/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1496467143592709.png StreetBuzz झारखंड: श्रावणी मेला 2025 की भव्य तैयारी, सीएम सोरेन ने दिए निर्देश Jharkhand
झारखंड: श्रावणी मेला 2025 की भव्य तैयारी, सीएम सोरेन ने दिए निर्देश

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 11 जुलाई से शुरू होने वाले विश्व प्रसिद्ध राजकीय श्रावणी मेला 2025 की तैयारियों को लेकर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। बाबा बैद्यनाथ धाम-बासुकीनाथ तीर्थ क्षेत्र विकास प्राधिकार और वरीय पदाधिकारियों के साथ हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी तैयारियों को समय पर पूरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि श्रावणी मेला झारखंड को देश-दुनिया में एक विशिष्ट पहचान दिलाता है, और इस वर्ष लगभग 50 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में उनकी सुरक्षा और सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए ताकि वे यहां से बेहतर अनुभव लेकर जाएं।

मुख्यमंत्री ने श्रावणी मेले को और अधिक भव्य स्वरूप देने की बात कही। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी विभाग - सुरक्षा, स्वच्छता, विश्राम, पेयजल, बिजली, शौचालय, स्नानागार, यातायात और स्वास्थ्य - आपस में समन्वय बनाकर तैयारियों को अंतिम रूप दें। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को विभागों द्वारा की जा रही व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग करने को भी कहा।

मेला रूट में खाली पड़ी जमीन का उपयोग श्रद्धालुओं के लिए विश्राम गृह, शौचालय और स्नानागार बनाने में करने का सुझाव दिया गया। महिलाओं और बच्चों के लिए अलग से रहने और भोजन की व्यवस्था के निर्देश भी दिए गए। भीड़ नियंत्रण और यातायात प्रबंधन पर विशेष बल दिया गया, जिसके लिए पर्याप्त सुरक्षा बल और हाई डेफिनेशन कैमरे लगाने को कहा गया। मुख्यमंत्री ने QR Based Complain System शुरू करने का निर्देश दिया ताकि श्रद्धालुओं की शिकायतों का त्वरित निवारण हो सके।

PVUNL, पटरातू में 'बालिका सशक्तिकरण अभियान 2025' का भव्य शुभारंभ: उज्जवल भविष्य की ओर एक कदम

पटरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (PVUNL) ने 23 मई 2025 को 'बालिका सशक्तिकरण अभियान 2025' का विधिवत शुभारंभ किया। इस महत्वाकांक्षी पहल का उद्देश्य परियोजना प्रभावित ग्रामों के सरकारी विद्यालयों की कक्षा पाँचवीं उत्तीर्ण बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उनके सर्वांगीण विकास को प्रोत्साहित करना है। यह अभियान शिक्षा, समानता और सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भविष्य की पीढ़ी को सशक्त बनाने के PVUNL के सामाजिक उत्तरदायित्व को दर्शाता है।

कार्यक्रम का उद्घाटन PVUNL के CEO श्री आर. के. सिंह ने दीप प्रज्वलन कर किया। इस अवसर पर उनके साथ महाप्रबंधक श्री मनीष खेतरपाल, GM प्रोजेक्ट्स श्री अनुपम मुखर्जी, SWARNREKHA महिला मंडल की अध्यक्षा श्रीमती रीता सिंह, अन्य वरिष्ठ अधिकारी, कर्मचारी और अभियान में भाग लेने वाली बालिकाएं उपस्थित थीं। कार्यक्रम की शुरुआत एक स्वागत भाषण से हुई, जिसके बाद जेम (GEM) पर आधारित एक प्रेरणादायक लघु फिल्म दिखाई गई। सृजन के नन्हें कलाकारों द्वारा प्रस्तुत रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने सभी का मन मोह लिया।

