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ज्ञानवापी मस्जिद मामले में यूपी के सीएम योगी का बड़ा बयान, कहा-त्रिशूल मस्जिद में क्या कर रहा था?

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उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद का मामला सुर्खियों में बना हुआ है। अदालत में इसका सर्वे कराने को लेकर याचिका दायर की हुई है, जिसपर 3 अगस्त को हाईकोर्ट अपना निर्णय देगी। इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस केस को लेकर बड़ा बयान दिया है।उन्होंने कहा कि अगर हम उसे मस्जिद कहेंगे तो विवाद होगा।उन्होंने कहा कि इसे लेकर मुस्लिम पक्ष की ओर से एतिहासिक गलती हुई है।

समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘अगर हम उसको मस्जिद कहेंगे तो फिर विवाद होगा। मुझे लगता है कि भगवान ने जिसको दृष्टि दी है, वो देखे ना कि त्रिशूल मस्जिद में क्या कर रहा है। ज्योतिर्लिंग है, देव-प्रतिमाएं हैं पूरी दीवारें चिल्ला-चिल्लाकर क्या कह रही हैं, ये प्रस्ताव मुस्लिम समाज से आना चाहिए कि ऐतिहासिक गलती हुई है, इसका समाधान होना चाहिए।’ 

राष्ट्र सर्वोपरि, अपने मत और मजहब नहीं-सीएम योगी

एएनआई के पॉडकास्ट में एक अन्य सवाल के जवाब में योगी ने कहा कि देश संविधान से चलेगा, मत और मजहब से नहीं। देखिए मैं ईश्वर का भक्त हूं, लेकिन किसी पाखंड में विश्वास नहीं करता हूं। आपका मत, आपका मजहब, अपने तरीके से होगा, अपने घर में होगा। अपनी मस्जिद, अपने इबादतगाह तक होगा। सड़क पर प्रदर्शन करने के लिए नहीं और इसको आप जो है किसी भी अन्य तरीके से दूसरे पर थोप नहीं सकते। नेशन फर्स्ट। अगर देश में किसी को रहना है तो राष्ट्र को सर्वोपरि मानना है, अपने मत और मजहब को नहीं। 

पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा पर क्या कहा?

इस दौरान सीएम योगी ने कई अहम बातें की हैं। उन्होंने कहा कि मैं पिछले 6 साल से यूपी का सीएम हूं, यहां एक भी दंगा नहीं हुआ है किसी भी चुनाव में हिंसा नहीं हुई है। पश्चिम बंगाल में किस तरह चुनावी हिंसा हो रही है। ऐसे लोग सत्ता में आकर चीज़ों को कैद कर देना चाहते हैं।

विपक्षी दलों के गठबंधन पर दी प्रतिक्रिया

विपक्षी दलों के नए नाम INDIA पर भी सीएम योगी ने प्रतिक्रिया दी और कहा कि India नहीं बोलना चाहिए।चोला बदलने से पिछले कर्मों से मुक्ति नहीं मिल जाती है।

प्रियंका चतुर्वेदी पर एकनाथ शिंदे के विधायक के बिगड़े बोल, कहा- सुंदरता देख आदित्य ठाकरे ने राज्यसभा भेजा, सांसद ने दिया जवाब

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शिवसेना के एक विधायक ने उद्धव गुट वाली शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी को लेकर विवादित बयान दिया है।शिवसेना विधायक संजय शिरसाट ने कहा है कि चतुर्वेदी को उनकी सुंदरता के कारण आदित्य ठाकरे ने राज्यसभा भेजा था। संजय शिरसाट की टिप्पणी पर प्रियंका चतुर्वेदी ने भी पलटवार किया है और संजय शिरसाट को गद्दार बता दिया है। वहीं आदित्य ठाकरे ने भी संजय शिरसाट की टिप्पणी की आलोचना की है।

