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आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने इशारों में ड्रैगन को चेताया, जानें क्या कहा

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प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को लाओस की राजधानी वियनतियाने में ईस्ट एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं। यहां बैठक को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, भारत हमेशा से ही आसियान देशों के बीच एकता को सपोर्ट करता रहा है। आसियान भारत के इंडो-पैसिफिक विजन और क्वाड को-ऑपरेशन के केंद्र में है।इस शिखर सम्मेलन में भारत ने एक बार फिर से चीन को सबक सिखा दिया। पीएम मोदी ने चीन का नाम लिए बगैर उसकी विस्तारवादी नीति पर जमकर प्रहार किया। पीएम मोदी ने साफ-साफ कहा कि हमारी अप्रोच विकासवाद की होनी चाहिए, न कि विस्तारवाद की।

दक्षिण चीन सागर को लेकर क्या बोले पीएम मोदी

शिखर सम्मेलन में पीएम मेदी ने कहा, 'भारत ने हमेशा ASEAN की एकता और केंद्रीयता का समर्थन किया है। ASEAN भारत के इंडो-पैसिफिक विजन और क्वाड सहयोग के केंद्र में भी है। भारत की "इंडो-पैसिफिक महासागरों की पहल'' और 'इंडो-पैसिफिक पर आसियान आउटलुक'' के बीच गहरी समानताएं हैं। एक स्वतंत्र, खुला, समावेशी, समृद्ध और नियम-आधारित इंडो-पैसिफिक पूरे क्षेत्र की शांति और प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है। दक्षिण चीन सागर की शांति, सुरक्षा और स्थिरता पूरे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के हित में है।'

समुद्री गतिविधियों पर चीन को सुनाया

पीएम मोदी ने कहा कि इस सम्मेलन में नेताओं ने कानूनी ढांचे के रूप में अनक्लोस के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि समुद्री गतिविधियां अन्क्लोस (UNCLOS) के तहत ही संचालित होनी चाहिए। फ्रीडम ऑफ नेविगेशन और एयर स्पेस सुनिश्चित करना जरूरी है। एक ठोस और प्रभावी कोड ऑफ कंडक्ट बनाया जाना चाहिए। इसमें क्षेत्रीय देशों की विदेश नीति पर अंकुश नहीं लगाए जाने चाहिए।

युद्ध को बीच ग्लोबल साउथ के देशों पर सबसे ज्यादा असर-पीएम मोदी

बिना नाम लिए चीन को नसीहत देते हुए पीएम मोदी ने अपने बयान में कहा कि हम शांतिप्रिय राष्ट्र हैं,जो एक-दूसरे की राष्ट्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करते हैं। पीएम मोदी ने आगे कहा कि दुनिया भर में जारी अलग-अलग जंग का सबसे बुरा असर ग्लोबल साउथ के देशों पर पड़ रहा है। ऐसे में दुनिया में शांति बहाल करना बेहद जरूरी है। मैं बुद्ध की धरती से आता हूं। हमने हमेशा यही कहा है कि यह जंग का युग नहीं है।

पीएम मोदी का दिया तोहफा संभाल नहीं सकी युनूस सरकार, बांग्लादेश में चोरी हो गया माता का मुकुट

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बांग्लादेश में शेख हसीना के तख्तापलट और मोहम्मद यूनुस के ने के बाद से हिंदुओं पर अत्याचार बढ़ गया है। हालांकि, इस वक्त बांग्लादेश में भी र्गा पूजा का त्योहार मनाया जा रहा है। बांग्लादेश में एक तरफ जहां नवरात्रि की धूम है वहीं, सतखीरा में श्याम नगर के जेशोरेश्वरी मंदिर में देवी काली का मुकुट चोरी हो गया है। इस मुकुट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भेंट किया था। पीएम मोदी मार्च 2021 में जब बांग्लादेश की यत्रा पर गए थे, तब उन्होंने जेशोरेश्वरी मंदिर में देवी के दर्शन कर यह मुकुट चढ़ाया था।

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस भारत के साथ रिश्तों को संभालने की बात कर रहे हैं। हालंकि, वो भारत के प्रधानमंत्री की ओर से दिया गया खास तोहफा ही संभाल नहीं सके। हालांकि, मंदिर से मुकुट चोरी होने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पुलिस स्टेशन के अधिकारी फकीर तैज़ुर रहमान ने कहा, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को जो तोहफा दिया था उसके चोरी होने के बाद हम उसको ढूंढने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। जांच जारी है और हम अपराधी की पहचान करने के लिए सीसीटीवी फुटेज को खंगाल रहे हैं।

बांग्‍लादेश के सतखीरा स्थित जेशोरेश्‍वरी मंदिर में देवी काली का मुकुट चोरी हो गया है। बांग्लादेशी अखबार डेली स्टार के मुताबिक, चांदी से बना और सोने से मढ़ा हुआ यह मुकुट गुरुवार को दोपहर 2:00 बजे से 2:30 बजे के बीच चोरी हो गया। उस समय मंदिर के पुजारी दिलीप मुखर्जी पूजा के बाद मंदिर से बाहर जा चुके थे। बाद में सफाई कर्मचारियों ने पाया कि देवी के सिर से मुकुट गायब है। इसके बाद घटना की सूचना पुलिस को दी गई।

हिंदू मान्यता के मुताबिक, जेशोरेश्वरी मंदिर भारत के भारत और पड़ोसी देशों में मौजूद 51 शक्तिपीठों में से एक है। “जेशोरेश्वरी” नाम का अर्थ है “जेशोर की देवी। सातखिरा के ईश्वरीपुर में स्थित यह जेशोरेश्वरी मंदिर अनारी नामक एक ब्राह्मण द्वारा 12वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में बनाया गया था। जिन्होंने जशोरेश्वरी पीठ के लिए 100 दरवाजों वाला मंदिर बनवाया था। बाद में इसका जीर्णोद्धार 13वीं शताब्दी में लक्ष्मण सेन ने करवाया था और अंततः 16 वीं शताब्दी में राजा प्रतापदित्य ने मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया था।

पीएम मोदी ने बांग्लादेश यात्रा के दौरान 27 मार्च, 2021 को जेशोरेश्वरी मंदिर का दौरा किया था। उसी दिन पीएम ने काली मंदिर में देवता को स्वर्ण मुकुट पहनाया था।

