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तेज रफ्तार कार ने बाइक सवार दंपत्ति को मारी ठोकर, चालक गंभीर रूप से घायल, समय पर नहीं पहुंचा एंबुलेंस…

गरियाबंद- छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में आज सुबह-सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसा हो गया. तौरंगा में एक तेज रफ्तार कार ने बाइक सवार दंपत्ति को ठोकर मार दी. इस घटना में बाइक चालक बुरी तरह घायल हो गया. हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने एंबुलेंस को फोन किया, लेकिन एंबुलेंस को आने में देर हो गई. स्थानीय लोगों ने प्राइवेट वाहन का सहारा लेकर बुजुर्ग दंपत्ति को अस्पताल पहुंचाया, जहां उनका इलाज जारी है.

जानकारी के अनुसार, बाइक पर सवार बुजुर्ग दंपत्ति देवभोग से मैनपुर जा रहे थे. इसी दौरान सामने से आ रही तेज रफ्तार कार ने उन्हें ठोकर मार दी. हादसे के बाद कार चालक मौके से फरार हो गया. इस हादसे में बाइक चालक के सिर, हाथ और पैरों में गंभीर चोटें आई हैं. वहीं उसकी पत्नी को भी मामूली चोटें आई हैं. फिलहाल बाइक चालक की स्थिति गंभीर बनी हुई है.

वहीं एंबुलेंस के समय रहते मौके पर न पहुंचने से आपात सेवाओं की व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं. साथ ही ग्रामीणों में हादसे को लेकर आक्रोश है. फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच में जुटी हुई है.

दो दोस्तों ने मिलकर नाबालिग को बनाया हवस का शिकार, शिकायत के बाद पुलिस ने किया गिरफ्तार

गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही- गौरेला थाना क्षेत्र में नाबालिग छात्रा के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है. इस मामले में गौरेला पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. दरअसल, पढ़ाई के सिलसिले में गौरेला आई छात्रा को स्थानीय युवक अंशुल सोनी ने पहले अपने प्रेमजाल में फंसाया फिर छात्रा के साथ दुष्कर्म करता रहा. इसकी जानकारी अंशुल के दोस्त अभिषेक को हुई तो उसने भी छात्रा के साथ बलात्कर किया।

इन सब से परेशान होकर छात्रा ने किसी तरह हिम्मत जुटाकर परिजनों को घटना की जानकारी दी. जिसके बाद परिजन गौरेला थाना पहुंचे, जहां शिकायत के बाद मामला दर्ज किया गया. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धारा 4, 5, 6 और बीएनएस एक्ट की धारा 115(2), 3(5), 351(3), 64 के तहत मामला दर्ज किया.

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओम चंदेल ने बताया कि दोनों आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धाराओं के तहत कार्रवाई की गई है. दुष्कर्म में शामिल आरोपी अंशुल सोनी और अभिषेक चक्रधारी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.

विधवा महिला ने वकील पर लगाया धोखाधड़ी और झूठी FIR कराने का आरोप, हाईकोर्ट ने अधिवक्ता और सरकार को नोटिस जारी कर मांगा जवाब, जानिए पूरा मामला…

बिलासपुर-  कोंडागांव में एक विधवा महिला ने अपने अधिवक्ता पर धोखाधड़ी और पेशेवर कदाचरण का आरोप लगाया है। साथ ही यह भी आरोप है कि शिकायत के जवाब में वकील ने महिला के खिलाफ झूठी एफआईआर करा दी। पीड़िता ने हाईकोर्ट में न्याय की गुहार लगाई है। मामले की प्रारंभिक सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट में लंबित आपराधिक प्रकरण पर रोक लगाने के साथ संबंधित वकील और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है।

