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संविधान दिवस पर राष्ट्रपति मुर्मू का संबोधन, बोलीं-संविधान से हमारा स्वाभिमान सुनिश्चित हुआ

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पूरा भारत आज संविधान दिवस मना रहा है। आज ही के दिन 1949 में भारत ने अपने संविधान को अंगीकार किया था। इस मौके पर विशेष समारोह पुराने संसद भवन के ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में आयोजित किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस कार्यक्रम को संबोधित किया। अपने संबोधन के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने संविधान दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारत का लोकतंत्र दुनिया के लिए मिसाल है। संविधान से हमारा स्वाभिमान सुनिश्चित हुआ है।

संसद भवन के सेंट्रल हॉल से बोलते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि आज के दिन 26 नवंबर 1949 में संविधान सभा के सदस्यों ने भारत संविधान के निर्माण का कार्य संपन्न किया था। आज के दिन उस पर हम भारत के लोगों ने अपने संविधान को अपनाया था। स्वाधीनता के बाद संविधान सभा ने भारत की अंतरिम संसद के रूप में भी कर्तव्य का निर्वाहन किया।

25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालना बड़ी उपलब्धि

अपने संबोधन के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि संविधान औपनिवेशिक मानसिकता छोड़कर राष्ट्रवादी सोच अपनाने का मार्गदर्शक दस्तावेज है। 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालना देश की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है। उन्होंने आगे कहा कि हमारे संविधान-निर्माता चाहते थे कि हमारे व्यक्तिगत और लोकतांत्रिक अधिकार हमेशा सुरक्षित रहें।

तीन तलाक से लेकर आर्टिकल-370 तक का जिक्र

संविधान दिवस के मौके पर संसद में आयोजित विशेष कार्यक्रम में देश को संबोध‍ित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तीन तलाक को खत्‍म करना और जम्‍मू-कश्‍मीर से आर्टिकल-370 को हटाने का जिक्र किया। तीन तलाक को खत्‍म करने के कदम को राष्‍ट्रपति मुर्मू ने महिलाओं के सशक्‍तीकरण से जोड़ा। राष्ट्रपति ने कहा, तीन तलाक से जुड़ी सामाजिक बुराई पर अंकुश लगाकर संसद ने हमारी बहनों और बेटियों के सशक्तिकरण और सामाजिक न्याय की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाए। देश के आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देने के लिए स्वतंत्रता के बाद का सबसे बड़ा कर सुधार, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी), लागू किया गया। अनुच्छेद 370 को हटाए जाने से एक ऐसी बाधा दूर हुई जो देश के समग्र राजनीतिक एकीकरण में रुकावट डाल रही थी। नारी शक्ति वंदन अधिनियम महिला नेतृत्व वाले विकास के एक नए युग की शुरुआत करेगा। इस वर्ष 7 नवंबर से शुरू होकर, हमारे राष्ट्रगान वंदे मातरम की रचना के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक राष्ट्रव्यापी स्मरणोत्सव आयोजित किया जा रहा है।

9 भाषाओं में संविधान का अनुवादित संस्करण जारी

इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मलयालम, मराठी, नेपाली, पंजाबी, बोडो, कश्मीरी, तेलुगु, ओडिया और असमिया सहित 9 भाषाओं में संविधान का अनुवादित संस्करण जारी किया।

दिल्‍ली कार ब्‍लास्‍ट मामले में एक और गिरफ्तारी, फरीदाबाद से पकड़ा गया फिदाइन डॉ. उमर का मददगार शोएब

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दिल्‍ली के ऐतिहासिक लाल किला के पास कर बम धमाका मामले में जांच एजेंसी को बड़ी कामयाबी मिली है। एनआईए ने सुसाइड अटैकर उमर नबी के एक साथी को गिरफ्तार किया है। इसकी पहचान शोएब के तौर पर की गई है। एनआईए ने फरीदाबाद से शोएब को गिरफ्तार किया है। शोएब ने धमाके से पहले आतंकी उमर की मदद की थी।

उमर नबी को दी थी मदद

फरीदाबाद से जिस शख्स को गिरफ्तार किया गया है, उसके ऊपर दिल्ली आतंकी बम विस्फोट से ठीक पहले आतंकवादी उमर नबी को शरण देने के आरोप है। शोएब इस केस में गिरफ्तार होने वाला 7वां आरोपी है। एनआईए की जांच से पता चला है कि उसने 10 नवंबर को लाल किले के बाहर हुए कार बम धमाके से पहले टेररिस्ट उमर को लॉजिस्टिक सपोर्ट भी दिया था, जिसमें कई लोग मारे गए थे और कई दूसरे घायल हुए थे।