चीन-म्यामांर से घिरा लाओस भारत के लिए कितना अहम? जहां के दौरे पर हैं पीएम मोदी*
#pm_modi_on_visit_to_laos_why_this-country_important_for_india * प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय लाओस दौरे पर पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री यहां 21वें आसियान-भारत समिट और 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। लाओस की राजधानी वियनतियाने में समिट का आयोजन किया जाएगा। इस साल लाओस आसियान सम्मेलन का मेजबान और वर्तमान अध्यक्ष है। लाओस एक छोटा सा देश है, जिसकी कुल आबादी महज 75 लाख के करीब है। भारत में बिहार की राजधानी पटना की कुल आबादी भी मौजूदा वक्‍त में करीब 75 लाख ही है। पीएम मोदी की लाओस यात्रा के बीच ये जानना जरूरी है कि आखिर भारत के लिए ये छोटा सा देश रणनीतिक रूप से कितना जरूरी है। भारत-लाओस के संबंध कैसे हैं और भारत के लिए इसे प्राथमिकता देना क्यों जरूरी है। रणनीतिक रूप से यह इसलिए अहम है क्योंकि लाओस की सीमा उत्तर-पश्चिम में म्यांमार और चीन, पूर्व में वियतनाम, दक्षिण-पूर्व में कंबोडिया और पश्चिम और दक्षिण पश्चिम में थाईलैंड से लगती है। चीन और म्यांमार से घिरे होने के कारण भारत के लिए इस देश की रणनीतिक महत्ता बढ़ जाती है। दरअसल, दक्षिण पूर्व एशिया में अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण, लाओस हमेशा से व्यापारिक नजरिए से भी अहम रहा है। यही कारण है कि इसपर कभी फ्रांस ने तो कभी जापान ने कब्जा जमाया। 1953 में जब लाओस को आजादी मिली तो चीन ने भी लाओस में अपने प्रभाव को आजमाना शुरू किया।दक्षिण चीन सागर में ड्रैगन की दादागिरी से हर कोई वाफिफ है। चीन इस क्षेत्र में अपने सभी पड़ोसियों पर धोंस जमाने की कोशिश से बाज नहीं आता। इन देशों में लाओस भी शामिल है। *भारत के लिए क्यों अहम है लाओस?* लाओस वैसे तो एक छोटा सा देश है लेकिन इसकी भौगोलिक स्थिति के चलते यह भारत के लिए रणनीतिक और व्यापारिक तौर पर काफी अहम माना जाता है। इसकी सीमा चीन और म्यांमार से लगती है, लिहाजा चीन और म्यांमार से घिरे होने के कारण यह देश रणनीतिक तौर पर भारत के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। यह भारत के इंडो-पैसिफिक विजन का महत्वपूर्ण स्तंभ है, साथ ही साउथ चाइना सी में चीन के बढ़ते दखल के कारण इसका महत्व और बढ़ जाता है। व्यापारिक नजरिए की बात करें तो दक्षिण पूर्व एशिया में लाओस की भौगोलिक स्थिति के कारण भी यह हमेशा से अहम रहा है। भारत के लिए लाओस कितना अहम है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1954 में और पहले राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने 1959 में ही लाओस का दौरा किया था। लाओस को फ्रांस के कब्जे से मुक्ति दिलाने में भी भारत ने इंटरनेशनल कमीशन फॉर सुपरविजन एंड कंट्रोल (ICSC) के चेयरमैन के तौर पर अहम भूमिका निभाई थी। जुलाई 1954 में जेनेवा संधि के आधार पर ICSC की स्थापना की गई थी, इसका उद्देश्य भारत-चीन के बीच दुश्मनी को खत्म करने और लाओस से फ्रांसिसी उपनिवेशवादी शक्तियों की वापसी कराना था। *भारत और लाओस के बीच संबंध* भारत और लाओस के बीच दशकों पुराने मजबूत संबंध रहे हैं। दोनों देशों के बीच 1956 में डिप्लोमैटिक संबंध स्थापित हुए। तब से अब तक दोनों देशों की ओर से द्विपक्षीय यात्राएं होती रहीं हैं। भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1954 में ही लाओस का दौरा किया था। इसके बाद 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी ने लाओस की आधिकारिक यात्रा की थी। 2004 में मनमोहन सिंह और 2016 में प्रधानमंत्री मोदी आसियान-भारत समिट में हिस्सा लेने के लिए लाओस का दौरा कर चुके हैं। कोरोना महामारी के दौरान भारत की ओर से 50 हजार कोवैक्सीन की डोज और दवाइयां लाओस भेजी गईं थीं। हाल ही में आए तूफान यागी के दौरान भी भारत ने करीब एक लाख डॉलर की आपदा राहत सामग्री लाओस भेजी थी। इसके अलावा लाओस के साथ भारत के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सिविलाइजेशनल संबंध रहें हैं। बौद्ध धर्म और रामायण दोनों देशों की साझा विरासत का हिस्सा हैं। इसी साल 15 से 31 जनवरी के बीच लाओस के रॉयल बैलेट थियेटर के 14 आर्टिस्ट ने भारत में 7वें इंटरनेशनल रामायण मेला में भी हिस्सा लिया था।
पीएम मोदी का कांग्रेस पर जोरदार हमला, बोले-हिंदुओं में जाति देखती है, मुसलमानों की नहीं

#pm_narendra_modi_congress_hindu_muslim_caste

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने हरियाणा चुनाव परिणामों का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर वोटबैंक की राजनीति करने और समाज को बांटने का आरोप लगाया। कांग्रेस पार्टी का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस जानती है कि उनका वोट बैंक तो एक रहेगा, लेकिन बाकी लोग आसानी से बंट जाएंगे। कांग्रेस और उनके साथियों का एक ही मिशन है, समाज को बांटो और सत्ता पर कब्जा करो।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र में 10 सरकारी मेडिकल कॉलेज का डिजिटल माध्यम से उद्घाटन किया। इसके साथ ही उन्होंने भारतीय कौशल संस्थान और विद्या समीक्षा केंद्र का डिजिटल माध्यम से उद्घाटन किया। उन्होंने नागपुर में डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के उन्नयन और शिरडी हवाई अड्डे में नए एकीकृत टर्मिनल भवन की आधारशिला रखी। इस दौरान उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर खूब हमले किए।

उन्होंने कहा कि अभी कल ही हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के चुनाव परिणाम आए हैं। हरियाणा ने बता दिया है कि देश का मिजाज क्या है। दो बार कार्यकाल पूरा करने के बाद लगातार तीसरी बार चुनकर आना ऐतिहासिक है। कांग्रेस का पूरा इकोसिस्टम, अर्बन नक्सल का पूरा गिरोह जनता को गुमराह करने में जुटा था, लेकिन कांग्रेस की सारी साज़िशें ध्वस्त हो गईं। इन्होंने दलितों के बीच झूठ फैलाने की कोशिश की, लेकिन दलित समाज ने इनके खतरनाक इरादों को भांप लिया। दलितों को एहसास हो गया कि कांग्रेस उनका आरक्षण छीनकर अपने वोटबैंक को बांटना चाहती है।

पीएम मोदी ने कहा कि आज कांग्रेस का असली रंग खुल कर सामने आ गया है। कांग्रेस को अब अर्बन नक्सल का गैंग चला रहा है। पूरी दुनिया में जो लोग भारत को आगे बढ़ने से रोकना चाहते हैं, कांग्रेस अब खुलकर उनके साथ खड़ी है। इसलिए अपनी घोर असफलता के बावजूद कांग्रेस, सरकार बनाने का सपना देख रही है। पीएम ने कहा कि कांग्रेस जानती है कि उनका वोट बैंक तो एक रहेगा, लेकिन बाकी लोग आसानी से बंट जाएंगे। कांग्रेस और उनके साथियों का एक ही मिशन है, समाज को बांटो और सत्ता पर कब्जा करो। इसलिए हमारी एकता को ही देश की ढाल बनाना है, हमें याद रखना है कि अगर हम बंटेंगे तो बांटने वाले महफिल सजाएंगे। हमें कांग्रेस और अघाड़ी वालों के मंसूबों को कामयाब नहीं होने देना है।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि हरियाणा के ओबीसी विकास कार्यों को देखकर बीजेपी के साथ आए। कांग्रेस ने किसानों को भड़काया है। कांग्रेस ने युवाओं को टारगेट किया। उसने अलग-अलग तरीके से भड़काने की लगातार कोशिश की।पीएम मोदी ने कहा कि हिंदुओं की बात आती है तो कांग्रेस उनकी चर्चा जातियों से करती है. कांग्रेस जानती है कि जितना हिंदू बंटेगा उतना फायदा होगा. कांग्रेस हिंदू समाज में आग लगाए रखना चाहती है. कांग्रेस ये फार्मूला ही लागू करती है. वो जहर घोलने के हर हथकंडे अपना रही है।

पीएम मोदी का कांग्रेस पर हमला यहीं नहीं रुका। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज को तोड़कर, जीत का फॉर्मूला बनाना…यही कांग्रेस का आधार है। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस सनातन परंपरा का दमन कर रही है। वो सत्ता में आने के लिए बेचैन है। वो नफरत फैलाने वाली फैक्ट्री हो गई है। कांग्रेस देश को खत्म करने के लिए तुली है।