कोंडागांव की रहने वाली वंशिका अग्निहोत्री विधवा है और उसके परिवार में कोई पुरुष सदस्य जीवित नहीं है। बीमा राशि के लिए उसने और उसकी बड़ी भाभी ने उत्तराधिकार प्रमाण पत्र के लिए ट्रायल कोर्ट में आवेदन दिया। इसके लिए उन्होंने कोंडागांव निवासी एक अधिवक्ता को पैरवी के लिए नियुक्त किया। वकील ने भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम, 1925 की धारा 372 के तहत सिविल न्यायाधीश, वर्ग-1, कोंडागांव के समक्ष उत्तराधिकार प्रकरण प्रस्तुत किया। ट्रायल कोर्ट ने 5 अक्टूबर 2023 को इन मामलों को मंजूरी दी। कोर्ट के आदेश के खिलाफ बसंत अग्निहोत्री ने अपील की। कोंडागांव के जिला न्यायाधीश ने 23 सितंबर 2024 को अपील खारिज कर दी। अपील लंबित रहने के दौरान वंशिका को पता चला कि वकील ने उसे गुमराह किया। पेशेवर आचरण के खिलाफ जाकर कोर्ट फीस और अन्य खर्चों के नाम पर बड़ी रकम ले लिया है। इस बात की जानकारी मिलने के बाद महिला ने अपील के दौरान वकील बदल दिया।

वंशिका ने वकील से कहा कि वह उसके खिलाफ स्टेट बार काउंसिल और कोंडागांव के अधिवक्ता संघ में व्यवसायिक कदाचरण की शिकायत करने जा रही है। वकील ने इसके बाद वंशिका और उसकी महिला मित्र के खिलाफ कोंडागांव थाने में एफआईआर करा दी। पुलिस ने मामले में आईपीसी की धारा 294, 506, 500, 341, 34 के तहत अपराध दर्ज किया। इसके बाद याचिकाकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया। 28 मार्च 2024 को उन्हें जमानत पर रिहा किया गया।

जांच पूरी होने के बाद पुलिस ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोंडागांव के समक्ष आरोप पत्र प्रस्तुत कर दिया है। मामला फिलहाल लंबित है। आरोप तय करने के लिए कोर्ट में बहस होनी है। इधर, वंशिका व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर वकील के खिलाफ कार्रवाई करने व पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की है। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने वकील व राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। इसके लिए चार सप्ताह की मोहलत दी है।

छत्तीसगढ़ सरकार इस बार खरीद सकती है 160 लाख मीट्रिक टन धान, उप मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में लिए गए कई अहम फैसले

रायपुर- छत्तीसगढ़ सरकार आगामी धान खरीदी सीजन के लिए 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य तय कर सकती है। इसे लेकर शुक्रवार को नवा रायपुर,महानदी भवन मंत्रालय में उप मंत्रिमंडलीय समिति की अहम बैठक हुई, जिसमें धान खरीदी, उठाव और व्यापारियों को भुगतान को लेकर निर्णय लिए गए।

उप मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक को लेकर मंत्री टंकाराम वर्मा ने बताया कि धान खरीदी, धान का उठाव और व्यापारियों के भुगतान को लेकर निर्णय लिया गया है। धान उठाव करने वाले व्यापारियों का प्रस्ताव मिला था। वर्तमान में 33 लाख मीट्रिक टन जो धान बचा हुआ है, उसमें से व्यापारियों का जो पुराना भुगतान बकाया है, उनके प्रस्ताव अनुसार बकाया राशि के एवज़ में उन्हें धान दिया जाएगा। इस तरह पूरा धान का उठाव हो जाएगा। साथ ही व्यापारी उतना ही धान का उठाव करेंगे।

उन्होंने बताया कि हर साल छत्तीसगढ़ में खेती का रकबा बढ़ रहा है। किसानों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। धान के पैदावार में भी वृद्धि हो रही है। देशभर में किसानों को उनकी उपज का सर्वाधिक मूल्य देने वाला राज्य छत्तीसगढ़ है। प्रति एकड़ 21 क्विंटल की धान खरीदी की जाती है।

इस बैठक में राजस्व मंत्री टंकाराम वर्मा के अलावा स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल और खाद्य मंत्री दयालदास बघेल भी मौजूद रहे।

हाईकोर्ट के निर्देश पर 48 सिविल जजों को दी गई पोस्टिंग, देखें सूची…

बिलासपुर- छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के निर्देश पर प्रदेश की जिला अदालतों में 48 सिविल जजों की परीवीक्षा के तहत नियुक्ति की गई है। यह नियुक्तियां लोअर जुडिशियरी सर्विस के अंतर्गत की गई है। हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किया गया है। जारी आदेश के अनुसार सभी जजों को अलग-अलग जिलों में पदस्थ किया गया है।