'जेम 2025' अभियान के तहत, प्रतिभागी बालिकाओं को बहुआयामी प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इसमें संवाद कौशल, कंप्यूटर साक्षरता, योग, आत्मरक्षा, संगीत, नृत्य, कला, विज्ञान और नेतृत्व जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल हैं। यह प्रशिक्षण न केवल उनके शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि उनके बौद्धिक और नैतिक मूल्यों को भी सशक्त करेगा। PVUNL का यह प्रयास यह सिद्ध करता है कि एक सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई किस प्रकार सामाजिक उत्तरदायित्व का निर्वहन करते हुए समाज के उत्थान में योगदान दे सकती है। यह पहल निश्चित रूप से इन बालिकाओं के लिए एक उज्जवल भविष्य की नींव रखेगी, उन्हें आत्मविश्वास के साथ दुनिया का सामना करने के लिए तैयार करेगी।

निर्वाचन आयोग की नई पहल: मतदान केंद्रों पर मोबाइल डिपॉज़िट सुविधा और प्रचार नियमों में बदलाव

भारत निर्वाचन आयोग, मुख्य चुनाव आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता में, मतदाताओं की सुविधा के लिए नए दिशानिर्देश लेकर आया है। अब मतदान केंद्रों के बाहर मोबाइल डिपॉज़िट सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल फोन के बढ़ते उपयोग को देखते हुए, मतदान के दिन मतदाताओं को होने वाली असुविधा को कम करने के लिए यह निर्णय लिया गया है।

मतदान केंद्र के 100 मीटर के भीतर केवल बंद मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति होगी। प्रवेश द्वार के पास साधारण पिजनहोल बॉक्स या जूट के बैग उपलब्ध होंगे जहाँ मतदाताओं को अपने फोन जमा करने होंगे। मतदान केंद्र के अंदर मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं होगी। हालांकि, कुछ मतदान केंद्रों को स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर छूट मिल सकती है।

इसके अतिरिक्त, चुनाव आयोग ने मतदान केंद्र के प्रवेश द्वार से 100 मीटर की दूरी तक प्रचार के मानदंडों को युक्तिसंगत बनाया है। मतदान के दिन 100 मीटर के दायरे में चुनाव प्रचार की अनुमति नहीं होगी। यदि मतदाता आधिकारिक सूचना पर्चियां नहीं लाते हैं, तो उम्मीदवारों द्वारा अनौपचारिक पहचान पर्चियां जारी करने के लिए बूथ अब किसी भी मतदान केंद्र से 100 मीटर की दूरी पर स्थापित किए जा सकते हैं। ये सभी निर्देश लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 और निर्वाचन संचालन नियम, 1961 के अनुरूप हैं।

राज्यकर्मी स्वास्थ्य बीमा योजना: बोर्ड, निगम और यूनिवर्सिटी के नोडल पदाधिकारियों के लिए कार्यशाला

रांची, झारखंड - राज्यकर्मी स्वास्थ्य बीमा योजना (RKSBY) के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु नामकुम स्थित आईपीएच में राज्य सरकार के विभिन्न बोर्ड, निगमों और विश्वविद्यालयों के नोडल पदाधिकारियों के लिए एक महत्वपूर्ण कार्यशाला-सह-उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य योजना में शामिल होने और पंजीकरण की संपूर्ण ऑनलाइन प्रक्रिया को विस्तार से समझाना था।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए झारखंड राज्य आरोग्य सोसाइटी (JSAS) के कार्यकारी निदेशक, श्री अबु इमरान ने इस बात पर जोर दिया कि यह योजना पूरी तरह से ऑनलाइन है और इसमें ऑफलाइन प्रक्रिया के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने प्रतिभागियों से पूरी तरह से डिजिटल माध्यम से जुड़ने का आग्रह किया।

झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी के वरिष्ठ परामर्शी और डेटा एनालिस्ट, श्री अंशु कुमार ने योजना में शामिल होने की प्रक्रिया का विस्तृत विवरण दिया। उन्होंने बताया कि संबंधित बोर्ड, निगम और विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष को योजना से जुड़ने हेतु सहमति पत्र उपलब्ध कराना होगा। साथ ही, पदाधिकारियों और कर्मियों का डेटाबेस भी निर्धारित प्रपत्र में जमा करना अनिवार्य होगा। संस्थानों को अपने वास्तविक कर्मियों की संख्या के विरुद्ध एक एकमुश्त राशि JSAS को उपलब्ध करानी होगी, जिसके उपरांत संबंधित संस्थान के लिए पोर्टल सक्रिय हो जाएगा। विभागाध्यक्ष द्वारा ऑनलाइन आवेदनों के सत्यापन के बाद ही डेटा JSAS को भेजा जाएगा।

वरिष्ठ परामर्शी श्री विवेक कुमार नायक ने अपने संबोधन में पंजीकरण प्रक्रिया पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने डीडीओ (DDO) या एचओडी (HOD) के स्तर पर आवेदनों के अनुमोदन और स्वीकृति के बाद की जाने वाली सभी प्रक्रियाओं की विस्तृत जानकारी दी।

इस महत्वपूर्ण कार्यशाला में टाटा एआईजी के चीफ मैनेजर श्री मुकेश पराशर और जैप आईटी के सीईओ श्री राजकुमार के साथ-साथ जेएसएएस के सभी पदाधिकारी और कर्मी उपस्थित थे। यह कार्यशाला राज्यकर्मी स्वास्थ्य बीमा योजना को सफलतापूर्वक लागू करने और सभी पात्र लाभार्थियों तक इसका लाभ पहुँचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

राज्यकर्मी स्वास्थ्य बीमा योजना: बोर्ड, निगम और यूनिवर्सिटी के नोडल पदाधिकारियों के लिए कार्यशाला

रांची, झारखंड - राज्यकर्मी स्वास्थ्य बीमा योजना (RKSBY) के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु नामकुम स्थित आईपीएच में राज्य सरकार के विभिन्न बोर्ड, निगमों और विश्वविद्यालयों के नोडल पदाधिकारियों के लिए एक महत्वपूर्ण कार्यशाला-सह-उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य योजना में शामिल होने और पंजीकरण की संपूर्ण ऑनलाइन प्रक्रिया को विस्तार से समझाना था।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए झारखंड राज्य आरोग्य सोसाइटी (JSAS) के कार्यकारी निदेशक, श्री अबु इमरान ने इस बात पर जोर दिया कि यह योजना पूरी तरह से ऑनलाइन है और इसमें ऑफलाइन प्रक्रिया के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने प्रतिभागियों से पूरी तरह से डिजिटल माध्यम से जुड़ने का आग्रह किया।

झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी के वरिष्ठ परामर्शी और डेटा एनालिस्ट, श्री अंशु कुमार ने योजना में शामिल होने की प्रक्रिया का विस्तृत विवरण दिया। उन्होंने बताया कि संबंधित बोर्ड, निगम और विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष को योजना से जुड़ने हेतु सहमति पत्र उपलब्ध कराना होगा। साथ ही, पदाधिकारियों और कर्मियों का डेटाबेस भी निर्धारित प्रपत्र में जमा करना अनिवार्य होगा। संस्थानों को अपने वास्तविक कर्मियों की संख्या के विरुद्ध एक एकमुश्त राशि JSAS को उपलब्ध करानी होगी, जिसके उपरांत संबंधित संस्थान के लिए पोर्टल सक्रिय हो जाएगा। विभागाध्यक्ष द्वारा ऑनलाइन आवेदनों के सत्यापन के बाद ही डेटा JSAS को भेजा जाएगा।

