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मोदी सरकार फासिस्ट नहीं”, सीपीएम के इस बदले तेवर का कांग्रेस-सीपीआई में विरोध तेज

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मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार को फासिस्ट यानी फासीवादी या नियो फासिस्ट नहीं मानती। दरअसल, सीपीएम) की अप्रैल महीने में तमिलनाडु के मदुरै में 24वीं कांग्रेस का आयोजन किया जा रहा है। इसके लिए तैयार किए गए राजनीतिक प्रस्ताव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को फासिस्ट या नियो फासिस्ट नहीं कहा गया है। इस प्रस्ताव के मसौदे को सीपीएम केंद्रीय समिति ने कोलकाता में 17 से 19 जनवरी के बीच अपनी बैठक में मंजूरी दी थी। अब सीपीएम के इस रुख ने केरल की सियासत में तूफान मचा दिया है। इसको लेकर कांग्रेस और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी सीपीआई ने कड़ी आपत्ति जताई है और इसे बीजेपी के प्रति नरम रुख अपनाने की रणनीति बताया है।

इस प्रस्ताव के मसौदे को सीपीएम केंद्रीय समिति ने कोलकाता में 17 से 19 जनवरी के बीच अपनी बैठक में मंजूरी दी थी। सीपीएम ने अपने मसौदा राजनीतिक प्रस्ताव में कहा है कि मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान दक्षिणपंथी, सांप्रदायिक और सत्तावादी ताकतों का एकीकरण हुआ है जो 'नियो फासिस्ट विशेषताओं' को दर्शाता है। लेकिन वह मोदी सरकार को सीधे तौर पर फासिस्ट या नियो फासिस्ट नहीं मानती। प्रस्ताव में यह भी बताया गया है कि मोदी सरकार को फासिस्ट या नियो फासिस्ट क्यों नहीं कहा गया है, क्योंकि इसके कुछ कदम फासिस्ट विचारधारा से मेल नहीं खाते हैं। सीपीएम के इस प्रस्ताव का उद्देश्य यह दिखाना था कि सरकार की नीतियां पूरी तरह से फासिस्ट नहीं हैं, बल्कि उनमें कुछ तत्त्व ऐसे हैं, जो लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का पालन करते हैं।

सीपीएम की बीजेपी के वोटों को हासिल करने की कोशिश-कांग्रेस

मोदी सरकार को लेकर सीपीएम के राजनीतिक प्रस्ताव में इस टिप्पणी को लेकर कांग्रेस ने तल्ख टिप्पणी की है। केरल में विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने आरोप लगाया कि सीपीएम बीजेपी के प्रति नरम रवैया अपना रही है और इस प्रस्ताव के जरिए वह केरल में बीजेपी समर्थकों के वोट हासिल करने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला ने कहा कि 2021 के विधानसभा चुनावों में सीपीएम ने बीजेपी के वोटों से जीत हासिल की थी और अब 2026 के चुनावों के लिए वही रणनीति अपनाई जा रही है।

सीपीएम की यह रणनीति समझ से परे-सीपीआई

वहीं, सीपीएम की गठबंधन सहयोगी सीपीआई ने भी अपने स्टैंड में सुधार की मांग कर दी है। सीपीआई ने कहा है कि सीपीएम की ओर से मोदी सरकार को फासीवादी बचाने से बचने की जल्दबाजी नहीं समझ आ रही है। पार्टी की केरल इकाई के सचिव बिनॉय विश्वम ने कहा कि सीपीएम की यह रणनीति समझ से परे है। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार धर्म और आस्था का राजनीतिक उपयोग कर रही है। जो कि फासिस्ट विचारधारा की पहचान होती है। उनका आरोप था कि सीपीएम जानबूझकर मोदी सरकार को फासीवादी कहने से बच रही है।

सीपीएम के बदले रुख की वजह

वहीं, सीपीएम के इस अचानक हुए “हृदय परिवर्तन” से सवाल उठना लाजमी है। जानकार इसे पिनराई विजयन की चुनावी रणनीति मान रहे हैं। केरल में बीजेपी जिस तेजी से पैर पसार रही है, वह एलडीएफ को टेंशन देने के लिए काफी है। 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने केरल में अपना खाता खोल दिया है। अगर बीजेपी के वोटर बढ़े तो सर्वाधिक नुकसान वाम दलों को ही होगा। 10 साल की एंटी इम्कबेंसी से निपटने के लिए जरूरी है कि बीजेपी और कांग्रेस की ओर झुक रहे वोटर लेफ्ट के सपोर्ट में वोटिंग करें। एक्सपर्ट्स का कहना है कि केरल में बीजेपी के प्रति सहानुभूति रखने वाले वोटर्स का एक धड़ा है जो कांग्रेस को नहीं पसंद करता है। सीपीएम की नजर उस पर भी है।

भगोड़े ललित मोदी को भारत लाना हुआ मुश्किल, ले ली इस देश की नागरिकता

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भारत सरकार की ओर से भगोड़ा घोषित ललित मोदी को भारत लाना और भी मुश्किल हो गया है। ललित मोदी ने भारत लौटने से बचने के लिए एक बड़ी चाल चली है। खबर आ रही है कि आईपीएल के पूर्व चेयरमैन ललित मोदी ने प्रशांत महासागर में स्थित छोटे द्वीपीय देश वनुआतु की नागरिकता ले ली है। बताया जा रहा है कि भारतीय कानून से बचने के लिए उसने यह कदम उठाया है। दरअसल, वनुआतु का भारत या किसी भी देश के साथ प्रत्यर्पण संधि नहीं है।

टीवी9 ने सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, ललित मोदी ने करोड़ों रूपये खर्च करके वनुआतु की नागरिकता ली है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ललित मोदी को वनुआतु से नया पासपोर्ट 30 दिसंबर 2024 को जारी किया गया है। भारत और वनुआतु के बीच कोई प्रत्यर्पण समझौता नहीं है और इसलिए भारत सरकार के लिए पूर्व क्रिकेट प्रशासक को वापस लाना बहुत मुश्किल हो सकता है।

125 करोड़ के घोटाले का आरोप है

ललित मोदी को भारत सरकार ने भगोड़ा घोषित किया है और उस पर 125 करोड़ के घोटालों का आरोप है। मोदी पर आईपीएल मीडिया राइट्स और फ्रेंचाइजी डील के जरिए करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोप है। ललित मोदी साल 2010 में भारत छोड़कर लंदन भाग गया था। उस पर वित्तीय अनियमितताओं, मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। भारत की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनके खिलाफ कई मामलों की जांच शुरू की थी और भारतीय अदालतों ने उन्हें पेश होने के आदेश भी दिए थे।

कितना आसान है वनुआतु की नागरिकता लेना

बता दें कि वनुआतु की सरकार गोल्डन वीजा प्रोग्राम चलाती है। गोल्डन वीजा प्रोग्राम के तहत रुपये देकर आसानी से नागरिकता हासिल कर ली जाती है। वनुआतु की नागरिकता के लिए करोड़ों रुपये देने पड़ते हैं। साथ ही वनुआतु का भारत या किसी भी देश के साथ प्रत्यर्पण संधि नहीं है। यही वजह है कि वनुआतु फर्जीवाड़े और घोटालों में शामिल लोगों के लिए सुरक्षित ठिकाना है।

मोटापे के खिलाफ पीएम मोदी की जंगः10 लोगों को दिया चैलेंज, आनंद महिंद्रा से लेकर उमर अब्दुल्ला को टास्क

