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भारत-बांग्लादेश की नौसेनाओं का साझा अभ्यास, तनाव के बीच तालमेल बढ़ाने का प्रयास
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भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में तनाव देखा जा रहा है। दरअसल, शेख हसीने के तख्तापलट के बाद बांग्लादेश की अंतरिम यूनुस सरकार की तरफ से पाकिस्तान से नजदीकियां बनाई जा रही है और भारत के साथ संबंधों को खराब किया जा रहा है। हालांकि, तनाव भरे रिश्तों के बीच दोनो देशों की सैन्य रिश्ते बरकरार हैं। इसी क्रम में भारत और बांगलादेश की नेवी ने बंगाल की खाड़ी में साझा अभ्यास और गश्त किया है। इस हफ्ते हुई ज्वाइंट एक्सरसाइज का मकसद दोनों देशों की नौसेनाओं को समुद्री संचालन के लिए एक-दूसरे के साथ तालमेल बनाने और जानकारी साझा करने के अवसर देना है।

'बोंगोसागर 2025' नाम के इस अभ्यास में भारतीय नौसेना की ओर से आईएनएस रणवीर और बांग्लादेशी नेवी की ओर से बीएनएस अबू उबैदा ने भाग लिया है। भारत और बांग्लादेश की नेवी बंगाल की खाड़ी में 2019 से बोंगोसागर के तहत संयुक्त गश्त करती रही हैं। हालांकि, मौजूदा अभ्यास दोनों देशों के बीच राजनयिक रिश्तों में तनाव के बीच हुआ है।

भारत-बांगलादेश नौसेना अभ्यास ‘बोंगोसागर 2025’ बंगाल की खाड़ी में आयोजित किया गया। इस अभ्यास में भारतीय नौसेना के आईएनएस राणवीर और बांगलादेश नौसेना के बीएनएस के अबू उबैदाह ने हिस्सा लिया। इस अभ्यास ने दोनों नौसेनाओं के बीच समन्वय को बढ़ाया। ताकी दोनों देश मिलकर समुद्री सुरक्षा चुनौतियों का मुकाबला करने में संक्षम हो सके। इस अभ्यास में सर्फेस फायरिंग, सामरिक मनूवरिंग, समुद्र में आपूर्ति, विजिट-बोर्ड- सर्च-सीज क्रॉस बोर्डिंग, कम्यूनिकेशन ड्रिल, स्ट्रीम पास्ट अभ्यास किया गया।

भारतीय नौसेना ने अभ्यास पर अपने बयान में कहा कि दोनों नौसेनाओं के बीच नौसैनिक अभियानों से बढ़ा तालमेल क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता की दिशा में वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों का मुकाबला करने की साझा प्रतिबद्धता दिखाता है।

भारतीय नौसेना और बांग्लादेशी नेवी के बीच बोंगोसागर अभ्यास इसलिए भी अहम है क्योंकि दोनों देशों के सामने समुद्र में खतरे उभर रहे हैं। बांग्लादेश के पाकिस्तान के साथ पहले के तनावपूर्ण संबंधों में सुधार होने लगा है। ऐसे में भारत के लिए सुरक्षा मुद्दे पर चिंताएं बढ़ी हैं। भारत के लिए ये बहुत जरूरी है कि बांग्लादेश से उसके रिश्ते बेहतर बने रहें।

रुपये सिंबल विवाद पर इसे डिजाइन करने वाले ने क्या है? डीएमके से है कनेक्शन
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तमिलनाडु की स्टालिन सरकार ने रुपये के चिन्ह '₹' को हटाकर 'ரூ' सिंबल से रिप्लेस कर दिया है। इस सिंबल का मतलब भी तमिल लिपी में 'रु' ही है। यह तमिल शब्द ‘रुबाई’ (रुपया) का पहला अक्षर है। ये बदलाव स्टालिन सरकार ने राज्य के बजट में किया है। बीजेपी ने स्टालिन सरकार के इस कदम का कड़ा विरोध किया है। इस बीच तमिलनाडु सरकार के इस फैसले को लेकर रुपये सिंबल का डिजाइन बनाने वाले डी उदय कुमार का रिएक्शन आया है। उन्होंने कहा, सरकार ने बदलाव की जरूरत महसूस की और अपनी लिपि को शामिल किया। यह उनका निर्णय है, मैं इस पर कुछ नहीं कह सकता।

स्टालिन भाषा विवाद को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर हैं। वह केंद्र पर हिंदी थोपने का आरोप लगा रहे हैं। इसी क्रम में उनकी सरकार ने रुपये का सिंबल बदलने का फैसला किया। हालांकि शायद उनको यह मालूम नहीं होगा कि रुपये के '₹' सिंबल को तमिलनाडु में जन्मे व्यक्ति ने ही डिजाइन किया था और उनके पिता खुद डीएमके के विधायक थे।

आईआईटी गुवाहाटी के प्रोफेसर डी उदय कुमार ने तमिलनाडु सरकार की ओर से राज्य बजट के लिए रुपये का नया लोगो जारी किए जाने के कुछ ही घंटों बाद भाषा विवाद में पड़ने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि यह महज संयोग है कि उनके पिता द्रमुक के विधायक थे। उन्होंने कहा कि मेरे पिता बहुत पहले विधायक थे। उन्होंने कहा कि मेरे पिता मेरे जन्म से पहले ही विधायक थे। अब वे गांव में शांति से रह रहे हैं। इसका इस फैसले से कोई लेना-देना नहीं है। डी उदय कुमार के पिता एन धर्मलिंगम 1971 में डीएमके के विधायक थे।

डी उदय कुमार ने 2010 में भारत सरकार द्वारा आयोजित एक प्रतियोगिता में भाग लिया था। उनका डिज़ाइन चुना गया और 15 जुलाई 2010 को इसे आधिकारिक तौर पर अपनाया गया। सरकारी पोर्टल ‘Know India’ के अनुसार, भारतीय रुपये का प्रतीक देवनागरी ‘र’ और रोमन ‘R’ का मिश्रण है। इसके ऊपर दो समानांतर रेखाएं हैं, जो राष्ट्रीय ध्वज और ‘बराबर’ के चिन्ह का प्रतीक हैं।

आपको बता दें कि तमिलनाडु सरकार 2025/26 के बजट को शुक्रवार को विधानसभा में पेश करने वाली है। उससे पहले रुपए के सिंबल को बदलने का ये फैसला सत्तारूढ़ द्रमुक ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में त्रिभाषा फॉर्मूले के जरिए राज्य पर हिंदी थोपने के आरोप के बीच लिया है। तमिलनाडु देश का ऐसा पहला राज्य है, जहां रुपए का सिंबल बदला गया है।

क्या बांग्लादेशी सेना में तख्तापलट की साजिश को भारत ने किया नाकाम? इसके पीछे था पाकिस्तान
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पड़ोसी देश बांग्लादेश में सियासती उथल-पुथल जारी है। बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बाद अब वर्तमान सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान के तख्तापलट की साजिश के दावे किए जा रहे है। इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक बांग्लादेशी सेना के लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद फैजुर रहमान सेना की बागडोर संभालने की तैयारियों में जुटे हैं। इस साजिश में कई कट्टरपंथी अफसर भी शामिल हैं। अब खुफिया रिपोर्टों से पता चला है कि भारत की मदद से बांग्लादेश की सेना के अंदर तख्तापलट की साजिश नाकाम हो गई है। हालांकि बांग्लादेश के आर्मी चीफ जनरल वकार-उज्जमान के ऊपर से अभी खतरा टला नहीं है।

स्‍वराज्‍य मैगजीन की रिपोर्ट के मुताबिक नई दिल्ली ने ना सिर्फ सेना प्रमुख की कुर्सी को बचाने में मदद की, बल्कि भारत ने चरमपंथियों की सरकार चलाने में मोहम्मद यूनुस को बहुत बड़ा झटका भी दिया है। बांग्लादेश के सेना प्रमुख के खिलाफ नाकाम तख्तापलट की कोशिश को लेकर अब रिपोर्ट्स से सामने आने लगे हैं। खुफिया जानकारियों से पता चलता है कि सैना प्रमुख की तख्तापलट की साजिश पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) ने तैयार की थी। आईएसआई, जनरल वकार-उज्जमान से इसलिए नाराज थी, क्योंकि आर्मी चीफ बांग्लादेश को पाकिस्तान के साथ बने रहे करीबी संबंध के बीच अवरोध बन रहे थे।

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बांग्लादेश आर्मी में पाकिस्तान और जमात-ए-इस्लामी परस्त लेफ्टिनेंट जनरल फैजुर रहमान ने अन्य जनरलों के समर्थन से बांग्लादेश आर्मी के मौजूदा चीफ जनरल वकार-उज-जमां को हटाने की कोशिश की थी, लेकिन पर्याप्त समर्थन नहीं मिलने से यह नाकाम रहा। फैजुर रहमान ने पिछले हफ्ते ढाका में पाकिस्तान की सीक्रेट एजेंसी आईएसआई के प्रमुख और उसके प्रतिनिधिमंडल से बातचीत की थी। इसके साथ ही वो बांग्लादेश की खुफिया एजेंसी डीजीएफआई से समर्थन जुटाने की कोशिश कर सकते हैं।

