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नक्सल हमले में शहीद नरेश ध्रुव के परिवार को मिला पुलिस सैलरी पैकेज का लाभ, एसपी ने बैंक अधिकारियों के साथ सौंपा एक करोड़ का चेक

बलौदाबाजार- बीजापुर जिले में नक्सल हमले में शहीद प्रधान आरक्षक नरेश ध्रुव के परिवार को पुलिस सैलरी पैकेज के तहत एक करोड़ रुपए दिया गया. इस राशि का चेक पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता ने एसबीआई के अधिकारियों के साथ शहीद के परिवार को सौंपा.

बता दें कि 9 फरवरी 2025 को बीजापुर जिले में नक्सल अभियान के दौरान ग्राम गुर्रा थाना भाटापारा ग्रामीण निवासी प्रधान आरक्षक नरेश ध्रुव वीरगति को प्राप्त हुए थे. शहीद नरेश ध्रुव ने अपनी नौकरी के दौरान अपना वेतन पुलिस सैलरी पैकेज के तहत रूपांतरित करवाया था, जिसका लाभ आज शहीद के परिवार को मिला. पुलिस सैलरी पैकेज के तहत भारतीय स्टेट बैंक ने शहीद नरेश ध्रुव के परिवार को एक करोड़ रुपए का चेक प्रदान किया.

परिजन बोले – परिवार के जीवकोपार्जन, बच्चों की पढ़ाई में खर्च करेंगे पैसा

इस अवसर पर भावना गुप्ता ने शहीद नरेश ध्रुव के परिवार जनों से कहा कि शहीद नरेश की कमी की पूर्ति तो नहीं की जा सकती, लेकिन इस राशि का उपयोग आप अपने परिवार एवं बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए उपयोग में लाएं, ताकि परिवार के बच्चे बेहतर शिक्षा पाकर एक शिक्षित एवं कामयाब इंसान बन पाए. चेक पाकर शहीद परिवार ने पुलिस अधीक्षक का धन्यवाद करते हुए उक्त पैसों को अपने परिवार के रहन-सहन एवं बच्चों के उच्च शिक्षा में खर्च करने की बात कही. इस दौरान अभिषेक सिंह अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बलौदाबाजार, क्षेत्रीय व्यवसाय कार्यालय बिलासपुर से नरेंद्र कुमार मित्तल क्षेत्रीय प्रबंधक, इंद्र प्रकाश सिंघल मुख्य प्रबंधक, कृषि वाणिज्यिक शाखा भाटापारा से अनुपम कुमार सिंह मुख्य प्रबंधक (शाखा प्रबंधक) उपस्थित रहे.

छत्तीसगढ़ के पेंशनरों को बड़ी राहत: साय सरकार ने महंगाई राहत दरों में की वृद्धि, आदेश जारी

रायपुर- छत्तीसगढ़ के पेंशनरों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। साय सरकार ने राज्य के पेंशनरों की महंगाई राहत की दर में वृद्धि का आदेश जारी किया है, जिसके मुताबिक अब सातवें वेतनमान के तहत महंगाई राहत 53 प्रतिशत हो गई है, जबकि छठवें वेतनमान के अनुसार यह राहत 246 प्रतिशत होगी। यह नई दरें 1 मार्च 2025 से लागू होंगी। इस संबंध में शासन के समस्त विभागों, अध्यक्ष राजस्व मंडल बिलासपुर, सभी विभागाध्यक्षों, संभागायुक्तों एवं कलेक्टरों को वित्त विभाग, मंत्रालय से पत्र जारी किया गया है।

देखें आदेश –

37,75,70,682 की लागत से पूरा होगा स्काई वॉक का निर्माण, PWD ने जारी किया नोटिफिकेशन, 2019 में भूपेश सरकार ने लगाई थी रोक

रायपुर- रायपुर के बहुप्रतीक्षित और लंबे समय से विवादों में रहे स्काई वॉक प्रोजेक्ट (फुट ओवर ब्रिज) को अब फिर से पूरा किया जाएगा। लगभग 8 वर्षों तक रुके रहने के बाद, इस प्रोजेक्ट पर दोबारा काम शुरू होने जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल में इस स्काई वॉक के ड्राइंग और डिजाइन को स्वीकृति मिली थी, लेकिन भूपेश सरकार ने इसे रोक दिया था। अब साय सरकार उसी पुराने प्रारूप पर इसे पूरा करने जा रही है।