मुइज्जू की मुराद पूरी, भारत-मालदीव के साथ कई अहम समझौते*
#pm_modi_meet_maldives_president_signs_key_deal
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू 5 दिनों के भारत दौरे पर हैं। बदले तेवर के साथ मुइज्जू कुछ उम्मीद लेकर भारत पहुंचे थे। सोमवार को मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने पीएम मोदी से मुलाकात की। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुइज्जू के बीच कई मुद्दों को लेकर अहम बैठक हुई। इस दौरान भारत और मालदीव के बीच 5 समझौते पर हस्ताक्षर हुए। बातचीत के बाद पीएम मोदी ने बताया कि कैसे भारत मालदीव के आर्थिक विकास में मदद कर रहा है। साथ ही पीएम ने आगे भी मालदीव के लिए सहयोग जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू रविवार की शाम को भारत पहुंचे थे। उनके साथ पत्नी साजिदा मोहम्मद और मालदीव का एक डेलिगेशन भी भारत पहुंचा है। सोमवार को राष्ट्रपति भवन में मुइज्जू का स्वागत किया गया और गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई द्विपक्षीय बैठक में दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने पर जोर दिया है। इस दौरान भारत और मालदीव के बीच 5 समझौते पर हस्ताक्षर हुए। इसमें करेंसी, शिक्षा, भ्रष्टाचार को रोकने , न्यायिक और खेल के क्षेत्र से जुड़े समझौते पर हस्ताक्षर हुए। भारत और मालदीव ने आज 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर के मुद्रा विनिमय समझौते पर हस्ताक्षर किए, यह कदम द्वीपीय देश को विदेशी मुद्रा भंडार की समस्याओं से उबरने में मदद करेगा। साथ ही मालदीव में Rupay (रुपे) कार्ड लॉन्च हो गया। प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक के बाद साझा बयान में मुइज्जू का स्वागत करते हुए मालदीव को भारत का करीबी दोस्त बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के दशकों पुराने मजबूत संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत, मालदीव का सबसे करीबी पड़ोसी और घनिष्ठ मित्र है। साथ ही हमारी ‘नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी’ और ‘सागर’ विजन में भी मालदीव का महत्वपूर्ण स्थान है। *3 हजार करोड़ रुपए का करेंसी स्वैप समझौता* संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में पीएम मोदी ने कहा कि भारत हमेशा मालदीव का फर्स्ट रिस्पांडर रहा है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि 3 हजार करोड़ रुपए का करेंसी स्वैप समझौता हुआ है। उन्होंने कहाकि हमने मालदीव में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर बात की है। हमने डिजिटल कनेक्टिविटी पर भी बात की है। पीएम मोदी ने कहाकि भारत ने हमेशा पड़ोसी होने के दायित्व को निभाया है। भारत ने उसके सहयोग से निर्मित 700 से अधिक सामाजिक आवास इकाइयां मालदीव को सौंपी। *मुक्त व्यापार समझौते पर भी हुई चर्चा* मोदी ने कहा कि भारत और मालदीव ने आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर चर्चा शुरू करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री ने मालदीव को एक 'घनिष्ठ मित्र' बताया, जिसका भारत की पड़ोस नीति और सागर विजन में महत्वपूर्ण स्थान है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने हमेशा एक पड़ोसी की जिम्मेदारियों को पूरा किया है। आज हमने अपने आपसी सहयोग को एक रणनीतिक दिशा देने के लिए एक व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी के विजन को अपनाया है।
मुइज्जू की मुराद पूरी, भारत-मालदीव के साथ कई अहम समझौते*
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मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू 5 दिनों के भारत दौरे पर हैं। बदले तेवर के साथ मुइज्जू कुछ उम्मीद लेकर भारत पहुंचे थे। सोमवार को मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने पीएम मोदी से मुलाकात की। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुइज्जू के बीच कई मुद्दों को लेकर अहम बैठक हुई। इस दौरान भारत और मालदीव के बीच 5 समझौते पर हस्ताक्षर हुए। बातचीत के बाद पीएम मोदी ने बताया कि कैसे भारत मालदीव के आर्थिक विकास में मदद कर रहा है। साथ ही पीएम ने आगे भी मालदीव के लिए सहयोग जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू रविवार की शाम को भारत पहुंचे थे। उनके साथ पत्नी साजिदा मोहम्मद और मालदीव का एक डेलिगेशन भी भारत पहुंचा है। सोमवार को राष्ट्रपति भवन में मुइज्जू का स्वागत किया गया और गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई द्विपक्षीय बैठक में दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने पर जोर दिया है। इस दौरान भारत और मालदीव के बीच 5 समझौते पर हस्ताक्षर हुए। इसमें करेंसी, शिक्षा, भ्रष्टाचार को रोकने , न्यायिक और खेल के क्षेत्र से जुड़े समझौते पर हस्ताक्षर हुए। भारत और मालदीव ने आज 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर के मुद्रा विनिमय समझौते पर हस्ताक्षर किए, यह कदम द्वीपीय देश को विदेशी मुद्रा भंडार की समस्याओं से उबरने में मदद करेगा। साथ ही मालदीव में Rupay (रुपे) कार्ड लॉन्च हो गया। प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक के बाद साझा बयान में मुइज्जू का स्वागत करते हुए मालदीव को भारत का करीबी दोस्त बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के दशकों पुराने मजबूत संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत, मालदीव का सबसे करीबी पड़ोसी और घनिष्ठ मित्र है। साथ ही हमारी ‘नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी’ और ‘सागर’ विजन में भी मालदीव का महत्वपूर्ण स्थान है। *3 हजार करोड़ रुपए का करेंसी स्वैप समझौता* संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में पीएम मोदी ने कहा कि भारत हमेशा मालदीव का फर्स्ट रिस्पांडर रहा है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि 3 हजार करोड़ रुपए का करेंसी स्वैप समझौता हुआ है। उन्होंने कहाकि हमने मालदीव में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर बात की है। हमने डिजिटल कनेक्टिविटी पर भी बात की है। पीएम मोदी ने कहाकि भारत ने हमेशा पड़ोसी होने के दायित्व को निभाया है। भारत ने उसके सहयोग से निर्मित 700 से अधिक सामाजिक आवास इकाइयां मालदीव को सौंपी। *मुक्त व्यापार समझौते पर भी हुई चर्चा* मोदी ने कहा कि भारत और मालदीव ने आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर चर्चा शुरू करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री ने मालदीव को एक 'घनिष्ठ मित्र' बताया, जिसका भारत की पड़ोस नीति और सागर विजन में महत्वपूर्ण स्थान है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने हमेशा एक पड़ोसी की जिम्मेदारियों को पूरा किया है। आज हमने अपने आपसी सहयोग को एक रणनीतिक दिशा देने के लिए एक व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी के विजन को अपनाया है।
मुइज्जू की मुराद पूरी, भारत-मालदीव के साथ कई अहम समझौते*
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मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू 5 दिनों के भारत दौरे पर हैं। बदले तेवर के साथ मुइज्जू कुछ उम्मीद लेकर भारत पहुंचे थे। सोमवार को मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने पीएम मोदी से मुलाकात की। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुइज्जू के बीच कई मुद्दों को लेकर अहम बैठक हुई। इस दौरान भारत और मालदीव के बीच 5 समझौते पर हस्ताक्षर हुए। बातचीत के बाद पीएम मोदी ने बताया कि कैसे भारत मालदीव के आर्थिक विकास में मदद कर रहा है। साथ ही पीएम ने आगे भी मालदीव के लिए सहयोग जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू रविवार की शाम को भारत पहुंचे थे। उनके साथ पत्नी साजिदा मोहम्मद और मालदीव का एक डेलिगेशन भी भारत पहुंचा है। सोमवार को राष्ट्रपति भवन में मुइज्जू का स्वागत किया गया और गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई द्विपक्षीय बैठक में दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने पर जोर दिया है। इस दौरान भारत और मालदीव के बीच 5 समझौते पर हस्ताक्षर हुए। इसमें करेंसी, शिक्षा, भ्रष्टाचार को रोकने , न्यायिक और खेल के क्षेत्र से जुड़े समझौते पर हस्ताक्षर हुए। भारत और मालदीव ने आज 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर के मुद्रा विनिमय समझौते पर हस्ताक्षर किए, यह कदम द्वीपीय देश को विदेशी मुद्रा भंडार की समस्याओं से उबरने में मदद करेगा। साथ ही मालदीव में Rupay (रुपे) कार्ड लॉन्च हो गया। प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक के बाद साझा बयान में मुइज्जू का स्वागत करते हुए मालदीव को भारत का करीबी दोस्त बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के दशकों पुराने मजबूत संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत, मालदीव का सबसे करीबी पड़ोसी और घनिष्ठ मित्र है। साथ ही हमारी ‘नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी’ और ‘सागर’ विजन में भी मालदीव का महत्वपूर्ण स्थान है। *3 हजार करोड़ रुपए का करेंसी स्वैप समझौता* संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में पीएम मोदी ने कहा कि भारत हमेशा मालदीव का फर्स्ट रिस्पांडर रहा है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि 3 हजार करोड़ रुपए का करेंसी स्वैप समझौता हुआ है। उन्होंने कहाकि हमने मालदीव में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर बात की है। हमने डिजिटल कनेक्टिविटी पर भी बात की है। पीएम मोदी ने कहाकि भारत ने हमेशा पड़ोसी होने के दायित्व को निभाया है। भारत ने उसके सहयोग से निर्मित 700 से अधिक सामाजिक आवास इकाइयां मालदीव को सौंपी। *मुक्त व्यापार समझौते पर भी हुई चर्चा* मोदी ने कहा कि भारत और मालदीव ने आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर चर्चा शुरू करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री ने मालदीव को एक 'घनिष्ठ मित्र' बताया, जिसका भारत की पड़ोस नीति और सागर विजन में महत्वपूर्ण स्थान है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने हमेशा एक पड़ोसी की जिम्मेदारियों को पूरा किया है। आज हमने अपने आपसी सहयोग को एक रणनीतिक दिशा देने के लिए एक व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी के विजन को अपनाया है।
भारत हमेशा से मालदीव के लिए पहला उत्तरदाता रहा है: पीएम मोदी

