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बिलासपुर हाईकोर्ट में पहले की तरह रहेगा ग्रीष्मकालीन अवकाश, वापस लिया गया आदेश

बिलासपुर-  हाईकोर्ट बिलासपुर ने ग्रीष्मकालीन अवकाश की तिथि बढ़ाए जाने के संबंध में जारी आदेश को वापस ले लिया है. अब ग्रीष्मकालीन अवकाश की तिथि पहले की तरह रहेगी. बता दें कि भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के चलते छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में गर्मी छुट्टियां रद्द कर दी गई थी. पहले 12 मई से 6 जून तक समर वेकेशन निर्धारित था, जिसे 2 जून से 28 जून तक कर दिया गया था. यह आदेश चीफ जस्टिस के निर्देश पर रजिस्ट्रार जनरल ने जारी किया था.

 

घुसपैठियों की खैर नहीं : छत्तीसगढ़ में चलेगा विशेष अभियान, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा – प्रत्येक जिले में होगा स्पेशल टास्क फोर्स का गठन

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में बीते दिनों 28 अप्रैल की बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य में बंगलादेशी घुसपैठियों, अवैध रूप से निवास कर रहे अप्रवासियों व बिना वैध दस्तावेजों के रहने वाले अनाधिकृत व्यक्तियों की पहचान एवं उन पर प्रभावी कार्रवाई के निर्णय लिए गए थे. इसके लिए प्रत्येक जिले में स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। इस बैठक में उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा सहित पुलिस विभाग के आला अधिकारी उपस्थित थे।

उपमुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि यह अभियान राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि ऐसे तत्व न केवल नागरिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं, बल्कि गंभीर सुरक्षा चुनौतियां भी उत्पन्न करते हैं। इसके रोकथाम के लिए प्रत्येक जिले में स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि अवैध दस्तावेज बनाने वाले एवं बिना वैद्य दस्तावेज वाले व्यक्तियों को लाने में संलग्न अनेक ठेकेदार, टेंट व्यवसायी, गार्डन और कबाड़ी का काम करने वाले लोग छोटा लाभ कमाने के लिए इस कृत्य में जो संलग्न है उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी पत्र में सभी पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया गया है कि वे भारत सरकार एवं वरिष्ठ कार्यालयों की ओर से समय-समय पर जारी किए गए निर्देशों पर कार्रवाई सुनिश्चित करें। निर्देशों के अनुसार राज्य के सभी जिलों में बांग्लादेशी नागरिकों सहित अन्य अवैध अप्रवासियों की पहचान एवं वैधानिक कार्रवाई सुनिश्चित करने “स्पेशल टास्क फोर्स (STF)” का गठन करने को कहा गया है। इन टास्क फोर्स की सहायता से न केवल ऐसे तत्वों की पहचान की जाएगी, बल्कि उन्हें राज्य से निष्कासित करने की प्रक्रिया भी अपनाई जाएगी।

राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में बड़ी संख्या में ठेकेदारों के माध्यम से बाहर से आए श्रमिक कार्यरत हैं। इनके दस्तावेजों की समुचित जांच एवं सत्यापन नहीं हो पाने के कारण यह आशंका प्रकट की जा रही है कि कई अवैध अप्रवासी भी इन्हीं माध्यमों से राज्य में निवास कर रहे हैं। इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि ऐसे श्रमिकों का ठेकेदारों के माध्यम से अनिवार्य रूप से सत्यापन कराया जाए। साथ ही फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से पहचान पत्र प्राप्त करने वालों की पहचान कर उनके विरुद्ध विधिसम्मत सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अतिरिक्त, राशन कार्ड, आधार कार्ड, मतदाता परिचय पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड आदि दस्तावेजों का त्वरित सत्यापन कराना भी अनिवार्य किया गया है।

जिला स्तर पर संबंधित अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर नियमित रूप से इस संबंध में समीक्षा भी की जाएगी। पत्र के माध्यम से सभी पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने-अपने जिलों में आवश्यकतानुसार विशेष अभियान चलाकर कानून सम्मत, वैज्ञानिक एवं प्रभावी तरीकों से अवैध अप्रवासियों की पहचान सुनिश्चित करें तथा भारत सरकार एवं पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी निर्देशों का अक्षरशः पालन करते हुए की गई कार्रवाई की जानकारी समय-समय पर पुलिस मुख्यालय को प्रेषित करें।