संजय शिरसाट ने की विवादित टिप्पणी

एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के विधायक संजय शिरसाट ने दावा किया है कि आदित्य ठाकरे ने प्रियंका चतुर्वेदी को उनकी सुंदरता की वजह से राज्यसभा भेजा है। कहा कि एक बार शिवसेना नेता चंद्रकांत खैरे ने कहा था कि आदित्य ठाकरे ने प्रियंका चतुर्वेदी की खूबसूरती देखकर उन्हें राज्यसभा का सदस्य बनाया था।

प्रियंका चतुर्वेदी ने किया पलटवार

संजय शिरसाट की टिप्पणी पर प्रियंका चतुर्वेदी ने पलटवार किया है। उन्होंने ट्वीट किया, 'मुझे यह बताने के लिए किसी गद्दार की जरूरत नहीं है कि मैं कैसी दिखती हूं और मैं जहां हूं वहां क्यों हूं। शिरसाट ने राजनीति और महिलाओं पर अपनी बीमार मानसिकता वाली सोच प्रदर्शित की है।

शिरसाट जैसे लोगों को ज्यादा भाव देने के जरुरत नहीं-आदित्य ठाकरे

वहीं, इस मुद्दे पर आदित्य ठाकरे ने कहा है कि संजय शिरसाट जैसे लोगों को ज्यादा भाव देने के जरुरत नहीं है। एकनाथ शिंदे गुट में उन्हें कोई भाव नहीं मिल रहा है इसलिए वो ऐसी बात कर रहे हैं। ऐसे लोग जो बोल रहे हैं उन्हें बोलने दीजिए। आदित्य ठाकरे ने संजय शिरसाट की टिप्पणी पर कहा कि शिरसाट का दिमाग सड़ा हुआ है और उन्हें अपनी कीमत पता चल गई है। मुझे नहीं पता कि ऐसे सड़ी हुई मानसिकता के लोग राजनीति कैसे बचे हुए हैं।

2019 में थामा था शिवसेना का दामन

आपको बता दें कि प्रियंका चतुर्वेदी कांग्रेस छोड़ने के बाद 2019 में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल हो गई थी। जहां उन्होंने राष्ट्रीय प्रवक्ता के रूप में कार्य किया और बाद में उन्हें राज्यसभा का सांसद बनाया गया। 2010 में कांग्रेस से अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू करने वाली प्रियंका चतुर्वेदी 2012 में उत्तर-पश्चिम मुंबई से भारतीय युवा कांग्रेस की महासचिव बनी थीं।

आज लोकसभा में पेश होगा दिल्ली सेवा बिल, जानें क्या है खास, कितनी कम हो जाएंगी केजरीवाल की शक्तियां

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दिल्ली सरकार के अधिकारों और सेवा से जुड़ा बिल लोक सभा सांसदों को सर्कुलेट कर दिया गया है। यह बिल आज लोक सभा में पेश हो सकता है। गृह मंत्री अमित शाह लोक सभा में विधेयक को पेश कर सकते हैं। दिल्ली सरकार इस विधेयक का विरोध कर रही है। ऐसे में आज जब ये बिल लोकसभा में पेश होगा तो सदन में जोरदार हंगामा देखने को मिल सकता है। संसद में पहले से ही मणिपुर हिंसा को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध जारी है। 

क्या है मामला?

दिल्ली में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (GNCTD) अधिनियम 1991 लागू है जो विधानसभा और सरकार के कामकाज के लिए एक रूपरेखा प्रदान करने का काम करता है। साल 2021 में केंद्र सरकार ने इसमें संशोधन किया था। संशोधन के तहत दिल्ली में सरकार के संचालन, कामकाज को लेकर कुछ बदलाव किए गए थे। इसमें उपराज्यपाल को कुछ अतिरिक्त अधिकार दिए गए थे। संशोधन के मुताबिक, चुनी हुई सरकार के लिए किसी भी फैसले के लिए एलजी की राय लेनी अनिवार्य किया गया था।

आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि राजधानी में भूमि और पुलिस जैसे कुछ मामलों को छोड़कर बाकी सभी मामलों में दिल्ली की चुनी हुई सरकार को सर्वोच्चता होनी चाहिए और दिल्ली का प्रशासन चलाने के लिए आईएएस अधिकारियों पर राज्य सरकार को पूरा नियंत्रण मिलना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने इसको लेकर आदेश सुनाया कि एलजी के पास दिल्ली से जुड़े सभी मुद्दों पर व्यापक प्रशासनिक अधिकार नहीं हो सकते। एलजी की शक्तियां उन्हें दिल्ली विधानसभा और निर्वाचित सरकार की विधायी शक्तियों में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं देती। अधिकारियों की तैनाती और तबादले का अधिकार दिल्ली सरकार के पास होगा। चुनी हुई सरकार के पास प्रशासनिक सेवा का अधिकार होना चाहिए। उपराज्यपाल को सरकार की सलाह माननी होगी। पुलिस, पब्लिक आर्डर और लैंड का अधिकार केंद्र के पास रहेगा।

केंद्र ने अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलट दिया

इस आदेश से उपराज्यपाल के अधिकार कम हो गए और दिल्ली सरकार को वो शक्तियां मिल गईं जो बाकी राज्यों में चुनी हुई सरकारों के पास होती हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को एक सप्ताह ही हुआ था कि केंद्र सरकार एक अध्यादेश ले आई और सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलट दिया। इस अध्यादेश के मद्देनजर दिल्ली में राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण (NCCSA) नाम का एक प्राधिकरण बनाया जाएगा, जो दिल्ली में पदस्थ अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग समेत उनपर अनुशासनात्मक कार्यवाही से जुड़े फैसले लेंगे।NCCSA में तीन लोग होंगे- दिल्ली के मुख्यमंत्री, दिल्ली के मुख्य सचिव और प्रिंसिपल होम सेक्रेटरी। प्राधिकरण में बहुमत से फैसला लिया जाएगा और वो फैसला दिल्ली के उपराज्यपाल को भेजा जाएगा। उपराज्यपाल को अगर उस फैसले से आपत्ति होती है तो वो उसे वापस भेज सकते हैं। अगर प्राधिकरण और उपराज्यपाल के बीच किसी फैसले को लेकर विवाद की स्थिति बनती है तो उपराज्यपाल का फैसला ही आखिरी फैसला माना जाएगा।

'INDIA' गठबंधन की परीक्षा का दिन

इस अध्यादेश पर केजरीवाल सरकार बीते एक अरसे से विरोध कर रही है। देश के सर्वोच्च अदालत के बाद ये अध्यादेश सबसे बड़ी पंचायत यानी संसद में है। आज ही विपक्षी गठबंधन INDIA की परीक्षा का दिन भी साबित हो सकता है। हालांकि, लोकसभा में एनडीए के पास बहुमत है तो वहां आसानी से बिल पास हो सकता है। पर देखना होगा कि विपक्ष एकजुट होकर राज्यसभा में दिल्ली सेवा बिल को पास होने से रोक पाता है या नहीं।सरकार की भी परीक्षा राज्यसभा में होगी और सीएम केजरीवाल भी राज्यसभा में अपना पूरा ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। लिहाजा आम आदमी पार्टी के नेता विपक्षी सांसदों की मदद से राज्यसभा में इसे रोकने की कोशिश में हैं।

