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24 हार्डकोर नक्सलियों ने छोड़ा हिंसा का रास्ता : सीएम साय ने कहा – आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास और पुनरुत्थान के लिए सरकार प्रतिबद्ध

रायपुर-   छत्तीसगढ़ सरकार की प्रभावी आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति - 2025 और 'नियद नेल्ला नार योजना' के सकारात्मक परिणाम अब सामने आने लगे हैं। बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों के समक्ष कुल 87 लाख 50 हजार रुपये के इनामी 24 हार्डकोर नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में लौटने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इनमें से 20 नक्सलियों पर ₹50,000 से लेकर ₹10 लाख तक के इनाम घोषित थे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में मार्च 2026 तक देश-प्रदेश से लाल आतंक का समूल नाश निश्चित है। यह आत्मसमर्पण उसी निर्णायक यात्रा की एक कड़ी है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि अब नक्सली भी समझ चुके हैं कि हिंसा का रास्ता अंतहीन विनाश की ओर ले जाता है। अब नक्सली उग्रवाद की राह छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं। हम इन आत्मसमर्पित साथियों के पुनर्वास और पुनरुत्थान के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध हैं।

CMHO की बहन कंसलटेंट जिला अस्पताल में दिखा रही रौब, स्टाफ परेशान, कलेक्टर को लिखा पत्र

गरियाबंद- CMHO दफ्तर में हो रहे कांड के रोजाना खुलासे हो रहे हैं. इसी बीच स्वास्थ्य विभाग का एक और नया मामला सामने आया है। जिला अस्पताल में पदस्थ 63 अधिकारियों-कर्मचारियों ने हस्ताक्षर कर कलेक्टर के नाम एक शिकायत और मांग पत्र सौंपा है, जिसमें कहा गया है कि सीएमएचओ की छोटी बहन सृष्टि यदु वहां एनएचएम में तम्बाकू नियंत्रक सलाहकार पद पर पदस्थ हैं. यह ग्रेड 3 की श्रेणी में आता है। इनकी जवाबदारी राष्ट्रीय कार्यक्रम के लिए है पर वे अनाधिकृत रूप से जिला अस्पताल में अपना रौब दिखा रही.

पत्र में लिखा गया है कि सृष्टि यदु स्टाफ से मरीजों के परिजन के सामने दुर्व्यवहार करती है. नियमित काम से हट कर अन्य काम करने, नौकरी से हटाने और वेतन रोकने की धमकी दी जाती है। इस रवैए को लेकर आक्रोशित स्टाफ अब लामबद्ध हो गए हैं। जिला अस्पताल में हस्ताक्षर अभियान चलाकर 48 घंटे के भीतर सृष्टि यदु को हटाने की मांग रख दी है। ऐसा नहीं होने पर कलम बंद कर सभी शासकीय कार्यों का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है। शिकायत की पुष्टि जिला अस्पताल में पदस्थ चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर राजेश बीनकर सहित कई स्टाफ ने की है। इस मामले में प्रभारी सिविल सर्जन टीसी पात्रे ने अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा है कि ज्ञापन की जानकारी नहीं है। स्टाफ में नाराजगी होगी तो उनका पक्ष सुनकर उचित रास्ता निकाला जाएगा।

सीनियरों को दरकिनार किया, जूनियरों को तव्वजो

स्टाफ के अलावा लामबंद होने वाले में डॉक्टरों के नाम भी शामिल हैं। सृष्टि यदु सीएमएचओ गार्गी यदु की बहन है। दोनों की पोस्टिंग जिले में एक साथ हुई है। सूत्र बताते हैं कि मेडम की पोस्टिंग के बाद वे अपने हिसाब से मातहतों की कुर्सी बदलते रहे। डीएचओ जैसे महत्वपूर्ण पद पर एक जूनियर डॉक्टर की नियुक्ति कर दी। राष्ट्रीय कार्यक्रमों के नोडल अफसरों को भी मन माफिक बदला गया। जिला अस्पताल का डीडीओ पावर पिछले 5 माह से खुद रखी हुई है। जिला अस्पताल के सलाहकार पद पर जूनियर डॉक्टर बिठा दिया गया है। जिला अस्पताल के डॉक्टरों की दूसरे जगह पोस्टिंग देकर अपने चहते जूनियरों को एसी केबिन, एसी गाड़ी उपलब्ध कराना भी आक्रोश का एक वजह बना है।