यह साजिश पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा रची गई थी। आईएसआई जनरल वाकर से नाराज थी क्योंकि उन्होंने भारत-बांग्लादेश के बीच मबूत सैन्य संबंधों के खिलाफ आवाज उठाई थी। दिलचस्प बात यह है कि बांग्लादेश के मौजूदा इस्लामवादी शासक भी आईएसआई की इस योजना का समर्थन कर रहे थे।

इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साज़िश में बांग्लादेश आर्मी के कई अधिकारी कथित रूप से शामिल थे। जनरल ऑफिसर्स कमांडिंग (जीओसी) के 10 अधिकारियों का नाम इसमें आया है। इसमें मेजर जनरल मीर मुशफिक़ुर रहमान भी हैं, जो जीओसी के 24 इन्फैन्ट्री डिवीजन में हैं और वह चटगाँव के एरिया कमांडर हैं। रहमान लेफ्टिनेंट जनरल रैंक का प्रमोशन चाहते हैं। इसके अलावा मेजर जनरल अबुल हसनत मोहम्मद तारिक़ भी हैं, जो जीओसी 33 इन्फैन्ट्री में हैं। ये सभी जनरल रहमान का समर्थन कर रहे हैं।

इकनॉमिक टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है, बांग्लादेश के मौजूदा आर्मी प्रमुख जनरल वक़ार वैचारिक रूप से मध्यमार्गी माने जाते हैं। इन्हें भारत की तरफ झुकाव रखने वाला माना जाता है और बांग्लादेश में इस्लामिक दबदबे वाली सरकार के विरोधी रहे हैं।

बांग्लादेश की आर्मी ने रिपोर्ट को ख़ारिज किया

वहीं, बांग्लादेश आर्मी ने इस रिपोर्ट को खारिज कर चुकी है। बांग्लादेश आर्मी ने कहा है कि यह पूरी तरह से बेबुनियाद है। मंगलवार रात बांग्लादेश की इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशन डायरेक्टोरेट यानी आईएसपीआर ने इस रिपोर्ट पर चिंता जताते हुए विरोध दर्ज कराया है। आईएसपीआर ने अपने बयान में कहा है, बांग्लादेश आर्मी ने भारत के कुछ मीडिया आउटलेट्स में बेबुनियाद रिपोर्ट देखी हैं। इस रिपोर्ट में आर्मी के भीतर ही संभावित तख़्तापलट का दावा किया गया है।

वकार को माना जाता है हसीना और भारत का समर्थक

वकार-उज-जमान को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और भारत का समर्थक माना जाता है। उन्होंने 5 अगस्त को तख्तापलट के बाद शेख हसीना को बांग्लादेश से निकलने में मदद की थी। हाल ही में जनरल वक़ार ने संकेत दिया था कि बांग्लादेश में क़ानून व्यवस्था बनाए रखने में सेना बड़ी भूमिका निभा सकती है। जबकि इसके उलट मोहम्मद फैजुर रहमान अपनी कट्टरपंथी सोच और पाकिस्तान समर्थक रुख के लिए जाने जाते हैं।

ट्रेन हाईजैक के आरोपों पर पाक को भारत का जवाब, कहा-दुनिया जानती है ग्लोबल आतंकवाद का केंद्र कहां
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#pakistantrainhijackindiamearejectspaki_allegations

पाकिस्तान ने बलूचिस्तान प्रांत में ट्रेन हाईजैक की घटना के पीछे भारत का हाथ बताया है। शहबाज सरकार की ओर से लगाए गए इस आरोप पर भारत ने करारा जवाब दिया है। भारत ने पाकिस्तान के विदेश कार्यालय द्वारा लगाए गए उन आरोपों का जोरदार खंडन किया है। भारत ने कहा है कि पूरी दुनिया को पता है कि वैश्विक आतंकवाद का केंद्र कहां है? दरअसल, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से आरोप लगाए गए थे कि जाफर एक्सप्रेस हमले मामले में भारत का हाथ हो सकता है।

“अपने अंदर झांकना चाहिए”

विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हम पाकिस्तान के निराधार आरोपों को दृढ़ता से खंडन करते हैं। पूरी दुनिया जानती है कि वैश्विक आतंकवाद का केंद्र कहां है? पाकिस्तान को अपनी अंदरूनी समस्याओं और विफलताओं के लिए दूसरों पर उंगली उठाने और दोष मढ़ने के बजाय अपने अंदर झांकना चाहिए।

पाक ने क्या कहा था?

इससे पहले गुरुवार को पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने दावा किया था कि जाफर एक्सप्रेस पर हमले में शामिल विद्रोही अफगानिस्तान में मौजूद सरगनाओं के संपर्क में थे।शफकत अली खान ने अपने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा, भारत पाकिस्तान में आतंकवाद में शामिल रहा है। जाफर एक्सप्रेस पर विशेष हमले में आतंकवादी अफगानिस्तान में मौजूद अपने आकाओं और सरगनाओं के संपर्क में थे। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संबंध सीमा पर लगातार झड़पों और इस्लामाबाद के दावों के कारण तनावपूर्ण हो गए हैं।

पाकिस्तान में 11 मार्च को जाफर एक्सप्रेस ट्रेन का हाईजैक हुआ। जाफ़र एक्सप्रेस की घटना में 450 से अधिक यात्री शामिल थे, जिसमें 58 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 21 यात्री, चार सैनिक और अलगाववादी संगठन बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के 33 आतंकवादी शामिल थे। पाकिस्तान लगातार भारत पर बलूचिस्तान में अशांति पैदा करने के लिए बीएलए जैसे समूहों का समर्थन करने का आरोप लगाता है, इन आरोपों का भारत ने खंडन किया है।

भारत और मॉरीशस के बीच अहम समझौते, जानें किन मुद्दों पर बनी बात?
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#agreementsbetweenindiaandmauritius

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस वक्‍त मॉरिशस में हैं। पीएम मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने बुधवार को प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की। इसके बाद दोनों की मौजूदगी में भारत और मॉरीशस के बीच अहम समझौते भी किए गए। दोनों देशों ने आज 8 सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए। इस दौरान दोनों नोताओं ने संयुक्त बयान भी जारी किया।

अपने मॉरीशस दौरे के दूसरे दिन प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत-मॉरीशस साझेदार नहीं, एक दूसरे का हमदर्द है। भारत और मॉरीशस साझेदारी को और मजबूत करेंगे। दोनों देशों का संबंध केवल हिंद महासागर से ही नहीं, बल्कि हमारी साझी सांस्कृतिक परंपराओं और मूल्यों से भी जुड़ा है। मॉरीशस के विकास योजनाओं में भारत बड़ी भूमिका निभाएगा। दोनों देशों के उभरते क्षेत्रों में हमारा दृष्टिकोण साझा है। पीएम मोदी ने कहा कि रक्षा हो या शिक्षा, भारत-मॉरीशस साथ खड़े हैं।

पीएम रामगुलाम के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि प्राकृतिक आपदा हो या कोविड की विपदा, हमने हमेशा एक दूसरे का साथ दिया है। रक्षा हो या शिक्षा, स्वास्थ्य हो या स्पेस, हम हर क्षेत्र में कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। पिछले 10 साल में हमने अपने संबंधों में कई नए आयाम जोड़े हैं। विकास सहयोग और क्षमता निर्माण में नए कीर्तिमान स्थापित किए गए हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि मैं और प्रधानमंत्री जी सहमत हैं कि रक्षा सहयोग और मैरीटाइम सिक्योरिटी हमारी स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का अहम हिस्सा है। फ्री, ओपन, सेक्योर एंड सेफ इंडियन ओसियन हमारी साझी प्राथमिकता है। हम मॉरीशस के एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन की सुरक्षा में पूर्ण सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ग्लोबल साउथ हो, हिंद महासागर हो या अफ्रीकन भू-भाग, मॉरीशस हमारा महत्वपूर्ण साझीदार है। 10 साल पहले, विजन SAGAR यानि Security and Growth for All in the Region की आधारशिला यहीं मॉरीशस में रखी गई थी। इस पूरे क्षेत्र की स्थिरता और समृद्धि के लिए हम SAGAR विजन लेकर चले हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'मॉरीशस में गति के लिए मेट्रो एक्सप्रेस, न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट भवन, सुखद प्रवास के लिए सोशल हाउसिंग, अच्छे स्वास्थ्य के लिए ईएनटी अस्पताल, व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए UPI और RUPAY कार्ड, सस्ती और बेहतर गुणवत्ता वाली दवाओं के लिए जन औषधि केंद्र, ऐसी अनेक जन केंद्रित पहल हैं, जिन्हें हमने समयबद्ध तरीके से पूरा किया है।

पीएम मोदी ने कहा, 'आज, प्रधानमंत्री नवीन चंद्र रामगुलाम और मैंने भारत-मॉरीशस साझेदारी को 'बढ़ी हुई रणनीतिक साझेदारी' का दर्जा देने का निर्णय लिया है। हमने निर्णय लिया है कि भारत मॉरीशस में नए संसद भवन के निर्माण में सहयोग करेगा। यह लोकतंत्र की जननी की ओर से मॉरीशस को एक भेंट होगी।

भारत और मॉरीशस ने इन आठ समझौता पर किए हस्ताक्षर

1. स्थानीय मुद्रा निपटान प्रणाली पर मॉरीशस के केंद्रीय बैंक और भारतीय रिजर्व बैंक के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