पहले ही उमर के छह साथी गिरफ्तार

लाल किला कार ब्लास्ट मामले में एनआईए पहले ही उमर के छह खास साथियों को गिरफ्तार कर चुकी है। एजेंसी सुसाइड बॉम्बिंग की जांच में लीड्स का एक्टिवली पीछा कर रही है और इसमें शामिल सभी लोगों की पहचान की जा रही है। आरोपियों को ट्रैक करने के लिए लोकल पुलिस के साथ कई राज्यों में सर्च कर रही है। जानलेवा हमले के पीछे की पूरी साज़िश का पता लगाने की कोशिशें जारी हैं।

शोएब ही आतंकी डॉक्टर उमर को मेवात और नूंह ले गया

प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, शोएब को पहले भी इस मामले में पूछताछ के लिए बुलाया गया था और फिर छोड़ दिया गया था। हालांकि, ताजा खुलासों के बाद उसे दोबारा पूछताछ के लिए बुलाया गया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। यह भी बताया जा रहा है कि शोएब ही मुख्य आतंकी डॉक्टर उमर को मेवात और नूंह जैसे इलाकों में ले गया था। वहां पर डॉक्टर उमर शोएब की बहन की घर ही ठहरा था।

शोएब के घर से कई अहम चीजें बरामद

गिरफ्तारी का यह महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब एक अन्य गिरफ्तार आरोपी, डॉक्टर मुज्जमिल ने पूछताछ के दौरान शोएब के घर का खुलासा किया। एनआईए डॉ. मुजम्मिल को लेकर फरीदाबाद आई थी। यहां पर उन दोनों कमरों पर भी टीम गई थी, जो डॉ. उमर और मुजम्मिल ने किराए पर लिए थे। घटों यहां बिताने के बाद टीम ने अल फलाह यूनिवर्सिटी का भी दौरा किया था। कई लोगों से पूछताछ की थी। इसी दौरान शोएब की भूमिका सामने आई, जिसके बाद तुरंत उसे गिरफ्तार किया गया। शोएब धौज गांव का रहने वाला है। एनआईए ने शोएब के घर से कुछ महत्वपूर्ण चीजें बरामद की हैं, जिनमें एक ग्राइंडर और अन्य सामग्रियां शामिल हैं। यह माना जा रहा है कि इन सामग्रियों का इस्तेमाल बम बनाने या अन्य आतंकी गतिविधियों के लिए किया जा सकता था।

राष्ट्रीय संविधान दिवस आज, दोनों सदनों को संबोधित करेंगी राष्‍ट्रपति मुर्मू, पीएम मोदी ने लिखी देश के नाम चिठ्ठी

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देशभर में आज 76वां राष्ट्रीय संविधान दिवस मनाया जा रहा है। आज संविधान दिवस 2025 पर पुराने संसद भवन में राष्ट्रीय कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। ये आयोजन संविधान सदन के केंद्रीय कक्ष में किया जाएगा। संविधान दिवस पर आज होने वाले ऐतिहासिक कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी, जिसमें उपराष्ट्रपति सी पी राधाकृष्णन के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा के अध्यक्ष, केंद्रीय मंत्री और दोनों सदनों के सांसद शामिल होंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान दिवस के अवसर पर देशवासियों को पत्र लिखा है। उन्होंने 1949 में संविधान के ऐतिहासिक अंगीकरण का स्मरण करते हुए इसकी राष्ट्र की प्रगति में मार्गदर्शक भूमिका को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि 2015 में सरकार ने 26 नवम्बर को संविधान दिवस घोषित किया था, जिससे इस पवित्र दस्तावेज का सम्मान किया जा सके।

पीएम मोदी ने दी संविधान निर्माताओं को श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, संविधान दिवस पर हम अपने संविधान के निर्माताओं को श्रद्धांजलि देते हैं। उनकी दूरदर्शी सोच और विजन हमें विकसित भारत के निर्माण की दिशा में लगातार प्रेरित करता है। हमारा संविधान मानव गरिमा, समानता और स्वतंत्रता को सर्वोच्च महत्व देता है। यह हमें अधिकार देता है, लेकिन साथ ही यह नागरिक होने के नाते हमारे कर्तव्यों की भी याद दिलाता है, जिन्हें हमें हमेशा पूरा करने की कोशिश करनी चाहिए। यही कर्तव्य एक मजबूत लोकतंत्र की नींव हैं। आइए, अपने कार्यों के माध्यम से संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करने के संकल्प को दोहराएं।