सुशासन तिहार में डॉक्टर ने सीएमएचओ के खिलाफ लिखा था पत्र

स्वास्थ्य विभाग में सब कुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा है। नेतृत्व करने वाले और बड़े डॉक्टरों के बीच अन्तर्द्वंद तब खुल कर सामने आ गया जब जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर राजेंद्र बीनकर ने सुराज अभियान में खुलकर अपने ही अधिकारी पर आरोप लगाया था। आरोप में कहा गया था कि दो अनुपस्थित डॉक्टरों का महीनों से वेतन आहरण कराया जा रहा है। हालांकि इसकी जांच कर मामले में आरोप को निराधार बताया गया। मसला यही खत्म नहीं हुआ। अब शिकायत करने वाले डॉक्टर को डर सता रहा है कि महिला अफसर होने के नाते वो किसी मामले में न फंसा दे।

जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी : अपर कलेक्टर

इस मामले में अरविंद पांडेय, अपर कलेक्टर गरियाबंद ने कहा, जिला अस्पताल से शिकायत प्राप्त हुई है। जांच के लिए कमेटी बनाई जा रही है। रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

NHM कर्मचारी संघ ने मिशन संचालक, CMHO और BMO को लिखा पत्र, CR प्रक्रिया में द्वेषपूर्ण कार्यवाही पर आंदोलन की दी चेतावनी

रायपुर-  छत्तीसगढ़ प्रदेश एनएचएम कर्मचारी संघ ने एक बार फिर कर्मचारियों के अधिकारों की पैरवी करते हुए अपनी मांगों को लेकर मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, सीएमएचओ एवं बीएमओ को पत्र लिखा है. संघ ने वार्षिक गोपनीय प्रतिवेदन (CR) प्रक्रिया को सुचारू, पारदर्शी और समयबद्ध रूप से लागू करने की मांग की है. मांगें पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी है.

प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी ने बताया कि वर्तमान में कई जिलों में कार्यरत एनएचएम कर्मचारियों की वार्षिक मूल्यांकन प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं देखी जा रही है। द्वेषपूर्ण कार्यवाही कर कर्मचारियों का CR खराब किया जाता है। दुर्भावनापूर्ण इन्क्रीमेंट रोका जाता है, इससे न केवल कर्मचारियों के मनोबल पर प्रभाव पड़ता है बल्कि उनकी वेतन वृद्धि और भविष्य की नियुक्तियों पर भी प्रतिकूल असर होता है।

डॉ. मिरी ने कहा, विगत वर्षों में कई जिलों मे दुर्भावनावश मानव संसाधन के इतर कई कर्मचारियों को निकाला गया था, जो उच्च न्यायालय के आदेश पर पुनः वापस आए हैं. जब कोर्ट ने कर्मचारियों के विरुद्ध किए गए दुर्भावनापूर्ण कार्यावाही को गलत ठहराया है तो राज्य कार्यालय को इस दिशा में सभी सीएमएचओ को दिए गए कार्यदायित्वों के आधार CR मूल्यांकन करने की आवश्यकता है, न कि दुर्भावनापूर्ण कार्यवाही की.