2. पाइप बदलने के कार्यक्रम के तहत केंद्रीय जल प्राधिकरण की ओर से चल रही परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए मॉरीशस सरकार और भारतीय स्टेट बैंक के बीच ऋण सुविधा पर समझौता

3. राजनयिकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम पर भारतीय विदेश सेवा संस्थान और मॉरीशस के विदेश, क्षेत्रीय एकीकरण और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मंत्रालय के बीच समझौता ज्ञापन

4. भारतीय नौसेना और मॉरीशस पुलिस बल के बीच श्वेत शिपिंग सूचना साझा करने पर तकनीकी समझौता

5. मॉरीशस के वित्तीय अपराध आयोग और भारत के प्रवर्तन निदेशालय के बीच समझौता ज्ञापन

6. मॉरीशस के उद्योग, एसएमई और सहकारिता मंत्रालय तथा भारत के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के बीच सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन

7. मॉरीशस के लोक सेवा और प्रशासनिक सुधार मंत्रालय तथा भारत के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के राष्ट्रीय सुशासन केंद्र के बीच लोक अधिकारियों के प्रशिक्षण पर समझौता ज्ञापन

8. भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र, भारत के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और मॉरीशस के प्रधान मंत्री कार्यालय के महाद्वीपीय शेल्फ, समुद्री क्षेत्र प्रशासन और अन्वेषण विभाग के बीच समझौता ज्ञापन

*एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स ने केयर टुडे के साथ मिलकर मेगा रक्तदान अभियान का आयोजन किया*
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लखनऊ । एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स अपने "लाइफ्स गुड व्हेन लाइफ्स शेयर्ड" नामक पैन इंडिया मेगा रक्तदान अभियान के माध्यम से समुदाय में एक महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। यह पहल स्वैच्छिक रक्तदान को प्रेरित करने के उद्देश्य से शुरू की गई है और अब तक भारत भर में 50 से अधिक रक्तदान शिविरों का आयोजन किया जा चुका है। फरवरी 2025 में ही लगभग 5,000 पंजीकरण किए गए, जिसके परिणामस्वरूप 3,000 से अधिक रक्त यूनिट्स का दान हुआ। इस अभियान को युवाओं का व्यापक समर्थन प्राप्त हुआ है, जिसमें छात्र, NSS सदस्य और यहां तक कि शिक्षकों ने भी इस नेक कार्य में सक्रिय रूप से भाग लिया है।

रक्तदान शिविर विभिन्न शहरों में आयोजित किए गए, जिनमें दिल्ली एनसीआर, राजस्थान, लुधियाना, चंडीगढ़, लखनऊ, रांची, सीकर, कोलकाता, मणिपाल, सूरत, राजकोट, अहमदाबाद और अन्य शहर शामिल हैं। यह शिविर मार्च 2025 तक आयोजित किए जाएंगे, ताकि यह पहल और भी अधिक समुदायों तक पहुंचे।

कुछ प्रमुख शैक्षिक संस्थान जिन्होंने इस अभियान का जबरदस्त समर्थन किया है, वे हैं:

- बीआईटीएस पिलानी

- चंडीगढ़ विश्वविद्यालय

- खालसा कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी, मोहाली

- लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी

- आलिया विश्वविद्यालय, कोलकाता

- हरिवंदना कॉलेज, राजकोट

- आईआईएमएसआर

- रामजस कॉलेज, दिल्ली

- नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ (NUSRL), रांची

कैम्पस आधारित शिविरों के अतिरिक्त, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स ने सरकारी कार्यालयों में भी रक्तदान शिविरों का आयोजन किया है, जिनमें ITO कार्यालय और दिल्ली पुलिस मुख्यालय शामिल हैं।

महिला दिवस पर विशेष रक्तदान शिविर

समुदाय कल्याण के महत्व को और बढ़ावा देने के लिए, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स 8 मार्च 2025 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर दिल्ली के AIIMS में एक विशेष रक्तदान शिविर का आयोजन करेगा। यह कार्यक्रम एलजी इंडिया की निरंतर कोशिशों का हिस्सा है, जो लोगों को एक बड़ा उद्देश्य पाने के लिए रक्तदान करने के लिए प्रेरित करता है।

रक्तदान के प्रति जागरूकता अभियान

रक्तदान शिविरों के साथ-साथ, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स एक व्यापक जागरूकता अभियान भी चला रहा है, जिसका उद्देश्य लोगों को रक्तदान के महत्व के बारे में शिक्षित करना है। इसमें रेडियो, डिजिटल मीडिया, पोस्टर, बैनर और सोशल मीडिया अभियानों के माध्यम से कॉलेजों और संस्थानों के साथ सहयोग किया जा रहा है। इसका लक्ष्य लोगों को रक्तदान के जीवनरक्षक प्रभाव के बारे में जागरूक करना और स्वैच्छिक भागीदारी को बढ़ावा देना है।

समर्पित माइक्रोसाइट के माध्यम से आसान भागीदारी

भागीदारी की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स ने एक समर्पित माइक्रोसाइट लॉन्च किया है: [https://lg-india.com/blood-donation/](https://lg-india.com/blood-donation/)। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से लोग:

- इस कारण के लिए अपना समर्थन पंजीकृत कर सकते हैं

- आगामी रक्तदान शिविरों के लिए पंजीकरण कर सकते हैं

- अभियान के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं

- शिविरों के स्थान और दाता दिशानिर्देशों पर अपडेट प्राप्त कर सकते हैं

यह सीएसआर पहल, केयर टुडे फंड के साथ साझेदारी में, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया की सामाजिक जिम्मेदारी और स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर जल्द पूरा होगा सबसे लंबी सुरंग का काम, इतनी है लंबाई
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दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर भारत की सबसे लंबी सुरंग का काम पूरा होने वाला है. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर तैयार की जा रही सबसे लंबी सुरंग जोकि राजस्थान में मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व (एमएचटीआर) से गुजरेगी उसका काम लगभग पूरा होने वाला है. अधिकारियों ने सुरंग का निर्माण दिसंबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है.

यह 8 लेन वाली सुरंग है, देश में यह पहली टनल है जिसमें दो समानांतर ट्यूब हैं, जिनमें से प्रत्येक में चार लेन हैं. हालांकि, भविष्य में सुरंग में 8 से 12 लेन तक तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है. यह सुरंग 4.9 किमी तक फैली है. इस सुरंग में 3.3 किमी का अंडरग्राउंड सेक्शन है. जबकि बाकी के 1.6 किमी का निर्माण कट-एंड-कवर तरीके का इस्तेमाल करके किया जा रहा है. शुक्रवार को इंजीनियर्स ने ट्यूब 1 के निर्माण के पूरे होने का जश्न मनाया. ट्यूब 1 कोटा को चेचट से जोड़ेगा.

ट्यूब-1 की खुदाई हुई पूरी

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) (National Highways Authority of India) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि ट्यूब-1 की पूरी खुदाई हो चुकी है, लेकिन ट्यूब-2 (चेचट से कोटा) में सिर्फ 60 मीटर की खुदाई अभी बाकी है. उन्होंने आगे कहा, यह काम एक महीने के अंदर पूरा होने की उम्मीद है. खुदाई के बाद, कुछ सेक्शन में सुरंग की चौड़ाई और ऊंचाई को बढ़ाने के लिए और भी मोडिफिकेशन किए जाएंगे.

सुरक्षा के क्या होंगे इंतजाम

टनल में सुरक्षा के लिए भी कई इंतजाम किए गए हैं. जिनमें शामिल हैं: – एआई-आधारित मॉनिटरिंग – लाईटिंग और सेंसर – प्रदूषण कंट्रोल सिस्टम – पर्यवेक्षी नियंत्रण और डेटा अधिग्रहण (स्काडा) अधिकारियों ने सुरंग का निर्माण दिसंबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है.

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे 1,350 किलोमीटर का एक्सेस-नियंत्रित एक्सप्रेसवे है, जिसे 8-लेन एक्सप्रेसवे के रूप में डिज़ाइन किया गया है. हालांकि, इसको भविष्य में 12 लेन तक बढ़ाने की संभावना जताई गई है. राजस्थान में, निर्माणाधीन 373 किलोमीटर की लंबाई में से 327 किलोमीटर पहले से ही चालू है.

एनएचएआई के एक अधिकारी के मुताबिक, “ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर का निर्माण ज्यादातर हिस्सों पर पूरा हो चुका है. हालांकि, जब तक इंटरचेंज का निर्माण नहीं हो जाता, इन खंडों को यातायात के लिए नहीं खोला जा सकता है.”

ये 5 गैजेट और ऐप्स हर Women की करेंगे इफाजत
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विमेन्स की सेफ्टी के लिए गैजेट्स से लेकर ट्रैकिंग ऐप तक, ये सब बहुत जरूरी है. मार्केट में ऐसे कई गैजेट्स और ऐप्स मिलते हैं जो विमेन्स ही नहीं किसी के भी फोन में होना बेहद जरूरी है. डेली लाइफ में सेफ्टी, आजादी और मन की शांति के लिए ये ऐप्स और गैजेट जरूर रखें.

अपने स्मार्टफोन में Himmat Plus App और 112 India App जरूर इंस्टॉल करें. ये दोनों ऐप आपको गूगल प्ले स्टोर और एपल ऐप स्टोर दोनों पर मिल जाएंगे.

