी कनाडा के प्रधानमंत्री बनेंगे। दरअसल, लिबरल पार्टी के इंटरनल सिस्टम में ट्रूडो की जगह कार्नी को प्रधानमंत्री घोषित किया है।

लंदन में एस जयशंकर की कार के सामने खालिस्तानियों का हंगामा, तिरंगे का अपमान

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विदेश मंत्री एस. जयशंकर इस समय लंदन में हैं। जयशंकर लंदन में कई कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं। इसी क्रम में भारतीय विदेश मंत्री ने चैथम हाउस थिंक टैंक में एक विशेष कार्यक्रम में हिस्सा लिया। कार्यक्रम के बाद जयशंकर पर खालिस्तानी समर्थकों ने हमले की कोशिश की।यह घटना तब हुई जब वे चैथम हाउस थिंक टैंक में कार्यक्रम के बाद अपनी कार से जा रहे थे। इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

वीडियो में देका जा सकता है कि एक व्यक्ति जयशंकर की गाड़ी की ओर भागते हुए आता है।हमलावर तेजी से भागकर विदेश मंत्री की गाड़ी के सामने आकर खाड़ा हो जाता है और तिरंगा फाड़ देता है। लंदन पुलिस ने इस शख्स को काबू करते हुए जयशंकर को वहां से सुरक्षित निकाला। वीडियो में खालिस्तानी समर्थक प्रदर्शनकारी कार्यक्रम स्थल के बाहर आपत्तिजनक नारेबाजी करते सुने जा सकते हैं। जानकारी के मुताबिक, भारत सरकार ने इस घटना को यूके के सामने उठाते हुए अपना विरोध दर्ज कराया है।

भारतीय विदेश मंत्री ने इस घटना पर अपने बयान में कहा, हमने विदेश मंत्री की ब्रिटेन यात्रा के दौरान सुरक्षा भंग होने की फुटेज देखी है। हम अलगाववादियों और चरमपंथियों के इस छोटे समूह की भड़काऊ गतिविधियों की निंदा करते हैं। हम ऐसे तत्वों के लोकतांत्रिक स्वतंत्रता के दुरुपयोग की निंदा करते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि ऐसे मामलों में यूके सरकार अपने राजनयिक दायित्वों का पूरी तरह से पालन करेगी।

इससे पहले विदेश मंत्री जयशंकर ने लंदन के चाथम हाउस थिंक टैंक में 'भारत का उदय और विश्व में इसकी भूमिका' विषय पर बोलते हुए कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कश्मीर, धारा-370 हटाने, आर्थिक सुधारों और उच्च मतदान के साथ हुए चुनावों पर अपने विचार साझा किए। जयशंकर ने कहा कि भारत सरकार ने कश्मीर में ज्यादातर समस्याओं का हल कर लिया है। उन्होंने बताया कि धारा-370 को हटाना पहला कदम था, इसके बाद वहां आर्थिक विकास और सामाजिक न्याय को बहाल किया गया।

ब्रिटेन में कंगना की 'इमरजेंसी' की स्क्रीनिंग पर बवाल, खालिस्तान समर्थकों ने सिनेमाघर में आकर रोकी फिल्म

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कंगना रनाउत की 'इमरजेंसी' को जहां पंजाब में बैन कर दिया गया है, वहीं इंग्लैंड में भी विरोध चल रहा है। ब्रिटेन में कंगना रनाउत की फिल्म "इमरजेंसी" के विरोध में खालिस्तानियों ने सिनेमा घरों में तांडव मचा दिया है। लंदन में कई जगह ‘इमरजेंसी’ दिखाई जा रही थी। इस दौरान कुछ लोगों ने फिल्म देख रहे दर्शकों को डराया और धमकी दी। मामले को लेकर विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने ब्रिटेन के गृह सचिव से दखल देने की मांग की है।