वरिष्ठ परामर्शी श्री विवेक कुमार नायक ने अपने संबोधन में पंजीकरण प्रक्रिया पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने डीडीओ (DDO) या एचओडी (HOD) के स्तर पर आवेदनों के अनुमोदन और स्वीकृति के बाद की जाने वाली सभी प्रक्रियाओं की विस्तृत जानकारी दी।

इस महत्वपूर्ण कार्यशाला में टाटा एआईजी के चीफ मैनेजर श्री मुकेश पराशर और जैप आईटी के सीईओ श्री राजकुमार के साथ-साथ जेएसएएस के सभी पदाधिकारी और कर्मी उपस्थित थे। यह कार्यशाला राज्यकर्मी स्वास्थ्य बीमा योजना को सफलतापूर्वक लागू करने और सभी पात्र लाभार्थियों तक इसका लाभ पहुँचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

निर्वाचन आयोग की 18 नई पहलें: झारखंड के मतदाताओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक कदम

मुख्य चुनाव आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार की दूरदर्शी पहल के तहत, भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने झारखंड के मतदाताओं को अधिक सशक्त और लाभान्वित करने के उद्देश्य से 18 नई पहलें शुरू की हैं। इन पहलों को विभिन्न श्रेणियों में बांटा गया है, जो मतदाता, राजनीतिक दल, प्रक्रियात्मक सुधार, कानूनी पहलू, चुनाव कर्मी और स्वयं निर्वाचन आयोग को कवर करती हैं।

मतदाताओं के लिए, एक मतदान केंद्र पर अधिकतम मतदाताओं की संख्या 1200 तक सीमित की गई है, और ऊंची इमारतों/कॉलोनियों में अतिरिक्त मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे। मतदाता सूची को अद्यतन करने के लिए मृत्यु पंजीकरण डेटा को सीधे RGI डेटाबेस से प्राप्त किया जाएगा और सत्यापन के बाद अपडेट किया जाएगा। मतदाता सूचना पर्चियों को अधिक मतदाता-अनुकूल बनाया जाएगा, जिसमें मतदाता की क्रम संख्या और भाग संख्या स्पष्ट रूप से प्रदर्शित होगी।

राजनीतिक दलों के साथ संवाद बढ़ाने पर भी जोर दिया गया है। पूरे भारत में CEO/DEO/ERO स्तर पर 4,719 बैठकें आयोजित की गईं, जिनमें 28,000 से अधिक राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। निर्वाचन आयोग ने राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों के प्रमुखों से भी बैठक की। IIIDEM में बिहार, तमिलनाडु और पुडुचेरी राज्यों के राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंट्स के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित किए गए।

प्रक्रियात्मक सुधारों में, ECINET नामक एक नया एकीकृत डैशबोर्ड शुरू किया गया है, जो सभी हितधारकों के लिए एक ही स्थान से सभी सेवाएं प्रदान करेगा। डुप्लिकेट EPIC नंबर की समस्या का समाधान किया गया है, और अद्वितीय EPIC नंबर के लिए एक नई व्यवस्था लागू की गई है।

कानूनी मोर्चे पर, मतदाता सूची की तैयारी और चुनाव संचालन की प्रक्रिया में शामिल 28 प्रमुख हितधारकों की पहचान की गई है, और इन सभी के लिए अधिनियमों, नियमों और आयोग के निर्देशों के आधार पर प्रशिक्षण प्रस्तुतियाँ तैयार की जा रही हैं।

चुनाव कर्मियों के लिए, BLO (बूथ लेवल अधिकारी) को मानक फोटो पहचान पत्र प्रदान किया जाएगा। IIIDEM, नई दिल्ली में 3000 से अधिक बूथ लेवल सुपरवाइजरों को प्रशिक्षित किया जा चुका है, और अगले कुछ वर्षों में 1 लाख से अधिक BLO सुपरवाइजरों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है।

