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भारत में मस्क की इस कंपनी की एंट्री से पहले सरकार ने रखी बड़ी शर्त, जानें क्या कहा
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एलन मस्क की स्टारलिंक कंपनी भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस शुरू करने वाली है। देश की दिग्गज टेलीकॉम कंपनी एयरटेल और एलन मस्क की फर्म स्पेसएक्स ने स्टारलिंक की हाई-स्पीड इंटरनेट सर्विसेज को भारत में लाने के लिए एग्रीमेंट किया है। इसके पहले केंद्र सरकार ने स्टारलिंक के सामने कुछ शर्तें रखी हैं।केंद्र सरकार ने एलन मस्क के सैटेलाइट वेंचर स्टारलिंक को भारत में एक कंट्रोल सेंटर स्थापित करने को कहा है, ताकि कानून और व्यवस्था बनाए रखा जा सके।

न्यूज वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह कंट्रोल सेंटर कानून और व्यवस्था बनाए रखने में मदद करेगा क्योंकि यह संवेदनशील क्षेत्रों में जरूरत पड़ने पर संचार सेवाओं को सस्पेंड करने या बंद करने में सक्षम होगा। सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि जब भी जरूरत होगी, सुरक्षा एजेंसियों के पास कुछ निर्धारित अधिकार होंगे, जो उन्हें आधिकारिक चैनलों के माध्यम से कॉल्स को इंटरसेप्ट करने की इजाजत देगा।

रिपोर्ट में कंट्रोल सेंटर के महत्व पर जोर देते हुए कहा गया है कि यह बहुत जरूरी है क्योंकि देश के किसी भी हिस्से में कानून और व्यवस्था की स्थिति में अचानक बदलाव के कारण संचार सेवाओं, जिसमें सैटेलाइट के जरिए दी जाने वाली सेवाएं भी शामिल हैं, को बंद करने की जरूरत पड़ सकती है। सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया कि हर बार इमरजेंसी के समय पर उनके दरवाजे खटखटाने या अमेरिका में उनके मुख्यालय से संपर्क करने की उम्मीद नहीं की जा सकती। स्टारलिंक ने सरकार को इस मामले को देखने का आश्वासन दिया है।

टेलीकॉम कानून के तहत एक प्रावधान है कि सार्वजनिक आपातकाल के मामले में, जिसमें आपदा प्रबंधन या सार्वजनिक सुरक्षा शामिल है, केंद्र और राज्य सरकार किसी अधिकृत संस्था से किसी भी टेलीकॉम सेवा या नेटवर्क का अस्थायी रूप से अपने कंट्रोल में ले सकती है।

यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब सैटेलाइट कम्युनिकेशन लाइसेंस के लिए स्टारलिंक की एप्लिकेशन लास्ट स्टेज में है। इसमें कंपनी मार्केटिंग, तैनाती और नेटवर्क बढ़ाने के लिए रिलायंस जियो और एयरटेल के साथ समझौते कर रही है।

भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस प्रोवाइड करने के लिए देश की दो बड़ी टेलिकॉम कंपनियां जियो और एयरटेल ने इलॉन मस्क की कंपनी स्टारलिंक के साथ करार किया है। समझौते के तहत, स्पेसएक्स और एयरटेल बिजनेस, शैक्षणिक संस्थानों, स्वास्थ्य सेवा केंद्रों और दूरदराज के क्षेत्रों में स्टारलिंक सर्विसेस देने के लिए मिलकर काम करेंगे। एयरटेल के मौजूदा नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर में स्टारलिंक टेक्नोलॉजी इंटीग्रेट करने की संभावनाएं तलाशी जाएंगी।

केजरीवाल की केंद्र के सामने उठाया मिडिल क्लास का मुद्दा, रखी ये 7 मांगें
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#7demandsfromarvindkejriwalcentralgovernment

दिल्ली में 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव होने हैं। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी तीसरी बार सत्ता वापसी के लिए पूरा जोर लगा रही है। आप ने इस चुनाव में जीत पक्की करने के ले हर एक वर्ग को साधने की कोशिश की है। आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने महिलाओं से लेकर बुजुर्गों और युवाओं तक पर दांव खेला है। अब केजरीवाल की नजर मिडिल क्लास पर है। इस बीच बुधवार को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया और देश के मिडिल क्लास को लेकर कई जरूरी मुद्दों पर बात की। इसके साथ ही केंद्र सरकार से 7 मांगें भी की हैं।

मिडिल क्लास केवल एटीएम बनकर रह गया-केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कई वादे धर्म और जाति के नाम पर किए जाते हैं। कई वादे समाज के निचले तबके के लिए किए जाते हैं। कई वादे उद्योगपतियों के लिए किए जाते है। कुछ लोग इनके वोट बैंक हैं। एक वर्ग इनके बीच में है जो पिसकर रह गया है। 75 सालों में एक के बाद एक दूसरी पार्टी सत्ता में आई। हर सरकार ने मिडिल क्लास को दबाकर रखा है। ये मिडिल क्लास के लिए करते कुछ नहीं है लेकिन टैक्स का हथियार चला देती है। मिडिल क्लास सरकार का एटीएम बनकर रह गया है।

मिडिल क्लास की आवाज उठाएगी आप-केजरीवाल

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मिडिल क्लास पर टैक्स का बोझ सबसे ज्यादा है। मिडिल क्लास को हमारे देश में सबसे ज्यादा परेशान किया जाता है। मिडिल क्लास वालों की 50 प्रतिशत से ज्यादा आमदनी टैक्स देने में चली जाती है। केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी सड़क से लेकर संसद तक मिडिल क्लास की आवाज उठाएगी। आने वाले बजट में आम आदमी पार्टी के सांसद मिडिल क्लास के मुद्दों को ही संसद में उठाएंगे।

मिडिल क्लास के लिए केजरीवाल की 7 मांगे

• शिक्षा का बजट 2 परसेंट से बढ़ाकर 10 प्रतिशत किया जाए।

• पूरे देश में प्राइवेट स्कूलों की फीस पर लगाम लगाई जाए, उच्च शिक्षा के लिए सब्सिडी दी जाए।

• स्वास्थ्य क्षेत्र का बजट भी बढ़ाया जाए और हेल्थ इंश्योरेंस से टैक्स भी कम किया जाए।

• इनकम टैक्स की छूट की सीमा को 7 लाख से बढ़ाकर 10 लाख किया जाए।

• आवश्यक वस्तुओं के ऊपर से जीएसटी खत्म की जाए।

• सीनियर सिटिजन्स के लिए मजबूत रिटायरमेंट प्लान और पेंशन योजना बनाई जाए। इसके साथ ही देशभर में वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त और अच्छा इलाज दिया जाए।