अमित शाह ने डॉ. अंबेडकर और डॉ. राजेंद्र प्रसाद को किया याद

अमित शाह ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि आज ‘संविधान दिवस’ पर बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी, डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी सहित संविधान सभा के सभी महान सदस्यों को नमन और देशवासियों को इस दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत का संविधान हर देशवासी को समान अवसर, सम्मानपूर्ण जीवन, राष्ट्रीय कर्त्तव्य और अधिकार प्रदान कर मजबूत राष्ट्र निर्माण का मार्ग प्रशस्त करता है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने ‘संविधान दिवस’ की शुरुआत कर लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति देशवासियों को अधिक सजग बनाने का कार्य किया है।

आज महान लोगों को याद करने का दिन- राजनाथ सिंह

वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संविधान दिवस पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह दिन उन महान लोगों को याद करने का अवसर है जिन्होंने भारत गणराज्य की नींव रखी। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमारा संविधान देश की लोकतांत्रिक यात्रा के मार्गदर्शक मूल्यों को समेटे हुए है। रक्षा मंत्री ने लोगों से अपील की कि वे न्याय और समानता के प्रति अपने संकल्प को दोबारा मजबूत करें और मिलकर उस भविष्य के निर्माण में जुटें, जिसकी कल्पना संविधान के मुख्य निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर ने की थी।

ये अंधा, बहरा...,पप्पू यादव का जगद्गुरु रामभद्राचार्य पर विवादित बयान

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जगद्गुरु रामभद्राचार्य की ओर से जातिगत व्यवस्था को खत्म करने की वकालत करने के बाद राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। इस बयान पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं की तरफ से तेज और अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। बीजेपी ने जहां इस बात का समर्थन किया है वहीं कांग्रेसी और अन्य विपक्षी नेता इसे लेकर रामभद्राचार्य की कड़ी आलोचना कर रहे हैं। 

पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने रामभद्राचार्य के इस बयान को लेकर विवादास्पद टिप्पणी की है। सांसद पप्पू यादव ने कहा कि वे नहीं जानते, रामभद्राचार्य कौन हैं? सांसद ने आगे कहा कि, ये अंधा, काना, बहरा, गूंगा, इन लोगों का इलाज अंबेडकरवादी विचारों से होगा। अंबेडकर पहले ही कह चुके हैं कि हम वसुदेव कुटुंब और सनातन वाले लोग हैं। धार्मिक वाले लोग नहीं हैं।

दलितों को भी शंकराचार्य बनाओ- पप्पू यादव

पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने इस मामले पर बयान देते हुए रामभद्राचार्य को दलितों को शंकराचार्य में शामिल करने की चुनौती दे डाली। पप्पू यादव ने आगे कहा कि मैं शंकराचार्य से अनुरोध करना चाहता हूं कि सभी शंकराचार्य दलित, एससी और एसटी को अपने बीच शामिल करें और हम तुरंत आरक्षण समाप्त कर देंगे।

रामभद्राचार्य ने की एससी/एसटी एक्ट खत्म करने की वकालत

बता दें कि चित्रकूट में आयोजित एक कार्यक्रम में जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि एससी/एसटी एक्ट को खत्म कर देना चाहिए। वेदों में अवर्ण या सवर्ण का कोई उल्लेख नहीं है। मैं कहूंगा कि जाति आधारित आरक्षण नहीं होना चाहिए। रामभद्राचार्य की तरफ से सोनिया गांधी पर दिए बयानों को लेकर भी पप्पू यादव ने प्रतिक्रिया दी।

राम मंदिर ध्वजारोहणः आज संपूर्ण विश्व राममय है, ध्वज फहराने के बाद बोले पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अयोध्या के राम मंदिर के शिखर पर औपचारिक रूप से भगवा ध्वज फहराया। इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी के साथ राष्ट्रीय स्वयं सेवक प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद रहे। ऐतिहासिक ध्वजारोहण से ठीक पहले शेषावतार मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि सदियों बाद घाव भर रहा है।

