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रामदेव किसी के वश में नहीं हैं...जानें दिल्ली हाईकोर्ट ने क्यों की ये टिप्पणी, जारी करेगी अवमानना नोटिस

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दिल्ली हाई कोर्ट ने बाबा रामदेव को रूह अफजा के विरुद्ध उनके विवादास्पद वीडियो के लिए कड़ी फटकार लगाई है। साथ ही कोर्ट अवमानना नोटिस जारी करने की तैयार में है। कोर्ट ने पहले ही रामदेव को हमदर्द के उत्पादों के बारे में कोई भी बयान जारी करने से मना किया था। कोर्ट ने पाया कि रामदेव ने पिछले आदेश की अवहेलना की है। रामदेव ने हमदर्द के रूह अफजा के खिलाफ फिर से एक वीडियो प्रकाशित किया है।

बाबा रामदेव पर कोर्ट की तीखी टिप्पणी

जस्टिस अमित बंसल को बृहस्पतिवार को सूचित किया गया कि अदालत के 22 अप्रैल के निर्देशों के बावजूद रामदेव ने आपत्तिजनक बयान देते हुए एक वीडियो प्रसारित किया है। इसके बाद उन्होंने कहा, पिछले आदेश के मद्देनजर उनका हलफनामा और यह वीडियो प्रथम दृष्टया अवमानना के अंतर्गत आता है। मैं अब अवमानना नोटिस जारी करूंगा हम उन्हें यहां बुला रहे हैं। जस्टिस ने टिप्पणी की, वह (रामदेव) किसी के वश में नहीं हैं। वह अपनी ही दुनिया में रहते हैं।

रामदेव ने की कोर्ट की अवमानना

कोर्ट ने गुरुवार को ये बताया कि बाबा रामदेव में नया वीडियो जारी किया, जिसमें हमदर्द के खिलाफ टिप्पणी की गई है। ये नया वीडियो कब आया, इसकी जानकारी नहीं मिली है।

इससे पहले 22 अप्रैल को हाईकोर्ट ने रामदेव को दिए आदेश में कहा था- हमदर्द उत्पादों को लेकर न तो कोई बयान दें और न ही कोई वीडियो शेयर करें।

रामदेव के वकील बोले- आपत्तिजनक हिस्सा हटाएंगे

हाईकोर्ट ने रामदेव के वीडियो पर तल्खी जताई तो उनके वकील ने कहा कि योगगुरु के ताजा वीडियो से आपत्तिजनक हिस्सा हर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से 24 घंटे के अंदर हटा दिया जाएगा। इस पर कोर्ट ने कहा कि आपने आदेश का पालन किया, एक हफ्ते के भीतर हलफनामा दायर करें। हाईकोर्ट कल यानी 2 मई को फिर इस मामले की सुनवाई करेगा। इसमें देखेगा कि पूर्व आदेश का पालन हुआ या नहीं।

शरबत जिहाद’ पर बूरे फंसे बाबा रामदेव, हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी, कड़ा आदेश देने की चेतावनी


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दिल्ली हाई कोर्ट ने पतंजलि के संस्थापक बाबा रामदेव को कड़ी फटकार लगाई। दिल्ली हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव के शरबत जिहाद वाले बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। कोर्ट ने फार्मास्युटिकल और खाद्य कंपनी हमदर्द के रूह अफजा के खिलाफ बाबा रामदेव की “शरबत जिहाद” टिप्पणी पर कहा कि यह कोर्ट की अंतरात्मा को झकझोरता है। हमदर्द नेशनल फाउंडेशन इंडिया ने पतंजलि फूड्स लिमिटेड के खिलाफ रामदेव के बयान को लेकर याचिका दाखिल की थी। इस मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि यह बयान माफी के लायक नहीं है।

पतंजलि और रामदेव के खिलाफ हमदर्द की तरफ से दायर एक मुकदमे में सुनवाई के दौरान जस्टिस अमित बंसल ने कड़े आदेश की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि वीडियो को देखकर आंख, कान पर यकीन नहीं होता। हाई कोर्ट ने कहा कि शराब जिहाद पर कथित टिप्पणी अनुचित है। कोर्ट ने इस मामले में 5 दिन के भीतर हलफनामा दाखिल करने को कहा है। इसमें कहा गया है कि कंपनी यह कहे कि वह भविष्य में ऐसा कोई विज्ञापन नहीं देगी। मामले की अगली सुनवाई 1 मई को होगी।

रामदेव की टिप्पणी हेट स्पीच

इस मामले में सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने हमदर्द की ओर से पेश हुए। उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा, यह एक चौंकाने वाला मामला है, जो न केवल रूह अफजा को बदनाम करने, बल्कि ‘सांप्रदायिक विभाजन’ का भी मामला है। उन्होंने कहा कि रामदेव की टिप्पणी हेट स्पीच (नफरत फैलाने वाले भाषण) के समान है। वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि अपनी टिप्पणी से रामदेव ने धर्म के आधार पर हमदर्द पर हमला किया है और इसे उन्होंने “शरबत जिहाद” नाम दिया है।

अपने शरबत का प्रचार करते हुए रूह आफजा पर हमला

हमदर्द के वकील ने अदालत को बताया कि हाल ही में पतंजलि के गुलाब शरबत का प्रचार करते हुए रामदेव ने दावा किया था कि हमदर्द के रूह आफजा से अर्जित धन का उपयोग मदरसे और मस्जिद बनाने में किया गया। 

रामदेव ने दिया था ‘शरबत जिहाद’ का बयान

वहीं, रामदेव के वकील ने कहा कि शरबत जिहाद वाला विज्ञापन हटाया जाएगा। योग गुरु बाबा रामदेव ने तीन अप्रैल को अपने शरबत ब्रांड का प्रचार करते हुए हमदर्द कंपनी के शरबत पर विवादित टिप्पणी की थी। एक वीडियो में उन्होंने हमदर्द के रूह अफज़ा पर परोक्ष रूप से निशाना साधा था। साथ ही और दावा किया कि दूसरी कंपनी का शरबत अपने पैसे का इस्तेमाल मस्जिद और मदरसे बनाने में कर रहा है। रामदेव ने अपने वीडियो में 'शरबत जिहाद' शब्द का भी इस्तेमाल किया था।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने फीता काटकर दस्तक अभियान का किया शुभारंभ

38वे नेशनल गेम उत्तराखंड में छत्तीसगढ़ की महिला तीरंदाजी टीम ने जीता कांस्य पदक

रायपुर- 38 वे नेशनल गेम उत्तराखंड में छत्तीसगढ़ की तीरंदाजी टीम को महिला वर्ग को टीम इवेंट में कांस्य पदक मिला है , यह कंपीटीशन आयोजक उत्तराखंड की टीम के साथ था, हजारों की संख्या में उत्तराखंड टीम को सपोर्ट कर रहे थे, कड़े संघर्ष के बाद पहला मैच टाई हुआ, उसके बाद दूसरा और तीसरे मैच में छत्तीसगढ़ के तीरदाजो ने क्रमशः दबाव और बढ़त बनाते हुए विजय प्राप्त की,है जैसे ही मैच समाप्त हुआ संघ के कैलाश मुरारका ने अपने उद्बोधन में कहा की फल इस वृक्ष में लगते हैं जो वृक्ष झुकता है उत्तराखंड के लोगों को एक लाइन में उनको समझने की कोशिश की टीम में चांदनी साहू, सुलोचना राज, सुशिला नेताम, हर्षिता साहू ने शानदार शुरुआत करते हुए अंतिम तक उत्तराखंड के टीम पर दबाव बनाए रखा आज शाम दूसरा मैच होगा जिसमें व्यक्तिगत महिला वर्ग में छत्तीसगढ़ को मेडल मिलेगा चांदनी साहू शुरू से नेशनल गेम में अच्छा खेलते आई है इसी के कारण आज गोल्ड मेडल प्राप्त की है। छत्तीसगढ़ के लिए आज का दिन उत्तराखंड की धरती पर छत्तीसगढ़ के तीरंदाजों ने छत्तीसगढ़ का तिरंगा फहराया है इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ के तीरंदाजी संघ के अध्यक्ष विष्णु देव साय की तरफ से और खेल मंत्री टंकराम वर्मा की तरफ से, रायपुर के सांसद बृजमोहन अग्रवाल के तरफ से ओलंपिक एसोसिएशन के तरफ से प्रत्येक खेल संघ की तरफ से इन खिलाड़ियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं और बधाई दी गई और संघ के तरफ से कैलाश मुरारका ने पहले घोषणा की थी की जो नेशनल गेम में मेडल लेगा उसको 25-25 हजार रुपए का नगद पुरस्कार दिया जाएगा, हम बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं मेडल प्राप्त किए खिलाड़ियों का माननीय मुख्यमंत्री से मिलाने के लिए उनको पुरस्कार राशि दिलाने के लिए उनका वंदन करने के लिए उनका अभिनंदन करने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य संघ उनके स्वागत के लिए तैयार

बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में आया भाजपा नेता का नाम, बेटे जीशान के दावे के बाद मामले में नया मोड़
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एनसीपी अजित गुट के नेता बाबा सिद्दीकी के मर्डर केस में पुलिस ने चार्जशीट फाइल कर दी है। इस चार्जशीट में बाबा को गोली मारने वाले मेन शूटर शिवकुमार गौतम ने दावा किया है कि सिद्दीकी के दाऊद इब्राहिम से संबंध और 1993 के मुंबई धमाकों में शामिल होने के कारण अनमोल ने उसे मारने का आदेश दिया था। वहीं दूसरी ओर बाबा सिद्दीकी के बेटे जीशान सिद्दीकी ने एक बड़ा बयान देकर मामले में और गर्माहट ला दी है। जीशान ने दावा किया कि उनके पिता के साथ कई डेवलपर्स, कॉन्ट्रैक्टर्स और भाजपा नेताओं का संपर्क था, जो पुनर्विकास परियोजनाओं से जुड़े हुए थे। साथ ही उन्होंने इस मामले में अपने पिता की एक डायरी का भी जिक्र किया। 

जीशान ने पुलिस को बताया कि एक बार एक डेवलपर ने उनके पिता के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था। उन्होंने यह भी बताया कि उनके पिता और वे खुद बांद्रा में झुग्गीवासियों के अधिकारों के लिए लगातार संघर्ष कर रहे थे और इस कारण उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए गए थे। जीशान सिद्दीकी ने पुलिस को बताया कि उनके पिता बाबा सिद्दीकी के साथ कई डेवलपर्स का नियमित संपर्क था। इसलिए उनके पिता को अपनी चिजें डायरी में लिखने की आदत थी।

जीशान ने यह भी बताया कि हत्या के दिन शाम 5:30 से 6 बजे के बीच भाजपा कार्यकर्ता मोहित कंबोज ने उनके पिता से व्हाट्सएप पर संपर्क किया था। मोहित, जो बांद्रा में मुंद्रा बिल्डर्स के एक प्रोजेक्ट के बारे में उनके पिता से मिलना चाहता था, इस बारे में उनसे बात कर रहा था।

बता दें कि बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में पुलिस ने गिरफ्तार किए गए 26 आरोपियों में से छह ने मजिस्ट्रेट के सामने विस्तृत कबूलनामा दिया है, जो चार्जशीट का हिस्सा है। पुलिस ने चार्जशीट में जीशान सिद्दीकी के बयान को भी शामिल किया है। पूर्व विधायक ने पुलिस को दिए अपने बयान में शिवसेना (यूबीटी) नेता अनिल परब का भी नाम लिया है। उन्होंने दावा किया है कि परब ने एसआरए परियोजना के बारे में झुग्गीवासियों की एक बैठक की थी।

24 अक्टूबर, 2024 को दर्ज कराए गए बयान में जीशान सिद्दीकी ने कहा कि वह बांद्रा ईस्ट और वेस्ट में एसआरए परियोजनाओं में काम करने वालों के अधिकारों के लिए लड़ रहे थे। कई डेवलेपर्स वहां के लोगों के साथ अन्याय कर रहे थे। बयान में उन्होंने दावा किया है कि पृथी चव्हाण, शाहिद बलवा, शिवालिक वेंचर्स, अडानी, नबील पटेल, विनोद गोयनका, परवेज लकड़वाला, मुंद्रा बिल्डर्स, विनय ठक्कर, ओमकार बिल्डर्स और बीजेपी नेता मोहित कंबोज सहित कई बिल्डर मेरे पिता के साथ नियमित संपर्क में थे।अपने बयान में जीशान सिद्दीकी ने बताए गए सभी प्रोजेक्ट की जांच की मांग की थी।

वहीं, जीशान के बयान में नाम आने के बाद मोहित कंबोज ने प्रतिक्रिया दी है। मोहित का कहना है कि पूरे मामले में जीशान के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है. बाबा सिद्दीकी मेरे अच्छे दोस्त थे। हफ्ते में दो से तीन बार मैं उनसे बात करता था। कंबोज के मुताबिक हत्या के दिन उसी शाम मेरी बात बाबा सिद्दीकी से हुई और वे एनडीए के नेता थे। हम दोनों में राजनीति और नॉर्मल बाते होती रहती थी। मैं भी बांद्रा में रहता हूं और सिद्दीकी भी यहीं पर रहते थे।
बाबा सिद्दीकी केस में 4590 पन्नों की चार्जशीट दाखिल, हत्या के 3 कारण बताए गए
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बाबा सिद्दीकी केस में मुंबई पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है। मुंबई क्राइम ब्रांच ने महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज क्राइम एक्ट (मकोका) कोर्ट के सामने 4,590 पन्नों की चार्जशीट दायर की है। इस चार्जशीट में बाबा सिद्दीकी के मर्डर केस मामले में 26 आरोपियों को नामजद किया गया है। साथ ही और 3 फरार आरोपियों के नाम शामिल हैं जिसमें शुभम लोनकर, जिशान अख्तर और अनमोल बिश्नोई शामिल है। चार्जशीट में मुंबई पुलिस ने हत्या की वजह का भी जिक्र किया है। पुलिस की जांच के मुताबिक हत्या की तीन प्रमुख वजह हो सकती हैं।

*चार्जशीट में हत्या की 3 वजहें बताई गई हैं*
चार्जशीट में मुंबई पुलिस ने हत्या की तीन प्रमुख वजहों का जिक्र किया है। जिनमें सलमान खान से करीबी, अनुज थप्पन की आत्महत्या का बदला और बिश्नोई गैंग की सुप्रीमेसी स्थापित करने और अपना खौफ मुंबई में बढ़ाना शामिल हैं। हत्याओं की इन तीन वजहों को स्थापित करने के लिए पुलिस ने शुभम लोनकर के फेसबुक पोस्ट को भी आधार बनाया है।
दरअसल, बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने हत्या की जिम्मेदारी ली थी। इस दावे को करने वाला एक फेसबुक पोस्ट काफी वायरल हुआ था। यह पोस्ट सबसे पहले फेसबुक शुभम लोनकर महाराष्ट्र पर अपलोड किया गया था। जिसके बाद पुलिस लोनकर की तलाश में जुट गई थी। हालांकि, यह बताया गया है कि उनके भाई ने जून 2024 से उनके साथ गांव छोड़ दिया, अकोट के पुलिस अधिकारी अनमोल मित्तल ने बताया कि 16 जनवरी, 2024 को अकोट सिटी पुलिस स्टेशन में आर्म एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत शुभम रामेश्वर लोनकर और प्रवीण रामेश्वर लोनकर सहित अकोट और अंजनगाव सुर्जी तालुका के 10 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

*लॉरेंस बिश्नोई का नाम सीधे तौर पर चार्जशीट में नहीं*
बता दें कि इस मामले के मुख्य आरोपी कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई और दो अन्य व्यक्ति शुभम लोनकर और जीशान अख्तर हैं। अनमोल और अख्तर के साथ-साथ लोनकर को भी हत्या के मामले में वॉन्टेड क्रिमिनमल घोषित किया गया है। पुलिस का मानना है कि उन्होंने अपराध की योजना बनाने और उसे अंजाम देने में अहम भूमिका निभाई है। हालांकि, लॉरेंस बिश्नोई का नाम सीधे तौर पर इस चार्जशीट में नहीं है और उन्हें वॉन्टेड सस्पेक्ट के रूप में नहीं रखा गया है। वहीं कहा ये भी जा रहा है कि उनका इस मामले से इनडायरेक्ट कनेक्शन था।

*12 अक्टूबर को की गई थी बाबा सिद्दीकी की हत्या*
12 अक्टूबर 2024 को बाबा सिद्दीकी की उनके बेटे के ऑफिस से निकलते वक्त हत्या कर दी गई थी। उनके सीने पर दो गोलियां लगी थी। उन्हें लीलावती अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई थी।
आरएसएस की शाखा में आए थे आंबेडकर और गांधी', संघ का बड़ा दावा