• बुजुर्गों को पहले रेलवे में किराए पर 50 प्रतिशत छूट मिलती थी, जो अब खत्म कर दी गई है, उसे दोबारा शुरू किया जाए।

आठवें वेतन आयोग को मिली मंजूरी, मोदी सरकार का केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा तोहफा
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#centralcabinetimplemented8thpaycommissioninnextyear

केंद्रीय कैबिनेट ने सरकारी कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने आठवां वेतन आयोग लागू करने का ऐलान कर दिया है। यह 2026 से लागू होगा। अभी तक कर्मचारियों को सातवें पे कमीशन के तहत वेतन मिलता था। सरकार की तरफ से 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दिए जाने की घोषणा बजट 2025 से महज कुछ ही दिन पहले हुई है।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि, हालांकि इसके कार्यान्वयन की सही तारीख अभी तक घोषित नहीं की गई है। कहा गया है कि साल 2026 में इसका गठन किया जा सकता है। उन्होंने दोहराया कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें पहले ही लागू की जा चुकी हैं। सरकार बाद में आयोग के बाकी डिटेल्स के बारे में जानकारी देगी। इसमें शामिल होने वाले सदस्यों की भी सूचना दी जाएगी।

एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनधारकों को मिलेगा लाभ

सरकार के इस कदम का इंतजार एक करोड़ से अधिक केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को था। ये अपने मूल वेतन, भत्ते, पेंशन और अन्य लाभों को संशोधित करने में मदद के लिए आयोग के गठन की आस लगाए थे। परंपरागत रूप से, केंद्रीय वेतन आयोग का गठन हर 10 साल में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतनमान, भत्ते और लाभों में बदलाव की समीक्षा और सिफारिश करने के लिए किया जाता है। यह आयोग महंगाई और आर्थिक स्थितियों जैसे कारकों को ध्यान में रखकर फैसला लेता है।

8वें वेतन आयोग के बाद सैलरी में आएगा जबरदस्त उछाल

8वें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में बड़ा इजाफा होगा। पे कमीशन की सिफारिशों पर कर्मचारियों की सैलरी रिवाइज की जाएगी। पे कमीशन के गठन के बाद सैलरी रिवाइज होगी। सरकार से मिली मंजूरी के बाद अब इसका गठन साल 2026 से पहले हो जाएगा। 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल खत्म होने के बाद इसकी सिफारिशें लागू हो सकेंगी। माना जा रहा है कि सातवें वेतन आयोग के मुकाबले 8वें वेतन आयोग में कई बदलाव संभव हैं। माना जा रहा है कि फिटमेंट फैक्टर में कुछ बदलाव हो सकते हैं।

जनवरी 2016 में लागू हुई थीं 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें

इससे पहले 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें, जिन्हें नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने जनवरी 2016 में लागू किया था। जिसकी अवधि 31 दिसंबर 2025 को खत्म हो जाएगी।

మరో 17 రైళ్లు రద్దు
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ఒడిశా తీరప్రాంతంలో ‘దానా’ తుఫాన్‌ కారణంగా దక్షిణమధ్య రైల్వే(South Central Railway) పలు మార్గాల్లో రైళ్లను రద్దు చేసింది. మంగళవారం 41 రైళ్లను రద్దు చేయగా.. తాజాగా మరో 17 రైళ్లను రద్దు చేసినట్లు ప్రకటించింది. కొత్తగా రద్దయిన రైళ్లు గురువారం నుంచి ఈనెల 29 వరకు నిలిపివేస్తున్నట్లు సీపీఆర్‌ఓ శ్రీధర్‌(CPRO Sridhar) తెలిపారు.

ఒడిశా తీరప్రాంతంలో ‘దానా’ తుఫాన్‌ కారణంగా దక్షిణమధ్య రైల్వే(South Central Railway) పలు మార్గాల్లో రైళ్లను రద్దు చేసింది. మంగళవారం 41 రైళ్లను రద్దు చేయగా.. తాజాగా మరో 17 రైళ్లను రద్దు చేసినట్లు ప్రకటించింది. కొత్తగా రద్దయిన రైళ్లు గురువారం నుంచి ఈనెల 29 వరకు నిలిపివేస్తున్నట్లు సీపీఆర్‌ఓ శ్రీధర్‌(CPRO Sridhar) తెలిపారు.

రద్దయిన రైళ్ల సమాచారం కోసం దక్షిణమధ్యరైల్వే(South Central Railway) పరిధిలోని 17 ముఖ్యమైన స్టేషన్లలో సహాయక కేంద్రాలను ఏర్పాటు చేసినట్లు పేర్కొన్నారు.

హైదరాబాద్‌, సికింద్రాబాద్‌, ఖాజీపేట్‌, ఖమ్మం(Hyderabad, Secunderabad, Khajipet, Khammam), సామర్లకోట, వరంగల్‌, నెల్లూరు, విజయవాడ, రాజమండ్రి, అనకాపల్లి, ఏలూరు, గూడూరు, నిడదవోలు, ఒంగోలు, తిరుపతి, రేణిగుంట, డోన్‌ స్టేషన్ల(Guduru, Nidadavolu, Ongolu, Tirupati, Renigunta, Don stations)లోని హెల్ప్‌లైన్‌ సెంటర్లు 24 గంటలపాటు ప్రయాణికులకు అవసరమైన సమాచారాన్ని అందిస్తాయని వెల్లడించారు.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर भारत सरकार ने 8 सड़क खंडों के विकास के लिए स्वीकृत किए 892 करोड़ रुपए
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रायपुर-    केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ में आठ सड़क खंडों के विकास के लिए 892 करोड़ 36 लाख रुपए मंजूर किए हैं। इस राशि से राज्य के छह जिलों में करीब 324 किलोमीटर सड़कों के विकास और उन्नयन के कार्य किए जाएंगे।

भारत सरकार ने आज राशि स्वीकृति का आदेश राज्य शासन के लोक निर्माण विभाग के सचिव को भेजा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य में सड़कों के विकास के लिए इतनी बड़ी राशि देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को धन्यवाद दिया है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सीआरआईएफ (Central Road & Infrastructure Fund) से मंजूर की गई इस राशि के लिए भारत सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य में सड़कों के निर्माण में केंद्र सरकार का लगातार सहयोग मिल रहा है। इस राशि से बेमेतरा, मुंगेली, राजनांदगांव, जशपुर, बिलासपुर और खैरागढ़ जिले में आठ सड़क खंडों का चौड़ीकरण, मजबूतीकरण और उन्नयन होगा।