#pmmodinominates10peopletohelpfightagainst_obesity

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रविवार को देश में बढ़ते मोटापे की समस्या के मुद्दे को उठाया था। उन्होंने कहा कि खाने के तेल में 10% कमी करने जैसे छोटे-छोटे प्रयासों से इस चुनौती से निपटा जा सकता है। पीएम ने कहा कि इसके लिए वह एक चैलेंज शुरू करेंगे।इसके बाद उन्होंने कहा कि इस एपीसोड के बाद वे 10 लोगों को अपील कर नॉमिनेट करेंगे कि क्या वो अपने खाने में तेल को 10 फीसदी कम कर सकते हैं? इस अपील के अगले दिन ही यानी आज पीएम ने ट्वीट कर 10 लोगों को नॉमिनेट किया है।

पीएम मोदी ने नामित 10 लोगों से की ये अपील

सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी ने इसके लिए जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला और महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा सहित 10 लोगों को चैलेंज किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, "जैसा कि कल 'मन की बात' में बताया गया था, मैं मोटापे के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने और भोजन में खाद्य तेल की खपत को कम करने के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए इन 10 लोगों को नॉमिनेट करना चाहता हूं। मैं उनसे यह भी अपील करता हूं कि वे भी 10-10 लोगों को नॉमिनेट करें ताकि हमारा आंदोलन और बड़ा हो।"

इन 10 लोगों को दिया चैलेंज

पीएम मोदी ने ने जिन 10 लोगों का नामित किया है उनमें, आनंद महिंद्रा, दिनेश लाल यादव निरहुआ, मनु भाकर, मीराबाई चानू, मोहनलाल, नंदन नीलेकणी, उमर अबदुल्ला, आर माधवन, श्रेया घोषाल और सुधा मूर्ति का नाम शामिल है।

उमर अब्दुल्ला ने भी दस लोगों को किया नॉमिनेट

पीएम मोदी के ओर से नॉमिनेट किए जाने के बाद उमर अब्दुल्ला ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा मोटापे के खिलाफ शुरू किए गए अभियान में शामिल होकर बहुत खुश हूं। मोटापे के कारण कई तरह की जीवनशैली से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं, जैसे हृदय रोग, टाइप 2 मधुमेह, स्ट्रोक और सांस लेने की समस्याएं, साथ ही चिंता और अवसाद जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं भी होती हैं। आज मैं मोटापे के खिलाफ प्रधानमंत्री के अभियान में शामिल होने के लिए इन 10 लोगों को नामांकित कर रहा हूं और उनसे अनुरोध करता हूं कि वे इस लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए 10-10 लोगों को नामांकित करें।’ उमर ने किरण मजूमदार-शॉ, सज्जन जिंदल, दीपिका पादुकोण, सानिया मिर्जा, इरफान पठान, सुप्रिया सुले समेत 10 लोगों को नॉमिनेट किया है।

मन की बात कार्यक्रम में उठाया था मुद्दा

बता दें कि पीएम मोदी ने मन की बात में कहा था कि एक स्टडी के मुताबिक हर 8 में से एक व्यक्ति ओबेसिटी की समस्या से परेशान है। ज्यादा चिंता की बात है कि बच्चों में भी मोटापे की समस्या चार गुना बढ़ गई है। डब्ल्यूएचओ का डेटा बताता है कि 2022 में दुनियाभर में करीब ढाई सौ करोड़ लोग ओवरवेट थे। पीएम ने कहा, ‘हम सब मिलकर छोटे-छोटे प्रयासों से इस चुनौती से निपट सकते हैं। जैसे एक तरीका मैंने सुझाया था, खाने के तेल में 10 पर्सेंट की कमी करना।पीएम ने कहा, मैं आज ‘मन की बात’ के इस एपिसोड के बाद 10 लोगों को आग्रह करूंगा, चैलेंज करूंगा कि क्या वे अपने खाने में ऑयल को 10% कम कर सकते हैं? साथ ही उनसे यह आग्रह भी करूंगा कि वे आगे नए 10 लोगों को ऐसा ही चैलेंज दें। मुझे विश्वास है, इससे ओबेसिटी से लड़ने में बहुत मदद मिलेगी।

मॉरिशस जा रहे पीएम मोदी, पड़ोसी देश के राष्ट्रीय दिवस समारोह में होंगे मुख्य अतिथि

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने मॉरीशस का दौरा करेंगे। पीएम मोदी 12 मार्च को मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम ने इसका एलान किया। रामगुलाम ने इसे दोनों देशों के बीच घनिष्ठ द्विपक्षीय संबंधों का प्रमाण बताया। बता दें कि हर साल 12 मार्च को मॉरीशस अपना राष्ट्रीय दिवस मनाता है। इसे 12 मार्च, 1968 को ब्रिटिश शासन से आजादी मिली थी।

पीएम मोदी ने मॉरीशस का निमंत्रण किया स्वीकार

अपनी संसद में पीएम रामगुलाम ने कहा कि मुझे सदन को यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि मेरे निमंत्रण पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारे राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि बनने पर सहमति जताई है। हमारे देश के लिए यह वास्तव में एक अनूठा सौभाग्य है कि हम ऐसे प्रतिष्ठित व्यक्तित्व की मेजबानी कर रहे हैं, जो अपने व्यस्त कार्यक्रम और हाल ही में पेरिस व अमेरिका के दौरे के बावजूद हमें यह सम्मान दे रहे हैं।

भारत-मॉरीशस संबंध

भारत और मॉरीशस के संबंध ऐतिहासिक रूप से गहरे रहे हैं। मॉरीशस में भारतीय मूल के लोगों की बड़ी संख्या है और दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक, आर्थिक और रणनीतिक साझेदारी लंबे समय से चली आ रही है। भारत मॉरीशस के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता आया है, जिसमें बुनियादी ढांचे, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग शामिल है। माना जा रहा है कि पीएम मोदी की यह यात्रा दोनों देशों के बीच व्यापारिक और कूटनीतिक संबंधों को और मजबूत करेगी।

70 फीसदी आबादी भारतीय मूल की

हर साल 12 मार्च को मॉरीशस अपना राष्ट्रीय दिवस मनाता है। इसे 12 मार्च, 1968 को ब्रिटिश शासन से आजादी मिली थी। मॉरीशस, हिंद महासागर में स्थित एक छोटा सा द्वीपीय देश है। यह अफ्रीका के दक्षिण-पूर्वी तट से दूर, मेडागास्कर के पूर्व में है। मेडागास्कर तट से मॉरीशस की दूरी लगभग 800 किमी है। यह मस्कारेने द्वीप समूह का हिस्सा है। मॉरीशस की राजधानी पोर्ट लुइस है। यहां की आबादी लगभग 12 लाख है। इनमें से लगभग 70 फीसदी आबादी भारतीय मूल की है। यहां पर जिस धर्म के सबसे ज्यादा लोग रहते हैं, वो है हिंदू।

2 साल में जहां-जहां चुनाव वहां विपक्ष को हराएंगे', एनडीए की बैठक में बोले पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को नई दिल्ली में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक हुई। दिल्ली की नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और उनके मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण के कुछ ही घंटों बाद यह उच्च स्तरीय बैठक हुई। बैठक में पीएम मोदी ने सभी से कहा कि हम आगामी सारे चुनाव एक जुट होकर मजबूती से लड़ेगे और देश में मजबूती से काम करेगी।