नियुक्त किए गए सिविल जजों में श्वेता दीवान , महिमा शर्मा, निखिल साहू , प्रियदर्शन गोस्वामी, आयुषी शुक्ला, भामिनी पटेल, नंदिनी पटेल, आरती ध्रुव, अदिति शर्मा, द्विज सिंह सेंगर, शारदा शर्मा ताप्ती राघव,आदित्य जैन, अर्पित अग्रवाल, मनीषा दुश्यानी, क्षितिज नवरंग, प्रियंका गोस्वामी, हिमांशु पांडा, सृष्टि त्रिपाठी, सूरज राणा, भावना रिगरी, हिमांशु चन्द्राकर, चैताली खांडेकर, सुमित कुमार नायक, पूजा विनय साहू, ग्रेसी सिंह, अन्जीता खूंटे, आयुष ताम्रकार, तुषार बारीक, भूमिका ध्रुव, पूनम नशिने, गौरव महिलांग, नोएल पन्ना, श्रेया तुलावी, हरीश कुमार सालेम, निशा बारा, स्मिता रानी, नेहा तिर्की, मयंक ध्रुव, जितेन्द्र सोनवानी, सलमा लकड़ा , रिया गनवीर, वन्दना मंडावी, रीमा लकड़ा, सजल जैन, सीमा नेताम, चन्द्रकिरण मानकर और जागृति ध्रुव शामिल हैं।

देखें लिस्ट –

सीजीएसटी विभाग में बड़े पैमाने पर तबादला, सुपरिटेंडेंट और इंस्पेक्टर किये गए इधर से उधर, देखिए पूरी लिस्ट…

रायपुर- केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (CGST) एवं केंद्रीय उत्पाद शुल्क, रायपुर कार्यालय में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल हुआ है। सीजीएसटी विभाग ने दो अहम तबादला आदेश जारी किए हैं, जिनमें सुपरिटेंडेंट और इंस्पेक्टर की नई पोस्टिंग की गई है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे और अगले आदेश तक प्रभावी रहेंगे।

जारी आदेश के अनुसार, कुल 62 सुपरिटेंडेंट और 61 इंस्पेक्टर का तबादला हुआ है।

देखिये ट्रांसफर की पूरी लिस्ट –

सुपरिटेंडेंट ट्रांसफर लिस्ट-

इंस्पेक्टर ट्रांसफर लिस्ट-

24 हार्डकोर नक्सलियों ने छोड़ा हिंसा का रास्ता : सीएम साय ने कहा – आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास और पुनरुत्थान के लिए सरकार प्रतिबद्ध

रायपुर-   छत्तीसगढ़ सरकार की प्रभावी आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति - 2025 और 'नियद नेल्ला नार योजना' के सकारात्मक परिणाम अब सामने आने लगे हैं। बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के समक्ष कुल 87 लाख 50 हजार रुपये के इनामी 24 हार्डकोर नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में लौटने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इनमें से 20 नक्सलियों पर ₹50,000 से लेकर ₹10 लाख तक के इनाम घोषित थे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में मार्च 2026 तक देश-प्रदेश से लाल आतंक का समूल नाश निश्चित है। यह आत्मसमर्पण उसी निर्णायक यात्रा की एक कड़ी है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि अब नक्सली भी समझ चुके हैं कि हिंसा का रास्ता अंतहीन विनाश की ओर ले जाता है। अब नक्सली उग्रवाद की राह छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं। हम इन आत्मसमर्पित साथियों के पुनर्वास और पुनरुत्थान के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध हैं।

CMHO की बहन कंसलटेंट जिला अस्पताल में दिखा रही रौब, स्टाफ परेशान, कलेक्टर को लिखा पत्र

गरियाबंद- CMHO दफ्तर में हो रहे कांड के रोजाना खुलासे हो रहे हैं. इसी बीच स्वास्थ्य विभाग का एक और नया मामला सामने आया है। जिला अस्पताल में पदस्थ 63 अधिकारियों-कर्मचारियों ने हस्ताक्षर कर कलेक्टर के नाम एक शिकायत और मांग पत्र सौंपा है, जिसमें कहा गया है कि सीएमएचओ की छोटी बहन सृष्टि यदु वहां एनएचएम में तम्बाकू नियंत्रक सलाहकार पद पर पदस्थ हैं. यह ग्रेड 3 की श्रेणी में आता है। इनकी जवाबदारी राष्ट्रीय कार्यक्रम के लिए है पर वे अनाधिकृत रूप से जिला अस्पताल में अपना रौब दिखा रही.