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PM Modi meets President of Maldives Hyderabad House (PTI)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के साथ द्विपक्षीय बैठक के बाद आज घोषणा की कि दोनों देश भविष्य में कई परियोजनाओं पर सहयोग करेंगे। पांच दिवसीय यात्रा पर रविवार को भारत पहुंचे मुइज्जू का आज राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मालदीव के राष्ट्रपति और प्रथम महिला साजिदा मोहम्मद का राष्ट्रपति भवन पहुंचने पर स्वागत किया। रविवार को मुइज्जू के आगमन पर केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री किरीटी वर्धन सिंह ने स्वागत किया। मुइज्जू राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के आधिकारिक निमंत्रण पर भारत आए हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को दिल्ली के हैदराबाद हाउस में मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात की। चीन के प्रति अपने झुकाव के लिए जाने जाने वाले मुइज्जू, प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अपने मंत्रियों की आपत्तिजनक टिप्पणियों के कारण राजनयिक विवाद के कुछ महीनों बाद, नई दिल्ली के साथ द्वीप राष्ट्र के संबंधों को सुधारने के लिए भारत की पांच दिवसीय यात्रा पर हैं। मुइज्जू की भारत यात्रा मालदीव की वित्तीय तंगी के समय हुई है, जो देश के घटते विदेशी मुद्रा भंडार के कारण और भी बढ़ गई है।

रविवार को भारत पहुंचने के बाद मोहम्मद मुइज्जू ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, "जयशंकर ने राष्ट्रपति का भारत में राजकीय यात्रा पर स्वागत करते हुए अपनी खुशी व्यक्त की। राष्ट्रपति डॉ. मुइज्जू ने आगमन पर उनके और उनके प्रतिनिधिमंडल के गर्मजोशी से स्वागत के लिए भारत सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया।"

 उन्होंने नई दिल्ली में राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि भी अर्पित की। "इंडिया आउट" अभियान पर सवार होकर मुइज़ू के राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद से मालदीव के भारत के साथ संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं। सत्ता संभालने के बाद, उन्होंने नई दिल्ली से द्वीप राष्ट्र से अपने सैनिकों को वापस बुलाने के लिए कहा।

रविवार को एक साक्षात्कार में, उन्होंने कहा कि उन्होंने नई दिल्ली से अपने सैनिकों को वापस बुलाने के लिए कहने का फैसला इसलिए किया क्योंकि उनके देश के लोगों ने उनसे ऐसा करने के लिए कहा था।

"मालदीव और भारत अब एक-दूसरे की प्राथमिकताओं और चिंताओं को बेहतर ढंग से समझते हैं। मैंने वही किया जो मालदीव के लोगों ने मुझसे करने को कहा था। हाल के बदलाव घरेलू प्राथमिकताओं को संबोधित करने के हमारे प्रयासों को दर्शाते हैं। पिछले समझौतों की हमारी समीक्षा का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वे हमारे राष्ट्रीय हितों के अनुरूप हों और क्षेत्रीय स्थिरता में सकारात्मक योगदान दें," उन्होंने टीओआई को बताया।

चीन के साथ अपने संबंधों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मालदीव ऐसा कुछ नहीं करेगा जिससे भारत की सुरक्षा को नुकसान पहुंचे।

मध्यप्रदेश में पहली बार गाय के गोबर से बनाई जाएगी बायो CNG, वाहन चलाने के साथ आम लोगों के घरेलू जरूरतों में भी होगा उपयोग

मध्यप्रदेश में गाय के गोबर से बायो सीएनजी बनाई जाएगी। इससे तैयार गैस से ग्वालियर नगर निगम के वाहन तो चलेंगे ही साथ ही इसे आम लोगों को उपयोग के लिए भी देने की भी योजना है। ग्वालियर में स्थित प्रदेश की सबसे बड़ी लाल टिपारा गोशाला में इसका प्लांट तैयार किया गया है।

इस बायोसीएनजी प्लांट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने वर्चुअल तरीके से किया। इस दौरान कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर सहित अन्य मंत्री और अधिकारी मौजूद रहे। बता दें कि ग्वालियर में नगर निगम द्वारा संचालित प्रदेश की सबसे बड़ी गोशाला लाल टिपारा में है। इसका संचालन कुछ वर्ष पहले संतों को सौंपा गया तो यह देश की सबसे आदर्श गौशाला बन गई, जहां लोग अपना जन्मदिन से लेकर मेरिज एनिवर्सरी तक मनाने आते हैं।

इस गौशाला में अभी 9850 गौवंश का बसेरा है। यहां हर रोज 100 टन गोबर निकलता है, इससे यहां स्थापित हो रहे संयंत्र से अभी 2 टन बायो सीएनजी तैयार होगी। गोशाला के प्रबंधन से जुड़े संत स्वामी ऋषभ देवानंद का कहना है कि यह मध्यप्रदेश में किसी गौशाला में अनूठी पहल है। गोबर सच में धन के रूप में बदलेगा। गैस बनने के बाद निकलने वाले वेस्ट को खेती में उपयोग के लिए बेचा जाएगा।

मिडिल ईस्ट में बढ़ा तनाव, भारत भी अलर्ट मोड में, पीएम मोदी ने बुलाई CCS की बैठक

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पश्चिम एशिया में लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है। ईरान के इजराइल पर हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। जिसका असर पूरे विश्व में देखने को मिल रहा है। इसी बीच PM मोदी ने पश्चिम एशिया में नए सिरे से पैदा हुए तनाव के बीच बृहस्पतिवार (3 अक्टूबर) को सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में भारत ने पश्चिम एशिया में सुरक्षा स्थिति बिगड़ने पर गहरी चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि संघर्ष को व्यापक रूप नहीं लेना चाहिए। भारत ने सभी मुद्दों को बातचीत और कूटनीति के माध्यम से सुलझाने का भी आह्वान किया है।

पीएम मोदी की अगुवाई में हुई बैठक में पश्चिम एशिया में गहराते संकट और उसके भारत पर संभावित असर को लेकर चर्चा की गई। इस बैठक के दौरान पश्चिम एशिया में तनाव और पेट्रोलियम उत्पादों के व्यापार एवं आपूर्ति पर पड़ने वाले प्रभाव पर चर्चा की गई। दरअसल, पश्चिम एशिया के संकट के कारण भारत में कच्चे तेल की आपूर्ति पर असर पड़ने और अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। इससे भारत से होने वाले व्यापार पर भी असर पड़ सकता।

दरअसल, अगर पश्चिम एशिया में तनाव और ज्यादा बढ़ता है तो इसका असर सिर्फ उस क्षेत्र पर नहीं बल्कि पूरी दुनिया पर पड़ेगा। ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारत के आयात-निर्यात पर इसका असर पड़ेगा। इस संघर्ष से कार्गो माल ढुलाई शुल्क में काफी वृद्धि हो सकती है क्योंकि लेबनान के ईरान समर्थित हिजबुल्लाह आतंकवादियों के यमन में हूती विद्रोहियों के साथ घनिष्ठ संबंध हैं, जो लाल सागर और अदन की खाड़ी के माध्यम से माल ले जाने वाले व्यापारी जहाजों पर लगातार हमलें कर रहे हैं।

हूती विद्रोहियों ने पिछले साल अक्टूबर में लाल सागर से होकर जाने वाले व्यापारी जहाजों पर हमला करना शुरू किया था, जिसका असर पूरी दुनिया के व्यापार पर पड़ा था। भारत के भी पेट्रोलियम निर्यात में कमी आई थी। यह आयात अगस्त में 37.56 प्रतिशत गिरकर 5.96 अरब डॉलर रह गया था, जो पिछले साल के इसी महीने में 9.54 अरब डॉलर था। ऐसे में भारत के लिए मुश्किलें और ज्यादा बढ़ सकती है।

बता दें कि ईरान के हमले के बाद इजराइल ने भी बदला लेने की बात कही है। इजराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने भी जवाबी कार्रवाई करने का संकल्प लिया। फिलहाल इजराइल दो मोर्चों पर आतंकवादियों से जूझ रहा है। वह लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ जमीनी स्तर पर निपट रहा है तो गाजा पट्टी में भी लगातार हमले कर रहा है। गाजा में इजराइली हमले में अब तक हजारों लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में बच्चे और औरतें भी शामिल हैं।

आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने इशारों में ड्रैगन को चेताया, जानें क्या कहा

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प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को लाओस की राजधानी वियनतियाने में ईस्ट एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं। यहां बैठक को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, भारत हमेशा से ही आसियान देशों के बीच एकता को सपोर्ट करता रहा है। आसियान भारत के इंडो-पैसिफिक विजन और क्वाड को-ऑपरेशन के केंद्र में है।इस शिखर सम्मेलन में भारत ने एक बार फिर से चीन को सबक सिखा दिया। पीएम मोदी ने चीन का नाम लिए बगैर उसकी विस्तारवादी नीति पर जमकर प्रहार किया। पीएम मोदी ने साफ-साफ कहा कि हमारी अप्रोच विकासवाद की होनी चाहिए, न कि विस्तारवाद की।

दक्षिण चीन सागर को लेकर क्या बोले पीएम मोदी

शिखर सम्मेलन में पीएम मेदी ने कहा, 'भारत ने हमेशा ASEAN की एकता और केंद्रीयता का समर्थन किया है। ASEAN भारत के इंडो-पैसिफिक विजन और क्वाड सहयोग के केंद्र में भी है। भारत की "इंडो-पैसिफिक महासागरों की पहल'' और 'इंडो-पैसिफिक पर आसियान आउटलुक'' के बीच गहरी समानताएं हैं। एक स्वतंत्र, खुला, समावेशी, समृद्ध और नियम-आधारित इंडो-पैसिफिक पूरे क्षेत्र की शांति और प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है। दक्षिण चीन सागर की शांति, सुरक्षा और स्थिरता पूरे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के हित में है।'

समुद्री गतिविधियों पर चीन को सुनाया

पीएम मोदी ने कहा कि इस सम्मेलन में नेताओं ने कानूनी ढांचे के रूप में अनक्लोस के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि समुद्री गतिविधियां अन्क्लोस (UNCLOS) के तहत ही संचालित होनी चाहिए। फ्रीडम ऑफ नेविगेशन और एयर स्पेस सुनिश्चित करना जरूरी है। एक ठोस और प्रभावी कोड ऑफ कंडक्ट बनाया जाना चाहिए। इसमें क्षेत्रीय देशों की विदेश नीति पर अंकुश नहीं लगाए जाने चाहिए।

युद्ध को बीच ग्लोबल साउथ के देशों पर सबसे ज्यादा असर-पीएम मोदी

बिना नाम लिए चीन को नसीहत देते हुए पीएम मोदी ने अपने बयान में कहा कि हम शांतिप्रिय राष्ट्र हैं,जो एक-दूसरे की राष्ट्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करते हैं। पीएम मोदी ने आगे कहा कि दुनिया भर में जारी अलग-अलग जंग का सबसे बुरा असर ग्लोबल साउथ के देशों पर पड़ रहा है। ऐसे में दुनिया में शांति बहाल करना बेहद जरूरी है। मैं बुद्ध की धरती से आता हूं। हमने हमेशा यही कहा है कि यह जंग का युग नहीं है।

पीएम मोदी का दिया तोहफा संभाल नहीं सकी युनूस सरकार, बांग्लादेश में चोरी हो गया माता का मुकुट

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बांग्लादेश में शेख हसीना के तख्तापलट और मोहम्मद यूनुस के ने के बाद से हिंदुओं पर अत्याचार बढ़ गया है। हालांकि, इस वक्त बांग्लादेश में भी र्गा पूजा का त्योहार मनाया जा रहा है। बांग्लादेश में एक तरफ जहां नवरात्रि की धूम है वहीं, सतखीरा में श्याम नगर के जेशोरेश्वरी मंदिर में देवी काली का मुकुट चोरी हो गया है। इस मुकुट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भेंट किया था। पीएम मोदी मार्च 2021 में जब बांग्लादेश की यत्रा पर गए थे, तब उन्होंने जेशोरेश्वरी मंदिर में देवी के दर्शन कर यह मुकुट चढ़ाया था।

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस भारत के साथ रिश्तों को संभालने की बात कर रहे हैं। हालंकि, वो भारत के प्रधानमंत्री की ओर से दिया गया खास तोहफा ही संभाल नहीं सके। हालांकि, मंदिर से मुकुट चोरी होने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पुलिस स्टेशन के अधिकारी फकीर तैज़ुर रहमान ने कहा, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को जो तोहफा दिया था उसके चोरी होने के बाद हम उसको ढूंढने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। जांच जारी है और हम अपराधी की पहचान करने के लिए सीसीटीवी फुटेज को खंगाल रहे हैं।

बांग्‍लादेश के सतखीरा स्थित जेशोरेश्‍वरी मंदिर में देवी काली का मुकुट चोरी हो गया है। बांग्लादेशी अखबार डेली स्टार के मुताबिक, चांदी से बना और सोने से मढ़ा हुआ यह मुकुट गुरुवार को दोपहर 2:00 बजे से 2:30 बजे के बीच चोरी हो गया। उस समय मंदिर के पुजारी दिलीप मुखर्जी पूजा के बाद मंदिर से बाहर जा चुके थे। बाद में सफाई कर्मचारियों ने पाया कि देवी के सिर से मुकुट गायब है। इसके बाद घटना की सूचना पुलिस को दी गई।

हिंदू मान्यता के मुताबिक, जेशोरेश्वरी मंदिर भारत के भारत और पड़ोसी देशों में मौजूद 51 शक्तिपीठों में से एक है। “जेशोरेश्वरी” नाम का अर्थ है “जेशोर की देवी। सातखिरा के ईश्वरीपुर में स्थित यह जेशोरेश्वरी मंदिर अनारी नामक एक ब्राह्मण द्वारा 12वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में बनाया गया था। जिन्होंने जशोरेश्वरी पीठ के लिए 100 दरवाजों वाला मंदिर बनवाया था। बाद में इसका जीर्णोद्धार 13वीं शताब्दी में लक्ष्मण सेन ने करवाया था और अंततः 16 वीं शताब्दी में राजा प्रतापदित्य ने मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया था।

पीएम मोदी ने बांग्लादेश यात्रा के दौरान 27 मार्च, 2021 को जेशोरेश्वरी मंदिर का दौरा किया था। उसी दिन पीएम ने काली मंदिर में देवता को स्वर्ण मुकुट पहनाया था।