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देश के संविधान के निर्माता डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर एक बार फिर सुर्खियों में हैं। पिछले दिनों शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यसभा में केन्द्रीय गृहमंत्री के दॉक्टर बीआर अंबेडकर पर दिए गए बयान के बाद पक्ष और विरक्ष में जमकर घमासान मचा। अंबेडकर को लेकर जारी सियासी विवाद के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने बड़ा दावा किया है। आरएसएस ने एक बयान जारी कर दावा किया है कि महात्मा गांधी और बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर संघ की शाखाओं में शामिल हो चुके हैं। संघ के मुताबिक, गांधी 1934 में संघ के एक शिविर में पहुंचे थे जबकि आंबेडकर ने 1940 में संघ की एक शाखा में भेंट दी थी। बता दें कि आरएसएस ने अपने दावे के समर्थन में पेपर की एक कटिंग भी दिखाई है।

देश के संविधान के निर्माता डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने 85 साल पहले महाराष्ट्र में आरएसएस की एक शाखा का दौरा किया था। संघ की संचार शाखा विश्व संवाद केंद्र (वीएसके) ने बृहस्पतिवार को इसका खुलासा करते हुए दावा किया कि इस दौरान आंबेडकर ने स्वयंसेवकों से संबोधित करते हुए कहा था कि कुछ मुद्दों पर मतभेदों के बावजूद वह आरएसएस को आत्मीयता की भावना से देखते हैं।

विश्व संवाद केंद्र के विदर्भ प्रांत ने एक बयान में कहा, डॉ. आंबेडकर ने 2 जनवरी, 1940 को सतारा जिले के कराड में आरएसएस की शाखा का दौरा किया था। यहां उन्होंने स्वयंसेवकों को संबोधित भी किया था। वीएसके ने संबंधित समाचार की एक क्लिपिंग के साथ कहा कि 9 जनवरी, 1940 को पुणे के मराठी दैनिक केसरी में डॉ. आंबेडकर के आरएसएस शाखा में आने के बारे में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी।

“आंबेडकर और आरएसएस के बारे में गलत सूचना फैलाई गई”

बयान के मुताबिक, आरएसएस ने अपनी अब तक की यात्रा में कई चुनौतियों का सामना किया है और संगठन पर कई आरोप लगाए गए हैं, लेकिन उसने इन सभी आरोपों को गलत साबित किया है तथा एक सामाजिक संगठन के रूप में अपनी पहचान को फिर से पुष्ट किया है। इसमें कहा गया है कि आरएसएस पर विभिन्न कारणों से तीन बार प्रतिबंध लगाया गया, लेकिन हर बार यह बेदाग निकला। बयान के अनुसार, आरएसएस पर दलित विरोधी होने के आरोप लगे और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर तथा आरएसएस के बारे में गलत सूचना फैलाई गई। लेकिन अब डॉ. आंबेडकर और आरएसएस के बारे में एक नया दस्तावेज सामने आया है, जो दोनों के बीच संबंधों को उजागर करता है।

“स्वयंसेवक नियमित रूप से आंबेडकर के संपर्क में थे”

वीएसके ने अपने बयान में कहा कि नौ जनवरी, 1940 को पुणे के मराठी दैनिक ‘केसरी’ में डॉ. आंबेडकर के आरएसएस शाखा का दौरा करने के बारे में एक खबर प्रकाशित हुई थी। बयान में उस समाचार की एक प्रति भी संलग्न की गई है। खबर में आरएसएस विचारक दत्तोपंत ठेंगड़ी की लिखी किताब ‘डॉ. आंबेडकर और सामाजिक क्रांति की यात्रा’ का संदर्भ दिया गया है, जिसमें आरएसएस और डॉ. आंबेडकर के बीच संबंधों के बारे में बताया गया है। खबर के अनुसार, किताब के आठवें अध्याय की शुरुआत में ठेंगड़ी कहते हैं कि डॉ. आंबेडकर को आरएसएस के बारे में पूरी जानकारी थी। अध्याय के मुताबिक, संघ के स्वयंसेवक नियमित रूप से आंबेडकर के संपर्क में रहते थे और उनसे चर्चा करते थे।

वीएसके ने किताब के हवाले से कहा, डॉ. आंबेडकर यह भी जानते थे कि आरएसएस हिंदुओं को एकजुट करने वाला एक अखिल भारतीय संगठन है। वह इस बात से भी वाकिफ थे कि हिंदुत्व के प्रति वफादार संगठनों, हिंदुओं को एकजुट करने वाले संगठनों और आरएसएस के बीच अंतर है। आरएसएस के विकास की गति को लेकर उनके मन में संदेह था। इस दृष्टि से डॉ. आंबेडकर और आरएसएस के बीच संबंधों का विश्लेषण करने की आवश्यकता है।

किरेन रिजिजू का कांग्रेस पर बड़ा आरोप, बोले-पार्टी ने षड्यंत्र करके भीमराव अंबेडकर को लोकसभा चुनाव में हराया
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* केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने आज लोकसभा में भीमराव आंबेडकर का जिक्र कर कांग्रेस पर निशाना साधा। किरेन रिजिजू ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी ने षड्यंत्र करके भीमराव अंबेडकर को लोकसभा चुनाव में हराया था। इसके लिए कांग्रेस को पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि 1990 तक बाबा साहेब अंबेडकर को भारत रत्न क्यों नहीं दिया गया? वहीं, नेहरू जी और इंदिरा गांधी ने खुद को भारत रत्न दिया था। लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दूसरे दिन संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बाबा साहेब आंबेडकर के पत्र का जिक्र करते कई बातें बताईं। रिजिजू ने कहा कि कानून मंत्री के पद पर जाने से पहले मेरे मन में सुबह यही आया कि पहले कानून मंत्री बाबा साहेब ने आखिर इस्तीफा क्यों दिया? उन्हें आर्किटेक्ट ऑफ कॉन्स्टिट्यूशन कहा जाता था। उन्होंने कहा कि मैंने ढूंढ करके उस पत्र को पढ़ा है। बाबा साहेब आंबेडकर ने नेहरू जी को लिखा था। लंबा पत्र है, उसके कुछ हिस्से का जिक्र करूंगा। रिजिजू ने लोकसभा में बताया कि बाबा साहेब आंबेडकर ने कानून मंत्री के पद से जो इस्तीफा दिया उसमें शुरू में ही मेंशन किया कि अक्सर जब मंत्री कैबिनेट से इस्तीफा देते हैं तो कारण बताना चाहिए। मैं बिना कारण बताए भी इस्तीफा दे सकता था लेकिन मुझे लगता है कि इस्तीफे में ही मुझे कारण बताना चाहिए। उन्होंने पत्र में अच्छे से जिक्र किया। पहले कैबिनेट में सभी पार्टियों के लोग थे। पहली लिस्ट में बाबा साहेब का नाम नहीं था। बाद में जोड़ा गया और कानून मंत्री बना गया। किरन रिजिजू ने आगे कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी कैबिनेट में थे। जब भीम राव आंबेडकर को लॉ मिनिस्ट्री दिया गया तो उन्होंने पंडित नेहरू से कहा कि आपने मुझे मंत्री बनाया तो बहुत अच्छा है। जब देशभर में आजादी मिल गई है,संविधान बन गया है तो देश को आगे ले जाना है। उन्होंने कहा कि प्राथमिकता क्या है। बाबा साहेब जितना पढ़ा लिखा कोई नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि मेरी पहली प्राथमिकता इकोनॉमी है। मुझे लॉ के अलावा वित्त मंत्रालय दे दीजिए। न हो तो कैबिनेट कमिटी में ही जगह दे दीजिए,लेकिन किसी भी कैबिनेट कमिटी में उन्हें मेंबर नहीं रखा गया। बाबा साहेब को लगने लगा कि मुझे तो प्रॉसेस में भी इन्वॉल्व नहीं कर रहे। प्लानिंग पोर्टफोलियों का वादा किया था नेहरू जी ने,लेकिन वह भी नहीं दिया। इसलिए बाबा साहेब ने इस्तीफा दे । उन्होंने पत्र में क्या लिखा,उसे सबको पढ़ना चाहिए। आगे किरन रिजिजू ने 1990 तक बाबा साहेब अंबेडकर को भारत रत्न नहीं देने पर भी सवाल उठाया। किरन रिजिजू ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि साल 1956 से 1990 तक आपने बाबा साहेब को भारत रत्न क्यों नहीं दिया? नेहरू और इंदिरा गांधी ने खुद को भारत रत्न दिया। आप कारण बताइए आपके शासन काल में बाबा साहेब आंबडेकर को भारत रत्न से क्यों नहीं नवाजा गया? सबसे पहले भारत रत्न अगर किसी को देना चाहिए तो बाबा साहेब को देना चाहिए था। रिजिजू ने कहा कि जब भारतीय जनता पार्टी के समर्थन से बीपी सिंह की सरकार बनी तब अंबेडकर जी को भारत रत्न दिया गया था. हमारा मानना है कि अगर देश में किसी को पहला भारत रत्न मिलना था तो अंबेडकर जी को मिलना चाहिए था। उन्होंने आगे कहा कि अंबेडकर जी के जन्म स्थल को तीर्थ स्थल के तौर पर विकसित किया गया है। लंदन में जहां अंबेडकर जी ने पढ़ाई की थी, उस घर को मोदी जी के नेतृत्व में महाराष्ट्र सरकार ने खरीद कर अंबेडकर म्यूजियम बनाया है। दिल्ली में बाबा साहब इंटरनेशनल मेमोरियल सेंटर बनाया गया है।
बाबा सिद्दीकी हत्याकांड: मुंबई पुलिस ने 26 गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ सख्त 'MCOCA' लगाया

