"राजस्व सुधार को मिली रफ्तार: सीएम ने दिया लैंड रिकॉर्ड डिजिटलीकरण में तेजी लाने का निर्देश"
- मुख्यमंत्री योगी ने की राजस्व विभाग की समीक्षा, कहा, तय समयसीमा में ही हो जनहित के मामलों का निस्तारण
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को राजस्व विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की और विभागीय कार्यप्रणाली में पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के स्पष्ट निर्देश दिए। उन्होंने दो प्रमुख विषयों—राजस्व वादों का समयबद्ध निस्तारण और भूमि अभिलेखों का डिजिटलीकरण—को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखते हुए कहा कि ये राज्य के विकास, जनविश्वास और निवेश के लिए अनिवार्य हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भूमि संबंधी विवादों का शीघ्र समाधान पारदर्शी और भ्रष्टाचार-मुक्त शासन की नींव रखता है। उन्होंने निर्देश दिया कि शहरी लैंड रिकॉर्ड को प्राथमिकता के आधार पर पोर्टल पर सार्वजनिक किया जाए और शेष भूमि अभिलेखों का डिजिटलीकरण जल्द से जल्द पूर्ण किया जाए।
मुख्यमंत्री ने राजस्व परिषद के पोर्टल को अधिक उपयोगकर्ता अनुकूल बनाने और आयुक्त से लेकर लेखपाल स्तर तक एकीकृत डैशबोर्ड विकसित करने के निर्देश दिए, जिससे विभागीय निगरानी को और सरल बनाया जा सके। साथ ही, लैंडयूज डेटा को खतौनी पर प्रदर्शित करने और धारा 80 के अंतर्गत भूमि उपयोग परिवर्तन प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने का भी आदेश दिया।
उन्होंने नामांतरण वादों की पूर्णतः ऑटोमेशन पर बल दिया, जिससे नागरिकों को त्वरित और सुगम न्याय मिल सके। चकबंदी प्रक्रिया में तकनीकी पारदर्शिता सुनिश्चित करने के साथ, मुख्यमंत्री ने सावधान किया कि इसकी जटिलता से सामाजिक तनाव उत्पन्न हो सकते हैं, अतः संवेदनशीलता के साथ निपटान किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अविवादित वरासत मामलों का निस्तारण अधिकतम 15 कार्यदिवसों में किया जाए और रियल टाइम खतौनी, आधार सीडिंग, किसान रजिस्ट्री और पैमाइश जैसे कार्यों को तय समय सीमा में पूर्ण किया जाए। इसके लिए अतिरिक्त मानव संसाधन की व्यवस्था सुनिश्चित करने का भी आदेश दिया।
बैठक में जानकारी दी गई कि पिछले वर्ष 36 लाख से अधिक प्रमाण पत्र जारी किए गए, जिनमें से 85% आवेदन सात दिन के भीतर ऑनलाइन निस्तारित हुए। मुख्यमंत्री ने इस प्रगति की सराहना करते हुए सेवा वितरण को और अधिक प्रभावी बनाने पर बल दिया।
प्राकृतिक आपदा राहत की बात करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि 2023-24 में 3.5 लाख से अधिक प्रभावित परिवारों को DBT के माध्यम से सहायता दी गई। साथ ही, मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के सभी लंबित मामलों को 10 कार्यदिवसों में निस्तारित करने के निर्देश भी दिए।
May 03 2025, 15:46