आज स्पेस से लौट रहे शुभांशु शुक्ला, रवानगी से पहले अंतरिक्ष से बोले- भारत आज भी सारे जहां से अच्छा
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अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर दो हफ्ते बिताने के बाद, भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन और अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला घर लौटने के लिए तैयार हैं। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने एक्सिओम-4 मिशन की समाप्ति पर एक भावुक संदेश में कहा कि अंतरिक्ष से भारत आज भी सारे जहां से अच्छा दिखता है. उन्होंने यह टिप्पणी मिशन के विदाई समारोह के दौरान की। शुभांशु शुक्ला और ‘एक्सिओम-4’ मिशन के तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री 14 जुलाई यानी आज पृथ्वी के लिए अपनी वापसी की यात्रा शुरू करेंगे। शुभांशु शुक्ला सहित सभी की पृथ्वी पर वापसी भारतीय समयानुसार 15 जुलाई को दोपहर 3 बजे निर्धारित है।
14 जुलाई को धरती पर वापसी से पहले 13 जुलाई की शाम फेयरवेल सेरेमनी में उन्होंने भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा के 1984 में दिए आइकॉनिक डायलॉग को दोहराते हुए कहा- भारत आज भी सारे जहां से अच्छा है। उन्होंने कहा- जब मैंने 25 जून को फाल्कन 9 रॉकेट ये यात्रा शुरू की थी, तब नहीं सोचा था कि यह यात्रा इतनी अविश्वसनीय रहेगी। मेरे पीछे खड़ी टीम के बिना यह यात्रा इतनी अविश्वसनीय नहीं होती। यहां होना बहुत खुशी की बात है।
अंतरिक्ष से धरती अभी भी जादुई लगता है- शुभांशु शुक्ला
शुभांशु ने कहा कि बीते ढाई हफ्ते में हमने स्पेस स्टेशन पर साइंस एक्टिविटी की, आउटरीच एक्टिवटी की, इसके बाद जितना भी समय मिला हमने स्पेस स्टेशन की खिड़की से धरती को निहारा। यह अभी भी जादुई लगता है। उन्होंने इस अवसर के लिए इसरो को, उनके समर्थन के लिए नासा को, और प्रयोगों में मदद करने वाले शोधकर्ताओं और छात्रों को धन्यवाद दिया।
स्पेस से साथ ला रहे “खजाना”
इस बीच, नासा ने बताया कि सभी एस्ट्रोनॉट अपने रिसर्च को पूरा करने के बाद स्पेस से कई खास चीजें ला रहे हैं, जो किसी खजाने से कम नहीं। एजेंसी ने बताया कि ड्रैगन यान में 580 पाउंड (करीब 263 किलो) वैज्ञानिक सामान, नासा का हार्डवेयर और 60 से ज्यादा साइंस एक्सपेरिमेंट्स के डेटा होंगे। ये सभी प्रयोग अंतरिक्ष में किए गए हैं, जो निश्चित तौर पर आने वाले समय में अंतरिक्ष विज्ञान की दुनिया में काफी लाभकारी होंगे।
15 जुलाई का इंतजार
बता दें कि 18 दिनों के गहन वैज्ञानिक प्रयोगों और अनुसंधानों के बाद एक्सिओम-4 मिशन अब अपने समापन की ओर बढ़ रहा है। शुक्ला और उनके तीन अंतरराष्ट्रीय साथियोंकमांडर पैगी व्हिटसन, मिशन विशेषज्ञ स्लावोज़ उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की और टिबोर कापूसोमवार को पृथ्वी के लिए वापसी की उड़ान भरने को तैयार हैं। भारतीय समयानुसार, यह वापसी यात्रा 15 जुलाई को दोपहर 3:00 बजे शुरू होगी। पृथ्वी पर वापसी 15 जुलाई को दोपहर 3:00 बजे निर्धारित है।
Jul 14 2025, 11:57