बता दें कि करीब 8 सालों से अधूरे खड़े स्काई वॉक के ढांचे को पूरा करने के लिए लोक निर्माण विभाग (PWD) ने टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है। इसका नोटिफिकेशन भी जारी हो गया है, जिसके अनुसार, पी.एस.ए.ए. कंस्ट्रक्शन प्रा. लि. रायपुर को इस परियोजना का ठेका दिया गया है। कंपनी ने अनुमानित लागत ₹31.41 करोड़ से 20.17% अधिक दर यानी ₹37,75,70,682.00 (₹37.75 करोड़) की दर से निविदा भरी थी, जिसे शासन से स्वीकृति मिल चुकी है।

आदेश में स्काई वॉक प्रोजेक्ट को लेकर दिशा-निर्देश

  • कार्य पूर्व स्वीकृत ड्राइंग-डिजाइन के अनुरूप ही पूरा किया जाएगा।
  • सभी नॉन एसओआर (Non SOR) मदों की दरों का विश्लेषण कर अनुमोदन सुनिश्चित किया जाएगा।
  • कार्य की गुणवत्ता पर विशेष निगरानी रखने और कार्य अनुबंधित समय सीमा में पूरा करने के निर्देश हैं।
  • यह कार्य सबलेट नहीं किया जा सकेगा और पावर ऑफ अटॉर्नी मान्य नहीं होगी।
  • कार्य अनुबंध के अनुसार और बजट सीमा के भीतर ही किया जाएगा।

देखें आदेश

इस प्रोजेक्ट को साल 2017 में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की सरकार में स्वीकृति मिली थी, लेकिन साल 2019 में कांग्रेस के सत्ता में आते ही इसे रोक दिया गया था। इस दौरान मेरा 70 फीसदी काम हो चुका था। इसके बाद एक सुझाव समिति का गठन किया गया, लेकिन 5 सालों में उसने सिर्फ चर्चा की, कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

स्काई वॉक का निर्माण कार्य बंद होने से सुझाव कमेटी ने कई तरह के बयानबाजी की। कभी नगर निगम में प्रयोग के तौर पर स्काई वॉक के पिलर पर वर्टिकल गार्डन बनाया, कभी पेंटिंग बनवाई गई। इस बीच इसके कई हिस्से कमजोर हो गए हैं। कुछ पुरजे भी गिर चुके हैं। अब साय सरकार द्वारा इसे फिर से शुरू किया जा रहा है, जिससे राजधानी रायपुर को जल्द ही बहुप्रतीक्षित स्काई वॉक मिलने की उम्मीद है।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पहुंचे एम्स, नक्सल हमले में घायल जवानों का जाना हालचाल

रायपुर- छत्तीसगढ़ के बीजापुर में कर्रेगुट्‌टा की पहाड़ी पर सुरक्षा बलों ने 21 दिनों तक सबसे बड़ा एंटी नक्सल ऑपरेशन चलाया, जिसमें 31 नक्सली मारे गए. इस ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बल के 18 जवान घायल हुए, जिसमें से कुछ जवानों का इलाज दिल्ली एम्स में चल रहा है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को दिल्ली एम्स पहुंचकर घायल जवानों से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना. इस दौरान डिप्टी सीएम विजय शर्मा भी मौजूद थे.

इस ऑपरेशन में कोबरा बटालियन के असिस्टेंट कमांडेंट सागर गणेश बोराडे, हेड कांस्टेबल मुनेश चंद शर्मा, कांस्टेबल कृष्ण कुमार गुर्जर और कांस्टेबल धनु राम घायल हुए हैं. केंद्रीय गृहमंत्री ने घायल जवानों से मुलाकात कर उनका हौसला भी बढ़ाया और जल्द स्वस्थ होने की कामना भी की .

बायो-सीएनजी संयंत्रों हेतु भूमि आबंटन के लिए राज्य शासन ने कलेक्टरों को लिखा पत्र

रायपुर-  राज्य शासन ने जैव अपशिष्ट और कृषि अपशिष्ट के प्रसंस्करण के लिए नगरीय निकायों में स्थापित किये जाने वाले बायो-सीएनजी संयंत्रों हेतु भूमि आबंटन के लिए सभी जिलों के कलेक्टरों को परिपत्र जारी किया है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा मंत्रालय से जारी परिपत्र में विगत 17 अप्रैल को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में लिए गए निर्णय का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि मंत्रिपरिषद के निर्णय के परिपालन में राज्य के सभी नगरीय निकायों में जैव अपशिष्ट-सह-कृषि अपशिष्ट के प्रसंस्करण के लिए स्थापित किये जा रहे बायो-सीएनजी संयंत्रों हेतु रियायती लीज (Lease) दरों पर शासकीय भूमि का आबंटन किया जाना है। बायो-सीएनजी संयंत्रों की स्थापना हेतु आवश्यक कार्यवाही के लिए नगरीय प्रशासन विभाग और संबंधित नगरीय निकाय को अधिकृत किया गया है।