Himmat Plus App

हिम्मत प्लस मोबाइल ऐप में SOS बटन दिया गया है. जिसे दबाते ही दिल्ली पुलिस के कंट्रोल रूम में आपकी लोकेशन शेयर हो जाती है. आप किसी भई कोने में क्यों ना हों. एक क्लिक में आपकी लोकेशन डायरेक्ट कंट्रोल रूम पहुंच जाती है. इसके बाद आपकी लोकेशन को सबसे नजदीकी पुलिस स्टेशन में शेयर कर दिया जाता है. इससे पुलिस जितना जल्दी हो सके आपके पास पहुंचती है.

112 India App

112 India ऐप में भी एक SOS बटन दिया गया है. इसका इस्तेमाल आप तब कर सकते हैं जब आप सड़क पर चलते हुए सेफ फील नहीं कर रहे होते हैं. अगर कोई आपका पीछा कर रहा हो तो ये ऐप आपकी हेल्प कर सकता है. ये बटन दबाते ही आपकी लोकेशन रिस्पॉन्स टीम के पास सेंड हो जाती है.

EVEREADY Siren Flashlight with Alarm

ये टॉर्च अलार्म के साथ आती है. इमरजेंसी सिचुएशन में आप इस टॉर्च का इस्तेमाल कर सकते हैं. बटन दबाते ही इसका अलार्म इतना तेज बजता है कि आसपास के एरिया में शोर हो जाता है. इससे कोई भी आपकी मदद के लिए आ सकता है. ये टॉर्च आपको अमेजन और फ्लिपकार्ट पर 219 रुपये में मिल रही है.

पेपर स्प्रे

आप अपने पर्स में एक छोटा सा पेपर स्प्रे भी खरीद कर रख सकते हैं. ये आपके लिए फायदेमंद साबित होगा. जरूरत पड़ने पर आप इसका इस्तेमाल भी कर सकते हैं. ये किसी की भी आखों में स्प्रे करने से कुछ देर के लिए आखों की रोशनी चली जाती है.

Emergency Alarm in Keychain

ये अलार्म आपको अमेजन पर 511 रुपये में मिल रहा है. इस आप किसी और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से भी खरीद सकते हैं. अगर आप चाहें तो और भी स्मार्ट और एडवांस टेक्नोलॉजी वाले अलार्म खरीद सकते हैं.

ट्रंप की टैरिफ वाली धमकी, भारत पर क्या होगा असर?
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#donaldtrump100percenttariffimpactindia

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ कर दिया है कि अमेरिका 2 अप्रैल से दुनियाभर के देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने जा रहा है। रेसिप्रोकल टैरिफ का मतलब है जो अमेरिका पर जितना टैरिफ लगाता है, अमेरिका भी उस देश पर उतना ही टैरिफ लगाएगा। इसका मतलब है कि कई देशों को अमेरिका में एक्सपोर्ट होने वाले सामान पर ज्यादा टैरिफ देना होगा। रेसिप्रोकल टैरिफ भारत के लिए भी काफी नुकसानदेह साबित हो सकता है। भारत के कई उद्योगों पर इसका सीधा असर देखने को मिलेगा।

अमेरिकी संसद को संबोधित करते हुए भी डोनाल्ड ट्रंप ने भारत का नाम लिया है और पारस्परिक टैरिफ लगाने की बात कही है। ट्रंप ने कहा, "अन्य देशों ने दशकों से हमारे खिलाफ टैरिफ का इस्तेमाल किया है। अब उन अन्य देशों के खिलाफ उनके हथियार का ही इस्तेमाल करने की हमारी बारी है। औसतन यूरोपीय संघ, चीन, ब्राजील, भारत और अनगिनत अन्य देश हमसे बहुत अधिक टैरिफ वसूलते हैं। उनकी तुलना में हम उनसे कम टैरिफ लेते हैं। यह बिल्कुल अनुचित है। अगले महीने से भारत के ऊपर अमेरिका का पारस्परिक टैरिफ सिस्टम शुरू हो जाएगा, यानि अमेरिकी सामानों पर भारत जितना टैरिफ लगाएगा, अमेरिका भी भारतीय सामानों पर उतना ही टैरिफ लगाएगा।

चीन से लेकर कनाडा तक डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ फैसलों पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दे रहे हैं लेकिन भारत शांति का द्वीप बना हुआ है। ट्रंप के टैरिफ से दुनिया में उथल-पुथल है, जबकि डोनाल्ड ट्रंप पहले ही स्टील और एल्युमीनियम आयातों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाकर भारत को बड़ा झटका दे चुके हैं फिर भी भारत शांत है।

इकोनॉमिक टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में ज्यादा समय तक शांति देखने को नहीं मिलेगी। भारत लंबे समय तक प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकते हैं। भारत को अप्रैल महीने में टैरिफ युद्ध में फंसा लिया जाएगा जब पारस्परिक टैरिफ फैसला लागू हो जाएगा।

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में मामले से परिचित लोगों का हवाला देते हुए कहा गया है कि "भारतीय अधिकारी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकी भरे पारस्परिक शुल्क से बचने के लिए कारों और रसायनों सहित कई तरह के आयातों पर शुल्क कम करने के तरीके तलाश रहे हैं। नई दिल्ली में अधिकारी ऑटोमोबाइल, कुछ कृषि उत्पादों, रसायनों, महत्वपूर्ण फार्मास्यूटिकल्स, साथ ही कुछ चिकित्सा उपकरणों और इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए शुल्क कम करने पर चर्चा कर रहे हैं।"

भारत को नुकसान का अनुमान

एक रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप द्वारा प्रस्तावित 100% टैरिफ भारत पर महत्वपूर्ण असर डाल सकती है, जिससे भारतीय निर्यातकों को लगभग 7 बिलियन डॉलर प्रति वर्ष का नुकसान होने का अनुमान लगाया गया है। अमेरिका के पारस्परिक टैरिफ को लेकर ऑटो इंडस्ट्री और कृषि इंडस्ट्री के कारोबारी टेंशन में हैं। यह टैरिफ खासतौर से ऑटोमोबाइल, कृषि, रसायन, धातु उत्पाद, आभूषण, फार्मास्यूटिकल्स और खाद्य उत्पादों जैसे क्षेत्रों को प्रभावित करेगा।

पीयूष गोयल अमेरिका दौरे पर

दूसरी तरफ, भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल इन मुद्दों पर चर्चा करने और संभावित व्यापार समझौतों पर बातचीत के लिए अमेरिका की यात्रा की है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने पहले ही कुछ वस्तुओं पर टैरिफ कम किए हैं और ऊर्जा आयात बढ़ाने के साथ-साथ रक्षा उपकरणों की खरीद भी बढ़ाई है ताकि दोनों देशों के बीच व्यापार तनाव को कम हो सके। बता दें कि इससे पहले पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान दोनों देशों ने 2025 की आखिर तक व्यापार समझौते के पहले खंड पर काम करने पर सहमति जताई है, जिसका लक्ष्य 2030 तक 500 बिलियन डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार करना है।

Celebrating 1.5 Years of Success: World EdX’s Impact on Study Abroad Aspirants in India!
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February 14, Kanpur- Imagine stepping onto a university campus in a foreign land, a dream you once thought impossible is now a vibrant reality. For countless Indian students, this dream is becoming a reality, thanks to the dedicated efforts of organizations like World EdX Pvt. Ltd. Today, we celebrate a significant milestone: 1.5 years of empowering study abroad aspirants in India!

World EdX was founded on a simple yet powerful idea: to bridge the gap between Indian students and their global education aspirations. The visionaries behind this initiative, Directors Ankit Srivastava, Ashish Gupta, Atul Agarwal, and Manika Gupta envisioned a future where pursuing international education was accessible and achievable for every determined student. Their passion, combined with a deep understanding of the challenges faced by Indian students, laid the foundation for World EdX’s remarkable journey.

Ashish Gupta has mentioned that since the inception of World EdX, we’ve witnessed incredible growth and achieved milestones that fill us with pride. We have helped 5000+ students embark on international education journeys, securing placements in top-tier universities across 10+ countries. From navigating complex application processes to providing personalized guidance on visa requirements, World EdX has been a constant companion for students. We are expanding our network of partner universities, forging strong relationships with institutions that recognize the potential of Indian students.

The Voice of Success:  

"The support I received from World EdX was invaluable," says Saransh Shukla, who recently secured admission to the University of York in the UK. "They helped me every step of the way, from choosing the right program to preparing for my visa interview."

What truly sets World EdX apart is its commitment to personalized support. Their team of expert counselors works closely with each student, providing tailored guidance that maximizes their chances of success. Whether it's identifying the right university, crafting a compelling statement of purpose, or preparing for standardized tests, they provide the support and resources needed. Under COO Ashish Mathur’s leadership, World EdX has streamlined its processes, ensuring a seamless and efficient experience for every student. Ashish Mathur's expertise in the international education industry has been instrumental in scaling our operations and expanding our reach.

Ashish Mathur shares: “World EdX is constantly evolving and innovating to better serve the needs of its students. We're excited to introduce a new AI-powered platform, which will provide personalized study-abroad recommendations and streamline the application process.”

They invite you to join them in celebrating this milestone!

Visit the website www.worldedx.com to learn more about their services and how they can help you achieve your study abroad goals. Follow us on social media YouTubeInstagram for the latest updates and student success stories. For a limited time.

They remain committed to the mission of empowering Indian students and shaping the future of global education. Here's to many more years of helping students reach for the stars!