बॉब ब्लैकमैन ने ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ (ब्रिटिश संसद के निचले सदन) को बताया कि “अत्यंत विवादास्पद” फिल्म के प्रदर्शन को वोल्वरहैम्पटन, बर्मिंघम, स्लो, स्टेन्स और मैनचेस्टर में भी इसी प्रकार बाधित किया गया। इसके परिणामस्वरूप ‘व्यू और सिनेवर्ल्ड’ ने ब्रिटेन में अपने कई सिनेमाघरों से फिल्म को हटाने का निर्णय लिया है। व्यू और सिनेवर्ल्ड ब्रिटेन में कई सिनेमाघरों का संचालन करते हैं। ब्लैकमैन ने संसद को बताया, “रविवार को मेरे कई मतदाताओं ने हैरो व्यू सिनेमा में ‘इमरजेंसी’ फिल्म देखने के लिए टिकट लिये थे। फिल्म के प्रदर्शन के लगभग 30 या 40 मिनट बाद, नकाबपोश खालिस्तानी आतंकवादी घुस आए, दर्शकों को धमकाया और फिल्म को जबरन बंद करवा दिया।”

एसजीपीसी ने पंजाब में फिल्म के बैन के लिए सीएम को लिखा पत्र

वहीं, कंगना ने कहा कि उनका देश के प्रति प्यार उनकी इस फिल्म 'इमरजेंसी' से प्रदर्शित होता है। एक्ट्रेस ने वीडियो में कहा कि पंजाब के अलावा यूके और कनाडा में भी ऐसे ही हमले हुए हैं और यह आग कुछ छोटे-मोटे लोगों ने लगाई है। उधर, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने कुछ दिन पहले ही पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को एक लेटर लिखा। उन्होंने लेटर में 'इमरजेंसी' पर पंजाब में बैन लगाने की मांग की थी।

कंगना ने विरोध को "कला और कलाकार का उत्पीड़न" बताया

बता दें कि 17 जनवरी को सिनेमाघरों में रिलीज कंगना रनौत की 'इमरजेंसी' को भारत के पंजाब में भी विरोध का सामना करना पड़ा था। देश में लागू इमरजेंसी (1975-77) पर बनी फिल्म में निर्देशन भी कंगना रनौत ने किया है। उन्होंने इस फिल्म में इंदिरा गांधी का किरदार निभाया है। पंजाब में फिल्म को लेकर हुए विरोध को लेकर कंगना रनौत का हाल ही में बयान सामने आया था। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा कर अभिनेत्री ने विरोध को "कला और कलाकार का उत्पीड़न" बताया था।

अभिनेत्री ने लिखा था, “यह कला और कलाकारों का उत्पीड़न है, पंजाब के कई शहरों से रिपोर्ट आ रही है कि ये लोग ‘इमरजेंसी’ को प्रदर्शित नहीं होने दे रहे हैं। मैं सभी धर्मों का बहुत सम्मान करती हूं और चंडीगढ़ में पढ़ने और पले-बढ़े होने के कारण मैंने सिख धर्म को बहुत करीब से देखा और उसका पालन किया है। यह पूरी तरह से झूठ है और मेरी छवि को खराब करने और मेरी फिल्म को नुकसान पहुंचाने के लिए दुष्प्रचार है।"