संवेदनशील मुद्दे पर शीघ्र संज्ञान लेने की जताई उम्मीद

संगठन ने मांग की है कि CR भरने की प्रक्रिया के लिए एक स्पष्ट समय-सीमा तय की जाए और सभी संबंधित अधिकारियों जैसे CMHO, BMO एवं अन्य जिला अधिकारी को इस बाबत आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया जाए. साथ ही संगठन ने यह भी सुझाव दिया है कि इस प्रक्रिया की निगरानी के लिए मिशन स्तर पर एक सशक्त तंत्र विकसित किया जाए, जिससे कर्मचारियों को न्याय मिल सके. संघ ने आशा जताई है कि शासन इस संवेदनशील मुद्दे पर शीघ्र संज्ञान लेगा और कर्मचारियों के हित में त्वरित निर्णय लिया जाएगा. प्रदेश प्रवक्ता पुरन दास ने कहा कि किसी भी जिला या ब्लॉक में विपरीत CR के प्रकरण बिना किसी ठोस कारण के पाए जाने पर छत्तीसगढ़ प्रदेश NHM कर्मचारी संघ आंदोलन के लिए बाध्य होगा.

अब घर बैठे उपभोक्ता रख सकेंगे अपना पक्ष, कंज्यूमर कोर्ट रायपुर में शुरू हुई ई-हियरिंग, 17 जिलों में भी विस्तार की तैयारी

रायपुर-  उपभोक्ता मामलों में अब न्याय के लिए बार-बार अदालत के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। छत्तीसगढ़ में उपभोक्ता अदालतों में ई-हियरिंग की सुविधा शुरू हो गई है, जिससे कोई भी व्यक्ति वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए घर बैठे अपना पक्ष रख सकेगा। यह सुविधा आज रायपुर जिले से शुरू की गई है, जिसे आगामी महीनों में 17 जिलों में विस्तारित किया जाएगा। उपभोक्ता कोर्ट रायपुर में ई-हियरिंग का शुभारंभ उपभोक्ता संरक्षण मंत्री दयाल दास बघेल ने किया।

खाद्य मंत्री बघेल ने शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ई-हियरिंग के माध्यम से उपभोक्ता मामलों का प्रबंधन बेहतर ढंग से किया जा सकेगा साथ ही ई-हियरिंग से लंबित मामलों की संख्या में भी कमी आएगी। उन्होंने कहा कि ई-हियरिंग से नागरिकों और वकीलों को न्यायालयों तक पहुंचना आसान होगा। ई-हियरिंग से उपभोक्ता मामलों को जल्दी से हल किया जा सकेगा जिससे नागरिकों को त्वरित न्याय प्राप्त होगा।

उन्होंने ने कहा कि ई-हियरिंग से अदालतों के बुनियादी ढाचों पर खर्च कम होता है। ई-हियरिंग से प्रकरणाों की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होती है जिससे परदर्शिता और जवाबदेही बढ़ती है।

कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम चौरड़िया, रायपुर जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष डाकेश्वर शर्मा, बार काउंसिल रायपुर के अध्यक्ष हितेन्द्र तिवारी सहित अधिवक्तागण शामिल थे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने बासिंग स्थित बीएसएफ कैम्प पहुंचकर की जवानों की हौसला अफजाई, कहा- फोर्स के अदम्य साहस और शौर्य को नमन

रायपुर-  प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि हमारे जवानों का हौसला दुर्गम पहाड़ों से भी ऊंचा है। नक्सलवाद के विरूद्ध निर्णायक लड़ाई में हमारे जवानों ने अदभुत, साहस, शौर्य और पराक्रम का परिचय दिया है। जवानों के बुलंद हौसलों से अब वह दिन दूर नहीं जब बस्तर से नक्सलवाद का नामोनिशान मिट जाएगा।