भारत-बांग्लादेश की नौसेनाओं का साझा अभ्यास, तनाव के बीच तालमेल बढ़ाने का प्रयास
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#india_bangladesh_naval_forces_conclude_exercise

भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में तनाव देखा जा रहा है। दरअसल, शेख हसीने के तख्तापलट के बाद बांग्लादेश की अंतरिम यूनुस सरकार की तरफ से पाकिस्तान से नजदीकियां बनाई जा रही है और भारत के साथ संबंधों को खराब किया जा रहा है। हालांकि, तनाव भरे रिश्तों के बीच दोनो देशों की सैन्य रिश्ते बरकरार हैं। इसी क्रम में भारत और बांगलादेश की नेवी ने बंगाल की खाड़ी में साझा अभ्यास और गश्त किया है। इस हफ्ते हुई ज्वाइंट एक्सरसाइज का मकसद दोनों देशों की नौसेनाओं को समुद्री संचालन के लिए एक-दूसरे के साथ तालमेल बनाने और जानकारी साझा करने के अवसर देना है।

'बोंगोसागर 2025' नाम के इस अभ्यास में भारतीय नौसेना की ओर से आईएनएस रणवीर और बांग्लादेशी नेवी की ओर से बीएनएस अबू उबैदा ने भाग लिया है। भारत और बांग्लादेश की नेवी बंगाल की खाड़ी में 2019 से बोंगोसागर के तहत संयुक्त गश्त करती रही हैं। हालांकि, मौजूदा अभ्यास दोनों देशों के बीच राजनयिक रिश्तों में तनाव के बीच हुआ है।

भारत-बांगलादेश नौसेना अभ्यास ‘बोंगोसागर 2025’ बंगाल की खाड़ी में आयोजित किया गया। इस अभ्यास में भारतीय नौसेना के आईएनएस राणवीर और बांगलादेश नौसेना के बीएनएस के अबू उबैदाह ने हिस्सा लिया। इस अभ्यास ने दोनों नौसेनाओं के बीच समन्वय को बढ़ाया। ताकी दोनों देश मिलकर समुद्री सुरक्षा चुनौतियों का मुकाबला करने में संक्षम हो सके। इस अभ्यास में सर्फेस फायरिंग, सामरिक मनूवरिंग, समुद्र में आपूर्ति, विजिट-बोर्ड- सर्च-सीज क्रॉस बोर्डिंग, कम्यूनिकेशन ड्रिल, स्ट्रीम पास्ट अभ्यास किया गया।

भारतीय नौसेना ने अभ्यास पर अपने बयान में कहा कि दोनों नौसेनाओं के बीच नौसैनिक अभियानों से बढ़ा तालमेल क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता की दिशा में वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों का मुकाबला करने की साझा प्रतिबद्धता दिखाता है।

भारतीय नौसेना और बांग्लादेशी नेवी के बीच बोंगोसागर अभ्यास इसलिए भी अहम है क्योंकि दोनों देशों के सामने समुद्र में खतरे उभर रहे हैं। बांग्लादेश के पाकिस्तान के साथ पहले के तनावपूर्ण संबंधों में सुधार होने लगा है। ऐसे में भारत के लिए सुरक्षा मुद्दे पर चिंताएं बढ़ी हैं। भारत के लिए ये बहुत जरूरी है कि बांग्लादेश से उसके रिश्ते बेहतर बने रहें।

रुपये सिंबल विवाद पर इसे डिजाइन करने वाले ने क्या है? डीएमके से है कनेक्शन
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तमिलनाडु की स्टालिन सरकार ने रुपये के चिन्ह '₹' को हटाकर 'ரூ' सिंबल से रिप्लेस कर दिया है। इस सिंबल का मतलब भी तमिल लिपी में 'रु' ही है। यह तमिल शब्द ‘रुबाई’ (रुपया) का पहला अक्षर है। ये बदलाव स्टालिन सरकार ने राज्य के बजट में किया है। बीजेपी ने स्टालिन सरकार के इस कदम का कड़ा विरोध किया है। इस बीच तमिलनाडु सरकार के इस फैसले को लेकर रुपये सिंबल का डिजाइन बनाने वाले डी उदय कुमार का रिएक्शन आया है। उन्होंने कहा, सरकार ने बदलाव की जरूरत महसूस की और अपनी लिपि को शामिल किया। यह उनका निर्णय है, मैं इस पर कुछ नहीं कह सकता।

स्टालिन भाषा विवाद को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर हैं। वह केंद्र पर हिंदी थोपने का आरोप लगा रहे हैं। इसी क्रम में उनकी सरकार ने रुपये का सिंबल बदलने का फैसला किया। हालांकि शायद उनको यह मालूम नहीं होगा कि रुपये के '₹' सिंबल को तमिलनाडु में जन्मे व्यक्ति ने ही डिजाइन किया था और उनके पिता खुद डीएमके के विधायक थे।

आईआईटी गुवाहाटी के प्रोफेसर डी उदय कुमार ने तमिलनाडु सरकार की ओर से राज्य बजट के लिए रुपये का नया लोगो जारी किए जाने के कुछ ही घंटों बाद भाषा विवाद में पड़ने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि यह महज संयोग है कि उनके पिता द्रमुक के विधायक थे। उन्होंने कहा कि मेरे पिता बहुत पहले विधायक थे। उन्होंने कहा कि मेरे पिता मेरे जन्म से पहले ही विधायक थे। अब वे गांव में शांति से रह रहे हैं। इसका इस फैसले से कोई लेना-देना नहीं है। डी उदय कुमार के पिता एन धर्मलिंगम 1971 में डीएमके के विधायक थे।

डी उदय कुमार ने 2010 में भारत सरकार द्वारा आयोजित एक प्रतियोगिता में भाग लिया था। उनका डिज़ाइन चुना गया और 15 जुलाई 2010 को इसे आधिकारिक तौर पर अपनाया गया। सरकारी पोर्टल ‘Know India’ के अनुसार, भारतीय रुपये का प्रतीक देवनागरी ‘र’ और रोमन ‘R’ का मिश्रण है। इसके ऊपर दो समानांतर रेखाएं हैं, जो राष्ट्रीय ध्वज और ‘बराबर’ के चिन्ह का प्रतीक हैं।

आपको बता दें कि तमिलनाडु सरकार 2025/26 के बजट को शुक्रवार को विधानसभा में पेश करने वाली है। उससे पहले रुपए के सिंबल को बदलने का ये फैसला सत्तारूढ़ द्रमुक ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में त्रिभाषा फॉर्मूले के जरिए राज्य पर हिंदी थोपने के आरोप के बीच लिया है। तमिलनाडु देश का ऐसा पहला राज्य है, जहां रुपए का सिंबल बदला गया है।

क्या बांग्लादेशी सेना में तख्तापलट की साजिश को भारत ने किया नाकाम? इसके पीछे था पाकिस्तान
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पड़ोसी देश बांग्लादेश में सियासती उथल-पुथल जारी है। बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बाद अब वर्तमान सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान के तख्तापलट की साजिश के दावे किए जा रहे है। इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक बांग्लादेशी सेना के लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद फैजुर रहमान सेना की बागडोर संभालने की तैयारियों में जुटे हैं। इस साजिश में कई कट्टरपंथी अफसर भी शामिल हैं। अब खुफिया रिपोर्टों से पता चला है कि भारत की मदद से बांग्लादेश की सेना के अंदर तख्तापलट की साजिश नाकाम हो गई है। हालांकि बांग्लादेश के आर्मी चीफ जनरल वकार-उज्जमान के ऊपर से अभी खतरा टला नहीं है।

स्‍वराज्‍य मैगजीन की रिपोर्ट के मुताबिक नई दिल्ली ने ना सिर्फ सेना प्रमुख की कुर्सी को बचाने में मदद की, बल्कि भारत ने चरमपंथियों की सरकार चलाने में मोहम्मद यूनुस को बहुत बड़ा झटका भी दिया है। बांग्लादेश के सेना प्रमुख के खिलाफ नाकाम तख्तापलट की कोशिश को लेकर अब रिपोर्ट्स से सामने आने लगे हैं। खुफिया जानकारियों से पता चलता है कि सैना प्रमुख की तख्तापलट की साजिश पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) ने तैयार की थी। आईएसआई, जनरल वकार-उज्जमान से इसलिए नाराज थी, क्योंकि आर्मी चीफ बांग्लादेश को पाकिस्तान के साथ बने रहे करीबी संबंध के बीच अवरोध बन रहे थे।

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बांग्लादेश आर्मी में पाकिस्तान और जमात-ए-इस्लामी परस्त लेफ्टिनेंट जनरल फैजुर रहमान ने अन्य जनरलों के समर्थन से बांग्लादेश आर्मी के मौजूदा चीफ जनरल वकार-उज-जमां को हटाने की कोशिश की थी, लेकिन पर्याप्त समर्थन नहीं मिलने से यह नाकाम रहा। फैजुर रहमान ने पिछले हफ्ते ढाका में पाकिस्तान की सीक्रेट एजेंसी आईएसआई के प्रमुख और उसके प्रतिनिधिमंडल से बातचीत की थी। इसके साथ ही वो बांग्लादेश की खुफिया एजेंसी डीजीएफआई से समर्थन जुटाने की कोशिश कर सकते हैं।