यूपी-पंजाब पुलिस से मुठभेड़ में खालिस्तानी कमांडो फोर्स के तीन आतंकी ढेर,पुलिस चौकी पर किया था ग्रेनेड हमला*
#encounter_in_pilibhit_up_and_punjab_police_killed_three_khalistani_terrorists पंजाब के गुरुदासपुर जिले में पुलिस चौकी पर ग्रेनेड से हमला मामले में पुलिस को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। यूपी और पंजाब पुलिस ने मुठभेड़ में तीन खालिस्तानी आतंकियों को मार गिराया है। तीनों आतंकी खालिस्तानी कमांडो फोर्स के थे। मौके से दो एके-47 और दो पिस्टल बरामद की गई हैं। तीनों ने गुरदासपुर चौकी पर ग्रेनेड फेंका था। तीनोम आतंकियों के साथ उत्तर प्रदेश पुलिस ने पीलीभीत जिले में मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ में घायल होने के बाद तीन आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई इनके पास से 2 एके 47 और दो पिस्टल बरामद हुई हैं। मुठभेड़ की घटना पूरनपुर थानाक्षेत्र में नहर के पास हुई। पूरनपुर क्षेत्र में पंजाब और यूपी पुलिस की संयुक्त टीम ने यह कार्रवाई की है। पूरनपुर क्षेत्र में हरदोई ब्रांच नहर के करीब सोमवार सुबह करीब पांच बजे मुठभेड़ हुई। मारे गए आतंकवादियों के नाम प्रताप सिंह (23) पुत्र स्वरूप सिंह, शाहनूर खुर्द कलानूर जिला गुरदास पुर, वीरेंद्र सिंह (23) पुत्र रंजीत सिंह, ऐशबान थाना कलानूर, गुरविंदर सिंह (20) पुत्र गुरदेव सिंह बुढिया कलानूर गुरदासपुर पंजाब हैं। दो एके-47 और दो पिस्टल बरामद हुई हैं। बताया जा रहा है कि ये तीनों पंजाब के गुरदासपुर में पुलिस चौकी पर हमले के मामले में वांछित थे। पंजाब के गुरदासपुर में पुलिस चौकियों में धमाके हुए थे। पहले बंद पड़ी पुलिस चौकी बख्शीवाल पर गुरुवार को हमला हुआ। उसके एक दिन बाद शुक्रवार रात्रि एक और बंद पुलिस चौकी पर धमाका हुआ। ये दोनों पुलिस चौकियां कर्मचारियों की कमी के कारण पिछले दिनों बंद कर दी गई थीं। धमाके से आसपास के घरों के लोग सहम गए थे। पुलिस ने बताया था कि वडाला बांगर की चौकी में रात को धमाके से लोग दहल गए थे। लोग डर के घरों से बाहर निकले तो पता चला कि पुलिस थाने से आवाज आई है। इसके बाद यहां रात भर पुलिस की गाड़ियों के सायरन बजते रहे।
जानें कौन है सुखबीर बादल पर हमला करने वाला नारायण सिंह चौरा? बब्बर खालसा से है कनेक्शन
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* पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पर स्वर्ण मंदिर के बाहर जानलेवा हमला हुआ। स्वर्ण मंदिर के गेट पर सुखबीर बादल पर फायरिंग करने की कोशिश की गई। हालांकी वो इस हमले में बाल-बाल बच गए। सुखबीर बादल पर हमला करने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी की नारायण सिंह चौरा के तौर पर हुई है। आरोपी नारायण सिंह का क्रिमिनल बैकग्राउंड बताया जा रहा है। नारायण सिंह चौरा को खालिस्‍तानी आतंकी के रूप में जाना जाता है। वो बबर खालसा आतंकी संगठन से जुड़ा रहा है। वो चंडीगढ़ जेल ब्रेक कांड का भी आरोपी है। *बब्बर खालसा का पूर्व आतंकी है आरोपी* सुखबीर पर गोली चलाने के आरोपी की पहचान नारायण सिंह चौरा निवासी डेरा बाबा नानक के तौर पर हुई है। आरोपी गर्मपंथी है और दल खालसा से संबंध रखता है। हमलावर नारायण सिंह चौड़ा बब्बर खालसा इंटरनेशनल का आतंकवादी रहा है। चौरा 1984 में पाकिस्तान गया था और आतंकवाद के शुरुआती चरण के दौरान पंजाब में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी खेप की तस्करी में मददगार रहा है। पाकिस्तान में रहते हुए उसने कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध और देशद्रोही साहित्य पर एक किताब भी लिखी है। वह बुड़ैल जेलब्रेक मामले में भी आरोपी है। नारायण इससे पहले पंजाब की जेल में सजा काट चुका है। *आतंकियों की मदद करने का लगा था आरोप* चंडीगढ़ की बुरैल जेल से चार खालिस्तानी आतंकी साल 2004 में फरार हो गए थे। चारों कैदी 94 फुट लंबी सुरंग खोदकर जेल से भाग निकले थे। नारायण सिंह पर इन आतंकियों की मदद करे का आरोप है। हालांकि इस मामले में कोर्ट ने आरोपियों को बरी कर कर दिया था। *खालिस्तान लिबरेशन फोर्स से संबंध* नारायण सिंह चौरा गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत लंबे वक्‍त तक जेल में रहने के बाद बेल पर बाहर आया था। उसने अमृतसर सेंट्रल जेल में पांच साल गुजारे हैं। वो खालिस्तान लिबरेशन फोर्स और अकाल फेडरेशन से जुड़ा हुआ था। उसे 28 फरवरी, 2013 को तरन तारन के जलालाबाद गांव से गिरफ्तार किया गया था। इसी दिन उसके साथी सुखदेव सिंह और गुरिंदर सिंह को भी पकड़ा गया था। उससे पूछताछ के आधार पर तब पुलिस ने मोहाली जिले के कुराली गांव में एक ठिकाने पर छापा मारा था और निशानदेही पर हथियारों और गोला-बारूद का जखीरा बरामद करने का दावा किया था। उस पर करीब एक दर्जन मामले दर्ज हैं।
जानें कौन है सुखबीर बादल पर हमला करने वाला नारायण सिंह चौरा? बब्बर खालसा से है कनेक्शन