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एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में ताजा घटनाक्रम में, मुंबई पुलिस ने शनिवार को आरोपियों के खिलाफ महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) लगाया। 12 अक्टूबर को, सिद्दीकी की मुंबई के निर्मल नगर इलाके में उनके बेटे विधायक जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के बाहर तीन हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। लॉरेंस बिश्नोई गिरोह ने हत्या की जिम्मेदारी ली है। पुलिस ने इस मामले में अब तक 26 लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि तीन और लोगों को अभी गिरफ्तार किया जाना है।

मकोका क्या है?

महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम, 1999, "संगठित अपराध सिंडिकेट या गिरोह द्वारा आपराधिक गतिविधि की रोकथाम और नियंत्रण तथा उससे निपटने और उससे जुड़े या उसके आकस्मिक मामलों के लिए विशेष प्रावधान करने के लिए" एक अधिनियम है। यह अधिनियम, जो पूरे महाराष्ट्र राज्य पर लागू होता है, 24 फरवरी, 2024 को लागू हुआ। अधिनियम में कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति संगठित अपराध का अपराध करता है और यदि ऐसे कृत्य के परिणामस्वरूप किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो आरोपी को मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी और जुर्माना भी देना होगा। किसी अन्य मामले में, आरोपी को कम से कम पांच साल की कैद की सजा दी जा सकती है, लेकिन यह आजीवन कारावास तक बढ़ सकती है और जुर्माना भी देना होगा

मुंबई पुलिस की जांच

पुलिस ने कहा कि एनसीपी नेता की हत्या की जांच में पता चला है कि मुख्य संदिग्ध आकाशदीप गिल ने मुख्य साजिशकर्ताओं से संवाद करने के लिए एक मजदूर के मोबाइल इंटरनेट हॉटस्पॉट का इस्तेमाल किया था, जिसमें मास्टरमाइंड अनमोल बिश्नोई भी शामिल है। पंजाब से गिरफ्तार किए गए गिल को अनमोल द्वारा रची गई बाबा सिद्दीकी की हत्या की साजिश में रसद समन्वयक पाया गया। एएनआई ने मुंबई क्राइम ब्रांच के हवाले से बताया, "बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, पंजाब के फाजिल्का से गिरफ्तार आकाशदीप गिल ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि कैसे उसने एक मजदूर के मोबाइल हॉटस्पॉट का इस्तेमाल करके मुख्य साजिशकर्ताओं से संपर्क किया। पुलिस की नजर से बचने के लिए इस तरीके का इस्तेमाल किया गया।" उन्होंने आगे कहा कि गिल ने मजदूर बलविंदर के हॉटस्पॉट का इस्तेमाल करने की बात स्वीकार की, जिससे वह ऑफ़लाइन दिखाई दे सके और ट्रैक होने से बच सके। 

अधिकारियों ने कहा कि क्राइम ब्रांच गिल के मोबाइल फोन की तलाश कर रही है, जो इस मामले में एक महत्वपूर्ण सबूत हो सकता है। सिद्दीकी की हत्या के मामले में एक आरोपी और शूटर शिव कुमार को चार अन्य आरोपियों के साथ 12 नवंबर को स्थानीय अदालत ने पुलिस हिरासत में भेज दिया था। कुमार और अन्य चार आरोपियों को उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और मुंबई क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने 10 नवंबर को यूपी के बहराइच के नानपारा इलाके से गिरफ्तार किया था। हत्या के लिए फंडिंग करने के आरोपी सलमान वोहरा को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। मुंबई क्राइम ब्रांच के एक वरिष्ठ अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार, बाबा सिद्दीकी लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के रडार पर भी था।

నిమ్స్‌లో అరుదైన శస్త్ర చికిత్స

చిన్నతనం నుంచే గుండె సంబంధిత వ్యాధితో బాధపడుతున్న యువకుడికి నిమ్స్‌ వైద్యులు(Nims doctors) అరుదైన శస్త్ర చికిత్స చేశారు. మహబూబాబాద్‌(Mahbubabad) జిల్లా కుర్వి మండలం నారాయణపురం తండాకు చెందిన బానోత్‌ అశోక్‌ (20) చిన్నతనం నుంచే ఆరోగ్య సమస్యతో ఇబ్బంది పడుతుండడంతో అతని తల్లిదండ్రులు వైద్యులకు చూపించగా హృద్రోగ సమస్య ఉందని గుర్తించారు.

చిన్నతనం నుంచే గుండె సంబంధిత వ్యాధితో బాధపడుతున్న యువకుడికి నిమ్స్‌ వైద్యులు(Nims doctors) అరుదైన శస్త్ర చికిత్స చేశారు. మహబూబాబాద్‌(Mahbubabad) జిల్లా కుర్వి మండలం నారాయణపురం తండాకు చెందిన బానోత్‌ అశోక్‌ (20) చిన్నతనం నుంచే ఆరోగ్య సమస్యతో ఇబ్బంది పడుతుండడంతో అతని తల్లిదండ్రులు వైద్యులకు చూపించగా హృద్రోగ సమస్య ఉందని గుర్తించారు. ఐదేళ్ల వయసులో ప్రైవేట్‌ ఆస్పత్రిలో శస్త్రచికిత్స చేయగా కోలుకున్న అతను నాలుగేళ్లుగా ఆయాసం, గుండెదడతో బాధపడుతున్నాడు.

పరీక్షించిన వైద్యులు అతడి పల్మనరీ వాల్‌ లీక్‌ అవుతుందని గ్రహించారు. వెంటనే శస్త్ర చికిత్స చేయించాలని, అందుకు రూ. 25లక్షల నుంచి 35 లక్షల వరకు ఖర్చవుతుందని తెలిపారు. దాంతో అతడిని నిమ్స్‌కు తరలించగా కార్డియాలజీ విభాగంలో సీనియర్‌ ప్రొఫెసర్‌ డాక్టర్‌ సాయి సతీష్‌(Senior Professor Dr. Sai Satish) ఆధ్వర్యంలో ఆధునిక పరీక్షలు నిర్వహించారు. రిపోర్టులు పరిశీలించి రక్తనాళాల ద్వారా కృత్రిమ పల్మనరీ వాల్వ్‌ను అమర్చేందుకు నిర్ణయించారు.

సీఎం రిలీఫ్‌ ఫండ్‌ సహకారంతో డాక్టర్‌ సాయి సతీష్‌ నేతృత్వంలో వైద్యులు హేమంత్‌, శైలేష్‌ భాటియా, రాజశేఖర్‌, అమర్నాథ్‌, త్యాగి, అనస్తీషియా వైద్యులు డాక్టర్‌ అద్నాన్‌, తదతరులతో కూడిన వైద్యబృందం అక్టోబరు 25న శస్త్ర చికిత్సను నిర్వహించింది. రోగికి 35 మిల్లీమీటర్ల సైజు మై వాల్‌ కృత్రిమ పల్మనరీ కవాటాన్ని అమర్చారు. ఈ రకం పల్మనరీ కృత్రిమ కవాటం అమర్చడం భారతదేశంలో ఇప్పటివరకు ఇదే అతిపెద్దదని నిమ్స్‌ కార్డియాలజీ వైద్యులు సతీష్‌ తెలిపారు.