उपमुख्यमंत्री अरुण साव के निरीक्षण में मिली लापरवाही, कुम्हारी नगर पालिका CMO पर गिरी निलंबन की गाज, आदेश जारी

दुर्ग- छत्तीसगढ़ में सुशासन तिहार के दौरान प्रशासनिक निगरानी तेज हो गई है। इसी कड़ी में उपमुख्यमंत्री अरुण साव के 9 मई को कुम्हारी नगर पालिका कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उपमुख्यमंत्री को कार्यालय में अपूर्ण दस्तावेज, रिकॉर्ड संधारण में गड़बड़ी, और कार्यों में गंभीर लापरवाही देखने को मिली। जिसके बाद अब कार्य में लापरवाही के चलते कुम्हारी के मुख्य नगर पालिका अधिकारी (CMO) नेतराम चंद्राकर को निलंबित कर दिया गया है।

बता दें कि निरीक्षण के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना और अमृत मिशन के अंतर्गत चल रहे कार्यों की धीमी प्रगति उपमुख्यमंत्री साव ने स्पष्ट असंतोष जताया था। साथ ही, सुशासन तिहार में आवेदनों के निराकरण की धीमी रफ्तार पर भी कड़ी नाराजगी व्यक्त की गई। निरीक्षण के दौरान निगम कार्यालय में कई अधिकारी और कर्मचारी अनुपस्थित मिले, जिसके चलते उपमुख्यमंत्री ने उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश भी दिए थे।

उपमुख्यमंत्री की फटकार के बावजूद नेतराम चंद्राकर की जवाबदेही में कमी पाई गई और उनकी भाषा शैली को भी अशोभनीय माना गया। इन्हीं सब कारणों को आधार बनाकर नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने उन्हें छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के तहत गंभीर कदाचार का दोषी मानते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

देखें आदेश –

नेशनल लोक अदालत : 17 हजार से अधिक मामलों का हुआ निराकरण

मुंगेली- न्यायिक इतिहास में एक और सुनहरा अध्याय जुड़ गया जब वर्ष 2025 की द्वितीय नेशनल लोक अदालत का आयोजन जिलेभर में सफलता के साथ संपन्न हुआ। जिला न्यायालय, तहसील न्यायालय और राजस्व न्यायालयों में संयुक्त रूप से आयोजित इस विशेष लोक अदालत में न्याय के द्वार आमजन के लिए सहज और सुलभ बने। परिवार न्यायालय में आपसी सहमति से मामले का निपटारा कर एक परिवार को टूटने से बचाया गया। वहीं पति की सड़क दुर्घटना में मौत मामले में पत्नी को 5 साल बाद मुआवजा मिला।

सुबह 10:45 बजे जिला न्यायालय मुंगेली में गिरिजा देवी मेरावी, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने दीप प्रज्वलन कर नेशनल लोक अदालत का विधिवत शुभारंभ किया, जिसमें कुल 17,371 मामलों का समाधान हुआ। 51 लाख से अधिक की राशि पर सहमति इस एक दिवसीय आयोजन में कुल 21,655 प्रकरणों को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया, जिनमें से 17,371 प्रकरणों का आपसी सहमति एवं समझौते के आधार पर समाधान किया गया। इस दौरान 51,13,673 रुपए की अवार्ड राशि तय की गई, जिससे आम नागरिकों को त्वरित और सुलभ न्याय की अनुभूति हुई।

नेशनल लोक अदालत में न्यायालय में लंबित 1,832 प्रकरणों में से 1,438 मामलों का निपटारा किया गया, जिनमें 50,45,772 रुपये की राशि का अवार्ड पारित किया गया। वहीं प्री-लिटिगेशन यानी मुकदमा दायर होने से पहले सुलझाए गए 15,933 मामलों में 67,931 रुपये की राशि का समझौता हुआ। जिला न्यायालय में 6, तहसील न्यायालय लोरमी में 1 और राजस्व न्यायालय में 8 खंडपीठ गठित कर कार्यवाही संचालित की गई।

परिवार न्यायालय में पति-पत्नी के बीच हुई सुलह

नेशनल लोक अदालत का एक संवेदनशील पहलू उस वक्त सामने आया जब न्यायाधीश राजीव कुमार की पीठ ने एक दांपत्य विवाद में पति-पत्नी के बीच सुलह करवाई। काउंसलिंग के माध्यम से दोनों पक्षों को साथ रहने की समझाइश दी गई और आपसी सहमति से मामले का निपटारा कर एक परिवार को टूटने से बचा लिया गया।