एनडीए की बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है कि एनडीए एकजुट है और हम सभी विकसित भारत के लिए काम करेंगे और इस लक्ष्य को मिलकर हासिल करेंगे। पीएम मोदी ने कहा है कि आने वाले 2 साल में जहां-जहां चुनाव है वहां एनडीए विपक्ष को हराएगा। वहीं, बैठक में एनडीए के नेताओं ने गठबंधन की एकता पर बल दिया है। इसके साथ ही बिहार और पश्चिम बंगाल सहित आगामी सभी विधानसभा चुनाव साथ लड़ने का संकल्प लिया है।

एडीए में एकता का दिया संदेश

बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, उप मुख्यमंत्री पवन कल्याण, शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अजीत पवार, अपना दल (एस) के सोनेलाल पटेल सहित अन्य घटक दलों के नेता मौजूद थे। इसके साथ ही भाजपा शासित राज्यों के कई मुख्यमंत्री भी बैठक में शामिल हुए। नेताओं ने इस साल और अगले साल होने वाले चुनावों में प्रभावशाली प्रदर्शन सुनिश्चित करने के लिए एकजुट और मजबूती से काम करने का संकल्प लिया।

कब और कहां होंगे अगले चुनाव?

बता दें कि साल 2025 के आखिर में बिहार में विधानसभा चुनाव का आयोजन किया जाएगा। साल 2026 में असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव होंगे। इसके बाद साल 2027 में गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का आयोजन होगा।

कौन हैं कतर के अमीर शेख अल-थानी? जिनके लिए पीएम मोदी प्रोटोकॉल तोड़कर पहुंच गए एयरपोर्ट

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कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी दो दिवसीय राजकीय दौरे पर भारत आए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार शाम को खुद उनकी आगवानी करने इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पहुंचे। पीएम मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़कर कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी की अगवानी के ले वहां मौजूद रहे। कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी जैसे ही प्लेन से नीचे उतरे, पीएम मोदी ने मुस्कराते हुए उन्हें गले लगा लिया। अमीर ने भी उतनी ही गर्मजोशी के साथ उनका साथ दिया। कतर के अमीर को एयरपोर्ट पर रेड कारपेट वेलकम देकर गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

अमीर शेख तमीम बिन मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगे और पीएम नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत करेंगे। प्रधानमंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि अपने भाई, कतर के शेख तमीम बिन हम्माद अल-थानी का स्वागत करने के लिए एयरपोर्ट गया। भारत में उनके सफल प्रवास की कामना करता हूं।

मंगलवार की सुबह कतर के अमीर का राष्ट्रपति भवन के परिसर में औपचारिक स्वागत किया जाएगा, जिसके बाद हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनकी बैठक होगी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी के साथ द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे। बयान के अनुसार मंगलवार दोपहर को सहमति पत्रों का आदान-प्रदान होगा, जिसके बाद कतर के अमीर राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात करेंगे। विदेश मंत्रालय ने कहा कि अल-थानी पीएम मोदी के आमंत्रण पर भारत दौरे पर आए हैं।

कौन हैं अमीर तमीम बिन अल-थानी?

शेख तमीम बिन हमद अल-थानी कतर के अमीर रहे शेख हमद बिन खलीफा अल-थानी के बेटे हैं। वे दुनिया के सबसे युवा राष्ट्राध्यक्षों में से एक हैं। उन्हें 2003 में क्राउन प्रिंस नियुक्त किया गया। इसके बाद 2009 में उन्हें सेना में डिप्टी कमांडर इन चीफ का पद मिला। वे 25 जून 2013 को कतर के अमीर बने थे। उनके पास करीब 335 अरब डॉलर की संपत्ति है। वे दुनिया के 9वें सबसे अमीर शासक हैं।

खेलों में है गहरी रूचि

तमीम बिन अल-थानी का जन्म 3 जून 1980 को कतर की राजधानी दोहा में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कतर में ही प्राप्त की और उच्च शिक्षा के लिए ब्रिटेन गए। ब्रिटेन से शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने कतर की सेना में भी अपनी सेवाएं दीं। तमीम खेलों में गहरी रुचि रखते हैं। 2006 में कतर में आयोजित एशियन गेम्स के सफल आयोजन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। इस आयोजन ने उन्हें वैश्विक पहचान दिलाई। उनकी नेतृत्व क्षमता का एक और उदाहरण 2022 फीफा वर्ल्ड कप का कतर में सफल आयोजन रहा।

दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के दौरान जमीन में सुनाई दी तेज गड़गड़ाहट की आवाज, झटकों के बाद पीएम मोदी की खास अपील

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सोमवार की सुबह राजधानी दिल्ली में आए भूकंप से दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई इलाके कांप गए। सोमवार की सुबह 5.36 बजे भूकंप के तेज झटके महसूस हुए। भूकंप से अधिक लोगों को एक डरावनी आवाज ने डराया। भूकंप के दौरान जमीन के भीतर तेज गड़गड़ाहट की आवाज भी सुनी गई, जिससे लोगों में दहशत फैल गई। भूकंप के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी बयान सामने आया है। पीएम मोदी ने लोगों से संभावित झटकों के प्रति सतर्क, शांत और सुरक्षित रहने की अपील की है।

प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा, दिल्ली और आसपास के इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। सभी से शांत रहने और सुरक्षा सावधानियों का पालन करने, संभावित झटकों के प्रति सतर्क रहने की अपील की गई है। उन्होंने कहा कि अधिकारी स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं। गनीमत ये रही कि इस भूकंप से किसी जान माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।

क्यों आई तेज गड़गड़ाहट की आवाज

भुकंर के दौरान सुनाई दिए तेज आवाज के बाद विशेषज्ञों ने बताया है कि किस वजह से यह आवाज सुनाई दी। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार, भूकंप के दौरान, जमीन कंपन करती है, जिससे छोटी अवधि की भूकंपीय तरंग गति पैदा होती है जो हवा तक पहुंचती है और ये ध्वनि तरंग बन जाती है। ये ध्वनि तरंग वायुमंडल में कंपन पैदा कर सकती हैं। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के अनुसार, भूकंप का केंद्र जितना उथला या कम गहराई में होगा, उतनी ही ज्यादा ऊर्जा सतह तक पहुंच सकती है। उच्च आवृत्ति वाली भूकंपीय तरंगे जमीन से होकर गुजरती हैं, इसकी वजह से ही भूकंप के दौरान गड़गड़ाहट की आवाज सुनाई देती है। दिल्ली में आए भूकंप का केंद्र जमीन के भीतर महज पांच किलोमीटर अंदर ही था, जिसके कारण लोगों को तेज आवाज सुनाईं दी।

फ्रांस-अमेरिका की यात्रा के बाद देश लौटे पीएम मोदी, दिल्ली में सरकार गठन की सुगबुगाहट हुई तेज

#pm_modi_returned_country-_buzz_about_formation_of_delhi_govt

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस और अमेरिका की अपनी यात्रा समाप्त करने के बाद शुक्रवार को दिल्ली लौट आए। उनकी फ्लाइट शुक्रवार देर रात पालम हवाई अड्डे पर लैंड हुई। अपनी यात्रा के दौरान, पीएम मोदी ने फ्रांस में एआई शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता की और अमेरिका में उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी मुलाकात की। पीएम के स्वदेश लौटते ही दिल्ली में सरकार गठन की सुगबुगाहट तेज हो गई है।