रामदेव किसी के वश में नहीं हैं...जानें दिल्ली हाईकोर्ट ने क्यों की ये टिप्पणी, जारी करेगी अवमानना नोटिस

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दिल्ली हाई कोर्ट ने बाबा रामदेव को रूह अफजा के विरुद्ध उनके विवादास्पद वीडियो के लिए कड़ी फटकार लगाई है। साथ ही कोर्ट अवमानना नोटिस जारी करने की तैयार में है। कोर्ट ने पहले ही रामदेव को हमदर्द के उत्पादों के बारे में कोई भी बयान जारी करने से मना किया था। कोर्ट ने पाया कि रामदेव ने पिछले आदेश की अवहेलना की है। रामदेव ने हमदर्द के रूह अफजा के खिलाफ फिर से एक वीडियो प्रकाशित किया है।

बाबा रामदेव पर कोर्ट की तीखी टिप्पणी

जस्टिस अमित बंसल को बृहस्पतिवार को सूचित किया गया कि अदालत के 22 अप्रैल के निर्देशों के बावजूद रामदेव ने आपत्तिजनक बयान देते हुए एक वीडियो प्रसारित किया है। इसके बाद उन्होंने कहा, पिछले आदेश के मद्देनजर उनका हलफनामा और यह वीडियो प्रथम दृष्टया अवमानना के अंतर्गत आता है। मैं अब अवमानना नोटिस जारी करूंगा हम उन्हें यहां बुला रहे हैं। जस्टिस ने टिप्पणी की, वह (रामदेव) किसी के वश में नहीं हैं। वह अपनी ही दुनिया में रहते हैं।

रामदेव ने की कोर्ट की अवमानना

कोर्ट ने गुरुवार को ये बताया कि बाबा रामदेव में नया वीडियो जारी किया, जिसमें हमदर्द के खिलाफ टिप्पणी की गई है। ये नया वीडियो कब आया, इसकी जानकारी नहीं मिली है।

इससे पहले 22 अप्रैल को हाईकोर्ट ने रामदेव को दिए आदेश में कहा था- हमदर्द उत्पादों को लेकर न तो कोई बयान दें और न ही कोई वीडियो शेयर करें।

रामदेव के वकील बोले- आपत्तिजनक हिस्सा हटाएंगे

हाईकोर्ट ने रामदेव के वीडियो पर तल्खी जताई तो उनके वकील ने कहा कि योगगुरु के ताजा वीडियो से आपत्तिजनक हिस्सा हर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से 24 घंटे के अंदर हटा दिया जाएगा। इस पर कोर्ट ने कहा कि आपने आदेश का पालन किया, एक हफ्ते के भीतर हलफनामा दायर करें। हाईकोर्ट कल यानी 2 मई को फिर इस मामले की सुनवाई करेगा। इसमें देखेगा कि पूर्व आदेश का पालन हुआ या नहीं।

शरबत जिहाद’ पर बूरे फंसे बाबा रामदेव, हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी, कड़ा आदेश देने की चेतावनी


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दिल्ली हाई कोर्ट ने पतंजलि के संस्थापक बाबा रामदेव को कड़ी फटकार लगाई। दिल्ली हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव के शरबत जिहाद वाले बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। कोर्ट ने फार्मास्युटिकल और खाद्य कंपनी हमदर्द के रूह अफजा के खिलाफ बाबा रामदेव की “शरबत जिहाद” टिप्पणी पर कहा कि यह कोर्ट की अंतरात्मा को झकझोरता है। हमदर्द नेशनल फाउंडेशन इंडिया ने पतंजलि फूड्स लिमिटेड के खिलाफ रामदेव के बयान को लेकर याचिका दाखिल की थी। इस मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि यह बयान माफी के लायक नहीं है।

पतंजलि और रामदेव के खिलाफ हमदर्द की तरफ से दायर एक मुकदमे में सुनवाई के दौरान जस्टिस अमित बंसल ने कड़े आदेश की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि वीडियो को देखकर आंख, कान पर यकीन नहीं होता। हाई कोर्ट ने कहा कि शराब जिहाद पर कथित टिप्पणी अनुचित है। कोर्ट ने इस मामले में 5 दिन के भीतर हलफनामा दाखिल करने को कहा है। इसमें कहा गया है कि कंपनी यह कहे कि वह भविष्य में ऐसा कोई विज्ञापन नहीं देगी। मामले की अगली सुनवाई 1 मई को होगी।

रामदेव की टिप्पणी हेट स्पीच

इस मामले में सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने हमदर्द की ओर से पेश हुए। उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा, यह एक चौंकाने वाला मामला है, जो न केवल रूह अफजा को बदनाम करने, बल्कि ‘सांप्रदायिक विभाजन’ का भी मामला है। उन्होंने कहा कि रामदेव की टिप्पणी हेट स्पीच (नफरत फैलाने वाले भाषण) के समान है। वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि अपनी टिप्पणी से रामदेव ने धर्म के आधार पर हमदर्द पर हमला किया है और इसे उन्होंने “शरबत जिहाद” नाम दिया है।

अपने शरबत का प्रचार करते हुए रूह आफजा पर हमला

हमदर्द के वकील ने अदालत को बताया कि हाल ही में पतंजलि के गुलाब शरबत का प्रचार करते हुए रामदेव ने दावा किया था कि हमदर्द के रूह आफजा से अर्जित धन का उपयोग मदरसे और मस्जिद बनाने में किया गया। 

रामदेव ने दिया था ‘शरबत जिहाद’ का बयान

वहीं, रामदेव के वकील ने कहा कि शरबत जिहाद वाला विज्ञापन हटाया जाएगा। योग गुरु बाबा रामदेव ने तीन अप्रैल को अपने शरबत ब्रांड का प्रचार करते हुए हमदर्द कंपनी के शरबत पर विवादित टिप्पणी की थी। एक वीडियो में उन्होंने हमदर्द के रूह अफज़ा पर परोक्ष रूप से निशाना साधा था। साथ ही और दावा किया कि दूसरी कंपनी का शरबत अपने पैसे का इस्तेमाल मस्जिद और मदरसे बनाने में कर रहा है। रामदेव ने अपने वीडियो में 'शरबत जिहाद' शब्द का भी इस्तेमाल किया था।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने फीता काटकर दस्तक अभियान का किया शुभारंभ

38वे नेशनल गेम उत्तराखंड में छत्तीसगढ़ की महिला तीरंदाजी टीम ने जीता कांस्य पदक

रायपुर- 38 वे नेशनल गेम उत्तराखंड में छत्तीसगढ़ की तीरंदाजी टीम को महिला वर्ग को टीम इवेंट में कांस्य पदक मिला है , यह कंपीटीशन आयोजक उत्तराखंड की टीम के साथ था, हजारों की संख्या में उत्तराखंड टीम को सपोर्ट कर रहे थे, कड़े संघर्ष के बाद पहला मैच टाई हुआ, उसके बाद दूसरा और तीसरे मैच में छत्तीसगढ़ के तीरदाजो ने क्रमशः दबाव और बढ़त बनाते हुए विजय प्राप्त की,है जैसे ही मैच समाप्त हुआ संघ के कैलाश मुरारका ने अपने उद्बोधन में कहा की फल इस वृक्ष में लगते हैं जो वृक्ष झुकता है उत्तराखंड के लोगों को एक लाइन में उनको समझने की कोशिश की टीम में चांदनी साहू, सुलोचना राज, सुशिला नेताम, हर्षिता साहू ने शानदार शुरुआत करते हुए अंतिम तक उत्तराखंड के टीम पर दबाव बनाए रखा आज शाम दूसरा मैच होगा जिसमें व्यक्तिगत महिला वर्ग में छत्तीसगढ़ को मेडल मिलेगा चांदनी साहू शुरू से नेशनल गेम में अच्छा खेलते आई है इसी के कारण आज गोल्ड मेडल प्राप्त की है। छत्तीसगढ़ के लिए आज का दिन उत्तराखंड की धरती पर छत्तीसगढ़ के तीरंदाजों ने छत्तीसगढ़ का तिरंगा फहराया है इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ के तीरंदाजी संघ के अध्यक्ष विष्णु देव साय की तरफ से और खेल मंत्री टंकराम वर्मा की तरफ से, रायपुर के सांसद बृजमोहन अग्रवाल के तरफ से ओलंपिक एसोसिएशन के तरफ से प्रत्येक खेल संघ की तरफ से इन खिलाड़ियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं और बधाई दी गई और संघ के तरफ से कैलाश मुरारका ने पहले घोषणा की थी की जो नेशनल गेम में मेडल लेगा उसको 25-25 हजार रुपए का नगद पुरस्कार दिया जाएगा, हम बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं मेडल प्राप्त किए खिलाड़ियों का माननीय मुख्यमंत्री से मिलाने के लिए उनको पुरस्कार राशि दिलाने के लिए उनका वंदन करने के लिए उनका अभिनंदन करने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य संघ उनके स्वागत के लिए तैयार

बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में आया भाजपा नेता का नाम, बेटे जीशान के दावे के बाद मामले में नया मोड़
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एनसीपी अजित गुट के नेता बाबा सिद्दीकी के मर्डर केस में पुलिस ने चार्जशीट फाइल कर दी है। इस चार्जशीट में बाबा को गोली मारने वाले मेन शूटर शिवकुमार गौतम ने दावा किया है कि सिद्दीकी के दाऊद इब्राहिम से संबंध और 1993 के मुंबई धमाकों में शामिल होने के कारण अनमोल ने उसे मारने का आदेश दिया था। वहीं दूसरी ओर बाबा सिद्दीकी के बेटे जीशान सिद्दीकी ने एक बड़ा बयान देकर मामले में और गर्माहट ला दी है। जीशान ने दावा किया कि उनके पिता के साथ कई डेवलपर्स, कॉन्ट्रैक्टर्स और भाजपा नेताओं का संपर्क था, जो पुनर्विकास परियोजनाओं से जुड़े हुए थे। साथ ही उन्होंने इस मामले में अपने पिता की एक डायरी का भी जिक्र किया। 

जीशान ने पुलिस को बताया कि एक बार एक डेवलपर ने उनके पिता के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था। उन्होंने यह भी बताया कि उनके पिता और वे खुद बांद्रा में झुग्गीवासियों के अधिकारों के लिए लगातार संघर्ष कर रहे थे और इस कारण उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए गए थे। जीशान सिद्दीकी ने पुलिस को बताया कि उनके पिता बाबा सिद्दीकी के साथ कई डेवलपर्स का नियमित संपर्क था। इसलिए उनके पिता को अपनी चिजें डायरी में लिखने की आदत थी।

जीशान ने यह भी बताया कि हत्या के दिन शाम 5:30 से 6 बजे के बीच भाजपा कार्यकर्ता मोहित कंबोज ने उनके पिता से व्हाट्सएप पर संपर्क किया था। मोहित, जो बांद्रा में मुंद्रा बिल्डर्स के एक प्रोजेक्ट के बारे में उनके पिता से मिलना चाहता था, इस बारे में उनसे बात कर रहा था।

बता दें कि बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में पुलिस ने गिरफ्तार किए गए 26 आरोपियों में से छह ने मजिस्ट्रेट के सामने विस्तृत कबूलनामा दिया है, जो चार्जशीट का हिस्सा है। पुलिस ने चार्जशीट में जीशान सिद्दीकी के बयान को भी शामिल किया है। पूर्व विधायक ने पुलिस को दिए अपने बयान में शिवसेना (यूबीटी) नेता अनिल परब का भी नाम लिया है। उन्होंने दावा किया है कि परब ने एसआरए परियोजना के बारे में झुग्गीवासियों की एक बैठक की थी।

24 अक्टूबर, 2024 को दर्ज कराए गए बयान में जीशान सिद्दीकी ने कहा कि वह बांद्रा ईस्ट और वेस्ट में एसआरए परियोजनाओं में काम करने वालों के अधिकारों के लिए लड़ रहे थे। कई डेवलेपर्स वहां के लोगों के साथ अन्याय कर रहे थे। बयान में उन्होंने दावा किया है कि पृथी चव्हाण, शाहिद बलवा, शिवालिक वेंचर्स, अडानी, नबील पटेल, विनोद गोयनका, परवेज लकड़वाला, मुंद्रा बिल्डर्स, विनय ठक्कर, ओमकार बिल्डर्स और बीजेपी नेता मोहित कंबोज सहित कई बिल्डर मेरे पिता के साथ नियमित संपर्क में थे।अपने बयान में जीशान सिद्दीकी ने बताए गए सभी प्रोजेक्ट की जांच की मांग की थी।

वहीं, जीशान के बयान में नाम आने के बाद मोहित कंबोज ने प्रतिक्रिया दी है। मोहित का कहना है कि पूरे मामले में जीशान के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है. बाबा सिद्दीकी मेरे अच्छे दोस्त थे। हफ्ते में दो से तीन बार मैं उनसे बात करता था। कंबोज के मुताबिक हत्या के दिन उसी शाम मेरी बात बाबा सिद्दीकी से हुई और वे एनडीए के नेता थे। हम दोनों में राजनीति और नॉर्मल बाते होती रहती थी। मैं भी बांद्रा में रहता हूं और सिद्दीकी भी यहीं पर रहते थे।
बाबा सिद्दीकी केस में 4590 पन्नों की चार्जशीट दाखिल, हत्या के 3 कारण बताए गए
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बाबा सिद्दीकी केस में मुंबई पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है। मुंबई क्राइम ब्रांच ने महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज क्राइम एक्ट (मकोका) कोर्ट के सामने 4,590 पन्नों की चार्जशीट दायर की है। इस चार्जशीट में बाबा सिद्दीकी के मर्डर केस मामले में 26 आरोपियों को नामजद किया गया है। साथ ही और 3 फरार आरोपियों के नाम शामिल हैं जिसमें शुभम लोनकर, जिशान अख्तर और अनमोल बिश्नोई शामिल है। चार्जशीट में मुंबई पुलिस ने हत्या की वजह का भी जिक्र किया है। पुलिस की जांच के मुताबिक हत्या की तीन प्रमुख वजह हो सकती हैं।

*चार्जशीट में हत्या की 3 वजहें बताई गई हैं*
चार्जशीट में मुंबई पुलिस ने हत्या की तीन प्रमुख वजहों का जिक्र किया है। जिनमें सलमान खान से करीबी, अनुज थप्पन की आत्महत्या का बदला और बिश्नोई गैंग की सुप्रीमेसी स्थापित करने और अपना खौफ मुंबई में बढ़ाना शामिल हैं। हत्याओं की इन तीन वजहों को स्थापित करने के लिए पुलिस ने शुभम लोनकर के फेसबुक पोस्ट को भी आधार बनाया है।
दरअसल, बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने हत्या की जिम्मेदारी ली थी। इस दावे को करने वाला एक फेसबुक पोस्ट काफी वायरल हुआ था। यह पोस्ट सबसे पहले फेसबुक शुभम लोनकर महाराष्ट्र पर अपलोड किया गया था। जिसके बाद पुलिस लोनकर की तलाश में जुट गई थी। हालांकि, यह बताया गया है कि उनके भाई ने जून 2024 से उनके साथ गांव छोड़ दिया, अकोट के पुलिस अधिकारी अनमोल मित्तल ने बताया कि 16 जनवरी, 2024 को अकोट सिटी पुलिस स्टेशन में आर्म एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत शुभम रामेश्वर लोनकर और प्रवीण रामेश्वर लोनकर सहित अकोट और अंजनगाव सुर्जी तालुका के 10 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

*लॉरेंस बिश्नोई का नाम सीधे तौर पर चार्जशीट में नहीं*
बता दें कि इस मामले के मुख्य आरोपी कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई और दो अन्य व्यक्ति शुभम लोनकर और जीशान अख्तर हैं। अनमोल और अख्तर के साथ-साथ लोनकर को भी हत्या के मामले में वॉन्टेड क्रिमिनमल घोषित किया गया है। पुलिस का मानना है कि उन्होंने अपराध की योजना बनाने और उसे अंजाम देने में अहम भूमिका निभाई है। हालांकि, लॉरेंस बिश्नोई का नाम सीधे तौर पर इस चार्जशीट में नहीं है और उन्हें वॉन्टेड सस्पेक्ट के रूप में नहीं रखा गया है। वहीं कहा ये भी जा रहा है कि उनका इस मामले से इनडायरेक्ट कनेक्शन था।

*12 अक्टूबर को की गई थी बाबा सिद्दीकी की हत्या*
12 अक्टूबर 2024 को बाबा सिद्दीकी की उनके बेटे के ऑफिस से निकलते वक्त हत्या कर दी गई थी। उनके सीने पर दो गोलियां लगी थी। उन्हें लीलावती अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई थी।
आरएसएस की शाखा में आए थे आंबेडकर और गांधी', संघ का बड़ा दावा

