बीजेपी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह को पार्टी से निकाला, 2 अन्य पर भी गिरी गाज
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बिहार विधानसभा चुनाव में जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। यह कार्रवाई पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए की गई। भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह पर एक्शन लेते हुए उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निलंबित किया है। इसके अलावा कटिहार की मेयर ऊषा अग्रवाल और एमएलसी अशोक अग्रवाल के खिलाफ भी पार्टी ने कार्रवाई की है।
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एक सप्ताह के अंदर मांगा जवाब
भाजपा ने आधिकारिक आदेश में कहा है, आपकी गतिविधियां पार्टी के विरोध में हैं। ये अनुशासन के दायरे में आता है। पार्टी ने इसे गंभीरता से लिया है। इससे पार्टी को नुकसान हुआ है। आखिरकार निर्देशानुसार आपको पार्टी से निलंबित करते हुए कारण-पृच्छा किया जा रहा है कि आपको पार्टी से क्यों नहीं निष्कासित किया जाए? अतः पत्र प्राप्ति के एक सप्ताह के अंदर आप अपनी स्थिति स्पष्ट करें।
आरके सिंह के खिलाफ क्यों हुई कार्रवाई?
बीजेपी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर बड़ा कदम उठाया है। पार्टी ने वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह को तत्काल प्रभाव से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। वह बीजेपी की आंतरिक गतिशीलता के खिलाफ लगातार मुखर रहे थे और उन्होंने भ्रष्टाचार-गुटबाजी के कारण एनडीए के कई नेताओं की आलोचना की थी। उन्होंने चुनाव के दौरान कानून-व्यवस्था के मुद्दों से निपटने के चुनाव आयोग के तरीके पर खुलकर सवाल उठाए, खासकर मोकामा में हुई हिंसा को उन्होंने प्रशासन और चुनाव आयोग की विफलता बताया था।
सरकार पर 60,000 करोड़ के घोटाले का आरोप
आरके सिंह ने चुनाव के दौरान ही सरकार पर 60,000 करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया था।आरके सिंह ने एक बयान में कहा था, 'मैं बिहार का गृह सचिव भी रह चुका हूं। मेरे पास सबका हिसाब है। अगर कोई चू-चपड़ करेगा, तो सबकी बखिया उधेड़ देंगे। बिहार के लोग भ्रष्ट लोगों को बर्दाश्त नहीं करेंगे। भ्रष्ट और चरित्रहीन नेता धरती पर बोझ हैं।'







3 hours ago
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