मुख्यमंत्री श्री साय आज ओरछा ब्लॉक के ग्राम बासिंग स्थित बीएसएफ कैम्प पहुंचे, जहां पर उन्होंने 21 मई को डीआरजी-बीएसएफ और जिला बल के द्वारा माओवादियों के विरूद्ध नारायणपुर, दंतेवाड़ा और बीजापुर की सरहदी पहाड़ियों में चलाए गए नक्सल विरोधी ऑपरेशन में 27 नक्सलियों को मार गिराने वाले जवानों की हौसला-अफजाई की। उन्होंने बासिंग कैम्प में जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि यह माओवाद के विरूद्ध अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है जिसमें सुरक्षा बलों ने हार्डकोर माओवादी बसवा राजू सहित 27 नक्सलियों को मार गिराया है। मुख्यमंत्री के साथ उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा और वन मंत्री केदार कश्यप, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह भी बासिंग पहुंचे।मुख्यमंत्री ने जवानों की हौसला अफ़ज़ाई करते हुए तिलक लगाकर उनका अभिनंदन किया। उन्होंने जवानों से कहा कि बस्तर में अमन और शांति लाने में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका है। मुख्यमंत्री ने सुरक्षा बल के जवानों को 50 मोटर बाइक पर हरी झंडी दिखाकर गस्त करने के लिए रवाना किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने जवानों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि सुरक्षा बलों ने जिस तरह उच्च स्तरीय रणनीति बनाकर ऑपरेशन को अंजाम दिया और कामयाबी हासिल की वह काबिले-तारीफ है। फोर्स के इस अदम्य साहस और शौर्य को नमन है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि अब वह दिन दूर नहीं जब बस्तर के माथे से माओवाद का कलंक पूरी तरह से मिट जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक देश से नक्सल समस्या को समूल समाप्त करने का संकल्प लिया है, वह पूरा होता नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने आगे कहा कि वह दिन दूर नहीं जब बस्तर अंचल छत्तीसगढ़ के विकास से पूरी तरह जुड़ जाएगा। उन्होंने उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि बस्तर के अंदरूनी इलाके, जहां कुछ साल पहले तक जाना भी संभव नहीं था, वहां अब शिक्षा, स्वास्थ्य, जनकल्याणकारी कार्यक्रमों के क्रियान्वयन और निर्माण कार्यों में अब गति आएगी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि माओवाद प्रभावित क्षेत्रों को शासन की योजनाओं से जोड़ने नियद नेल्लानार, पीएम जनमन जैसी योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिसका सकारात्मक बदलाव अब बस्तर में दिखने लगा है। माओवाद की समाप्ति के साथ ही बस्तर विकास की ओर तेजी से बढ़ेगा। उन्होंने ऑपरेशन में शामिल सभी जवानों को अपनी शुभकामनाएं देते हुए उनकी बहादुरी के लिए बधाई दी। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि इस ऑपरेशन और जवानों की बड़ी और ऐतिहासिक सफलता की सराहना राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी हो रही है। उन्होंने कहा कि अब बस्तर में बड़ा और सकारात्मक परिवर्तन होने जा रहा है जो विकास और प्रगति की राह पर बस्तर को ले जाएगा।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने जवानों को एलईडी सेट और गिफ्ट हैम्पर भेंट किए। इस अवसर पर ऑपरेशन में शामिल जवानों ने की गई तैयारियों और रणनीति की जानकारी मुख्यमंत्री एवं उप मुख्यमंत्री को दी। इसके पहले, जवानों ने मुठभेड़ के बाद माओवादियों से रिकवर किए गए हथियारों का प्रदर्शन किया, जिसमें बीजीएल लॉन्चर, 12 बोर बंदूक, .303 बंदूक, 7.62 रायफल, 5.56 एमएम इंसास, एके-47, 9 एमएम कार्बाइन सहित विभिन्न प्रकार के हथियार सम्मिलित थे।

इस मौके पर पुलिस महानिदेशक अरूण देव गौतम, एडीजी नक्सल ऑपरेशन विवेकानंद सिन्हा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, बस्तर कमिश्नर डोमन सिंह, आईजी सुंदरराज पी, डीआईजी अमित तुकाराम कामले, कलेक्टर नारायणपुर प्रतिष्ठा ममगाईं, पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं ग्रामीणजन उपस्थित थे।

गुंडे-बदमाशों की अब खैर नहीं : एक्शन में पुलिस, शहर में उपद्रवियों का निकाला जुलूस