राज्य शासन के लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रदेश के छह जिलों में कुल 323.9 किलोमीटर सड़क खंडों के विकास के लिए इस साल 9 सितम्बर को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा गया था। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने विगत 30 सितम्बर को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उप मुख्यमंत्री अरुण साव के साथ नई दिल्ली में हुई बैठक में इस प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति दी थी। भारत सरकार द्वारा आज इसके लिए 892 करोड़ 36 लाख रुपए की स्वीकृति का आदेश जारी कर दिया गया है।

भारत सरकार द्वारा मंजूर की गई 892 करोड़ 36 लाख रुपए की राशि से बेमेतरा और मुंगेली जिले में नांदघाट-मुंगेली सड़क खंड में 39 किलोमीटर लंबाई और बेमेतरा-नवागढ़-मुंगेली सड़क खंड में 43 किलोमीटर लंबाई का चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण किया जाएगा। राजनांदगांव जिले के डोंगरगांव-चौकी-मोहला मानपुर सड़क खंड में 96.2 किलोमीटर, जशपुर जिले के बागबहार-कोतबा सड़क खंड में 13.5 किलोमीटर, लुड़ेंग-तपकरा-लावाकेरा सड़क खंड में 41 किलोमीटर और जशपुर-आस्टा-कुसमी सड़क खंड में 28 किलोमीटर लंबाई के मजबूतीकरण का कार्य भी इनमें शामिल हैं। बिलासपुर जिले के सिरगिट्टी-सरवानी-पसीद-अमलडिहा-बरतोरी-दगोरी सड़क खंड के 32.8 किलोमीटर तथा राजनांदगांव और खैरागढ़ जिले के राजनांदगांव-कवर्धा-पोंडी सड़क खंड के 30.4 किलोमीटर का चौड़ीकरण और मजबूतीकरण का कार्य भी इस राशि से किया जाएगा।

पीडब्ल्यूडी के प्रस्ताव पर केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 6 जिलों में 324 किमी सड़क के विकास के लिए मंजूर की राशि
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रायपुर-   उप मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण मंत्री अरुण साव ने भारत सरकार द्वारा आठ सड़क खंडों के लिए 892 करोड़ 36 लाख रुपए स्वीकृत करने पर छत्तीसगढ़ के तीन करोड़ लोगों की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के प्रति आभार व्यक्त किया है। राज्य शासन के लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रदेश के छह जिलों में कुल 323.9 किलोमीटर सड़क खंडों के विकास के लिए इस साल 9 सितम्बर को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा गया था। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने विगत 30 सितम्बर को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उप मुख्यमंत्री अरुण साव के साथ नई दिल्ली में हुई बैठक में इस प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति दी थी।

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को अपने ‘एक्स’ हैंडल पर भारत सरकार द्वारा इन प्रस्तावों को मंजूर किए जाने की जानकारी साझा की है। उन्होंने लिखा है कि छत्तीसगढ़ के बेमेतरा, मुंगेली, राजनांदगांव, जशपुर, बिलासपुर और खैरागढ़ जिलों में आठ राज्य सड़क खंडों के विकास के लिए सीआरआईएफ (Central Road Infrastructure Fund) से वित्तीय वर्ष 2024-25 में 892 करोड़ 36 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई है।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बताया कि भारत सरकार द्वारा सीआरआईएफ से मंजूर की गई इस राशि से बेमेतरा और मुंगेली जिले में नांदघाट-मुंगेली सड़क खंड और बेमेतरा-नवागढ़-मुंगेली सड़क खंड का चौड़ीकरण एवं मजबूतीतकण किया जाएगा। राजनांदगांव जिले के डोंगरगांव-चौकी-मोहला मानपुर सड़क खंड, जशपुर जिले के बागबहार-कोतबा सड़क खंड, लुड़ेंग-तपकरा-लावाकेरा सड़क खंड और जशपुर-आस्टा-कुसमी सड़क खंड के मजबूतीकरण का कार्य भी इनमें शामिल हैं। उन्होंने बताया कि बिलासपुर जिले के सिरगिट्टी-सरवानी-पसीद-अमलडिहा-बरतोरी-दगोरी सड़क खंड तथा राजनांदगांव और खैरागढ़ जिले के राजनांदगांव-कवर्धा-पोंडी सड़क खंड के चौड़ीकरण और मजबूतीकरण का कार्य भी इस राशि से किया जाएगा। श्री साव ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ का चहुंमुखी विकास हमारी प्राथमिकता है। राज्य में सड़कों के निर्माण में केंद्र सरकार का लगातार सहयोग मिल रहा है।

CBSE Sample Paper - Is Now Out
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Attention, Students!

This is to inform you that the Central Board of Secondary Education has released sample papers for Class 10th and 12th students for the upcoming exams, which will take place in the academic years 2024 - 2025. So, start your exam preparations without any further delay.

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अग्निपथ योजना में हो सकता है बड़ा बदलाव, क्या दबाव में है केंद्र सरकार?
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#agnipathschemecentralgovtplanningtochange

केंद्र सरकार की बहुचर्चित अग्निपथ योजना को लेकर बड़ी जानकारी सामने आ रही है। सरकारी कर्मचारियों को यूनिफाइड पेंशन स्कीम का तोहफा देने के बाद मोदी सरकार की ओर से अग्निपथ योजना में भी बड़ा बदलाव करने की खबर सामने आ रही है। दरअसल, लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा से लोगों की नाराजगी का बड़ा कारण अग्निपथ योजना भी थी। बीजेपी के नुकसान का इसे भी एक बड़ा कारण माना जा रहा था। जिसको लेकर केन्द्र सरकार ने अब काम शुरू कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार योजना में बदलाव का विचार कर रही है, जिसके तहत सेना में अग्निवीरों की संख्या बढ़ाने, उनके पात्रता और वेतन को लेकर भी फैसला लिया जाएगा।

रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक केंद्र ने अग्निपथ भर्ती योजना में बदलाव करने की योजना बनाई है। इस बदलाव में सेना में अग्निवीरों को स्थाई तौर से रखने का हिस्सा बढ़ाया सकता है। इसके साथ ही वेतन और योग्यता की शर्तों में भी बदलाव किया जा सकता है। इन बदलावों का मकसद अग्निपथ योजना के पूरे ढांचे और लाभों में सुधार करना है। जिसकी विपक्ष आलोचना कर रहा है। सेना में भर्ती होने के इच्छुक लोगों का एक बड़ा तबका भी इस योजना के खिलाफ है।

क्या-क्या हो सकते हैं बदलाव?

सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, जमीन पर लड़ाकू ताकत बनाए रखने के लिए एक चौथाई बहुत कम संख्या है। सेना ने सिफारिश की है कि चार साल के अंत में अग्निवीरों का प्रतिशत बढ़कर लगभग 50 फीसद हो जाना चाहिए।अभी केवल 25 प्रतिशत अग्निवीरों को ही प्रारंभिक सेवा अवधि के बाद रखा जाता है, जबकि सैन्य विशेषज्ञ यह संख्या अपर्याप्त मानते हैं। इसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने का विचार है। हालांकि अभी तक इसको लेकर कोई ऑफिशियल ऐलान नहीं किया गया है।

क्या है अग्निपथ योजना?

अग्निपथ योजना को जून 2022 में लागू किया गया था। इसके तहत सेना के तीनों अंगों में साढ़े 17 साल से 23 साल के युवाओं को 4 साल के लिए सेना में भर्ती किया जाता है।इन्हें अग्रिवीर कहा जाता है। 4 साल बाद इनमें से 25 प्रतिशत को स्थायी, जबकि बाकी 75 प्रतिशत को सेवा मुक्त कर दिया जाता है।अग्रिवीरों का वेतन नियमित भर्ती किए जवानों की तुलना में कम होता है और इन्हें पेंशन नहीं मिलेगी।

రైల్వే ప్రయాణికులకు గుడ్‌న్యూస్‌.. స్టేషన్లలో QR కోడ్‌తో ఇక పేమెంట్స్‌..
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రైల్వే ప్రయాణికులకు గుడ్‌న్యూస్‌.. స్టేషన్లలో QR కోడ్‌తో ఇక పేమెంట్స్‌

సికింద్రాబాద్‌: రైల్వే టికెట్‌ కౌంటర్ల వద్ద టికెట్ల (Train ticket) కొనుగోలు ఇకపై సులభతరం కానుంది. క్యూఆర్‌ కోడ్‌ (QR code) ద్వారా డిజిటల్‌ చెల్లింపులు చేసే సదుపాయం అందుబాటులోకి తీసుకొచ్చినట్లు దక్షిణ మధ్య రైల్వే (South central railway) వెల్లడించింది. దీంతో ప్రయాణికులకు టికెట్ కొనుగోలులో చిల్లర కష్టాలు తీరనున్నాయి. తొలుత ప్రధాన రైల్వే స్టేషన్లలోనే ఈ సదుపాయం ఉండగా.. ఇప్పుడు అన్ని స్టేషన్లకూ విస్తరించినట్లు దక్షిణ మధ్య రైల్వే ఓ ప్రకటనలో పేర్కొంది.

రైల్వే స్టేషన్లలోని జనరల్‌ బుకింగ్‌, రిజర్వేషన్‌ కౌంటర్లలో క్యూఆర్‌ కోడ్‌ను ఉపయోగించి ఇకపై డిజిటల్‌ చెల్లింపులు చేయొచ్చని దక్షిణ మధ్య రైల్వే పేర్కొంది. ఇందుకోసం అన్ని స్టేషన్లలోని టికెట్ విండో వద్ద ప్రత్యేక డివైజ్‌ను ఉంచుతున్నట్లు తెలిపింది. ప్రయాణికుడికి సంబంధించిన అన్ని వివరాలూ కంప్యూటర్‌లో ఎంటర్‌ చేశాక.. ఆ డివైజ్‌లో క్యూఆర్‌ కోడ్‌ ప్రత్యక్షమవుతుంది. దాన్ని యూపీఐ యాప్స్‌ వినియోగించి చెల్లింపులు చేయొచ్చు. పేమెంట్ పూర్తవ్వగానే టికెట్‌ను అందిస్తారు.

సికింద్రాబాద్‌ వంటి ప్రధాన రైల్వే స్టేషన్లకే పరిమితమైన క్యాష్‌లెస్‌ సదుపాయాన్ని జోన్‌ పరిధిలోని అన్ని రైల్వే స్టేషన్లకు విస్తరిస్తున్నట్లు దక్షిణ మధ్య రైల్వే ప్రకటించింది. ఇప్పటికే అన్ని స్టేషన్లకు డివైజులను పంపించామని, దశలవారీగా మరికొన్ని రోజుల్లో అన్ని స్టేషన్లలో ఈ సేవలు అందుబాటులోకి రానున్నాయని తెలిపింది. ఈ విషయంలో కీలకంగా వ్యవహరించిన కమర్షియల్‌, టెక్నికల్‌ సిబ్బందిని దక్షిణ మధ్య రైల్వే మేనేజర్‌ అరుణ్‌ కుమార్‌ జైన్‌ కొనియాడారు. ఈ సేవలను సద్వినియోగం చేసుకోవాలని ప్రయాణికులకు సూచించారు.

Mettur Dam’s Water Level Rises By 30ft In Seven Days
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The water level in the Stanley Reservoir at Mettur dam rose by 30 feet in a span of seven days (from July 15 to July 22), following the release of water by Karnataka from the Krishnaraja Sagar and Kabini dams.

Karnataka released water at the rate of 20,000 cusecs into the river Cauvery on July 14. Later, they increased it up to 80,000 cusecs.

Mettur dam’s water level increased steadily as the inflow level was higher than the outflow level. A water resources department official said the water level at the dam was 44.62 feet against its full capacity of 120 feet.

It crossed 75 feet on Monday. The inflow was measured at a rate of 64,033 cusecs while the discharging rate for drinking water purposes is being maintained at 1,000 cusecs” he added.

An official from the Central Water Commission said officials in Karnataka reduced the water discharging level from 80,000 cusecs to 63,101 cusecs on Monday. While water was released from the KRS dam at the rate of 35,917 cusecs, the rest was released from the Kabini dam.

“The water inflow level at Biligundlu - the entry point of Tamil Nadu for the Cauvery River in Krishnagiri district, measured at the rate of 65,000 cusecs on Monday evening,” he said.

Meanwhile, the Dharmapuri district administration continued the ban on bathing, fishing, and coracle riding at Hogenakkal for the seventh day on Monday. District collector K Santhi imposed the ban on July 15 due to the increased inflow of water in the river.

Discover the recent rise in water levels at Pillur, Siruvani, and Aliyar dams in Coimbatore. Heavy rainfall has led to a substantial increase, ensuring a steady water supply for the region. Stay informed about the water management efforts for the districts.

Read about the rising water levels in the Godavari river, affecting several mandals in ASR district. Transportation disruptions between Andhra Pradesh and Odisha due to heavy rains. Stay updated on the relief efforts and NDRF team deployments in the affected areas.

Discover how recent heavy rainfall is filling up the KRS dam in Kodagu and Mysuru districts. Find out about flood warnings and the impact on the Cauvery basin in Karnataka.