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देश के संविधान के निर्माता डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर एक बार फिर सुर्खियों में हैं। पिछले दिनों शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यसभा में केन्द्रीय गृहमंत्री के दॉक्टर बीआर अंबेडकर पर दिए गए बयान के बाद पक्ष और विरक्ष में जमकर घमासान मचा। अंबेडकर को लेकर जारी सियासी विवाद के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने बड़ा दावा किया है। आरएसएस ने एक बयान जारी कर दावा किया है कि महात्मा गांधी और बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर संघ की शाखाओं में शामिल हो चुके हैं। संघ के मुताबिक, गांधी 1934 में संघ के एक शिविर में पहुंचे थे जबकि आंबेडकर ने 1940 में संघ की एक शाखा में भेंट दी थी। बता दें कि आरएसएस ने अपने दावे के समर्थन में पेपर की एक कटिंग भी दिखाई है।

देश के संविधान के निर्माता डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने 85 साल पहले महाराष्ट्र में आरएसएस की एक शाखा का दौरा किया था। संघ की संचार शाखा विश्व संवाद केंद्र (वीएसके) ने बृहस्पतिवार को इसका खुलासा करते हुए दावा किया कि इस दौरान आंबेडकर ने स्वयंसेवकों से संबोधित करते हुए कहा था कि कुछ मुद्दों पर मतभेदों के बावजूद वह आरएसएस को आत्मीयता की भावना से देखते हैं।

विश्व संवाद केंद्र के विदर्भ प्रांत ने एक बयान में कहा, डॉ. आंबेडकर ने 2 जनवरी, 1940 को सतारा जिले के कराड में आरएसएस की शाखा का दौरा किया था। यहां उन्होंने स्वयंसेवकों को संबोधित भी किया था। वीएसके ने संबंधित समाचार की एक क्लिपिंग के साथ कहा कि 9 जनवरी, 1940 को पुणे के मराठी दैनिक केसरी में डॉ. आंबेडकर के आरएसएस शाखा में आने के बारे में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी।

“आंबेडकर और आरएसएस के बारे में गलत सूचना फैलाई गई”

बयान के मुताबिक, आरएसएस ने अपनी अब तक की यात्रा में कई चुनौतियों का सामना किया है और संगठन पर कई आरोप लगाए गए हैं, लेकिन उसने इन सभी आरोपों को गलत साबित किया है तथा एक सामाजिक संगठन के रूप में अपनी पहचान को फिर से पुष्ट किया है। इसमें कहा गया है कि आरएसएस पर विभिन्न कारणों से तीन बार प्रतिबंध लगाया गया, लेकिन हर बार यह बेदाग निकला। बयान के अनुसार, आरएसएस पर दलित विरोधी होने के आरोप लगे और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर तथा आरएसएस के बारे में गलत सूचना फैलाई गई। लेकिन अब डॉ. आंबेडकर और आरएसएस के बारे में एक नया दस्तावेज सामने आया है, जो दोनों के बीच संबंधों को उजागर करता है।

“स्वयंसेवक नियमित रूप से आंबेडकर के संपर्क में थे”

वीएसके ने अपने बयान में कहा कि नौ जनवरी, 1940 को पुणे के मराठी दैनिक ‘केसरी’ में डॉ. आंबेडकर के आरएसएस शाखा का दौरा करने के बारे में एक खबर प्रकाशित हुई थी। बयान में उस समाचार की एक प्रति भी संलग्न की गई है। खबर में आरएसएस विचारक दत्तोपंत ठेंगड़ी की लिखी किताब ‘डॉ. आंबेडकर और सामाजिक क्रांति की यात्रा’ का संदर्भ दिया गया है, जिसमें आरएसएस और डॉ. आंबेडकर के बीच संबंधों के बारे में बताया गया है। खबर के अनुसार, किताब के आठवें अध्याय की शुरुआत में ठेंगड़ी कहते हैं कि डॉ. आंबेडकर को आरएसएस के बारे में पूरी जानकारी थी। अध्याय के मुताबिक, संघ के स्वयंसेवक नियमित रूप से आंबेडकर के संपर्क में रहते थे और उनसे चर्चा करते थे।

वीएसके ने किताब के हवाले से कहा, डॉ. आंबेडकर यह भी जानते थे कि आरएसएस हिंदुओं को एकजुट करने वाला एक अखिल भारतीय संगठन है। वह इस बात से भी वाकिफ थे कि हिंदुत्व के प्रति वफादार संगठनों, हिंदुओं को एकजुट करने वाले संगठनों और आरएसएस के बीच अंतर है। आरएसएस के विकास की गति को लेकर उनके मन में संदेह था। इस दृष्टि से डॉ. आंबेडकर और आरएसएस के बीच संबंधों का विश्लेषण करने की आवश्यकता है।

किरेन रिजिजू का कांग्रेस पर बड़ा आरोप, बोले-पार्टी ने षड्यंत्र करके भीमराव अंबेडकर को लोकसभा चुनाव में हराया
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* केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने आज लोकसभा में भीमराव आंबेडकर का जिक्र कर कांग्रेस पर निशाना साधा। किरेन रिजिजू ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी ने षड्यंत्र करके भीमराव अंबेडकर को लोकसभा चुनाव में हराया था। इसके लिए कांग्रेस को पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि 1990 तक बाबा साहेब अंबेडकर को भारत रत्न क्यों नहीं दिया गया? वहीं, नेहरू जी और इंदिरा गांधी ने खुद को भारत रत्न दिया था। लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दूसरे दिन संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बाबा साहेब आंबेडकर के पत्र का जिक्र करते कई बातें बताईं। रिजिजू ने कहा कि कानून मंत्री के पद पर जाने से पहले मेरे मन में सुबह यही आया कि पहले कानून मंत्री बाबा साहेब ने आखिर इस्तीफा क्यों दिया? उन्हें आर्किटेक्ट ऑफ कॉन्स्टिट्यूशन कहा जाता था। उन्होंने कहा कि मैंने ढूंढ करके उस पत्र को पढ़ा है। बाबा साहेब आंबेडकर ने नेहरू जी को लिखा था। लंबा पत्र है, उसके कुछ हिस्से का जिक्र करूंगा। रिजिजू ने लोकसभा में बताया कि बाबा साहेब आंबेडकर ने कानून मंत्री के पद से जो इस्तीफा दिया उसमें शुरू में ही मेंशन किया कि अक्सर जब मंत्री कैबिनेट से इस्तीफा देते हैं तो कारण बताना चाहिए। मैं बिना कारण बताए भी इस्तीफा दे सकता था लेकिन मुझे लगता है कि इस्तीफे में ही मुझे कारण बताना चाहिए। उन्होंने पत्र में अच्छे से जिक्र किया। पहले कैबिनेट में सभी पार्टियों के लोग थे। पहली लिस्ट में बाबा साहेब का नाम नहीं था। बाद में जोड़ा गया और कानून मंत्री बना गया। किरन रिजिजू ने आगे कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी कैबिनेट में थे। जब भीम राव आंबेडकर को लॉ मिनिस्ट्री दिया गया तो उन्होंने पंडित नेहरू से कहा कि आपने मुझे मंत्री बनाया तो बहुत अच्छा है। जब देशभर में आजादी मिल गई है,संविधान बन गया है तो देश को आगे ले जाना है। उन्होंने कहा कि प्राथमिकता क्या है। बाबा साहेब जितना पढ़ा लिखा कोई नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि मेरी पहली प्राथमिकता इकोनॉमी है। मुझे लॉ के अलावा वित्त मंत्रालय दे दीजिए। न हो तो कैबिनेट कमिटी में ही जगह दे दीजिए,लेकिन किसी भी कैबिनेट कमिटी में उन्हें मेंबर नहीं रखा गया। बाबा साहेब को लगने लगा कि मुझे तो प्रॉसेस में भी इन्वॉल्व नहीं कर रहे। प्लानिंग पोर्टफोलियों का वादा किया था नेहरू जी ने,लेकिन वह भी नहीं दिया। इसलिए बाबा साहेब ने इस्तीफा दे । उन्होंने पत्र में क्या लिखा,उसे सबको पढ़ना चाहिए। आगे किरन रिजिजू ने 1990 तक बाबा साहेब अंबेडकर को भारत रत्न नहीं देने पर भी सवाल उठाया। किरन रिजिजू ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि साल 1956 से 1990 तक आपने बाबा साहेब को भारत रत्न क्यों नहीं दिया? नेहरू और इंदिरा गांधी ने खुद को भारत रत्न दिया। आप कारण बताइए आपके शासन काल में बाबा साहेब आंबडेकर को भारत रत्न से क्यों नहीं नवाजा गया? सबसे पहले भारत रत्न अगर किसी को देना चाहिए तो बाबा साहेब को देना चाहिए था। रिजिजू ने कहा कि जब भारतीय जनता पार्टी के समर्थन से बीपी सिंह की सरकार बनी तब अंबेडकर जी को भारत रत्न दिया गया था. हमारा मानना है कि अगर देश में किसी को पहला भारत रत्न मिलना था तो अंबेडकर जी को मिलना चाहिए था। उन्होंने आगे कहा कि अंबेडकर जी के जन्म स्थल को तीर्थ स्थल के तौर पर विकसित किया गया है। लंदन में जहां अंबेडकर जी ने पढ़ाई की थी, उस घर को मोदी जी के नेतृत्व में महाराष्ट्र सरकार ने खरीद कर अंबेडकर म्यूजियम बनाया है। दिल्ली में बाबा साहब इंटरनेशनल मेमोरियल सेंटर बनाया गया है।
बाबा सिद्दीकी हत्याकांड: मुंबई पुलिस ने 26 गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ सख्त 'MCOCA' लगाया