अंत में, निर्वाचन आयोग ने अपनी आंतरिक प्रक्रियाओं में भी सुधार किया है, जिसमें बायोमेट्रिक हाजिरी प्रणाली और ई-ऑफिस का कार्यान्वयन शामिल है। CEO के साथ नियमित बैठकें भी आयोजित की जा रही हैं। ये पहलें झारखंड में चुनावी प्रक्रिया को अधिक कुशल, पारदर्शी और मतदाता-केंद्रित बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।

जमशेदपुर का शहरी विस्तार: तीन लाख आबादी को मिलेंगी शहरी सुविधाएं

जमशेदपुर शहर अपनी भौगोलिक और विकासात्मक सीमाओं का विस्तार करने के लिए तैयार है, जिससे आसपास की छह पंचायतों से लगभग तीन लाख की आबादी को शहरी निकायों में शामिल किया जाएगा। इस महत्वाकांक्षी योजना का सैटेलाइट सर्वेक्षण पूरा हो चुका है, और अब चौहद्दी रिपोर्ट का इंतजार है। इस रिपोर्ट के बाद, प्रस्ताव को मंजूरी के लिए नगर विकास विभाग भेजा जाएगा। इस विस्तार से जमशेदपुर और उसके आसपास के क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं का व्यापक विस्तार होगा, जिससे विकास को एक नई दिशा मिलेगी। जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति (जेएनएसी), जुगसलाई, और मानगो नगर निगम इस महत्वपूर्ण परियोजना को साकार करने की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।

मानगो नगर निगम का बढ़ता दायरा: मुखियाडांगा और तुरियाबेरा भी होंगे शामिल

मानगो नगर निगम का विस्तार मुखियाडांगा और तुरियाबेरा क्षेत्रों तक होगा, जिससे इसकी आबादी में करीब डेढ़ लाख लोग और जुड़ जाएंगे। वर्तमान में मानगो नगर निगम अपनी लगभग 3 लाख की आबादी के लिए कचरा प्रबंधन जैसी चुनौतियों का सामना कर रहा है। इस विस्तार से संसाधन प्रबंधन में और अधिक दक्षता की आवश्यकता होगी। हालांकि, इन पंचायतों को शहरी क्षेत्र में शामिल करने के बाद नागरिक सुविधाओं में भी उल्लेखनीय वृद्धि की जाएगी, जिससे निवासियों को बेहतर शहरी जीवन का अनुभव मिलेगा।

कपाली नगर परिषद में 2 लाख से अधिक लोग होंगे शामिल

प्रस्तावित योजना के तहत, जमशेदपुर से सटे सरायकेला-खरसावां स्थित कपाली नगर परिषद का भी विस्तार किया जाएगा। इसमें डोबो, तमोलिया और पुडिसीली जैसे क्षेत्र शामिल होंगे। इस विस्तार से कपाली नगर परिषद की आबादी में दो लाख से अधिक लोग जुड़ जाएंगे, जो शहरी निकाय का हिस्सा बनेंगे। इस पहल से कपाली क्षेत्र में सड़क, जलापूर्ति और स्वच्छता जैसी बुनियादी सुविधाओं में महत्वपूर्ण सुधार होने की उम्मीद है।

जेएनएसी के दायरे में 50 हजार नई आबादी

जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति (जेएनएसी) भी अपने दायरे का विस्तार करेगी। इसमें मोहरदा, घोड़ाबांदा और हुरलुंग जैसे क्षेत्र शामिल किए जाएंगे, जहां लगभग 50 हजार लोग निवास करते हैं। जेएनएसी ने इस विस्तार के लिए अपना प्रस्ताव तैयार कर लिया है और इन तीन पंचायतों का सैटेलाइट सर्वेक्षण भी पूरा हो चुका है। जेएनएसी के उपनगर आयुक्त कृष्ण कुमार ने बताया कि सैटेलाइट सर्वे पूरा हो गया है, और जेएनएसी क्षेत्र में चौहद्दी का सर्वे जारी है।