एनडीए सांसदों के साथ आज से पीएम मोदी की बैठक, मिशन 2024 के लिए होगा मंथन

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विपक्षी गठबंधन “INDIA” को बीजेपी ने गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है। यही वजह है कि बीजेपी अपने किले को और मजबूत करने में जुट गई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए एनडीए गठबंधन को और तैयार करने के इरादे से सत्तारूढ़ गठबंधन के सांसदों के समूहों की बैठक सोमवार से लेना शुरू करेंगे। 10 अगस्त तक चलने वाली इन बैठकों में 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के मुद्दे पर विचार-विमर्श किया जाएगा।यानी अगले 10 दिनों में पीएम मोदी का एनडीए के 430 से ज्यादा सांसदों से मुलाकात का प्लान है।

भाजपा नेताओं ने प्रधानमंत्री के साथ बैठक के लिए एनडीए सांसदों के 1 समूह बनाए हैं। एक दिन में 2 ग्रुप की बैठकें होनी हैं।पार्टी सूत्रों ने बताया कि पहली बैठक में प्रधानमंत्री पश्चिमी उत्तर प्रदेश, बुंदेलखंड और ब्रज क्षेत्र के सांसदों के साथ विचार-विमर्श करेंगे। प्रधानमंत्री के साथ इन सांसदों की बैठक सोमवार शाम छह बजे महाराष्ट्र सदन में होगी। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह भी बैठक में मौजूद रहेंगे।

दूसरी बैठक में पश्चिम बंगाल, झारखंड और ओडिशा के सांसद शामिल होंगे, जिसमें बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, धर्मेंद्र प्रधान, शांतनु ठाकुर, बीजेपी नेता बैजयंत पांडा और दिलीप घोष आदि मौजूद रहेंगे। दूसरी बैठक संसद भवन में शाम 7:30 बजे से होगी।

तीसरे और चौथे क्लस्टर्स के सांसदों के साथ मोदी की बैठक 2 अगस्त को होगी। इसमें उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और अवध, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार और लक्षद्वीप से 96 सांसद शामिल होंगे।

3 अगस्त को 5वें और छठे क्लस्टर की बैठक में बिहार, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख के 63 सांसद शामिल होंगे।

राजस्थान, महाराष्ट्र और गोवा के 76 सांसदों से पीएम मोदी 8 अगस्त को मुलाकात करने वाले हैं। 9 अगस्त को मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, दादर और नगर हवेली, दमन और दीव के 81 सांसदों से बातचीत होगी। इसके अलावा भाजपा जल्द ही पूर्वोत्तर क्षेत्र के 31 सांसदों से पीएम की मुलाकात की तारीख तय करेगी।

बता दें कि भाजपा नेतृत्व ने 160 अपेक्षाकृत कमजोर सीटों की पहचान की है, जिसमें गठबंधन अतिरिक्त प्रयास करके जीत सुनिश्चित करेगा। भाजपा के नेतृत्व में एनडीए में कुल 38 दल शामिल हैं। भाजपा का एनडीए के साथ 25 सालों का नाता है जिसे वह 2024 के चुनाव में और पुख्ता करना चाहती है।पीएम मोदी के साथ होने वाली बैठकों के दौरान सांसद अपने क्षेत्रों में काम, केंद्रीय योजनाओं की मौजूदा स्थिति पर बात कर सकते हैं। साथ ही पीएम लोगों से जुड़ने के लिए सांसदों को सुझाव दे सकते हैं।

बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 में करीब 10 महीने का वक्त बाकी है। उससे पहले पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। इसलिए ये बैठकें अहम मानी जा रही है। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, अमित शाह और राजनाथ सिंह के साथ-साथ बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा को एनडीए नेताओं के साथ समन्वय की जिम्मेदारी दी गई है।

मुंबई-जयपुर एक्सप्रेस में फायरिंग, आरपीएफ कांस्टेबल ने अपने सीनियर एएसआई पर अंधाधुंध दागी गोली, चार की मौत