5 साल बाद महिला को मिला न्याय

लोक अदालत के दौरान एक भावनात्मक क्षण तब आया जब संगीता सिंह क्षत्रिय नामक महिला को उनके पति की सड़क दुर्घटना से जुड़े 5 साल पुराने मुआवजा मामले में राहत मिली। वर्षों से न्यायालय के चक्कर काट रही संगीता ने आज चैन की सांस ली। मामले का निपटारा स्वयं जिला एवं सत्र न्यायाधीश गिरिजा देवी मेरावी ने कराया और फलदार पौधा भेंट कर संगीता को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। नेशनल लोक अदालत ने यह सिद्ध कर दिया कि न्याय केवल कठोर कानूनी प्रक्रिया नहीं, बल्कि संवाद, समझौता और सद्भाव से भी हासिल किया जा सकता है।

पुराने PHQ कार्यालय के सामने चाकूबाजी, एक जवान ने दूसरे को मारा चाकू

रायपुर- राजधानी के सिविल लाइन स्थित पुराने PHQ में शनिवार शाम ऑफिस में चाकूबाजी की घटना हो गई. 2 जवानों के बीच कैंप में शुरू हुआ मामूली विवाद इतना बढ़ा कि एक जवान ने दूसरे जवान को चाकू मार दी. घटना के बाद घायल जवान को तत्काल उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं सूचना पर पहुंची सिविल लाइन पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच शुरु कर दी है.

जानकारी के मुताबिक, घायल CRPF जवान का नाम सोहनलाल देवांगन और आरोपी कपूर प्रमोद CRPF 65वीं बटालियन में पदस्थ हैं. आज आरोपी ने मामूली विवाद को लेकर चाकू से जानलेवा हमला कर दिया. इस घटना से सोहनलाल गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसका अस्पताल में उपचार जारी है.

राजभवन में आयोजित हुई सर्वधर्म सभा, राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री हुए शामिल

रायपुर-   वर्तमान में चल रहे तनावपूर्ण परिस्थिति में सभी धर्मो, समाजों एवं सम्प्रदायों के बीच शांति, सौहार्द एवं एकजुटता के उद्देश्य से आज राजभवन के दरबार हॉल में राज्यपाल रमेन डेका की अध्यक्षता में सर्वधर्म सभा आयोजित की गई। सभा में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर राज्यपाल श्री डेका ने अपने उद्बोधन में कहा कि वर्तमान तनावपूर्ण स्थिति केवल सीमाओं पर युद्ध की चुनौती नहीं है बल्कि यह हमारे समाज की एकजुटता, हमारी संस्कृति की सहिष्णुता और हमारे नागरिकों की जागरूकता की परीक्षा भी है। हमारी यह जिम्मेदारी बनती है कि हम समाज में संयम, शांति और सद्भाव को बनाए रखें।

उन्होंने कहा कि जब हमारा राष्ट्र संघर्ष से गुजर रहा हो तो केवल सीमाओं पर तैनात हमारे सैनिक ही नहीं बल्कि देश के हर नागरिक की चेतना, एकता और संकल्प ही राष्ट्र की सबसे बड़ी शक्ति है। श्री डेका ने कहा कि सदियों से भारत एक ऐसा देश रहा है जिसने विविधताओं को अपनाया है। जहां पूजा की विधियां भले ही भिन्न हो पर मानवता की मूल भावना सभी में एक समान है। जब-जब देश पर संकट आया है हर धर्म, हर जाति, हर वर्ग के लोग कंधे से कंधे मिलाकर खड़े हुए हैं। वर्ष 1965 और 1971 के युद्ध हो या 1999 का कारगिल का संघर्ष हर बार हमारे देश ने यह सिद्ध किया है कि हम किसी धर्म, सम्प्रदाय या भाषा के नाम पर विभाजित नही हो सकते। देश में हिंदू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई, जैन, बौद्ध और अन्य सभी धर्मो के लोग मिलजुल कर रहते है। छत्तीसगढ़ भी इस सांस्कृतिक समन्वय का जीवंत उदाहरण है।