यह साजिश पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा रची गई थी। आईएसआई जनरल वाकर से नाराज थी क्योंकि उन्होंने भारत-बांग्लादेश के बीच मबूत सैन्य संबंधों के खिलाफ आवाज उठाई थी। दिलचस्प बात यह है कि बांग्लादेश के मौजूदा इस्लामवादी शासक भी आईएसआई की इस योजना का समर्थन कर रहे थे।

इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साज़िश में बांग्लादेश आर्मी के कई अधिकारी कथित रूप से शामिल थे। जनरल ऑफिसर्स कमांडिंग (जीओसी) के 10 अधिकारियों का नाम इसमें आया है। इसमें मेजर जनरल मीर मुशफिक़ुर रहमान भी हैं, जो जीओसी के 24 इन्फैन्ट्री डिवीजन में हैं और वह चटगाँव के एरिया कमांडर हैं। रहमान लेफ्टिनेंट जनरल रैंक का प्रमोशन चाहते हैं। इसके अलावा मेजर जनरल अबुल हसनत मोहम्मद तारिक़ भी हैं, जो जीओसी 33 इन्फैन्ट्री में हैं। ये सभी जनरल रहमान का समर्थन कर रहे हैं।

इकनॉमिक टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है, बांग्लादेश के मौजूदा आर्मी प्रमुख जनरल वक़ार वैचारिक रूप से मध्यमार्गी माने जाते हैं। इन्हें भारत की तरफ झुकाव रखने वाला माना जाता है और बांग्लादेश में इस्लामिक दबदबे वाली सरकार के विरोधी रहे हैं।

बांग्लादेश की आर्मी ने रिपोर्ट को ख़ारिज किया

वहीं, बांग्लादेश आर्मी ने इस रिपोर्ट को खारिज कर चुकी है। बांग्लादेश आर्मी ने कहा है कि यह पूरी तरह से बेबुनियाद है। मंगलवार रात बांग्लादेश की इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशन डायरेक्टोरेट यानी आईएसपीआर ने इस रिपोर्ट पर चिंता जताते हुए विरोध दर्ज कराया है। आईएसपीआर ने अपने बयान में कहा है, बांग्लादेश आर्मी ने भारत के कुछ मीडिया आउटलेट्स में बेबुनियाद रिपोर्ट देखी हैं। इस रिपोर्ट में आर्मी के भीतर ही संभावित तख़्तापलट का दावा किया गया है।

वकार को माना जाता है हसीना और भारत का समर्थक

वकार-उज-जमान को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और भारत का समर्थक माना जाता है। उन्होंने 5 अगस्त को तख्तापलट के बाद शेख हसीना को बांग्लादेश से निकलने में मदद की थी। हाल ही में जनरल वक़ार ने संकेत दिया था कि बांग्लादेश में क़ानून व्यवस्था बनाए रखने में सेना बड़ी भूमिका निभा सकती है। जबकि इसके उलट मोहम्मद फैजुर रहमान अपनी कट्टरपंथी सोच और पाकिस्तान समर्थक रुख के लिए जाने जाते हैं।

ट्रेन हाईजैक के आरोपों पर पाक को भारत का जवाब, कहा-दुनिया जानती है ग्लोबल आतंकवाद का केंद्र कहां
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#pakistantrainhijackindiamearejectspaki_allegations

पाकिस्तान ने बलूचिस्तान प्रांत में ट्रेन हाईजैक की घटना के पीछे भारत का हाथ बताया है। शहबाज सरकार की ओर से लगाए गए इस आरोप पर भारत ने करारा जवाब दिया है। भारत ने पाकिस्तान के विदेश कार्यालय द्वारा लगाए गए उन आरोपों का जोरदार खंडन किया है। भारत ने कहा है कि पूरी दुनिया को पता है कि वैश्विक आतंकवाद का केंद्र कहां है? दरअसल, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से आरोप लगाए गए थे कि जाफर एक्सप्रेस हमले मामले में भारत का हाथ हो सकता है।

“अपने अंदर झांकना चाहिए”

विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हम पाकिस्तान के निराधार आरोपों को दृढ़ता से खंडन करते हैं। पूरी दुनिया जानती है कि वैश्विक आतंकवाद का केंद्र कहां है? पाकिस्तान को अपनी अंदरूनी समस्याओं और विफलताओं के लिए दूसरों पर उंगली उठाने और दोष मढ़ने के बजाय अपने अंदर झांकना चाहिए।

पाक ने क्या कहा था?

इससे पहले गुरुवार को पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने दावा किया था कि जाफर एक्सप्रेस पर हमले में शामिल विद्रोही अफगानिस्तान में मौजूद सरगनाओं के संपर्क में थे।शफकत अली खान ने अपने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा, भारत पाकिस्तान में आतंकवाद में शामिल रहा है। जाफर एक्सप्रेस पर विशेष हमले में आतंकवादी अफगानिस्तान में मौजूद अपने आकाओं और सरगनाओं के संपर्क में थे। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संबंध सीमा पर लगातार झड़पों और इस्लामाबाद के दावों के कारण तनावपूर्ण हो गए हैं।

पाकिस्तान में 11 मार्च को जाफर एक्सप्रेस ट्रेन का हाईजैक हुआ। जाफ़र एक्सप्रेस की घटना में 450 से अधिक यात्री शामिल थे, जिसमें 58 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 21 यात्री, चार सैनिक और अलगाववादी संगठन बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के 33 आतंकवादी शामिल थे। पाकिस्तान लगातार भारत पर बलूचिस्तान में अशांति पैदा करने के लिए बीएलए जैसे समूहों का समर्थन करने का आरोप लगाता है, इन आरोपों का भारत ने खंडन किया है।

भारत और मॉरीशस के बीच अहम समझौते, जानें किन मुद्दों पर बनी बात?
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#agreementsbetweenindiaandmauritius

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस वक्‍त मॉरिशस में हैं। पीएम मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने बुधवार को प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की। इसके बाद दोनों की मौजूदगी में भारत और मॉरीशस के बीच अहम समझौते भी किए गए। दोनों देशों ने आज 8 सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए। इस दौरान दोनों नोताओं ने संयुक्त बयान भी जारी किया।

अपने मॉरीशस दौरे के दूसरे दिन प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत-मॉरीशस साझेदार नहीं, एक दूसरे का हमदर्द है। भारत और मॉरीशस साझेदारी को और मजबूत करेंगे। दोनों देशों का संबंध केवल हिंद महासागर से ही नहीं, बल्कि हमारी साझी सांस्कृतिक परंपराओं और मूल्यों से भी जुड़ा है। मॉरीशस के विकास योजनाओं में भारत बड़ी भूमिका निभाएगा। दोनों देशों के उभरते क्षेत्रों में हमारा दृष्टिकोण साझा है। पीएम मोदी ने कहा कि रक्षा हो या शिक्षा, भारत-मॉरीशस साथ खड़े हैं।

पीएम रामगुलाम के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि प्राकृतिक आपदा हो या कोविड की विपदा, हमने हमेशा एक दूसरे का साथ दिया है। रक्षा हो या शिक्षा, स्वास्थ्य हो या स्पेस, हम हर क्षेत्र में कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। पिछले 10 साल में हमने अपने संबंधों में कई नए आयाम जोड़े हैं। विकास सहयोग और क्षमता निर्माण में नए कीर्तिमान स्थापित किए गए हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि मैं और प्रधानमंत्री जी सहमत हैं कि रक्षा सहयोग और मैरीटाइम सिक्योरिटी हमारी स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का अहम हिस्सा है। फ्री, ओपन, सेक्योर एंड सेफ इंडियन ओसियन हमारी साझी प्राथमिकता है। हम मॉरीशस के एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन की सुरक्षा में पूर्ण सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ग्लोबल साउथ हो, हिंद महासागर हो या अफ्रीकन भू-भाग, मॉरीशस हमारा महत्वपूर्ण साझीदार है। 10 साल पहले, विजन SAGAR यानि Security and Growth for All in the Region की आधारशिला यहीं मॉरीशस में रखी गई थी। इस पूरे क्षेत्र की स्थिरता और समृद्धि के लिए हम SAGAR विजन लेकर चले हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'मॉरीशस में गति के लिए मेट्रो एक्सप्रेस, न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट भवन, सुखद प्रवास के लिए सोशल हाउसिंग, अच्छे स्वास्थ्य के लिए ईएनटी अस्पताल, व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए UPI और RUPAY कार्ड, सस्ती और बेहतर गुणवत्ता वाली दवाओं के लिए जन औषधि केंद्र, ऐसी अनेक जन केंद्रित पहल हैं, जिन्हें हमने समयबद्ध तरीके से पूरा किया है।

पीएम मोदी ने कहा, 'आज, प्रधानमंत्री नवीन चंद्र रामगुलाम और मैंने भारत-मॉरीशस साझेदारी को 'बढ़ी हुई रणनीतिक साझेदारी' का दर्जा देने का निर्णय लिया है। हमने निर्णय लिया है कि भारत मॉरीशस में नए संसद भवन के निर्माण में सहयोग करेगा। यह लोकतंत्र की जननी की ओर से मॉरीशस को एक भेंट होगी।

भारत और मॉरीशस ने इन आठ समझौता पर किए हस्ताक्षर

1. स्थानीय मुद्रा निपटान प्रणाली पर मॉरीशस के केंद्रीय बैंक और भारतीय रिजर्व बैंक के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