भारत में मस्क की इस कंपनी की एंट्री से पहले सरकार ने रखी बड़ी शर्त, जानें क्या कहा
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एलन मस्क की स्टारलिंक कंपनी भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस शुरू करने वाली है। देश की दिग्गज टेलीकॉम कंपनी एयरटेल और एलन मस्क की फर्म स्पेसएक्स ने स्टारलिंक की हाई-स्पीड इंटरनेट सर्विसेज को भारत में लाने के लिए एग्रीमेंट किया है। इसके पहले केंद्र सरकार ने स्टारलिंक के सामने कुछ शर्तें रखी हैं।केंद्र सरकार ने एलन मस्क के सैटेलाइट वेंचर स्टारलिंक को भारत में एक कंट्रोल सेंटर स्थापित करने को कहा है, ताकि कानून और व्यवस्था बनाए रखा जा सके।

न्यूज वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह कंट्रोल सेंटर कानून और व्यवस्था बनाए रखने में मदद करेगा क्योंकि यह संवेदनशील क्षेत्रों में जरूरत पड़ने पर संचार सेवाओं को सस्पेंड करने या बंद करने में सक्षम होगा। सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि जब भी जरूरत होगी, सुरक्षा एजेंसियों के पास कुछ निर्धारित अधिकार होंगे, जो उन्हें आधिकारिक चैनलों के माध्यम से कॉल्स को इंटरसेप्ट करने की इजाजत देगा।

रिपोर्ट में कंट्रोल सेंटर के महत्व पर जोर देते हुए कहा गया है कि यह बहुत जरूरी है क्योंकि देश के किसी भी हिस्से में कानून और व्यवस्था की स्थिति में अचानक बदलाव के कारण संचार सेवाओं, जिसमें सैटेलाइट के जरिए दी जाने वाली सेवाएं भी शामिल हैं, को बंद करने की जरूरत पड़ सकती है। सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया कि हर बार इमरजेंसी के समय पर उनके दरवाजे खटखटाने या अमेरिका में उनके मुख्यालय से संपर्क करने की उम्मीद नहीं की जा सकती। स्टारलिंक ने सरकार को इस मामले को देखने का आश्वासन दिया है।

टेलीकॉम कानून के तहत एक प्रावधान है कि सार्वजनिक आपातकाल के मामले में, जिसमें आपदा प्रबंधन या सार्वजनिक सुरक्षा शामिल है, केंद्र और राज्य सरकार किसी अधिकृत संस्था से किसी भी टेलीकॉम सेवा या नेटवर्क का अस्थायी रूप से अपने कंट्रोल में ले सकती है।

यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब सैटेलाइट कम्युनिकेशन लाइसेंस के लिए स्टारलिंक की एप्लिकेशन लास्ट स्टेज में है। इसमें कंपनी मार्केटिंग, तैनाती और नेटवर्क बढ़ाने के लिए रिलायंस जियो और एयरटेल के साथ समझौते कर रही है।

भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस प्रोवाइड करने के लिए देश की दो बड़ी टेलिकॉम कंपनियां जियो और एयरटेल ने इलॉन मस्क की कंपनी स्टारलिंक के साथ करार किया है। समझौते के तहत, स्पेसएक्स और एयरटेल बिजनेस, शैक्षणिक संस्थानों, स्वास्थ्य सेवा केंद्रों और दूरदराज के क्षेत्रों में स्टारलिंक सर्विसेस देने के लिए मिलकर काम करेंगे। एयरटेल के मौजूदा नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर में स्टारलिंक टेक्नोलॉजी इंटीग्रेट करने की संभावनाएं तलाशी जाएंगी।

केजरीवाल की केंद्र के सामने उठाया मिडिल क्लास का मुद्दा, रखी ये 7 मांगें
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#7demandsfromarvindkejriwalcentralgovernment

दिल्ली में 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव होने हैं। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी तीसरी बार सत्ता वापसी के लिए पूरा जोर लगा रही है। आप ने इस चुनाव में जीत पक्की करने के ले हर एक वर्ग को साधने की कोशिश की है। आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने महिलाओं से लेकर बुजुर्गों और युवाओं तक पर दांव खेला है। अब केजरीवाल की नजर मिडिल क्लास पर है। इस बीच बुधवार को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया और देश के मिडिल क्लास को लेकर कई जरूरी मुद्दों पर बात की। इसके साथ ही केंद्र सरकार से 7 मांगें भी की हैं।

मिडिल क्लास केवल एटीएम बनकर रह गया-केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कई वादे धर्म और जाति के नाम पर किए जाते हैं। कई वादे समाज के निचले तबके के लिए किए जाते हैं। कई वादे उद्योगपतियों के लिए किए जाते है। कुछ लोग इनके वोट बैंक हैं। एक वर्ग इनके बीच में है जो पिसकर रह गया है। 75 सालों में एक के बाद एक दूसरी पार्टी सत्ता में आई। हर सरकार ने मिडिल क्लास को दबाकर रखा है। ये मिडिल क्लास के लिए करते कुछ नहीं है लेकिन टैक्स का हथियार चला देती है। मिडिल क्लास सरकार का एटीएम बनकर रह गया है।

मिडिल क्लास की आवाज उठाएगी आप-केजरीवाल

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मिडिल क्लास पर टैक्स का बोझ सबसे ज्यादा है। मिडिल क्लास को हमारे देश में सबसे ज्यादा परेशान किया जाता है। मिडिल क्लास वालों की 50 प्रतिशत से ज्यादा आमदनी टैक्स देने में चली जाती है। केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी सड़क से लेकर संसद तक मिडिल क्लास की आवाज उठाएगी। आने वाले बजट में आम आदमी पार्टी के सांसद मिडिल क्लास के मुद्दों को ही संसद में उठाएंगे।

मिडिल क्लास के लिए केजरीवाल की 7 मांगे

• शिक्षा का बजट 2 परसेंट से बढ़ाकर 10 प्रतिशत किया जाए।

• पूरे देश में प्राइवेट स्कूलों की फीस पर लगाम लगाई जाए, उच्च शिक्षा के लिए सब्सिडी दी जाए।

• स्वास्थ्य क्षेत्र का बजट भी बढ़ाया जाए और हेल्थ इंश्योरेंस से टैक्स भी कम किया जाए।

• इनकम टैक्स की छूट की सीमा को 7 लाख से बढ़ाकर 10 लाख किया जाए।

• आवश्यक वस्तुओं के ऊपर से जीएसटी खत्म की जाए।

• सीनियर सिटिजन्स के लिए मजबूत रिटायरमेंट प्लान और पेंशन योजना बनाई जाए। इसके साथ ही देशभर में वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त और अच्छा इलाज दिया जाए।

• बुजुर्गों को पहले रेलवे में किराए पर 50 प्रतिशत छूट मिलती थी, जो अब खत्म कर दी गई है, उसे दोबारा शुरू किया जाए।

