हजारीबाग में RTE का उल्लंघन, सत्र शुरू होने के 2 महीने बाद भी 252 BPL बच्चों का निजी स्कूलों में नहीं हुआ नामांकन
हजारीबाग! हजारीबाग जिले में निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवन यापन कर रहे परिवारों के 252 बच्चों का निजी स्कूलों में नामांकन अधर में लटका हुआ है। शैक्षणिक सत्र 2025-26, जो 1 अप्रैल 2025 से शुरू हो चुका है, के दो महीने बीत जाने के बावजूद 19 निजी विद्यालयों में एक भी BPL बच्चे का दाखिला नहीं हो पाया है।
इस स्थिति ने विभागीय अधिकारियों, विशेषकर जिला शिक्षा अधीक्षक (DSE) की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिन पर इस पूरी नामांकन प्रक्रिया को पूरा करने की जिम्मेदारी थी।
विभागीय लापरवाही उजागर
RTE अधिनियम बच्चों को शिक्षा का अधिकार प्रदान करता है, जिसके तहत निजी स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए सीटें आरक्षित होती हैं। हजारीबाग में, शिक्षा विभाग द्वारा मार्च महीने में 500 से अधिक ऑनलाइन आवेदन जमा लिए गए थे। इन आवेदनों की जांच के लिए संबंधित शिक्षा अधिकारियों की एक टीम भी गठित की गई थी।
नियमानुसार, इस टीम को ऑनलाइन आवेदन फॉर्मों की स्क्रूटनी करनी थी, और उपायुक्त की सहमति के बाद ही निजी स्कूलों को BPL बच्चों का नामांकन लेना था। हालांकि, सत्र शुरू होने के दो महीने बाद भी अंतिम सूची जारी नहीं हो पाई है, जिससे हजारों गरीब बच्चों का भविष्य दांव पर लगा है।
किस स्कूल में कितने बच्चों का होगा नामांकन?
जिले के विभिन्न प्रखंडों और शहरी क्षेत्रों में कुल 252 बच्चों का नामांकन होना है। शहरी क्षेत्र में सर्वाधिक 151 बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला मिलना है। वहीं, बड़कागांव में 8, इचाक, चौपारण और बरकट्ठा प्रखंडों में 20-20, कटकमदाग में 23 और कटकमसांडी प्रखंड में 10 BPL बच्चों का नामांकन प्रस्तावित है।
विशिष्ट विद्यालयों और कक्षाओं की सूची में शामिल हैं:
डीएवी पब्लिक स्कूल उरीमारी: एलकेजी में 8 बच्चे
डिवाइन पब्लिक स्कूल गंगपाचो: क्लास 1 में 20 बच्चे
सुरेखा भाई पब्लिक स्कूल चौपारण: क्लास 1 में 20 बच्चे
दिल्ली पब्लिक स्कूल: क्लास 1 में 15 बच्चे
जैक एंड जिल स्कूल सिंघानी: नर्सरी में 10 बच्चे
लॉर्ड कृष्णा स्कूल अमृत नगर: क्लास 1 में 10 बच्चे
संत पॉल स्कूल: क्लास 1 में 10 बच्चे
सरस्वती शिशु मंदिर कुम्हारटोली: क्लास 1 में 10 बच्चे
नेशनल पब्लिक स्कूल: क्लास 1 में 15 बच्चे
संत स्टीफन स्कूल: क्लास 1 में सबसे अधिक 25 बच्चे
श्रीराम कृष्ण शारदा मठ एंड मिशन: नर्सरी क्लास में 12 बच्चे
माउंट एगमाउंट: एलकेजी में 15 बच्चे
डीएवी पब्लिक स्कूल कन्हरी रोड: नर्सरी में 15 बच्चे
नमन विद्या स्कूल: नर्सरी में 7 बच्चे
रोजबड स्कूल दीपूगढ़ा: एलकेजी में 7 बच्चे
चैंपियन बेसिक एकेडमी इचाक प्रखंड: क्लास 1 में 20 बच्चे
एंजेल हाई स्कूल सिरसी कटकमदाग: यूकेजी में 13 बच्चे
दिल्ली पब्लिक स्कूल कटकमदाग: एलकेजी में 10 बच्चे
संत अगस्टिन हाई स्कूल कंचनपुर छड़वा कटकमसांडी प्रखंड: क्लास 1 में 10 बच्चे
डीएसई का दावा: जल्द जारी होगी सूची
इस मामले में, जिला शिक्षा अधीक्षक (DSE) आकाश कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिले में RTE अधिनियम का कड़ाई से पालन किया गया है। उन्होंने बताया कि चालू सत्र में 252 BPL परिवार से जुड़े बच्चों का नामांकन 19 अलग-अलग निजी विद्यालयों में होगा। कुमार ने आश्वस्त किया कि इसके लिए ऑनलाइन प्राप्त लगभग 500 आवेदनों की स्क्रूटनी पूरी हो चुकी है और चयनित बच्चों की सूची को अंतिम रूप दे दिया गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि उपायुक्त से सहमति मिलते ही सूची जारी कर दी जाएगी।
हालांकि, सवाल यह है कि जब प्रक्रिया इतनी आगे बढ़ चुकी थी, तो सत्र शुरू होने के दो महीने बाद भी नामांकन क्यों नहीं हो पाया? गरीब बच्चों के लिए शिक्षा के अधिकार को सुनिश्चित करने में यह देरी शिक्षा विभाग की उदासीनता को दर्शाती है।
अब देखना यह है कि डीसी की सहमति कब मिलती है और कब इन बच्चों को उनका वाजिब हक मिल पाता है।
May 24 2025, 09:42