बटन दबाते ही शीर्ष पर विराजमान हुआ ध्वज

अयोध्या राम मंदिर में पीएम मोदी के बटन दबाते ही झंडा धीरे-धीरे ऊपर चढ़ता हुआ मंदिर के शीर्ष पर विराजमान हो गया। जैसे-जैसे झंडा ऊपर चढ़ता गया पीएम मोदी टकटकी लगाए उसे देखते रहे। पीएम मोदी इन पलों में भावुक नजर आए। ध्वजारोहण के समय सामने की कतार में साधु-संत बैठे हुए थे। वह भी भावुकता में अपने आंसू पोछते हुए नजर आए। इस कार्यक्रम में देश-दुनिया के करीब आठ हजार लोग आमंत्रित किए गए थे।

10 फीट ऊंचे और 20 फीट लंबा ध्वज

10 फीट ऊंचे और 20 फीट लंबे समकोण वाले तिकोने ध्वज पर एक चमकते सूरज की तस्वीर है, जो भगवान श्री राम की चमक और वीरता का प्रतीक है, और इस पर कोविदार वृक्ष की तस्वीर के साथ ‘ॐ’ लिखा है। पीएम मोदी ने अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 55 मिनट पर ध्वज फहराया।

सदियों की वेदना विराम पा रही है- पीएम मोदी

ध्वजारोहण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, आज अयोध्या नगरी भारत की सांस्कृतिक चेतना के एक और बिंदु की साक्षी बन रही है। आज संपूर्ण भारत और विश्व राममय है। हर राम भक्त के हृदय में अपार अलौकिक आनंद है। सदियों के घाव भर रहे हैं। आज सदियों की वेदना विराम पा रही है। सदियों का संकल्प आज सिद्धि को प्राप्त हो रहा है।

आज 500 साल के यज्ञ की पूर्णाहुति है- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, राम मंदिर के शिखर पर फहरा रहा ये ध्वज भारतीय सभ्यता के पुनर्जागरण का 'ध्वज' है। ये ध्वज सदियों से चले आ रहे सपनों का साकार स्वरूप है। आज उस यज्ञ की पूर्णाहुति है, जिसकी अग्नि 500 साल तक प्रज्वलित रही। आज भगवान राम की ऊर्जा भव्य राम मंदिर के शिखर पर इस धर्म ध्वजा के रूप में स्थापित है।

अपने भीतर राम को जगाने का संकल्प लें- पीए मोदी

पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि अगर भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाना है तो हमें अपने अंदर राम को जगाना होगा। अपने भीतर के राम की प्राण प्रतिष्ठा करनी होगी। इस संकल्प के लिए आज से बड़ा सुअवसर कोई नहीं हो सकता। इसलिए, हम संकल्प लें कि अपने भीतर राम जगाएंगे।

इथियोपिया की ज्वालामुखी की राख पहुंची दिल्ली, कई उड़ानें रद्द, एडवाइजरी जारी

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इथियोपिया के हैली गुबी ज्वालामुखी में 12,000 साल बाद हुआ विस्फोट अब असर भारत तक देखा जा रहा है। इथियोपिया के अफार में हैली गुबी ज्वालामुखी में रविवार को विस्फोट हुआ। जिसके बाद राख का गुबार पूर्व की ओर फैलते हुए अरब सागर और भारत तक पहुंच चुका है, जिसका सीधा असर भारतीय उड़ानों पर पड़ रहा है। इसके चलते कई फ्लाइट्स को कैंसिल करना पड़ा है।

विमानों के लिए एडवाइजरी जारी

इथियोपिया के हैली गुबी ज्वालामुखी के राख रेड सी पार करती दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा और पश्चिमी यूपी के ऊपर से गुजर रही है। घने बादल के कारण कई अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द हुईं। समय रहते डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने एयरलाइनों को प्रभावित क्षेत्रों से बचने, रूट बदलने और सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।

एयर इंडिया ने भी जारी किया बयान

एयर इंडिया ने कहा कि वह इथियोपिया में ज्वालामुखी फटने के बाद इलाके के कुछ हिस्सों में दिखे राख के बादलों पर करीब से नजर रख रही है। एयरलाइन ने कहा कि अभी उसके ऑपरेशन पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ा है और वह अपने ऑपरेटिंग क्रू के साथ लगातार संपर्क में है। उसने कहा कि यात्रियों, क्रू और एयरक्राफ्ट की सुरक्षा पक्का करने के लिए सभी एहतियाती कदम उठाए जाएंगे। पूरे नेटवर्क में ग्राउंड टीमें भी यात्रियों की मदद कर रही हैं और उन्हें उनकी फ्लाइट की स्थिति के बारे में अपडेट दे रही हैं।