श्री डेका ने छत्तीसगढ़ की जनता से अपील की कि वे एकजुट रहे शांति और सौहार्द बनाएं रखें। अभी यह सोचना है कि देश व समाज को क्या दे सकते है। हमें एकजुट होकर देश के लिए खड़ा होना है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने सम्बोधन में कहा कि भारत देश सत्य, अहिंसा और शांति का पुजारी है। आज के इस बैठक में सभी धर्म के प्रतिनिधियों ने एकता का संकल्प दोहराया है। इस घड़ी में हम सभी को यह दिखाना है कि हम एकजुट है और देश के सैनिकों के अदम्य साहस को हम प्रणाम करते है। हमारी सेना के जवानों ने आंतकियों को मुंह तोड़ जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में हमें बहुत सचेत रहने की जरूरत है। ऐसे समय में असामाजिक तत्व भी लाभ उठाने का प्रयास करते है। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया में आ रही भ्रामक सूचनाओं से भी जनमानस को सतर्क रहने कहा।

सभा में विभिन्न धार्मिैक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए देश की एकता और अखंडता पर जोर दिया। शांति एवं सद्भाव बनाएं रखने के लिए एक-दूसरे के धर्म का सम्मान करने तथा शासन एवं प्रशासन के हर निर्देशों का पालन करने की बात कही।

सर्वधर्म सभा में जैन समाज के चंद्रेश शाह, शदाणी दरबार के युधिष्ठिर महाराज, ब्रम्हाकुमारी शांति सरोवर की सविता बहन, सिक्ख समाज के सरदार अमरिक सिंह, बोहरा समाज के फिरोज गांधी, ब्राम्हण समाज के दीवाकर तिवारी, बौद्ध समाज के भंते डॉ. जीवक, रामकृष्ण मिशन के किशोर महाराज, भारत सेवा संघ के स्वामी शिवरूपानंद जी महाराज, बिशप डायोसिस ऑफ छत्तीसगढ़ की सुषमा कुमार, गायत्री परिवार के दिलीप पाणिग्राही, मुतवल्ली जामा मस्जिद के अब्दुल फहिम और कालीबाड़ी बंगाली समाज के रंजन बनर्जी ने अपने विचार व्यक्त किए। पहलगाम आंतकी हमले और युद्ध में अपनी जान गंवाने वाले नागरिको की आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन धारण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।

इस अवसर पर अनुसूचित जाति एवं जनजाति विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा, राज्यपाल के सचिव डॉ. सी. आर प्रसन्ना, संयुक्त सचिव निधि साहू, कलेक्टर रायपुर डॉ. गौरव कुमार सिंह तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं राजभवन के सभी अधिकारी-कर्मचारी सहित विभिन्न धर्मो, सम्प्रदायों के प्रबुद्धजन उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने देश के पहले हाइड्रोजन फ्यूल ट्रक को दिखाई हरी झंडी

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी स्थित अपने निवास परिसर से देश के पहले हाइड्रोजन फ्यूल लॉजिस्टिक ट्रक को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने अपने हस्ताक्षर कर हाइड्रोजन ट्रक के चालक को चाबी सौंपी और इस अभिनव पहल के लिए सीएसपीजीसीएल और अडानी नैचरल रिसोर्सेस को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि यह पहल छत्तीसगढ़ और देश को हरित ऊर्जा की ओर अग्रसर करने वाला क्रांतिकारी कदम होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ लगातार विकास कर रहा है और इसमें आज एक नया आयाम जुड़ा है। भारत के पहले हाइड्रोजन फ्यूलड लॉजिस्टिक ट्रक का शुभारंभ छत्तीसगढ़ में हो रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने पर विशेष फोकस है और उन्होंने वर्ष 2070 तक भारत को शून्य कार्बन उत्सर्जन वाला देश बनाने का जो संकल्प लिया है, उसे पाने की दिशा में यह पहल महत्वपूर्ण है। पर्यावरण संरक्षण और औद्योगिक विकास के बीच संतुलन साधने में भी यह कदम मददगार होगी। श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ खनिज संपदा समृद्ध प्रदेश है और इस ट्रक का उपयोग खनिज परिवहन में होने से कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पारंपरिक संसाधनों के साथ-साथ ग्रीन टेक्नोलॉजी और नवाचार को भी प्राथमिकता दी जा रही है। श्री साय ने कहा कि विकास और पर्यावरण संरक्षण साथ-साथ संभव हैं और ऐसी पहल से हमारे संकल्प को और मजबूती मिलेगी।

इस मौके पर अडानी एंटरप्राइजेज के नैचरल रिसोर्सेस के सीईओ डॉ. विनय प्रकाश ने भी अपने विचार साझा किए और इस पहल को खनन क्षेत्र में सतत विकास के लिए मील का पत्थर बताया। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ राज्य बीज विकास निगम के अध्यक्ष चंद्रहास चंद्राकर, छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड के प्रबंध संचालक संजीव कटियार और अडानी ग्रुप के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