राज्य शासन ने नगरीय निकायों में जैव अपशिष्ट और कृषि अपशिष्ट के प्रसंस्करण के लिए स्थापित किये जा रहे बायो-सीएनजी संयंत्रों हेतु सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों एवं शासकीय तेल और गैस विपणन कंपनियों को बायो-सीएनजी संयंत्रों के लिए अधिकतम दस एकड़ शासकीय भूमि का आबंटन रियायती लीज दर एक रुपए प्रति वर्गमीटर के मान से करने के लिए कलेक्टरों को निर्देशित किया है। विभाग ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों एवं शासकीय तेल और गैस विपणन कंपनियों को अधिकतम 25 वर्षों की लीज पर भूमि आबंटित करने के लिए आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।

सरकारी नौकरी का झांसा…GRP आरक्षक ने दिव्यांग से की लाखों रूपये की ठगी, अब पहुंचा सलाखों के पीछे

रायपुर- छत्तीसगढ़ में एक बार फिर पुलिस विभाग में नौकरी लगाने के नाम पर ठगी का बड़ा मामला सामने आया है। खमतराई थाना क्षेत्र में पुलिस ने आरोपी जय कुमार वर्मा को गिरफ्तार किया है, जो वर्तमान में रेलवे पुलिस (GRP) रायपुर में प्रधान आरक्षक के पद पर पदस्थ है। आरोपी पर एक विकलांग व्यक्ति सहित कई लोगों से लाखों रुपये ठगने का आरोप है।

6 साल तक देता रहा झांसा, फिर भी नहीं दिला पाया नौकरी

मामले की शुरुआत 2017 में हुई, जब पुलिस विभाग में आरक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी हुआ था। इसी दौरान जांजगीर-चांपा जिले के ग्राम परसदा निवासी महेन्द्र सिंह मानसर ने अपने भाई भूपेन्द्र सिंह मानसर के लिए आवेदन किया। इस प्रक्रिया के दौरान आरोपी जय वर्मा की मुलाकात महेन्द्र से बिलासपुर रेलवे स्टेशन में हुई, जहां जय ने खुद को मंत्रियों और अफसरों का करीबी बताते हुए नौकरी लगवाने का झांसा दिया।

महेंद्र सिंह ने अपने भाई के उज्जवल भविष्य की उम्मीद में अपनी कृषि भूमि गिरवी रखकर 10 लाख रुपये आरोपी को दिए। इनमें से 9 लाख नगद खमतराई निवासी मनोज मिंज के घर में दिए गए, जहां गवाह के तौर पर मनोज की मां और अन्य लोग भी मौजूद थे। इसके अलावा 1 लाख रुपये महेन्द्र ने बिलासपुर रेलवे स्टेशन के पास एक एटीएम से निकासी कर आरोपी को सौंपा।

कई लोगों से लाखों की ठगी

केवल महेन्द्र ही नहीं, बल्कि आरोपी ने अपने गांव और अन्य स्थानों के कई युवाओं को भी नौकरी का झांसा देकर उनसे लाखों रुपये ठग लिए। जब भर्ती प्रक्रिया पूरी हुई और महेन्द्र के भाई सहित अन्य अभ्यर्थी असफल रहे, तो उन्होंने रकम वापसी की मांग की। आरोपी जय वर्मा ने बार-बार टालमटोल करते हुए रकम नहीं लौटाई। हालांकि, वर्ष 2019 में महेन्द्र के परिवार में शादी समारोह के दौरान आरोपी ने महज़ 2 लाख रुपये की राशि लौटाई, शेष रकम आज तक नहीं दी।

धोखाधड़ी का मामला दर्ज, आरोपी गिरफ्तार

महेंद्र सिंह की शिकायत पर खमतराई थाना पुलिस ने आरोपी जय कुमार वर्मा के खिलाफ धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत अपराध क्रमांक 440/25 दर्ज किया। पुलिस ने उसे आज गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है।

प्रधान आरक्षक पर नौकरी दिलाने के नाम पर 3 लोगों से 5-5 लाख लेने का आरोप, पीड़ित सैनिकों ने थाने में की शिकायत

कवर्धा-  एसआईबी में पदस्थ प्रधान आरक्षक बहादुर सिंह मरावी पर तीन गोपनीय सैनिकों ने गंभीर आरोप लगाया है। सैनिकों का दावा है कि मरावी ने आरक्षक की नौकरी दिलाने के नाम पर 3 लोगों से 5-5 लाख रुपये की वसूली की है। आरोप यह भी लगाया गया है कि प्रधान आरक्षक ने विभागीय अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर वाले आरक्षक पद पर नियुक्ति के आदेश थमाए, जो पूरी तरह से फर्जी थे।