चीन-म्यामांर से घिरा लाओस भारत के लिए कितना अहम? जहां के दौरे पर हैं पीएम मोदी*
#pm_modi_on_visit_to_laos_why_this-country_important_for_india * प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय लाओस दौरे पर पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री यहां 21वें आसियान-भारत समिट और 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। लाओस की राजधानी वियनतियाने में समिट का आयोजन किया जाएगा। इस साल लाओस आसियान सम्मेलन का मेजबान और वर्तमान अध्यक्ष है। लाओस एक छोटा सा देश है, जिसकी कुल आबादी महज 75 लाख के करीब है। भारत में बिहार की राजधानी पटना की कुल आबादी भी मौजूदा वक्‍त में करीब 75 लाख ही है। पीएम मोदी की लाओस यात्रा के बीच ये जानना जरूरी है कि आखिर भारत के लिए ये छोटा सा देश रणनीतिक रूप से कितना जरूरी है। भारत-लाओस के संबंध कैसे हैं और भारत के लिए इसे प्राथमिकता देना क्यों जरूरी है। रणनीतिक रूप से यह इसलिए अहम है क्योंकि लाओस की सीमा उत्तर-पश्चिम में म्यांमार और चीन, पूर्व में वियतनाम, दक्षिण-पूर्व में कंबोडिया और पश्चिम और दक्षिण पश्चिम में थाईलैंड से लगती है। चीन और म्यांमार से घिरे होने के कारण भारत के लिए इस देश की रणनीतिक महत्ता बढ़ जाती है। दरअसल, दक्षिण पूर्व एशिया में अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण, लाओस हमेशा से व्यापारिक नजरिए से भी अहम रहा है। यही कारण है कि इसपर कभी फ्रांस ने तो कभी जापान ने कब्जा जमाया। 1953 में जब लाओस को आजादी मिली तो चीन ने भी लाओस में अपने प्रभाव को आजमाना शुरू किया।दक्षिण चीन सागर में ड्रैगन की दादागिरी से हर कोई वाफिफ है। चीन इस क्षेत्र में अपने सभी पड़ोसियों पर धोंस जमाने की कोशिश से बाज नहीं आता। इन देशों में लाओस भी शामिल है। *भारत के लिए क्यों अहम है लाओस?* लाओस वैसे तो एक छोटा सा देश है लेकिन इसकी भौगोलिक स्थिति के चलते यह भारत के लिए रणनीतिक और व्यापारिक तौर पर काफी अहम माना जाता है। इसकी सीमा चीन और म्यांमार से लगती है, लिहाजा चीन और म्यांमार से घिरे होने के कारण यह देश रणनीतिक तौर पर भारत के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। यह भारत के इंडो-पैसिफिक विजन का महत्वपूर्ण स्तंभ है, साथ ही साउथ चाइना सी में चीन के बढ़ते दखल के कारण इसका महत्व और बढ़ जाता है। व्यापारिक नजरिए की बात करें तो दक्षिण पूर्व एशिया में लाओस की भौगोलिक स्थिति के कारण भी यह हमेशा से अहम रहा है। भारत के लिए लाओस कितना अहम है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1954 में और पहले राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने 1959 में ही लाओस का दौरा किया था। लाओस को फ्रांस के कब्जे से मुक्ति दिलाने में भी भारत ने इंटरनेशनल कमीशन फॉर सुपरविजन एंड कंट्रोल (ICSC) के चेयरमैन के तौर पर अहम भूमिका निभाई थी। जुलाई 1954 में जेनेवा संधि के आधार पर ICSC की स्थापना की गई थी, इसका उद्देश्य भारत-चीन के बीच दुश्मनी को खत्म करने और लाओस से फ्रांसिसी उपनिवेशवादी शक्तियों की वापसी कराना था। *भारत और लाओस के बीच संबंध* भारत और लाओस के बीच दशकों पुराने मजबूत संबंध रहे हैं। दोनों देशों के बीच 1956 में डिप्लोमैटिक संबंध स्थापित हुए। तब से अब तक दोनों देशों की ओर से द्विपक्षीय यात्राएं होती रहीं हैं। भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1954 में ही लाओस का दौरा किया था। इसके बाद 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी ने लाओस की आधिकारिक यात्रा की थी। 2004 में मनमोहन सिंह और 2016 में प्रधानमंत्री मोदी आसियान-भारत समिट में हिस्सा लेने के लिए लाओस का दौरा कर चुके हैं। कोरोना महामारी के दौरान भारत की ओर से 50 हजार कोवैक्सीन की डोज और दवाइयां लाओस भेजी गईं थीं। हाल ही में आए तूफान यागी के दौरान भी भारत ने करीब एक लाख डॉलर की आपदा राहत सामग्री लाओस भेजी थी। इसके अलावा लाओस के साथ भारत के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सिविलाइजेशनल संबंध रहें हैं। बौद्ध धर्म और रामायण दोनों देशों की साझा विरासत का हिस्सा हैं। इसी साल 15 से 31 जनवरी के बीच लाओस के रॉयल बैलेट थियेटर के 14 आर्टिस्ट ने भारत में 7वें इंटरनेशनल रामायण मेला में भी हिस्सा लिया था।
पीएम मोदी का कांग्रेस पर जोरदार हमला, बोले-हिंदुओं में जाति देखती है, मुसलमानों की नहीं

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने हरियाणा चुनाव परिणामों का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर वोटबैंक की राजनीति करने और समाज को बांटने का आरोप लगाया। कांग्रेस पार्टी का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस जानती है कि उनका वोट बैंक तो एक रहेगा, लेकिन बाकी लोग आसानी से बंट जाएंगे। कांग्रेस और उनके साथियों का एक ही मिशन है, समाज को बांटो और सत्ता पर कब्जा करो।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र में 10 सरकारी मेडिकल कॉलेज का डिजिटल माध्यम से उद्घाटन किया। इसके साथ ही उन्होंने भारतीय कौशल संस्थान और विद्या समीक्षा केंद्र का डिजिटल माध्यम से उद्घाटन किया। उन्होंने नागपुर में डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के उन्नयन और शिरडी हवाई अड्डे में नए एकीकृत टर्मिनल भवन की आधारशिला रखी। इस दौरान उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर खूब हमले किए।

उन्होंने कहा कि अभी कल ही हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के चुनाव परिणाम आए हैं। हरियाणा ने बता दिया है कि देश का मिजाज क्या है। दो बार कार्यकाल पूरा करने के बाद लगातार तीसरी बार चुनकर आना ऐतिहासिक है। कांग्रेस का पूरा इकोसिस्टम, अर्बन नक्सल का पूरा गिरोह जनता को गुमराह करने में जुटा था, लेकिन कांग्रेस की सारी साज़िशें ध्वस्त हो गईं। इन्होंने दलितों के बीच झूठ फैलाने की कोशिश की, लेकिन दलित समाज ने इनके खतरनाक इरादों को भांप लिया। दलितों को एहसास हो गया कि कांग्रेस उनका आरक्षण छीनकर अपने वोटबैंक को बांटना चाहती है।

पीएम मोदी ने कहा कि आज कांग्रेस का असली रंग खुल कर सामने आ गया है। कांग्रेस को अब अर्बन नक्सल का गैंग चला रहा है। पूरी दुनिया में जो लोग भारत को आगे बढ़ने से रोकना चाहते हैं, कांग्रेस अब खुलकर उनके साथ खड़ी है। इसलिए अपनी घोर असफलता के बावजूद कांग्रेस, सरकार बनाने का सपना देख रही है। पीएम ने कहा कि कांग्रेस जानती है कि उनका वोट बैंक तो एक रहेगा, लेकिन बाकी लोग आसानी से बंट जाएंगे। कांग्रेस और उनके साथियों का एक ही मिशन है, समाज को बांटो और सत्ता पर कब्जा करो। इसलिए हमारी एकता को ही देश की ढाल बनाना है, हमें याद रखना है कि अगर हम बंटेंगे तो बांटने वाले महफिल सजाएंगे। हमें कांग्रेस और अघाड़ी वालों के मंसूबों को कामयाब नहीं होने देना है।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि हरियाणा के ओबीसी विकास कार्यों को देखकर बीजेपी के साथ आए। कांग्रेस ने किसानों को भड़काया है। कांग्रेस ने युवाओं को टारगेट किया। उसने अलग-अलग तरीके से भड़काने की लगातार कोशिश की।पीएम मोदी ने कहा कि हिंदुओं की बात आती है तो कांग्रेस उनकी चर्चा जातियों से करती है. कांग्रेस जानती है कि जितना हिंदू बंटेगा उतना फायदा होगा. कांग्रेस हिंदू समाज में आग लगाए रखना चाहती है. कांग्रेस ये फार्मूला ही लागू करती है. वो जहर घोलने के हर हथकंडे अपना रही है।

पीएम मोदी का कांग्रेस पर हमला यहीं नहीं रुका। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज को तोड़कर, जीत का फॉर्मूला बनाना…यही कांग्रेस का आधार है। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस सनातन परंपरा का दमन कर रही है। वो सत्ता में आने के लिए बेचैन है। वो नफरत फैलाने वाली फैक्ट्री हो गई है। कांग्रेस देश को खत्म करने के लिए तुली है।