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पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पर स्वर्ण मंदिर के बाहर जानलेवा हमला हुआ। स्वर्ण मंदिर के गेट पर सुखबीर बादल पर फायरिंग करने की कोशिश की गई। हालांकी वो इस हमले में बाल-बाल बच गए। सुखबीर बादल पर हमला करने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी की नारायण सिंह चौरा के तौर पर हुई है। आरोपी नारायण सिंह का क्रिमिनल बैकग्राउंड बताया जा रहा है। नारायण सिंह चौरा को खालिस्‍तानी आतंकी के रूप में जाना जाता है। वो बबर खालसा आतंकी संगठन से जुड़ा रहा है। वो चंडीगढ़ जेल ब्रेक कांड का भी आरोपी है।

बब्बर खालसा का पूर्व आतंकी है आरोपी

सुखबीर पर गोली चलाने के आरोपी की पहचान नारायण सिंह चौरा निवासी डेरा बाबा नानक के तौर पर हुई है। आरोपी गर्मपंथी है और दल खालसा से संबंध रखता है। हमलावर नारायण सिंह चौड़ा बब्बर खालसा इंटरनेशनल का आतंकवादी रहा है। चौरा 1984 में पाकिस्तान गया था और आतंकवाद के शुरुआती चरण के दौरान पंजाब में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी खेप की तस्करी में मददगार रहा है। पाकिस्तान में रहते हुए उसने कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध और देशद्रोही साहित्य पर एक किताब भी लिखी है। वह बुड़ैल जेलब्रेक मामले में भी आरोपी है। नारायण इससे पहले पंजाब की जेल में सजा काट चुका है।

आतंकियों की मदद करने का लगा था आरोप

चंडीगढ़ की बुरैल जेल से चार खालिस्तानी आतंकी साल 2004 में फरार हो गए थे। चारों कैदी 94 फुट लंबी सुरंग खोदकर जेल से भाग निकले थे। नारायण सिंह पर इन आतंकियों की मदद करे का आरोप है। हालांकि इस मामले में कोर्ट ने आरोपियों को बरी कर कर दिया था।

खालिस्तान लिबरेशन फोर्स से संबंध

नारायण सिंह चौरा गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत लंबे वक्‍त तक जेल में रहने के बाद बेल पर बाहर आया था। उसने अमृतसर सेंट्रल जेल में पांच साल गुजारे हैं। वो खालिस्तान लिबरेशन फोर्स और अकाल फेडरेशन से जुड़ा हुआ था। उसे 28 फरवरी, 2013 को तरन तारन के जलालाबाद गांव से गिरफ्तार किया गया था। इसी दिन उसके साथी सुखदेव सिंह और गुरिंदर सिंह को भी पकड़ा गया था। उससे पूछताछ के आधार पर तब पुलिस ने मोहाली जिले के कुराली गांव में एक ठिकाने पर छापा मारा था और निशानदेही पर हथियारों और गोला-बारूद का जखीरा बरामद करने का दावा किया था। उस पर करीब एक दर्जन मामले दर्ज हैं।