द‍िल्‍ली का सीएम कौन होगा? इस पर फैसला आज या कल हो सकता है। शुक्रवार को बीजेपी अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने द‍िल्‍ली के संगठन नेताओं की बैठक ली, जिसमें सरकार का खाका तय क‍िया गया। इस बैठक में बी एल संतोष, वीरेंद्र सचदेवा, हर्ष मल्होत्रा, पवन राणा मौजूद थे। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में 48 विधायकों में से 15 विधायकों की एक लिस्ट तैयार कर ली गई है और इसी लिस्ट से 9 विधायकों का चुनाव किया जाएगा जो दिल्ली के मुख्यमंत्री और मंत्री होंगी। प्रधानमंत्री मोदी के अमेर‍िका से लौट के बाद आज इस पर बैठक होगी और पीएम मोदी इस पर आख‍िरी फैसला ले सकते हैं।

पीएम के साथ गृह मंत्री अमित शाह, जेपी नड्डा और बीजेपी के शीर्ष नेताओं की बैठक होगी। आज या कल पार्लियामेंट्री बोर्ड की मीटिंग होने वाली है और इसमें मंथन के बाद दिल्ली के नए सीएम का नाम सामने आ जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, 17 या 18 फरवरी को विधायक दल की मीटिंग हो सकती है और 19 या 20 फरवरी को शपथ ग्रहण संभव है। यानी दिल्ली को नई सरकार अगले हफ्ते मिलने की संभावना है।

भाजपा के नवनिर्वाचित विधायक और पार्टी के राष्ट्रीय सचिव मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि पीएम मोदी के आते ही भाजपा विधायक दल की बैठक के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। राजौरी गार्डन से विधायक सिरसा खुद भी मंत्री-मुख्‍यमंत्री पद के दावेदार माने जा रहे हैं। उन्‍होंने कहा क‍ि नई सरकार 19-20 फरवरी के आसपास काम करना शुरू कर देगी। सिरसा ने कहा, उम्मीद है कि भाजपा विधायक दल की बैठक 18-19 फरवरी के आसपास होगी। मुझे लगता है कि शपथ ग्रहण समारोह के बाद 20 फरवरी तक नई सरकार का गठन हो जाएगा।

शशि थरूर ने की पीएम मोदी के यूएस दौरे की तारीफ, जानें क्या कहा ?


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प्रधानमंत्री का दो दिवसीय अमेरिका दौरा खत्म हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिकी दौरा भारत के लिए काफी खास रहा है। इस दौरे में पीएम मोदी ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ मुलाकात की। पीएम मोद के इस दौरे पर ट्रंप के साथ कई मुद्दों पर बातचीत हुई। इसके अलावा कई बड़े अमेरिकी शीर्ष अधिकारियों से भी पीएम मोदी ने मुलाकात की।कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे की सराहना की है। शशि थरूर ने कहा कि पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे की काफी चर्चा हो रही है। इसके नतीजे भी बहुत अच्छे हैं। दोनों देशों के बीच हुई बातचीत का मैं स्वागत करता हूं।

शशि थरूर ने पीएम मोदी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से मिले इनविटेशन को एक बड़ी घटना बताया था। उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि अगर मैं गलत नहीं हूं तो यह काफी जरूरी बात है कि हमारे प्रधानमंत्री राष्ट्रपति ट्रंप से मिलने का समय पाने वाले पहले विश्व नेताओं में से हैं। यह देश के लिए एक अच्छा संकेत है। अभी ट्रंप प्रशासन को सरकार संभाले हुए एक महीना भी पूरा नहीं हुआ है और पीएम मोदी वाशिंगटन पहुंचने वाले चौथे प्रमुख नेता हैं।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, अब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनास्ड ट्रंप द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस से जो कुछ भी हमने देखा है, वह बहुत उत्साहजनक है। हम सभी की कुछ बड़ी चिंताओं का समाधान किया गया है। थरूर ने कहा, पीएम मोदी और ट्रंप ने व्यापार और शुल्क के सवाल पर उन्होंने एक साथ बैठकर गंभीर बातचीत करने का फैसला किया है, जो सितंबर-अक्टूबर तक समाप्त हो जाएगी। अवैध प्रवासी भारतियों के इमिग्रेशन के मुद्दे पर केवल एक चीज की कमी थी कि उन्हें वापस कैसे भेजा गया? अन्यथा उनका रुख बिल्कुल सही था। ये गुमराह युवा हैं, जिन्हें अवैध रूप से प्रवास करने के लिए प्रोत्साहित और प्रेरित किया गया है।

'MAGA + MIGA = MEGA', अमेरिका से पीएम मोदी ने दिया नया फॉर्मूला

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय आधिकारिक दौरे पर संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा पूरी कर चुके हैं। पीएम मोदी अमेरिका के 2 दिवसीय यात्रा से लौट रहे हैं। वहीं, अमेरिका पहुंचे पीएम मोदी ने एक नया फॉर्मूला सेट किया है। अपने दौरे के दौरान पीएम मोदी ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की। साथ ही भारत और अमेरिका के रिश्तों पर नया फॉर्मूला बनाया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार तड़के डोनाल्ड ट्रंप के साथ एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने ट्रंप के मेक अमेरिका ग्रेट अगेन की तरह ‘मेक इंडिया ग्रेट अगेन’ का नारा दिया। दरअसल, ट्रंप अपने चुनाव प्रचार में मेक अमेरिका ग्रेट अगेन का नारा लगाते दिखे थे। पीएम ने इसका जिक्र करते हुए लिखा कि भारत में हम विकसित भारत के लक्ष्य के साथ काम कर रहे हैं, जो अमेरिकी संदर्भ में बदलकर MIGA हो जाता है, मतलब make india great again। इस तरह से दोनों देश मिलकर भारत और अमेरिका की खुशहाली के लिए मेगा पार्टनरशिप कर रहे हैं। इस तरह से मोदी ने फॉर्मूला MAGA+MIGA=MEGA का नाम दिया। इसका मतलब उन्होंने समझाया-समृद्धि के लिए एक मेगा साझेदारी

ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी ने कहा, ‘अमेरिका के लोग राष्ट्रपति ट्रंप के मोटो ‘MAGA- मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ से अच्छी तरह वाकिफ हैं। भारत के लोग भी अपनी विरासत और विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं क्योंकि वो तेजी से और दृढ़ संकल्प के साथ ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं। अमेरिका की भाषा में कहें तो ये है ‘मेक इंडिया ग्रेट अगेन – MIGA’। जब अमेरिका और भारत एक साथ काम करते हैं तो ये MAGA+MIGA=MEGA यानी समृद्धि के लिए एक मेगा साझेदारी बन जाती है। यही MEGA भावना हमारे उद्देश्यों को नया पैमाना और गुंजाइश देती है।

इससे पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार देर रात (13 फरवरी) को व्हाइट हाउस में द्विपक्षीय वार्ता की। इस दौरान दोनों नेताओं ने व्यापार, ऊर्जा और रक्षा समेत विभिन्न क्षेत्रों में अपने रिश्तों को मजबूत करने का निर्णय किया। पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की ये मुलाकात ट्रंप के दूसरे राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान पहली आधिकारिक मुलाकात है। इस बैठक में भारत ने अधिक अमेरिकी तेल और गैस खरीदने पर सहमति जताई है, वहीं ट्रंप ने घोषणा कि अमेरिका भारत के साथ सैन्य व्यापार को और बढ़ाएगा।