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महाराष्ट्र के पालघर में चलती हुई जयपुर-एक्सप्रेस ट्रेन में ताबड़तोड़ फायरिंग की घटना सामने आई है। फायरिंग में 4 लोगों की गोली लगने से मौत हुई है।जयपुर-मुम्बई एक्सप्रेस ट्रेन में एक आरपीएफ कांस्टेबल ने अपने सीनियर एएसआई पर अंधाधुंध गोलीबारी कर दी। इस घटना में एएसआई और 3 अन्य यात्रियों की गोली लगने से मौत हो गई। चलती ट्रेन में हुई इस घटना से हर कोई हैरान रहा, बाद में जब ट्रेन रुकी तो शवों को उतारा गया और कॉन्स्टेबल को हिरासत में लिया गया।

गोलीबारी ट्रेन संख्या 12956 के कोच B-5 में हुई थी, जब कॉन्स्टेबल चेतन ने अपने साथियों पर ही फायरिंग कर दी। इसी गोलीबारी में एएसआई टीकाराम की मौत हुई है। जबकि साथ में बैठे 3 यात्रियों को भी गोली लगी थी।हालांकि फायरिंग होने की वजह का अभी पता नहीं चला है, लेकिन बताया जा रहा है कि आरपीएफ कांस्टेबल और उसके सीनियर एएसआई में किसी बात को लेकर तनातनी और कहासुनी हो गई थी। जिसके बाद कांस्टेबल ने गुस्से में आग बबूला होकर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी।

कॉन्स्टेबल ने दहीसर स्टेशन के पास भागने की कोशिश की, लेकिन उसे पकड़ लिया गया और हथियार भी कब्जे में लिया गया है।पश्चिमी रेलवे ने बयान में कहा, "पालघर स्टेशन पार करने के बाद एक आरपीएफ कांस्टेबल ने चलती जयपुर एक्सप्रेस ट्रेन के अंदर गोलीबारी कर दी। उसने एक आरपीएफ एएसआई और तीन अन्य यात्रियों को गोली मार दी। इसके बाद दहिसर स्टेशन के पास वह ट्रेन से बाहर कूद गया। आरोपी सिपाही को हथियार समेत हिरासत में लिया गया है।

दिल्ली अध्यादेश पर बिल कल संसद में होगा पेश, लोकसभा में हंगामे के आसार


डेस्क: दिल्ली के अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग से जुड़े केंद्र सरकार के अध्यादेश से संबंधित बिल सोमवार (31 जुलाई) को लोकसभा में पेश किया जायेगा. मोदी कैबिनेट इस बिल पर पहले ही मुहर लगा चुकी है. दिल्ली की आम आदमी पार्टी इस अध्यादेश का विरोध कर रही है. ऐसे में लोकसभा में सोमवार को विपक्ष के हंगामे के आसार हैं. 

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार (संशोधन) विधेयक को मंजूरी दी थी. ये बिल 19 मई को केंद्र की ओर से लाए गये अध्यादेश की जगह लेने के लिए पेश किया जाएगा. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी ने अध्यादेश का कड़ा विरोध किया है. 

केंद्र ने जारी किया था दिल्ली में अध्यादेश 

इस अध्यादेश में कहा गया है कि राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्रधिकरण नाम का एक प्राधिकरण होगा, जो उसे प्रदान की गई शक्तियों का उपयोग करेगा और उसे सौंपी गई जिम्मेदारियों का निर्वहन करेगा. इस अध्यादेश के लाने से कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में तबादलों और नियुक्तियों संबंधी मामलों में निर्णय की शक्तियां दिल्ली सरकार को प्रदान की थीं. 

आप ने मांगा विपक्षी दलों का समर्थन

आम आदमी पार्टी ने अध्यादेश जारी होने के बाद फिर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. कोर्ट ने फिलहाल इस मामले को 5 जजों की संविधान पीठ को सौंपा दिया है. आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस बिल का विरोध करने के लिए विपक्षी नेताओं से समर्थन मांग चुके हैं.  