पत्र में लिखा गया है कि सृष्टि यदु स्टाफ से मरीजों के परिजन के सामने दुर्व्यवहार करती है. नियमित काम से हट कर अन्य काम करने, नौकरी से हटाने और वेतन रोकने की धमकी दी जाती है। इस रवैए को लेकर आक्रोशित स्टाफ अब लामबद्ध हो गए हैं। जिला अस्पताल में हस्ताक्षर अभियान चलाकर 48 घंटे के भीतर सृष्टि यदु को हटाने की मांग रख दी है। ऐसा नहीं होने पर कलम बंद कर सभी शासकीय कार्यों का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है। शिकायत की पुष्टि जिला अस्पताल में पदस्थ चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर राजेश बीनकर सहित कई स्टाफ ने की है। इस मामले में प्रभारी सिविल सर्जन टीसी पात्रे ने अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा है कि ज्ञापन की जानकारी नहीं है। स्टाफ में नाराजगी होगी तो उनका पक्ष सुनकर उचित रास्ता निकाला जाएगा।

सीनियरों को दरकिनार किया, जूनियरों को तव्वजो

स्टाफ के अलावा लामबंद होने वाले में डॉक्टरों के नाम भी शामिल हैं। सृष्टि यदु सीएमएचओ गार्गी यदु की बहन है। दोनों की पोस्टिंग जिले में एक साथ हुई है। सूत्र बताते हैं कि मेडम की पोस्टिंग के बाद वे अपने हिसाब से मातहतों की कुर्सी बदलते रहे। डीएचओ जैसे महत्वपूर्ण पद पर एक जूनियर डॉक्टर की नियुक्ति कर दी। राष्ट्रीय कार्यक्रमों के नोडल अफसरों को भी मन माफिक बदला गया। जिला अस्पताल का डीडीओ पावर पिछले 5 माह से खुद रखी हुई है। जिला अस्पताल के सलाहकार पद पर जूनियर डॉक्टर बिठा दिया गया है। जिला अस्पताल के डॉक्टरों की दूसरे जगह पोस्टिंग देकर अपने चहते जूनियरों को एसी केबिन, एसी गाड़ी उपलब्ध कराना भी आक्रोश का एक वजह बना है।

सुशासन तिहार में डॉक्टर ने सीएमएचओ के खिलाफ लिखा था पत्र

स्वास्थ्य विभाग में सब कुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा है। नेतृत्व करने वाले और बड़े डॉक्टरों के बीच अन्तर्द्वंद तब खुल कर सामने आ गया जब जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर राजेंद्र बीनकर ने सुराज अभियान में खुलकर अपने ही अधिकारी पर आरोप लगाया था। आरोप में कहा गया था कि दो अनुपस्थित डॉक्टरों का महीनों से वेतन आहरण कराया जा रहा है। हालांकि इसकी जांच कर मामले में आरोप को निराधार बताया गया। मसला यही खत्म नहीं हुआ। अब शिकायत करने वाले डॉक्टर को डर सता रहा है कि महिला अफसर होने के नाते वो किसी मामले में न फंसा दे।

जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी : अपर कलेक्टर

इस मामले में अरविंद पांडेय, अपर कलेक्टर गरियाबंद ने कहा, जिला अस्पताल से शिकायत प्राप्त हुई है। जांच के लिए कमेटी बनाई जा रही है। रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

NHM कर्मचारी संघ ने मिशन संचालक, CMHO और BMO को लिखा पत्र, CR प्रक्रिया में द्वेषपूर्ण कार्यवाही पर आंदोलन की दी चेतावनी

रायपुर-  छत्तीसगढ़ प्रदेश एनएचएम कर्मचारी संघ ने एक बार फिर कर्मचारियों के अधिकारों की पैरवी करते हुए अपनी मांगों को लेकर मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, सीएमएचओ एवं बीएमओ को पत्र लिखा है. संघ ने वार्षिक गोपनीय प्रतिवेदन (CR) प्रक्रिया को सुचारू, पारदर्शी और समयबद्ध रूप से लागू करने की मांग की है. मांगें पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी है.

