पाकिस्तान को मिला IMF से मिला लोन, भारत ने वोटिंग में नहीं लिया हिस्सा
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भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने पाकिस्तान को एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी (ईएफएफ) के तहत एक अरब अमेरिकी डॉलर का फंड तत्काल जारी कर दिया है। पाकिस्तान को कर्ज देने के लिए हुए मतदान में भारत ने हिस्सा नहीं लिया। हालांकि, भारत ने पाकिस्तान की पोल खोलने में कसर नहीं छोड़ी। भारत ने पाकिस्तान के खराब ट्रैक रिकार्ड हवाला देते हुए आईएमएफ फंड का दुरुपयोग राज्य प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद में किए जाने की आशंका जताई।
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ क्यों नहीं किया वोट?
पाकिस्तान के दो लोन प्रोग्राम को मंजूर करने के लिए 9 मई को वोटिंग हुई। वोटिंग में पाकिस्तान को दो ऋण कार्यक्रमों के तहत कुल $2.3 बिलियन की वित्तीय सहायता प्रदान करने पर हरी झंडी दे दी गई। इस दौरान भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ में वोट डालने की बजाए वोट ही नहीं डाला। सवाल उठ रहे हैं कि भारत ने ऐसा क्यों किया. अगर वह चाहता तो पाकिस्तान के खिलाफ वोट करके मौजूदा हालात में बदला तो ले ही सकता था लेकिन इसके बाद भी भारत वोटिंग से अलग रहा। दरअसल, भारत ने कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से अपनी चिंताओं को बताना ज्यादा पसंद किया।
भारत ने खोली पाकिस्तान के करतूतों की पोल
भारत ने बयान जारी करते हुए कहा है कि पाकिस्तान लंबे समय से आईएमएफ से कर्ज ले रहा है लेकिन आईएमएफ की शर्तों के पालन करने में उसका ट्रैक रिकॉर्ड बहुत खराब है। पिछले 35 सालों में 28 साल पाकिस्तान ने आईएमएफ से कर्ज लिया है। 2019 से पिछले पांच वर्षों में आईएमएफ के चार सहायता कार्यक्रम हुए हैं। अगर पिछली सहायता सफल होती तो पाकिस्तान को एक और बेल-आउट कार्यक्रम के लिए कर्ज लेने की जरूरत नहीं होती।
भारत ने कहा कि पाकिस्तान का रिकॉर्ड बताता है कि या तो आईएमएफ के कार्यक्रम ठीक से नहीं बनाए गए या उनकी निगरानी ठीक से नहीं हुई या फिर पाकिस्तान ने उन्हें ठीक से लागू नहीं किया। भारत ने यह भी कहा कि पाकिस्तानी सेना आर्थिक मामलों में हस्ताक्षेप करती है। इससे नीतिगत चूक और सुधारों के उलट होने का जोखिम बढ़ गया है। वहां भले ही अभी आम नागरिकों की सरकार है लेकिन पाकिस्तानी सेना घरेलू राजनीति में बड़ी भूमिका निभाती है और अर्थव्यवस्था में भी दखल रखती है।2021 की संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में सेना से जुड़े व्यवसायों को "पाकिस्तान में सबसे बड़ा समूह" बताया गया था। हालात सुधरे नहीं हैं बल्कि पाकिस्तानी सेना अब स्पेशल इन्वेस्टमेंट फैसिलिटेशन काउंसिल की भूमिका निभा रही है।
‘आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों को इनाम देना गलत’
भारत ने आईएमएफ संसाधनों के दीर्घकालिक उपयोग के मूल्यांकन पर आईएमएफ रिपोर्ट का हवाला दिया। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान को कर्ज देने में राजनीतिक बातों का ध्यान रखा जाता है। बार-बार कर्ज लेने से पाकिस्तान पर कर्ज का बोझ बहुत बढ़ गया है। भारत ने कहा कि सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों को इनाम देना गलत है। इससे दुनिया में गलत संदेश जाएगा और फंडिंग करने वाली एजेंसियों और दानदाताओं की छवि खराब होगी।
भारत ने जताई पैसे का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए किए जाने आशंका
भारत ने कहा कि आईएमएफ जैसे अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से आने वाले पैसे का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए किया जा सकता है। कई देशों ने इस पर चिंता जताई है। आईएमएफ के नियम और प्रक्रियाएं ऐसी हैं कि वह कुछ नहीं कर सकता। भारत ने कहा कि यह एक गंभीर समस्या है। वैश्विक वित्तीय संस्थानों को अपनी प्रक्रियाओं में नैतिक मूल्यों को भी शामिल करना चाहिए। आईएमएफ ने भारत के बयान और मतदान से दूर पर ध्यान दिया है।
11 hours ago