कांग्रेस समेत कई पार्टियां करेंगी आप को सपोर्ट

अरविंद केजरीवाल ने संसद में इस बिल का विरोध करने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, टीएमसी चीफ ममता बनर्जी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, डीएमके चीफ एमके स्टालिन समेत कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात की थी. कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने आप का समर्थन करने की बात कही है.

बदरीनाथ वाले बयान पर अड़े स्वामी प्रसाद मौर्य, बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी मौर्य के बयान की निंदा की

डेस्क: समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बदरीनाथ धाम मंदिर पर दिए बयान पर विवाद खड़ा हो गया है. बीजेपी के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी मौर्य के बयान की निंदा की है. हालांकि, विरोध के बाद भी स्वामी प्रसाद मौर्य बयान पर नरम पड़ते नजर नहीं आ रहे हैं और उन्होंने इसी मुद्दे पर अब नया बयान दे दिया है.

स्वामी प्रसाद मौर्य ने रविवार (30 जुलाई) को कहा, ''हर मस्जिद में मंदिर खोजने की परंपरा बीजेपी को भारी पड़ेगी. ऐसा करेंगे तो लोग हर मंदिर में बौद्ध मठ खोजेंगे.'' मौर्य ने कहा कि ऐतिहासिक साक्ष्य, तथ्य और गवाह इसके पुख्ता प्रमाण हैं कि जितने भी हिंदू तीर्थ स्थल हैं, वे बौद्ध मठों के ऊपर बनाए गए हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, ''8वीं सदी की शुरुआत तक बदरीनाथ बौद्ध मठ था.''

उत्तराखंड सीएम धामी के बयान पर पलटवार

स्वामी प्रसाद मौर्य के बदरीनाथ मंदिर को बौद्ध मठ बताने के बाद घमासान छिड़ गया था. उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस पर ऐतराज जताया था. मौर्य ने इसका भी जवाब दिया है. मौर्य का जवाब जानने से पहले सीएम धामी ने क्या कहा, वो जान लेते हैं. मुख्यमंत्री धामी ने कहा था, ''बदरीनाथ धाम पूरी दुनिया के लिए आस्था का केंद्र है. स्वामी प्रसाद मौर्य बयान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. वे जिस गठबंधन के हिस्से हैं, उसमें उनका इस तरह का बयान आना स्वाभाविक ही है.''

धामी के बयान पर मौर्य ने कहा, ''सीएम धामी ने कहा है कि हमने उनका भावना का प्रभावित किया है. मैं उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री से इतना ही कहना चाहता हूं कि सबकी आस्था महत्व रखती है. आपकी आस्था है तो अन्य धर्मावलंबियों और पंथ के लोगों की भी आस्था है. अगर आपको अपनी आस्था की चिंता है तो आपको दूसरों की आस्था की भी चिंता करनी चाहिए.''

मेरा बयान संविधान के अनुकूल- मौर्य

मौर्य के बयान पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने भी निंदा की थी और इसे पूरी तरह तथ्यहीन बताया था. अब स्वामी ने शंकराचार्य को भी जवाब दिया है. मौर्य ने कहा, ''मेरा बयान संविधान के अनुकूल है. कोई भी हवा हवाई बयान देने से बाज आएं.'' उन्होंने कहा, ''महापंडित राहुल सांकृत्यायन ने बदरीनाथ धाम जाकर जो कुछ लिखा, उस पर बात कर रहे हैं. मूर्ति का अवलोकन करके और रावल से बात करके इस प्रकार इसमें संदेह नहीं रह गया कि मूर्ति बुद्ध की है. अखंड रहने पर यह मूर्ति बहुत सुंदर रही होगी, इसमें कोई संदेह नहीं है.''