मोदी सरकार फासिस्ट नहीं”, सीपीएम के इस बदले तेवर का कांग्रेस-सीपीआई में विरोध तेज

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मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार को फासिस्ट यानी फासीवादी या नियो फासिस्ट नहीं मानती। दरअसल, सीपीएम) की अप्रैल महीने में तमिलनाडु के मदुरै में 24वीं कांग्रेस का आयोजन किया जा रहा है। इसके लिए तैयार किए गए राजनीतिक प्रस्ताव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को फासिस्ट या नियो फासिस्ट नहीं कहा गया है। इस प्रस्ताव के मसौदे को सीपीएम केंद्रीय समिति ने कोलकाता में 17 से 19 जनवरी के बीच अपनी बैठक में मंजूरी दी थी। अब सीपीएम के इस रुख ने केरल की सियासत में तूफान मचा दिया है। इसको लेकर कांग्रेस और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी सीपीआई ने कड़ी आपत्ति जताई है और इसे बीजेपी के प्रति नरम रुख अपनाने की रणनीति बताया है।

इस प्रस्ताव के मसौदे को सीपीएम केंद्रीय समिति ने कोलकाता में 17 से 19 जनवरी के बीच अपनी बैठक में मंजूरी दी थी। सीपीएम ने अपने मसौदा राजनीतिक प्रस्ताव में कहा है कि मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान दक्षिणपंथी, सांप्रदायिक और सत्तावादी ताकतों का एकीकरण हुआ है जो 'नियो फासिस्ट विशेषताओं' को दर्शाता है। लेकिन वह मोदी सरकार को सीधे तौर पर फासिस्ट या नियो फासिस्ट नहीं मानती। प्रस्ताव में यह भी बताया गया है कि मोदी सरकार को फासिस्ट या नियो फासिस्ट क्यों नहीं कहा गया है, क्योंकि इसके कुछ कदम फासिस्ट विचारधारा से मेल नहीं खाते हैं। सीपीएम के इस प्रस्ताव का उद्देश्य यह दिखाना था कि सरकार की नीतियां पूरी तरह से फासिस्ट नहीं हैं, बल्कि उनमें कुछ तत्त्व ऐसे हैं, जो लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का पालन करते हैं।

सीपीएम की बीजेपी के वोटों को हासिल करने की कोशिश-कांग्रेस

मोदी सरकार को लेकर सीपीएम के राजनीतिक प्रस्ताव में इस टिप्पणी को लेकर कांग्रेस ने तल्ख टिप्पणी की है। केरल में विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने आरोप लगाया कि सीपीएम बीजेपी के प्रति नरम रवैया अपना रही है और इस प्रस्ताव के जरिए वह केरल में बीजेपी समर्थकों के वोट हासिल करने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला ने कहा कि 2021 के विधानसभा चुनावों में सीपीएम ने बीजेपी के वोटों से जीत हासिल की थी और अब 2026 के चुनावों के लिए वही रणनीति अपनाई जा रही है।

सीपीएम की यह रणनीति समझ से परे-सीपीआई

वहीं, सीपीएम की गठबंधन सहयोगी सीपीआई ने भी अपने स्टैंड में सुधार की मांग कर दी है। सीपीआई ने कहा है कि सीपीएम की ओर से मोदी सरकार को फासीवादी बचाने से बचने की जल्दबाजी नहीं समझ आ रही है। पार्टी की केरल इकाई के सचिव बिनॉय विश्वम ने कहा कि सीपीएम की यह रणनीति समझ से परे है। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार धर्म और आस्था का राजनीतिक उपयोग कर रही है। जो कि फासिस्ट विचारधारा की पहचान होती है। उनका आरोप था कि सीपीएम जानबूझकर मोदी सरकार को फासीवादी कहने से बच रही है।

सीपीएम के बदले रुख की वजह

वहीं, सीपीएम के इस अचानक हुए “हृदय परिवर्तन” से सवाल उठना लाजमी है। जानकार इसे पिनराई विजयन की चुनावी रणनीति मान रहे हैं। केरल में बीजेपी जिस तेजी से पैर पसार रही है, वह एलडीएफ को टेंशन देने के लिए काफी है। 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने केरल में अपना खाता खोल दिया है। अगर बीजेपी के वोटर बढ़े तो सर्वाधिक नुकसान वाम दलों को ही होगा। 10 साल की एंटी इम्कबेंसी से निपटने के लिए जरूरी है कि बीजेपी और कांग्रेस की ओर झुक रहे वोटर लेफ्ट के सपोर्ट में वोटिंग करें। एक्सपर्ट्स का कहना है कि केरल में बीजेपी के प्रति सहानुभूति रखने वाले वोटर्स का एक धड़ा है जो कांग्रेस को नहीं पसंद करता है। सीपीएम की नजर उस पर भी है।

भगोड़े ललित मोदी को भारत लाना हुआ मुश्किल, ले ली इस देश की नागरिकता

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भारत सरकार की ओर से भगोड़ा घोषित ललित मोदी को भारत लाना और भी मुश्किल हो गया है। ललित मोदी ने भारत लौटने से बचने के लिए एक बड़ी चाल चली है। खबर आ रही है कि आईपीएल के पूर्व चेयरमैन ललित मोदी ने प्रशांत महासागर में स्थित छोटे द्वीपीय देश वनुआतु की नागरिकता ले ली है। बताया जा रहा है कि भारतीय कानून से बचने के लिए उसने यह कदम उठाया है। दरअसल, वनुआतु का भारत या किसी भी देश के साथ प्रत्यर्पण संधि नहीं है।

टीवी9 ने सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, ललित मोदी ने करोड़ों रूपये खर्च करके वनुआतु की नागरिकता ली है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ललित मोदी को वनुआतु से नया पासपोर्ट 30 दिसंबर 2024 को जारी किया गया है। भारत और वनुआतु के बीच कोई प्रत्यर्पण समझौता नहीं है और इसलिए भारत सरकार के लिए पूर्व क्रिकेट प्रशासक को वापस लाना बहुत मुश्किल हो सकता है।

125 करोड़ के घोटाले का आरोप है

ललित मोदी को भारत सरकार ने भगोड़ा घोषित किया है और उस पर 125 करोड़ के घोटालों का आरोप है। मोदी पर आईपीएल मीडिया राइट्स और फ्रेंचाइजी डील के जरिए करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोप है। ललित मोदी साल 2010 में भारत छोड़कर लंदन भाग गया था। उस पर वित्तीय अनियमितताओं, मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। भारत की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनके खिलाफ कई मामलों की जांच शुरू की थी और भारतीय अदालतों ने उन्हें पेश होने के आदेश भी दिए थे।

कितना आसान है वनुआतु की नागरिकता लेना

बता दें कि वनुआतु की सरकार गोल्डन वीजा प्रोग्राम चलाती है। गोल्डन वीजा प्रोग्राम के तहत रुपये देकर आसानी से नागरिकता हासिल कर ली जाती है। वनुआतु की नागरिकता के लिए करोड़ों रुपये देने पड़ते हैं। साथ ही वनुआतु का भारत या किसी भी देश के साथ प्रत्यर्पण संधि नहीं है। यही वजह है कि वनुआतु फर्जीवाड़े और घोटालों में शामिल लोगों के लिए सुरक्षित ठिकाना है।

मोटापे के खिलाफ पीएम मोदी की जंगः10 लोगों को दिया चैलेंज, आनंद महिंद्रा से लेकर उमर अब्दुल्ला को टास्क