इस मामले में पीड़ित सैनिकों ने सिटी कोतवाली कवर्धा में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने शिकायत को गंभीरता से लिया है और मामले की गहनता से जांच कर रही है। प्रधान आरक्षक पर गंभीर आरोप लगने से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। पीड़ित सैनिकों न्याय की उम्मीद करते हुए प्रधान आरक्षक पर उचित कार्रवाई की मांग की है।

मामले की जांच के बाद होगी कार्रवाई : एसपी

इस मामले में कवर्धा एसपी धर्मेंद छवई ने बताया कि प्रधान आरक्षक द्वारा फर्जी नियुक्ति पत्र देने की शिकायत प्राप्त हुई है। मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी. प्रथम दृष्टया नियुक्ति पत्र फर्जी प्रतीत हो रहा है।

बारातियों से भरी बस पलटी, तीन लोगों की मौत, कई घायल, मौके पर मची चीख-पुकार

बलरामपुर- छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में दर्दनाक सड़क हादसा हुआ है. कंठी घाट चांदो में बारातियों से भरी एक बस अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिर गई। हादसे में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई है, जिसमें एक बच्ची, युवक और एक महिला शामिल है. वहीं बस में सवार लगभग 25 लोग घायल हो गए हैं, जिनमें से 7 की हालत गंभीर बताई जा रही है।

बताया जा रहा है कि बस शंकरगढ़ से झारखंड बारात लेकर जा रही थी, इसी दौरान कंठी घाट के पास बस की स्थिति बिगड़ गई और वह गहरी खाई में पलट गई। हादसे की सूचना मिलते ही चांदो पुलिस और 108 एंबुलेंस की टीम मौके पर पहुंची और तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू किया।

हादसे में घायल लोगों को तत्काल चांदो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां से गंभीर रूप से घायल 7 लोगों को अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। अन्य घायलों का इलाज जिला अस्पताल बलरामपुर में जारी है।

वहीं घटना की जानकारी मिलते ही बलरामपुर कलेक्टर राजेंद्र कटारा अस्पताल पहुंचे और घायलों की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों को बेहतर इलाज के निर्देश दिए हैं।

ज्ञात हो कि कंठी घाट रोड निर्माण कार्य एवं घाट कटिंग का कार्य बीते कई वर्षों से चल रहा है, जो कछुए की चाल से भी धीमा है। वहीं जानकारी के अनुसार, जिस बस से बारात लेकर जा रहे थे, उस बस की स्थिति भी काफी खराब थी, फिटनेस भी सही नहीं था। शायद यही कारण है कि इतनी बड़ी घटना घटित हुई।

डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने दिल्ली एम्स में नक्सल हमले में घायल जवानों से की मुलाकात, बढ़ाया हौसला, सरकार की ओर से हर संभव मदद का दिया आश्वासन

रायपुर- उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने आज दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती घायल सीआरपीएफ जवानों से मुलाकात की। उपमुख्यमंत्री ने जवानों के स्वास्थ्य की जानकारी ली और उनका हौंसला बढ़ाया। बता दें कि ये जवान हाल ही में छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर कर्रेगुट्टा पहाड़ (KGH) में नक्सल विरोधी ऑपरेशन के दौरान घायल हुए थे। इस ऑपरेशन में कोबरा बटालियन के असिस्टेंट कमांडेंट सागर गणेश बोराडे, हेड कांस्टेबल मुनेश चंद शर्मा, कांस्टेबल कृष्ण कुमार गुर्जर और कांस्टेबल धनु राम भी शामिल थे।

उपमुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि हमारे वीर जवानों के चेहरे पर मुस्कान देखकर गर्व होता है। आपकी भुजाओं की ताकत और साहस को पूरा देश देख रहा है। मैं आपके साहस और समर्पण को प्रणाम करता हूं। उन्होंने जवानों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की और सरकार की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।

गलगम पहुंचे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, जवानों का हौसला बढ़ाया: नक्सल विरोधी अभियान की सफलता पर दी बधाई