जुगसलाई नगर परिषद में बागबेड़ा और कीताडीह का समावेश

जुगसलाई नगर परिषद भी अपने शहरी सीमा का विस्तार करेगी, जिसमें बागबेड़ा और कीताडीह जैसे इलाकों को शामिल किया जाएगा। इससे जुगसलाई नगर परिषद की आबादी में एक लाख लोग और जुड़ जाएंगे।

अधिकारियों के अनुसार, सैटेलाइट सर्वे पूरा हो चुका है और पंचायत क्षेत्र के लोगों ने भी शहरी योजनाओं के लाभ पर अपनी सहमति व्यक्त की है। नगर विकास विभाग की मंजूरी के बाद, यह महत्वाकांक्षी योजना जल्द ही धरातल पर उतरेगी, जिससे जमशेदपुर और उसके आसपास के क्षेत्रों में समग्र विकास को गति मिलेगी। यह विस्तार न केवल आबादी को शहरी सुविधाएं प्रदान करेगा, बल्कि क्षेत्र के बुनियादी ढांचे को भी मजबूत करेगा, जिससे निवासियों के जीवन स्तर में सुधार होगा।

कोडरमा में भीषण सड़क हादसा: बोलेरो-ऑटो की टक्कर में दो मजदूरों की मौत, सात घायल

झारखंड के कोडरमा जिले में एक भीषण सड़क हादसे में दो मजदूरों की मौत हो गई, जबकि सात अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। यह दर्दनाक घटना गुरुवार सुबह कोडरमा थाना क्षेत्र के लोकाई स्थित तालाब के पास हुई, जहाँ एक बोलेरो पिकअप और एक ऑटो-रिक्शा के बीच जोरदार टक्कर हो गई।

हादसे का विवरण

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, टक्कर इतनी भीषण थी कि ऑटो हवा में उछलकर जमीन पर जा गिरा। घटना के समय, झुमरीतिलैया के नरेश नगर से मजदूरों का एक समूह तीन ऑटो में सवार होकर कबाड़ चुनने के लिए डोमचांच की ओर जा रहा था। रास्ते में, विपरीत दिशा से आ रही एक बोलेरो पिकअप ने उनमें से एक ऑटो को जबरदस्त टक्कर मार दी। इस हादसे में ऑटो में सवार सभी 9 मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनमें पुरुष और महिला दोनों शामिल थे। टक्कर के बाद घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई।

तत्काल बचाव कार्य और मृतकों की पहचान

हादसे की आवाज सुनकर आसपास के ग्रामीण तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और पुलिस को सूचित किया। ग्रामीणों और पुलिस के सहयोग से सभी घायलों को तुरंत सदर अस्पताल पहुंचाया गया। अस्पताल में चिकित्सकों ने दो मजदूरों को मृत घोषित कर दिया। मृतकों की पहचान 37 वर्षीय चंदा देवी (पति रवि भुंइया) और 35 वर्षीय मुकेश कुमार के रूप में हुई है, दोनों नरेश नगर के निवासी थे।

घायलों की स्थिति और पहचान

दुर्घटना में घायल हुए सात मजदूरों की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायलों में नरेश नगर निवासी शिला देवी (28, पति मुकेश भुइंया), अनिता देवी (35, पति दिलीप भुइंया), मीना देवी (पति मनोज भुइंया), मन्नू कुमार भुइंया (32, पिता लिटारी भुइंया), मुंदकी देवी (36, पति अर्जुन भुइंया), सुगनी देवी (30, पति रॉकी भुइंया) और गुड़ी देवी (32, पति मन्नू कुमार भुंइया) शामिल हैं।

पुलिस की कार्रवाई

घटना के बाद, पुलिस ने दोनों दुर्घटनाग्रस्त वाहनों को अपने कब्जे में ले लिया है। मृतकों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया है। पुलिस मामले की आगे की जांच कर रही है। यह हादसा एक बार फिर सड़कों पर सुरक्षा उपायों और यातायात नियमों के पालन के महत्व पर प्रकाश डालता है।

झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में कल होगी कैबिनेट की बैठक, इसके पूर्व 15 मई की बैठक में 17प्रस्ताव पर लगे मुहर

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में कल, 22 मई को एक महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक बुलाई गई है। यह बैठक गुरुवार शाम 4 बजे से प्रोजेक्ट भवन स्थित मंत्रिपरिषद कक्ष में शुरू होगी। इस बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर मुहर लगने की संभावना है, जिससे राज्य के विभिन्न क्षेत्रों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग ने इस आगामी बैठक की जानकारी साझा की है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार राज्य के महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श करने और निर्णय लेने के लिए तैयार है।

इस बैठक से पहले, 15 मई 2025 को भी कैबिनेट की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई थी, जिसमें कुल 17 प्रस्तावों को स्वीकृति मिली थी। उन प्रस्तावों में सबसे महत्वपूर्ण उत्पाद मदिरा नीति को मंजूरी मिलना था, जिसके दूरगामी परिणाम राज्य की आबकारी व्यवस्था पर पड़ सकते हैं। इसके अतिरिक्त, उस बैठक में एनसीसी कैडेट्स के दैनिक भत्ते को 150 रुपये से बढ़ाकर 210 रुपये प्रतिदिन किए जाने पर भी सहमति बनी थी, जो युवाओं को प्रोत्साहन देने की दिशा में एक सकारात्मक कदम था।

कल की बैठक में किन नए प्रस्तावों पर चर्चा होगी और किन पर मुहर लगेगी, यह देखना बाकी है। ऐसी महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठकें राज्य के विकास और नीतिगत फैसलों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होती हैं। इन बैठकों के माध्यम से सरकार विभिन्न विभागों से संबंधित प्रस्तावों पर विचार करती है, उन्हें स्वीकृति देती है, और राज्य के नागरिकों के हित में निर्णय लेती है। आगामी बैठक से झारखंड के नीतिगत परिदृश्य में कुछ नए बदलाव आने की उम्मीद है।

हजारीबाग में RTE का उल्लंघन, सत्र शुरू होने के 2 महीने बाद भी 252 BPL बच्चों का निजी स्कूलों में नहीं हुआ नामांकन

हजारीबाग! हजारीबाग जिले में निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवन यापन कर रहे परिवारों के 252 बच्चों का निजी स्कूलों में नामांकन अधर में लटका हुआ है। शैक्षणिक सत्र 2025-26, जो 1 अप्रैल 2025 से शुरू हो चुका है, के दो महीने बीत जाने के बावजूद 19 निजी विद्यालयों में एक भी BPL बच्चे का दाखिला नहीं हो पाया है।

इस स्थिति ने विभागीय अधिकारियों, विशेषकर जिला शिक्षा अधीक्षक (DSE) की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिन पर इस पूरी नामांकन प्रक्रिया को पूरा करने की जिम्मेदारी थी।

विभागीय लापरवाही उजागर

RTE अधिनियम बच्चों को शिक्षा का अधिकार प्रदान करता है, जिसके तहत निजी स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए सीटें आरक्षित होती हैं। हजारीबाग में, शिक्षा विभाग द्वारा मार्च महीने में 500 से अधिक ऑनलाइन आवेदन जमा लिए गए थे। इन आवेदनों की जांच के लिए संबंधित शिक्षा अधिकारियों की एक टीम भी गठित की गई थी।

नियमानुसार, इस टीम को ऑनलाइन आवेदन फॉर्मों की स्क्रूटनी करनी थी, और उपायुक्त की सहमति के बाद ही निजी स्कूलों को BPL बच्चों का नामांकन लेना था। हालांकि, सत्र शुरू होने के दो महीने बाद भी अंतिम सूची जारी नहीं हो पाई है, जिससे हजारों गरीब बच्चों का भविष्य दांव पर लगा है।

किस स्कूल में कितने बच्चों का होगा नामांकन?