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रविवार को देश में बढ़ते मोटापे की समस्या के मुद्दे को उठाया था। उन्होंने कहा कि खाने के तेल में 10% कमी करने जैसे छोटे-छोटे प्रयासों से इस चुनौती से निपटा जा सकता है। पीएम ने कहा कि इसके लिए वह एक चैलेंज शुरू करेंगे।इसके बाद उन्होंने कहा कि इस एपीसोड के बाद वे 10 लोगों को अपील कर नॉमिनेट करेंगे कि क्या वो अपने खाने में तेल को 10 फीसदी कम कर सकते हैं? इस अपील के अगले दिन ही यानी आज पीएम ने ट्वीट कर 10 लोगों को नॉमिनेट किया है।

पीएम मोदी ने नामित 10 लोगों से की ये अपील

सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी ने इसके लिए जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला और महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा सहित 10 लोगों को चैलेंज किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, "जैसा कि कल 'मन की बात' में बताया गया था, मैं मोटापे के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने और भोजन में खाद्य तेल की खपत को कम करने के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए इन 10 लोगों को नॉमिनेट करना चाहता हूं। मैं उनसे यह भी अपील करता हूं कि वे भी 10-10 लोगों को नॉमिनेट करें ताकि हमारा आंदोलन और बड़ा हो।"

इन 10 लोगों को दिया चैलेंज

पीएम मोदी ने ने जिन 10 लोगों का नामित किया है उनमें, आनंद महिंद्रा, दिनेश लाल यादव निरहुआ, मनु भाकर, मीराबाई चानू, मोहनलाल, नंदन नीलेकणी, उमर अबदुल्ला, आर माधवन, श्रेया घोषाल और सुधा मूर्ति का नाम शामिल है।

उमर अब्दुल्ला ने भी दस लोगों को किया नॉमिनेट

पीएम मोदी के ओर से नॉमिनेट किए जाने के बाद उमर अब्दुल्ला ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा मोटापे के खिलाफ शुरू किए गए अभियान में शामिल होकर बहुत खुश हूं। मोटापे के कारण कई तरह की जीवनशैली से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं, जैसे हृदय रोग, टाइप 2 मधुमेह, स्ट्रोक और सांस लेने की समस्याएं, साथ ही चिंता और अवसाद जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं भी होती हैं। आज मैं मोटापे के खिलाफ प्रधानमंत्री के अभियान में शामिल होने के लिए इन 10 लोगों को नामांकित कर रहा हूं और उनसे अनुरोध करता हूं कि वे इस लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए 10-10 लोगों को नामांकित करें।’ उमर ने किरण मजूमदार-शॉ, सज्जन जिंदल, दीपिका पादुकोण, सानिया मिर्जा, इरफान पठान, सुप्रिया सुले समेत 10 लोगों को नॉमिनेट किया है।

मन की बात कार्यक्रम में उठाया था मुद्दा

बता दें कि पीएम मोदी ने मन की बात में कहा था कि एक स्टडी के मुताबिक हर 8 में से एक व्यक्ति ओबेसिटी की समस्या से परेशान है। ज्यादा चिंता की बात है कि बच्चों में भी मोटापे की समस्या चार गुना बढ़ गई है। डब्ल्यूएचओ का डेटा बताता है कि 2022 में दुनियाभर में करीब ढाई सौ करोड़ लोग ओवरवेट थे। पीएम ने कहा, ‘हम सब मिलकर छोटे-छोटे प्रयासों से इस चुनौती से निपट सकते हैं। जैसे एक तरीका मैंने सुझाया था, खाने के तेल में 10 पर्सेंट की कमी करना।पीएम ने कहा, मैं आज ‘मन की बात’ के इस एपिसोड के बाद 10 लोगों को आग्रह करूंगा, चैलेंज करूंगा कि क्या वे अपने खाने में ऑयल को 10% कम कर सकते हैं? साथ ही उनसे यह आग्रह भी करूंगा कि वे आगे नए 10 लोगों को ऐसा ही चैलेंज दें। मुझे विश्वास है, इससे ओबेसिटी से लड़ने में बहुत मदद मिलेगी।

मॉरिशस जा रहे पीएम मोदी, पड़ोसी देश के राष्ट्रीय दिवस समारोह में होंगे मुख्य अतिथि

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने मॉरीशस का दौरा करेंगे। पीएम मोदी 12 मार्च को मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम ने इसका एलान किया। रामगुलाम ने इसे दोनों देशों के बीच घनिष्ठ द्विपक्षीय संबंधों का प्रमाण बताया। बता दें कि हर साल 12 मार्च को मॉरीशस अपना राष्ट्रीय दिवस मनाता है। इसे 12 मार्च, 1968 को ब्रिटिश शासन से आजादी मिली थी।

पीएम मोदी ने मॉरीशस का निमंत्रण किया स्वीकार

अपनी संसद में पीएम रामगुलाम ने कहा कि मुझे सदन को यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि मेरे निमंत्रण पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारे राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि बनने पर सहमति जताई है। हमारे देश के लिए यह वास्तव में एक अनूठा सौभाग्य है कि हम ऐसे प्रतिष्ठित व्यक्तित्व की मेजबानी कर रहे हैं, जो अपने व्यस्त कार्यक्रम और हाल ही में पेरिस व अमेरिका के दौरे के बावजूद हमें यह सम्मान दे रहे हैं।

भारत-मॉरीशस संबंध

भारत और मॉरीशस के संबंध ऐतिहासिक रूप से गहरे रहे हैं। मॉरीशस में भारतीय मूल के लोगों की बड़ी संख्या है और दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक, आर्थिक और रणनीतिक साझेदारी लंबे समय से चली आ रही है। भारत मॉरीशस के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता आया है, जिसमें बुनियादी ढांचे, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग शामिल है। माना जा रहा है कि पीएम मोदी की यह यात्रा दोनों देशों के बीच व्यापारिक और कूटनीतिक संबंधों को और मजबूत करेगी।

70 फीसदी आबादी भारतीय मूल की

हर साल 12 मार्च को मॉरीशस अपना राष्ट्रीय दिवस मनाता है। इसे 12 मार्च, 1968 को ब्रिटिश शासन से आजादी मिली थी। मॉरीशस, हिंद महासागर में स्थित एक छोटा सा द्वीपीय देश है। यह अफ्रीका के दक्षिण-पूर्वी तट से दूर, मेडागास्कर के पूर्व में है। मेडागास्कर तट से मॉरीशस की दूरी लगभग 800 किमी है। यह मस्कारेने द्वीप समूह का हिस्सा है। मॉरीशस की राजधानी पोर्ट लुइस है। यहां की आबादी लगभग 12 लाख है। इनमें से लगभग 70 फीसदी आबादी भारतीय मूल की है। यहां पर जिस धर्म के सबसे ज्यादा लोग रहते हैं, वो है हिंदू।

2 साल में जहां-जहां चुनाव वहां विपक्ष को हराएंगे', एनडीए की बैठक में बोले पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को नई दिल्ली में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक हुई। दिल्ली की नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और उनके मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण के कुछ ही घंटों बाद यह उच्च स्तरीय बैठक हुई। बैठक में पीएम मोदी ने सभी से कहा कि हम आगामी सारे चुनाव एक जुट होकर मजबूती से लड़ेगे और देश में मजबूती से काम करेगी।

एनडीए की बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है कि एनडीए एकजुट है और हम सभी विकसित भारत के लिए काम करेंगे और इस लक्ष्य को मिलकर हासिल करेंगे। पीएम मोदी ने कहा है कि आने वाले 2 साल में जहां-जहां चुनाव है वहां एनडीए विपक्ष को हराएगा। वहीं, बैठक में एनडीए के नेताओं ने गठबंधन की एकता पर बल दिया है। इसके साथ ही बिहार और पश्चिम बंगाल सहित आगामी सभी विधानसभा चुनाव साथ लड़ने का संकल्प लिया है।

एडीए में एकता का दिया संदेश

बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, उप मुख्यमंत्री पवन कल्याण, शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अजीत पवार, अपना दल (एस) के सोनेलाल पटेल सहित अन्य घटक दलों के नेता मौजूद थे। इसके साथ ही भाजपा शासित राज्यों के कई मुख्यमंत्री भी बैठक में शामिल हुए। नेताओं ने इस साल और अगले साल होने वाले चुनावों में प्रभावशाली प्रदर्शन सुनिश्चित करने के लिए एकजुट और मजबूती से काम करने का संकल्प लिया।

कब और कहां होंगे अगले चुनाव?