खैरागढ़- जिला मुख्यालय में आज एक अलग ही नजारा देखने को मिला। सड़कों पर कुछ चेहरों पर शर्म की लाली थी तो वहीं आम लोगों के चेहरों पर संतोष की झलक थी। यह सब खैरागढ़ पुलिस की उस सख्त कार्रवाई के चलते हुआ, जिसमें सार्वजनिक स्थानों पर शराब पिलाने और उपद्रव करने वालों को न केवल गिरफ्तार किया गया, बल्कि उन्हें सरेआम शहर में पैदल घुमाकर जुलूस निकाला गया।

पुलिस ने यह कार्रवाई उन लोगों के खिलाफ की, जो खुलेआम सार्वजनिक स्थलों को नशे का अड्डा बना रहे थे। धरमपुरा, तूरकारीपारा और दाऊउचौरा क्षेत्र में दबिश देकर पुलिस ने पांच आरोपियों को रंगे हाथों पकड़ा, जो सड़क किनारे शराब पिलाने की सुविधा मुहैया करा रहे थे। इन सभी के खिलाफ छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम की धारा 36(C) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

पकड़े गए आरोपियों में अमित कंडारा, चेतन सारथी, गणेश निषाद, संजय ढीमर और मनीष यादव शामिल हैं। पुलिस का कहना है कि इन लोगों की वजह से न केवल क्षेत्र की शांति भंग हो रही थी, बल्कि युवाओं को गलत दिशा में धकेलने का काम भी हो रहा था। वहीं दूसरी ओर उन लोगों पर भी सख्त कार्रवाई की गई, जो क्षेत्र में उपद्रव फैला रहे थे और आम जनजीवन को बाधित कर रहे थे। फनीश उर्फ अमन रजक, भोजराज उर्फ बुटीक रजक और त्रिभुवन ध्रुव नामक व्यक्तियों को पकड़कर उनके खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करते हुए न्यायालय में पेश किया गया।

पुलिस का संदेश – अपराध फैलाने वालों के लिए अब कोई जगह नहीं

पुलिस ने इन उपद्रवियों को पूरे शहर में पैदल जुलूस के रूप में घुमाया, ताकि समाज में एक स्पष्ट संदेश जा सके कि कानून तोड़ने वालों को अब सरेआम शर्मिंदगी झेलनी होगी। इस कार्रवाई से एक ओर जहां अपराधियों में डर का माहौल बना है, वहीं आम नागरिकों में राहत की भावना देखी जा रही है। खैरागढ़ पुलिस की यह सख्त और संदेशात्मक कार्रवाई यह साफ कह रही है कि शहर में अपराध और अराजकता फैलाने वालों के लिए अब कोई जगह नहीं है।

अजीत जोगी की प्रतिमा पर विवाद : CMO ने जोगी की प्रतिमा हटाने ठेकेदार को जारी किया नोटिस, कहा – बिना वर्क आर्डर की गई है स्थापना

गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही- गौरेला में जन्मे छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी की प्रतिमा लगाए जाने को लेकर विवाद गरमाता जा रहा है. दरअसल गौरेला के ज्योतिपुर चौक में पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी की प्रतिमा स्थानीय ठेकेदार गणेश कंस्ट्रक्शन ने स्थापित की है. बताया जा रहा है कि उस स्थान पर ठेकेदार को चबूतरा और गार्डन निर्माण का ही वर्क आर्डर जारी किया गया था. प्रतिमा लगाए जाने का कोई भी वर्क आर्डर जारी नहीं किया गया था. प्रतिमा लगाने के बाद मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने ठेकेदार गणेश कंस्ट्रक्शन को नोटिस जारी कर जोगी की प्रतिमा को हटाने का आदेश दिया है.

ठेकेदार को जारी नोटिस में कहा गया है कि 24 घंटे के अंदर प्रतिमा नहीं हटाए जाने पर गणेश कंस्ट्रक्शन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. बताया जा रहा कि इसी स्थान पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा लगाए जाने का प्रस्ताव नगर पालिका परिषद ने पारित किया था.