आठवें वेतन आयोग को मिली मंजूरी, मोदी सरकार का केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा तोहफा
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#centralcabinetimplemented8thpaycommissioninnextyear

केंद्रीय कैबिनेट ने सरकारी कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने आठवां वेतन आयोग लागू करने का ऐलान कर दिया है। यह 2026 से लागू होगा। अभी तक कर्मचारियों को सातवें पे कमीशन के तहत वेतन मिलता था। सरकार की तरफ से 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दिए जाने की घोषणा बजट 2025 से महज कुछ ही दिन पहले हुई है।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि, हालांकि इसके कार्यान्वयन की सही तारीख अभी तक घोषित नहीं की गई है। कहा गया है कि साल 2026 में इसका गठन किया जा सकता है। उन्होंने दोहराया कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें पहले ही लागू की जा चुकी हैं। सरकार बाद में आयोग के बाकी डिटेल्स के बारे में जानकारी देगी। इसमें शामिल होने वाले सदस्यों की भी सूचना दी जाएगी।

एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनधारकों को मिलेगा लाभ

सरकार के इस कदम का इंतजार एक करोड़ से अधिक केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को था। ये अपने मूल वेतन, भत्ते, पेंशन और अन्य लाभों को संशोधित करने में मदद के लिए आयोग के गठन की आस लगाए थे। परंपरागत रूप से, केंद्रीय वेतन आयोग का गठन हर 10 साल में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतनमान, भत्ते और लाभों में बदलाव की समीक्षा और सिफारिश करने के लिए किया जाता है। यह आयोग महंगाई और आर्थिक स्थितियों जैसे कारकों को ध्यान में रखकर फैसला लेता है।

8वें वेतन आयोग के बाद सैलरी में आएगा जबरदस्त उछाल

8वें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में बड़ा इजाफा होगा। पे कमीशन की सिफारिशों पर कर्मचारियों की सैलरी रिवाइज की जाएगी। पे कमीशन के गठन के बाद सैलरी रिवाइज होगी। सरकार से मिली मंजूरी के बाद अब इसका गठन साल 2026 से पहले हो जाएगा। 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल खत्म होने के बाद इसकी सिफारिशें लागू हो सकेंगी। माना जा रहा है कि सातवें वेतन आयोग के मुकाबले 8वें वेतन आयोग में कई बदलाव संभव हैं। माना जा रहा है कि फिटमेंट फैक्टर में कुछ बदलाव हो सकते हैं।

जनवरी 2016 में लागू हुई थीं 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें

इससे पहले 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें, जिन्हें नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने जनवरी 2016 में लागू किया था। जिसकी अवधि 31 दिसंबर 2025 को खत्म हो जाएगी।

మరో 17 రైళ్లు రద్దు
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ఒడిశా తీరప్రాంతంలో ‘దానా’ తుఫాన్‌ కారణంగా దక్షిణమధ్య రైల్వే(South Central Railway) పలు మార్గాల్లో రైళ్లను రద్దు చేసింది. మంగళవారం 41 రైళ్లను రద్దు చేయగా.. తాజాగా మరో 17 రైళ్లను రద్దు చేసినట్లు ప్రకటించింది. కొత్తగా రద్దయిన రైళ్లు గురువారం నుంచి ఈనెల 29 వరకు నిలిపివేస్తున్నట్లు సీపీఆర్‌ఓ శ్రీధర్‌(CPRO Sridhar) తెలిపారు.

ఒడిశా తీరప్రాంతంలో ‘దానా’ తుఫాన్‌ కారణంగా దక్షిణమధ్య రైల్వే(South Central Railway) పలు మార్గాల్లో రైళ్లను రద్దు చేసింది. మంగళవారం 41 రైళ్లను రద్దు చేయగా.. తాజాగా మరో 17 రైళ్లను రద్దు చేసినట్లు ప్రకటించింది. కొత్తగా రద్దయిన రైళ్లు గురువారం నుంచి ఈనెల 29 వరకు నిలిపివేస్తున్నట్లు సీపీఆర్‌ఓ శ్రీధర్‌(CPRO Sridhar) తెలిపారు.

రద్దయిన రైళ్ల సమాచారం కోసం దక్షిణమధ్యరైల్వే(South Central Railway) పరిధిలోని 17 ముఖ్యమైన స్టేషన్లలో సహాయక కేంద్రాలను ఏర్పాటు చేసినట్లు పేర్కొన్నారు.

హైదరాబాద్‌, సికింద్రాబాద్‌, ఖాజీపేట్‌, ఖమ్మం(Hyderabad, Secunderabad, Khajipet, Khammam), సామర్లకోట, వరంగల్‌, నెల్లూరు, విజయవాడ, రాజమండ్రి, అనకాపల్లి, ఏలూరు, గూడూరు, నిడదవోలు, ఒంగోలు, తిరుపతి, రేణిగుంట, డోన్‌ స్టేషన్ల(Guduru, Nidadavolu, Ongolu, Tirupati, Renigunta, Don stations)లోని హెల్ప్‌లైన్‌ సెంటర్లు 24 గంటలపాటు ప్రయాణికులకు అవసరమైన సమాచారాన్ని అందిస్తాయని వెల్లడించారు.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर भारत सरकार ने 8 सड़क खंडों के विकास के लिए स्वीकृत किए 892 करोड़ रुपए
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रायपुर-    केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ में आठ सड़क खंडों के विकास के लिए 892 करोड़ 36 लाख रुपए मंजूर किए हैं। इस राशि से राज्य के छह जिलों में करीब 324 किलोमीटर सड़कों के विकास और उन्नयन के कार्य किए जाएंगे।

भारत सरकार ने आज राशि स्वीकृति का आदेश राज्य शासन के लोक निर्माण विभाग के सचिव को भेजा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य में सड़कों के विकास के लिए इतनी बड़ी राशि देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को धन्यवाद दिया है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सीआरआईएफ (Central Road & Infrastructure Fund) से मंजूर की गई इस राशि के लिए भारत सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य में सड़कों के निर्माण में केंद्र सरकार का लगातार सहयोग मिल रहा है। इस राशि से बेमेतरा, मुंगेली, राजनांदगांव, जशपुर, बिलासपुर और खैरागढ़ जिले में आठ सड़क खंडों का चौड़ीकरण, मजबूतीकरण और उन्नयन होगा।

राज्य शासन के लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रदेश के छह जिलों में कुल 323.9 किलोमीटर सड़क खंडों के विकास के लिए इस साल 9 सितम्बर को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा गया था। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने विगत 30 सितम्बर को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उप मुख्यमंत्री अरुण साव के साथ नई दिल्ली में हुई बैठक में इस प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति दी थी। भारत सरकार द्वारा आज इसके लिए 892 करोड़ 36 लाख रुपए की स्वीकृति का आदेश जारी कर दिया गया है।