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एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में ताजा घटनाक्रम में, मुंबई पुलिस ने शनिवार को आरोपियों के खिलाफ महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) लगाया। 12 अक्टूबर को, सिद्दीकी की मुंबई के निर्मल नगर इलाके में उनके बेटे विधायक जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के बाहर तीन हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। लॉरेंस बिश्नोई गिरोह ने हत्या की जिम्मेदारी ली है। पुलिस ने इस मामले में अब तक 26 लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि तीन और लोगों को अभी गिरफ्तार किया जाना है।

मकोका क्या है?

महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम, 1999, "संगठित अपराध सिंडिकेट या गिरोह द्वारा आपराधिक गतिविधि की रोकथाम और नियंत्रण तथा उससे निपटने और उससे जुड़े या उसके आकस्मिक मामलों के लिए विशेष प्रावधान करने के लिए" एक अधिनियम है। यह अधिनियम, जो पूरे महाराष्ट्र राज्य पर लागू होता है, 24 फरवरी, 2024 को लागू हुआ। अधिनियम में कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति संगठित अपराध का अपराध करता है और यदि ऐसे कृत्य के परिणामस्वरूप किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो आरोपी को मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी और जुर्माना भी देना होगा। किसी अन्य मामले में, आरोपी को कम से कम पांच साल की कैद की सजा दी जा सकती है, लेकिन यह आजीवन कारावास तक बढ़ सकती है और जुर्माना भी देना होगा

मुंबई पुलिस की जांच

पुलिस ने कहा कि एनसीपी नेता की हत्या की जांच में पता चला है कि मुख्य संदिग्ध आकाशदीप गिल ने मुख्य साजिशकर्ताओं से संवाद करने के लिए एक मजदूर के मोबाइल इंटरनेट हॉटस्पॉट का इस्तेमाल किया था, जिसमें मास्टरमाइंड अनमोल बिश्नोई भी शामिल है। पंजाब से गिरफ्तार किए गए गिल को अनमोल द्वारा रची गई बाबा सिद्दीकी की हत्या की साजिश में रसद समन्वयक पाया गया। एएनआई ने मुंबई क्राइम ब्रांच के हवाले से बताया, "बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, पंजाब के फाजिल्का से गिरफ्तार आकाशदीप गिल ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि कैसे उसने एक मजदूर के मोबाइल हॉटस्पॉट का इस्तेमाल करके मुख्य साजिशकर्ताओं से संपर्क किया। पुलिस की नजर से बचने के लिए इस तरीके का इस्तेमाल किया गया।" उन्होंने आगे कहा कि गिल ने मजदूर बलविंदर के हॉटस्पॉट का इस्तेमाल करने की बात स्वीकार की, जिससे वह ऑफ़लाइन दिखाई दे सके और ट्रैक होने से बच सके। 

अधिकारियों ने कहा कि क्राइम ब्रांच गिल के मोबाइल फोन की तलाश कर रही है, जो इस मामले में एक महत्वपूर्ण सबूत हो सकता है। सिद्दीकी की हत्या के मामले में एक आरोपी और शूटर शिव कुमार को चार अन्य आरोपियों के साथ 12 नवंबर को स्थानीय अदालत ने पुलिस हिरासत में भेज दिया था। कुमार और अन्य चार आरोपियों को उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और मुंबई क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने 10 नवंबर को यूपी के बहराइच के नानपारा इलाके से गिरफ्तार किया था। हत्या के लिए फंडिंग करने के आरोपी सलमान वोहरा को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। मुंबई क्राइम ब्रांच के एक वरिष्ठ अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार, बाबा सिद्दीकी लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के रडार पर भी था।

నిమ్స్‌లో అరుదైన శస్త్ర చికిత్స

చిన్నతనం నుంచే గుండె సంబంధిత వ్యాధితో బాధపడుతున్న యువకుడికి నిమ్స్‌ వైద్యులు(Nims doctors) అరుదైన శస్త్ర చికిత్స చేశారు. మహబూబాబాద్‌(Mahbubabad) జిల్లా కుర్వి మండలం నారాయణపురం తండాకు చెందిన బానోత్‌ అశోక్‌ (20) చిన్నతనం నుంచే ఆరోగ్య సమస్యతో ఇబ్బంది పడుతుండడంతో అతని తల్లిదండ్రులు వైద్యులకు చూపించగా హృద్రోగ సమస్య ఉందని గుర్తించారు.

చిన్నతనం నుంచే గుండె సంబంధిత వ్యాధితో బాధపడుతున్న యువకుడికి నిమ్స్‌ వైద్యులు(Nims doctors) అరుదైన శస్త్ర చికిత్స చేశారు. మహబూబాబాద్‌(Mahbubabad) జిల్లా కుర్వి మండలం నారాయణపురం తండాకు చెందిన బానోత్‌ అశోక్‌ (20) చిన్నతనం నుంచే ఆరోగ్య సమస్యతో ఇబ్బంది పడుతుండడంతో అతని తల్లిదండ్రులు వైద్యులకు చూపించగా హృద్రోగ సమస్య ఉందని గుర్తించారు. ఐదేళ్ల వయసులో ప్రైవేట్‌ ఆస్పత్రిలో శస్త్రచికిత్స చేయగా కోలుకున్న అతను నాలుగేళ్లుగా ఆయాసం, గుండెదడతో బాధపడుతున్నాడు.

పరీక్షించిన వైద్యులు అతడి పల్మనరీ వాల్‌ లీక్‌ అవుతుందని గ్రహించారు. వెంటనే శస్త్ర చికిత్స చేయించాలని, అందుకు రూ. 25లక్షల నుంచి 35 లక్షల వరకు ఖర్చవుతుందని తెలిపారు. దాంతో అతడిని నిమ్స్‌కు తరలించగా కార్డియాలజీ విభాగంలో సీనియర్‌ ప్రొఫెసర్‌ డాక్టర్‌ సాయి సతీష్‌(Senior Professor Dr. Sai Satish) ఆధ్వర్యంలో ఆధునిక పరీక్షలు నిర్వహించారు. రిపోర్టులు పరిశీలించి రక్తనాళాల ద్వారా కృత్రిమ పల్మనరీ వాల్వ్‌ను అమర్చేందుకు నిర్ణయించారు.

సీఎం రిలీఫ్‌ ఫండ్‌ సహకారంతో డాక్టర్‌ సాయి సతీష్‌ నేతృత్వంలో వైద్యులు హేమంత్‌, శైలేష్‌ భాటియా, రాజశేఖర్‌, అమర్నాథ్‌, త్యాగి, అనస్తీషియా వైద్యులు డాక్టర్‌ అద్నాన్‌, తదతరులతో కూడిన వైద్యబృందం అక్టోబరు 25న శస్త్ర చికిత్సను నిర్వహించింది. రోగికి 35 మిల్లీమీటర్ల సైజు మై వాల్‌ కృత్రిమ పల్మనరీ కవాటాన్ని అమర్చారు. ఈ రకం పల్మనరీ కృత్రిమ కవాటం అమర్చడం భారతదేశంలో ఇప్పటివరకు ఇదే అతిపెద్దదని నిమ్స్‌ కార్డియాలజీ వైద్యులు సతీష్‌ తెలిపారు.