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज बीजापुर जिले के उसूर तहसील के अंदरूनी गांव गलगम पहुंचे, जहाँ उन्होंने सीआरपीएफ के जवानों और स्थानीय ग्रामीणों से मुलाकात कर हालिया नक्सल विरोधी अभियान की सफलता पर चर्चा की। इस अभियान में सुरक्षा बलों ने करेगुट्टा की पहाड़ी पर 21 दिनों तक चले ऑपरेशन में 31 कुख्यात माओवादी आतंकियों को मार गिराया और बड़ी मात्रा में हथियार बरामद किए। मुख्यमंत्री साय ने इस अभियान को नक्सल मुक्त छत्तीसगढ़ के लक्ष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने भारत माता और छत्तीसगढ़ महतारी के जयकारे के उद्बोधन की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि हमारे जवानों ने अदम्य साहस और समर्पण के साथ इस ऑपरेशन को सफल बनाया है। यह न केवल बीजापुर बल्कि पूरे राज्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। गलगम और करेगुट्टा का क्षेत्र लंबे समय से नक्सलियों का गढ़ माना जाता रहा है और इस अभियान ने इस इलाके को सुरक्षित बनाने की दिशा में नई उम्मीद जगाई है। सीआरपीएफ जवानों से मुलाकात के दौरान साय ने उनके साहस की सराहना की और कहा कि आपके शौर्य और निष्ठा से ही हम नक्सलवाद के खिलाफ इस लड़ाई को जीत रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमें सरकार में आए डेढ़ साल हुए हैं और इस अवधि में हमने राज्य में सुशासन स्थापित करने का प्रयास किया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आप लगातार अनेक कठिन नक्सल विरोधी ऑपरेशन को अंजाम दे रहे हैं। आप 44 डिग्री की गर्मी में भी ऑपरेशन चलाते हैं। ऐसे जवानों के अदम्य साहस को मैं नमन करता हूँ। उन्होंने बताया कि वे सुरक्षा कैम्प को सुविधा कैम्प मानते हैं क्योंकि सुरक्षा कैम्प के माध्यम से अब बस्तर के सुदूर इलाकों में अनेक तरह की सुविधाएं पहुंच रही हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय के कहा कि जब हमारी सरकार आयी तो इस क्षेत्र में सबसे पहला कैम्प मूलेर में खोला गया। आज मूलेर समेत आसपास के गांव में राशन की सुविधा, बिजली, स्वास्थ्य, स्कूल, मोबाइल टॉवर जैसी सुविधाएं मिलने लगी हैं। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व और मार्गदर्शन में नक्सल विरोधी अभियान में लगातार सफलता मिल रही है। राज्य में मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त करने का लक्ष्य है, निश्चित रूप से फोर्स के जवानों के अदम्य साहस की बदौलत हम इस संकल्प को पूरा कर लेंगे। उन्होंने कहा बस्तर में नियद नेल्ला नार योजना ने स्थानीय लोगों से जुड़ने में अहम भूमिका निभाई है।

अपने दौरे के दौरान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ग्रामीण हितग्राहियों से भी मुलाकात की और उन्हें राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड का वितरण करते हुए पीएम आवास योजनांतर्गत स्पेशल प्रोजेक्ट नक्सल पीड़ित व आत्मसमर्पित परिवारों को स्वीकृति पत्र प्रदान किया। उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि सरकार क्षेत्र में विकास कार्यों को और अधिक तेज गति से करेगी साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को पूरी तरह नक्सल मुक्त बनाने का लक्ष्य है, और इसके लिए सुरक्षा बलों के साथ-साथ स्थानीय समुदायों का सहयोग भी जरूरी है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि क्षेत्र में सड़क, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं को मजबूत किया जाएगा, ताकि ग्रामीण मुख्यधारा से जुड़ सकें। इसके साथ ही, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने गलगम कैंप में जवानों के साथ तस्वीर खिंचाई और भारत माता के जयकारे से उनका जोश बढ़ाया। जवानों ने भी नारे लगाते हुए देशभक्ति का जज़्बा दिखाया। मुख्यमंत्री ने जवानों संग बैठकर भोजन भी किया।

गलगम कैम्प में हुए आयोजन में पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम ने अपने उद्बोधन में फोर्स के जवानों द्वारा किए जा रहे सिविक एक्शन को सराहा। वहीं कलेक्टर बीजापुर संबित मिश्रा ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को बताया कि सुशासन तिहार-2025 के अंतर्गत बीते कल ही गलगम में समाधान शिविर का आयोजन किया गया था। इस दौरान गलगम कलस्टर में कुल 1590 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से अधिकतर आवेदन वन अधिकार पत्र के थे, जिनका परीक्षण कर सार्थक कार्यवाही की जा रही है।

इस अवसर पर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, बस्तर रेंज आईजी सुंदरराज पी., डीआईजी कमलोचन कश्यप, कलेक्टर संबित मिश्रा, पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र यादव सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी और सुरक्षा बलों के जवान उपस्थित थे।