रांची: उपायुक्त ने सरकारी कार्यालयों के लिपिकों व ऑपरेटरों संग की बैठक, जन कल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर दिया जोर

रांची: रांची के उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी मंजूनाथ भजन्त्री ने आज, 25 जुलाई 2025 को समाहरणालय में जिला प्रशासन के अंतर्गत कार्यरत सभी कार्यालयों के प्रधान लिपिक, उच्च वर्गीय लिपिक, निम्न वर्गीय लिपिक और कंप्यूटर ऑपरेटरों के साथ एक महत्वपूर्ण संवाद कार्यक्रम आयोजित किया। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन, जन शिकायतों का त्वरित समाधान और कार्य संस्कृति में सुधार सुनिश्चित करना था।
'प्रत्येक कर्मचारी सरकार और जनता के बीच महत्वपूर्ण कड़ी'
श्री भजन्त्री ने अपने संबोधन में कहा कि जिला प्रशासन का प्रत्येक कर्मचारी सरकार और जनता के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी है। उन्होंने सभी को संवेदनशीलता, पारदर्शिता और समयबद्धता के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने का निर्देश दिया। उन्होंने जोर देकर कहा, "सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारना हमारी प्राथमिकता है। इसके लिए प्रत्येक कर्मचारी को अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से लेना होगा ताकि योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे।"
उपायुक्त ने यह भी निर्देश दिया कि सामाजिक सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास से संबंधित योजनाओं के आवेदनों की जांच और निष्पादन में किसी भी प्रकार की देरी न हो। उन्होंने लाभार्थियों की सूची को समय-समय पर अद्यतन करने और पात्र व्यक्तियों तक त्वरित लाभ पहुंचाने पर जोर दिया।
अनुशासन, पारदर्शिता और जनता से मर्यादित व्यवहार पर बल
उपायुक्त श्री भजन्त्री ने सभी कार्यालयों में अनुशासन, पारदर्शिता और जनता के प्रति उत्तरदायित्वपूर्ण व्यवहार को लेकर स्पष्ट निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आत्मानुशासन सभी कर्मियों की कार्य संस्कृति का हिस्सा बनना चाहिए। सभी कर्मियों को अपना आईडी कार्ड और नेम प्लेट हमेशा स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा, और निर्धारित कार्यावधि तक कार्यालय में उपस्थित रहना अनिवार्य है। कार्यालयों की साफ-सफाई और फाइलों की सुसंगतता पर भी विशेष ध्यान देने को कहा गया है।
जनता के साथ व्यवहार पर जोर देते हुए उपायुक्त ने कहा, "कार्यालय आने वाले नागरिकों के साथ सभ्य, संवेदनशील और सहयोगपूर्ण व्यवहार करें। किसी प्रकार का दुर्व्यवहार, चाहे जानबूझकर हो या अनजाने में, न किया जाए।" उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि आमजन को गलत या भ्रामक जानकारी नहीं दी जानी चाहिए, बल्कि सही और उचित जानकारी देना कर्मियों की जिम्मेदारी है।
दलालों और बिचौलियों पर सख्ती, शिकायत निवारण पर फोकस
उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजन्त्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि कार्यालयों में किसी भी प्रकार के दलाल या बिचौलिये को प्रवेश नहीं करने दिया जाए। यदि कोई व्यक्ति किसी प्रकार के अनुचित कार्य करने को कहता है, तो उसकी सूचना संबंधित पदाधिकारी को तुरंत दी जाए।
उन्होंने सभी कर्मियों को अनुशासन और मर्यादित आचरण के साथ कार्य करने और किसी भी प्रकार की गुटबाजी या विभागीय राजनीति से बचने की सलाह दी, जिससे संस्था की छवि पर आंच न आए। रिटायरमेंट के करीब पहुंच चुके कर्मियों (छह महीने के भीतर सेवानिवृत्त होने वालों) की सूची तैयार कर समर्पित करने का भी निर्देश दिया गया।
जन शिकायतों के निवारण के लिए एक सुव्यवस्थित तंत्र अपनाने पर जोर देते हुए उपायुक्त ने कहा कि प्रत्येक शिकायत को गंभीरता से लिया जाए और नियमानुसार उसका समाधान समयबद्ध तरीके से किया जाए। इसके लिए शिकायतों के पंजीकरण, ट्रैकिंग और फॉलो-अप की प्रक्रिया को और सुदृढ़ करने पर बल दिया गया।
तकनीकी दक्षता और डिजिटल प्लेटफॉर्म के उपयोग पर जोर
कार्य संस्कृति में सुधार के लिए कर्मचारियों को नियमित प्रशिक्षण, तकनीकी दक्षता बढ़ाने और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का अधिकतम उपयोग करने का निर्देश दिया गया। कंप्यूटर ऑपरेटरों को विशेष रूप से ई-गवर्नेंस और डिजिटल रिकॉर्ड-कीपिंग में अपनी भूमिका को और प्रभावी बनाने के लिए प्रेरित किया गया। उपायुक्त ने कार्यालय में उपस्थिति और कार्य निष्पादन की नियमित समीक्षा की बात भी कही, और किसी भी प्रकार की लापरवाही के प्रति असहिष्णुता व्यक्त की।
उन्होंने पंचायत, प्रखंड और अंचल कार्यालयों के कर्मचारियों को जिला प्रशासन के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करने का भी निर्देश दिया ताकि योजनाओं का लाभ ग्रामीण स्तर तक प्रभावी ढंग से पहुंच सके।
संवाद कार्यक्रम के अंत में उपायुक्त ने सभी कर्मचारियों के साथ खुला संवाद किया, उनकी समस्याओं को सुना और आश्वस्त किया कि उनकी कार्य-संबंधी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। उन्होंने कर्मचारियों से सुझाव भी मांगे ताकि प्रशासनिक प्रक्रियाओं को और सरल व प्रभावी बनाया जा सके।
उपायुक्त श्री भजन्त्री ने सभी कर्मचारियों से जिला प्रशासन के विजन को साकार करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की अपील करते हुए कहा, "हमारा लक्ष्य रांची जिले को एक मॉडल जिला बनाना है, जहां सरकार की योजनाएं और सेवाएं हर नागरिक तक समय पर और प्रभावी ढंग से पहुंचें।"
Jul 25 2025, 19:05