बता दें कि साल 2025 के आखिर में बिहार में विधानसभा चुनाव का आयोजन किया जाएगा। साल 2026 में असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव होंगे। इसके बाद साल 2027 में गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का आयोजन होगा।

कौन हैं कतर के अमीर शेख अल-थानी? जिनके लिए पीएम मोदी प्रोटोकॉल तोड़कर पहुंच गए एयरपोर्ट

#whoissheikhtamimforwhompmmodibroke_protocol

कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी दो दिवसीय राजकीय दौरे पर भारत आए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार शाम को खुद उनकी आगवानी करने इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पहुंचे। पीएम मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़कर कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी की अगवानी के ले वहां मौजूद रहे। कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी जैसे ही प्लेन से नीचे उतरे, पीएम मोदी ने मुस्कराते हुए उन्हें गले लगा लिया। अमीर ने भी उतनी ही गर्मजोशी के साथ उनका साथ दिया। कतर के अमीर को एयरपोर्ट पर रेड कारपेट वेलकम देकर गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

अमीर शेख तमीम बिन मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगे और पीएम नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत करेंगे। प्रधानमंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि अपने भाई, कतर के शेख तमीम बिन हम्माद अल-थानी का स्वागत करने के लिए एयरपोर्ट गया। भारत में उनके सफल प्रवास की कामना करता हूं।

मंगलवार की सुबह कतर के अमीर का राष्ट्रपति भवन के परिसर में औपचारिक स्वागत किया जाएगा, जिसके बाद हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनकी बैठक होगी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी के साथ द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे। बयान के अनुसार मंगलवार दोपहर को सहमति पत्रों का आदान-प्रदान होगा, जिसके बाद कतर के अमीर राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात करेंगे। विदेश मंत्रालय ने कहा कि अल-थानी पीएम मोदी के आमंत्रण पर भारत दौरे पर आए हैं।

कौन हैं अमीर तमीम बिन अल-थानी?

शेख तमीम बिन हमद अल-थानी कतर के अमीर रहे शेख हमद बिन खलीफा अल-थानी के बेटे हैं। वे दुनिया के सबसे युवा राष्ट्राध्यक्षों में से एक हैं। उन्हें 2003 में क्राउन प्रिंस नियुक्त किया गया। इसके बाद 2009 में उन्हें सेना में डिप्टी कमांडर इन चीफ का पद मिला। वे 25 जून 2013 को कतर के अमीर बने थे। उनके पास करीब 335 अरब डॉलर की संपत्ति है। वे दुनिया के 9वें सबसे अमीर शासक हैं।

खेलों में है गहरी रूचि

तमीम बिन अल-थानी का जन्म 3 जून 1980 को कतर की राजधानी दोहा में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कतर में ही प्राप्त की और उच्च शिक्षा के लिए ब्रिटेन गए। ब्रिटेन से शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने कतर की सेना में भी अपनी सेवाएं दीं। तमीम खेलों में गहरी रुचि रखते हैं। 2006 में कतर में आयोजित एशियन गेम्स के सफल आयोजन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। इस आयोजन ने उन्हें वैश्विक पहचान दिलाई। उनकी नेतृत्व क्षमता का एक और उदाहरण 2022 फीफा वर्ल्ड कप का कतर में सफल आयोजन रहा।

दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के दौरान जमीन में सुनाई दी तेज गड़गड़ाहट की आवाज, झटकों के बाद पीएम मोदी की खास अपील

#pmmodisaysstayingalertforpossibleaftershocksdelhi_ncr

सोमवार की सुबह राजधानी दिल्ली में आए भूकंप से दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई इलाके कांप गए। सोमवार की सुबह 5.36 बजे भूकंप के तेज झटके महसूस हुए। भूकंप से अधिक लोगों को एक डरावनी आवाज ने डराया। भूकंप के दौरान जमीन के भीतर तेज गड़गड़ाहट की आवाज भी सुनी गई, जिससे लोगों में दहशत फैल गई। भूकंप के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी बयान सामने आया है। पीएम मोदी ने लोगों से संभावित झटकों के प्रति सतर्क, शांत और सुरक्षित रहने की अपील की है।

प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा, दिल्ली और आसपास के इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। सभी से शांत रहने और सुरक्षा सावधानियों का पालन करने, संभावित झटकों के प्रति सतर्क रहने की अपील की गई है। उन्होंने कहा कि अधिकारी स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं। गनीमत ये रही कि इस भूकंप से किसी जान माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।

क्यों आई तेज गड़गड़ाहट की आवाज

भुकंर के दौरान सुनाई दिए तेज आवाज के बाद विशेषज्ञों ने बताया है कि किस वजह से यह आवाज सुनाई दी। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार, भूकंप के दौरान, जमीन कंपन करती है, जिससे छोटी अवधि की भूकंपीय तरंग गति पैदा होती है जो हवा तक पहुंचती है और ये ध्वनि तरंग बन जाती है। ये ध्वनि तरंग वायुमंडल में कंपन पैदा कर सकती हैं। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के अनुसार, भूकंप का केंद्र जितना उथला या कम गहराई में होगा, उतनी ही ज्यादा ऊर्जा सतह तक पहुंच सकती है। उच्च आवृत्ति वाली भूकंपीय तरंगे जमीन से होकर गुजरती हैं, इसकी वजह से ही भूकंप के दौरान गड़गड़ाहट की आवाज सुनाई देती है। दिल्ली में आए भूकंप का केंद्र जमीन के भीतर महज पांच किलोमीटर अंदर ही था, जिसके कारण लोगों को तेज आवाज सुनाईं दी।

फ्रांस-अमेरिका की यात्रा के बाद देश लौटे पीएम मोदी, दिल्ली में सरकार गठन की सुगबुगाहट हुई तेज

#pm_modi_returned_country-_buzz_about_formation_of_delhi_govt

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस और अमेरिका की अपनी यात्रा समाप्त करने के बाद शुक्रवार को दिल्ली लौट आए। उनकी फ्लाइट शुक्रवार देर रात पालम हवाई अड्डे पर लैंड हुई। अपनी यात्रा के दौरान, पीएम मोदी ने फ्रांस में एआई शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता की और अमेरिका में उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी मुलाकात की। पीएम के स्वदेश लौटते ही दिल्ली में सरकार गठन की सुगबुगाहट तेज हो गई है।