कनाडा में भारतीय हिन्दुओं के बाद खालिस्तानी अब इन्हें बना रहे निशाना, क्या करेंगे ट्रूडो?*
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कनाडा में खालिस्तान समर्थक अब तक भारतीय हिंदुओं को ही निशाना बना रहे थे। हालांकि “सरकारी संरक्षण” मिलने के बाद उनके हौसले इस कदर बुलंद हैं कि अब ये उसी देश के लोगों को निशाने बना रहे हैं। खालिस्तानियों की रैली में भारत विरोधी नारेबाजी आम रही है लेकिन अब एक नए वीडियो में खालिस्तानी गोरे लोगों को भी वापस यूरोप जाने के लिए कह रहे हैं। हाल ही में एक वायरल वीडियो सामने आया है जिसमें खालिस्तान समर्थकों की रैली के दौरान गोरे लोगों को कनाडा छोड़ने और यूरोप वापस जाने की बात कही गई है। कनाडा में निकाले गए एक ‘नगर कीर्तन’ के दो मिनट के वायरल वीडियो में खालिस्तान समर्थकों ने कनाडाई लोगों को ‘घुसपैठिया’ कहा और उन्हें ‘इंग्लैंड और यूरोप वापस जाने’ के लिए कहा। वीडियो में जुलूस में शामिल लोगों को यह कहते हुए सुना जा सकता है, ‘यह कनाडा है, हमारा अपना देश। तुम कनाडाई वापस जाओ।’ इस वीडियो में सैकड़ों लोग खालिस्तानी झंडों के साथ दिख रहे हैं। एक शख्स इस पूरी रैली का वीडियो बनाते हुए कह रहा है कि हम कनाडा के मालिक हैं और कनाडाई होने पर हमें गर्व है। गोरे लोगों को यूरोप और इजरायल वापस जाना चाहिए क्योंकि वो असली कनाडाई नहीं है बल्कि कनाडा सही मायनों में हमारा है। यह वीडियो कनाडा के सरे शहर का बताया जा रहा है, जिसे कनाडाई पत्रकार डेनियल बोर्डमैन ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा किया है। डेनियल बोर्डमैन ने यह वीडियो साझा करते हुए कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और उनकी सरकार से इस तरह की गतिविधियों पर सख्त सवाल किए हैं। उन्होंने पूछा है कि इस तरह की रैलियों की अनुमति कैसे दी जा रही है, और यह कैसे कनाडा की विदेश नीति को खतरे में डाल सकता है। बोर्डमैन का मानना है कि यह समस्या कनाडा की अंतरराष्ट्रीय छवि और सुरक्षा दोनों को प्रभावित कर सकती है। बोर्डमैन इससे पहले भी खालिस्तान के मुद्दे पर जस्टिन ट्रूडो को घेरते रहे हैं। हाल ही में उन्होंने कहा था कि जस्टिन ट्रूडो और उनकी सरकार को कनाडा की सुरक्षा की परवाह नहीं है। चरमपंथी गतिविधियों ने देशभर के समुदायों को तेजी से खतरे में डाला है। हमारी सड़कों पर जिस तरह के मार्च हुए हैं, वो डराने वाले हैं। कानून का पालन करने वाले कनाडाई लोगों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार हो रहा है, जबकि उग्रता फैलाने वाले बचकर निकल जा रहे हैं।
राम मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी, खालिस्तानी आतंकी पन्नू ने कहा-हिंदुत्ववादी विचारधारा की नींव हिला देंगे*
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खालिस्तानी आतंकी और सिख फॉर जस्टिस के चीफ गुरपतवंत सिंह पन्नू ने अयोध्या में राम मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी दी है। पन्नू ने वीडियो मैसेज में 16 और 17 नवंबर को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। वीडियो के माध्यम से मिली धमकी के बाद पूरी अयोध्या को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। राम जन्मभूमि समेत रामनगरी की सुरक्षा बढ़ाई गई है। अयोध्या रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) प्रवीण कुमार ने कहा कि अयोध्या की सुरक्षा पहले से ही हाई सिक्योरिटी जोन है। यहां तैनात सुरक्षा कर्मी भी आतंकी हमले से निपटने के लिए ट्रेंड हैं। पन्नू की धमकी का वीडियो सामने आने के बाद एक बार फिर से सुरक्षा की समीक्षा की गई है। साथ ही वीडियो की सत्यता की जांच भी की जा रही है। *पिछले महीने भी दी थी धमकी* ये पहली बार नहीं है जब खालिस्तानी आतंकी पन्नू ने धमकी दी है। इससे पहले 21 अक्टूबर को पन्नू ने एअर इंडिया की फ्लाइट्स में बम ब्लास्ट की धमकी दी थी। 4 नवंबर 2023 को भी पन्नू ने एअर इंडिया के विमानों में बम ब्लास्ट की धमकी दी थी। इसके 15 दिन बाद 19 नवंबर को दिल्ली एयरपोर्ट को बंद करने की धमकी दी। 19 नवंबर को अहमदाबाद में क्रिकेट वर्ल्ड कप का फाइनल था।
राम मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी, खालिस्तानी आतंकी पन्नू ने कहा-हिंदुत्ववादी विचारधारा की नींव हिला देंगे*
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खालिस्तानी आतंकी और सिख फॉर जस्टिस के चीफ गुरपतवंत सिंह पन्नू ने अयोध्या में राम मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी दी है। पन्नू ने वीडियो मैसेज में 16 और 17 नवंबर को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। वीडियो के माध्यम से मिली धमकी के बाद पूरी अयोध्या को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। राम जन्मभूमि समेत रामनगरी की सुरक्षा बढ़ाई गई है। अयोध्या रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) प्रवीण कुमार ने कहा कि अयोध्या की सुरक्षा पहले से ही हाई सिक्योरिटी जोन है। यहां तैनात सुरक्षा कर्मी भी आतंकी हमले से निपटने के लिए ट्रेंड हैं। पन्नू की धमकी का वीडियो सामने आने के बाद एक बार फिर से सुरक्षा की समीक्षा की गई है। साथ ही वीडियो की सत्यता की जांच भी की जा रही है। *पिछले महीने भी दी थी धमकी* ये पहली बार नहीं है जब खालिस्तानी आतंकी पन्नू ने धमकी दी है। इससे पहले 21 अक्टूबर को पन्नू ने एअर इंडिया की फ्लाइट्स में बम ब्लास्ट की धमकी दी थी। 4 नवंबर 2023 को भी पन्नू ने एअर इंडिया के विमानों में बम ब्लास्ट की धमकी दी थी। इसके 15 दिन बाद 19 नवंबर को दिल्ली एयरपोर्ट को बंद करने की धमकी दी। 19 नवंबर को अहमदाबाद में क्रिकेट वर्ल्ड कप का फाइनल था।
कनाडा में गूंजा योगी आदित्‍यनाथ का 'बंटोगे तो कटोगे' का नारा, मंदिरों ने कनाडाई नेताओं की एंट्री पर लगाया बैन