जोगी की प्रतिमा हटाना जनभावनाओं के विरुद्ध होगा : पार्षद रियाज

जोगी की प्रतिमा को लेकर हो रहे विवाद पर स्थानीय पार्षद रियाज कुरैशी का कहना है कि अजीत जोगी की प्रतिमा हटाया जाना जनभावनाओं के विरुद्ध होगा. अजीत जोगी इस क्षेत्र के माटी पुत्र हैं. उन्होंने अपने नगर का नाम देश-विदेश तक रोशन किया है. साथ ही वे इस प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं, इसलिए जो प्रतिमा स्थापित हो चुकी है उसे नहीं हटाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, पूर्व में नगर पालिका ने जो चबूतरा निर्माण के लिए टेंडर जारी किया उसमें अजीत जोगी की प्रतिमा लगाए जाने को लेकर ही किया गया था.

चबूतरा, गार्डन बनाने का वर्क आर्डर जारी किया था, प्रतिमा का नहीं : CMO

गौरेला मुख्य नगर पालिका अधिकारी नारायण साहू के अनुसार गौरेला के ज्योतिपुर तिराहे में ठेकेदार को चबूतरा निर्माण और गार्डन बनाने का वर्क आर्डर नगर पालिका ने जारी किया था. प्रतिमा लगाने का कोई वर्क आर्डर जारी नहीं किया गया था. स्थल निरीक्षण के दौरान पाया गया कि वहां ठेकेदार ने अनाधिकृत रूप से पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की प्रतिमा को लगाया है. अप्रैल माह में गौरेला नगर पालिका परिषद की बैठक में इस स्थान पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा लगाए जाने का प्रस्ताव पारित किया गया था.

नाबालिग से अनाचार करने वाला आरोपी थाने से फरार, पुलिस महकमे में मचा हड़कंप

बेमेतरा- पुलिस की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। नाबालिग बच्ची से अनाचार के गंभीर मामले में गिरफ्तार किया गया आरोपी रात के अंधेरे में थाने से फरार हो गया। यह थानखम्हरिया थाना का है।

मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस ने इस मामले को मीडिया से छुपाने का भरपूर प्रयास किया, लेकिन जानकारी लीक होने के बाद अब महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। आरोपी की फरारी ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। फरार आरोपी नवागढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत चंदनू चौकी के देवरी ग्राम का रहने वाला है।

बता दें कि हाल ही में संबलपुर चौकी क्षेत्र में भी इसी तरह के एक मामले में आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर ग्रामीणों ने चौकी का घेराव कर प्रदर्शन किया था। अब लगातार सामने आ रहे ऐसे मामलों से पूरे जिले में पुलिस की फजीहत हो रही है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बासिंग में लगाई चौपाल, सौगातों की बारिश से ग्रामीणों के चेहरे खिले

रायपुर-  सुशासन तिहार के तहत छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज नारायणपुर जिले के ओरछा ब्लॉक स्थित ग्राम बासिंग में बीएसएफ कैम्प परिसर में चौपाल लगाकर जनसंवाद किया। नीम वृक्ष की छांव में खाट पर बैठकर मुख्यमंत्री ने न केवल ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं, बल्कि मौके पर ही एक करोड़ रुपये से अधिक की सौगातों की घोषणा कर लोगों का दिल जीत लिया।

चौपाल में मुख्यमंत्री श्री साय के साथ उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, वन मंत्री केदार कश्यप, मुख्य सचिव अमिताभ जैन एवं मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह भी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि 8 अप्रैल से पूरे प्रदेश में सुशासन तिहार के अंतर्गत जनसंवाद और योजनाओं के क्रियान्वयन की वास्तविक स्थिति जानने के लिए वे स्वयं क्षेत्रों में पहुंच रहे हैं।