आकासा एयर ने कैंसिल की फ्लाइट

अकासा एयर ने बताया कि इथियोपिया में ज्वालामुखी की हलचल और उससे निकलने वाली राख के गुबार से आस-पास के एयरस्पेस पर असर पड़ने की वजह से 24 और 25 नवंबर, 2025 को जेद्दा, कुवैत और अबू धाबी के लिए उसकी फ्लाइट्स कैंसिल कर दी गई हैं।

12,000 साल बाद फटा ज्वालामुखी

बता दें कि हैली गुबी ज्वालामुखी रविवार को लगभग 12,000 साल बाद फटा है। विस्फोट में उठी राख रेड सी पार करती हुई यमन, ओमान होती हुई अब अरब सागर और उत्तर भारत की ओर बढ़ गई। राख के घने हिस्से अब दिल्ली, हरियाणा और पश्चिमी यूपी के ऊपर से गुजर रहे हैं। विशेषज्ञों ने बताया कि राख बहुत ऊंचाई पर है, इसलिए जमीन पर वायु गुणवत्ता बिगड़ने की संभावना कम है। फिर भी निगरानी जारी है।

राम मंदिर ध्वजारोहणः अयोध्या पहुंचे पीएम मोदी, थोड़ी देर में रोड शो

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राम मंदिर ध्वजारोहण कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी 25 नवंबर को अयोध्या पहुंच गए हैं। पीएम मोदी का यह अयोध्या दौरा आध्यात्मिक रूप से बेहद खास है। यहां पीएम मोदी राम मंदिर के शिखर पर अभिजीत मुहूर्त में भगवा ध्वज फहराएंगे। ध्वाजारोहण का शुभ मुहूर्त 11 बजकर 52 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक है। ऐसा बताया जा रहा है कि 32 मिनट का यह शुभ योग भगवान श्रीराम के जन्म नक्षत्र अभिजीत मुहूर्त से मेल खाता है।

सीएम योगी और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने की आगवानी

साकेत कॉलेज में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ भाजपा के वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। साकेत कॉलेज के हेलीपैड पर ही प्रधानमंत्री की अगवानी की गई।

अयोध्या में सुरक्षा कड़ी

श्री राम जन्मभूमि मंदिर में ऐतिहासिक ‘ध्वजारोहण’ समारोह के लिए अयोध्या में सुरक्षा कड़ी कर दी गई। कार्यक्रम को लेकर 14 एसपी स्तर के अधिकारियों की तैनाती की गई है। इतना ही नहीं, सुरक्षा में 30 ASP, 90 डिप्टी एसपी, 242 इंस्पेक्टर, 1060 एसआई, 80 महिला एसआई, 3090 पुरुष हेड कांस्टेबल, 448 महिला हेड कांस्टेबल के नेतृत्व में पुलिस बलों को तैनात किया गया है।

ट्रैफिक व्यवस्था भी मुस्तैद

साथ ही, कार्यक्रम के दौरान ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाए रखने के लिए 16 टीआई, 130 टीएसआई और 820 ट्रैफिक सिपाही भी मुस्तैद रहेंगे। इनके अलावा एटीएस कमांडो की दो, एनएसजी स्नाइपर की दो, एंटी ड्रोन यूनिट की एक टीम भी तैनात की गई है. बम निरोधक दस्ते की 9 टीम, 15 स्पॉट चेक टीम,105 दरवाजा नुमा मेटल डिटेक्टर, 380 हाथ वाले मेटल डिटेक्टर के साथ चार साइबर कमांडो भी कार्यक्रम की सुरक्षा को लेकर मुस्तैद किए गए हैं।

पर्दे पर सबसे चमकता सितारा, लेकिन राजनीति नहीं आई रास, जानें कैसा रहा सियासी सफर

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बॉलीबुड के ही-मैन कहे जाने वाले धर्मेंद्र ने 89 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया है। वह लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे। धर्मेद्र के निधन के बाद देशभर में शोक की लहर है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पीएम मोदी से लेकर बॉलीवुड के कई सेलेब्स ने दिग्गज अभिनेता को श्रद्धांजलि दी है।