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हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दिया नारा अब कनाडा तक पहुंच गया है। कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर पर खालिस्तानी हमले के बाद हिंदुओं ने एकजुट होने का आह्वान किया है।खालिस्तान समर्थकों के हमले से नाराज हिंदू एकजुटता के लिए सीएम योगी के ‘बंटोगे तो कटोगे’ नारे का इस्तेमाल किया है।

कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर के पास रविवार को भक्‍तों पर हमला किया गया। बताया जा रहा है कि खालिस्तानी चरमपंथियों के प्रदर्शन ने हिंसात्मक रूप ले लिया। हिंसा से जुड़े एक वीडियो में कुछ लोग हाथापाई और एक-दूसरे पर डंडों से हमला करते हुए नजर आ रहे हैं। मंदिर से जुड़ा एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें हिंदू समुदाय के लोग यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के नारे 'बंटोगे तो कटोगे' लगाते नजर आ रहे हैं।

ब्रेम्पटन मंदिर के पुजारी ने हिंदुओं से एकजुटता की अपील करते हुए ‘बंटोगे तो कटोगे’ का नारा लगाया। पुजारी लोगों से नारे लगवाते हुए कहते हैं, “बटोगे तो कहोगे।” इसके बाद उन्होंने कहा, ये हमला कोई अकेला हमला नहीं है। ये हमला हिंदू सभा पर हमला नहीं है। ये हमला पूरे विश्व में जितने हिंदू हैं उनके ऊपर है। उन्होंने कनाडा में मौजूद हिंदू समुदाय से कहा कि अगर हम एकजुट रहेंगे तो सुरक्षित रहें। इस नारे को सुनकर वहां मौजूद लोग करतल ध्‍वनि के बीच हाथ उठाकर समर्थन कर रहे हैं।

इसके अलावा ये भी खबर सामने आई है कि कनाडा की राष्ट्रीय हिंदू परिषद और हिंदू फेडरेशन ने मंदिर के नेताओं और हिंदू समूहों के साथ मिलकर हिंदू मंदिर पर हमले के बाद एक आधिकारिक बयान जारी किया है। इसमें कहा गया है कि अब किसी राजनीतिक दलों के किसी राजनेता को राजनीतिक उद्देश्यों के लिए मंदिर की सुविधाओं का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

इससे पहले रविवार को ब्रेम्पटन मंदिर और भक्तों के समूह पर खालिस्तान समर्थकों ने हमला कर दिया। खालिस्तान समर्थकों ने भक्तों से हाथापाई कर डंडे से वार किया। जानकारी के मुताबिक हमलावर मंदिर के बाहर नारेबाजी कर रहे थे, रोके जाने पर इन लोगों ने भक्तों के साथ मारपीट की। आरोप हैं कि स्थानीय पुलिस घटना के वक्त मंदिर के बाहर मौजूद थी लेकिन उसने खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया।