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सिसोदिया और जैन पर होगी एफआईआर, राष्ट्रपति ने दी मंजूरी, 1300 करोड़ के क्लासरूम घोटाले का आरोप
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#president_approves_registration_fir_against_sisodia_satyendar_jain

दिल्ली सरकार में पूर्व मंत्री मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन पर भ्रष्टाचार के आरोपों में जांच का शिकंजा कसता जा रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली सरकार के स्कूलों में क्लास रूम के निर्माण में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए पूर्व आम आदमी पार्टी के मंत्रियों मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के खिलाफ जांच की मंजूरी दे दी है। यह मामला कथित 1300 करोड़ रुपये के क्लासरूम घोटाले से जुड़ा है। बीजेपी के कार्यकर्ताओं हरीश खुराना, कपिल मिश्रा और नीलकंठ बख्शी ने जुलाई 2019 में शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें 12,748 कक्षाओं के निर्माण में 1300 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले का आरोप लगाया गया था।

दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय ने इस घोटाले की जांच सिफारिश की थी और मुख्य सचिव को रिपोर्ट सौंपी थी। राष्ट्रपति की ओर से हरी झंडी के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दोनों आप नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत जांच की अनुमति दे दी है। यह मंजूरी दिल्ली के उपराज्यपाल सचिवालय को भेज दी गई है।

सीवीसी ने फरवरी 2020 में इस मामले पर अपनी टिप्पणी मांगने के लिए डीओवी को रिपोर्ट भेजी थी, लेकिन आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने दो-ढाई साल तक इस मामले को आगे नहीं बढ़ाया, जब तक कि लेफ्टिनेंट गवर्नर वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव को इस साल अगस्त में देरी की जांच करने का निर्देश नहीं दिया और इस संबंध में एक रिपोर्ट प्रस्तुत की।

दिल्ली सरकार में शिक्षा मंत्री रहे मनीष सिसोदिया ने सरकारी स्कूलों का कायाकल्प करने की योजना के अंतर्गत 193 स्कूलों में 2400 से अधिक कक्षाओं का निर्माण कराया था। निर्माण की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी को सौंपी गई थी। केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने 17 फरवरी 2020 की एक रिपोर्ट में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की ओर से दिल्ली सरकार के स्कूलों में 2,400 से अधिक कक्षाओं के निर्माण में घोर अनियमितताओं को उजागर किया।

अगस्त 2024 में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव को देरी की जांच करने और इस संबंध में एक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। अप्रैल 2015 में उस समय के सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में अतिरिक्त कक्षाओं के निर्माण का निर्देश दिया था। पीडब्ल्यूडी को 193 स्कूलों में 2405 कक्षाओं के निर्माण का काम सौंपा गया था। पीडब्ल्यूडी ने कक्षाओं की आवश्यकता का पता लगाने के लिए एक सर्वे किया। सर्वे के आधार पर, 194 स्कूलों में 7180 समतुल्य कक्षाओं (ईसीआर) की कुल आवश्यकता का अनुमान लगाया गया। यह 2405 कक्षाओं की आवश्यकता का लगभग तीन गुना था।

बीजेपी को अगले महीने मिलेगा नया “मुखिया”, रेस में दक्षिण के ये 3 दिग्गज
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#bjppresidentracefocuson_south

भारतीय जनता पार्टी को जल्द ही नया अध्यक्ष मिलने वाला है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के कार्यकाल के कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। अगले महीने बीजेपी की कमान नए हाथों में जा सकती है। सूत्रों का कहना है कि होली के बाद बीजेपी को नया अध्यक्ष मिल जाने की पूरी संभावना है। हरियाणा, महाराष्ट्र और फिर दिल्ली में ऐतिहासिक जीत के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर कयासबाजी तेज हो गई है। इसको लेकर कई नामों की चर्चा हो रही है। इस दौड़ में दक्षिण भारत के नेताओं के नाम भी की चर्चा है। आश्चर्यजनक तौर पर दक्षिण भारत से बीजेपी के नए राष्ट्रीय के आने की संभावना व्यक्त की जा रही है। इसको लेकर तीन नेताओं के नामों की चर्चा हो रही है।

बीजेपी अध्यक्ष पद की दौड़ में दक्षिण से जिन 3 नामों की प्रमुखता से चर्चा चल रही है, कोयला एवं पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्‌डी, लोकसभा सदस्य और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंडी संजय कुमार और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी का नाम लिया जा रहा है। इनमें रेड्‌डी और बंडी संजय कुमार दोनों तेलंगाना से आते हैं जबकि जोशी कर्नाटक से ताल्लकु रखते हैं।

जी किशन रेड्डी

वर्तमान में केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी, तेलंगाना के प्रभावशाली नेता माने जाते हैं। वह पहले तेलंगाना बीजेपी अध्यक्ष भी रह चुके हैं और संगठन के कामकाज में उनकी सक्रियता रही है। रेड्डी का ओबीसी समुदाय से आना और संगठन पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें इस दौड़ में एक मजबूत उम्मीदवार बनाता है। तेलंगाना में हाल ही में हुए चुनावों में बीजेपी ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जिसमें रेड्डी की रणनीतिक भूमिका रही। वह 2019 से लगातार केंद्र में मंत्री हैं। रेड्डी पीएम मोदी के पुराने विश्वस्त हैं। मोदी 1994 में अमरीका गए थे तो रेड्डी भी साथ थे।

बंडी संजय कुमार

बंडी संजय कुमार इस समय केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हैं। तेलंगाना की करीमनगर सीट से 2019 से लगातार सांसद हैं, हालांकि वह बीच में विधायकी का चुनाव हार गए थे। वह केंद्रीय मंत्री के साथ राष्ट्रीय महासचिव भी हैं। बंडी तेलंगाना अध्यक्ष भी रहे हैं। उन्होंने बतौर प्रदेश अध्यक्ष कई आक्रामक आंदोलन किए। जिससे बीजेपी को तेलंगाना में नई पहचान मिली। उनका जमीनी संगठन कौशल और कार्यकर्ताओं में लोकप्रियता उन्हें इस रेस में आगे रखती है। बंडी एबीवीपी के जरिये राजनीति में आए हैं। तमिलनाडु में भी पकड़ रखते हैं। हिंदुत्व और ओबीसी दोनों समीकरण साधते हैं।

प्रह्लाद जोशी

तीसरे बड़े दावेदार प्रह्लाद जोशी हैं जो इस समय केंद्रीय उपभोक्ता मामले मंत्री हैं। कर्नाटक से आने वाले जोशी ब्राह्मण समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और पार्टी में सीनियर नेता माने जाते हैं। वह बीजेपी के ऐसे चेहरे हैं, जो सरकार, संगठन और संसदीय मामले, तीनों के माहिर माने जाते हैं। कर्नाटक में बीजेपी के सत्ता से बाहर होने के बाद अब पार्टी राज्य में दोबारा वापसी की रणनीति बना रही है। जोशी का अनुभव और सरकार के साथ उनकी अच्छी तालमेल उन्हें एक मजबूत उम्मीदवार बनाता है।

पहले भी दक्षिण से बने हैं राष्ट्रीय अध्यक्ष

बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए दक्षिण बारत के नेताओँ के नाम सामने आ रहे हैं। ऐसा नहीं है कि बीजेपी पहली बार पार्टी की कमान के लिए दक्षिण का रूख कर रही है। पहले भी दक्षिण भारत से बीजेपी के अध्यक्ष रह चुके हैं। अभी तक की लिस्ट को देखें तो बीजेपी ने कुल 11 राष्ट्रीय अध्यक्षों में तीन दक्षिण भारत से आने नेताओं को इस कुर्सी पर बैठाया है। इनमें जे कृष्णमूर्ति, बंगारू लक्ष्मण और वेंकैया नायडू का नाम शामिल है।

क्यों दक्षिण से अध्यक्ष की चर्चा?

बता दें कि बीजेपी ने उत्तर और पश्चिम भारत में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है लेकिन दक्षिण भारत अभी भी एक चुनौती बना हुआ है। कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल में पार्टी को और विस्तार की जरूरत है। दक्षिण भारतीय राज्यों में बीजेपी का वोट शेयर अब भी कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों से पीछे है। ऐसे में पार्टी नेतृत्व किसी दक्षिण भारतीय नेता को कमान सौंपकर इस क्षेत्र में अपनी पकड़ को मजबूत करना चाहता है। बीजेपी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि 2026 में तमिलनाडु और केरल में चुनाव है। बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति में भविष्य में संभावित विस्तार को ध्यान में रखकर फैसला ले सकती है। इसमें तमिलनाडु राज्य पर बीजेपी विशेष फोकस कर सकती है। ऐसे में दक्षिण के नेता को राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद मिल सकता है।

गृह मंत्रालय ने सत्येंद्र जैन के खिलाफ केस चलाने की राष्ट्रपति से मांगी अनुमति, जानें पूरा मामला
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#homeministryseekspermissionfrompresidenttoprosecutesatyendar_jain 

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए राष्ट्रपति से अनुमति मांगी है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुबातिक, सूत्रों से खबर मिली है कि सत्येंद्र जैन के खिलाफ भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 218 के तहत मंजूरी मांगी गई है। इसके साथ ही आप नेता सत्येंद्र जैन की मुश्किलें बढ़ गई है।

क्यों मांगी गई इजाजत

आप नेता सत्येंद्र जैन पर ट्रायल चलाने के लिए राष्ट्रपति से इजाजत इसीलिए मांगी गई है क्योंकि धारा 218, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के तहत, न्यायाधीशों, मजिस्ट्रेटों, पब्लिक सर्वेंट और सशस्त्र बलों के सदस्यों को आधिकारिक कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए किए गए अपराधों के अभियोजन के लिए सुरक्षा देते हैं। यह प्रावधान सुनिश्चित करते हैं कि सरकारी अधिकारियों के खिलाफ मुकदमे बिना उचित जांच-पड़ताल और सरकारी मंजूरी के न चलाए जाएं। हालांकि, कुछ मामलों में समय सीमा और अपवाद दिए गए हैं ताकि न्याय में देरी न हो।

सत्येंद्र जैन पर क्या मामला था दर्ज*

आप नेता सत्येंद्र जैन पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज है। उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला अगस्त 2017 के उस केस से जुड़ा है, जिसमें सीबीआई ने आप नेता पर आय से अधिक संपत्ति रखने के लिए एफआईआर दर्ज की थी। इसके बाद दिसंबर 2018 में सीबीआई ने आरोपपत्र दाखिल किया था, जिसमें कहा गया था कि आप नेता की संपत्ति 1.47 करोड़ रुपये थी, जो 2015-17 के बीच जैन की इनकम सोर्सेंज से लगभग 217 फीसदी ज्यादा थी।

सत्येंद्र जैन को प्रवर्तन निदेशायल (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 30 मई, 2022 को गिरफ्तार किया था। दिल्ली राउज एवेन्यू कोर्ट ने 18 अक्तूबर, 2024 को उन्हें यह कहते हुए जमानत दे दी थी कि केस का ट्रायल जल्द पूरा होने की उम्मीद नहीं है। तब से वो जमानत पर रिहा हैं। जैन के तिहाड़ जेल में रहते मसाज करने का वीडियो वायरल हुआ था।

मुसलमानों का डर दूर करना है…”मौलाना साजिद रशीदी ने बताया क्यों दिया बीजेपी को वोट
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#ivotebjpforfirsttimeinmylifeallindiaimamassociationpresidentsajid_rashidi

दिल्ली में विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद अब सभी को चुनाव परिणाम का इतंजार है। चुनाव खत्म होने के बाद ज्यादातर एग्जिट पोल भाजपा के पक्ष में परिणाम बता रहे हैं। इसी बीच ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन (एआईआईए) के अध्यक्ष साजिद रशीदी ने एक बेहद चौंकाने वाला बयान दिया है और दावा किया है ‌उन्होंने इस बार जिंदगी में पहली बार बीजेपी को वोट दिया है।

जिंदगी में पहली बार बीजेपी को किया वोट- मौलाना साजिद

एआईआईए अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर दावा किया कि उन्होंने जिंदगी में पहली बार बीजेपी को वोट किया है। अपनी स्याही वाली उंगली दिखाते हुए उन्होंने कहा, "दिल्ली में किसकी सरकार बनेगी, इसके लिए मैंने वोट कर दिया है। यह वोट किसको दिया है, यह जान कर आपको बहुत हैरानी होगी।" उनके इस बयान से सियासी हलचल तेज हो गई है।

भाजपा के नाम पर मुसलमानों में डर पैदा किया जा रहा- मौलाना साजिद

मौलाना साजिद रशीदी ने कहा, "मैंने दिल्ली चुनाव में भाजपा को वोट दिया है और अपना वीडियो वायरल किया है क्योंकि भाजपा के नाम पर मुसलमानों में डर पैदा किया जा रहा है और विपक्षी दल कहते हैं कि मुसलमान भाजपा को वोट न दें। मुसलमानों के दिमाग में यह बात बैठा दी गई है कि भाजपा को हराओ, नहीं तो अगर वे सत्ता में आए तो मुसलमानों के अधिकार छीन लिए जाएंगे। मैंने मुसलमानों के मन से उस डर को निकालने के लिए (भाजपा को) वोट दिया है। अगर दिल्ली में भाजपा की सरकार बनती है तो मैं मुसलमानों को दिखाऊंगा कि मुसलमानों के कौन से अधिकार छीने गए हैं।"

धारणा बन गई है कि मुसलमान बीजेपी के खिलाफ- मौलाना साजिद

मौलाना साजिद कहते हैं कि एक धारणा बन गई है कि मुसलमान केवल बीजेपी को हराने के लिए वोट करते हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि यह पहली बार है जब उन्होंने बीजेपी को वोट दिया है। साल 2014 में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के दौरान कहा था कि मुसलमान बीजेपी को वोट नहीं देंगे। हालांकि, मौजूदा समय में उन्होंने महसूस किया कि मुसलमानों को इतना डरा दिया गया है कि वे डर और सहमकर जीवन जी रहे हैं। उनका मानना है कि बीजेपी को वोट देने से इस डर का सामना किया जा सकता है।

बीजेपी को वोट देकर ये संदेश देने की कोशिश- मौलाना साजिद

मौलाना का यह भी कहना है कि जब हम किसी नेता को वोट देते हैं, तो हमें उनसे सवाल पूछने का अधिकार मिलता है। आज बीजेपी कहती है कि वह मुसलमानों के लिए काम क्यों करे? क्योंकि मुसलमान उन्हें वोट नहीं देते। इसलिए उन्होंने बीजेपी को वोट देकर यह संदेश देने की कोशिश की है कि मुसलमान भी बीजेपी का समर्थन कर सकते हैं और उनसे अपने अधिकारों की मांग कर सकते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि मुझे धमकियां मिल रही हैं और आरोप लगाया जा रहा है कि मैं भाजपा के हाथों बिक गया हूं। ऐसा कुछ नहीं है, मैं भाजपा के किसी नेता से भी नहीं मिला हूं। मेरे खिलाफ मामले दर्ज हैं। मेरा एकमात्र उद्देश्य मुसलमानों के दिल और दिमाग से डर को निकालना है।

*occasion of The Cricket Association of Bengal’s 97th Foundation Day*
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Khabar kolkata sports Desk: On the occasion of The Cricket Association of Bengal’s 97th Foundation Day, CAB President Snehasish Ganguly hoisted the association colours at the Eden Gardens on Tuesday in presence of CAB Vice President Amalendu Biswas, CAB Hony Secretary Naresh Ojha, former CAB office bearer Bablu Koley, CAB member Robi Mitra, former CAB President and current IPL Governing Council member Abhishek Dalmiya and other CAB officials, members.

राष्ट्रपति को लेकर सोनिया के बयान पर बवाल, बीजेपी ने कहा-सर्वोच्च पद पर बैठी आदिवासी महिला का अपमान
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#bjpreactssoniagandhipoorladyremarksonpresidentdroupadimurmu

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेकर सोनिया गांधी की टिप्पणी पर सियासी बवाल खड़ा हो गया है। बजट सत्र पर राष्ट्रपति के अभिभाषण को लेकर सोनिया ने द्रौपदी मुर्मू को Poor Lady कहा। अब इसे लेकर राजनीति गरमा गई है। सोनिया की इस टिप्पणी को लेकर ने बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधा है और माफी की मांग की है। बीजेपी ने कहा कि सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति का अपमान किया है। बता दें कि सोनिया गांधी ने संसद के बाहर राष्ट्रपति को पूअर कहा। वहीं, राहुल गांधी ने भी राष्ट्रपति के अभिभाषण को बोरिंग बताया।

राष्ट्रपति के लिए जानबूझकर ऐसे शब्दों का इस्तेमाल

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी के लिए सोनिया गांधी ने जिस वाक्य का इस्तेमाल किया, मैं और मेरे पार्टी के सभी कार्यकर्ता उसकी कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे शब्दों का जानबूझकर इस्तेमाल कांग्रेस पार्टी की गरीब-विरोधी और आदिवासी-विरोधी नेचर को दर्शाता है।नड्डा ने कहा कि संवैधानिक पद का अपमान करना कांग्रेस की पुरानी आदत है। मेरी मांग है कि कांग्रेस पार्टी राष्ट्रपति और भारत के आदिवासी समुदायों से बिना शर्त माफी मांगे। कांग्रेस आदिवासी समुदाय से भी माफी मांगे।

सोनिया और राहुल से क्या उम्मीद की जा सकती है- धर्मेंद्र प्रधान

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति का अपमान किया है। कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी और उनके बेटे और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के खिलाफ जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया, मैं उसकी कल्पना भी नहीं कर सकता। उनसे और क्या उम्मीद की जा सकती है?

सोनिया गांधी ने क्या कहा?

दरअसल, राष्ट्रपति के बजट अभिभाषण पर जब पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की प्रतिक्रिया लेने की कोशिश मीडिया ने की, तो उन्होंने सीधे तौर पर कोई जवाब नहीं दिया। इस दौरान वह अपने बेटे और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी और बेटी प्रियंका गांधी से बातचीत करती दिखीं। इस दौरान उन्होंने अभिभाषण को बोरिंग बताते हुए राष्ट्रपति के लिए पूअर लेडी शब्द का प्रयोग किया। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाषण के अंत तक राष्ट्रपति काफी थक गई थीं।

Poor Lady... अंत तक थक गई थीं', राष्ट्रपति मुर्मू के भाषण पर ये क्या बोल गईं सोनिया गांधी
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#gandhicalledpresidentdrapudimurmupoorlady

संसद का बजट सत्र शुक्रवार को आरंभ हो गया। बजट सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ हुई। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। उन्होंने सांसदों को संबोधित करते हुए देश को विकसित भारत का संदेश दिया। इसके साथ ही उन्होंने प्रयागराज महाकुंभ में हुए हादसे पर दुख जताया। राष्ट्रपति ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी श्रद्धांजलि दी। संसद के बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्हें पुअर लेडी यानी बेचारी महिला कह डाला।

राष्ट्रपति के बजट अभिभाषण पर जब पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की प्रतिक्रिया लेने की कोशिश मीडिया ने की, तो उन्होंने सीधे तौर पर कोई जवाब नहीं दिया। इस दौरान वह अपने बेटे और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी और बेटी प्रियंका गांधी से बातचीत करती दिखीं। इस दौरान उन्होंने अभिभाषण को बोरिंग बताते हुए राष्ट्रपति के लिए पूअर लेडी शब्द का प्रयोग किया। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाषण के अंत तक राष्ट्रपति काफी थक गई थीं।

दरअसल, राहुल गांधी और सोनिया गांधी आपस में ही बात कर रहे थे। राहुल ने अपनी मां से सवाल के दौरान राष्ट्रपति के अभिभाषण को बोरिंग बताया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पुरानी चीजों को ही रिपीट कर रही थीं। इसके बाद सोनिया ने कहा कि राष्ट्रपति काफी थक गई थीं। वो बड़ी मुश्किल से बोल पा रही थीं। खराब बातें बोली पूअर लेडी।

सरकार की उपलब्धियों बताईं

इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को बजट सत्र से पहले संसद के दोनों सदनों का संबोधित किया। इस संबोधन के दौरान उन्होंने सरकार की उपलब्धियों को गिनवाया। उन्होंने अपने भाषण के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने ‘सबका साथ, सबका विकास’ का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मेरी सरकार का मंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास है और इसी पर हम काम कर रहे हैं। राष्ट्र प्रथम की भावना से सरकार आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि सरकार वूमेन लेड डेवलपमेंट और महिलाओं के नेतृत्व में भारत को सशक्त बनाने में विशास करती है तथा नारी शक्ति वंदन अधिनियम इसी दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके अलावा सरकार महिलाओं के साथ युवाओं पर विशेष ध्यान केंद्रित कर रही है।

एक देश एक चुनाव के मुद्दे का जिक्र

राष्ट्रपति ने कहा कि ‘ एक राष्ट्र , एक चुनाव ’ और वक्फ (संशोधन) विधेयक जैसे कानूनों पर तेज गति से कदम आगे बढ़ाया है। उन्होंने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि भारत की विकास यात्रा के इस अमृतकाल को सरकार अभूतपूर्व उपलब्धियों के माध्यम से नई ऊर्जा दे रही है। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘एक राष्ट्र, एक चुनाव और वक्फ संशोधन विधेयक जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर तेज गति से कदम आगे बढ़ाया गया है।

सरकार का शिक्षा और रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के भाषण की बड़ी बातें
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#budgetparliamentsessionpresidentdroupadimurmuspeech

संसद के बजट सत्र आगाज हो गया है। आज सत्र का पहला दिन है। बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बजट सत्र से पहले अपने अभिभाषण में प्रयागराज महाकुंभ में हुए हादसे पर दुख जताया। उन्होंने कहा, देश में महाकुंभ का सांस्कृतिक पर्व भी चल रहा है। देश और दुनिया से आए करोड़ों श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। मौनी अमावस्या के दिन हुई हादसे पर दुख व्यक्त करती हूं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं। वहीं, राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने अभिभाषण में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए सरकार कई उपलब्धियों का जिक्र किया। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की विकास यात्रा के इस अमृतकाल को आज मेरी सरकार अभूतपूर्व उपलब्धियों के माध्यम से नई ऊर्जा दे रही है। राष्ट्रपति ने कहा कि मुद्रा लोन सीमा बढ़ाई गई है। वंदे भारत और नमो ट्रेनें चल रही हैं। मेरी सरकार ने तीसरी कार्यकाल ने सभी के आवास की पूर्ति के लिए ठोस कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री आवास का विस्तार करते हुए 3 करोड़ अतिरिक्त परिवारों को घर देने का फैसला किया गया है।

सरकार ने सवा दो लाख स्वामित्व कार्ड जारी किए- राष्ट्रपति मुर्मू

अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, मेरी सरकार गांव में गरीबों और उनकी आवासीय भूमि का हक देने के लिए प्रतिबद्ध है। अब तक 2 करोड़ 25 लाख स्वामित्व कार्ड जारी किए गए हैं। इनमें से 70 लाख स्वामित्व कार्ड पिछले 6 महीने जारी किए गए हैं।

भारत को ग्लोबल पावर हाउस बनाने का लक्ष्य- राष्ट्रपति मुर्मू

संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, विकसित भारत के निर्माण में किसान, जवान और विज्ञान के साथ ही अनुसंधान का बहुत अहम रोल होता है। हमारा लक्ष्य भारत को ग्लोबल पावर हाउस बनाना है। देश के शिक्षण संस्थानों में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए 50 हजार करोड़ की लागत से अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन स्थापित किया गया है।

भारत टेक्नॉलजी के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि दर्ज करा रहा- राष्ट्रपति मुर्मू

बजट सत्र से पहले राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, आज भारत टेक्नॉलजी के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि दर्ज करा रहा है। भारत की यूपीआई तकनीक की सफलता से दुनिया के कई देश देख रहे हैं। मेरी सरकार ने डिजिटल तकनीक को सामाजिक न्याय और सफलता के एक टूल के रूप में इस्तेमाल कर रही है। भारत में छोटे से छोटा दुकानदार भी इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं।

सरकार ने व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा दिया- राष्ट्रपति मुर्मू

संसद में अपने संयुक्त संबोधन में राष्ट्रपति मुर्मू ने भारत में एआई के लिए सरकार की योजना पर चर्चा की। उन्होंने कहा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में भारत के योगदान को आगे बढ़ाते हुए, “भारत एआई मिशन” शुरू किया गया है। राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के साथ, भारत इस अग्रणी प्रौद्योगिकी में दुनिया के अग्रणी देशों में अपना स्थान बना सकेगा। कोविड और उसके बाद की स्थिति और युद्ध जैसी वैश्विक चिंताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था ने जो स्थिरता और लचीलापन दिखाया है, वह इसकी मजबूती का प्रमाण है। मेरी सरकार ने व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए।

मेट्रो नेटवर्क के मामले में भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश- राष्ट्रपति मुर्मू

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक परियोजना पूरी हो गई है और अब देश कश्मीर से कन्याकुमारी तक रेलवे लाइन से जुड़ जाएगा। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत चिनाब ब्रिज का निर्माण किया गया है, जो दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज है। भारत का मेट्रो नेटवर्क अब एक हजार किलोमीटर के मील के पत्थर को पार कर गया है। भारत अब मेट्रो नेटवर्क के मामले में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश बन गया है।

एशिया रैंकिंग में हमारे 163 विश्वविद्यालय शामिल- राष्ट्रपति मुर्मू

राष्ट्रपति ने कहा कि 'एशिया रैंकिंग में हमारे 163 विश्वविद्यालय शामिल हुए हैं। नालंदा विश्वविद्यालय के जरिए भारत का पुराना गौरव वापस लाया गया है। वो दिन दूर नहीं, जब भारत में निर्मित गगनयान में एक भारतीय अंतरिक्ष में जाएगा। कुछ दिन पहले इसरो ने स्पेस डॉकिंग की उपलब्धि हासिल की और हाल ही में इसरो ने सैटेलाइट लॉन्च में भी बड़ी उपलब्धि हासिल की। दिव्यांगों के लिए ग्वालियर में विशेष केंद्र खोला गया है। हाल ही में चेस में भी भारत ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है।

हमारा लक्ष्य भारत को इनोवेशन ग्लोबल पावरहाउस बनाना- राष्ट्रपति मुर्मू

राष्ट्रपति ने कहा कि हमारा लक्ष्य भारत को इनोवेशन ग्लोबल पावरहाउस बनाना है। अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए 10 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। राष्ट्रपति ने कहा मेरी सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से छात्रों के लिए एक आधुनिक शिक्षा प्रणाली तैयार कर रही है। कोई भी शिक्षा से वंचित न रहे, इसीलिए मातृभाषा में शिक्षा के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि तेरह भारतीय भाषाओं में विभिन्न भर्ती परीक्षाएं आयोजित करके भाषा की बाधाओं को भी दूर किया गया है। ओलंपिक हो या पैरालिंपिक, भारतीय टीमों ने हर जगह अच्छा प्रदर्शन किया है। फिट इंडिया मूवमेंट चलाकर हम मजबूत युवा शक्ति तैयार कर रहे हैं।

वाशिंगटन डीसी विमान हादसे में सभी 67 लोगों की मौत, जानें राष्ट्रपति ट्रंप ने किसे ठहराया जिम्मेदार
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अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में बुधवार रात यात्री विमान और हेलिकॉप्टर में हुई टक्कर में सभी 67 लोगों की मौत हो गई हैं। प्लेन में 4 क्रू मेंबर समेत 64 और हेलिकॉप्टर में 3 लोग सवार थे। अधिकारियों ने सभी की मौत की पुष्टि की है। डीसी के रीगन नेशनल एयरपोर्ट के पास यात्री विमान और सेना के हेलीकॉप्टर की भयावह टक्कर के बाद दोनों पोटोमैक नदी में गिर गए थे। हादसे को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने हेलिकॉप्टर के पायलट की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं। इसके साथ ही ट्रंप ने पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और जो बाइडन पर पर हवाई सुरक्षा मानकों को कम करने का आरोप लगाया है।

पिछले 25 साल के अमेरिकी इतिहास की ये सबसे घातक विमानन दुर्घटना है। हादसे के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की है। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, हवाई जहाज हवाई अड्डे के लिए एकदम सही जा रहा था। वो लंबे समय तक विमान की ओर सीधे जा रहा था। रात बिल्कुल साफ थी और विमान की लाइटें जल रही थीं। ऐसे में हेलीकॉप्टर मुड़ा क्यों नहीं। कंट्रोल टावर ने हेलीकॉप्टर को यह क्यों नहीं बताया कि उसे क्या करना है, बजाय इसके पूछा, क्या उन्हें विमान दिख रहा है। यह एक भयावाह स्थिति है जिसे रोका जाना चाहिए था, ये अच्छा नहीं है।

ट्रंप ने ओबामा-बाइडेन की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया

डोनाल्ड ट्रंप ने हादसे के लिए ओबामा और बाइडेन प्रशासन के दौरान लागू की गई डीईआई (विविधता, समानता और समावेश) की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया। ट्रंप के मुताबिक इन नीतियों की वजह से एयर हवाई सुरक्षा से जुड़े मानकों से समझौता किया गया, जिसके चलते ये हादसा हुआ। व्हाइट हाउस में प्रेस ब्रीफिंग के दौरान ट्रंप ने दावा किया डीईआई प्रोग्राम की वजह से फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन ने सुरक्षा को प्राथमिकता नहीं दी। ट्रंप ने पूर्व ट्रांसपोर्ट सेक्रेटरी पीट बटिगिएग पर एयर ट्रैफिक कंट्रोलर के पदों पर दिव्यांग और मानसिक समस्याओं से जूझ रहे लोगों को भर्ती करने का आरोप लगाया है। ट्रंप अमेरिका में डीईआई प्रोग्राम पर पहले ही रोक लगा चुके हैं।

ट्रंप ने नहीं दिया सबूत

हालांकि, ट्रंप ने इस बात का कोई सबूत नहीं दिया कि कथित अयोग्य लोगों को हवाई यातायात नियंत्रण जैसी अहम जिम्मेदारियों वाले पदों पर रखा जा रहा था। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि अभी तक ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है कि रीगन नेशनल एयरपोर्ट के हवाई यातायात नियंत्रकों ने कोई गलती की हो।

कैसे हुआ हादसा

बता दें कि अमेरिकी एयरलाइंस अमेरिकी ईगल्स का एक विमान बुधवार की रात करीब नौ बजे वॉशिंगटन डीसी में पोटोमैक नदी के ऊपर एक सैन्य हेलीकॉप्टर से हवा में टकरा गया। हादसे के वक्त विमान में 64 लोग सवार थे। हादसे का वीडियो सामने आया है, जिसमें दिख रहा है कि विमान और हेलीकॉप्टर की हवा में सीधे टक्कर हुई और तेज धमाके के साथ दोनों नदी में गिर गए। एयरलाइंस का विमान कंसास से वॉशिंगटन आ रहा था। जब विमान लैंड करने वाला था, उसी दौरान विमान अमेरिकी सेना के ब्लैकहॉक हेलीकॉप्टर से टकरा गया। सेना का हेलीकॉप्टर उस वक्त परीक्षण उड़ान पर था और उसमें तीन सैनिक सवार थे। हादसा व्हाइट हाउस से महज पांच किलोमीटर की दूरी पर हुआ।

ट्रंप भारत के दोस्त या दुश्मन? जानें विदेश मंत्री एस जयशंकर का जवाब
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अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप फिर से राष्ट्रपति बन चुके हैं। 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति पद की शपथ ली। ट्रंप की वापसी के बाद से ही दुनियाभर में हड़कंप मचा हुआ है। ट्रंप ने भारत का नाम लेकर भी धमकी दी है। ऐसे में भारत-अमेरिका संबंधों को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इस बीच उनके शपथ ग्रहण समारोह में शामिल भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत-अमेरिका के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंधों पर खुलकर बात की है।

जयशंकर ने भारत-अमेरिका के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंधों का उल्लेख करते हुए डोनाल्ड ट्रंप को लेकर अहम बात कही। जयशंकर ने ट्रंप को एक 'अमेरिकी राष्ट्रवादी' बताया। विदेश मंत्री जयशंकर दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज में एक कार्यक्रम में मौजूद थे। इस दौरान ट्रंप भारत के मित्र हैं या शत्रु, इस बारे में पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए जयशंकर ने कहा कि मैंने हाल ही में उनके (ट्रंप के) शपथ ग्रहण समारोह में भाग लिया था और हमारे साथ अच्छा व्यवहार किया गया। मेरा मानना है कि वह एक अमेरिकी राष्ट्रवादी हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि ट्रंप की नीतियां वैश्विक मामलों में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती हैं, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की विदेश नीति राष्ट्रीय हित से निर्देशित होती रहेगी।

जयशंकर ने कहा, ट्रंप बहुत सी चीजें बदलेंगे। हो सकता है कि कुछ चीजें उम्मीद के अनुरूप नहीं हों, लेकिन हमें देश के हित में विदेश नीतियों के संदर्भ में खुला रहना होगा। कुछ मुद्दे हो सकते हैं जिन पर हम एकमत न हों, लेकिन कई क्षेत्र ऐसे होंगे जहां चीजें हमारे दायरे में होंगी। जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रंप के बीच मजबूत व्यक्तिगत संबंधों पर भी जोर देते हुए कहा क‍ि अमेरिका के साथ हमारे संबंध मजबूत हैं और मोदी के ट्रंप के साथ अच्छे व्यक्तिगत संबंध हैं।

भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव पर क्या बोले

इस दौरान, एस जयशंकर ने भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव और देश के बारे में बदलती धारणाओं के बारे में बात की। उन्होंने कहा, यहां तक कि अब गैर-भारतीय भी खुद को भारतीय कहते हैं, उन्हें लगता है कि इससे उन्हें विमान में सीट मिलने में मदद मिलेगी।

खुद के राजनीति में आने पर क्या कहा?

डॉ. एस. जयशंकर ने शिक्षा क्षेत्र और कूटनीति से राजनीति में आने का उल्लेख करते हुए कहा, मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं नौकरशाह बनूंगा। राजनीति में मैं अचानक आ गया, या तो इसे भाग्य कहें, या इसे मोदी कहें। उन्होंने (प्रधानमंत्री मोदी) मुझे इस तरह से आगे बढ़ाया कि कोई भी मना नहीं कर सका। उन्होंने रेखांकित किया कि विदेश में रहने वाले भारतीय अभी भी समर्थन के लिए अपनी मातृभूमि पर निर्भर हैं और कहा, जो भी देश के बाहर जाते हैं, वे हमारे पास ही आते हैं। बाहर हम ही रखवाले हैं।

सिसोदिया और जैन पर होगी एफआईआर, राष्ट्रपति ने दी मंजूरी, 1300 करोड़ के क्लासरूम घोटाले का आरोप
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दिल्ली सरकार में पूर्व मंत्री मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन पर भ्रष्टाचार के आरोपों में जांच का शिकंजा कसता जा रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली सरकार के स्कूलों में क्लास रूम के निर्माण में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए पूर्व आम आदमी पार्टी के मंत्रियों मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के खिलाफ जांच की मंजूरी दे दी है। यह मामला कथित 1300 करोड़ रुपये के क्लासरूम घोटाले से जुड़ा है। बीजेपी के कार्यकर्ताओं हरीश खुराना, कपिल मिश्रा और नीलकंठ बख्शी ने जुलाई 2019 में शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें 12,748 कक्षाओं के निर्माण में 1300 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले का आरोप लगाया गया था।

दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय ने इस घोटाले की जांच सिफारिश की थी और मुख्य सचिव को रिपोर्ट सौंपी थी। राष्ट्रपति की ओर से हरी झंडी के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दोनों आप नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत जांच की अनुमति दे दी है। यह मंजूरी दिल्ली के उपराज्यपाल सचिवालय को भेज दी गई है।

सीवीसी ने फरवरी 2020 में इस मामले पर अपनी टिप्पणी मांगने के लिए डीओवी को रिपोर्ट भेजी थी, लेकिन आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने दो-ढाई साल तक इस मामले को आगे नहीं बढ़ाया, जब तक कि लेफ्टिनेंट गवर्नर वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव को इस साल अगस्त में देरी की जांच करने का निर्देश नहीं दिया और इस संबंध में एक रिपोर्ट प्रस्तुत की।

दिल्ली सरकार में शिक्षा मंत्री रहे मनीष सिसोदिया ने सरकारी स्कूलों का कायाकल्प करने की योजना के अंतर्गत 193 स्कूलों में 2400 से अधिक कक्षाओं का निर्माण कराया था। निर्माण की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी को सौंपी गई थी। केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने 17 फरवरी 2020 की एक रिपोर्ट में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की ओर से दिल्ली सरकार के स्कूलों में 2,400 से अधिक कक्षाओं के निर्माण में घोर अनियमितताओं को उजागर किया।

अगस्त 2024 में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव को देरी की जांच करने और इस संबंध में एक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। अप्रैल 2015 में उस समय के सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में अतिरिक्त कक्षाओं के निर्माण का निर्देश दिया था। पीडब्ल्यूडी को 193 स्कूलों में 2405 कक्षाओं के निर्माण का काम सौंपा गया था। पीडब्ल्यूडी ने कक्षाओं की आवश्यकता का पता लगाने के लिए एक सर्वे किया। सर्वे के आधार पर, 194 स्कूलों में 7180 समतुल्य कक्षाओं (ईसीआर) की कुल आवश्यकता का अनुमान लगाया गया। यह 2405 कक्षाओं की आवश्यकता का लगभग तीन गुना था।

बीजेपी को अगले महीने मिलेगा नया “मुखिया”, रेस में दक्षिण के ये 3 दिग्गज
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#bjppresidentracefocuson_south

भारतीय जनता पार्टी को जल्द ही नया अध्यक्ष मिलने वाला है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के कार्यकाल के कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। अगले महीने बीजेपी की कमान नए हाथों में जा सकती है। सूत्रों का कहना है कि होली के बाद बीजेपी को नया अध्यक्ष मिल जाने की पूरी संभावना है। हरियाणा, महाराष्ट्र और फिर दिल्ली में ऐतिहासिक जीत के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर कयासबाजी तेज हो गई है। इसको लेकर कई नामों की चर्चा हो रही है। इस दौड़ में दक्षिण भारत के नेताओं के नाम भी की चर्चा है। आश्चर्यजनक तौर पर दक्षिण भारत से बीजेपी के नए राष्ट्रीय के आने की संभावना व्यक्त की जा रही है। इसको लेकर तीन नेताओं के नामों की चर्चा हो रही है।

बीजेपी अध्यक्ष पद की दौड़ में दक्षिण से जिन 3 नामों की प्रमुखता से चर्चा चल रही है, कोयला एवं पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्‌डी, लोकसभा सदस्य और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंडी संजय कुमार और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी का नाम लिया जा रहा है। इनमें रेड्‌डी और बंडी संजय कुमार दोनों तेलंगाना से आते हैं जबकि जोशी कर्नाटक से ताल्लकु रखते हैं।

जी किशन रेड्डी

वर्तमान में केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी, तेलंगाना के प्रभावशाली नेता माने जाते हैं। वह पहले तेलंगाना बीजेपी अध्यक्ष भी रह चुके हैं और संगठन के कामकाज में उनकी सक्रियता रही है। रेड्डी का ओबीसी समुदाय से आना और संगठन पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें इस दौड़ में एक मजबूत उम्मीदवार बनाता है। तेलंगाना में हाल ही में हुए चुनावों में बीजेपी ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जिसमें रेड्डी की रणनीतिक भूमिका रही। वह 2019 से लगातार केंद्र में मंत्री हैं। रेड्डी पीएम मोदी के पुराने विश्वस्त हैं। मोदी 1994 में अमरीका गए थे तो रेड्डी भी साथ थे।

बंडी संजय कुमार

बंडी संजय कुमार इस समय केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हैं। तेलंगाना की करीमनगर सीट से 2019 से लगातार सांसद हैं, हालांकि वह बीच में विधायकी का चुनाव हार गए थे। वह केंद्रीय मंत्री के साथ राष्ट्रीय महासचिव भी हैं। बंडी तेलंगाना अध्यक्ष भी रहे हैं। उन्होंने बतौर प्रदेश अध्यक्ष कई आक्रामक आंदोलन किए। जिससे बीजेपी को तेलंगाना में नई पहचान मिली। उनका जमीनी संगठन कौशल और कार्यकर्ताओं में लोकप्रियता उन्हें इस रेस में आगे रखती है। बंडी एबीवीपी के जरिये राजनीति में आए हैं। तमिलनाडु में भी पकड़ रखते हैं। हिंदुत्व और ओबीसी दोनों समीकरण साधते हैं।

प्रह्लाद जोशी

तीसरे बड़े दावेदार प्रह्लाद जोशी हैं जो इस समय केंद्रीय उपभोक्ता मामले मंत्री हैं। कर्नाटक से आने वाले जोशी ब्राह्मण समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और पार्टी में सीनियर नेता माने जाते हैं। वह बीजेपी के ऐसे चेहरे हैं, जो सरकार, संगठन और संसदीय मामले, तीनों के माहिर माने जाते हैं। कर्नाटक में बीजेपी के सत्ता से बाहर होने के बाद अब पार्टी राज्य में दोबारा वापसी की रणनीति बना रही है। जोशी का अनुभव और सरकार के साथ उनकी अच्छी तालमेल उन्हें एक मजबूत उम्मीदवार बनाता है।

पहले भी दक्षिण से बने हैं राष्ट्रीय अध्यक्ष

बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए दक्षिण बारत के नेताओँ के नाम सामने आ रहे हैं। ऐसा नहीं है कि बीजेपी पहली बार पार्टी की कमान के लिए दक्षिण का रूख कर रही है। पहले भी दक्षिण भारत से बीजेपी के अध्यक्ष रह चुके हैं। अभी तक की लिस्ट को देखें तो बीजेपी ने कुल 11 राष्ट्रीय अध्यक्षों में तीन दक्षिण भारत से आने नेताओं को इस कुर्सी पर बैठाया है। इनमें जे कृष्णमूर्ति, बंगारू लक्ष्मण और वेंकैया नायडू का नाम शामिल है।

क्यों दक्षिण से अध्यक्ष की चर्चा?

बता दें कि बीजेपी ने उत्तर और पश्चिम भारत में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है लेकिन दक्षिण भारत अभी भी एक चुनौती बना हुआ है। कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल में पार्टी को और विस्तार की जरूरत है। दक्षिण भारतीय राज्यों में बीजेपी का वोट शेयर अब भी कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों से पीछे है। ऐसे में पार्टी नेतृत्व किसी दक्षिण भारतीय नेता को कमान सौंपकर इस क्षेत्र में अपनी पकड़ को मजबूत करना चाहता है। बीजेपी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि 2026 में तमिलनाडु और केरल में चुनाव है। बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति में भविष्य में संभावित विस्तार को ध्यान में रखकर फैसला ले सकती है। इसमें तमिलनाडु राज्य पर बीजेपी विशेष फोकस कर सकती है। ऐसे में दक्षिण के नेता को राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद मिल सकता है।

गृह मंत्रालय ने सत्येंद्र जैन के खिलाफ केस चलाने की राष्ट्रपति से मांगी अनुमति, जानें पूरा मामला
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केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए राष्ट्रपति से अनुमति मांगी है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुबातिक, सूत्रों से खबर मिली है कि सत्येंद्र जैन के खिलाफ भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 218 के तहत मंजूरी मांगी गई है। इसके साथ ही आप नेता सत्येंद्र जैन की मुश्किलें बढ़ गई है।

क्यों मांगी गई इजाजत

आप नेता सत्येंद्र जैन पर ट्रायल चलाने के लिए राष्ट्रपति से इजाजत इसीलिए मांगी गई है क्योंकि धारा 218, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के तहत, न्यायाधीशों, मजिस्ट्रेटों, पब्लिक सर्वेंट और सशस्त्र बलों के सदस्यों को आधिकारिक कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए किए गए अपराधों के अभियोजन के लिए सुरक्षा देते हैं। यह प्रावधान सुनिश्चित करते हैं कि सरकारी अधिकारियों के खिलाफ मुकदमे बिना उचित जांच-पड़ताल और सरकारी मंजूरी के न चलाए जाएं। हालांकि, कुछ मामलों में समय सीमा और अपवाद दिए गए हैं ताकि न्याय में देरी न हो।

सत्येंद्र जैन पर क्या मामला था दर्ज*

आप नेता सत्येंद्र जैन पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज है। उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला अगस्त 2017 के उस केस से जुड़ा है, जिसमें सीबीआई ने आप नेता पर आय से अधिक संपत्ति रखने के लिए एफआईआर दर्ज की थी। इसके बाद दिसंबर 2018 में सीबीआई ने आरोपपत्र दाखिल किया था, जिसमें कहा गया था कि आप नेता की संपत्ति 1.47 करोड़ रुपये थी, जो 2015-17 के बीच जैन की इनकम सोर्सेंज से लगभग 217 फीसदी ज्यादा थी।

सत्येंद्र जैन को प्रवर्तन निदेशायल (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 30 मई, 2022 को गिरफ्तार किया था। दिल्ली राउज एवेन्यू कोर्ट ने 18 अक्तूबर, 2024 को उन्हें यह कहते हुए जमानत दे दी थी कि केस का ट्रायल जल्द पूरा होने की उम्मीद नहीं है। तब से वो जमानत पर रिहा हैं। जैन के तिहाड़ जेल में रहते मसाज करने का वीडियो वायरल हुआ था।

मुसलमानों का डर दूर करना है…”मौलाना साजिद रशीदी ने बताया क्यों दिया बीजेपी को वोट
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दिल्ली में विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद अब सभी को चुनाव परिणाम का इतंजार है। चुनाव खत्म होने के बाद ज्यादातर एग्जिट पोल भाजपा के पक्ष में परिणाम बता रहे हैं। इसी बीच ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन (एआईआईए) के अध्यक्ष साजिद रशीदी ने एक बेहद चौंकाने वाला बयान दिया है और दावा किया है ‌उन्होंने इस बार जिंदगी में पहली बार बीजेपी को वोट दिया है।

जिंदगी में पहली बार बीजेपी को किया वोट- मौलाना साजिद

एआईआईए अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर दावा किया कि उन्होंने जिंदगी में पहली बार बीजेपी को वोट किया है। अपनी स्याही वाली उंगली दिखाते हुए उन्होंने कहा, "दिल्ली में किसकी सरकार बनेगी, इसके लिए मैंने वोट कर दिया है। यह वोट किसको दिया है, यह जान कर आपको बहुत हैरानी होगी।" उनके इस बयान से सियासी हलचल तेज हो गई है।

भाजपा के नाम पर मुसलमानों में डर पैदा किया जा रहा- मौलाना साजिद

मौलाना साजिद रशीदी ने कहा, "मैंने दिल्ली चुनाव में भाजपा को वोट दिया है और अपना वीडियो वायरल किया है क्योंकि भाजपा के नाम पर मुसलमानों में डर पैदा किया जा रहा है और विपक्षी दल कहते हैं कि मुसलमान भाजपा को वोट न दें। मुसलमानों के दिमाग में यह बात बैठा दी गई है कि भाजपा को हराओ, नहीं तो अगर वे सत्ता में आए तो मुसलमानों के अधिकार छीन लिए जाएंगे। मैंने मुसलमानों के मन से उस डर को निकालने के लिए (भाजपा को) वोट दिया है। अगर दिल्ली में भाजपा की सरकार बनती है तो मैं मुसलमानों को दिखाऊंगा कि मुसलमानों के कौन से अधिकार छीने गए हैं।"

धारणा बन गई है कि मुसलमान बीजेपी के खिलाफ- मौलाना साजिद

मौलाना साजिद कहते हैं कि एक धारणा बन गई है कि मुसलमान केवल बीजेपी को हराने के लिए वोट करते हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि यह पहली बार है जब उन्होंने बीजेपी को वोट दिया है। साल 2014 में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के दौरान कहा था कि मुसलमान बीजेपी को वोट नहीं देंगे। हालांकि, मौजूदा समय में उन्होंने महसूस किया कि मुसलमानों को इतना डरा दिया गया है कि वे डर और सहमकर जीवन जी रहे हैं। उनका मानना है कि बीजेपी को वोट देने से इस डर का सामना किया जा सकता है।

बीजेपी को वोट देकर ये संदेश देने की कोशिश- मौलाना साजिद

मौलाना का यह भी कहना है कि जब हम किसी नेता को वोट देते हैं, तो हमें उनसे सवाल पूछने का अधिकार मिलता है। आज बीजेपी कहती है कि वह मुसलमानों के लिए काम क्यों करे? क्योंकि मुसलमान उन्हें वोट नहीं देते। इसलिए उन्होंने बीजेपी को वोट देकर यह संदेश देने की कोशिश की है कि मुसलमान भी बीजेपी का समर्थन कर सकते हैं और उनसे अपने अधिकारों की मांग कर सकते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि मुझे धमकियां मिल रही हैं और आरोप लगाया जा रहा है कि मैं भाजपा के हाथों बिक गया हूं। ऐसा कुछ नहीं है, मैं भाजपा के किसी नेता से भी नहीं मिला हूं। मेरे खिलाफ मामले दर्ज हैं। मेरा एकमात्र उद्देश्य मुसलमानों के दिल और दिमाग से डर को निकालना है।

*occasion of The Cricket Association of Bengal’s 97th Foundation Day*
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Khabar kolkata sports Desk: On the occasion of The Cricket Association of Bengal’s 97th Foundation Day, CAB President Snehasish Ganguly hoisted the association colours at the Eden Gardens on Tuesday in presence of CAB Vice President Amalendu Biswas, CAB Hony Secretary Naresh Ojha, former CAB office bearer Bablu Koley, CAB member Robi Mitra, former CAB President and current IPL Governing Council member Abhishek Dalmiya and other CAB officials, members.

राष्ट्रपति को लेकर सोनिया के बयान पर बवाल, बीजेपी ने कहा-सर्वोच्च पद पर बैठी आदिवासी महिला का अपमान
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेकर सोनिया गांधी की टिप्पणी पर सियासी बवाल खड़ा हो गया है। बजट सत्र पर राष्ट्रपति के अभिभाषण को लेकर सोनिया ने द्रौपदी मुर्मू को Poor Lady कहा। अब इसे लेकर राजनीति गरमा गई है। सोनिया की इस टिप्पणी को लेकर ने बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधा है और माफी की मांग की है। बीजेपी ने कहा कि सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति का अपमान किया है। बता दें कि सोनिया गांधी ने संसद के बाहर राष्ट्रपति को पूअर कहा। वहीं, राहुल गांधी ने भी राष्ट्रपति के अभिभाषण को बोरिंग बताया।

राष्ट्रपति के लिए जानबूझकर ऐसे शब्दों का इस्तेमाल

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी के लिए सोनिया गांधी ने जिस वाक्य का इस्तेमाल किया, मैं और मेरे पार्टी के सभी कार्यकर्ता उसकी कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे शब्दों का जानबूझकर इस्तेमाल कांग्रेस पार्टी की गरीब-विरोधी और आदिवासी-विरोधी नेचर को दर्शाता है।नड्डा ने कहा कि संवैधानिक पद का अपमान करना कांग्रेस की पुरानी आदत है। मेरी मांग है कि कांग्रेस पार्टी राष्ट्रपति और भारत के आदिवासी समुदायों से बिना शर्त माफी मांगे। कांग्रेस आदिवासी समुदाय से भी माफी मांगे।

सोनिया और राहुल से क्या उम्मीद की जा सकती है- धर्मेंद्र प्रधान

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति का अपमान किया है। कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी और उनके बेटे और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के खिलाफ जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया, मैं उसकी कल्पना भी नहीं कर सकता। उनसे और क्या उम्मीद की जा सकती है?

सोनिया गांधी ने क्या कहा?

दरअसल, राष्ट्रपति के बजट अभिभाषण पर जब पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की प्रतिक्रिया लेने की कोशिश मीडिया ने की, तो उन्होंने सीधे तौर पर कोई जवाब नहीं दिया। इस दौरान वह अपने बेटे और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी और बेटी प्रियंका गांधी से बातचीत करती दिखीं। इस दौरान उन्होंने अभिभाषण को बोरिंग बताते हुए राष्ट्रपति के लिए पूअर लेडी शब्द का प्रयोग किया। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाषण के अंत तक राष्ट्रपति काफी थक गई थीं।

Poor Lady... अंत तक थक गई थीं', राष्ट्रपति मुर्मू के भाषण पर ये क्या बोल गईं सोनिया गांधी
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संसद का बजट सत्र शुक्रवार को आरंभ हो गया। बजट सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ हुई। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। उन्होंने सांसदों को संबोधित करते हुए देश को विकसित भारत का संदेश दिया। इसके साथ ही उन्होंने प्रयागराज महाकुंभ में हुए हादसे पर दुख जताया। राष्ट्रपति ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी श्रद्धांजलि दी। संसद के बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्हें पुअर लेडी यानी बेचारी महिला कह डाला।

राष्ट्रपति के बजट अभिभाषण पर जब पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की प्रतिक्रिया लेने की कोशिश मीडिया ने की, तो उन्होंने सीधे तौर पर कोई जवाब नहीं दिया। इस दौरान वह अपने बेटे और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी और बेटी प्रियंका गांधी से बातचीत करती दिखीं। इस दौरान उन्होंने अभिभाषण को बोरिंग बताते हुए राष्ट्रपति के लिए पूअर लेडी शब्द का प्रयोग किया। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाषण के अंत तक राष्ट्रपति काफी थक गई थीं।

दरअसल, राहुल गांधी और सोनिया गांधी आपस में ही बात कर रहे थे। राहुल ने अपनी मां से सवाल के दौरान राष्ट्रपति के अभिभाषण को बोरिंग बताया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पुरानी चीजों को ही रिपीट कर रही थीं। इसके बाद सोनिया ने कहा कि राष्ट्रपति काफी थक गई थीं। वो बड़ी मुश्किल से बोल पा रही थीं। खराब बातें बोली पूअर लेडी।

सरकार की उपलब्धियों बताईं

इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को बजट सत्र से पहले संसद के दोनों सदनों का संबोधित किया। इस संबोधन के दौरान उन्होंने सरकार की उपलब्धियों को गिनवाया। उन्होंने अपने भाषण के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने ‘सबका साथ, सबका विकास’ का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मेरी सरकार का मंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास है और इसी पर हम काम कर रहे हैं। राष्ट्र प्रथम की भावना से सरकार आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि सरकार वूमेन लेड डेवलपमेंट और महिलाओं के नेतृत्व में भारत को सशक्त बनाने में विशास करती है तथा नारी शक्ति वंदन अधिनियम इसी दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके अलावा सरकार महिलाओं के साथ युवाओं पर विशेष ध्यान केंद्रित कर रही है।

एक देश एक चुनाव के मुद्दे का जिक्र

राष्ट्रपति ने कहा कि ‘ एक राष्ट्र , एक चुनाव ’ और वक्फ (संशोधन) विधेयक जैसे कानूनों पर तेज गति से कदम आगे बढ़ाया है। उन्होंने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि भारत की विकास यात्रा के इस अमृतकाल को सरकार अभूतपूर्व उपलब्धियों के माध्यम से नई ऊर्जा दे रही है। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘एक राष्ट्र, एक चुनाव और वक्फ संशोधन विधेयक जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर तेज गति से कदम आगे बढ़ाया गया है।

सरकार का शिक्षा और रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के भाषण की बड़ी बातें
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संसद के बजट सत्र आगाज हो गया है। आज सत्र का पहला दिन है। बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बजट सत्र से पहले अपने अभिभाषण में प्रयागराज महाकुंभ में हुए हादसे पर दुख जताया। उन्होंने कहा, देश में महाकुंभ का सांस्कृतिक पर्व भी चल रहा है। देश और दुनिया से आए करोड़ों श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। मौनी अमावस्या के दिन हुई हादसे पर दुख व्यक्त करती हूं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं। वहीं, राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने अभिभाषण में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए सरकार कई उपलब्धियों का जिक्र किया। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की विकास यात्रा के इस अमृतकाल को आज मेरी सरकार अभूतपूर्व उपलब्धियों के माध्यम से नई ऊर्जा दे रही है। राष्ट्रपति ने कहा कि मुद्रा लोन सीमा बढ़ाई गई है। वंदे भारत और नमो ट्रेनें चल रही हैं। मेरी सरकार ने तीसरी कार्यकाल ने सभी के आवास की पूर्ति के लिए ठोस कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री आवास का विस्तार करते हुए 3 करोड़ अतिरिक्त परिवारों को घर देने का फैसला किया गया है।

सरकार ने सवा दो लाख स्वामित्व कार्ड जारी किए- राष्ट्रपति मुर्मू

अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, मेरी सरकार गांव में गरीबों और उनकी आवासीय भूमि का हक देने के लिए प्रतिबद्ध है। अब तक 2 करोड़ 25 लाख स्वामित्व कार्ड जारी किए गए हैं। इनमें से 70 लाख स्वामित्व कार्ड पिछले 6 महीने जारी किए गए हैं।

भारत को ग्लोबल पावर हाउस बनाने का लक्ष्य- राष्ट्रपति मुर्मू

संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, विकसित भारत के निर्माण में किसान, जवान और विज्ञान के साथ ही अनुसंधान का बहुत अहम रोल होता है। हमारा लक्ष्य भारत को ग्लोबल पावर हाउस बनाना है। देश के शिक्षण संस्थानों में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए 50 हजार करोड़ की लागत से अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन स्थापित किया गया है।

भारत टेक्नॉलजी के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि दर्ज करा रहा- राष्ट्रपति मुर्मू

बजट सत्र से पहले राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, आज भारत टेक्नॉलजी के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि दर्ज करा रहा है। भारत की यूपीआई तकनीक की सफलता से दुनिया के कई देश देख रहे हैं। मेरी सरकार ने डिजिटल तकनीक को सामाजिक न्याय और सफलता के एक टूल के रूप में इस्तेमाल कर रही है। भारत में छोटे से छोटा दुकानदार भी इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं।

सरकार ने व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा दिया- राष्ट्रपति मुर्मू

संसद में अपने संयुक्त संबोधन में राष्ट्रपति मुर्मू ने भारत में एआई के लिए सरकार की योजना पर चर्चा की। उन्होंने कहा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में भारत के योगदान को आगे बढ़ाते हुए, “भारत एआई मिशन” शुरू किया गया है। राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के साथ, भारत इस अग्रणी प्रौद्योगिकी में दुनिया के अग्रणी देशों में अपना स्थान बना सकेगा। कोविड और उसके बाद की स्थिति और युद्ध जैसी वैश्विक चिंताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था ने जो स्थिरता और लचीलापन दिखाया है, वह इसकी मजबूती का प्रमाण है। मेरी सरकार ने व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए।

मेट्रो नेटवर्क के मामले में भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश- राष्ट्रपति मुर्मू

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक परियोजना पूरी हो गई है और अब देश कश्मीर से कन्याकुमारी तक रेलवे लाइन से जुड़ जाएगा। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत चिनाब ब्रिज का निर्माण किया गया है, जो दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज है। भारत का मेट्रो नेटवर्क अब एक हजार किलोमीटर के मील के पत्थर को पार कर गया है। भारत अब मेट्रो नेटवर्क के मामले में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश बन गया है।

एशिया रैंकिंग में हमारे 163 विश्वविद्यालय शामिल- राष्ट्रपति मुर्मू

राष्ट्रपति ने कहा कि 'एशिया रैंकिंग में हमारे 163 विश्वविद्यालय शामिल हुए हैं। नालंदा विश्वविद्यालय के जरिए भारत का पुराना गौरव वापस लाया गया है। वो दिन दूर नहीं, जब भारत में निर्मित गगनयान में एक भारतीय अंतरिक्ष में जाएगा। कुछ दिन पहले इसरो ने स्पेस डॉकिंग की उपलब्धि हासिल की और हाल ही में इसरो ने सैटेलाइट लॉन्च में भी बड़ी उपलब्धि हासिल की। दिव्यांगों के लिए ग्वालियर में विशेष केंद्र खोला गया है। हाल ही में चेस में भी भारत ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है।