प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी ने बताया कि वर्तमान में कई जिलों में कार्यरत एनएचएम कर्मचारियों की वार्षिक मूल्यांकन प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं देखी जा रही है। द्वेषपूर्ण कार्यवाही कर कर्मचारियों का CR खराब किया जाता है। दुर्भावनापूर्ण इन्क्रीमेंट रोका जाता है, इससे न केवल कर्मचारियों के मनोबल पर प्रभाव पड़ता है बल्कि उनकी वेतन वृद्धि और भविष्य की नियुक्तियों पर भी प्रतिकूल असर होता है।

डॉ. मिरी ने कहा, विगत वर्षों में कई जिलों मे दुर्भावनावश मानव संसाधन के इतर कई कर्मचारियों को निकाला गया था, जो उच्च न्यायालय के आदेश पर पुनः वापस आए हैं. जब कोर्ट ने कर्मचारियों के विरुद्ध किए गए दुर्भावनापूर्ण कार्यावाही को गलत ठहराया है तो राज्य कार्यालय को इस दिशा में सभी सीएमएचओ को दिए गए कार्यदायित्वों के आधार CR मूल्यांकन करने की आवश्यकता है, न कि दुर्भावनापूर्ण कार्यवाही की.

संवेदनशील मुद्दे पर शीघ्र संज्ञान लेने की जताई उम्मीद

संगठन ने मांग की है कि CR भरने की प्रक्रिया के लिए एक स्पष्ट समय-सीमा तय की जाए और सभी संबंधित अधिकारियों जैसे CMHO, BMO एवं अन्य जिला अधिकारी को इस बाबत आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया जाए. साथ ही संगठन ने यह भी सुझाव दिया है कि इस प्रक्रिया की निगरानी के लिए मिशन स्तर पर एक सशक्त तंत्र विकसित किया जाए, जिससे कर्मचारियों को न्याय मिल सके. संघ ने आशा जताई है कि शासन इस संवेदनशील मुद्दे पर शीघ्र संज्ञान लेगा और कर्मचारियों के हित में त्वरित निर्णय लिया जाएगा. प्रदेश प्रवक्ता पुरन दास ने कहा कि किसी भी जिला या ब्लॉक में विपरीत CR के प्रकरण बिना किसी ठोस कारण के पाए जाने पर छत्तीसगढ़ प्रदेश NHM कर्मचारी संघ आंदोलन के लिए बाध्य होगा.

अब घर बैठे उपभोक्ता रख सकेंगे अपना पक्ष, कंज्यूमर कोर्ट रायपुर में शुरू हुई ई-हियरिंग, 17 जिलों में भी विस्तार की तैयारी

रायपुर-  उपभोक्ता मामलों में अब न्याय के लिए बार-बार अदालत के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। छत्तीसगढ़ में उपभोक्ता अदालतों में ई-हियरिंग की सुविधा शुरू हो गई है, जिससे कोई भी व्यक्ति वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए घर बैठे अपना पक्ष रख सकेगा। यह सुविधा आज रायपुर जिले से शुरू की गई है, जिसे आगामी महीनों में 17 जिलों में विस्तारित किया जाएगा। उपभोक्ता कोर्ट रायपुर में ई-हियरिंग का शुभारंभ उपभोक्ता संरक्षण मंत्री दयाल दास बघेल ने किया।

खाद्य मंत्री बघेल ने शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ई-हियरिंग के माध्यम से उपभोक्ता मामलों का प्रबंधन बेहतर ढंग से किया जा सकेगा साथ ही ई-हियरिंग से लंबित मामलों की संख्या में भी कमी आएगी। उन्होंने कहा कि ई-हियरिंग से नागरिकों और वकीलों को न्यायालयों तक पहुंचना आसान होगा। ई-हियरिंग से उपभोक्ता मामलों को जल्दी से हल किया जा सकेगा जिससे नागरिकों को त्वरित न्याय प्राप्त होगा।

उन्होंने ने कहा कि ई-हियरिंग से अदालतों के बुनियादी ढाचों पर खर्च कम होता है। ई-हियरिंग से प्रकरणाों की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होती है जिससे परदर्शिता और जवाबदेही बढ़ती है।

कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम चौरड़िया, रायपुर जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष डाकेश्वर शर्मा, बार काउंसिल रायपुर के अध्यक्ष हितेन्द्र तिवारी सहित अधिवक्तागण शामिल थे।