अपने दमदार अभिनय के दम पर धर्मेद्र ने दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई। यही नहीं उन्होंने राजनीति में भी हाथ आजमाया था। भारत के पूर्व डिप्टी पीएम लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात के बाद उन्होंने पॉलिटिक्स में आने का फैसला लिया था। हालांकि, जल्द ही उनका राजनीति से मोहभंग हो गया। धर्मेंद्र का करियर सिनेमाई पर्दे पर जितना जादुई रहा उतना ही राजनीतिक पिच से वे निराश होकर लौटे।

बीकानेर से की राजनीतिक सफर की शुरुआत

धर्मेंद्र ने राजस्थान के बीकानेर से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। बीकानेर सीट से वो भारतीय जनता पार्टी के सांसद रह चुके हैं। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी को भारी मतों से हराया था। इस चुनाव में धर्मेंद्र ने 57 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की और सांसद बन गए। उन्होंने इस संसदीय चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता रामेश्वर लाल डूडी को हराया था।

आडवाणी के कहने पर आए राजनीति में

धर्मेंद्र ने राजनीति में आने का फैसला ले तो लिया, लेकिन पॉलिटिक्स उन्हें ज्यादा रास नहीं आई। आडवाणी के कहने पर राजनीति में आने वाले धर्मेंद्र का जल्द ही इससे मोहभंग हो गया। सांसद रहते हुए धर्मेंद्र भी ज्यादार समय मुंबई में व्यस्त रहते थे। इसे लेकर बीकानेर में उनकी काफी आलोचना भी हुई। शहर में उनकी गुमशुदगी के पोस्टर भी लगे थे। इसके बाद उन्होंने सक्रिय राजनीति से दूरी बना ली। सांसद के तौर पर पांच साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद धर्मेंद्र ने राजनीति को अलविदा कह दिया।

क्यों राजनीति से हुआ मोहभंग

कई इंटरव्यू में धर्मेंद्र स्पष्ट कह चुके हैं कि राजनीति की भाषा, उसके तौर-तरीके और उसके लोग उन्हें रास नहीं आए। उनका कहना था कि उन्होंने बीकानेर के लिए कई विकास कार्य करवाए, लेकिन सत्ता और सिस्टम की उलझनों में क्रेडिट किसी और के खाते में चला जाता था। फिर धर्मेंद्र ने खुलकर मान लिया, संसद और राजनीति मेरे बस की बात नहीं थी।

राजनाथ सिंह ने सिंध को बताया भारत का हिस्सा, पाकिस्तान को लगी मिर्ची, फिर अलापा कश्मीर राग

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की ओर से सिंधी समाज सम्मेलन में दिए गए एक बयान से पाकिस्तान को मिर्ची लगी है। भारत के रक्षा मंत्री ने पूर्व उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी का जिक्र करते हुए कहा था कि सभ्यतागत रूप से सिंध हमेशा भारत का हिस्सा रहा है और सीमाएं बदल सकती हैं। इस बयान से पाकिस्तान तिलमिला गया है। पाकिस्तान ने राजनाथ सिंह के इस बयान को खतरनाक और भड़काने वाला बताया है।

राजनाथ सिंह के बायन पर तिलमिलाया पाकिस्तान

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि पाकिस्तान के सिंध प्रांत के संबंध में भारतीय रक्षा मंत्री की भ्रम से भरे और खतरनाक बदलाव की मांग करने वाली टिप्पणियों की पाकिस्तान कड़ी निंदा करता है। बयान में कहा गया है कि भारतीय रक्षा मंत्री की तरफ से की गई टिप्पणी भारत की विस्तारवादी हिन्दुत्व वाली मानसिकता को दर्शाती है। पाकिस्तान ने कहा है कि राजनाथ सिंह का बयान पाकिस्तान की संप्रभुता, अंतरराष्ट्रीय कानून और 1947 में तय की गई सीमा के खिलाफ है।

पाकिस्तान ने फिर अलापा कश्मीर राग

राजनाथ सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कश्मीर और भारत के अल्पसंख्यकों को लेकर टिप्पणी की है। पाकिस्तान की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि भारत को जम्मू-कश्मीर का समाधान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और स्थानीय लोगों की मंशा के मुताबिक करना चाहिए। पाकिस्तान ने भारत में अल्पसंख्यकों और पूर्वोत्तर के राज्यों में हो रही हिंसा पर ध्यान देने की नसीहत दी है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने क्या कहा था?

