विकास प्राधिकरणों में भवन मानचित्रों के लंबित मामलों का एकमुश्त समाधान हो: योगी
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-- मुख्यमंत्री ने कानपुर, आगरा और लखनऊ मेट्रो परियोजनाओं को निर्धारित समय सीमा में पूर्ण करने के दिए निर्देश
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को आवास एवं शहरी नियोजन विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में शहरी विकास से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं और योजनाओं की प्रगति का आकलन करते हुए उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि विकास प्राधिकरणों में लंबित भवन मानचित्रों के मामलों का त्वरित निस्तारण किया जाए। उन्होंने दो टूक कहा कि बार-बार आपत्तियां लगाने की प्रवृत्ति अनुचित है और एक ही बार में मामलों का निष्पक्ष समाधान किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि नगरों की जीआईएस आधारित मास्टर प्लान को मई माह के अंत तक अनिवार्य रूप से अनुमोदित करा लिया जाए। अब तक 59 नगरों में से 42 की महायोजनाएं अनुमोदित हो चुकी हैं, जबकि शेष 4 नगरों- झांसी, मैनपुरी, फर्रुखाबाद-फतेहगढ़ एवं बहराइच- की प्रक्रिया को भी इसी माह में पूरा करने के निर्देश दिए गए।
बैठक में मेट्रो परियोजनाओं की स्थिति पर जानकारी दी गई कि कानपुर मेट्रो के मोतीझील से सेंट्रल स्टेशन तक 6.7 किमी अंडरग्राउंड सेक्शन का कार्य पूर्ण हो गया है। दोनों कॉरीडोर 2025 के अंत तक पूर्ण हो जाएंगे। इसी प्रकार आगरा मेट्रो का पहला कॉरिडोर दिसंबर 2025 और दूसरा 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है। लखनऊ मेट्रो के चारबाग से बसंतकुंज तक का कार्य (11.165 किमी) भी तेजी से जारी है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने लखनऊ विकास प्राधिकरण की सीमा विस्तार की आवश्यकता पर बल दिया और जेपीएनआईएसी को शीघ्र एलडीए को हस्तांतरित करने का निर्देश भी दिया।
बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि मुख्यमंत्री शहरी विस्तार योजना के तहत झांसी, बरेली, अलीगढ़, सहारनपुर, आगरा, कानपुर, मथुरा, मुरादाबाद, बुलंदशहर, गाज़ियाबाद, मेरठ और लखनऊ में जून से दिसंबर 2025 के बीच चरणबद्ध रूप से योजनाएं लॉन्च की जाएंगी।
900 करोड़ की लागत से विकसित हो रहे 32.50 एकड़ में फैले इंटरनेशनल एक्जीबिशन-कम-कन्वेंशन सेंटर की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने इसे अधिकतम दो वर्षों में पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा, यह केंद्र “नए लखनऊ की वैश्विक पहचान” बनेगा।
-- नीतिगत बदलाव और पारदर्शी शहरी प्रशासन पर बल
मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि: भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2025 पर जनसामान्य से सुझाव लेकर अंतिम रूप दिया जाए। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग अधिनियम-2025, लैंड पूलिंग पॉलिसी-2025 और इंटीग्रेटेड टाउनशिप नीति को शीघ्र लागू किया जाए। पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल, प्रवासी श्रमिकों के लिए विशेष आवासीय योजनाएं, ग्रीन बिल्डिंग प्रमाणीकरण, सोलर रूफटॉप, रेनवॉटर हार्वेस्टिंग और अपशिष्ट प्रबंधन को अनिवार्य शहरी मानक बनाया जाए। यूपी आवास ऐप और रेरा पोर्टल को और अधिक सुगम व पारदर्शी बनाया जाए।
May 03 2025, 16:41