चौपाल के दौरान ग्रामीणों ने पारंपरिक साफा और कलगी पहनाकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। समर कैम्प में प्रशिक्षण प्राप्त युवतियों ने स्वहस्तनिर्मित गुलदस्ते भेंट किए। मुख्यमंत्री ने कक्षा 10वीं के मेधावी छात्रों को सम्मानित किया और हॉफ मैराथन विजेता छात्र को प्रोत्साहित किया। मुख्यमंत्री ने महतारी वंदन योजना की समीक्षा की और कहा कि कोई भी पात्र महिला इस योजना से वंचित नहीं रहेगी। ग्रामवासी महेश्वरी दुग्गा और श्रीमती मनकाय ने योजना के लाभ साझा करते हुए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया।

मुख्यमंत्री ने नक्सल समस्या पर दो टूक कहा कि अबूझमाड़ क्षेत्र के लोगों के सहयोग से नक्सलवाद को समाप्त करने का राष्ट्रीय संकल्प मार्च 2026 तक पूरा होगा। उन्होंने आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए बनी पुनर्वास नीति को देश की सर्वश्रेष्ठ नीति बताया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा, नोनी सशक्तिकरण, मिनीमाता महतारी जतन योजना के तहत हितग्राहियों को चाबियां, चेक और नकद सहायता राशि प्रदान की। उन्होंने दिव्यांग हितग्राही को व्हीलचेयर भी सौंपी।

मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों की मांग पर मुरहापदर में पुलिया निर्माण हेतु 20 लाख रुपये, बासिंग में खेल मैदान और बालक आश्रम/शाला मरम्मत हेतु 20 लाख रुपये,मुरहापदर और एहनार में आंगनबाड़ी भवन हेतु 24 लाख रुपये, बासिंग में हाट बाजार से बस्ती तक सीसी सड़क हेतु 25 लाख रुपये, कुंदला, बासिंग व मुरहापदर में नवीन घोटूल हेतु 15 लाख रुपये की घोषणा की। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने ओरछा में आदिवासी विकास विभाग द्वारा 8 करोड़ की लागत से निर्मित 250 सीटर छात्रावास भवन, जल आपूर्ति एवं विद्युतीकरण कार्य का लोकार्पण भी किया।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आईटीएसए अस्पताल का किया शुभारंभ, छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं को मिलेगी नई ऊँचाई

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राजधानी रायपुर में अंबुजा मॉल के सामने स्थित ISTA मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल का भव्य उद्घाटन किया. ISTA Multispeciality Hospital मध्य-भारत का पहला Hi-tech अस्पताल है, जहां ऐसी कई सुविधाओं की शुरुआत की गई है जो प्रदेश के ही नहीं बल्कि देश भर के लोगों के लिए वरदान की तरह साबित होगा. इसके साथ ही स्वास्थ्य के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ का नाम अब अग्रिम पंक्ति में लिया जाएगा.

मुख्यमंत्री ने जताया भरोसा

इस अवसर पर सीएम साय ने अस्पताल परिसर का भ्रमण किया, डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ से बातचीत की और उपलब्ध चिकित्सा सेवाओं का जायजा लिया. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि “350 बिस्तरों वाला यह मल्टीस्पेशलिटी, पीडियाट्रिक और वेलनेस सेंटर रायपुर ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं देगा.”

उन्होंने आगे बताया कि राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र में निरंतर सुधार किया जा रहा है. नवा रायपुर अटल नगर में 5,000 बिस्तरों वाला मेडिसिटी प्रोजेक्ट विकसित किया जा रहा है, जो भविष्य में एक प्रमुख मेडिकल हब बनेगा.

विधानसभा अध्यक्ष से लेकर मंत्रीगण रहे मौजूद

ISTA अस्पताल के उद्घाटन कार्यक्रम में कई प्रमुख राजनेता और अधिकारी मौजूद रहे, जिनमें विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा एवं अरुण साव, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, विधायक राजेश मूणत, पुरन्दर मिश्रा, मोतीलाल साहू, अनुज शर्मा और CGMSC अध्यक्ष दीपक महस्के मौजूद रहे.