हाइड्रोजन ईंधन के उपयोग से ग्रीन एनर्जी को मिलेगा बढ़ावा

हाइड्रोजन प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला तत्व है और सबसे विशेष बात यह किसी भी प्रकार का हानिकारक उत्सर्जन नहीं करता है। हाइड्रोजन फ्यूल सेल से चलने वाले वाहन डीज़ल ट्रक जितनी दूरी और लोड उठाने की क्षमता रखते हैं। लेकिन धुएं के बजाए ये सिर्फ पानी की भांप और गर्म हवा उत्सर्जित करते हैं और आवाज़ भी बहुत कम करते हैं। चूंकि माइनिंग क्षेत्र में अधिकांश मशीनें मुख्य रूप से डीज़ल से ही चलती है, ऐसे में स्वच्छ ईंधनों को अपनाने से प्रदूषण और शोर को कम करने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही, यह कदम भारत की कच्चे तेल पर निर्भरता घटाने और कार्बन फुटप्रिंट कम करने में भी सहायक होगा। खास बात यह है कि अडानी नैचरल रिसोर्सेस एशिया की पहली कंपनी है, जिसने 'डोज़र पुश सेमी ऑटोनॉमस तकनीक को अपनाया है, जिससे सुरक्षा और स्थिरता, दोनों को बढ़ावा मिल रहा है।

गौरतलब है कि भारतीय एवं अंतर्राष्ट्रीय तकनीकी साझेदारी से यह ट्रक तैयार किया गया है और इसमें ईंधन के तौर पर हाइड्रोजन का उपयोग होगा। इसके अंतर्गत माल परिवहन के लिए हाइड्रोजन फ्यूल सेल बैटरी से चलने वाले ट्रक विकसित किया जा रहा है। प्रत्येक ट्रक स्मार्ट तकनीक और तीन हाइड्रोजन टैंक से लैस होगा, जिसमें 200 किलोमीटर की दूरी तक 40 टन तक का माल ले जाने की क्षमता होगी। प्रदेश में हरित भविष्य को सुरक्षित करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड और अदाणी नैचरल रिसोर्सेस ने यह साझा प्रयास किया है। छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड द्वारा रायगढ़ जिले के गारे पेल्मा-3 कोल ब्लॉक से राज्य की विद्युत उत्पादन इकाई तक कोयला परिवहन में इसका उपयोग किया जाएगा।

बोर्ड परीक्षा में खराब रिज्लट पर बड़ा एक्शन, डीईओ को हटाया गया, इन्हें सौंपी गयी जिम्मेदारी

रायपुर- छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा विभाग में एक बार फिर बड़ा फेरबदल हुआ है। शनिवार को जारी तबादला आदेश में दसवीं और बारहवीं बोर्ड परीक्षाओं में खराब प्रदर्शन को आधार बनाते हुए महासमुंद के प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) एम.आर. सावंत को पद से हटा दिया गया है। उन्हें अब जगदलपुर स्थित संभागीय संयुक्त संचालक कार्यालय में सहायक संचालक के पद पर पदस्थ किया गया है। एम.आर. सावंत की जगह अब प्राचार्य (ई-संवर्ग) विजय कुमार लहरे को महासमुंद का नया प्रभारी DEO नियुक्त किया गया है।

दसवीं और बारहवीं बोर्ड एक्जाम में खराब प्रदर्शन बनी वजह

बता दें कि बीते दिनों सीएम साय ने सभी डीईओ की मीटिंग ली थी, जहां पिछले साल के मुकाबले रिजल्ट खराब रहने वाले जिले के डीईओ से जवाब मांगा गया था। महासमुंद जिले की बात करें तो 2024 में दसवीं में 84.17 प्रतिशत और बारहवीं में 91.61 प्रतिशत था। जो इस बार 2025 के बोर्ड में घटकर और कम हो गया। दसवीं में 78.33 प्रतिशत और बारहवीं में 84.08 प्रतिशत परिणाम आया है। पिछले साल की तुलना में 6 से 7 प्रतिशत की कमी आई है।