2. पाइप बदलने के कार्यक्रम के तहत केंद्रीय जल प्राधिकरण की ओर से चल रही परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए मॉरीशस सरकार और भारतीय स्टेट बैंक के बीच ऋण सुविधा पर समझौता

3. राजनयिकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम पर भारतीय विदेश सेवा संस्थान और मॉरीशस के विदेश, क्षेत्रीय एकीकरण और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मंत्रालय के बीच समझौता ज्ञापन

4. भारतीय नौसेना और मॉरीशस पुलिस बल के बीच श्वेत शिपिंग सूचना साझा करने पर तकनीकी समझौता

5. मॉरीशस के वित्तीय अपराध आयोग और भारत के प्रवर्तन निदेशालय के बीच समझौता ज्ञापन

6. मॉरीशस के उद्योग, एसएमई और सहकारिता मंत्रालय तथा भारत के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के बीच सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन

7. मॉरीशस के लोक सेवा और प्रशासनिक सुधार मंत्रालय तथा भारत के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के राष्ट्रीय सुशासन केंद्र के बीच लोक अधिकारियों के प्रशिक्षण पर समझौता ज्ञापन

8. भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र, भारत के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और मॉरीशस के प्रधान मंत्री कार्यालय के महाद्वीपीय शेल्फ, समुद्री क्षेत्र प्रशासन और अन्वेषण विभाग के बीच समझौता ज्ञापन

*एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स ने केयर टुडे के साथ मिलकर मेगा रक्तदान अभियान का आयोजन किया*
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लखनऊ । एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स अपने "लाइफ्स गुड व्हेन लाइफ्स शेयर्ड" नामक पैन इंडिया मेगा रक्तदान अभियान के माध्यम से समुदाय में एक महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। यह पहल स्वैच्छिक रक्तदान को प्रेरित करने के उद्देश्य से शुरू की गई है और अब तक भारत भर में 50 से अधिक रक्तदान शिविरों का आयोजन किया जा चुका है। फरवरी 2025 में ही लगभग 5,000 पंजीकरण किए गए, जिसके परिणामस्वरूप 3,000 से अधिक रक्त यूनिट्स का दान हुआ। इस अभियान को युवाओं का व्यापक समर्थन प्राप्त हुआ है, जिसमें छात्र, NSS सदस्य और यहां तक कि शिक्षकों ने भी इस नेक कार्य में सक्रिय रूप से भाग लिया है।

रक्तदान शिविर विभिन्न शहरों में आयोजित किए गए, जिनमें दिल्ली एनसीआर, राजस्थान, लुधियाना, चंडीगढ़, लखनऊ, रांची, सीकर, कोलकाता, मणिपाल, सूरत, राजकोट, अहमदाबाद और अन्य शहर शामिल हैं। यह शिविर मार्च 2025 तक आयोजित किए जाएंगे, ताकि यह पहल और भी अधिक समुदायों तक पहुंचे।

कुछ प्रमुख शैक्षिक संस्थान जिन्होंने इस अभियान का जबरदस्त समर्थन किया है, वे हैं:

- बीआईटीएस पिलानी

- चंडीगढ़ विश्वविद्यालय

- खालसा कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी, मोहाली

- लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी

- आलिया विश्वविद्यालय, कोलकाता

- हरिवंदना कॉलेज, राजकोट

- आईआईएमएसआर

- रामजस कॉलेज, दिल्ली

- नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ (NUSRL), रांची

कैम्पस आधारित शिविरों के अतिरिक्त, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स ने सरकारी कार्यालयों में भी रक्तदान शिविरों का आयोजन किया है, जिनमें ITO कार्यालय और दिल्ली पुलिस मुख्यालय शामिल हैं।

महिला दिवस पर विशेष रक्तदान शिविर

समुदाय कल्याण के महत्व को और बढ़ावा देने के लिए, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स 8 मार्च 2025 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर दिल्ली के AIIMS में एक विशेष रक्तदान शिविर का आयोजन करेगा। यह कार्यक्रम एलजी इंडिया की निरंतर कोशिशों का हिस्सा है, जो लोगों को एक बड़ा उद्देश्य पाने के लिए रक्तदान करने के लिए प्रेरित करता है।

रक्तदान के प्रति जागरूकता अभियान

रक्तदान शिविरों के साथ-साथ, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स एक व्यापक जागरूकता अभियान भी चला रहा है, जिसका उद्देश्य लोगों को रक्तदान के महत्व के बारे में शिक्षित करना है। इसमें रेडियो, डिजिटल मीडिया, पोस्टर, बैनर और सोशल मीडिया अभियानों के माध्यम से कॉलेजों और संस्थानों के साथ सहयोग किया जा रहा है। इसका लक्ष्य लोगों को रक्तदान के जीवनरक्षक प्रभाव के बारे में जागरूक करना और स्वैच्छिक भागीदारी को बढ़ावा देना है।

समर्पित माइक्रोसाइट के माध्यम से आसान भागीदारी

भागीदारी की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स ने एक समर्पित माइक्रोसाइट लॉन्च किया है: [https://lg-india.com/blood-donation/](https://lg-india.com/blood-donation/)। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से लोग:

- इस कारण के लिए अपना समर्थन पंजीकृत कर सकते हैं

- आगामी रक्तदान शिविरों के लिए पंजीकरण कर सकते हैं

- अभियान के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं

- शिविरों के स्थान और दाता दिशानिर्देशों पर अपडेट प्राप्त कर सकते हैं

यह सीएसआर पहल, केयर टुडे फंड के साथ साझेदारी में, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया की सामाजिक जिम्मेदारी और स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर जल्द पूरा होगा सबसे लंबी सुरंग का काम, इतनी है लंबाई
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दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर भारत की सबसे लंबी सुरंग का काम पूरा होने वाला है. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर तैयार की जा रही सबसे लंबी सुरंग जोकि राजस्थान में मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व (एमएचटीआर) से गुजरेगी उसका काम लगभग पूरा होने वाला है. अधिकारियों ने सुरंग का निर्माण दिसंबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है.

यह 8 लेन वाली सुरंग है, देश में यह पहली टनल है जिसमें दो समानांतर ट्यूब हैं, जिनमें से प्रत्येक में चार लेन हैं. हालांकि, भविष्य में सुरंग में 8 से 12 लेन तक तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है. यह सुरंग 4.9 किमी तक फैली है. इस सुरंग में 3.3 किमी का अंडरग्राउंड सेक्शन है. जबकि बाकी के 1.6 किमी का निर्माण कट-एंड-कवर तरीके का इस्तेमाल करके किया जा रहा है. शुक्रवार को इंजीनियर्स ने ट्यूब 1 के निर्माण के पूरे होने का जश्न मनाया. ट्यूब 1 कोटा को चेचट से जोड़ेगा.

ट्यूब-1 की खुदाई हुई पूरी

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) (National Highways Authority of India) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि ट्यूब-1 की पूरी खुदाई हो चुकी है, लेकिन ट्यूब-2 (चेचट से कोटा) में सिर्फ 60 मीटर की खुदाई अभी बाकी है. उन्होंने आगे कहा, यह काम एक महीने के अंदर पूरा होने की उम्मीद है. खुदाई के बाद, कुछ सेक्शन में सुरंग की चौड़ाई और ऊंचाई को बढ़ाने के लिए और भी मोडिफिकेशन किए जाएंगे.

सुरक्षा के क्या होंगे इंतजाम

टनल में सुरक्षा के लिए भी कई इंतजाम किए गए हैं. जिनमें शामिल हैं: – एआई-आधारित मॉनिटरिंग – लाईटिंग और सेंसर – प्रदूषण कंट्रोल सिस्टम – पर्यवेक्षी नियंत्रण और डेटा अधिग्रहण (स्काडा) अधिकारियों ने सुरंग का निर्माण दिसंबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है.

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे 1,350 किलोमीटर का एक्सेस-नियंत्रित एक्सप्रेसवे है, जिसे 8-लेन एक्सप्रेसवे के रूप में डिज़ाइन किया गया है. हालांकि, इसको भविष्य में 12 लेन तक बढ़ाने की संभावना जताई गई है. राजस्थान में, निर्माणाधीन 373 किलोमीटर की लंबाई में से 327 किलोमीटर पहले से ही चालू है.

एनएचएआई के एक अधिकारी के मुताबिक, “ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर का निर्माण ज्यादातर हिस्सों पर पूरा हो चुका है. हालांकि, जब तक इंटरचेंज का निर्माण नहीं हो जाता, इन खंडों को यातायात के लिए नहीं खोला जा सकता है.”

ये 5 गैजेट और ऐप्स हर Women की करेंगे इफाजत
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विमेन्स की सेफ्टी के लिए गैजेट्स से लेकर ट्रैकिंग ऐप तक, ये सब बहुत जरूरी है. मार्केट में ऐसे कई गैजेट्स और ऐप्स मिलते हैं जो विमेन्स ही नहीं किसी के भी फोन में होना बेहद जरूरी है. डेली लाइफ में सेफ्टी, आजादी और मन की शांति के लिए ये ऐप्स और गैजेट जरूर रखें.

अपने स्मार्टफोन में Himmat Plus App और 112 India App जरूर इंस्टॉल करें. ये दोनों ऐप आपको गूगल प्ले स्टोर और एपल ऐप स्टोर दोनों पर मिल जाएंगे.