मुइज्जू की मुराद पूरी, भारत-मालदीव के साथ कई अहम समझौते*
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मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू 5 दिनों के भारत दौरे पर हैं। बदले तेवर के साथ मुइज्जू कुछ उम्मीद लेकर भारत पहुंचे थे। सोमवार को मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने पीएम मोदी से मुलाकात की। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुइज्जू के बीच कई मुद्दों को लेकर अहम बैठक हुई। इस दौरान भारत और मालदीव के बीच 5 समझौते पर हस्ताक्षर हुए। बातचीत के बाद पीएम मोदी ने बताया कि कैसे भारत मालदीव के आर्थिक विकास में मदद कर रहा है। साथ ही पीएम ने आगे भी मालदीव के लिए सहयोग जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू रविवार की शाम को भारत पहुंचे थे। उनके साथ पत्नी साजिदा मोहम्मद और मालदीव का एक डेलिगेशन भी भारत पहुंचा है। सोमवार को राष्ट्रपति भवन में मुइज्जू का स्वागत किया गया और गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई द्विपक्षीय बैठक में दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने पर जोर दिया है। इस दौरान भारत और मालदीव के बीच 5 समझौते पर हस्ताक्षर हुए। इसमें करेंसी, शिक्षा, भ्रष्टाचार को रोकने , न्यायिक और खेल के क्षेत्र से जुड़े समझौते पर हस्ताक्षर हुए। भारत और मालदीव ने आज 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर के मुद्रा विनिमय समझौते पर हस्ताक्षर किए, यह कदम द्वीपीय देश को विदेशी मुद्रा भंडार की समस्याओं से उबरने में मदद करेगा। साथ ही मालदीव में Rupay (रुपे) कार्ड लॉन्च हो गया। प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक के बाद साझा बयान में मुइज्जू का स्वागत करते हुए मालदीव को भारत का करीबी दोस्त बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के दशकों पुराने मजबूत संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत, मालदीव का सबसे करीबी पड़ोसी और घनिष्ठ मित्र है। साथ ही हमारी ‘नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी’ और ‘सागर’ विजन में भी मालदीव का महत्वपूर्ण स्थान है। *3 हजार करोड़ रुपए का करेंसी स्वैप समझौता* संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में पीएम मोदी ने कहा कि भारत हमेशा मालदीव का फर्स्ट रिस्पांडर रहा है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि 3 हजार करोड़ रुपए का करेंसी स्वैप समझौता हुआ है। उन्होंने कहाकि हमने मालदीव में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर बात की है। हमने डिजिटल कनेक्टिविटी पर भी बात की है। पीएम मोदी ने कहाकि भारत ने हमेशा पड़ोसी होने के दायित्व को निभाया है। भारत ने उसके सहयोग से निर्मित 700 से अधिक सामाजिक आवास इकाइयां मालदीव को सौंपी। *मुक्त व्यापार समझौते पर भी हुई चर्चा* मोदी ने कहा कि भारत और मालदीव ने आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर चर्चा शुरू करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री ने मालदीव को एक 'घनिष्ठ मित्र' बताया, जिसका भारत की पड़ोस नीति और सागर विजन में महत्वपूर्ण स्थान है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने हमेशा एक पड़ोसी की जिम्मेदारियों को पूरा किया है। आज हमने अपने आपसी सहयोग को एक रणनीतिक दिशा देने के लिए एक व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी के विजन को अपनाया है।
मुइज्जू की मुराद पूरी, भारत-मालदीव के साथ कई अहम समझौते*
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मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू 5 दिनों के भारत दौरे पर हैं। बदले तेवर के साथ मुइज्जू कुछ उम्मीद लेकर भारत पहुंचे थे। सोमवार को मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने पीएम मोदी से मुलाकात की। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुइज्जू के बीच कई मुद्दों को लेकर अहम बैठक हुई। इस दौरान भारत और मालदीव के बीच 5 समझौते पर हस्ताक्षर हुए। बातचीत के बाद पीएम मोदी ने बताया कि कैसे भारत मालदीव के आर्थिक विकास में मदद कर रहा है। साथ ही पीएम ने आगे भी मालदीव के लिए सहयोग जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू रविवार की शाम को भारत पहुंचे थे। उनके साथ पत्नी साजिदा मोहम्मद और मालदीव का एक डेलिगेशन भी भारत पहुंचा है। सोमवार को राष्ट्रपति भवन में मुइज्जू का स्वागत किया गया और गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई द्विपक्षीय बैठक में दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने पर जोर दिया है। इस दौरान भारत और मालदीव के बीच 5 समझौते पर हस्ताक्षर हुए। इसमें करेंसी, शिक्षा, भ्रष्टाचार को रोकने , न्यायिक और खेल के क्षेत्र से जुड़े समझौते पर हस्ताक्षर हुए। भारत और मालदीव ने आज 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर के मुद्रा विनिमय समझौते पर हस्ताक्षर किए, यह कदम द्वीपीय देश को विदेशी मुद्रा भंडार की समस्याओं से उबरने में मदद करेगा। साथ ही मालदीव में Rupay (रुपे) कार्ड लॉन्च हो गया। प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक के बाद साझा बयान में मुइज्जू का स्वागत करते हुए मालदीव को भारत का करीबी दोस्त बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के दशकों पुराने मजबूत संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत, मालदीव का सबसे करीबी पड़ोसी और घनिष्ठ मित्र है। साथ ही हमारी ‘नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी’ और ‘सागर’ विजन में भी मालदीव का महत्वपूर्ण स्थान है। *3 हजार करोड़ रुपए का करेंसी स्वैप समझौता* संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में पीएम मोदी ने कहा कि भारत हमेशा मालदीव का फर्स्ट रिस्पांडर रहा है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि 3 हजार करोड़ रुपए का करेंसी स्वैप समझौता हुआ है। उन्होंने कहाकि हमने मालदीव में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर बात की है। हमने डिजिटल कनेक्टिविटी पर भी बात की है। पीएम मोदी ने कहाकि भारत ने हमेशा पड़ोसी होने के दायित्व को निभाया है। भारत ने उसके सहयोग से निर्मित 700 से अधिक सामाजिक आवास इकाइयां मालदीव को सौंपी। *मुक्त व्यापार समझौते पर भी हुई चर्चा* मोदी ने कहा कि भारत और मालदीव ने आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर चर्चा शुरू करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री ने मालदीव को एक 'घनिष्ठ मित्र' बताया, जिसका भारत की पड़ोस नीति और सागर विजन में महत्वपूर्ण स्थान है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने हमेशा एक पड़ोसी की जिम्मेदारियों को पूरा किया है। आज हमने अपने आपसी सहयोग को एक रणनीतिक दिशा देने के लिए एक व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी के विजन को अपनाया है।
मुइज्जू की मुराद पूरी, भारत-मालदीव के साथ कई अहम समझौते*
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मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू 5 दिनों के भारत दौरे पर हैं। बदले तेवर के साथ मुइज्जू कुछ उम्मीद लेकर भारत पहुंचे थे। सोमवार को मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने पीएम मोदी से मुलाकात की। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुइज्जू के बीच कई मुद्दों को लेकर अहम बैठक हुई। इस दौरान भारत और मालदीव के बीच 5 समझौते पर हस्ताक्षर हुए। बातचीत के बाद पीएम मोदी ने बताया कि कैसे भारत मालदीव के आर्थिक विकास में मदद कर रहा है। साथ ही पीएम ने आगे भी मालदीव के लिए सहयोग जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू रविवार की शाम को भारत पहुंचे थे। उनके साथ पत्नी साजिदा मोहम्मद और मालदीव का एक डेलिगेशन भी भारत पहुंचा है। सोमवार को राष्ट्रपति भवन में मुइज्जू का स्वागत किया गया और गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई द्विपक्षीय बैठक में दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने पर जोर दिया है। इस दौरान भारत और मालदीव के बीच 5 समझौते पर हस्ताक्षर हुए। इसमें करेंसी, शिक्षा, भ्रष्टाचार को रोकने , न्यायिक और खेल के क्षेत्र से जुड़े समझौते पर हस्ताक्षर हुए। भारत और मालदीव ने आज 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर के मुद्रा विनिमय समझौते पर हस्ताक्षर किए, यह कदम द्वीपीय देश को विदेशी मुद्रा भंडार की समस्याओं से उबरने में मदद करेगा। साथ ही मालदीव में Rupay (रुपे) कार्ड लॉन्च हो गया। प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक के बाद साझा बयान में मुइज्जू का स्वागत करते हुए मालदीव को भारत का करीबी दोस्त बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के दशकों पुराने मजबूत संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत, मालदीव का सबसे करीबी पड़ोसी और घनिष्ठ मित्र है। साथ ही हमारी ‘नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी’ और ‘सागर’ विजन में भी मालदीव का महत्वपूर्ण स्थान है। *3 हजार करोड़ रुपए का करेंसी स्वैप समझौता* संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में पीएम मोदी ने कहा कि भारत हमेशा मालदीव का फर्स्ट रिस्पांडर रहा है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि 3 हजार करोड़ रुपए का करेंसी स्वैप समझौता हुआ है। उन्होंने कहाकि हमने मालदीव में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर बात की है। हमने डिजिटल कनेक्टिविटी पर भी बात की है। पीएम मोदी ने कहाकि भारत ने हमेशा पड़ोसी होने के दायित्व को निभाया है। भारत ने उसके सहयोग से निर्मित 700 से अधिक सामाजिक आवास इकाइयां मालदीव को सौंपी। *मुक्त व्यापार समझौते पर भी हुई चर्चा* मोदी ने कहा कि भारत और मालदीव ने आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर चर्चा शुरू करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री ने मालदीव को एक 'घनिष्ठ मित्र' बताया, जिसका भारत की पड़ोस नीति और सागर विजन में महत्वपूर्ण स्थान है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने हमेशा एक पड़ोसी की जिम्मेदारियों को पूरा किया है। आज हमने अपने आपसी सहयोग को एक रणनीतिक दिशा देने के लिए एक व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी के विजन को अपनाया है।
भारत हमेशा से मालदीव के लिए पहला उत्तरदाता रहा है: पीएम मोदी