हमारा लक्ष्य भारत को इनोवेशन ग्लोबल पावरहाउस बनाना- राष्ट्रपति मुर्मू

राष्ट्रपति ने कहा कि हमारा लक्ष्य भारत को इनोवेशन ग्लोबल पावरहाउस बनाना है। अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए 10 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। राष्ट्रपति ने कहा मेरी सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से छात्रों के लिए एक आधुनिक शिक्षा प्रणाली तैयार कर रही है। कोई भी शिक्षा से वंचित न रहे, इसीलिए मातृभाषा में शिक्षा के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि तेरह भारतीय भाषाओं में विभिन्न भर्ती परीक्षाएं आयोजित करके भाषा की बाधाओं को भी दूर किया गया है। ओलंपिक हो या पैरालिंपिक, भारतीय टीमों ने हर जगह अच्छा प्रदर्शन किया है। फिट इंडिया मूवमेंट चलाकर हम मजबूत युवा शक्ति तैयार कर रहे हैं।

वाशिंगटन डीसी विमान हादसे में सभी 67 लोगों की मौत, जानें राष्ट्रपति ट्रंप ने किसे ठहराया जिम्मेदार
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अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में बुधवार रात यात्री विमान और हेलिकॉप्टर में हुई टक्कर में सभी 67 लोगों की मौत हो गई हैं। प्लेन में 4 क्रू मेंबर समेत 64 और हेलिकॉप्टर में 3 लोग सवार थे। अधिकारियों ने सभी की मौत की पुष्टि की है। डीसी के रीगन नेशनल एयरपोर्ट के पास यात्री विमान और सेना के हेलीकॉप्टर की भयावह टक्कर के बाद दोनों पोटोमैक नदी में गिर गए थे। हादसे को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने हेलिकॉप्टर के पायलट की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं। इसके साथ ही ट्रंप ने पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और जो बाइडन पर पर हवाई सुरक्षा मानकों को कम करने का आरोप लगाया है।

पिछले 25 साल के अमेरिकी इतिहास की ये सबसे घातक विमानन दुर्घटना है। हादसे के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की है। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, हवाई जहाज हवाई अड्डे के लिए एकदम सही जा रहा था। वो लंबे समय तक विमान की ओर सीधे जा रहा था। रात बिल्कुल साफ थी और विमान की लाइटें जल रही थीं। ऐसे में हेलीकॉप्टर मुड़ा क्यों नहीं। कंट्रोल टावर ने हेलीकॉप्टर को यह क्यों नहीं बताया कि उसे क्या करना है, बजाय इसके पूछा, क्या उन्हें विमान दिख रहा है। यह एक भयावाह स्थिति है जिसे रोका जाना चाहिए था, ये अच्छा नहीं है।

ट्रंप ने ओबामा-बाइडेन की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया

डोनाल्ड ट्रंप ने हादसे के लिए ओबामा और बाइडेन प्रशासन के दौरान लागू की गई डीईआई (विविधता, समानता और समावेश) की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया। ट्रंप के मुताबिक इन नीतियों की वजह से एयर हवाई सुरक्षा से जुड़े मानकों से समझौता किया गया, जिसके चलते ये हादसा हुआ। व्हाइट हाउस में प्रेस ब्रीफिंग के दौरान ट्रंप ने दावा किया डीईआई प्रोग्राम की वजह से फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन ने सुरक्षा को प्राथमिकता नहीं दी। ट्रंप ने पूर्व ट्रांसपोर्ट सेक्रेटरी पीट बटिगिएग पर एयर ट्रैफिक कंट्रोलर के पदों पर दिव्यांग और मानसिक समस्याओं से जूझ रहे लोगों को भर्ती करने का आरोप लगाया है। ट्रंप अमेरिका में डीईआई प्रोग्राम पर पहले ही रोक लगा चुके हैं।

ट्रंप ने नहीं दिया सबूत

हालांकि, ट्रंप ने इस बात का कोई सबूत नहीं दिया कि कथित अयोग्य लोगों को हवाई यातायात नियंत्रण जैसी अहम जिम्मेदारियों वाले पदों पर रखा जा रहा था। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि अभी तक ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है कि रीगन नेशनल एयरपोर्ट के हवाई यातायात नियंत्रकों ने कोई गलती की हो।

कैसे हुआ हादसा

बता दें कि अमेरिकी एयरलाइंस अमेरिकी ईगल्स का एक विमान बुधवार की रात करीब नौ बजे वॉशिंगटन डीसी में पोटोमैक नदी के ऊपर एक सैन्य हेलीकॉप्टर से हवा में टकरा गया। हादसे के वक्त विमान में 64 लोग सवार थे। हादसे का वीडियो सामने आया है, जिसमें दिख रहा है कि विमान और हेलीकॉप्टर की हवा में सीधे टक्कर हुई और तेज धमाके के साथ दोनों नदी में गिर गए। एयरलाइंस का विमान कंसास से वॉशिंगटन आ रहा था। जब विमान लैंड करने वाला था, उसी दौरान विमान अमेरिकी सेना के ब्लैकहॉक हेलीकॉप्टर से टकरा गया। सेना का हेलीकॉप्टर उस वक्त परीक्षण उड़ान पर था और उसमें तीन सैनिक सवार थे। हादसा व्हाइट हाउस से महज पांच किलोमीटर की दूरी पर हुआ।

ट्रंप भारत के दोस्त या दुश्मन? जानें विदेश मंत्री एस जयशंकर का जवाब
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अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप फिर से राष्ट्रपति बन चुके हैं। 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति पद की शपथ ली। ट्रंप की वापसी के बाद से ही दुनियाभर में हड़कंप मचा हुआ है। ट्रंप ने भारत का नाम लेकर भी धमकी दी है। ऐसे में भारत-अमेरिका संबंधों को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इस बीच उनके शपथ ग्रहण समारोह में शामिल भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत-अमेरिका के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंधों पर खुलकर बात की है।

जयशंकर ने भारत-अमेरिका के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंधों का उल्लेख करते हुए डोनाल्ड ट्रंप को लेकर अहम बात कही। जयशंकर ने ट्रंप को एक 'अमेरिकी राष्ट्रवादी' बताया। विदेश मंत्री जयशंकर दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज में एक कार्यक्रम में मौजूद थे। इस दौरान ट्रंप भारत के मित्र हैं या शत्रु, इस बारे में पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए जयशंकर ने कहा कि मैंने हाल ही में उनके (ट्रंप के) शपथ ग्रहण समारोह में भाग लिया था और हमारे साथ अच्छा व्यवहार किया गया। मेरा मानना है कि वह एक अमेरिकी राष्ट्रवादी हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि ट्रंप की नीतियां वैश्विक मामलों में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती हैं, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की विदेश नीति राष्ट्रीय हित से निर्देशित होती रहेगी।

जयशंकर ने कहा, ट्रंप बहुत सी चीजें बदलेंगे। हो सकता है कि कुछ चीजें उम्मीद के अनुरूप नहीं हों, लेकिन हमें देश के हित में विदेश नीतियों के संदर्भ में खुला रहना होगा। कुछ मुद्दे हो सकते हैं जिन पर हम एकमत न हों, लेकिन कई क्षेत्र ऐसे होंगे जहां चीजें हमारे दायरे में होंगी। जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रंप के बीच मजबूत व्यक्तिगत संबंधों पर भी जोर देते हुए कहा क‍ि अमेरिका के साथ हमारे संबंध मजबूत हैं और मोदी के ट्रंप के साथ अच्छे व्यक्तिगत संबंध हैं।

भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव पर क्या बोले

इस दौरान, एस जयशंकर ने भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव और देश के बारे में बदलती धारणाओं के बारे में बात की। उन्होंने कहा, यहां तक कि अब गैर-भारतीय भी खुद को भारतीय कहते हैं, उन्हें लगता है कि इससे उन्हें विमान में सीट मिलने में मदद मिलेगी।

खुद के राजनीति में आने पर क्या कहा?

डॉ. एस. जयशंकर ने शिक्षा क्षेत्र और कूटनीति से राजनीति में आने का उल्लेख करते हुए कहा, मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं नौकरशाह बनूंगा। राजनीति में मैं अचानक आ गया, या तो इसे भाग्य कहें, या इसे मोदी कहें। उन्होंने (प्रधानमंत्री मोदी) मुझे इस तरह से आगे बढ़ाया कि कोई भी मना नहीं कर सका। उन्होंने रेखांकित किया कि विदेश में रहने वाले भारतीय अभी भी समर्थन के लिए अपनी मातृभूमि पर निर्भर हैं और कहा, जो भी देश के बाहर जाते हैं, वे हमारे पास ही आते हैं। बाहर हम ही रखवाले हैं।