एम.आर. सावंत और विजय कुमार लहरे के अलावा नवागढ़ (जिला जांजगीर-चांपा) में विकासखंड शिक्षा अधिकारी के रूप में कार्यरत भूपेन्द्र कुमार कौशिक को भी स्थानांतरित कर बिलासपुर संभाग के संयुक्त संचालक कार्यालय में सहायक संचालक के पद पर पदस्थ किया गया है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी कर दिए गए हैं।

देखें आदेश

केंद्र ने सभी राज्यों में जारी की गाइडलाइंस, CM साय बोले- प्रदेश हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार…

रायपुर- भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को गाइडलाइंस जारी करने और जरूरत पड़ने पर इमरजेंसी पॉवर इस्तेमाल करने का आदेश दिया है. इसे लेकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि केंद्र के निर्देश के अनुसार ही दुर्ग में मॉकड्रिल हुआ. आगे भई केंद्र सरकार से कुछ भी निर्देश मिलेंगे, उसका हम पालन करेंगे. प्रदेश हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है.

बता दें, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान और POJK स्थित कई आतंकी ठिकानों को तबाह किया था. इसके बाद से पाकिस्तान लगातार भारत के जम्मू, पंजाब, गुजरात और राजस्थान में ड्रोन और मिसाइलों से रिहायसी इलाकों समेत सैन्य इलाकों में हमला कर रहा है. बीती रात भी पाकिस्तान ने कई जगहों पर बमबारी की जिसमें जम्मू के एक प्रशासनिक अधिकारी और 3 लोगों की मौत हो गई. इसके अलावा लगातार सीमा पर पाकिस्तानी सैनिकों की जमाहट बढ़ती नजर आ रही है. ऐसे स्थिति में भारतीय सेना भी पाकिस्तानी हमलों को करारा जवाब दे रहा है.

भारत-पाकिस्तान के बीच लगातार बढ़ते तनाव को देखते हुए शुक्रवार को भारत सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नागरिक सुरक्षा नियम, 1968 (Civil Defence Rules) के तहत इमरजेंसी पॉवर इस्तेमाल करने के निर्देश दिए हैं.

जानिए इमरजेंसी पावर का इस्तेमाल कैसे किया जाता है:

  • नागरिक सुरक्षा नियम, 1968 की धारा 11 के तहत राज्यों को विशेष अधिकार प्राप्त हैं.
  • ये अधिकार युद्ध जैसी स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा, संपत्ति की रक्षा और महत्वपूर्ण सेवाओं को बनाए रखने के लिए होते हैं.
  • नागरिक सुरक्षा का अर्थ है – भारत में लोगों, संपत्तियों और स्थानों को शत्रुतापूर्ण हमलों या आपदाओं से बचाने के लिए उठाए गए कदम. प्रमुख बंदरगाहों की सुरक्षा.
  • ये उपाय युद्ध के दौरान नहीं, बल्कि हमले या आपदा के पहले, दौरान या बाद में भी लागू किए जा सकते हैं.
  • धारा 16A के अनुसार, केंद्र सरकार के आदेश राज्य सरकार के विरोधाभासी आदेशों पर प्रभावी होते हैं.
  • राज्य सरकारों को अधिकार है कि वे नागरिकों और संपत्तियों की रक्षा तथा जरूरी सेवाओं को जारी रखने के लिए त्वरित कार्रवाई करें.
  • इस दौरान नगर निगम खर्च वहन करता है.

नियम 1968 के तहत राज्य/केंद्र सरकारें निम्नलिखित कार्यों पर नियंत्रण रख सकती हैं:

  • रोशनी पर नियंत्रण (ब्लैकआउट)
  • छलावरण (कैमोफ्लाज)
  • लोगों की सुरक्षित निकासी
  • निकाले गए लोगों के लिए आवास की व्यवस्था
  • सैनिकों के लिए ठहरने की व्यवस्था (बिलेटिंग)
  • जल आपूर्ति को बनाए रखना.


काम में लापरवाही, डीईओ ने 5 शिक्षकों को किया निलंबित

जगदलपुर- काम में लापरवाही बरतने वाले 5 शिक्षकों पर जिला शिक्षा अधिकारी ने निलंबित कर दिया है. डीईओ ने 2 शिक्षकों को काम में लापरवाही तो 3 शिक्षकों शराब पीकर स्कूल आने पर यह कार्रवाई की है. लगातार शिकायत मिलने पर शिक्षक गौतम कुमार वर्मा, मोसू राम, राजकिशोर आचार्य, प्रेम नाथ कश्यप, दीपक कुमार इन पांचों पर निलंबन की कार्रवाई की गई है.