पाकिस्तान में हुआ बड़ा बम धमाका, 20 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की खबर

डेस्क: पाकिस्तान में एक बार फिर से बड़ा बम धमाका हुआ है। इस बम धमाके में 20 से भी ज्यादा लोगों के मारे जाने की खबर है। इसके साथ इस बम धमाके की वजह से 50 से ज्यादा लोग बुरी तरह से घायल हुए हैं। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 

जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के बाजौर इलाके में जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (JUI-F) की बैठक हो रही थी। इस बैठक में शामिल होने के लिए कई कार्यकर्ता आए हुए थे। इस बैठक को निशाना बनाकर आंतकियों ने विस्फोट कर दिया। बम विस्फोट के बाद हादसा स्थल पर अफरा-तफरी मच गई।

बम ब्लास्ट के बाद पुलिस और सुरक्षाबल मौके पर पहुंच गए हैं, जहां वह राहत और बचाव अभियान चला रहे हैं। पुलिस ने बताया है कि मृतकों की संख्या में अभी और भी इजाफा हो सकता है। पुलिस के अनुसार, यह विस्फोट सभा स्थल के अंदर हुआ है। हालांकि पुलिस ने अभी तक विस्फोट के कारण की पुष्टि नहीं की है।

लालू हुए एक्टिव, बैडमिंटन खेला और फिर बीजेपी पर बोला हमला-'इस बार तो सफाया हो जाएगा'

डेस्क: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की तबीयत काफी खराब रही थी, एक बार फिर से स्वस्थ होने के बाद वे राजनीति में सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने अपने बड़े बेटे तेजप्रताप यादव के नए संगठन छात्र राजद भारत की पहली बैठक में शिरकत की और बीजेपी पर जमकर हमला बोला। लालू ने कहा ''बाबा साहेब अंबेडकर की विचारधारा को मानने वाली पार्टियां एक साथ आ रही हैं...इस बार तो बीजेपी का सफाया हो जाएगा. आने वाले समय में हम (इंडिया गठबंधन) महाराष्ट्र में मिलने जा रहे हैं जहां हम आगे की रणनीति को अंतिम रूप दें..." इससे पहले लालू यादव बैडमिंटन खेलते भी नजर आए थे। 

इस बीच खबर ये भी मिल रही है कि सोमवार की सुबह 10 बजे खड़गे के चैंबर में 'INDIA' के नेता मीटिंग करेंगे और आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे।

लालू ने तेजप्रताप को दी सलाह

नए संगठन छात्र राजद भारत की पहली बैठक में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने कहा कि, पंचायत स्तर पर छात्र नौजवान पूरे देश में घूमें, नरेंद्र मोदी संविधान को मिटाना चाहते हैं लेकिन देश की अखंडता को हम मिटने नहीं देंगे। वहीं लालू प्रसाद यादव ने बड़े बेटे तेजप्रताप यादव को सलाह देते हुए कहा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और झारखंड में DSS का कार्यक्रम कराएं। लालू ने कहा कि RSS वाले आप लोगों से घबराते हैं, एकजुट रहना है ताकि पार्टी में कोई भ्रम न फैले।

लालू ने पीएम मोदी पर कसा तंज-वे तो पिज्जा-बर्गर खाएंगे

लालू ने पीएम मोदी और केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला-बिहार में सूखा पड़ गया है, किसानों को खेती करने में परेशानी हो रही है। बिहार सरकार ने राहत का ऐलान किया है और केंद्र की पीएम सरकार को कोई मतलब नहीं, भिंडी 80 रूपए किलो, टमाटर 300 रूपए बिक रहा है और हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी विदेश घूम रहे हैं क्योंकि कहां ठहराना है वो देख रहे हैं कि वहां पिज़्ज़ा, मोमो, और बर्गर खाएंगे।

लालू प्रसाद ने आगे कहा बिहार में राजद, जेडीयू और कांग्रेस एक साथ मिलकर सरकार चला रहे हैं। 2024 का चुनाव नजदीक आ गया है। चुनाव में एक उम्मीदवार के खिलाफ एक कैंडिडेट खड़ा होगा। इसबार INDIA बनाम NDA होगा। बीजेपी का सफाया कर देंगे।