जिले के विभिन्न प्रखंडों और शहरी क्षेत्रों में कुल 252 बच्चों का नामांकन होना है। शहरी क्षेत्र में सर्वाधिक 151 बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला मिलना है। वहीं, बड़कागांव में 8, इचाक, चौपारण और बरकट्ठा प्रखंडों में 20-20, कटकमदाग में 23 और कटकमसांडी प्रखंड में 10 BPL बच्चों का नामांकन प्रस्तावित है।

विशिष्ट विद्यालयों और कक्षाओं की सूची में शामिल हैं:

डीएवी पब्लिक स्कूल उरीमारी: एलकेजी में 8 बच्चे

डिवाइन पब्लिक स्कूल गंगपाचो: क्लास 1 में 20 बच्चे

सुरेखा भाई पब्लिक स्कूल चौपारण: क्लास 1 में 20 बच्चे

दिल्ली पब्लिक स्कूल: क्लास 1 में 15 बच्चे

जैक एंड जिल स्कूल सिंघानी: नर्सरी में 10 बच्चे

लॉर्ड कृष्णा स्कूल अमृत नगर: क्लास 1 में 10 बच्चे

संत पॉल स्कूल: क्लास 1 में 10 बच्चे

सरस्वती शिशु मंदिर कुम्हारटोली: क्लास 1 में 10 बच्चे

नेशनल पब्लिक स्कूल: क्लास 1 में 15 बच्चे

संत स्टीफन स्कूल: क्लास 1 में सबसे अधिक 25 बच्चे

श्रीराम कृष्ण शारदा मठ एंड मिशन: नर्सरी क्लास में 12 बच्चे

माउंट एगमाउंट: एलकेजी में 15 बच्चे

डीएवी पब्लिक स्कूल कन्हरी रोड: नर्सरी में 15 बच्चे

नमन विद्या स्कूल: नर्सरी में 7 बच्चे

रोजबड स्कूल दीपूगढ़ा: एलकेजी में 7 बच्चे

चैंपियन बेसिक एकेडमी इचाक प्रखंड: क्लास 1 में 20 बच्चे

एंजेल हाई स्कूल सिरसी कटकमदाग: यूकेजी में 13 बच्चे

दिल्ली पब्लिक स्कूल कटकमदाग: एलकेजी में 10 बच्चे

संत अगस्टिन हाई स्कूल कंचनपुर छड़वा कटकमसांडी प्रखंड: क्लास 1 में 10 बच्चे

डीएसई का दावा: जल्द जारी होगी सूची

इस मामले में, जिला शिक्षा अधीक्षक (DSE) आकाश कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिले में RTE अधिनियम का कड़ाई से पालन किया गया है। उन्होंने बताया कि चालू सत्र में 252 BPL परिवार से जुड़े बच्चों का नामांकन 19 अलग-अलग निजी विद्यालयों में होगा। कुमार ने आश्वस्त किया कि इसके लिए ऑनलाइन प्राप्त लगभग 500 आवेदनों की स्क्रूटनी पूरी हो चुकी है और चयनित बच्चों की सूची को अंतिम रूप दे दिया गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि उपायुक्त से सहमति मिलते ही सूची जारी कर दी जाएगी।

हालांकि, सवाल यह है कि जब प्रक्रिया इतनी आगे बढ़ चुकी थी, तो सत्र शुरू होने के दो महीने बाद भी नामांकन क्यों नहीं हो पाया? गरीब बच्चों के लिए शिक्षा के अधिकार को सुनिश्चित करने में यह देरी शिक्षा विभाग की उदासीनता को दर्शाती है।

अब देखना यह है कि डीसी की सहमति कब मिलती है और कब इन बच्चों को उनका वाजिब हक मिल पाता है।