द‍िल्‍ली का सीएम कौन होगा? इस पर फैसला आज या कल हो सकता है। शुक्रवार को बीजेपी अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने द‍िल्‍ली के संगठन नेताओं की बैठक ली, जिसमें सरकार का खाका तय क‍िया गया। इस बैठक में बी एल संतोष, वीरेंद्र सचदेवा, हर्ष मल्होत्रा, पवन राणा मौजूद थे। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में 48 विधायकों में से 15 विधायकों की एक लिस्ट तैयार कर ली गई है और इसी लिस्ट से 9 विधायकों का चुनाव किया जाएगा जो दिल्ली के मुख्यमंत्री और मंत्री होंगी। प्रधानमंत्री मोदी के अमेर‍िका से लौट के बाद आज इस पर बैठक होगी और पीएम मोदी इस पर आख‍िरी फैसला ले सकते हैं।

पीएम के साथ गृह मंत्री अमित शाह, जेपी नड्डा और बीजेपी के शीर्ष नेताओं की बैठक होगी। आज या कल पार्लियामेंट्री बोर्ड की मीटिंग होने वाली है और इसमें मंथन के बाद दिल्ली के नए सीएम का नाम सामने आ जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, 17 या 18 फरवरी को विधायक दल की मीटिंग हो सकती है और 19 या 20 फरवरी को शपथ ग्रहण संभव है। यानी दिल्ली को नई सरकार अगले हफ्ते मिलने की संभावना है।

भाजपा के नवनिर्वाचित विधायक और पार्टी के राष्ट्रीय सचिव मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि पीएम मोदी के आते ही भाजपा विधायक दल की बैठक के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। राजौरी गार्डन से विधायक सिरसा खुद भी मंत्री-मुख्‍यमंत्री पद के दावेदार माने जा रहे हैं। उन्‍होंने कहा क‍ि नई सरकार 19-20 फरवरी के आसपास काम करना शुरू कर देगी। सिरसा ने कहा, उम्मीद है कि भाजपा विधायक दल की बैठक 18-19 फरवरी के आसपास होगी। मुझे लगता है कि शपथ ग्रहण समारोह के बाद 20 फरवरी तक नई सरकार का गठन हो जाएगा।

शशि थरूर ने की पीएम मोदी के यूएस दौरे की तारीफ, जानें क्या कहा ?


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प्रधानमंत्री का दो दिवसीय अमेरिका दौरा खत्म हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिकी दौरा भारत के लिए काफी खास रहा है। इस दौरे में पीएम मोदी ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ मुलाकात की। पीएम मोद के इस दौरे पर ट्रंप के साथ कई मुद्दों पर बातचीत हुई। इसके अलावा कई बड़े अमेरिकी शीर्ष अधिकारियों से भी पीएम मोदी ने मुलाकात की।कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे की सराहना की है। शशि थरूर ने कहा कि पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे की काफी चर्चा हो रही है। इसके नतीजे भी बहुत अच्छे हैं। दोनों देशों के बीच हुई बातचीत का मैं स्वागत करता हूं।

शशि थरूर ने पीएम मोदी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से मिले इनविटेशन को एक बड़ी घटना बताया था। उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि अगर मैं गलत नहीं हूं तो यह काफी जरूरी बात है कि हमारे प्रधानमंत्री राष्ट्रपति ट्रंप से मिलने का समय पाने वाले पहले विश्व नेताओं में से हैं। यह देश के लिए एक अच्छा संकेत है। अभी ट्रंप प्रशासन को सरकार संभाले हुए एक महीना भी पूरा नहीं हुआ है और पीएम मोदी वाशिंगटन पहुंचने वाले चौथे प्रमुख नेता हैं।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, अब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनास्ड ट्रंप द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस से जो कुछ भी हमने देखा है, वह बहुत उत्साहजनक है। हम सभी की कुछ बड़ी चिंताओं का समाधान किया गया है। थरूर ने कहा, पीएम मोदी और ट्रंप ने व्यापार और शुल्क के सवाल पर उन्होंने एक साथ बैठकर गंभीर बातचीत करने का फैसला किया है, जो सितंबर-अक्टूबर तक समाप्त हो जाएगी। अवैध प्रवासी भारतियों के इमिग्रेशन के मुद्दे पर केवल एक चीज की कमी थी कि उन्हें वापस कैसे भेजा गया? अन्यथा उनका रुख बिल्कुल सही था। ये गुमराह युवा हैं, जिन्हें अवैध रूप से प्रवास करने के लिए प्रोत्साहित और प्रेरित किया गया है।

'MAGA + MIGA = MEGA', अमेरिका से पीएम मोदी ने दिया नया फॉर्मूला

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय आधिकारिक दौरे पर संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा पूरी कर चुके हैं। पीएम मोदी अमेरिका के 2 दिवसीय यात्रा से लौट रहे हैं। वहीं, अमेरिका पहुंचे पीएम मोदी ने एक नया फॉर्मूला सेट किया है। अपने दौरे के दौरान पीएम मोदी ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की। साथ ही भारत और अमेरिका के रिश्तों पर नया फॉर्मूला बनाया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार तड़के डोनाल्ड ट्रंप के साथ एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने ट्रंप के मेक अमेरिका ग्रेट अगेन की तरह ‘मेक इंडिया ग्रेट अगेन’ का नारा दिया। दरअसल, ट्रंप अपने चुनाव प्रचार में मेक अमेरिका ग्रेट अगेन का नारा लगाते दिखे थे। पीएम ने इसका जिक्र करते हुए लिखा कि भारत में हम विकसित भारत के लक्ष्य के साथ काम कर रहे हैं, जो अमेरिकी संदर्भ में बदलकर MIGA हो जाता है, मतलब make india great again। इस तरह से दोनों देश मिलकर भारत और अमेरिका की खुशहाली के लिए मेगा पार्टनरशिप कर रहे हैं। इस तरह से मोदी ने फॉर्मूला MAGA+MIGA=MEGA का नाम दिया। इसका मतलब उन्होंने समझाया-समृद्धि के लिए एक मेगा साझेदारी

ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी ने कहा, ‘अमेरिका के लोग राष्ट्रपति ट्रंप के मोटो ‘MAGA- मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ से अच्छी तरह वाकिफ हैं। भारत के लोग भी अपनी विरासत और विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं क्योंकि वो तेजी से और दृढ़ संकल्प के साथ ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं। अमेरिका की भाषा में कहें तो ये है ‘मेक इंडिया ग्रेट अगेन – MIGA’। जब अमेरिका और भारत एक साथ काम करते हैं तो ये MAGA+MIGA=MEGA यानी समृद्धि के लिए एक मेगा साझेदारी बन जाती है। यही MEGA भावना हमारे उद्देश्यों को नया पैमाना और गुंजाइश देती है।

इससे पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार देर रात (13 फरवरी) को व्हाइट हाउस में द्विपक्षीय वार्ता की। इस दौरान दोनों नेताओं ने व्यापार, ऊर्जा और रक्षा समेत विभिन्न क्षेत्रों में अपने रिश्तों को मजबूत करने का निर्णय किया। पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की ये मुलाकात ट्रंप के दूसरे राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान पहली आधिकारिक मुलाकात है। इस बैठक में भारत ने अधिक अमेरिकी तेल और गैस खरीदने पर सहमति जताई है, वहीं ट्रंप ने घोषणा कि अमेरिका भारत के साथ सैन्य व्यापार को और बढ़ाएगा।