रक्षामंत्री ने सिंधी समुदाय द्वारा दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘आडवाणी जी ने अपनी एक पुस्तक में लिखा है कि सिंधी हिंदू, विशेषकर उनकी पीढ़ी के लोग, अब भी सिंध को भारत से अलग करने की बात को स्वीकार नहीं कर पाए हैं।'' पाकिस्तान का निर्माण 1947 में तत्कालीन भारत के विभाजन के परिणामस्वरूप हुआ था, और सिंधु नदी के पास का सिंध क्षेत्र तब से पाकिस्तान का हिस्सा है। उन्होंने कहा, केवल सिंध में ही नहीं, बल्कि पूरे भारत में हिंदू सिंधु नदी को पवित्र मानते थे। सिंध में कई मुसलमान भी मानते थे कि सिंधु नदी का पानी मक्का के आब-ए-जमजम (सबसे पवित्र जल) से कम पवित्र नहीं है।

भारत के 53वें सीजेआई बने जस्टिस सूर्यकांत, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ

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जस्टिस सूर्यकांत ने आज भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के रूप में शपथ ग्रहण किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। जस्टिस सूर्यकांत सुप्रीम कोर्ट के पूर्व सीजेआई भूषण आर. गवई के उत्तराधिकारी बने हैं। उनका कार्यकाल लगभग 14 महीने का होगा।

राष्ट्रपति ने सीजेआई गवई की सिफारिश के बाद 'संविधान के आर्टिकल 124 के क्लॉज (2) से दी गई शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए' जस्टिस सूर्यकांत को भारत का अगला चीफ जस्टिस नियुक्त किया था। जस्टिस गवई ने रविवार को 65 साल की उम्र में सीजेआई का पद छोड़ दिया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के सबसे सीनियर जज को अपना उत्तराधिकारी बनाने की परंपरा को बनाए रखा।

9 फरवरी, 2027 को रिटायर होंगे जस्टिस सूर्यकांत

जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई का सीजेआई के तौर पर कार्यकाल 23 नवंबर, 2025 को समाप्त हो गया। वह साढ़े छह महीनों के लिए इस पद पर रहे। जस्टिस सूर्यकांत का सीजेआई के तौर पर कार्यकाल करीब डेढ़ साल का होगा। वह 9 फरवरी, 2027 को रिटायर होंगे।

हरियाणा के गांव से सुप्रीम कोर्ट तक का सफर

सीजेआई सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी, 1962 को हरियाणा के एक मिडिल क्लास परिवार में हुआ था। उन्होंने 1984 में हिसार से अपनी लॉ यात्रा शुरू की। सीजेआई सूर्यकांत ने 1981 में हिसार के गवर्मेंट पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज से ग्रेजुएशन की और फिर 1984 में लॉ में बेचलर की डिग्री ली। उन्होंने 1984 में रोहतक के महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने 1984 में हिसार में ही लॉ की प्रैक्टिस शुरू कर दी और 1985 में वह पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे। साल 2000 में वह हरियाणा के सबसे युवा एडवोकेट जनरल बने। साल 2011 में सीजेआई सूर्यकांत ने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से लॉ में मास्टर्स किया, जिसे उन्होंने डिस्टिंक्शन के साथ 'फर्स्ट क्लास फर्स्ट' से पास किया। वह 2018 में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस नियुक्त किए गए और इसके बाद 2019 में वह सुप्रीम कोर्ट के जज अपॉइंट किए गए।

महत्वपूर्ण मामले

1. चुनाव आयोग को बिहार में मसौदा मतदाता सूची से बाहर किए गए 65 लाख मतदाताओं का ब्योरा सार्वजनिक करने का निर्देश दिया था।

2. उस संविधान पीठ का भी हिस्सा थे, जिसने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा समाप्त करने के केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा था।

3. ओआरओपी (वन रैंक वन पेंशन) को संविधानिक रूप से वैध माना और भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाओं के लिए समान अवसरों का समर्थन किया।

4. जस्टिस कांत उस पीठ का भी हिस्सा थे, जिसने असम से संबंधित नागरिकता के मुद्दों पर धारा 6ए की वैधता को बरकरार रखा था।

5. जस्टिस कांत दिल्ली आबकारी शराब नीति मामले में अरविंद केजरीवाल को जमानत देने वाली पीठ के सदस्य थे। हालांकि, उन्होंने केजरीवाल की गिरफ्तारी को जायज ठहराया था।