भारत सरकार द्वारा मंजूर की गई 892 करोड़ 36 लाख रुपए की राशि से बेमेतरा और मुंगेली जिले में नांदघाट-मुंगेली सड़क खंड में 39 किलोमीटर लंबाई और बेमेतरा-नवागढ़-मुंगेली सड़क खंड में 43 किलोमीटर लंबाई का चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण किया जाएगा। राजनांदगांव जिले के डोंगरगांव-चौकी-मोहला मानपुर सड़क खंड में 96.2 किलोमीटर, जशपुर जिले के बागबहार-कोतबा सड़क खंड में 13.5 किलोमीटर, लुड़ेंग-तपकरा-लावाकेरा सड़क खंड में 41 किलोमीटर और जशपुर-आस्टा-कुसमी सड़क खंड में 28 किलोमीटर लंबाई के मजबूतीकरण का कार्य भी इनमें शामिल हैं। बिलासपुर जिले के सिरगिट्टी-सरवानी-पसीद-अमलडिहा-बरतोरी-दगोरी सड़क खंड के 32.8 किलोमीटर तथा राजनांदगांव और खैरागढ़ जिले के राजनांदगांव-कवर्धा-पोंडी सड़क खंड के 30.4 किलोमीटर का चौड़ीकरण और मजबूतीकरण का कार्य भी इस राशि से किया जाएगा।

पीडब्ल्यूडी के प्रस्ताव पर केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 6 जिलों में 324 किमी सड़क के विकास के लिए मंजूर की राशि
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रायपुर-   उप मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण मंत्री अरुण साव ने भारत सरकार द्वारा आठ सड़क खंडों के लिए 892 करोड़ 36 लाख रुपए स्वीकृत करने पर छत्तीसगढ़ के तीन करोड़ लोगों की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के प्रति आभार व्यक्त किया है। राज्य शासन के लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रदेश के छह जिलों में कुल 323.9 किलोमीटर सड़क खंडों के विकास के लिए इस साल 9 सितम्बर को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा गया था। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने विगत 30 सितम्बर को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उप मुख्यमंत्री अरुण साव के साथ नई दिल्ली में हुई बैठक में इस प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति दी थी।

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को अपने ‘एक्स’ हैंडल पर भारत सरकार द्वारा इन प्रस्तावों को मंजूर किए जाने की जानकारी साझा की है। उन्होंने लिखा है कि छत्तीसगढ़ के बेमेतरा, मुंगेली, राजनांदगांव, जशपुर, बिलासपुर और खैरागढ़ जिलों में आठ राज्य सड़क खंडों के विकास के लिए सीआरआईएफ (Central Road Infrastructure Fund) से वित्तीय वर्ष 2024-25 में 892 करोड़ 36 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई है।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बताया कि भारत सरकार द्वारा सीआरआईएफ से मंजूर की गई इस राशि से बेमेतरा और मुंगेली जिले में नांदघाट-मुंगेली सड़क खंड और बेमेतरा-नवागढ़-मुंगेली सड़क खंड का चौड़ीकरण एवं मजबूतीतकण किया जाएगा। राजनांदगांव जिले के डोंगरगांव-चौकी-मोहला मानपुर सड़क खंड, जशपुर जिले के बागबहार-कोतबा सड़क खंड, लुड़ेंग-तपकरा-लावाकेरा सड़क खंड और जशपुर-आस्टा-कुसमी सड़क खंड के मजबूतीकरण का कार्य भी इनमें शामिल हैं। उन्होंने बताया कि बिलासपुर जिले के सिरगिट्टी-सरवानी-पसीद-अमलडिहा-बरतोरी-दगोरी सड़क खंड तथा राजनांदगांव और खैरागढ़ जिले के राजनांदगांव-कवर्धा-पोंडी सड़क खंड के चौड़ीकरण और मजबूतीकरण का कार्य भी इस राशि से किया जाएगा। श्री साव ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ का चहुंमुखी विकास हमारी प्राथमिकता है। राज्य में सड़कों के निर्माण में केंद्र सरकार का लगातार सहयोग मिल रहा है।

CBSE Sample Paper - Is Now Out
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Attention, Students!

This is to inform you that the Central Board of Secondary Education has released sample papers for Class 10th and 12th students for the upcoming exams, which will take place in the academic years 2024 - 2025. So, start your exam preparations without any further delay.

Most importantly, these sample papers are now available on the Sarthaks website as well. If you're preparing for your upcoming board examinations, these sample papers will be very useful. They provide valuable insights into the exam format, relevant question patterns, and an indication of expected grading schemes. This means you can get a head start on your preparation and feel completely confident on exam day.

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अग्निपथ योजना में हो सकता है बड़ा बदलाव, क्या दबाव में है केंद्र सरकार?
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#agnipathschemecentralgovtplanningtochange

केंद्र सरकार की बहुचर्चित अग्निपथ योजना को लेकर बड़ी जानकारी सामने आ रही है। सरकारी कर्मचारियों को यूनिफाइड पेंशन स्कीम का तोहफा देने के बाद मोदी सरकार की ओर से अग्निपथ योजना में भी बड़ा बदलाव करने की खबर सामने आ रही है। दरअसल, लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा से लोगों की नाराजगी का बड़ा कारण अग्निपथ योजना भी थी। बीजेपी के नुकसान का इसे भी एक बड़ा कारण माना जा रहा था। जिसको लेकर केन्द्र सरकार ने अब काम शुरू कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार योजना में बदलाव का विचार कर रही है, जिसके तहत सेना में अग्निवीरों की संख्या बढ़ाने, उनके पात्रता और वेतन को लेकर भी फैसला लिया जाएगा।

रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक केंद्र ने अग्निपथ भर्ती योजना में बदलाव करने की योजना बनाई है। इस बदलाव में सेना में अग्निवीरों को स्थाई तौर से रखने का हिस्सा बढ़ाया सकता है। इसके साथ ही वेतन और योग्यता की शर्तों में भी बदलाव किया जा सकता है। इन बदलावों का मकसद अग्निपथ योजना के पूरे ढांचे और लाभों में सुधार करना है। जिसकी विपक्ष आलोचना कर रहा है। सेना में भर्ती होने के इच्छुक लोगों का एक बड़ा तबका भी इस योजना के खिलाफ है।

क्या-क्या हो सकते हैं बदलाव?

सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, जमीन पर लड़ाकू ताकत बनाए रखने के लिए एक चौथाई बहुत कम संख्या है। सेना ने सिफारिश की है कि चार साल के अंत में अग्निवीरों का प्रतिशत बढ़कर लगभग 50 फीसद हो जाना चाहिए।अभी केवल 25 प्रतिशत अग्निवीरों को ही प्रारंभिक सेवा अवधि के बाद रखा जाता है, जबकि सैन्य विशेषज्ञ यह संख्या अपर्याप्त मानते हैं। इसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने का विचार है। हालांकि अभी तक इसको लेकर कोई ऑफिशियल ऐलान नहीं किया गया है।

क्या है अग्निपथ योजना?

अग्निपथ योजना को जून 2022 में लागू किया गया था। इसके तहत सेना के तीनों अंगों में साढ़े 17 साल से 23 साल के युवाओं को 4 साल के लिए सेना में भर्ती किया जाता है।इन्हें अग्रिवीर कहा जाता है। 4 साल बाद इनमें से 25 प्रतिशत को स्थायी, जबकि बाकी 75 प्रतिशत को सेवा मुक्त कर दिया जाता है।अग्रिवीरों का वेतन नियमित भर्ती किए जवानों की तुलना में कम होता है और इन्हें पेंशन नहीं मिलेगी।

రైల్వే ప్రయాణికులకు గుడ్‌న్యూస్‌.. స్టేషన్లలో QR కోడ్‌తో ఇక పేమెంట్స్‌..
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రైల్వే ప్రయాణికులకు గుడ్‌న్యూస్‌.. స్టేషన్లలో QR కోడ్‌తో ఇక పేమెంట్స్‌

సికింద్రాబాద్‌: రైల్వే టికెట్‌ కౌంటర్ల వద్ద టికెట్ల (Train ticket) కొనుగోలు ఇకపై సులభతరం కానుంది. క్యూఆర్‌ కోడ్‌ (QR code) ద్వారా డిజిటల్‌ చెల్లింపులు చేసే సదుపాయం అందుబాటులోకి తీసుకొచ్చినట్లు దక్షిణ మధ్య రైల్వే (South central railway) వెల్లడించింది. దీంతో ప్రయాణికులకు టికెట్ కొనుగోలులో చిల్లర కష్టాలు తీరనున్నాయి. తొలుత ప్రధాన రైల్వే స్టేషన్లలోనే ఈ సదుపాయం ఉండగా.. ఇప్పుడు అన్ని స్టేషన్లకూ విస్తరించినట్లు దక్షిణ మధ్య రైల్వే ఓ ప్రకటనలో పేర్కొంది.

రైల్వే స్టేషన్లలోని జనరల్‌ బుకింగ్‌, రిజర్వేషన్‌ కౌంటర్లలో క్యూఆర్‌ కోడ్‌ను ఉపయోగించి ఇకపై డిజిటల్‌ చెల్లింపులు చేయొచ్చని దక్షిణ మధ్య రైల్వే పేర్కొంది. ఇందుకోసం అన్ని స్టేషన్లలోని టికెట్ విండో వద్ద ప్రత్యేక డివైజ్‌ను ఉంచుతున్నట్లు తెలిపింది. ప్రయాణికుడికి సంబంధించిన అన్ని వివరాలూ కంప్యూటర్‌లో ఎంటర్‌ చేశాక.. ఆ డివైజ్‌లో క్యూఆర్‌ కోడ్‌ ప్రత్యక్షమవుతుంది. దాన్ని యూపీఐ యాప్స్‌ వినియోగించి చెల్లింపులు చేయొచ్చు. పేమెంట్ పూర్తవ్వగానే టికెట్‌ను అందిస్తారు.

సికింద్రాబాద్‌ వంటి ప్రధాన రైల్వే స్టేషన్లకే పరిమితమైన క్యాష్‌లెస్‌ సదుపాయాన్ని జోన్‌ పరిధిలోని అన్ని రైల్వే స్టేషన్లకు విస్తరిస్తున్నట్లు దక్షిణ మధ్య రైల్వే ప్రకటించింది. ఇప్పటికే అన్ని స్టేషన్లకు డివైజులను పంపించామని, దశలవారీగా మరికొన్ని రోజుల్లో అన్ని స్టేషన్లలో ఈ సేవలు అందుబాటులోకి రానున్నాయని తెలిపింది. ఈ విషయంలో కీలకంగా వ్యవహరించిన కమర్షియల్‌, టెక్నికల్‌ సిబ్బందిని దక్షిణ మధ్య రైల్వే మేనేజర్‌ అరుణ్‌ కుమార్‌ జైన్‌ కొనియాడారు. ఈ సేవలను సద్వినియోగం చేసుకోవాలని ప్రయాణికులకు సూచించారు.

Mettur Dam’s Water Level Rises By 30ft In Seven Days
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The water level in the Stanley Reservoir at Mettur dam rose by 30 feet in a span of seven days (from July 15 to July 22), following the release of water by Karnataka from the Krishnaraja Sagar and Kabini dams.

Karnataka released water at the rate of 20,000 cusecs into the river Cauvery on July 14. Later, they increased it up to 80,000 cusecs.

Mettur dam’s water level increased steadily as the inflow level was higher than the outflow level. A water resources department official said the water level at the dam was 44.62 feet against its full capacity of 120 feet.

It crossed 75 feet on Monday. The inflow was measured at a rate of 64,033 cusecs while the discharging rate for drinking water purposes is being maintained at 1,000 cusecs” he added.

An official from the Central Water Commission said officials in Karnataka reduced the water discharging level from 80,000 cusecs to 63,101 cusecs on Monday. While water was released from the KRS dam at the rate of 35,917 cusecs, the rest was released from the Kabini dam.

“The water inflow level at Biligundlu - the entry point of Tamil Nadu for the Cauvery River in Krishnagiri district, measured at the rate of 65,000 cusecs on Monday evening,” he said.

Meanwhile, the Dharmapuri district administration continued the ban on bathing, fishing, and coracle riding at Hogenakkal for the seventh day on Monday. District collector K Santhi imposed the ban on July 15 due to the increased inflow of water in the river.

Discover the recent rise in water levels at Pillur, Siruvani, and Aliyar dams in Coimbatore. Heavy rainfall has led to a substantial increase, ensuring a steady water supply for the region. Stay informed about the water management efforts for the districts.

Read about the rising water levels in the Godavari river, affecting several mandals in ASR district. Transportation disruptions between Andhra Pradesh and Odisha due to heavy rains. Stay updated on the relief efforts and NDRF team deployments in the affected areas.

Discover how recent heavy rainfall is filling up the KRS dam in Kodagu and Mysuru districts. Find out about flood warnings and the impact on the Cauvery basin in Karnataka.