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PM Modi meets President of Maldives Hyderabad House (PTI)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के साथ द्विपक्षीय बैठक के बाद आज घोषणा की कि दोनों देश भविष्य में कई परियोजनाओं पर सहयोग करेंगे। पांच दिवसीय यात्रा पर रविवार को भारत पहुंचे मुइज्जू का आज राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मालदीव के राष्ट्रपति और प्रथम महिला साजिदा मोहम्मद का राष्ट्रपति भवन पहुंचने पर स्वागत किया। रविवार को मुइज्जू के आगमन पर केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री किरीटी वर्धन सिंह ने स्वागत किया। मुइज्जू राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के आधिकारिक निमंत्रण पर भारत आए हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को दिल्ली के हैदराबाद हाउस में मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात की। चीन के प्रति अपने झुकाव के लिए जाने जाने वाले मुइज्जू, प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अपने मंत्रियों की आपत्तिजनक टिप्पणियों के कारण राजनयिक विवाद के कुछ महीनों बाद, नई दिल्ली के साथ द्वीप राष्ट्र के संबंधों को सुधारने के लिए भारत की पांच दिवसीय यात्रा पर हैं। मुइज्जू की भारत यात्रा मालदीव की वित्तीय तंगी के समय हुई है, जो देश के घटते विदेशी मुद्रा भंडार के कारण और भी बढ़ गई है।

रविवार को भारत पहुंचने के बाद मोहम्मद मुइज्जू ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, "जयशंकर ने राष्ट्रपति का भारत में राजकीय यात्रा पर स्वागत करते हुए अपनी खुशी व्यक्त की। राष्ट्रपति डॉ. मुइज्जू ने आगमन पर उनके और उनके प्रतिनिधिमंडल के गर्मजोशी से स्वागत के लिए भारत सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया।"

 उन्होंने नई दिल्ली में राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि भी अर्पित की। "इंडिया आउट" अभियान पर सवार होकर मुइज़ू के राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद से मालदीव के भारत के साथ संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं। सत्ता संभालने के बाद, उन्होंने नई दिल्ली से द्वीप राष्ट्र से अपने सैनिकों को वापस बुलाने के लिए कहा।

रविवार को एक साक्षात्कार में, उन्होंने कहा कि उन्होंने नई दिल्ली से अपने सैनिकों को वापस बुलाने के लिए कहने का फैसला इसलिए किया क्योंकि उनके देश के लोगों ने उनसे ऐसा करने के लिए कहा था।

"मालदीव और भारत अब एक-दूसरे की प्राथमिकताओं और चिंताओं को बेहतर ढंग से समझते हैं। मैंने वही किया जो मालदीव के लोगों ने मुझसे करने को कहा था। हाल के बदलाव घरेलू प्राथमिकताओं को संबोधित करने के हमारे प्रयासों को दर्शाते हैं। पिछले समझौतों की हमारी समीक्षा का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वे हमारे राष्ट्रीय हितों के अनुरूप हों और क्षेत्रीय स्थिरता में सकारात्मक योगदान दें," उन्होंने टीओआई को बताया।

चीन के साथ अपने संबंधों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मालदीव ऐसा कुछ नहीं करेगा जिससे भारत की सुरक्षा को नुकसान पहुंचे।

मध्यप्रदेश में पहली बार गाय के गोबर से बनाई जाएगी बायो CNG, वाहन चलाने के साथ आम लोगों के घरेलू जरूरतों में भी होगा उपयोग

मध्यप्रदेश में गाय के गोबर से बायो सीएनजी बनाई जाएगी। इससे तैयार गैस से ग्वालियर नगर निगम के वाहन तो चलेंगे ही साथ ही इसे आम लोगों को उपयोग के लिए भी देने की भी योजना है। ग्वालियर में स्थित प्रदेश की सबसे बड़ी लाल टिपारा गोशाला में इसका प्लांट तैयार किया गया है।

इस बायोसीएनजी प्लांट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने वर्चुअल तरीके से किया। इस दौरान कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर सहित अन्य मंत्री और अधिकारी मौजूद रहे। बता दें कि ग्वालियर में नगर निगम द्वारा संचालित प्रदेश की सबसे बड़ी गोशाला लाल टिपारा में है। इसका संचालन कुछ वर्ष पहले संतों को सौंपा गया तो यह देश की सबसे आदर्श गौशाला बन गई, जहां लोग अपना जन्मदिन से लेकर मेरिज एनिवर्सरी तक मनाने आते हैं।

इस गौशाला में अभी 9850 गौवंश का बसेरा है। यहां हर रोज 100 टन गोबर निकलता है, इससे यहां स्थापित हो रहे संयंत्र से अभी 2 टन बायो सीएनजी तैयार होगी। गोशाला के प्रबंधन से जुड़े संत स्वामी ऋषभ देवानंद का कहना है कि यह मध्यप्रदेश में किसी गौशाला में अनूठी पहल है। गोबर सच में धन के रूप में बदलेगा। गैस बनने के बाद निकलने वाले वेस्ट को खेती में उपयोग के लिए बेचा जाएगा।

मिडिल ईस्ट में बढ़ा तनाव, भारत भी अलर्ट मोड में, पीएम मोदी ने बुलाई CCS की बैठक

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पश्चिम एशिया में लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है। ईरान के इजराइल पर हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। जिसका असर पूरे विश्व में देखने को मिल रहा है। इसी बीच PM मोदी ने पश्चिम एशिया में नए सिरे से पैदा हुए तनाव के बीच बृहस्पतिवार (3 अक्टूबर) को सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में भारत ने पश्चिम एशिया में सुरक्षा स्थिति बिगड़ने पर गहरी चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि संघर्ष को व्यापक रूप नहीं लेना चाहिए। भारत ने सभी मुद्दों को बातचीत और कूटनीति के माध्यम से सुलझाने का भी आह्वान किया है।

पीएम मोदी की अगुवाई में हुई बैठक में पश्चिम एशिया में गहराते संकट और उसके भारत पर संभावित असर को लेकर चर्चा की गई। इस बैठक के दौरान पश्चिम एशिया में तनाव और पेट्रोलियम उत्पादों के व्यापार एवं आपूर्ति पर पड़ने वाले प्रभाव पर चर्चा की गई। दरअसल, पश्चिम एशिया के संकट के कारण भारत में कच्चे तेल की आपूर्ति पर असर पड़ने और अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। इससे भारत से होने वाले व्यापार पर भी असर पड़ सकता।

दरअसल, अगर पश्चिम एशिया में तनाव और ज्यादा बढ़ता है तो इसका असर सिर्फ उस क्षेत्र पर नहीं बल्कि पूरी दुनिया पर पड़ेगा। ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारत के आयात-निर्यात पर इसका असर पड़ेगा। इस संघर्ष से कार्गो माल ढुलाई शुल्क में काफी वृद्धि हो सकती है क्योंकि लेबनान के ईरान समर्थित हिजबुल्लाह आतंकवादियों के यमन में हूती विद्रोहियों के साथ घनिष्ठ संबंध हैं, जो लाल सागर और अदन की खाड़ी के माध्यम से माल ले जाने वाले व्यापारी जहाजों पर लगातार हमलें कर रहे हैं।

हूती विद्रोहियों ने पिछले साल अक्टूबर में लाल सागर से होकर जाने वाले व्यापारी जहाजों पर हमला करना शुरू किया था, जिसका असर पूरी दुनिया के व्यापार पर पड़ा था। भारत के भी पेट्रोलियम निर्यात में कमी आई थी। यह आयात अगस्त में 37.56 प्रतिशत गिरकर 5.96 अरब डॉलर रह गया था, जो पिछले साल के इसी महीने में 9.54 अरब डॉलर था। ऐसे में भारत के लिए मुश्किलें और ज्यादा बढ़ सकती है।

बता दें कि ईरान के हमले के बाद इजराइल ने भी बदला लेने की बात कही है। इजराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने भी जवाबी कार्रवाई करने का संकल्प लिया। फिलहाल इजराइल दो मोर्चों पर आतंकवादियों से जूझ रहा है। वह लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ जमीनी स्तर पर निपट रहा है तो गाजा पट्टी में भी लगातार हमले कर रहा है। गाजा में इजराइली हमले में अब तक हजारों लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में बच्चे और औरतें भी शामिल हैं।