“विश्वास, सुविधा और सेवा” का प्रतीक है ISTA – निदेशक मंडल

ISTA Hospitals के निदेशक सुनील बालानी, डॉ. राजकुमार बरनवाल, डॉ. सचिन पिटलावार और विनिता बालानी ने अस्पताल को “विश्वास, सुविधा और सेवा” का प्रतीक बताया. उनका कहना है कि यह अस्पताल प्रदेश की चिकित्सा छवि को नई ऊंचाई देगा.

तीन प्रमुख खंडों में विभाजित अस्पताल

अस्पताल को तीन अलग-अलग खंडों में विभाजित किया गया है:

1. नवजात एवं शिशु चिकित्सा खंड (175 बेड)

यहाँ बच्चों और नवजातों के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम उपलब्ध है, जो जन्मजात रोगों से लेकर जटिल चिकित्सा समस्याओं तक का इलाज करेगी.

2. वयस्क चिकित्सा खंड (175 बेड)

इस खंड में कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, ऑर्थोपेडिक्स, गैस्ट्रो और कैंसर जैसी बीमारियों का इलाज किया जाएगा.

3. वेलनेस सेंटर

यहाँ नियमित हेल्थ चेकअप, रोबोटिक रिहैबिलिटेशन, और फिजियोथेरेपी जैसी सेवाएं प्रदान की जाएंगी.

Hi- Technology और मानवीय सेवा का संगम

1. NICU: 500 ग्राम तक के नवजातों के लिए जीवन रक्षक सुविधा

ISTA अस्पताल में 90-बेड का NICU स्थापित किया गया है, जो मध्य भारत का सबसे बड़ा NICU है. यहां INO टेक्नोलॉजी आधारित उपकरण लगाए गए हैं, जिनकी मदद से 500 ग्राम वजन तक के नवजातों को भी बचाया जा सकता है. यह सुविधा भारत में केवल 4 स्थानों पर है. यह मध्य भारत का पहला और एक मात्र HI-Tech अस्पताल है, जो रायपुर में है.

2. मध्य भारत का पहला रोबोटिक रिहैब सेंटर

पैरालिसिस, हार्ट सर्जरी और ज्वाइंट रिप्लेसमेंट के बाद मरीजों की तेज़ रिकवरी के लिए रोबोटिक रिहैब की सुविधा शुरू की गई है.

3. दुनिया का सबसे एडवांस माइक्रोस्कोप – Carl Zeiss

ISTA अस्पताल में ब्रेन ट्यूमर जैसी जटिल सर्जरी के लिए Carl Zeiss का स्टेट ऑफ द आर्ट माइक्रोस्कोप लगाया गया है, जिससे न्यूरो सर्जरी आसान और अधिक प्रभावी बनती है.

4. लकवा मरीजों के लिए अलग यूनिट

लकवे के मरीजों को यदि 4 से 6 घंटे के भीतर अस्पताल लाया जाए तो उन्हें पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है. इसके लिए विशेष यूनिट विकसित की गई है.

5. स्पीच थेरेपी, ऑटिस्टिक केयर और न्यूरो साइकोलॉजी यूनिट

मानसिक और व्यवहारिक चिकित्सा के लिए अलग से प्रशिक्षित विशेषज्ञों की टीम उपलब्ध है.

मरीजों और परिजनों के लिए विशेष सुविधा

अस्पताल प्रशासन ने मरीजों के परिजनों के आराम का भी पूरा ध्यान रखा है. ICU मरीजों के परिजनों के लिए 108 रिक्लाइनर चेयर-कम-बेड लगाए गए हैं, जहां वे आराम कर सकते हैं. इसके अलावा:

  • आईसीयू एंबुलेंस सेवा
  • आयुष्मान योजना के तहत पूर्ण कैशलेस इलाज
  • वाइटल्स मॉनिटरिंग के लिए मोबाइल ऐप सुविधा.