नाबािलग के साथ यौन उत्पीड़न मामले में पॉक्सो कोर्ट की अहम टिप्पणी, 'सेक्सुअल असॉल्ट केस में निर्णायक सबूत नहीं हो सकता DNA टेस्ट'

डेस्क: एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने दो लोगों को सजा सुनाते हुए अहम टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि डीएनए टेस्ट बलात्कार में निर्णायक सबूत नहीं हो सकता, इसका सिर्फ पुष्टि के लिए सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है. कोर्ट ने कहा कि टेस्ट में इस बात की पुष्टि नहीं होती कि दोनों पीड़िता के बच्चे के बायोलॉजिकल पिता हैं, लेकिन इससे यह नहीं माना जा सकता कि उन्होंने नाबालिग का यौन उत्पीड़न नहीं किया.

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट ने कहा कि पीड़िता अपने बयान पर शुरुआत से कायम है और उसकी गवाही इस बात की पुष्टि करती है कि उसके साथ यौन उत्पीड़न हुआ है. 

कोर्ट की टिप्पणी

जस्टिस सीमा सी जाधव इस मामले की सुनवाई कर रही थीं. 16 वर्षीय नाबालिग की गवाही के आधार पर कोर्ट ने दो लोगों को उसका यौन उत्पीड़न का दोषी ठहराते हुए 20 साल की सजा सुनाई है. पीड़िता ने अपनी मां की दोस्त के पति और दुकान पर काम करने वाले शख्स पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. डॉक्टरों ने बताया कि मानसिक रूप से पीड़िता की उम्र 11 साल है. कोर्ट ने कहा कि आरोपी परिपक्व हैं और ऐसे जघन्य अपराध ने पीड़िता को शारीरिक और भावनात्मक रूप से प्रभावित किया है. कोर्ट ने कहा कि ऐसे कृत्य पीड़ित के लिए जिंदगीभर के लिए कलंक बन जाते हैं.

कोर्ट ने दोनों पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया और कहा कि यह राशि पीड़िता को मुआवजे को तौर पर दी जाएगी. कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा, "ऐसी घटनाएं पीड़ित पर बहुत प्रभाव डालती हैं और कोई भी मुआवजा पीड़ित के लिए पर्याप्त नहीं है और न ही राहत दे सकता है, लेकिन आर्थिक मुआवजा कम से कम उसे कुछ सांत्वना दे सकेगा." इस मामले में नाबालिग, उसकी बुआ, डॉक्टरों और पुलिस समेत 11 लोगों ने कोर्ट में गवाही दी. पीड़िता का मेंटल अससेमेंट किया गया, जिसमें डॉक्टरों ने बताया कि उसका आईक्यू 11 साल 5 महीने के बच्चे जितना है.

क्या है पूरा मामला ?

रिपोर्ट के मुताबिक, जब नाबालिग की उम्र 11 साल थी, तभी उसकी मां की मृत्यु हो गई थी. इसके बाद वह अपनी मां की दोस्त के पास रहकर ब्यूटीशियन का काम सीखने लगी. साल 2021 में जब वह अपनी बुआ के पास गई तो उसका पेट देखकर उन्होंने उससे सवाल किया तो उसने यह कहकर टाल दिया कि ज्यादा खाने की वजह से पेट निकल गया है. हालांकि, बुआ को यकीन नहीं हुआ तो उन्होंने प्रेग्नेंसी टेस्ट करवाया और रिपोर्ट पॉजिटिव आई. इसके बाद पीड़िता ने खुलासा किया कि दुकान पर काम करने वाला एक शख्स उसका यौन उत्पीड़न करता था. इसके बाद उसको बाल गृह भेजा गया तब उसने दूसरे आरोपी और उसकी मां के दोस्त के पति के बारे में भी बताया कि वह उसके साथ बार-बार दुष्कर्म करता था.