Himmat Plus App

हिम्मत प्लस मोबाइल ऐप में SOS बटन दिया गया है. जिसे दबाते ही दिल्ली पुलिस के कंट्रोल रूम में आपकी लोकेशन शेयर हो जाती है. आप किसी भई कोने में क्यों ना हों. एक क्लिक में आपकी लोकेशन डायरेक्ट कंट्रोल रूम पहुंच जाती है. इसके बाद आपकी लोकेशन को सबसे नजदीकी पुलिस स्टेशन में शेयर कर दिया जाता है. इससे पुलिस जितना जल्दी हो सके आपके पास पहुंचती है.

112 India App

112 India ऐप में भी एक SOS बटन दिया गया है. इसका इस्तेमाल आप तब कर सकते हैं जब आप सड़क पर चलते हुए सेफ फील नहीं कर रहे होते हैं. अगर कोई आपका पीछा कर रहा हो तो ये ऐप आपकी हेल्प कर सकता है. ये बटन दबाते ही आपकी लोकेशन रिस्पॉन्स टीम के पास सेंड हो जाती है.

EVEREADY Siren Flashlight with Alarm

ये टॉर्च अलार्म के साथ आती है. इमरजेंसी सिचुएशन में आप इस टॉर्च का इस्तेमाल कर सकते हैं. बटन दबाते ही इसका अलार्म इतना तेज बजता है कि आसपास के एरिया में शोर हो जाता है. इससे कोई भी आपकी मदद के लिए आ सकता है. ये टॉर्च आपको अमेजन और फ्लिपकार्ट पर 219 रुपये में मिल रही है.

पेपर स्प्रे

आप अपने पर्स में एक छोटा सा पेपर स्प्रे भी खरीद कर रख सकते हैं. ये आपके लिए फायदेमंद साबित होगा. जरूरत पड़ने पर आप इसका इस्तेमाल भी कर सकते हैं. ये किसी की भी आखों में स्प्रे करने से कुछ देर के लिए आखों की रोशनी चली जाती है.

Emergency Alarm in Keychain

ये अलार्म आपको अमेजन पर 511 रुपये में मिल रहा है. इस आप किसी और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से भी खरीद सकते हैं. अगर आप चाहें तो और भी स्मार्ट और एडवांस टेक्नोलॉजी वाले अलार्म खरीद सकते हैं.

ट्रंप की टैरिफ वाली धमकी, भारत पर क्या होगा असर?
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#donaldtrump100percenttariffimpactindia

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ कर दिया है कि अमेरिका 2 अप्रैल से दुनियाभर के देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने जा रहा है। रेसिप्रोकल टैरिफ का मतलब है जो अमेरिका पर जितना टैरिफ लगाता है, अमेरिका भी उस देश पर उतना ही टैरिफ लगाएगा। इसका मतलब है कि कई देशों को अमेरिका में एक्सपोर्ट होने वाले सामान पर ज्यादा टैरिफ देना होगा। रेसिप्रोकल टैरिफ भारत के लिए भी काफी नुकसानदेह साबित हो सकता है। भारत के कई उद्योगों पर इसका सीधा असर देखने को मिलेगा।

अमेरिकी संसद को संबोधित करते हुए भी डोनाल्ड ट्रंप ने भारत का नाम लिया है और पारस्परिक टैरिफ लगाने की बात कही है। ट्रंप ने कहा, "अन्य देशों ने दशकों से हमारे खिलाफ टैरिफ का इस्तेमाल किया है। अब उन अन्य देशों के खिलाफ उनके हथियार का ही इस्तेमाल करने की हमारी बारी है। औसतन यूरोपीय संघ, चीन, ब्राजील, भारत और अनगिनत अन्य देश हमसे बहुत अधिक टैरिफ वसूलते हैं। उनकी तुलना में हम उनसे कम टैरिफ लेते हैं। यह बिल्कुल अनुचित है। अगले महीने से भारत के ऊपर अमेरिका का पारस्परिक टैरिफ सिस्टम शुरू हो जाएगा, यानि अमेरिकी सामानों पर भारत जितना टैरिफ लगाएगा, अमेरिका भी भारतीय सामानों पर उतना ही टैरिफ लगाएगा।

चीन से लेकर कनाडा तक डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ फैसलों पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दे रहे हैं लेकिन भारत शांति का द्वीप बना हुआ है। ट्रंप के टैरिफ से दुनिया में उथल-पुथल है, जबकि डोनाल्ड ट्रंप पहले ही स्टील और एल्युमीनियम आयातों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाकर भारत को बड़ा झटका दे चुके हैं फिर भी भारत शांत है।

इकोनॉमिक टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में ज्यादा समय तक शांति देखने को नहीं मिलेगी। भारत लंबे समय तक प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकते हैं। भारत को अप्रैल महीने में टैरिफ युद्ध में फंसा लिया जाएगा जब पारस्परिक टैरिफ फैसला लागू हो जाएगा।

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में मामले से परिचित लोगों का हवाला देते हुए कहा गया है कि "भारतीय अधिकारी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकी भरे पारस्परिक शुल्क से बचने के लिए कारों और रसायनों सहित कई तरह के आयातों पर शुल्क कम करने के तरीके तलाश रहे हैं। नई दिल्ली में अधिकारी ऑटोमोबाइल, कुछ कृषि उत्पादों, रसायनों, महत्वपूर्ण फार्मास्यूटिकल्स, साथ ही कुछ चिकित्सा उपकरणों और इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए शुल्क कम करने पर चर्चा कर रहे हैं।"

भारत को नुकसान का अनुमान

एक रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप द्वारा प्रस्तावित 100% टैरिफ भारत पर महत्वपूर्ण असर डाल सकती है, जिससे भारतीय निर्यातकों को लगभग 7 बिलियन डॉलर प्रति वर्ष का नुकसान होने का अनुमान लगाया गया है। अमेरिका के पारस्परिक टैरिफ को लेकर ऑटो इंडस्ट्री और कृषि इंडस्ट्री के कारोबारी टेंशन में हैं। यह टैरिफ खासतौर से ऑटोमोबाइल, कृषि, रसायन, धातु उत्पाद, आभूषण, फार्मास्यूटिकल्स और खाद्य उत्पादों जैसे क्षेत्रों को प्रभावित करेगा।

पीयूष गोयल अमेरिका दौरे पर

दूसरी तरफ, भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल इन मुद्दों पर चर्चा करने और संभावित व्यापार समझौतों पर बातचीत के लिए अमेरिका की यात्रा की है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने पहले ही कुछ वस्तुओं पर टैरिफ कम किए हैं और ऊर्जा आयात बढ़ाने के साथ-साथ रक्षा उपकरणों की खरीद भी बढ़ाई है ताकि दोनों देशों के बीच व्यापार तनाव को कम हो सके। बता दें कि इससे पहले पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान दोनों देशों ने 2025 की आखिर तक व्यापार समझौते के पहले खंड पर काम करने पर सहमति जताई है, जिसका लक्ष्य 2030 तक 500 बिलियन डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार करना है।

Celebrating 1.5 Years of Success: World EdX’s Impact on Study Abroad Aspirants in India!
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February 14, Kanpur- Imagine stepping onto a university campus in a foreign land, a dream you once thought impossible is now a vibrant reality. For countless Indian students, this dream is becoming a reality, thanks to the dedicated efforts of organizations like World EdX Pvt. Ltd. Today, we celebrate a significant milestone: 1.5 years of empowering study abroad aspirants in India!

World EdX was founded on a simple yet powerful idea: to bridge the gap between Indian students and their global education aspirations. The visionaries behind this initiative, Directors Ankit Srivastava, Ashish Gupta, Atul Agarwal, and Manika Gupta envisioned a future where pursuing international education was accessible and achievable for every determined student. Their passion, combined with a deep understanding of the challenges faced by Indian students, laid the foundation for World EdX’s remarkable journey.

Ashish Gupta has mentioned that since the inception of World EdX, we’ve witnessed incredible growth and achieved milestones that fill us with pride. We have helped 5000+ students embark on international education journeys, securing placements in top-tier universities across 10+ countries. From navigating complex application processes to providing personalized guidance on visa requirements, World EdX has been a constant companion for students. We are expanding our network of partner universities, forging strong relationships with institutions that recognize the potential of Indian students.

The Voice of Success:  

"The support I received from World EdX was invaluable," says Saransh Shukla, who recently secured admission to the University of York in the UK. "They helped me every step of the way, from choosing the right program to preparing for my visa interview."

What truly sets World EdX apart is its commitment to personalized support. Their team of expert counselors works closely with each student, providing tailored guidance that maximizes their chances of success. Whether it's identifying the right university, crafting a compelling statement of purpose, or preparing for standardized tests, they provide the support and resources needed. Under COO Ashish Mathur’s leadership, World EdX has streamlined its processes, ensuring a seamless and efficient experience for every student. Ashish Mathur's expertise in the international education industry has been instrumental in scaling our operations and expanding our reach.

Ashish Mathur shares: “World EdX is constantly evolving and innovating to better serve the needs of its students. We're excited to introduce a new AI-powered platform, which will provide personalized study-abroad recommendations and streamline the application process.”

They invite you to join them in celebrating this milestone!

Visit the website www.worldedx.com to learn more about their services and how they can help you achieve your study abroad goals. Follow us on social media YouTubeInstagram for the latest updates and student success stories. For a limited time.

They remain committed to the mission of empowering Indian students and shaping the future of global education. Here's to many more years of helping students reach for the stars!